Main Teri Heer Season 5 – 40
Main Teri Heer Season 5 – 40

मुरारी का घर , बनारस
मुन्ना सुबह सुबह अपने कमरे में सो रहा था तभी उसका फोन बजा। मुन्ना ने साइड टेबल पर रखे फोन को उठाया और अधखुली आँखों से देखा स्क्रीन पर वंश का नाम देखकर मुन्ना ने फोन उठाया और कान से लगा के आँखे फिर मूंदकर कहा,”हाँ वंश”
“वो आखिर अपनेआप को समझती क्या है ?”,वंश ने चिढ़े हुए स्वर में कहा
“कौन और तुम किसकी बात कर रहे हो ?”,मुन्ना ने नींद भरे स्वर में कहा
“वो छिपकली और कौन,,,,,,,,,,तुम्हे पता है उसने क्या किया ?”,वंश ने रोआँसा होकर कहा
“हम्म्म बताओ हम सुन रहे है,,,,,,,,,!!”,मुन्ना आँखे मसलते हुए उठकर बिस्तर पर बैठ गया और वंश की बात सुनने लगा
वंश ने एक साँस में पूरी कहानी सूना दी , मुन्ना हामी भरते हुए सब सुनता रहा। पूरी बात बताकर वंश ने कहा,”मै इस लड़की को समझ नहीं पा रहा हूँ मुन्ना , अचानक से इसे मुझ पर इतना प्यार आएगा और अचनाक से मुझे ठरकी समझने लगेगी,,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना ने वंश की पूरी कहानी सुनी और समझ गया कि उसके और निशि के बीच बस कुछ गलतफहमियां है जिसकी वजह से दोनों एक दूसरे को समझ नहीं पा रहे , मुन्ना कुछ देर खामोश रहा और कहा,”पहले हमे एक बात बताओ क्या तुमने निशि के सामने कुछ ऐसा किया है जिस से वो अनकंफर्टेबल हुयी हो ?”
“मैं ऐसा कुछ क्यों करूंगा मुन्ना ? उसके ही दिमाग में पता नहीं क्या उलटा सीधा चलता रहता है,,,,,,,,,बस बहुत हो गया मैंने उसे बोल दिया कि वो थोड़ा टाइम ले और अच्छे से सोच ले कि उसे मेरे साथ रहना है या नहीं”,वंश ने कहा
“ये तुम क्या कर रहे हो वंश , इस से तुम दोनों के बीच गलतफहमियां और बढ़ जाएगी,,,,,,,,,!”,मुन्ना ने वंश को समझाते हुए कहा
“बढ़ती है तो बढ़ जाए मुन्ना लेकिन मैं अपने कैरेक्टर पर कुछ गलत नहीं सुन सकता , फिर चाहे वो निशि ही क्यों ना हो ?”,वंश ने गुस्से से कहा
“अच्छा ठीक है शांत हो जाओ,,,,,,,,,,ये बताओ बनारस कब आ रहे हो ? शादी में बस 3 हफ्ते बाकी है,,,,,,,,,,वैसे बड़ी माँ मुंबई आ रही है एक हफ्ता वही रहेंगी तुम उनके साथ ही बनारस क्यों नहीं आ जाते ?”,मुन्ना ने कहा
“इतनी जल्दी अभी तो मैंने शादी की शॉपिंग भी नहीं की है ,, मैं तुम्हारी शादी से 1 हफ्ते पहले आऊंगा”,वंश ने कहा
“वैसे तुम्हारी होने वाली भाभी ने कहा है कि वह अपनी शादी की शॉपिंग तुम सबके साथ मिलकर करना चाहती है बनारस से,,,,,,,,तो क्या हम गौरी को मना कर दे ? वैसे उसने कहा था कि वंश उसकी बात कभी नहीं टालेगा,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“अह्ह्ह मुन्ना एक सेकेण्ड , गौरी ने कहा है तो मैं आ जाऊंगा,,,,!!”,वंश ने कहा
“वाह बेटा ! गौरी ने बुलाया तो आओगे हमने कहा तो हमारी बात की कोई वेल्यू नहीं,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने वंश को ताना मारते हुए कहा
“तुम तो अब पराये हो जाओगे ना मुन्ना”,वंश ने कहा
“अच्छा और हम पराये कैसे हुए ? शादी करने के बाद क्या लोग पराये हो जाते है ?”,मुन्ना ने पूछा
“हाँ अब तुम्हारी शादी के बाद मैं तुम्हारे साथ बाइक पर चिपक कर नहीं बैठ पाऊंगा ना , वो जगह तो अब गौरी की हो जाएगी”,वंश ने कहा
मुन्ना को बीता वक्त याद आ गया जब वह वंश के साथ बाइक पर घुमा करता था। वो दिन कितने खूबसूरत थे पर अब वंश मुंबई में था और मुन्ना बनारस में दोनों मिलते भी तो ज्यादा वक्त साथ नहीं बिता पाते थे उस पर मुन्ना की जिंदगी में अब गौरी थी और वंश की जिंदगी में निशि , दोनों का वक्त बंट चुका था।
मुन्ना को खामोश देखकर वंश ने कहा,”अच्छा सड़ मैं एक हफ्ते पहले पक्का आ जाऊंगा,,,,,,,,,,,,!!”
“हम्म्म थेंक्स,,,,,,,,,अब सुनो ! निशि तुम्हे लेकर बस थोड़ा उलझन में है , तुम उसे पसंद करते हो , उस से प्यार करते हो तो फिर तुम उसे आई लव यू कह क्यों नहीं देते ? हो सकता है इसके बाद चीजे थोड़ी बेहतर हो जाये और निशि को तुम पर यकींन हो जाये”,मुन्ना ने कहा
“हरगिज नहीं ! अब तो पहले आई लव यू वही कहेगी,,,,,,,मुझे अब जाना होगा मैं तुमसे मुंबई जाकर बात करता हूँ,,,,,,,,एंड माँ को बताना मत मुझे उनके आने के बारे में पता है मैं उन्हें सरप्राइज दूंगा,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“ठीक है हम नहीं बताएँगे वैसे भी उन्हें एयरपोर्ट छोड़ने हम ही जा रहे है,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“ए मुन्ना,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“हाँ,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“माँ के साथ तुम भी आ जाओ ना , तुम्हारी बहुत याद आ रही है”,वंश ने उदास होकर कहा
मुन्ना ने सुना तो उसका मन भी भारी हो गया और उसने कहा,”हम नहीं आ सकते वंश , इस बार जब तुम बनारस आओगे तो तुम्हे देने के लिए हमारे पास बहुत बड़ा सरप्राइज है,,,,,,,,,,!!”
“फिर तो मुझे जल्दी बनारस आना पडेगा , बिकॉज आई लव सरप्राइज”,वंश ने हँसते हुए कहा
“हम इंतजार करेंगे,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा और फिर वंश को बाय बोलकर फोन काट दिया। वंश से बात करते हुए मुन्ना की नींद उड़ चुकी थी। वह उठा और बाथरूम की और चला गया। कुछ देर बाद मुन्ना अपना मुँह पोछते हुए बिस्तर की तरफ आया तो उसका फोन बजा। मुन्ना ने देखा इस बार गौरी का विडिओ कॉल था।
“गौरी हमे सुबह सुबह विडिओ कॉल क्यों कर रही है ?”,मुन्ना ने बिस्तर से अपना फोन उठाते हुए कहा और कॉल अटेंड किया लेकिन गौरी के चेहरे की बजाय उसे दिखी गौरी के सुंदर सुन्दर पैर जिनमे उसने हील पहन रखी थी।
मुन्ना हैरानी से देखने लगा , कैमरा हील से होते हुए ऊपर जाने लगा , पहले गौरी के घुटने नजर आये , फिर उसकी गोरी दूधिया जांघे , उनसे ऊपर एक ब्लेक रंग की फिटिंग ड्रेस जो कि काफी छोटी थी , मुन्ना ने देखा तो उसका मुंह खुला का खुला रह गया , ड्रेस के कंधे तक गायब थे और गले में झूल रहा था मुन्ना का दिया प्यारा सा चेन जो उसने गौरी को अपने हाथो से पहनाया था। सबसे आखिर में दिखा गौरी का चेहरा जिस पर सुबह सुबह गौरी ने बहुत ही प्यारा मेकअप कर रखा था स्मोकी आँखों के साथ,,,,,,,,,,,,!!
“कैसी लग रही हूँ मैं ? ऍम आई लुकिंग हॉट ?”,गौरी ने अदा के साथ अपनी कमर पर हाथो को रखकर पूछा
“ये तुमने क्या पहना है गौरी ? उतारो इसे”,मुन्ना ने स्क्रीन से नजरे हटाकर कहा
“ओह्ह्ह्हह्ह मान तुम कितने नॉटी हो , क्या तुम मुझे इस ड्रेस के बिना देखना चाहते हो ? ह्म्म्मम्म !”,गौरी ने मुन्ना को छेड़ते हुए कहा
“हमारा वो मतलब नहीं था गौरी , तुमने ऐसे कपडे क्यों पहने ? वो भी इतनी सुबह,,,,,,,,प्लीज बदल लो हमे अच्छा नहीं लग रहा है”,मुन्ना ने फिर गौरी से नजरे चुराते हुए कहा
“ओह्ह्ह मान प्लीज , ये कितना प्यारा तो है और वैसे भी मैं इसे अपनी बेचलर पार्टी में पहनने वाली हूँ,,,,,,,,मेरी सासु माँ से बात हो चुकी है उनको तो ये ड्रेस बहुत ही ऑसम लगा और उन्होंने कहा है कि मेरी बेचलर पार्टी वो भी ज्वाइन करने वाली है,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्हह ये कितना एक्साइटेड होगा”,गौरी ने ख़ुशी से भरकर कहा।
मुन्ना ने जैसे ही सुना अनु भी गौरी के है तो उसने कहा,”तुम पहले कपडे चेंज करो तब तक हम माँ से बात करके आते है,,,,,,,,!!”
“मान मान,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह तुम कितने अजीब हो”,गौरी कहते ही रह गयी और मुन्ना ने फोन काट दिया
गौरी के मुंह से बेचलर पार्टी का सुनकर मुन्ना परेशान नहीं हुआ बल्कि अनु भी इस पार्टी का हिस्सा बनने वाली है ये जानकर ज्यादा हैरान था। मुन्ना नीचे आया और देखा अनु डायनिंग के पास खड़ी नाश्ता लगा रही थी। मुन्ना अनु की तरफ आया और कहा,”माँ ये हम क्या सुन रहे है ?”
“सुबह सुबह तुमने ऐसा क्या सुन लिया बेटा जो तुम इतना परेशान हो रहे हो ?”,अनु ने मुन्ना की तरफ पलटकर प्यार से कहा
“आप गौरी को बेचलर पार्टी में शामिल होने वाली है ?”,मुन्ना ने पूछा
“हाँ इसमें इतना हैरान होने की क्या बात है ? आज सुबह ही मेरी उस से बात हुई थी वो एक हफ्ते पहले बनारस आ रही है अपनी फॅमिली के साथ तो शादी के बाकी फंक्शन के अलावा वो चाहती है उसकी एक बेचलर पार्टी भी हो तो मैंने हाँ कह दिया और वो इतनी स्वीट है मुन्ना कि उसने कहा मैं भी उसे और उसके दोस्तों को ज्वाइन करू तो मैं ना नहीं बोल पायी,,,,,,,,,अह्ह्ह मुझे कितनी कूल बहू मिली है , मेरी किट्टी की सहेलियो को पता चलेगा तो सब मेरी किस्मत से जलने वाली है”,अनु ने कहा
मुन्ना ने सुना तो मन ही मन अपना सर पीट लिया , कहा वह गौरी को थोड़ा अपने जैसा शांत और समझदार बनाना चाहता था और कहा गौरी उसके घरवालों को अपने जैसा बना चुकी थी। मुन्ना ने अनु की तरफ देखा और कहा,”लेकीन माँ,,,,,,,,,,,,!!”
“ओह्ह्ह मुन्ना तुम आज के ज़माने के लड़के होकर भी कैसी पुराने जमाने की बाते करते हो,,,,,,,,गौरी की तरह तुम्हे भी अपने दोस्तों के लिए बेचलर पार्टी रखनी चाहिए,,,,,,,वंश यहाँ होता तो पक्का मेरी बात पर एग्री करता”,अनु ने कहा
“नहीं माँ हम ऐसे ही ठीक है , वैसे भी हमारे ज्यादा दोस्त नहीं है”,मुन्ना ने कहा और जैसे ही जाने को हुआ मुरारी ने आकर उसके कंधो पर अपनी बाँह रखते हुए कहा,”अरे काहे चिंतियाय रहे हो बिटवा हमहू रखेंगे ना तुम्हरी सादी की शानदार पार्टी,,,,,,,,,,हमाय ऑफिस मा सब इंतजाम है”,आखरी शब्द मुरारी ने दबी आवाज में कहे।
मुरारी भूल गया कि ऑफिस रूम का सब इंतजाम तो किशना ने कल ही नाले में बहा दिया था। मुन्ना ने मुरारी की तरफ देखा और कहा,”आपके ऑफिस इंतजाम आप मोहल्ले के बच्चो में बाँट दीजियेगा”
अनु और मुरारी कोई भी मुन्ना की बात समझने के लिए तैयार नहीं था। मुन्ना बहुत ही साधारण तरीके से अपनी शादी चाहता था और यहाँ घरवाले उसकी शादी में घूम धड़ाका करना चाहते थे। मुन्ना वहा से चला गया लेकिन जाते जाते मुरारी को सोचने पर मजबूर कर दिया अगले ही पल मुरारी को याद आया कि कल ही किशना ने उसके ऑफिस रूम की दारू को नाले में बहाकर बोतलो में जूस भरा है वह गुस्से से चिल्लाया,”किशना आआआआआ !”
“लगता है मुरारी भैया को फिर से सब याद आ गवा , बचा लेना महादेव”,किचन में खड़ा किशना बड़बड़ाया।
नवीन का घर , मुंबई
“मेघना तुमने गेस्ट रूम अच्छे से साफ़ करवा दिया ना ? और मैंने मैडम की पसंद की मिठाई आर्डर की थी वो आ गयी ना ? उन्हें ब्लेक कॉफी बहुत पसंद है तो जब वो आये तो तुम उनके लिए वही बनाना , तुम्हारे हाथो से बनी कॉफी उन्हें बहुत पसंद आएगी। उनका फोन आया था आज दोपहर की फ्लाइट से वे मुंबई के लिए निकल जाएँगी , मैं ऑफिस से सीधा एयरपोर्ट ही चला जाऊंगा उन्हें लेने,,,,,,,,,और हाँ उनके सामने एकदम से वंश और निशि की बात मत करना ,
अभी वो अपने नए ऑफिस के लिए आ रही है मैं जानता हूँ वे ऑलरेडी बहुत टेंशन में है हमे उन्हें और टेंशन नहीं देना है ,बाद में सही मौका देखकर मैं खुद उनसे बात कर लूंगा,,,,,,,,,,और तुम्हारी निशि से बात हुई वो वापस अब आ रही है ?”,नवीन एक साँस में सब कह गया
“रिलेक्स नवीन ! सब हो जाएगा ,, एंड तुम्हे सारिका जी को लेकर इतना परेशान होने की जरूरत नहीं है वे बहुत समझदार है यहाँ सहज हो जाएगी,,,,,,,,,,तुम खामखा इतना परेशान हो रहे हो,,,,!!”,मेघना ने जूस का गिलास नवीन की तरफ बढाकर कहा
नवीन ने गिलास लिया और कहा,”हाँ लेकिन मैं नहीं चाहता उन्हें यहाँ किसी भी तरह की परेशानी हो,,,,,,,,,,,!!”
मेघना ने नवीन का नाश्ता उसके सामने रखा और किचन की तरफ जाते हुए कहा,”नवीन , मुझे नहीं लगता सारिका जी यहाँ रुकेगी , वंश का अपना अपार्टमेंट है तो वे उसके साथ ही रहेगी,,,,,,उन्हें वंश के साथ थोड़ा टाइम स्पेंड करने को भी मिल जाएगा”
“ओह्ह्ह्ह हाँ ये तो मैंने सोचा ही नहीं,,,,,,,,,,,मैं नाश्ता करके ऑफिस के लिए निकलता हूँ एंड निशि से बात हो तो उसे कहना मुझे फ़ोन करे,,,,,,,,,,,,!!”,नवीन ने कहा और अपना नाश्ता करने लगा
लोनावला , पुणे
मुन्ना से बात करके वंश का मूड थोड़ा ठीक हुआ लेकिन निशि को लेकर वह अभी भी गुस्सा था। पहाड़ी के करीब रेलिंग के पास खड़ा वंश खामोशी से आस पास के नज़ारे देख रहा था। कुछ देर बाद निशि अपने हाथो में दो कप कॉफी लेकर आयी और वंश के बगल में कुछ दूरी बनाकर खड़ी हो गयी। वंश ने एक नजर निशि को देखा तो पाया कि एक तो निशि ने उस से झगड़ा किया और ऊपर से उसकी ही स्वेट-शर्ट पहनकर उसके बगल में खड़ी थी।
“तुमने मेरा स्वेटर क्यों पहना है ?”,वंश ने गुस्से से कहा
निशि ने स्वेटर को देखा और कहा,”ये मुझे बहुत क्यूट लगा तो मैंने इसे पहन लिया और बाहर बहुत ठंड भी थी , तो कहो तो मैं इसे उतार देती हूँ”
“रहने दो , अच्छा लग रहा है”,वंश ने निशि से नजरे हटाकर सामने देखते हुए कहा
निशि ने सुना तो मुस्कुरा उठी , अभी अभी वंश उस से नाराज था और अब इतना नार्मल ,, निशि ने हाथ में पकड़ा एक कप वंश की तरफ बढाकर कहा,”कॉफी,,,,,,,,!!”
वंश ने निशि को घूरकर देखा तो निशि ने कहा,”अब डायरेक्ट सॉरी बोलना थोड़ा ओड लग रहा था इसलिए सोचा कॉफी से शुरुआत”
वंश ने कॉफी ली और कहा,”तुम्हे लगता है एक कॉफी पीकर मैं तुम्हारी बदतमीजी भूल जाऊंगा तो तुम गलत सोच रही हो,,,,,,,,,,,!!”
“तो फिर मुझे क्या करना होगा ?”,निशि ने पूछा
वंश ने कॉफी का एक घूंठ भरा और कप को निशि के हाथ में थमाकर कहा,”बता दूंगा अभी मूड नहीं है,,,,,,,,,,,!!”
वंश वहा से चला गया और निशि उसे देखते ही रह गयी , आज कितने दिनों बाद उसने वंश को पुराने अंदाज में देखा था। वंश से नजर हटाकर उसने सामने खड़े सुमित को देखा और रोआँसा होकर कहा,”सुमित सररररररररर , वो भाव खा रहा है”
सुमित ने निशि के हाथ से कॉफी ली और पीते हुए कहा,”उस पर सूट भी करता है”
निशि ने सुना तो सुमित को घूरने लगी।
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संजना किरोड़ीवाल


लोनावला , पुणे
मुन्ना से बात करके वंश का मूड थोड़ा ठीक हुआ लेकिन निशि को लेकर वह अभी भी गुस्सा था। पहाड़ी के करीब रेलिंग के पास खड़ा वंश खामोशी से आस पास के नज़ारे देख रहा था। कुछ देर बाद निशि अपने हाथो में दो कप कॉफी लेकर आयी और वंश के बगल में कुछ दूरी बनाकर खड़ी हो गयी। वंश ने एक नजर निशि को देखा तो पाया कि एक तो निशि ने उस से झगड़ा किया और ऊपर से उसकी ही स्वेट-शर्ट पहनकर उसके बगल में खड़ी थी।
“तुमने मेरा स्वेटर क्यों पहना है ?”,वंश ने गुस्से से कहा