मनमर्जियाँ – S22
Manmarjiyan – S22
Manmarjiyan – S22
गुड्डू और शगुन में दोस्ती का रिश्ता फिर से पनपने लगा था। पिंकी ने जब गुड्डू के सामने औकात वाली बात कही तो उसे बहुत बुरा लगा लेकिन वही शगुन ने गुड्डू को ये अहसास दिलाया की इंसान की शक्ल सूरत कोई मेटर नहीं करती उसका मन अच्छा होना चाहिए। सीधा साधा गुड्डू शगुन की बातो को समझ नहीं पाया लेकिन ये समझ गया की उसे खुद को बदलने की जरूरत नहीं थी। देर रात दोनों सीढ़ियों पर बैठे बातें करते रहे। गुड्डू शगुन के साथ जितना सहज था उतना घर में किसी के साथ नहीं होता था। वह शगुन को अपने बारे में वह सारी बातें बढ़ा चढ़ाकर बता रहा था जिनके बारे में शगुन पहले से जानती थी। गुड्डू की बातें सुनते सुनते शगुन को नींद आने लगी और एकदम से उसका सर गुड्डू के कंधे से आ लगा। इस पल गुड्डू एक खूबसूरत अहसास से गुजर रहा था। आज से पहले कोई लड़की उसके इतना करीब तो बिल्कुल नहीं आ पाई थी। उसने हलके से गर्दन शगुन की और घुमाई और देखा वह सो चुकी थी , बेचारा गुड्डू उसे नींद से उठाता भी तो कैसे ? वह शगुन के चेहरे की देखता रहा , बारिश के बाद अब ठंडी हवाएं चलने लगी थी , हवा से शगुन के बाल आकर उसके गाल पर उड़ रहे थे , जिस से वह गुड्डू को और भी ज्यादा मासूम नजर आ रही थी। शगुन का सर गुड्डू के कंधे पर जिस साइड रखा था उसी हाथ में प्लास्टर बंधा था। गुड्डू ने अपने दूसरे हाथ से शगुन के गाल पर आये बालों को साइड करना चाहा पर रुक गया और मन ही मन कहा,”नहीं गुड्डू ऐसे परायी औरत को बिना उसकी इजाजत के छूना गलत है , दूसरा तरीका निकालो”
गुड्डू ने कुछ देर सोचा और फिर से गर्दन शगुन की और घुमाकर होंठो से उसके गाल पर हवा मारी , बाल साइड हो गए कुछ रह गए उन्हें भी हटाने के लिए गुड्डू थोड़ा सा शगुन की तरफ झुका और जैसे ही हवा मारने वाला था शगुन की नींद खुल गयी और वह उठी जिसे से गुड्डू के होंठ उसके गाल से टकरा गए। ये दूसरी बार था जब ऐसा हुआ था। शगुन ने हैरानी से गुड्डू की तरफ देखा तो गुड्डू नजरे चुकारकर दूसरी ओर देखने लगा , उसका दिल तेजी से धड़क रहा था और उसे समझ नहीं आया की वह ऐसे नाजुक पल में क्या कहे ? थोड़ी हिम्मत करके उसने कहा,”वो हमने जान बुझकर नहीं किया गलती से,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए गुड्डू ने जैसे ही अपनी साइड में देखा शगुन वहा नहीं थी , वह जा चुकी थी। गुड्डू परेशान हो गया और खुद से ही कहने लगा,”जे का किया यार गुड्डू मतलब कुछो किया भी नहीं और अब उनको लगेगा की जान बुझ के किये हो सब ,, अबे सो रही थी कांधे पर तो बोलकर उठा सकते थे ना पर नहीं तुमको तो शाहरुख खान बनना है , हो गयी ना गड़बड़,,,,,,,,,,,,,,,,,,सोचे थे जिंदगी में पहला किस अपनी बीवी को करेंगे पर जे का करवा दिए महादेव हमहू से,,,,,,,,,,,,माफ़ कर देना महादेव गलती से हो गवा हमहू गलत नियत से कुछो ना किये थे और सुबह शगुन से भी सॉरी बोल देंगे”
गुड्डू कुछ देर वही बैठा रहा बार बार उसकी आँखों के सामने कुछ देर पहले के पल आ रहे थे। गुड्डू उठा और अपने कमरे की और चला आया। रात भर वह करवटे बदलता रहा उसे नींद नहीं आयी। सुबह के 3 जाकर उसकी आंख लगी और वह सो गया।
सुबह शगुन जल्दी उठकर तैयार हो गयी आज वह बहुत खुश थी और इसकी दो वजह थी एक गुड्डू का उसके करीब आना और दुसरा वह बनारस जा रही थी। डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए शगुन ने बनारस को चुना था। गोलू सुबह सुबह ही मिश्रा जी के घर चला आया शगुन को लेने। शगुन तैयार थी उसने कुछ कपडे और सामान भी रख लिया। दोनों ने मिश्रा जी से इजाजत ली तो मिश्रा जी ने गोलू से कहा,”ध्यान से जाना गोलू और हाँ शगुन का ख्याल रखना , तुम्हारी जिम्मेदारी पर भेज रहे है इसे और जल्दी इस काम को खत्म करके वापस चले आना”
“चिंता ना करो चाचा हमहू ध्यान रखेंगे और फिर भाभी का तो पीहर है बनारस किसी बात की टेंसन ही नहीं है”,गोलू ने कहा
मिश्रा जी ने हामी भरी और फिर वहा से चले गये। गोलू ने शगुन की तरफ देखा और कहा,”चले भाभी ?”
“गोलू जी जाने से पहले एक बार उनसे मिल लू”,शगुन ने कहा , शगुन की आँखों में गुड्डू के लिए प्यार और परवाह देखकर गोलू ने मुस्कुराते हुए कहा,”जाओ मिल ल्यो”
शगुन गुड्डू के कमरे में आयी लेकिन ये क्या गुड्डू तो घोड़े बेचकर सो रहा था। गुड्डू को गहरी नींद में सोया देखकर शगुन रुक गयी उसने गुड्डू को नहीं उठाया। रात वाला सीन उसकी आँखों के सामने घूमने लगा। कैसे उसे किस करने के बाद गुड्डू उस से नजरे चुरा रहा था सोचकर शगुन मुस्कुरा उठी। शगुन जब बाहर नहीं आयी तो गोलू भी गुड्डू के कमरे में चला आया। देखा गुड्डू सो रहा है और शगुन बस खड़े खड़े उसे देख रही है , गोलू ने कहा,”अरे उठाओ इनको”
“शशशशश गोलू जी धीरे वो सो रहे है , उन्हें सोने दीजिये मुझे उन्हें देखना था मैंने देख लिया अब चलते है”,शगुन ने धीमी आवाज में कहा
“पक्का ?”,गोलू ने पूछा
“हाँ पक्का अब चले वरना देर हो जाएगी”,शगुन ने गोलू का हाथ पकड़कर उसे बाहर लाते हुए कहा !
शगुन और गोलू वहा से चले गए। गुड्डू देर से सोकर उठा उठते ही उसे फिर वो रात वाली बात याद आ गयी। शगुन के समाने कैसे जाएगा सोचकर ही उसने मिश्राइन को आवाज लगाई,”अम्मा , अम्मा”
मिश्राइन आयी और कहा,”का रे गुड्डू रात में सोये नहीं थे का जो आज इतना देर से उठे ?”
“अरे अम्मा नींद नहीं आयी थी , चाय पीला दो हम मुंह धोकर आते है”,गुड्डू ने उठते हुए कहा। धीरे धीरे चलकर वह वाशबेसिन की तरफ आया चोर नजरो से घर के हर कोने को देख रहा था पर शगुन उसको दिखाई नहीं दी। अम्मा आंगन में बैठी थी , वेदी हॉल में सोफे पर बैठी टीवी देख रही थी , मिश्राइन किचन में थी मिश्रा जी शोरूम जा चुके थे। सब थे पर शगुन नहीं थी। गुड्डू मुंह धोकर आँगन में ही चला आया और वहा पड़ी कुर्सी पर बैठ गया। एक बार फिर उसने नजरे पुरे घर में घुमा दी पर शगुन कही नजर नहीं आई। मिश्राइन आकर गुड्डू को चाय देकर चली गई। गुड्डू चाय पीने लगा तो सामने बैठी अम्मा ने कहा,”अब कैसे हो गुड्डू ?”
“अच्छे खासे है तुम्हाये सामने ही तो बइठे है बूढ़ा”,गुड्डू ने कहा
“बस महादेव अच्छा ही रखे तुमको , जे बताओ रात में सीढ़ियों पर बइठे का कर रहे थे ? कोनो चुड़ैल वुडैल आकर चिपट जाती तुम्हाये से तो का करते ?”,अम्मा ने कहा तो गुड्डू के हाथ एकदम से रुक गए और उसने कहा,”तुमहू कब देखी ?”
“अरे रात में जाने को उठे थे देखा तुमहू अकेले में बैठकर ना जाने का बड़बड़ा रहे थे , हम वापस चले आये”,अम्मा ने कहा
“अच्छा हुआ शगुन को मेरे साथ नहीं देखा वरना अब तक तो पिताजी पेल दिए होते हमे”,गुड्डू मन ही मन सोचने लगा और फिर उठकर वेदी के पास चला आया। गुड्डू ने वेदी के हाथ से रिमोट लिया और चैनल चेंज करते हुए कहा,”का जे सुबह शाम सीरियल देखती रहती हो ?”
“गुड्डू भैया रिमोट दीजिये ना”,कहते हुए वेदी ने रिमोट छिना और अपना चैनल लगा लिया , वेदी के साथ गुड्डू भी सीरियल देखने लगा , कुछ ही देर बाद उसमे सेम वैसा ही सीन आया जैसा बीती रात गुड्डू के साथ घटा था , सीरियल वाले लड़के की जगह गुड्डू को खुद की शक्ल नजर आ रही थी और शगुन की जगह अपनी। अब तो गुड्डू के दिल की धड़कने बढ़ गयी उसने रिमोट लेकर टीवी बंद किया।
“गुड्डू भैया देखने दीजिये ना”,वेदी ने कहा तो गुड्डू ने उसकी और पलटते हुए कहा,”पहिले हमायी बात का जवाब दो”
“का पूछो ?”,वेदी ने कहा जिसे अपना सीरियल देखने की जल्दी थी
“उह कहा है ?”,गुड्डू ने धीरे से कहा
“कौन ?”,वेदी ने हैरानी से पूछा
“अरे उह जो हमाये घर में रहती है ?”,गुड्डू ने इधर उधर देखते हुए कहा
“अरे कौन ?”,वेदी को समझ नहीं आया
“अरे उह पिताजी की दोस्त हमारा दोस्त की बिटिया , उह कहा है सुबह से नजर नहीं आ रही है ?”,गुड्डू ने कहा
“ओह्ह तो भाभी के बारे में पूछ रहे है , मुझे सीरियल नहीं देखने दिया ना अभी मजा चखाती हूँ”,मन ही मन सोचकर वेदी ने झूठ मुठ की कहानी शुरू कर दी,”अच्छा शगुन , वो तो चली गयी कल रात से ही बहुत परेशान थी ,, मुझे कुछ बताना भी चाहती थी लेकिन बता नहीं पायी बेचारी,,,,,,,,,,,,,,,,,बोल रही थी पिताजी से ही कहेगी जो कहना है”
गुड्डू ने जैसे ही पिताजी का नाम सूना उसकी तो जान हलक में आ गयी और मन ही मन सोचने लगा,”जे का कांड हो गया फिर से ? उसने पिताजी को सब बता दिया तो हमायी खैर नहीं हम तो खुद को सही साबित भी नहीं कर पाएंगे क्योकि बूढ़ा ने भी रात में हमे बाहर देखा था ,, तेरी तो लंका लग गयी गुड्डू अच्छे से सुताई होने वाली है तुम्हायी इस बार”
“का हुआ गुड्डू भैया आप तो ऐसे डर रहे हो जैसे आपने ही कुछ गड़बड़ ?”,वेदी ने गुड्डू को ऐसे ही डराने के लिए बोल दिया
“छी छी हम का करेंगे , हमहू कुछो नहीं किये है हम तो कल शाम से उनसे मिले ही नहीं है”,गुड्डू ने हड़बड़ाते हुए कहा
“अच्छा तो फिर इतना पसीना काहे आ रहा है आपको ?”,वेदी ने कहा
“गर्मी बहुत है ना हम ना जाते है , तुमहू देखो सीरियल”,कहते हुए गुड्डू रिमोट वेदी की और बढ़ाकर वहा से चला गया। रिमोट लेकर टीवी चालू करते हुए कहा,”बड़े आये हमसे रिमोट छीनने वाले”
वेदी ने तो वो सब झूठ कहाँ था लेकिन गुड्डू की हालत इस वक्त खराब थी वह तो बस मन ही मन प्रार्थना कर रहा था की शगुन किसी को कुछ ना बताये।
बनारस , उत्तर-प्रदेश
कॉलेज फिर शुरू हो चुके थे। पारस और सोनिया का रिश्ता तो नहीं हुआ लेकिन महादेव ने उन दोनों की किस्मत में क्या लिखा था ये तो अब वही जानते थे। तैयार होकर पारस कॉलेज के लिए निकल गया। कॉलेज में सभी पारस की बहुत रेस्पेक्ट करते थे। पारस अपने केबिन में चला आया और पुराने डाटा चेक करने लगा। कुछ देर बाद चपरासी ने आकर कहा,”पारस सर आपको प्रिंसिपल सर ने बुलाया है”
“ठीक है आप चलिए मैं आता हूँ”,पारस ने कहा
उसने कुछ प्रिंट आउट्स निकाले और उन्हें लेकर प्रिंसिपल के रूम की और चल पड़ा चलते हुए पारस उन पेपर्स को सही से जमा रहा था की उसने ध्यान नहीं दिया और सामने से आती लड़की से टकरा गया उसने हाथ में पकडे सारे पेपर्स नीचे जा गिरे पारस नीचे बैठकर उन पेपर्स को उठाने लगा। लड़की भी उसकी हेल्प करने लगी। पेपर उठाते हुए जैसे ही पारस ने सामने देखा हैरान रह गया सामने सोनिया थी।
“अरे आप यहाँ ?”,पारस ने उठते हुए कहा
“दुनिया बहुत छोटी है पारस जी , सोचा नहीं था आपसे इतनी जल्दी मुलाकात होगी”,सोनिया मुस्कुराते हुए कहा
“मैंने भी , वैसे आप यहाँ घूमने तो नहीं आयी होंगी ?”,पारस ने अंदाजा लगाने की कोशिश की
“जी हां मैं यहाँ घूमने बिल्कुल नहीं आयी हूँ”,सोनिया ने कहा
पारस उस से आगे बात कर पाता इस से पहले ही चपरासी ने आकर कहा,”पारस सर प्रिंसिपल साहब बुला रहे है”
“मैं आपसे बाद में मिलता हूँ अभी जाना पडेगा अर्जेन्ट है”,पारस ने कहा
“जी बिल्कुल”,सोनिया ने कहा और वहा से आगे बढ़ गयी। पारस प्रिंसिपल सर से मिला उन्हें पेपर्स दिए और उसके बाद वहा से चला आया। बाहर आकर इधर उधर देखा लेकिन सोनिया नजर नहीं आयी। पारस वापस अपने रूम में चला आया और काम करने लगा। उसी कमरे में 3 लोग और काम करते थे जिनका सिस्टम और टेबल अलग अलग था। पारस के आते ही वहा काम कर रहे मोहन जी ने कहा,”अरे पारस जी सूना है इस साल कॉलेज में नए लेक्चरर आये है , मिले आप उनसे ?”
“नहीं मोहन जी मैं नहीं मिला , ना मुझे इसकी जानकारी है”,पारस ने आकर अपनी कुर्सी पर बैठते हुए कहा
“अरे ऐसे कैसे पारस जी आप फाइनेंस डिपार्टमेंट में है , सबका डाटा आपके पास रहता है जरा चेक कीजिये”,मोहन जी ने दिलचस्पी दिखाते हुए कहा
“अगर पारस सर पारस ना बताये तो हमसे पूछिए हम सब खबर रखते है”,चायवाले लड़के ने मोहन जी की टेबल पर चाय का ग्लास रखते हुए कहा। मोहन जी के साथ वाली टेबल पर बैठे शर्मा जी ने कहा,”अरे फिर बताओ का शुभ मुहूर्त का इंतजार कर रहे हो ?”
“तीन मेल लेक्चरार है और एक फीमेल नाम तो नहीं पता पर है बहुते खूबसूरत”,चायवाले ने शर्मा जी की टेबल पर ग्लास रखते हुए कहा
रूम में बैठने वाला चौथा आदमी अभी तक आया नहीं था। पारस लड़के की बात पर फीका सा मुस्कुराया और काम करने लगा। मोहन जी और शर्मा जी चटखारे लेकर लड़के की बाते सुनने लगे। चाय रखने के कुछ देर बाद लड़का वहा से चला गया। मोहन जी और शर्मा जी भी चाय पीकर अपना काम करने लगे कुछ देर बाद ही उनके कानो में एक प्यारी सी आवाज पड़ी,”क्या मैं अंदर आ जाऊ ?”
शर्मा जी और मोहन जी ने देखा तो आँखे चमक उठी , ये वही लड़की थी जिसके बारे में अभी कुछ देर पहले बात हो रही थी। मोहन जी ने कहा,”अरे आईये आईये बिल्कुल आईये”
लड़की को देखकर शर्मा जी अपने बाल सही करने लगे। लड़की आयी और मोहन जी से पूछा,”जी मुझे पारस शर्मा से मिलना है , कहा मिलेंगे ?”
सुनते ही मोहन जी और शर्मा जी के मन में उठ रहे बुलबुले एकदम से फुट गये। मोहन जी ने कुछ ही दूर अपने सिस्टम पर काम करते पारस की और इशारा कर दिया।
“थैंक्यू”,कहकर लड़की पारस की और बढ़ गयी। जैसे ही वह पारस के सामने आयी उसने चौंककर कहा,”अरे आप फिर यहाँ ?”
“लगता है आज किस्मत कुछ ज्यादा ही मेहरबान है , एक ही दिन में आपसे दो दो बार मुलाकात हो गयी”,सोनिया ने हँसते हुए कहा। पारस ने देखा हँसते हुए सोनिया और भी प्यारी लग रही थी। उसने सोनिया से बैठने को कहा। सोनिया पास पड़ी कुर्सी पर बैठ गयी और कहा,”वो प्रिंसिपल सर ने ये पेपर आपको देने को कहा है ?”
“आप यहाँ एडमिशन ले रही है ?”,पारस ने पेपर लेते हुए हैरानी से कहा तो सोनिया खिलखिला कर हंस पड़ी और कहा,”आपको मैं स्टूडेंट लगती हूँ , हाँ मानती हूँ मैंने खुद को अच्छा मेंटेन किया है लेकिन मैं यहाँ पढ़ने के इरादे से तो बिल्कुल नहीं आयी , मैं यहाँ पढाने आयी हूँ हिस्ट्री की नयी लेक्चरार”
पारस ने सूना तो एकदम से उसे शगुन का ख्याल आ गया , कुछ महीनो पहले तक शगुन यहाँ हिस्ट्री पढ़ाया करती थी। पारस ने स्टाफ से रिलेटेड फाइल खोली और उसमे से शगुन का नाम हटाकर वहा “सोनिया शर्मा” लिख दिया।
क्रमश – Manmarjiyan – S23
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संजना किरोड़ीवाल
Bahut hi khubsurat… ese hi paras ke dil me soniya ka name bhi aa jayega.. shagun ke badle
Very beautiful
nice part
Chalo… Paras ki bhi love story…. Chal nikli
Ab paras ko shagun k jagah soniya ka nam apni life m b likh lena chahiye, shagun kisi aur ki amanat hai y use samjhna chahiye or life m age badhna chahoye
Are guddu ka naya kand k bare m likhna to bhul hi gaye ab ayegi maza 😉😉 shagun se or mishra ji dono se dara dara phirega bechara guddu
कब पारस को शगुन की जगह सोनिया को देनी चाहिए, क्योंकि शगुन की शादी हो चुकी है…और शगुन भी गुड्डू के प्यार में पागल है…आज नहीं तो कल गुड्डू को सब याद आ जाएगा.।
hope paras or soniya ki chemistry bn jaye
Guddu or goli is line ko bilkul sarthak krte hh ki hmto karam krte hh kand to khud hi ho jate hh or ab to esii aadat hui ki khud pe hi shaq hota h ki karam hi kr re h na 😂😂😂 vedi ne tukka bhi kya shi bhidaya hh ki guddu ki halat tight ho gyii hh ….bichara guddu😂😂😂😂😂
Paras k sathiyo ki to gajab bezatti huii h ree… 😂😂😂 Paras or soniya ki love story bhi pdhne ko milegii 😍😍😍
Nice
Ab sayad inki bhi jodi bn jaye very nice n lovely part ❤
Ab paras ki life m sonia ki entry ho hi gyi h udhar guddu ko bhi shagun se dobara pyaar ho rha h
मैम ये अच्छा किया कि पारस की लाईफ में सोनिया को ले आयीं… अब तो सबकी जोड़ी बन गई हैं…शगुन बनारस आई हैं…लेकिन उसकी कमीं गुड्डू को बहुत बेचैन करनेवाली हैं फिलहाल😊 superb part👌👌👌👌👌
Nice
सच में आपने सब की जोड़िया बना ही दिया ये भी बन जाय Superb 💯💯💯💯💯💯💯💯💯💯👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰👍👍👍👍👍👍👍
😍😍😍love guddu and sagun
Nice part
Very nice pary…👌👌👌👌👌
Nice part mam
Superb part👌👌👌👌
Nice
Bhut khub achi ja rahi hai story kash humari bhi love story hoti