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Main Teri Heer – 77

Main Teri Heer – 77

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4

निशि ने सुना तो उसे एक झटका लगा , वह आगे पढ़ना नहीं चाहती थी बल्कि उसे वंश के साथ सीरीज में काम करना था। उसने नवीन की तरफ देखा और कहा,”डेड मैं कुछ और करना चाहती हूँ”
“कुछ और क्या निशि ?”,नवीन ने पूछा
“मैं सीरीज में काम करना चाहती हूँ , मेरे पास ऑफर भी आया हुआ है मुंबई जाकर उसी की शूटिंग पर जाना है,,,,,,,,!”,निशि ने कहा


नवीन ने सुना तो कुछ देर खामोश रहा और कहा,”निशि ये सब ख्याल उस वंश ने तुम्हारे दिमाग में डाले है , वंश के पास किसी चीज की कमी नहीं है वह अपना पैसा और वक्त इन चीजों में बर्बाद कर सकता है लेकिन तुम्हे पढाने और तुम्हारा भविष्य अच्छा बनाने के लिए मैंने बहुत मेहनत की है और मैं अपनी मेहनत इन सब में बर्बाद नहीं कर सकता। तुम आगे पढ़ाई नहीं करना चाहती कोई बात नहीं मैं तुम्हे फ़ोर्स नहीं करूँगा,,,,,,,,,,,!!”


नवीन की बात सुनकर निशि मुस्कुराई लेकिन अगले ही पल उसकी मुस्कराहट उदासी में बदल गयी जब नवीन ने कहा,”अगर तुम्हे पढाई नहीं करनी तो फिर तुम्हारे पास दो ऑप्शन है , या तो नौकरी करो या फिर शादी कर लो,,,,,,,,,!!”
“डेड ये,,,,,,,,,,!!”,निशि ने चौंकते हुए कहा
“नवीन ये क्या कह रहे हो तुम ? शादी और इतनी जल्दी,,,,,,,,,,!!”,मेघना ने कहा
“हाँ मेघना मैंने कुछ गलत कहा क्या ? काशी भी निशि की हमउम्र ही है और देखो इस दिवाली उसकी शक्ति से शादी होने जा रही है।”,नवीन ने कहा


“नवीन लेकिन वो उनका निजी मामला है और फिर काशी शक्ति को पसंद करती है ,, पर निशि , उसके साथ तो ऐसा कुछ भी नहीं है फिर ऐसे शादी,,,,,,,,,,,,!!”,मेघना ने बेचैनी भरे स्वर में कहा
“मेघना मैंने नौकरी का ऑप्शन भी रखा है , निशि को तय करने दो उसे क्या करना है ?”,नवीन ने कहा
निशि तो बेचारी सदमे में थी कहा वो वंश के साथ सीरीज में काम करने का सपना देख रही थी और नवीन ने एक झटके में सब सपनो को चूर चूर कर दिया।


नवीन उठा और वहा से चला गया। मेघना भी परेशान सी निशि को देखने लगी वह समझ नहीं पा रही थी आखिर निशि नवीन के सामने वंश के लिए अपनी भावनाओ को जाहिर क्यों नहीं कर पा रही ?

“मेरा पर्स इधर दो निशि,,,,,,,,,,,!!”,वंश निशि के पीछे भागते हुए चिल्लाया
“बिल्कुल नहीं ! आज तो मैं देखकर रहूंगी तुमने इसमें किसकी तस्वीर रखी है,,,,,,,,,,,,,,आज तुम्हारा सीक्रेट रिवील होने वाला है।”,निशि ने वंश के आगे भागते हुए कहा
“ए छिपकली मेरा पर्स दो तुम्हे कसम है अगर तुमने उसे खोला,,,,,,,,!!”,वंश ने निशि को पकड़ते हुए कहा लेकिन निशि उसके चंगुल से निकल कर फिर आगे भाग गयी


“स्टेच्यू,,,,,,!”,निशि ने पलटकर कहा तो वंश निशि से कुछ दूर रुक गया
निशि ने पर्स वंश को दिखाकर कहा,”अगर मैं देख लुंगी तो क्या हो जाएगा ?”
कहते हुए उसने पर्स खोला और उसमे रखी तस्वीर को देखा तो उसकी आँखों में ख़ुशी की चमक दिखाई देने लगी और गाल गुलाबी हो उठे। वंश के पर्स में किसी और की नहीं बल्कि निशि की तस्वीर थी। निशि वंश के सामने आयी और प्यार से कहा,”तुमने मेरी तस्वीर रखी है ?”


वंश निशि के स्टेच्यू को तोड़कर निशि के करीब आया और उसकी कमर में हाथ डालकर उसे अपनी तरफ खींचा। निशि के जिस हाथ में वंश का पर्स था वो हाथ वंश के सीने से आ लगा और वह वंश की आँखों में देखने लगी। उसका दिल जोरो से धड़क रहा था।
वंश ने निशि की आँखों में देखा और कहा,”मर्द अपने पर्स में सिर्फ अपनी पसंदीदा औरत की तस्वीर रखता है”
निशि ने सुना तो ख़ुशी से झूम उठी उसका दिल किया अभी वंश के गले लग जाये लेकिन खुद को रोक लिया और शरारत से कहा,”तो क्या मैं तुम्हारी पसंदीदा औरत हूँ ?”  


वंश ने निशि को छोड़ा और उसके माथे पर धीरे से चपत लगाकर कहा,”तुम बस पागल हो”
कहकर वंश जाने के लिए पलट गया लेकिन निशि को आज खुद पर घमंड हो रहा था और वंश पर बहुत प्यार आ रहा था। वह दौड़कर वंश की पीठ पर चढ़ गयी और वंश मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गया।
“धड़ाम,,,,,,,,,,!!”,वंश जैसे ही पलटा एकदम से बिस्तर से नीचे आ गिरा। वह उठा , उसने इधर उधर देखा तो पाया वह कमरे में है और निशि कही भी नहीं है  

 वंश बस एक खूबसूरत सपना देख रहा था जो कि हकीकत से कोसो दूर था। उसने अपना सर सहलाया और मुस्कुराते हुए कहा,”कितना प्यारा सपना था,,,,,,,,,!!”
अगले ही पल वंश के होंठो की मुस्कान गायब हो गयी और उसने कहा,”लेकिन मैं उस छिपकली की तस्वीर अपने पर्स में नहीं रखूंगा,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह बल्कि उसे मजबूर करूंगा वो मेरी तस्वीर अपने पर्स में रखे,,,,,,,,,,,,,आखिर मर्द भी तो प्रिंस ट्रीटमेंट डिजर्व करते है तो मैं बनुगा निशि का पसंदीदा मर्द,,,,,,,,हम्म्म लेकिन वो छिपकली है कहा ? आने के बाद से मैंने एक बार भी उसकी आवाज नहीं सुनी,,,,,,,,,,,!!”


कहते हुए वंश उठा और चार्जिंग में लगे अपने फोन को निकाला और देखा तो पाया निशि के कई सारे मैसेज आये हुए थे। वंश बिस्तर पर आ बैठा और जल्दी से मैसेज देखे। निशि के भेजे हुए मैसेज देखकर वंश के चेहरे पर परेशानी के भाव तैरने लगे। निशि वापस जा रही थी। उसने दिवार पर लगी घडी में देखा जो कि शाम के 4.30 समय दिखा रही थी। आधे घंटे बाद निशि की ट्रेन थी और वंश के पास वक्त बहुत कम था।


उसने अपना फोन साइड में रखा और उठकर बाथरूम में आया उसने जल्दी जल्दी मुंह धोया और बाहर आकर पोछते हुए खुद में ही बड़बड़ाया,”कही वो फिर से मुझे गलत ना समझ ले,,,,,,,,,एक तो जब भी निशि वापस जाती है मैं सो क्यों जाता हूँ ? लास्ट टाइम वाली गलतफहमी दूर करने में ही मुझे कितना टाइम लग गया था इस बार ऐसा कुछ हुआ तो पूरी जिंदगी ही लग जाएगी,,,,,,,,,,,,,मुझे जल्दी निकलना होगा।”
वंश ने कपडे भी नहीं बदले उसने शॉर्ट्स और टीशर्ट पहन रखी थी। उसने अपने बालों में हाथ घुमाया और अपना फोन लेकर बाहर चला आया।

“भोला भैया बाइक की चाबी दीजिये,,,,,,,,!!”,वंश ने भोला के पास आकर कहा
“बाइक तो छोटे दामाद जी लेकर चले गए,,,,,,,,,,,!!”,भोला ने कहा
“तो गाड़ी की चाबी दीजिये,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“गाड़ी मुन्ना बाबा लेकर चले गए,,,,,,,!!”,भोला ने कहा
“अरे तो कोई चाबी तो होगी ?”,वंश ने झुंझलाकर कहा


“नहीं वंश बाबा,,,,,,,,,,,,!!”,भोला ने कहा और अपने काम में लग गया। वंश ने घडी में वक्त देखा , वक्त बहुत जल्दी गुजर रहा था। सारिका , अनु और शिवम् बात करते हुए हॉल में आये उन्होंने वंश को परेशान देखा और जब घर के कपड़ो में बाहर जाते देखा तो सारिका ने कहा,”वंश कपडे तो बदल लेते,,,,,,,!!”

“माँ अभी मैं थोड़ा जल्दी में हूँ आपसे बाद में मिलता हूँ,,,,,,,!!”,वंश ने जाते हुए कहा
सारिका उसके पीछे आयी और कहा,”लेकिन तुम जा कहा रहे हो ?”
“स्टेशन एक दोस्त को बाय बोलने,,,,,,,!”,वंश ने कहा और सामने से निकलते ऑटो में बैठकर चला गया
वंश ने स्टेशन जाने की बात इतनी जोर से कही कि अंदर खड़े शिवम् और अनु ने भी सुन लिया।

अनु ने अपनी कोहनी शिवम् के कंधे पर लगाते हुए कहा,”जीजू ! आपको नहीं लगता ये दोस्त कुछ ज्यादा ही खास हो गयी है वंश की जिंदगी में,,,,,,,,,,,,?”
“वंश हमे कुछ बदला बदला नजर आ रहा है अनु,,,,,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने कहा
“लगता है बाबा की ख्वाहिश पूरी करने का वक्त आ गया है,,,,,,,!!”,अनु ने कहा
शिवम् अनु की तरफ पलटा और कहा,”अरेंज मैरिज वाली ?”


अनु ने ख़ुशी से हाँ में सर हिलाया तो शिवम् ने उसके माथे पर एक चपत लगाकर कहा,”कुछ भी कहती हो,,,,,,,,,,,!!”
शिवम् चला गया तो अनु ने उसके पीछे जाते हुए कहा,”अरे जीजू मैं सच कह रही हूँ , हम चाहे तो वंश की इस पसंद को अरेंज मैरिज बना सकते है,,,,,,,,,,,,,,,,,निशि बहुत अच्छी लड़की है और मुझे तो बहुत पसंद भी है,,,,,,,,,,,जीजू सुनिए ना”

ऑटो में बैठा वंश बेचैनी से बार बार अपने फोन को देख रहा था। उसने निशि को फोन भी किया लेकिन निशि का नंबर आउट ऑफ़ रीच था। वंश ने ऑटोवाले से जल्दी चलने को कहा और वह बार बार फोन में वक्त देख रहा था। अब वंश को किसी चीज की जल्दी हो और गड़बड़ ना हो ऐसा भला हो सकता है क्या ? ऑटो जैसे ही कुछ दूर आया ट्रेफिक में फंस गया। वंश ने देखा आस पास कई सारी गाडिया थी और ट्रेफिक क्लियर होने में वक्त लगना था। उसने बाहर निकलकर देखा सड़क के उस पार कुछ बाइक्स थी जो आसानी से निकल रही थी।

वंश ने ऑटो वाले को किराया दिया और गाड़ियों के बीच से निकलकर सड़क के उस पार चला आया। वह बगल से निकलती बाइक के पीछे बैठा और कहा,”भाई प्लीज यार स्टेशन पहुंचना है बहुत अर्जेन्ट है प्लीज प्लीज प्लीज हेल्प कर दो,,,,,,,,,,,,!!”


लड़के ने पलटकर वंश को देखा और कहा,”अरे भैया आप ! याद है पिछली बार भी मैंने आपकी मदद की थी,,,,,,,,,,,!!”
“अरे यार तुम जान पहचान बाद में निकाल लेना अभी चलो प्लीज,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने उसकी पीठ पर मारते हुए कहा लड़के ने बाइक आगे बढ़ा दी।

बाइक चलाते हुए लड़के ने वंश से कहा,”वैसे भैया आपसे एक बात पूछे,,,,,,,,,,,आप हर बार परेशान ही रहते है इस बार क्या हुआ ?”
“अरे यार वो निशि,,,,,,,,,,,वो वापस मुंबई जा रही है और मैं उस से मिल नहीं पाया,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“ओह्ह्ह्ह प्यार का मामला है , आप उस से मिल नहीं पाए इसलिए आपको बुरा लग रहा होगा ना,,,,,,,,,,,,,,!!”


वंश ने सुना तो गुस्से से कहा,”अरे घंटा प्यार का मामला है , लास्ट टाइम बनारस में मैं उसे बाय बोलने नहीं आया था 3 महीने मेरी जिंदगी में तांडव किया है उसने पूछो मत , उसको मनाते मनाते मेरा मेल ईगो घास चरने चला गया। इस बार ऐसा कुछ किया तो वो मेरा खून ही कर देगी,,,,,,,,,,,,!!”

लड़का हंसा और कहा,”अरे भैया मर्द ना हमेशा अपनी पसंदीदा औरत से ही डरता है , अब मुझे ही देख लो मेरी गर्लफ्रेंड,,,,,,,,,,,,!!”
“तुम अपनी गर्लफ्रेंड की कहानी मुझे बाद में सुनाना जल्दी चलो वो चली जाएगी,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“अरे ऐसे कैसे चली जाएगी ?  भाभी है हमारी ऐसे थोड़े जाने देंगे,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए लड़के ने बाइक की स्पीड को बढ़ाया और आगे बढ़ गया।

“निशि अपना सामान उठाओ और चलो,,,,,,,,,,,!!”,नवीन ने अपना बैग उठाते हुए कहा। निशि ने सामने देखा तो पाया ट्रेन आ चुकी थी। वह उठी और अपना बैग लेकर ट्रेन के पास चली आयी। नवीन ने अपना बैग अपनी सीट पर रखा और मेघना निशि के बैग भी रखने चला गया। मेघना ट्रेन में चढ़ी और पलटकर पीछे देखा इस उम्मीद में कि काश वंश उसे दिख जाए। वंश उसे कही दिखाई नहीं दिया तो निशि मायूसी से पलटकर जैसे ही जाने लगी उसके कानो में वंश की आवाज पड़ी।


निशि ने ख़ुशी से पलटकर देखा तो पाया सामने से भागते हुए वंश आ रहा है। जैसे ही वंश उसके सामने आया निशि ने अपने चेहरे के भावो को बदल लिया।
“ए ! तुम मुझसे मिले बिना क्यों चली आयी ? और तुम वापस मुंबई क्यों जा रही हो ? कल सुबह हम सब साथ में चलते ना,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने हांफते हुए कहा
“मिले बिना ? मैंने तुम्हे कितने मैसेज किये तुमने एक का भी जवाब दिया ?”,निशि ने गुस्से से अपनी कमर पर हाथ रखकर कहा


“अरे तो मैं सो रहा था और मैसेज देखा तो भागकर आया ना तुम्हारे लिए,,,,,,,,,,लेकिन तुम ऐसे कैसे जा सकती हो ?”,वंश ने मायूस होकर कहा
निशि ने वंश को देखा वह शॉर्ट्स और टीशर्ट में खड़ा था और पैरो में क्रोकस पहने थे।
“मुंबई तो वापस जाना पडेगा ना वंश,,,,,,,,,,और फिर वहा हम मिलेंगे ही,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने कहा
“हाँ लेकिन,,,,,,,,,मैं तुम्हे कैसे समझाऊ ?”,वंश ने कहा


“क्या ?”,निशि ने पूछा
“अरे यही कि अब कल सुबह तक मैं यहाँ क्या करूंगा ? तुम मेरे बिना जा रही हो मुझे ये अच्छा नहीं लग रहा”,वंश ने कहा
वंश के दिल की बात जानकर निशि को बहुत ख़ुशी हुई लेकिन उसने उस ख़ुशी को अपने चेहरे पर आने नहीं दिया और कहा,”ये तुम्हे तब सोचना चाहिए था जब तुम सो रहे थे,,,,,,,,,,,,!!”
“क्या तुम रुक नहीं सकती ?”,वंश ने आस भरे स्वर में कहा


“मैंने ऐसा किया तो डेड मुझे मार डालेंगे,,,,,,,,,,,,,वैसे भी वो तुमसे चिढ़े हुए है”,निशि ने कहा
“अरे तुम्हारे बाप की तो,,,,,,,,,,,,,उसको हम दोनों से क्या प्रॉब्लम है ?”,वंश ने गुस्से से कहा
“ए वो मेरे डेड है,,,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने वंश को ऊँगली दिखाकर कहा
“हाँ हाँ पता है , एक बेटी है जो मेरी फीलिंग्स समझती नहीं है और एक बाप है जो बेटी को दूर लेकर जा रहा है”,वंश बड़बड़ाया


“निशि,,,,,,,,,,अंदर आ जाओ ट्रेन चलने वाली है”,नवीन की आवाज निशि के कानों में पड़ी तो उसने वंश से कहा,”डेड बुला रहे है मुझे जाना होगा,,,,,,,,,,!!”
वंश को निशि का जाना अच्छा नहीं लग रहा था उसने एकदम से निशि का हाथ पकड़ लिया और ट्रेन में चढ़ गया। ट्रेन धीरे धीरे चलने लगी निशि ने देखा तो कहा,”वंश क्या कर रहे हो ? ट्रेन चल रही है नीचे उतरो,,,,,,,!!”
“क्या तुम मुझे पसंद करती हो ?”,वंश ने सीरियस होकर पूछा


“क्या ? ये सब पूछने का ये सही वक्त नहीं है ट्रेन से नीचे उतरो”,निशि ने कहा
वंश ने निशि को अपने करीब किया और कहा,”निशि do you like me ?”
बेचारी निशि कहे तो क्या कहे ? वह ना बोलना चाहती थी लेकिन उसके दिल ने उसका साथ नहीं दिया और उसने धीरे से अपना सर हां में हिला दिया। एक प्यारी सी मुस्कान वंश के होंठो पर तैर गयी
वह ट्रेन से नीचे उतरा और साथ चलते हुए कहा,”कह देना अपने बाप से मैं नहीं जाने वाला तुम्हारी जिंदगी से,,,,,,,,,,,,,!!”


निशि हसने लगी और कहा,”तुम पागल हो गए”
वंश ने निशि को दरवाजे पर आने को कहा , ट्रेन अभी भी धीमी रफ्तार में आगे बढ़ रही थी निशि दरवाजे पर आयी तो वंश ने उसे झुकने का इशारा किया। वंश कुछ कहना चाहता है सोचकर निशि झुकी तो वंश ने निशि के गाल को अपने होंठो से छू लिया और हाथ हिलाते हुए पीछे हट गया। एक प्यारा सा अहसास जो निशि इस वक्त महसूस कर रही थी सिर्फ वही जानती थी।

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