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Main Teri Heer – 79

Main Teri Heer – 79

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4

शाम का समय था और सूरज ढलने में अभी वक्त था। मुन्ना गौरी के साथ इंदौर की बहुत ही खूबसूरत जगह “चोरल डेम” लेकर आया। मुन्ना ने गाडी पार्किंग में लगा दी। उसने गौरी के लिए दरवाजा खोला और अपना हाथ गौरी की तरफ बढ़ा दिया।

गौरी ने मुन्ना के हाथ को थामा और गाड़ी से नीचे चली आयी। गौरी बचपन से इंदौर में रह रही थी लेकिन आज से पहले वह इस जगह पर कभी नहीं आयी थी , हाँ उसने काशी से इस जगह के बारे में सुना जरूर था।

गौरी ने उस जगह को देखा तो बस देखते ही रह गयी। शाम के समय ये जगह और भी खूबसूरत नजर आ रही थी। “चोरल डेम” एक बहुत ही खूबसूरत डेम थी , जिसके चारो तरफ हरियाली थी। डेम के पानी तक जाने के लिए बहुत ही खूबसूरत सीढ़ियों वाला गलियारा बना था और डेम के किनारे बड़े बड़े पत्थर भी थे जहा बैठा जा सकता था। ये डेम 24 घंटे खुला रहता था और सबसे अच्छी बात कि यहाँ लोगो की भीड़ बहुत कम थी। डेम से लगकर ही पास में एक झरना था जिस से कल कल करके पानी बह रहा था। गौरी अपलक इन सब नजारो को देखे जा रही थी और मुन्ना गौरी को,,,,,,,,,,,,!!”


गौरी मुन्ना की तरफ पलटी और कहा,”ये जगह तो बहुत खूबसूरत है मान”
“तुम्हे पसंद आयी ?”,मुन्ना ने प्यार से पूछा
“हाँ बहुत,,,,,,,,,,,,,,इतनी की मेरा दिल कर रहा है मैं हमेशा के लिए यही रह जाऊ,,,,,,,,,,तुम्हारे साथ”,गौरी ने प्यार भरी नजरो से मुन्ना को देखते हुए कहा
“चलो,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने अपना हाथ गौरी के सामने करके कहा , गौरी ने मुन्ना का हाथ थामा और उसके साथ आगे बढ़ गयी।

डेम के पास जाने के लिए बनी सीढ़ियों पर मुन्ना गौरी के साथ चल पड़ा। दोनों किनारे आये तो गौरी फिर हैरान रह गयी। किनारे पर डेम के बिल्कुल पास एक बहुत ही प्यारा सा टेबल और दो कुर्सियां लगी थी। ये इंतजाम मुन्ना ने डेम के पास बने रिसोर्ट से करवाया था। गौरी तो यकीन ही नहीं कर पा रही थी कि मुन्ना उसके लिए ये सब कर रहा है। मुन्ना ने गौरी के लिए कुर्सी खींची और उसे उस पर बैठाकर खुद अपनी कुर्सी पर आ बैठा।
वेटर उन दोनों के लिए जूस रखकर चला गया। दोनों ने अपना अपना गिलास उठाया और एक दूसरे को देखते हुए पीने लगे।


“मुझे यकीन नहीं हो रहा मान ये सब तुमने मेरे लिए किया है,,,,,,,,,,,,मतलब आज से पहले ये रोमांटिक लड़का कहा था ?”,गौरी ने जूस पीते हुए कहा
मुन्ना धीरे से मुस्कुराया और कहा,”कुछ चीजे वक्त के साथ अच्छी लगती है गौरी और हमारे दिल में तुम्हारे लिए जो भावनाये है वो धीरे धीरे जाहिर होगी,,,,,,,,,,,,!!”
“और ऐसा क्यों ?”,गौरी ने अपनी पलकें झपकाते हुए कहा


“क्योकि हम चाहते है तुम्हारे लिए ये भावनाये हमेशा यू ही बनी रहे , हमारा मन कभी तुमसे और तुम्हारे साथ से ना भरे,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने गंभीरता से कहा
“लेकिन मैं तुम्हारी तरह नहीं हूँ मान , मैं तुम्हारे लिए अपना प्यार छुपाना भी चाहू तो नहीं छुपा सकती,,,,,,,,,,,मेरी फीलिंग्स तुम्हारे लिए जाहिर हो ही जाती है”,गौरी ने कहा


“किया करो , हमे अच्छा लगता है जब तुम कहती हो कि तुम हमे पसंद करती हो,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“ओह्ह्ह्ह तो तुम चाहते हो मैं तुम्हारी तारीफ करू ?”,गौरी ने शरारत से मुस्कुराते हुए कहा


“हर लड़का चाहता है कि उसकी होने वाली पत्नी उसकी तारीफ करे,,,,,,,,हम भी चाहते है”,मुन्ना ने कहा
“तुम बहुत अच्छे हो,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
“और ?”,मुन्ना ने प्यार भरी नजरो से गौरी को देखते हुए कहा
“और तुम बहुत स्मार्ट भी हो इन्फेक्ट फॉर्मल कपड़ो में तुम ज्यादा हॉट लगते हो,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
“और ?”,मुन्ना ने एकटक गौरी को देखते हुए कहा


“तुम्हारी आँखों में एक अट्रेक्टशन है , जो मुझे तुम्हारी तरफ खींच लेती है फिर चाहे मैं तुमसे कितना भी नाराज रहूँ,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने गंभीरता से कहा
“थैंक्यू , और ?”,मुन्ना ने कहा
मुन्ना का यू एकटक देखना गौरी के दिल को धड़का रहा था उसने मुन्ना से नजरे हटाते हुए कहा,”और तुम बहुत समझदार , शांत और सिचुएशन के हिसाब से खुद को ढाल लेते हो,,,,,,!!”

“और,,,,,,,!!”,मुन्ना ने पूछा
गौरी एक बार फिर मुन्ना की आँखों में देखने लगी और कहा,”और जब तुम बोलते हो तो मुझे तुम्हे सुनना अच्छा लगता है , मैं तुम्हे पूरा दिन सुन सकती हूँ,,,,,,पर जब तुम खामोश होते हो तो तुम्हारी आँखे बात करती है।”
“और ?”,मुन्ना ने धीरे से अपनी पलकें झपका कर कहा
“और जब तुम मुझे ऐसे देखते हो तो मुझे समझ नहीं आता मैं तुमसे आगे क्या कहू ? मेरा दिल बहुत तेजी से धड़कने लगता है,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने खोये हुए स्वर में कहा


“और ?”,मुन्ना ने गौरी की उंगलियों को धीरे से अपनी उंगलियों से छूकर कहा
एक कम्पन्न गौरी को महसूस हुआ और उसने अपना हाथ पीछे खींचकर कहा,”और अगर तुम मुझे ऐसे ही देखते रहे ना तो मुझे तुम से फिर से प्यार हो जाएगा मान,,,,,,,,,,,,!!”


इस बार मुन्ना ने अपनी नजरें गौरी से हटा ली और धीरे धीरे हसने लगा। गौरी को समझ आ गया कि मुन्ना उसे परेशान करने के लिए जान बूझकर ऐसे सवाल कर रहा था
“तुम बहुत बुरे हो,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा और उठकर चली गयी


“अरे गौरी ! सुनो , हम बस मजाक कर रहे थे,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने गौरी के पीछे आते हुए कहा
गौरी एक पेड़ के नीचे आकर खड़ी हो गयी। वह गौरी के पास आया और कहा,”हम बस मजाक कर रहे थे,,,,,,,,,,,,तुम्हे बुरा लगा ?”
“तुम्हे पता है मैं तुम से नाराज नहीं हो सकती,,,,,,,,,,,लेकिन तुम्हे फिर भी मुझे मनाना होगा”,गौरी ने अपने हाथो को नचाते हुए कहा
“ऐसे माफ़ी मांगे तो हमे माफ़ करोगी ?”,मुन्ना ने अपने दोनों हाथ से दोनों कानों को पकड़ कर कहा


गौरी ने देखा ऐसा करते हुए मुन्ना बहुत प्यारा लग रहा था उसने मुन्ना के हाथो को नीचे किया और कहा,”अब ऐसे माफ़ी मांगोगे तो कोई भी माफ़ कर देगा,,,,,,,,,,,!!”
“अच्छा इस धागे को खींचो”,मुन्ना ने पेड़ से लटकते धागे की तरफ इशारा करके कहा


गौरी ने जैसे ही उसे खींचा बहुत सारे सफ़ेद फूलो की पंखुडिया उस पर और मुन्ना पर गिरने लगी। ये भी उस रिसोर्ट का एक थीम प्लान था जो मुन्ना ने गौरी के लिए प्लान करवाया था। गौरी का चेहरा खिल उठा वह ख़ुशी से कूदने लगी और मुन्ना प्यार नजरो से मुन्ना को देखने लगा।”

काशी अंजलि को साथ लेकर शक्ति के घर चली आयी। उसने डोरबेल बजायी दरवाजा शक्ति ने खोला और काशी के साथ अंजलि को देखकर थोड़ा सरप्राइज भी हुआ। शक्ति ने दोनों को अंदर आने को कहा। अंदर आकर अंजलि ने शक्ति के सामने अपना हाथ बढ़ाया और कहा,”हेलो जीजू ! काशी दी क्या मिल गयी आप तो मुझे भूल ही गए , भूलिए मत आपकी लव स्टोरी में सबसे इम्पोर्टेन्ट रोल मेरा ही था।”


“आपको हम कैसे भूल सकते है ? आप हमारी इकलौती साली साहिबा है,,,,,,,,,बताओ क्या पिओगी ? चाय कॉफी या बोर्नविटा ?”,शक्ति ने अंजलि को छेड़ते हुए कहा
“क्या जीजू मैं अब बच्ची नहीं हूँ जो बोर्नविटा पिऊँगी , आप काशी दी के साथ बैठो मैं खुद ही देख लेती हूँ आपके किचन में क्या है ?”,अंजलि ने शक्ति के घर में खुद से सहज होते हुए कहा और किचन की तरफ चली गयी
“वो थोड़ी पागल है , उसकी बातो पर ध्यान मत देना,,,,,,,,,!!”,काशी ने कहा


“प्यारी है , अच्छा ये बताओ माँ-पापा यही है या बनारस वापस चले गए,,,,,,,,,,?”,शक्ति ने पूछा
“नहीं ! सब यही है और कल सुबह बनारस जायेंगे,,,,,,,,,,,,,,शक्ति तुम्हे नहीं लगता तुम कुछ ज्यादा ही बिजी हो गए हो , मुन्ना भैया की सगाई के बाद तुम उनसे मिलने घर भी नहीं आये,,,,,,,,,पता है मुन्ना भैया और गौरी की शादी फिक्स हो गयी है और हमारी भी,,,,,,,,,,,यही बताने के लिए तो हम तुम्हे घर बुला रहे थे”,काशी ने एक साँस में सब कह डाला


शक्ति ने काशी की बाँहो को थामा और गंभीरता से कहने लगा,”हमारी बात ध्यान से सुनो काशी , बीते कुछ दिनों से हम एक बहुत बड़े केस में व्यस्त थे और अब हम उसके आखरी पड़ाव पर है। इस केस के लिए हमने जितनी मेहनत की है वो सिर्फ हम जानते है काशी,,,,,,,,,,,हमारे पास सिर्फ आज की रात है उसके बाद उन लोगो का सच सबके सामने आ जायेगा। हमे नहीं पता इसका अंजाम क्या होगा काशी ?

हो सकता है इसके बाद हमारी नौकरी चली जाये या हम DCP ना रहे , हो सकता है उन सबके साथ हमे भी जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़े क्योकि हमने एक क्रिमिनल को अपने घर में कैद रखा या हो सकता है हम हमेशा हमेशा के लिए तुम से दूर,,,,,,,,,,,,,,,,!”


शक्ति इतना ही कह पाया कि काशी ने उसके मुंह पर अपना हाथ रखा और उसे आगे बोलने से रोकते हुए कहा,”ऐसा नहीं होगा शक्ति ,, हम तुमसे प्यार करते है तुम्हारी पोस्ट और नौकरी से नहीं , हम जानते है तुमने कुछ गलत नहीं किया होगा इसके बाद भी अगर ये सब तुम से छीन जाता है तब भी हम तुम्हारे साथ रहेंगे,,,,,,,,,,,,,हमारे लिए बस तुम्हारा होना जरुरी है शक्ति,,,,,,,,,,,,!!”


शक्ति ने सुना तो उसके मन का बोझ जैसे एकदम से उतर गया। वह ये सोचकर परेशान हो रहा था कि काशी उसके हालात समझेगी या नहीं , लेकिन काशी ने बहुत ही समझदारी से शक्ति का इस मुश्किल समय में हाथ थाम लिया। काशी की आँखों में अपने लिए प्यार और शब्दों में विश्वास देखकर शक्ति ने उसके चेहरे को अपने हाथो में लिया और उसका ललाट चूमकर कहा,”हम बहुत किस्मत वाले है काशी जिसे तुम मिली , तुम हमे समझती हो बस हमारे लिए इतना ही काफी है।”


”लगता है मैं गलत टाइम पर आ गयी,,,,,,,,,,,!!”,अंजलि ने किचन से बाहर आकर वापस पलटते हुए कहा जब उसने शक्ति और काशी को एक दूसरे के करीब देखा।  

शक्ति काशी से दूर हटा और अंजलि से कहा,”ऐसा कुछ नहीं है तुम आ सकती हो,,,,,,,,,,,,!!”
अंजलि वापस आयी और कहा,”वैसे किचन में मुझे कुछ खास तो नहीं मिला लेकिन फिर भी मैं अपने लिए कॉफी बनाने जा रही हूँ , आप दोनों लेंगे”
“हम पीना चाहेंगे,,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने कहा
“हम भी,,,,,,,,,,,!”,काशी ने भी मुस्कुरा कर कहा तो अंजलि वहा से चली गयी।


शक्ति काशी को और बाते बताकर परेशान करना नहीं चाहता था इसलिए उसे सोफे पर बैठने को कहा और खुद दूसरे सोफे पर बैठकर उस से बातें करने लगा। बातो बातो में काशी एकदम से सीरियस हो गयी और कहा,”शक्ति ! माँ और पापा चाहते है कि मुन्ना भैया-गौरी की शादी के साथ हमारी शादी भी हो जाये,,,,,,तुम्हे कोई ऐतराज तो नहीं है , वो तुम से पूछे बिना ही हमने हाँ कह दिया,,,,,,,,,!!”
शक्ति गंभीरता से एकटक काशी को देखते रहा जिस से काशी के मन की उलझन और बढ़ गयी और उसने कहा,”तुम हमे ऐसे क्यों देख रहे हो ? क्या तुम हम से शादी करना नहीं चाहते,,,,,,,,,,,,!!”


“तुम कहोगी तो हम कल तुम से शादी कर लेंगे काशी,,,,,,,,,,,,शादी इम्पॉर्टन्ट नहीं है तुम्हारा हमारे साथ होना इम्पोर्टेन्ट है,,,,,,,,,,,,,हमे कोई ऐतराज नहीं है”,शक्ति ने कहा
काशी ने सुना तो ख़ुशी से मुस्कुरा उठी तभी अंजलि की आवाज दोनों के कानो में पड़ी,”इस ख़ुशी के मौके पर क्यों ना ये मीठी मीठी कॉफी हो जाये,,,,,,,,,!!”
“इसका मतलब तुम सब सुन रही थी,,,,,,,,,!!”,काशी ने अंजलि को घूरते हुए कहा


“ना बाबा ना गंगा मैया की कसम मैंने कुछ नहीं सूना सिवाय जीजू की लास्ट लाइन के,,,,,,,,,,,,हमे कोई ऐतराज नहीं,,,,,,,,,,,हाउ स्वीट ना जीजू”,अंजलि ने अपना कप लेकर काशी के बगल में बैठते हुए कहा
“अच्छा मतलब सिर्फ शक्ति स्वीट है हम नहीं ?”,काशी ने झूठ-मुठ का नाराज होते हुए कहा
“अरे आप तो डबल स्वीट हो,,,,,,,,,!!”,अंजलि ने काशी को साइड हग करके कहा और तीनो हँसते बातें करते कॉफी पीने लगे।

आज शिवम् और बाकि सबका इंदौर में आखरी दिन था कल सुबह उन्हें बनारस वापस जाना था इसलिए सबने बाहर खाने का प्लान बनाया। आई तो घूमने के नाम से ही खुश हो गयी और आई के साथ साथ मुरारी की ख्वाहिश भी पूरी हो गयी बेचारा जब से इंदौर आया था तब से बंधा बंधा घुम रहा था।
अधिराज जी के घर दो बड़ी गाड़िया खड़ी थी। मुरारी ने तय किया कि सभी बोरिंग लोग एक गाड़ी में जायेंगे और बाकि एक गाड़ी में,,,,,,,,,,,उसके हिसाब से शिवम् , अधिराज जी , बाबा , सारिका और अम्बिका जी गंभीर लोग थे इसलिए मुरारी ने उन्हें एक साथ एक गाडी में रवाना कर दिया।

गाड़ी अधिराज जी चला रहे थे और बाबा उनकी बगल में। सारिका खुश थी उसे अपनी माँ के साथ वक्त बिताने का मौका मिल गया और बाबा और अधिराज जी का रिश्ता तो पहले से भी दोस्ती वाला था वे भी ख़ुशी ख़ुशी उसी गाड़ी में चले गए।
मुरारी के चेहरे पर विजयभरी मुस्कान थी ये देखकर आई ने कहा,”का रे मुरारी ! जे फुलझड़ी के जैसे तुम्हारा चेहरा इत्ता काहे चमक रहा है अब का कांड किये हो ?”


“अरे हम का अपने नाम के आगे कांडी लगाकर घूमते है जो हर बख्त कांड ही करेंगे , हम तो इहलिये खुश है कि हम सब एक गाड़ी से चलेंगे,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“चलेंगे तो तब ना मुरारी , जब हम गाड़ी में बैठेंगे,,,,,,,,,!!”,अनु ने आकर कहा
गुलाबी रंग की झीनी साड़ी में अनु बहुत ही सुंदर लग रही थी मुरारी ने देखा तो बस देखता ही रह गया और धीरे से बड़बड़ाया,”कहा लग रही हो मतलब महंगी वाली स्टॉबेरी लग रही हो कसम से,,,,,,,,,,,,,,!!”
“का मुरारी अपनी ही मेहरारू को छेड़ रहे हो , कोनो लाज शरम है की नाही ?”,आई ने मुरारी को सुनाते हुए कहा और गाडी में जा बैठी


“अच्छा होता इनको भी उसी गाड़ी में भेज देते रास्ते भर हमाये कानों में गेंहू बोएंगी जे”,बडबडाते हुए मुरारी ड्राइवर सीट पर आ बैठा और जैसे ही गाड़ी स्टार्ट की बगल वाली सीट पर वंश आकर बैठ गया।
“ओह्ह्ह भैया तुम किधर ? तुमहू तो साथ नहीं जा रहे थे,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“आप सब लोग जा रहे है तो मैं यहाँ अकेला क्या करूंगा बोर हो जाऊंगा ना,,,,,,,,,,,अब चलो देर हो रही है”,वंश ने कहा


मुरारी वंश को साथ देखकर हैरान था लेकिन अनु , आई और राधिका बहुत खुश थी। राधिका के पति की तबियत थोड़ी खराब थी इसलिए वे भोला के साथ घर में ही रुक गए।
गाड़ी में कोई पुराना गाना चल रहा था जिसे सुनकर वंश ने कहा,”क्या बोरिंग गाना चला रखा है कुछ ढंग का लगाओ ना,,,,,,,,,!!”
“वंशवा उह गाना लगाओ “तोहरा राजा जी के दिलवा टूट जाही”,पीछे बैठी आई ने कहा
 मुरारी ने सुना तो गाड़ी को एकदम से ब्रेक मारा बेचारी आई , अनु और राधिका तीनो आगे गिरते गिरते बची

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