“मैं तेरी हीर” – 86
Main Teri Heer – 86
शक्ति ने मुन्ना को एक बड़े हादसे से बचा लिया और शक्ति की इस बात ने कही ना कही मुन्ना के मन को भी छू लिया। शक्ति ने मुन्ना को सिगरेट ऑफर की तो मुन्ना ने इंकार कर दिया साथ ही शक्ति को भी ये कहा की काशी को सिगरेट पीने वाले लोग पसंद नहीं है। मुन्ना की इस बात पर शक्ति मुस्कुरा उठा , उसने सिगरेट का डिब्बा और लाइटर सामने खाई में फेंकते हुए कहा,”काशी के लिए हम इसे छोड़ सकते है”
“हमने तुम्हे ये बात बताई इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है की हमने तुम्हे काशी के पीछे जाने की परमिशन दे दी”,मुन्ना ने शक्ति को घूरते हुए कहा
“तुम कुछ ज्यादा ही सख्त हो,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने उसकी तरफ देखते हुए कहा
“हाँ जानते है,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“खैर वो कौन हो सकता है जिसने तुम्हे मारने की कोशिश की है ?”,शक्ति ने सोचते हुए कहा
“हम नहीं जानते , बीते कुछ महीनो में बनारस में जो कुछ भी हुआ है उसके बाद ना जाने कितने ही लोग हमारे दुश्मन बन गए होंगे”,मुन्ना ने दार्शनिक अंदाज में कहा तो शक्ति उसके चेहरे की तरफ देखने लगा मुन्ना के चेहरे पर चिंता के भाव थे लेकिन ये चिंता खुद के लिए नहीं थी।
“तुम्हे घर जाना चाहिए,,,,,,,,,,,,,और अच्छा होगा जाने से पहले तुम अपना इलाज करवा लो वरना तुम्हारे घरवाले परेशान होंगे”,शक्ति ने उठते हुए कहा लेकिन मुन्ना नीचे बैठा किसी उलझन में डूबा रहा
शक्ति ने अपना हाथ मुन्ना की तरफ बढ़ाया और कहा,”चले ?”
मुन्ना ने शक्ति को देखा और फिर उसका हाथ थामकर खड़ा हो गया। शक्ति ने देखा जिस बाइक से वो आया था वो बाइक की हालत काफी खराब हो चुकी थी। मुन्ना की जीप के आगे का हिस्सा भी टूट गया था और उसमे ब्रेक भी नहीं थे। शक्ति खड़े होकर बाइक देख रहा था मुन्ना ने देखा तो उसे आवाज दी,”हम किसी मैकेनिक को भेज देंगे , तुम चाहो तो अभी के लिए साथ चल सकते हो”
शक्ति मुन्ना के साथ पैदल ही चल पड़ा। रास्तेभर दोनों खामोश रहे। कच्चे रास्ते से निकलकर दोनों सड़क किनारे आये मुन्ना ने मेकेनिक को फोन कर दिया था उसे मैकेनिक बाइक लिए सड़क पर मिल गया। मुन्ना ने वही पास लगे नल से हाथ-मुँह धोया और मैकेनिक से चाबी लेकर वहा से चला गया। शक्ति वापस मैकेनिक के साथ गाड़ी ठीक करवाने चल पड़ा।
मुन्ना घर जाने से पहले क्लिनिक पहुंचा। उसके ललाट पर चोट लगी थी इसलिए उसने बेंडऐज करवाई एक टिटनेस का इंजेक्शन भी खाया और क्लिनिक से बाहर निकल गया। उसके माथे पर लगी चोट किसी को दिखाई ना दे इसलिए उसने तिरछी माँग निकालकर बालो से उसे ढक लिया और घर की तरफ चल पड़ा। घर पहुंचकर मुन्ना ने देखा की उसके सब दोस्त और रिश्तेदार मिलकर होली खेल रहे थे। उसने अपने मन को शांत किया और बाइक एक तरफ लगाकर उन सबकी तरफ चला आया। मुन्ना को देखते ही सबने उसे घेर लिया और रंगो से नहला दिया। मुन्ना उन सबसे बचकर साइड में आया देखा लॉन में पड़े झूले पर वंश अकेला बैठा है और उसने अभी तक रंग भी नहीं लगाया है। मुन्ना उसकी तरफ चला आया , चलते चलते उसने टेबल पर रखे रंगो की थाली से मुट्ठी भर रंग भी उठा लिया। वह वंश के बगल में आ बैठा और कहा,”सबने हमे रंग लगाया तुमने क्यों नहीं लगाया ?”
वंश ने एक नजर मुन्ना को देखा और फिर मुंह घुमा लिया।
“क्या हुआ नाराज हो हमसे ?”,मुन्ना ने कहा
“नहीं,,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने रूखे स्वर में कहा
“फिर रंग लगाओ हमे”,मुन्ना ने मुट्ठी में भरा रंग वंश के सामने करके कहा। वंश ने उखड़े अंदाज में उसके हाथ से रंग लिया और लगाकर फिर साइड में देखने लगा। मुन्ना समझ गया की वंश उस से अच्छा खासा नाराज है इसलिए वह उसके सामने चला आया और कहा,”हमसे कोई गलती हुई है क्या ?”
“तुम्हे अपने अलावा किसी की परवाह है ? पिछले कुछ हफ्तों से देख रहा हूँ मैं तू काफी बदल गया है , तेरे पास किसी के लिए वक्त ही नहीं होता है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,और तो और कल तू होलिका दहन में भी नहीं आया,,,,,,,,,,,,,,,,पहली बार मैं वहा अकेला था , लेकिन तुझे इस बात से क्या फर्क पड़ता है ? तू रह बिजी अपने आप में”,वंश का गुस्सा फूटा और वह उठकर जाने लगा तो मुन्ना ने उसकी बाँह पकड़कर उसे रोक लिया और कहा,”माफ़ कर दो हम थोड़ा बिजी थे”
“तू बदल गया है मुन्ना”,कहते हुए वंश ने मुन्ना से अपनी बाँह छुड़ाई और वहा से चला गया।
“जब तुम्हे पता चलेगा हम कहा बिजी थे तब तुम्हारा गुस्सा एकदम से गायब हो जाएगा”,मुन्ना ने जाते हुए वंश को देखकर मुस्कुराते हुए कहा। मुन्ना अपने दोस्तों में बिजी हो गया। वंश भी अपने दोस्तों के साथ यहाँ वहा घूमने लगा हालाँकि वह मुन्ना से नाराज था लेकिन फिर भी बार बार उसकी नजर मुन्ना को ही तलाश कर रही थी। कुछ देर बाद एक बड़ी सी महिंद्रा थार आकर मुरारी के घर में रुकी उस में से सफ़ेद रंग का कुर्ता पजामा पहने एक रौबदार आदमी उतरा। उसके साथ में दो बॉडीगार्ड्स थे और साथ ही उनका मैनेजर और दो लोग और,,,,,,,,,,,!!
उस आदमी का नाम “अजीत कुमार त्रिवेदी” था और इंदौर का जाना माना आदमी था या यू मान लो आधा इंदौर उसके एक इशारे पर चलता था। पिछले कुछ महीनो से उसकी मुरारी से दोस्ती बढ़ गयी थी और इसी दोस्ती को कायम रखने के लिए मुरारी ने आज के फंक्शन में उसे बुलाया था
मुरारी ने देखा तो मुस्कुराते हुए अपने कुछ आदमियों के साथ उस तरफ बढ़ गया उनका स्वागत करने। आदमी की पर्सनालिटी से ही पता चल रहा था की वो कोई बड़ी हस्ती है जिसे मुरारी ने आज के होली फंक्शन में इन्वाइट किया था। वंश जूस का ग्लास हाथ में लिए लॉन में घूम रहा था की मुन्ना उसके सामने आ गया और कहा,”अब मान भी जा यार”
वंश मुंह बनाकर वहा से चला गया ,बेचारा मुन्ना पहले गौरी उस से नाराज हो गयी और अब वंश और दोनों ही उसके खास थे। वंश को चॉकलेट्स बहुत पसंद थे और मुन्ना के पास अब यही तरिका था की वह वंश को मनाये। उसने अपने घर के बगल वाले स्टोर पर फोन किया और वंश की पसंद के कुछ चॉकलेट्स आर्डर कर दिए। कुछ देर बाद वहा म्यूजिक बजने लगा और सभी होली का लुफ्त उठाने लगे। मुन्ना फोन जेब में रखने जा ही रहा की उसका फोन बजा मुन्ना ने देखा गौरी का फोन है वो भी विडिओ कॉल बाहर म्युजिक का शोर था इसलिए वह अंदर चला आया।
मुन्ना ने फोन उठाया और मुस्कुरा कर कहा,”हैप्पी होली”
“हैप्पी होली जी हैप्पी होली”,गौरी की बजाय एक लड़के का चेहरा नजर आया और मुन्ना के हाथ से फोन गिरते गिरते बचा। उसने फोन सम्हाला और देखा की वो लड़का जय था , गौरी का छोटा भाई,,,,,,,,,,,,,!!
“क्या हुआ तुमको शॉक लगा क्या ? वो तुम ही हो ना जो मेरी दीदी को फोन करते रहते हो ?”,जय ने सवाल किया लेकिन मुन्ना ने कोई जवाब नहीं दिया।
“देखो मेरी दी बहुत इनोसेंट है वो बहुत जल्दी किसी पर भी ट्रस्ट कर लेती है , लेकिन उसे प्रोटेक्ट करने के लिए मैं हूँ , अगर मेरी बहन का दिल तोड़ा ना तो मैं तुम्हे छोडूंगा नहीं”,जय ने मुन्ना को धमकाते हुए कहा लेकिन मुन्ना उसकी क्यूट धमकी से डरने के बजाय मुस्कुराने लगा। जय कुछ और इस से पहले ही गौरी ने उसके हाथ फोन लेकर उसे चपत लगाते हुए कहा,”जय के बच्चे मेरे फोन को हाथ लगाने के लिए किसने कहा तुझसे ?”
“तुम्हारे बॉयफ्रेंड का फोन है”,कहकर जय भाग गया।
गौरी ने फोन को सामने किया तो पाया की मुन्ना अपनी ऊँगली को अपने होंठो से लगाए साइड में देखते हुए मुस्कुरा रहा है।
“हाय,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
गौरी की आवाज से मुन्ना की तंद्रा टूटी , उसने देखा गौरी सफ़ेद सूट में थी , बाल खुले , आँखों में गहरा काजल , गालो पर लाल रंग लगा था। मुन्ना प्यार से गौरी को देखता रहा तो गौरी ने कहा,”क्या हुआ ? तुम मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो ?”
“तुम्हारी आँखे बहुत खूबसूरत है , हमे लगता है किसी दिन हम इनमे डूब जायेंगे”,मुन्ना ने गौरी की आँखों में देखते हुए कहा
गौरी ने सूना तो अपनी सारी नाराजगी भूल गयी और खुश होकर कहा,”वैसे जय क्या कह रहा था तुमसे ?”
“धमका रहा था हमे की अगर हमने उसकी बहन का दिल तोड़ा तो वो हमे छोड़ेगा नहीं,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने हँसते हुए कहा
गौरी को मुन्ना की हंसी बड़ी प्यारी लगती थी , वह प्यार भरी नजरो से उसे देखने लगी। हसंते हुए मुन्ना ने जैसे ही अपने बालों को ऊपर किया उसके सर पर लगी बेंडेज देखकर गौरी ने कहा,”हे तुम्हे ये चोट कैसे लगी ?”
“वो हम फिसलकर गिर गए थे”,मुन्ना ने झूठ कहा सच बोलकर वह गौरी को परेशान करना नहीं चाहता था।
“लगता है मेरे साथ साथ तुम्हारी भी किस्मत खराब हो गयी है,,,,,,,,,,,,,,हा हां हां क्या जोक मारा मैंने ?”,गौरी ने अपनी बात पर खुद ही हँसते हुए कहा
“ये जोक था ?”,मुन्ना ने सीरियस होकर पूछा
“हाँ,,,,,,,,,,,,खैर छोडो अनु आंटी कहा है मेरी उनसे बात करवाओ ना”,गौरी ने कहा
“क्यों तुम्हे हम से बात नहीं करनी ?”,मुन्ना ने पूछा
“करनी है लेकिन मैं तुमसे नाराज हूँ ना इसलिए मैं अनु आंटी से बात करने का बहाना बना रही हूँ”,गौरी ने मासूम सी शक्ल बनाते हुए कहा
मुन्ना ने सूना तो हसने लगा और कहा,”पता है तुम इस दुनिया की सबसे एंटीक पीस हो”
“हाँ पता है तुम मेरा मजाक उड़ा रहे हो”,गौरी ने कहा
“नहीं हम ऐसा कभी नहीं सोचते , तुम बस ऐसे ही बातें करती रहा करो,,,,,,,,,,,,,,,,,अच्छी लगती हो”,मुन्ना ने प्यार से कहा
“और ?”,गौरी ने अपनी आँखों में चमक भरते हुए कहा
“और तुम बहुत फनी हो , हमारे साथ रहोगी तो हमे जिंदगीभर हसाओगी”,मुन्ना ने कहा
“और ?”,गौरी ने खोये हुए स्वर में कहा
“और हमे लगता है अगर हम ऐसे ही तुमसे बातें करते रहे तो हमे तुम्हारी आदत हो जाएगी”,मुन्ना ने कहा तो गौरी उसकी ओर देखने लगी। दोनों बिना कुछ बोले एक दूसरे को देखते रहे। उनकी आगे बात हो पाती इस से पहले ही किशना ने आकर कहा,”मुन्ना भैया उह बगल वाली दुकान से जे सामान आया है आपका , इसे कहा रखे ?”
“वहा टेबल पर रख दो”,मुन्ना ने किशना से कहा और फिर गौरी से कहा,”ठीक है अभी हम रखते है”
“बाय”,गौरी ने मुस्कुराते हुए कहा
मुन्ना ने फोन जेब में रखा और टेबल पर रखे डिब्बे को देखते हुए कहा,”अब देखते है ये लड़का कैसे नहीं मानता ?”
मुन्ना वंश को बुलाने बाहर चला आया। उसने देखा वंश अपने दोस्तों के साथ नाचने में मस्त है मुन्ना उसकी तरफ जाने लगा। अजीत कुमार त्रिवेदी भी वही बगल में मुरारी के दोस्तों और बाकि कार्यकर्ताओ के साथ खड़ा बातें कर रहा था। वंश ने देखा मुन्ना फिर उसकी ओर आ रहा है तो उस से बचने के लिए वह साइड में निकल गया। उसे बस मुन्ना को परेशान करना था और अपने पीछे घुमाना था। वंश ने साइड में निकलते हुए पीछे मुड़कर देखा और ऐसा करते हुए वह त्रिवेदी साहब से टकरा गया और उनके हाथ में पकड़ा जूस का ग्लास उन्ही पर गिर गया। उन्होंने गुस्से में वंश को देखा तो वंश ने भी ऐटिटूड में कहा,”सॉरी”
“आँखे नीची करके बात करो तुम शायद जानते नहीं मैं कौन हूँ ?”,त्रिवेदी ने कहा
“तुम कौन हो ये जानने में मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है”,कहकर वंश जैसे ही जाने लगा त्रिवेदी ने उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे रोक लिया और कहा,”लगता है कुछ ज्यादा ही गर्मी है तुम में ?”
वंश पलटा और त्रिवेदी का हाथ अपने कंधे से नीचे करते हुए कहा,”हां शायद इसलिए कह रहा हूँ की मुझसे मत उलझो वरना बाकी की जिंदगी अफ़सोस में गुजारनी पड़ेगी”
“अबे माद,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,त्रिवेदी ने इतना ही कहा की वंश ने गुस्से में उसकी कॉलर पकड़ ली। मुरारी ने देखा तो वंश की तरफ आते हुए कहा,”ए वंश का कर रहे हो ? छोडो इनको”
मुन्ना ने देखा तो वह भी जल्दी से उस तरफ आया। त्रिवेदी आग बबूला हो चुका था हालाँकि गलती उसकी और वंश दोनों की थी। गनीमत था की शिवम आज घर पर था। मुरारी आया और वंश को त्रिवेदी से दूर करके कहा,”का कर रहे हो ? जे हमारे मेहमान है”
“मिश्रा सम्हालो अपने लड़के को , इतनी अकड़ ठीक नहीं है इसके लिए”,त्रिवेदी ने वंश को घूरते हुए कहा
“ए मुन्ना इसको अंदर लेकर जाओ”,मुरारी ने वहा खड़े मुन्ना से कहा
मुन्ना वंश को वहा लेकर चला गया। मुरारी ने जैसे तैसे स्तिथि को सम्हाल लिया और वंश के बदले खुद ही त्रिवेदी से माफ़ी मांग ली ताकि होली के रंग में भंग ना पड़े।
मुन्ना वंश को अंदर ले आया वंश काफी गुस्से में था। मुन्ना ने पानी का ग्लास वंश की तरफ बढ़ाया और कहा,”इसलिए कहते है की गुस्सा कम किया करो”
वंश ने पानी का ग्लास लिया और पीकर टेबल पर तक दिया। उसकी नजर टेबल पर रखे चॉकलेट के डिब्बे पर पड़ी तो वह उसके सामने आकर बैठ गया और एक बड़ी किटकेट निकालकर खाने लगा। खाते हुए उसने मुन्ना की तरफ देखा जो की सोफे के हत्थे पर बैठा था। उसे देखकर वंश ने कहा,”ठीक है मैंने तुम्हे माफ़ किया”
मुन्ना मुस्कुराया और कहा,”तुम्हारा शुक्रिया”
Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86 Main Teri Heer – 86
होली का ये त्यौहार मुन्ना और गौरी की जिंदगी में क्या रंग खिलाने वाला है ? आखिर कौन है ये अजीत कुमार त्रिवेदी ? क्या वंश बना रहा है अपने गुस्से की वजह से नए दुश्मन ? जानने के लिए
क्रमश – Main Teri Heer – 86
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संजना किरोड़ीवाल
interesting part nd munna aur gauri ki holi wow..just wow
🥰🥰🥰🥰
Nuce story lakin Ajit indore se hai to uska kuch na kuch connectio Shakti ke sath zaroor niklega
Nice story
Awesome part 😍 kahi ye Ajit Kumar Trivedi koi film maker ya modelling se related insaan to nahi jo aage chal kar Vansh ke carrier ke liye paresaani bane .
Gauri aur munna ki baat cheet bhut interesting hoti hai, just wow
Very interesting and beautiful
Very nice
As always superb superb superb superb superb superb superb superb superb superb superb superb mind blowing fantastic fabolous ossssssmmmm blosssssmmmm part of the day 👌👌👌👌👌👌 eagrly waiting for the next 👌👌👌👌👌
Bhut hi shaandaar part tha maam
ये शायद गौरी के पापा हो या फिर उसके जानने वाले
Very nice part 👌
Ye ek or nagetive bnde ki entry huii yha😐😐😐
Gaurii or uski baate..munna ka shi entertainment hone wala umar bhr😍😍😍