Main Teri Heer – 85
Main Teri Heer – 85

सुबह सुबह शक्ति उठा और मोहसिन को फोन लगाया। फोन कान से लगाए हुए शक्ति ने घर का दरवाजा खोला और बाहर रखे दूध के डिब्बे और अख़बार को उठाया। शक्ति दोनों चीजे उठाये अंदर आया और जैसे उसकी नजर अख़बार के पहले पन्ने पर पड़ी शक्ति के कदम रुक गए। उसने कंधे और कान के बीच से फोन हटाया और अख़बार में छपी खबर को देखने लगा।
अख़बार के पहले पन्ने पर लिखा था “सनशाइन होटल में मिली ड्रग डीलर की लाश,,,,,,साथ ही भारी मात्रा में ड्रग भी पाया गया। क़त्ल के इल्जाम में पुलिस ने किया “उर्वशी यादव” को गिरफ्तार,,,,,,,,,!!”
शक्ति ने खबर देखकर अख़बार रखा और एक बार फिर मोहसिन का नंबर डॉयल किया लेकिन मोहसिन ने फोन नहीं उठाया। मोहसिन के फोन ना उठाने से शक्ति परेशान हो गया।
बीती शाम ही उसने नीलिमा और उर्वशी को मोहसिन के साथ भेजा था ताकि वह उर्वशी को इन लोगो से बचा सके लेकिन अख़बार में छपी खबर देखकर शक्ति का मन बैचैन हो उठा। उसने फोन जेब में रखा , गाड़ी की चाबी उठायी और वहा से निकल गया।
शक्ति जैसे ही गाड़ी लेकर निकला मुन्ना की बाइक आकर घर के सामने रुकी। दरअसल मुन्ना शक्ति से मिलने आया था लेकिन शक्ति को सुबह सुबह जाते देखकर मुन्ना ने भी अपनी बाइक शक्ति की गाड़ी के पीछे लगा दी और उसका पीछा करने लगा। गाड़ी में बैठा शक्ति बार बार मोहसिन को फोन लगा रहा था लेकिन मोहसिन ने फोन नहीं उठाया और शक्ति का शक धीरे धीरे बढ़ने लगा।
कुछ देर बाद ही शक्ति मोहसिन के घर के सामने पहुंचा। शक्ति गाड़ी से नीचे उतरा और घर के अंदर आया उसने देखा दरवाजा खुला है तो शक्ति मोहसिन को आवाज लगाते हुए सीधा अंदर आया लेकिन अंदर का नजारा देखकर शक्ति का दिल धक् से रह गया और उसके कदम वही ठहर गए। कमरे में खून से लथपथ मोहसिन की लाश पड़ी थी और कुछ ही दूर उर्वशी घायल पड़ी अपनी आखरी सांसे ले रही थी। शक्ति भागकर मोहसिन के पास आया और उसे सम्हालते हुए कहा,”मोहसिन , मोहसिन आँखे खोलो , मोहसिन,,,,,,,,!!”
मोहसिन कुछ देर पहले ही मर चुका था शक्ति को कुछ समझ नहीं आ रहा था तभी एक जोरदार लात आकर शक्ति की बाँह पर लगी और शक्ति कुछ दूर जा गिरा। वह खुद को सम्हालता इस से पहले ही लात मारने वाला आदमी उसके पास आया और जैसे ही उसे मारने को हुआ मुन्ना अंदर आया और एक घुसा आदमी को दे मारा।
मुन्ना ने आदमी को पकड़ा और उसकी गर्दन दिवार से लगाकर कहा,”कौन हो तुम ?”
मुन्ना के आने से शक्ति को सम्हलने का मौका मिल गया। वह उठा और मोहसिन के घर में नीलिमा को ढूंढने लगा। शक्ति को जो डर था वही हुआ नीलिमा उसे पुरे घर में कही नहीं मिली। वह वापस आया और मुन्ना से कहा,”तुम उर्वशी को सम्हालो इसे हम देखते है”
मुन्ना ने पलटकर देखा जमीन पर घायल पड़ी उर्वशी मजबूर आँखों से मुन्ना को देख रही थी।
उर्वशी को ऐसे हाल में देखकर मुन्ना उसके पास आया और उसे सम्हाला। वह घुटनो के बल जमीन पर बैठा और उर्वशी का सर अपनी गोद में रखकर कहा,”तुम ठीक हो ?”
उर्वशी बोल पाने की स्तिथि में नहीं थी वह नम आँखों से बस एकटक मुन्ना को देखे जा रही थी। मुन्ना ने देखा उर्वशी के चेहरे पर काफी चोटें आयी थी और उनसे खून बह रहा था।
मुन्ना ने अपने जेब से रुमाल निकाला और उर्वशी के बहते खून पर रखकर उसे रोकने की कोशिश की लेकिन चंद पलों में ही रुमाल खून से लाल हो चुका था। उर्वशी तड़प रही थी लेकिन सुकून के भाव उसके चेहरे पर थे। वह मुन्ना को चाहती थी और आज उसकी जिंदगी के आखिरी पलों में मुन्ना उसके सामने था। उर्वशी के काँपते हाथ को मुन्ना ने अपने हाथ में लिया और कहा,”घबराओ मत तुम्हे कुछ नहीं होगा,,,,,,,,,,हम तुम्हे हॉस्पिटल ले जायेंगे , सब ठीक हो जायेगा,,,,,,,,,,,,!!”
उर्वशी ने सुना तो उसकी आँखों में भरे आँसू बह गए। वह बोलना चाहती थी लेकिन शब्दों ने उसका साथ नहीं दिया। उसे बहुत तकलीफ हो रही थी उसने मुन्ना के हाथ को कसकर पकड़ लिया। मुन्ना ने पलटकर शक्ति को देखा शक्ति उस आदमी को मार रहा था और किसी नीलिमा के बारे में पूछ रहा था। मुन्ना ने उर्वशी की उखड़ती सांसो को देखा तो जोर से चिल्लाया,”शक्ति ! छोडो उसे और यहाँ आओ हमारी मदद करो,,,,,,,,,,!!”
शक्ति ने पलटकर देखा , उसे महसूस हुआ कि नीलिमा को ढूंढने से भी ज्यादा जरुरी इस वक्त उर्वशी की जान बचाना था। शक्ति ने आदमी को एक घुसा मारा और आदमी नीचे जा गिरा। शक्ति अब तक उसे इतना मार चुका था कि वह गिरते ही बेहोश हो गया।
शक्ति मुन्ना के पास आया तो मुन्ना ने उर्वशी को गोद में उठाया और कहा,”हमे इसे हॉस्पिटल लेकर जाना होगा,,,,,,,,,!!”
“क्या तुम इसे जानते हो ?”,शक्ति ने मुन्ना के साथ चलते हुए कहा
“हम बहुत कुछ जानते है शक्ति लेकिन ये वक्त इन सब सवालो का नहीं है। इनका बचना बहुत जरुरी है,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
शक्ति मुन्ना और उर्वशी के साथ बाहर आया और अपनी गाड़ी का पिछला दरवाजा खोलकर मुन्ना से अंदर बैठने को कहा। मुन्ना ने उर्वशी को पिछली सीट पर बैठाया पर खुद भी उसके बगल में आ बैठा। शक्ति ड्राइवर सीट पर आकर बैठा और गाड़ी आगे बढ़ा दी,,,,,,,,,,,!!
उर्वशी के पास बस चंद सांसे बची थी और वो भी धीरे धीरे उखड़ती जा रही थी। उसने मुन्ना के हाथ को मजबूती से थाम रखा था।
“बस थोड़ी देर में हम लोग हॉस्पिटल पहुँच जायेंगे,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने उर्वशी का सर सहलाते हुए कहा। इस वक्त मुन्ना ये भूल चुका था कि उर्वशी ने बीते दिनों में उसे कितना परेशान किया है। इस वक्त उसे उर्वशी में बस मासूम औरत नजर आ रही थी जिसकी आँखों में जीने की उम्मीद साफ नजर आ रही थी।
गाड़ी हॉस्पिटल के सामने पहुंची मुन्ना उर्वशी को लेकर गाड़ी से नीचे उतरा तब तक शक्ति स्ट्रेचर के साथ वार्ड बॉय को ले आया। मुन्ना ने उर्वशी को स्ट्रेक्चर पर लेटाया और शक्ति के साथ अंदर चला आया। उसका हाथ अब भी उर्वशी के हाथ में था और जैसे ही वह कुछ दूर चला उर्वशी के हाथ से उसका हाथ एकदम से छूट गया। एक अनहोनी का भाव मुन्ना के मन में आया और उस के कदम ठहर गए।
मुन्ना फटी आँखों से स्ट्रेक्चर पर लेटी उर्वशी के झूलते हाथ को देखता रहा। वार्ड बॉय रूक गया और शक्ति भी चलते चलते रुका उसने देखा उर्वशी मर चुकी है। मुन्ना थके कदमो से उर्वशी के पास आया उसने उर्वशी की खुली आँखों को देखा और अपने हाथ को धीरे से उसकी आँखों पर रखकर उन्हें बंद कर दिया।
वार्ड बॉय उर्वशी के निर्जीव शरीर को वहा से ले गया। शक्ति और मुन्ना एक दूसरे के सामने खड़े थे। मुन्ना गुस्से और तकलीफ भरे भाव से शक्ति को देख रहा था। शक्ति ने एक नजर मुन्ना को देखा और वहा से चला गया। चलते चलते शक्ति हॉस्पिटल से बाहर चला आया , मुन्ना शक्ति के पीछे आया और उसे अपनी तरफ करके कहा,”आखिर तुम्हारी वजह से और कितने लोगो को अपनी जान गवानी पड़ेगी शक्ति ?”
“हमने उर्वशी को नहीं मारा है मुन्ना,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने शांत स्वर में कहा
“तुमने उसे नही मारा लेकिन उसकी मौत के जिम्मेदार सिर्फ तुम हो शक्ति,,,,,,,,,,,,जिस केस को तुम इन्वेस्टीगेट कर रहे हो उसे लेकर तुम इतने सेल्फिश हो चुके हो कि तुम्हे किसी की परवाह नहीं है,,,,,,,,,,,,,,जो सबूत हमने तुम्हे दिए थे उनमे उर्वशी का जिक्र तक नहीं था फिर उसे ये सब क्यों झेलना पड़ा ?”,गुस्से गुस्से में मुन्ना ने एकदम से ऐसी बात कही जिसे शक्ति ने तुरंत पकड़ ली और कहा,”तुमने हम से झूठ कहा मुन्ना , तुमने कहा तुमने उन सबूतों को नहीं देखा ,, फिर तुम्हे कैसे पता उर्वशी इसमें शामिल नहीं है ?”
“क्योकि इंदौर आने से पहले उर्वशी ने हमे अपने बारे में सब बता दिया था। वो सिर्फ इस गन्दी राजनीती में शामिल लोगो का शिकार बनी है। हमारे कहने पर ही वो इंदौर आयी थी ताकि अपनी बेटी को लेकर हमेशा के लिए इस शहर से जा सके लेकिन उन लोगो की गन्दी राजनीती और तुम्हारे स्वार्थ ने उसकी जान ले ली और वो इस दुनिया से ही चली गयी। उर्वशी बेकसूर थी उसे बस इन सब में फंसाया गया था जैसे पापा को,,,,,,,,,,,,,,,,,हमारे लिए वह उन लोगो के खिलाफ जाने को तैयार हो गयी क्योकि,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते कहते मुन्ना एकदम से रुक गया
शक्ति मुन्ना के सामने आया और कहा,”क्योकि वह वह तुमसे मोहब्बत करती थी”
शक्ति की बात सुनकर मुन्ना खामोश आँखों से उसे देखने लगा। वह कुछ देर खामोश रहा और फिर अपना सर झुका लिया। उसे उर्वशी के यू एकदम से चले जाने का दुःख था।
शक्ति ने मुन्ना के कंधे पर हाथ रखा और कहा,”हम जानते है मुन्ना उर्वशी को लेकर तुम्हारे मन में कभी कुछ नहीं था लेकिन हमारा यकीन करो हमने उर्वशी,,,,,,,,,!!”
शक्ति की बात सुनकर मुन्ना ने अपने कंधे से उसका हाथ हटाया और कहा,”तुम्हारा विश्वास करे ? कैसे शक्ति ? तुमने भी हमे सच कहा बताया ? जिस राजनीती के दलदल से हमने खुद को हमेशा दूर रखा उस राजनीती के दलदल में तुमने हमे भी शामिल कर लिया,,,,,,,,,,,,अगर हमे ये पता होता हमे इस तरह इस्तेमाल किया जा रहा है तो हम तुम्हारा साथ कभी नहीं देते,,,,,,,,,,,,,,जिन लोगो ने अपनी जान गवाई है उसमे कही ना कही हम भी जिम्मेदार है,,,,,,,,,,,,!!”
कहकर मुन्ना वहा से चला गया
“मुन्ना हमारी बात सुनो,,,,,,,,,मुन्ना”,शक्ति ने आवाज दी लेकिन मुन्ना वहा से जा चुका था।
शक्ति ने मायूसी से जाते हुए मुन्ना को देखा और फिर उसे याद आया कि उसे अभी बहुत से लोंगो का सच सबके सामने लाना है।
शक्ति अपनी गाडी में आ बैठा और वहा से निकल गया। उसने डिपार्टमेंट में फोन करके कुछ पुलिसवालों और एम्बुलेंस को मोहसिन के घर भेज दिया और खुद दूसरी तरफ निकल गया। अब वक्त आ गया था जब शक्ति को उन जैसा बनने की जरूरत थी जो अब तक इस खेल को खेल रहे थे।
मुन्ना मोहसिन के घर वापस आया वहा से अपनी बाइक ली और चला गया। मुन्ना की आँखों के सामने बार बार उर्वशी का चेहरा आ रहा था।
उसकी आँखों के सामने वो सब पल , सब बातें किसी फिल्म की तरह चल रही थी जो उर्वशी से जुडी थी। हालाँकि मुन्ना के मन में उर्वशी को लेकर भावनाये नहीं थी लेकिन वह जानता था कि उर्वशी बेकसूर है और उसे इन सब में फंसाया गया है। मुन्ना ने एकदम से बाइक को ब्रेक लगाया उसने आस पास देखा तो खुद को शहर के सुनसान पुल पर पाया जहा से बहुत कम गाड़िया गुजरती थी। मुन्ना बाइक से नीचे उतरा और पुल पर बने रेलिंग के पास आया और नीचे बहते पानी को देखने लगा।
उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था इस वक्त क्या करे और क्या नहीं ? उसे अहसास था शक्ति ने उस से सच छुपाकर उसे धोखा दिया था। मुन्ना को शक्ति पर गुस्सा आने लगा था साथ ही उसे अपने पापा की फ़िक्र होने लगी। बहुत मुश्किलों से मुन्ना ने मुरारी को इस राजनीती के दलदल से निकाला था लेकिन उसे आज समझ आया कि मुरारी कभी इस दलदल से बाहर आया ही नहीं था बल्कि उसने जितना निकलने की कोशिश की वह उतना ही इस दलदल में फंसता चला गया।
मुन्ना का मन भारी होने लगा इस वक्त ऐसा कोई नहीं था जिसके सामने मुन्ना अपनी भावनाये जाहिर कर सके। गौरी को मुन्ना ने इन सब चीजों से दूर रखा और वंश को ये सब बताकर मुन्ना उसे परेशान नहीं करना चाहता था। वह ऐसा कुछ भी नहीं चाहता था जिस वंश का ध्यान अपने सपने से हटे। एक शक्ति पर उसे भरोसा था लेकिन शक्ति ने उस से बातें छुपाकर उसका दिल तोड़ दिया। मुन्ना इन सब में उलझा हुआ था कि उसका फोन बजा।
मुन्ना ने जेब से फोन निकालकर देखा फोन वंश का था। मुन्ना ने फोन उठाया और कान से लगा लिया दूसरी तरफ से वंश की आवाज आयी,”मुन्ना कहा हो तुम ? सुबह सुबह गौरी से मिलने निकल गए क्या ?”
“अह्ह्ह नहीं हम किसी जरुरी काम से बाहर आये है , तुम बताओ कैसे फोन किया ?”,मुन्ना ने खुद को सामान्य कर कहा
“मुन्ना लगता है आजकल तुम्हारी यादास्त कमजोर हो चुकी है,,,,,,,,,,,,,,मैं कल रात ही बताया था कि आज सुबह मैं मुंबई वापस चला जाऊंगा,,,,,,,,,,,जाने से पहले तुम से मिलना चाहता था एक्चुअली तुम्हे कुछ बताना चाहता था लेकिन तुम तो गायब हो,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने शिकायती लहजे में कहा
“तुम्हारी ट्रेन कब है ?”,मुन्ना ने पूछा
“आधे घंटे बाद,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
मुन्ना ने देखा वह जहा खड़ा है वहा से घर पहुँचने में उसे वक्त लग जायेगा। वह कुछ बोलता इस से पहले वंश ने कहा,”हाँ हाँ मैं समझ गया तुम नहीं आ सकते,,,,,,,,,,,,,खैर मुझे तुम्हे जो बताना है वो मैं तुम्हे बनारस आकर बताऊंगा ठीक है,,,,,,,,,,,,अपना ख्याल रखना”
मुन्ना ने सुना और कहा,”तुम भी अपना ख्याल रखना,,,,,हम जल्दी ही तुम से मिलेंगे,,,,,,,,!!’
“ठीक है अभी मैं रखता हूँ,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा और फोन काट दिया
मुन्ना ने अपना फोन जेब में रखा और मन ही मन खुद से कहा,”हमे माफ़ करना वंश , हम तुम्हे सच नहीं बता सकते,,,,,,,,,,,हम नही चाहते राजनीती के ये छींटे तुम्हारे दामन पर लगे,,,,,,,,,,,,इस राजनीती से तुम जितना दूर रहो , तुम्हारे लिए उतना ही बेहतर है।”
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संजना किरोड़ीवाल


Urvashi k liye bura lag raha hai…lakin wo bure kaam m fans chuki thi to uska anzaam yahi hona tha…lakin Nilima wo kaha hai aur kya wo thik hai… Chauhan aur Vikram usko nhi chodenge… Kabir bhi hospital m hai…ab to Shakti ko sabka khel khatam Krna hoga…aur Munna ko Shakti ka sath dena hoga…tabhi Murari, Nilima aur kabir bach sakte hai
Munna aur urvashi ki baat lab hui ♥️♥️♥️♥️♥️
Aur ye sab hua kese , ab to munna ki trh hm bhi confuse se ho gye hai ♥️♥️♥️♥️♥️
Hope so jaldi hi iska samadhan nikle ♥️♥️♥️♥️♥️♥️