Sanjana Kirodiwal

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“मैं तेरी हीर” – 60

Main Teri Heer – 60

Main Teri Heer
Main Teri Heer

वंश सबके साथ सेल्फी लेने लगा और ऐसा करते हुए वह जान बूझकर गौरी की तरफ चला आया। कुछ देर बाद मुरारी और अनु भी चले आये। काशी ने अपनी दोस्तों को उनसे मिलवाया। अनु से सब पहले ही मिल चुकी थी लेकिन मुरारी से पहली बार मिल रही थी। गौरी को मुरारी बड़ा पसंद आया उसकी हंसी मजाक से भरी बातें और उसका बनारसी टोन। सभी बाते कर ही रहे थे की दीना ने आकर कहा,”मुरारी भैया लड़के वाले आ गए , शिवम् भैया ने आपको बुलाया है”
“हाँ हाँ चलो”,कहते हुए मुरारी वहा से चला गया। अनु काशी की तरफ आयी और कहा,”बहुत प्यारी लग रही हो , वैसे मैंने सोचा नहीं था तुम इतनी जल्दी लड़का देखने के लिए तैयार हो जाओगी”
“क्या मौसी ?,,,,,,,,,बहुत घबराहट हो रही है”,काशी ने अपनी उंगलियों को तोड़ते मरोड़ते कहा
“अरे ऐसा सबके साथ होता है , चलो आओ”,अनु ने कहा और सभी सारिका के कमरे में चली आयी। शिवम् मुरारी और घर के सभी बड़े लड़के वालो की खातिरदारी में लग गए। वंश भी वही चला आया। बैठक में आई-बाबा , अंजलि के पापा , शिवम् , मुरारी और वंश मौजूद था। लड़के के साथ उसके मम्मी पापा थे। उन्होंने अच्छे कपडे पहने थे और बातें भी वो काफी अच्छी कर रहे थे। शिवम् ने लड़के से कुछ बातें की लड़के की बातों से वह शिवम् को काफी समझदार लगा। बाबा ने लड़के वालो के सामने काशी की आगे की पढाई की बात रखी तो उन्होंने ख़ुशी ख़ुशी हाँ कर दी , पूरा परिवार ही नोयडा में रहता था और उन्हें काशी की पढाई और नौकरी करनी से कोई ऐतराज नहीं था। चाय नाश्ते के बाद लड़के के पापा ने शिवम् से कहा,”अगर आप इजाजत दे तो हम आपकी बिटिया से मिलना चाहेंगे”
“अरे बिल्कुल इसमें इजाजत जैसा क्या है ?”,कहते हुए शिवम् ने वंश की तरफ देखा वंश समझ गया और बैठक से बाहर चला गया।
“राधिका भुआ काशी को बुला रहे है”,वंश ने सारिका के कमरे में आकर कहा ये सुनते ही काशी की धड़कने और घबराहट दोनों बढ़ गयी। उसने रोनी सी शक्ल बनाकर अनु की तरफ देखा तो अनु ने उसके हाथ पर हाथ रखा और धीरे से कहा,”घबराओ मत सब अच्छा होगा”
“आंटी अगर आप कहे तो मैं काशी को लेकर जाऊ ?”,गौरी ने कहा
“हाँ बेटा जरूर”,सारिका ने कहा तो गौरी काशी को लेकर वहा से निकल गयी। पीछे पीछे वंश भी चला आया। काशी के साथ चलते हुए गौरी ने फुसफुसाते हुए कहा,”मुझे तुम्हारे घर के रूल्स नहीं पता लेकिन कोशिश करना की तुम्हे लड़के से अकेले में बात करने का मौका मिले। घरवालों से अच्छा है तुम डायरेक्ट लड़के से ही बात करो तो सब शार्ट आउट हो जाएगा”
“हम्म्म”,काशी ने धीरे से कहा और हाँ में अपनी गर्दन हिला दी। गौरी काशी को लेकर बैठक में आयी लड़के ने जैसे ही काशी को देखा बस देखता ही रह गया। मुरारी ने देखा तो उठकर काशी के पास आया और उसे अपने साथ लेकर सोफे की तरफ बढ़ते हुए कहा,”जे है हमारी काशी बिटिया”
“नमस्ते,,,,,,,,,!”,काशी ने सबको नमस्ते किया और एक नजर लड़के को देखा लड़का उसे ही देख रहा था।
“बैठो बेटा”,लड़के की माँ ने कहा तो काशी बिल्कुल उनके सामने पड़े सोफे पर आ बैठी। गौरी को वहा रुकना ठीक नहीं लगा इसलिए वह बैठक से बाहर आ गयी। अंदर ना जाकर वह बाहर घर के बरामदे में चली आयी और बड़बड़ाने लगी,”घर में सब मौजूद है लेकिन काशी का भाई नहीं है जो हम सबको सुबह स्टेशन लेने गया था। कही ऋतू की बातो से हर्ट तो नहीं हो गया वो,,,,,,,,,,,,,,,,,,हम्म्म हो भी सकता है , वैसे मैं उसे पहचान क्यों नहीं पाई ?”
“किसी का इंतजार कर रही हो ?”,वंश ने गौरी के बगल में आकर सामने देखते हुए कहा
“नहीं मैं क्यों किसी का इंतजार करुँगी ?”,गौरी ने पूछा
“वैसे मैं तुमसे नाराज हूँ”,वंश ने खुद से ही अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा
“हाँ एक्चुली मैं भी तुमसे यही पूछना चाहती थी क्यों ? उस दिन इंदौर में तो तुम मुझसे काफी अच्छे से बात कर रहे थे फिर अचानक से तुम्हे क्या हुआ ?”,गौरी ने वंश की तरफ पलटते हुए कहा
“क्या तुम्हे सच में नहीं पता ?”,वंश ने कुढ़ते हुए पूछा
“क्या ?”,गौरी ने भी हैरानी से पूछा क्योकि उसे नहीं पता था वंश किस बारे में बात कर रहा है , अगले ही पल गौरी की नजर दरवाजे की तरफ गयी जहा से काशी और वह लड़का निकलकर जा रहे थे। गौरी ने देखा तो उसने कहा,”ओके इस बारे में हम लोग बाद में बात करेंगे”
“लेकिन,,,,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा लेकिन तब तक गौरी जा चुकी थी।
पीछे खुले आँगन में दो कुर्सियां रखी हुई थी और एक टेबल पर चाय के कप भी ताकि काशी और लड़का दोनों वहा बैठकर बात कर सके। लड़का और काशी वहा आकर बैठे। लड़के ने घर को देखा और कहा,”आपका घर बहुत खूबसूरत है”
काशी ने अपनी बड़ी बड़ी पलकें उठाकर पहली बार लड़के को ध्यान से देखा। लड़का दिखने में काफी अच्छा था। काशी ने उसकी तरफ देखा तो लड़के ने मुस्कुरा उठा और कहा,”आप अगर कुछ पूछना चाहे तो पूछ सकती है”
“हम्म्म्म”,काशी ने कहा लेकिन पूछा कुछ नहीं दोनों काफी देर तक खामोश बैठे रहे। वही कुछ दूर दिवार की आड़ में खड़ी गौरी देखने की कोशिश कर रही थी की काशी उस लड़के से कुछ कह पाती है या नहीं। बाकि सब घरवाले व्यस्त थे वंश ने गौरी को देखा तो उसके पास चला आया और कहा,”यहाँ क्या कर रही हो तुम ?”
“श्श्श्श , आवाज मत करो”,गौरी ने कहा
“लेकिन तुम यहाँ कर क्या रही हो ?”,वंश ने भी गौरी के बगल में खड़े होकर काशी और अपने ना होने वाले जीजा की तरफ देखकर पूछा
“काशी यहाँ उस लड़के से बात करने आयी है लेकिन ये दोनों बात क्यों नहीं कर रहे है ?”,कहते हुए गौरी ने अपनी कोहनी वंश के कंधे पर टिका दी और नाख़ून चबाने लगी। अपने कंधे पर गौरी की कोहनी देखकर वंश को अच्छा लग रहा था। जब उसने गौरी के चेहरे की तरफ देखा तो इस वक्त वह उसे कुछ ज्यादा ही प्यारी लगी। वह एकटक गौरी को देखता रहा , एक मीठा सा अहसास उसे छूकर गुजर रहा था जो की आज से पहले किसी लड़की को देखकर नहीं हुआ था।
कुछ देर बाद ही मुन्ना की आवाज दोनों के कानो में पड़ी,”इस तरह छुपकर किसी की बातें सुनना गलत है”
मुन्ना की आवाज सुनते ही दोनों पलटे मुन्ना को वहा देखकर गौरी खिंसिया गयी वह कुछ बोलती इस से पहले ही वंश ने कहा,”तूने आने में इतनी देर क्यों लगा दी ? पता है लड़के वाले कबके आ चुके है”
“वो हमे थोड़ा काम था , तुम दोनों चलो यहाँ से उन्हें बात करने दो”,मुन्ना ने सहजता से कहा हालाँकि गौरी से नजरे मिलाना नहीं चाह रहा था। गौरी ने देखा लाइट फॉर्मल पेंट और डार्क शर्ट , दाढ़ी ट्रिम कर चुका था , बालो को अच्छे से बनाया हुआ था , पैरो में फॉर्मल जूते और हाथ में घडी। मुन्ना का ये नया रूप देखकर गौरी तो उसे देखते ही रह गयी। सुबह उसने जिस मुन्ना को देखा था वह अब बहुत अलग लग रहा था और हेंडसम भी जैसा की प्रिया ने कहा था।
गौरी को अपनी ओर देखते पाकर मुन्ना ने खाँसने का नाटक किया तो गौरी की तंद्रा टूटी। मुन्ना ने वंश को देखा और वहा से जाने का इशारा किया। गौरी ने मुन्ना से नजरे बचाकर काशी की तरफ जाना चाहा तो मुन्ना ने कहा,”आप भी,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“हाँ मैं तो बस ऐसे ही,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने झेंपते हुए कहा और वंश के पीछे पीछे जाने लगी। उस ड्रेस में गौरी काफी अच्छी लग रही थी मुन्ना बड़े प्यार से उसे जाते हुए देख रहा था। गौरी चलते चलते रुकी और जैसे ही पलटी मुन्ना ने भी अपनी गर्दन घुमा ली
“काशी को अभी शादी नहीं करनी है”,गौरी ने कहा
“हम जानते है”,मुन्ना ने भी साइड में देखते हुए कहा तो गौरी वहा से चली गयी। गौरी वहा से सीधा ऋतू और प्रिया के पास चली आयी और वंश भी दूसरी और चला गया। मुन्ना ने देखा काशी और वह लड़का काफी देर से चुपचाप बैठे है तो वह उन दोनों की तरफ चला आया। मुन्ना को आते देखकर काशी की जान में जान आयी। लड़के ने मुन्ना को देखा तो अपनी कुर्सी से उठकर कहा,”हेलो सर”
“नमस्ते बैठिये ना , हम काशी के बड़े भाई है मानवेन्द्र”,मुन्ना ने लड़के से बैठने का इशारा करते हुए कहा
“अंकल से आपके बारे में बहुत सूना है”,लड़के ने मुस्कुराते हुए कहा तो मुन्ना ने एक नजर काशी को देखा और फिर लड़के की तरफ मुखातिब होकर कहने लगा,”काशी हमारी बहन है आज तक घर में किसी ने भी इसकी कोई बात नहीं टाली है। बाबा चाहते थे की काशी की शादी उनके रहते हो जाए लेकिन काशी अभी ये शादी करना नहीं चाहती है। काशी के अपने कुछ सपने है , फैसले है जिन्हे वो खुद लेना चाहती है। हम जानते है इसे ये रिश्ता बिल्कुल नहीं करना लेकिन ये इतनी अच्छी है की सबकी ख़ुशी के लिए आपसे ये बात भी नहीं कह पायेगी”
मुन्ना ने कहा तो काशी नम आँखों से उसकी ओर देखने लगी क्योकि लड़के को रिजेक्ट करने की उसके पास कोई वजह नहीं थी। मुन्ना आगे कहने लगा,”आप एक अच्छी फॅमिली है आपको तो कोई भी लड़की शादी के लिए हाँ कह देगी लेकिन काशी के पास आपको रिजेक्ट करने का कोई रीजन नहीं है , इसलिए अगर हो सके तो आप ही इस रिश्ते से इंकार कर दीजिये।”
मुन्ना की बात सुनकर लड़का मुस्कुराया और कहा,”सच कहु तो मुझे काशी बहुत पसंद आयी लेकिन जितने प्यार से आपने मना किया है मैं काशी का दिल नहीं तोडूंगा। आप चिंता मत कीजिये यहाँ से जाने के बाद मैं ना कह दूंगा। अक्सर लड़किया सगाई से इसलिए इंकार कर देती है क्योकि किसी और को पसंद करती है लेकिन काशी अपनी पढाई और करियर के लिए इस रिश्ते से इंकार कर रही है ये रीजन मुझे भा गया,,,,,,,,,,,,,,,फ़िलहाल मेरा शादी करने का कोई इरादा नहीं है तो अगर काशी का मूड कभी भी बदले तो मैं रिश्ता लेकर फिर आपके घर आना चाहूंगा”
लड़के की बात सुनकर मुन्ना मुस्कुरा उठा और कहा,”थैंक्यू सो मच”
“अरे नहीं इसकी जरूरत नहीं है लेकिन मुझे काशी से एक बात जरूर कहनी है”,लड़के ने काशी की तरफ पलटकर कहा तो काशी लड़के की तरफ देखने लगी
“काशी आप बहुत किस्मतवाली है जो आपको इतना प्यार करने वाला भाई मिला है , बेस्ट ऑफ़ लक”,लड़के ने कहा तो काशी मुस्कुरा कर मुन्ना की तरफ देखने लगी
“मुझे शायद अब चलना चाहिए”,लड़के ने कहा तो मुन्ना ने एक बार उस से फिर हाथ मिलाया। लड़का वहा से आगे बढ़ गया मुन्ना काशी के पास आया उसके कंधे पर अपना हाथ रखा और कहा,”सो मिस काशी अभी आप ठीक है”
“ओह्ह मुन्ना भैया अगर आप नहीं आते तो हम तो कुछ कह ही नहीं पाते”,काशी ने राहत की साँस लेते हुए कहा
“वैसे लड़का दिखने में स्मार्ट है”,मुन्ना ने काशी को छेड़ते हुए कहा
“मुन्ना भैया,,,,,,,,,,!!”,काशी ने चिढ़ते हुए कहा तो मुन्ना उस से दूर हटा और कहा,”अच्छा ठीक है हम ज़रा मेहमानो को देखकर आते है”
मुन्ना काशी को वही छोड़कर वापस घर के अंदर जाने के लिए आगे बढ़ गया। गौरी ने जब लड़के को आते देखा तो वह काशी से मिलने उसकी और चली आयी। मुन्ना का धयान अपने फोन में था ये देखकर गौरी बिल्कुल उसके करीब से निकल गयी। लेकिन अगले ही पल गौरी को महसूस हुआ जैसे किसी ने उसका दुपट्टा पकड़ लिया है। ये मुन्ना ने उसे रोकने के लिए किया हो शायद,,,,,,,,,,,,,,,ये सोचकर गौरी बिना पीछे पलटे ही कहने लगी,”अब क्या हुआ ? अब तो मैं काशी से मिल सकती हूँ ना,,,,,,,,,तुम नहीं जानते वो कितनी बड़ी डफर है अगर उसने लड़के से ना नहीं कहा तो उसकी शादी फिक्स हो जाएगी। तुम तो उसके भाई हो ना उसने तुम्हे नहीं बताया क्या ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,शायद डरती होगी तुमसे लेकिन सच तो ये है की काशी को अभी शादी नहीं करनी है,,,,,,,,,,,,,,,,,हेलो तुम सुन रहे हो ना ?”
कहते हुए गौरी ने धीरे से पलटकर देखा तो पाया की वहा मुन्ना नहीं है , उसका दुपट्टा किसी ने पकड़ा नहीं था बल्कि वहा रखी चेयर में फंस गया था। गौरी ने अपने ही सर पर मारी और ये करते हुए जाते जाते मुन्ना की नजर उस पर पड़ गयी और वो मुस्कुरा उठा। गौरी ने अपना दुपट्टा निकाला और काशी की तरफ आकर कहा,”क्या हुआ तुमने लड़के से कहा ?”
काशी ने ना में गर्दन हिला दी तो गौरी ने कहा,”मुझे पता ही था तुमसे कुछ नहीं होगा,,,,,,,,,,,,,,,,कही उस लड़के की स्मार्टनेस देखकर तुम पिघल तो नहीं गयी ओह्ह नो नो नो काशी ऐसा कुछ मत करना अभी तुम्हारी पूरी लाइफ पड़ी है,,,,,,,,,,,,,तुम नहीं जानती शादी के बाद लाइफ एकदम से खत्म हो जाती है।”
काशी ने कुछ नहीं कहा बस गौरी के गले आ लगी और फिर कहा,”डोंट वरी सब ठीक है”
गौरी ने उसे खुद से दूर किया और कहा,”मतलब ? क्या सब ठीक है ?”
“उस लड़के को रिजेक्ट करने की हमारे पास कोई वजह नहीं थी , इसलिए हमे समझ नहीं आया हम उस से क्या कहे लेकिन सही वक्त पर मुन्ना भैया पहुँच गए और उन्होंने उस लड़के को मना लिया की वह इस रिश्ते से इंकार दे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,और वो मान भी गया”,काशी ने खुश होकर कहा
“ये तो बहुत अच्छी बात है काशी अगर लड़के ने सामने से मना कर दिया तो तुम्हारी प्रॉब्लम सॉल्व”,गौरी ने खुश होकर कहा
“हाँ और इसके लिए मुन्ना भैया को सबसे बड़ा थैंक्स,,,,,,,,,वो हमेशा सब सम्हाल लेते है,,,,,,वो बहुत अच्छे है”,काशी ने चहकते हुए कहा
काशी की बात सुनकर गौरी की नजर घर के हॉल में खड़े मुन्ना पर चली गयी जो की लड़के से कुछ बात कर रहा था। उसे देखते हुए गौरी भी हल्का सा मुस्कुरा उठी।

काशी और गौरी अंदर चली आयी उन दोनों ने ऋतू और प्रिया को जब इस बारे में बताया तो चारो एक दूसरे के गले आ लगी और फिर शांत रहने का इशारा किया। कुछ दूर खड़ी अंजलि ने उनको देखा तो उनके पास आयी और कहा,”मुझे पहले ही पता था की तुम कुछ गड़बड़ जरूर करोगी , हम सोच भी रहे थे की शक्ति को छोड़कर तुम इस लड़के से सगाई क्यों कर रही थी ?”
अंजलि ने ऋतू और प्रिया के सामने काशी का भांडा फोड़ दिया। ऋतू और प्रिया ने सूना तो दोनों ने काशी को देखा और ऋतू ने कहा,”ये शक्ति कौन है ?”
“शक्ति वो घाट पर,,,,,,,,,,,,,,,,!”,अंजलि ने इतना ही कहा था की गौरी ने उसे साइड किया और ऋतू के सामने आकर कहा,”तुम्हे काशी के भाई को सॉरी बोलना था ना चलो वो आ गया है”
“मुझे भी,,,,,,,,,,!”,प्रिया ने कहा और ऋतू गौरी के साथ कमरे से बाहर चली आयी।
मुन्ना उन्हें हॉल में ही मिल गया। ऋतू ने जब मुन्ना को देखा तो बस देखते ही रह गयी कितना हेंडसम लग रहा था वो,,,,,,,,,,,,,,,वह बस मुंह फाड़े मुन्ना को देख रही थी। गौरी ने देखा तो उसके कंधे को अपने कंधे से टकराया और धीरे से कहा,”जा ना”
ऋतू मुन्ना के सामने आयी और कहा,”मुन्ना एक्चुअली मुझे तुम्हे सॉरी बोलना था सुबह बिना तुम्हारे बारे में जाने मैंने तुम्हे वो सब कह दिया,,,,,,,,,,,,,,आई ऍम रियली सॉरी मुझे सच में नहीं पता था तुम काशी के भाई हो”
“हाँ मुन्ना मेरी तरफ से भी सॉरी”,प्रिया ने भी कहा
“कोई बात नहीं आप लोग काशी की दोस्त है और इस घर में मेहमान भी है आप माफ़ी मत मांगिये। सुबह वाली बात को हम सुबह ही भूल चुके है”,मुन्ना ने सहजता से कहा गौरी कुछ दूर हाथ बांधे खड़ी उन्हें देख रही थी। मुन्ना की सादगी उसे बहुत अच्छी लगी। जिस तरह वह अपनी पलकें झुकाकर उन दोनों से बात कर रहा था वह गौरी के दिल को छू गया। गौरी प्यार से मुन्ना को देखते रही तभी वंश उधर से गुजरा और गौरी के कंधे को अपने कंधे से टकराते हुए कहा,”कितना भी देख लो वो भाव नहीं देने वाला”
गौरी ने सूना तो मुस्कुरायी और वंश की तरफ देखकर कहा,”और तुमसे मुझे चाहिए नहीं”
कहकर गौरी चली गयी तो वंश ने मुंह बनाते हुए कहा,”हुंह्ह नकचढ़ी”

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वंश और गौरी की तकरार क्या लाएगी उन्हें एक दूसरे के करीब ? क्या लड़के वाले इस रिश्ते से करेंगे इंकार या काशी को देंगे कोई बड़ा झटका ? क्या गौरी के दिल में जगह बनाने लगा है मुन्ना ? जानने के लिए सुनते/पढ़ते रहिये मैं तेरी हीर

क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 61

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