Sanjana Kirodiwal

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“मै हीर तेरी” – 6

Main Teri Heer – 6

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Main Teri Heer – 6

मुरारी ने मुन्ना को अपनी गाड़ी ले जाने को कहा लेकिन गाड़ी पर लिखा “चाचा विधायक है हमारे” देखकर मुन्ना का मन किया अपने पापा को साफ साफ मना कर दे। मुन्ना को चुप देखकर मुरारी ने कहा,”का बात है ? जे गाडी नहीं ले जानी तो कोनो दूसरी ले जाओ”
तभी मेन गेट से आती जीप की आवाज सुनकर मुन्ना का ध्यान उस तरफ चला गया। ये मुरारी की वही जीप थी जिसमे अक्सर वह घुमा करता था। आज भी ये ओपन जीप वैसी ही थी टिप- टॉप , होती भी क्यों नहीं मुरारी को अपने विधायक चाचा से जो मिली थी। आज सुबह ही घर का नौकर किशन सर्विस के बाद उसे लेकर आया था। मुन्ना के कदम सहसा ही उस जीप की तरफ बढ़ गये। वह जीप के पास आया और उसे छूते हुए कहा,”पापा हम ये ले जाये ?”
मुरारी मुस्कुराते हुए मुन्ना की तरफ आया और कहा,”हमारे ज़माने की सबसे पहली गाडी है ये , हमने और शिवम् भैया ने खूब चलाया है इसे बनारस में , लेकिन कभी बनारस से बाहर नहीं गयी जे ,, पर तुम ले जाओ,,,,,,,,,,,,,ऐ किशना मुन्ना को चाबी दो”
किशन ने चाबी मुन्ना को दे दी मुन्ना ने अपना बैग साइड वाली सीट पर रखा और ड्राइवर सीट पर आकर बैठ गया। मुन्ना ने जैसे ही गाड़ी स्टार्ट की अनु ने कहा,”अरे मुन्ना एक मिनिट मैं अभी आती हूँ”
अनु अंदर चली गयी और कुछ देर बाद वापस आयी उसके हाथ में एक बड़ा सा डिब्बा था उसने वह गाड़ी में रखते हुए कहा,”इसमें बेसन के लड्डू है पापा को बहुत पसंद है उनसे कहना मैंने बनाये है”
“ठीक है माँ हम कह देंगे , अभी हम चलते है”,कहकर मुन्ना जीप लेकर वहा से चला गया

शिवम् का घर –
“बाबा शर्त लगा लो मुन्ना दाढ़ी नहीं कटवाएगा”,वंश ने 500 का नोट रखते हुए कहा
“हमे भी कुछो ऐसा ही लगता है , फिर भी हम रिस्क ले लेते है। हमारी तरफ से 500 मुन्ना दाढ़ी नहीं कटवाएगा
“हमरे भी 1000 मुन्ना अपने बाप जैसा नहीं है उह जबान का पक्का है , नहीं कटवाएगा”,आई ने भी आकर पैसे रखते हुए कहा तो बाबा और वंश हैरानी से आई को देखने लगे तो आई ने कहा,”ऐसे का देख रहे हो दोनों हमे हम भी खेलेंगे”
“अरे बिल्कुल आई वैसे भी हम लोग ही जितने वाले है”,वंश ने आयी को हाई-फाइव देते हुए कहा
“ये सुबह सुबह शर्त किसलिए लगाई जा रही है ?”,सारिका ने उन तीनो के पास आकर पूछा
“माँ मुन्ना के लिए , मेरा ,आई और बाबा का मानना है की मुन्ना दाढ़ी नहीं कटवाएगा , आप बताओ आपका क्या ख्याल है ?”,वंश ने कहा
“हमे लगता है मुन्ना ऐसा नहीं करेगा”,सारिका ने कहा तो शिवम् ने 500 का नोट रखते हुए कहा,”मुन्ना दाढ़ी कटवाएगा”
सबने शिवम् को देखा तो शिवम् ने कहा,”ऐसे क्या देख रहे हो ?”
“आप हार जायेंगे”,सारिका ने शिवम से कहा
“आने दो मुन्ना को देखते है , तब तक आप हमे नाश्ता दे दीजिये”,कहते हुए शिवम् आकर डायनिंग के पास बैठ गया। सारिका शिवम् की प्लेट में नाश्ता परोसने लगी।
“बाबा लगता है आज पापा हारने वाले है”,वंश ने फुसफुसाते हुए बाबा से कहा
“तेरा बाप तो है ही सीधा देखना आज तो हम ही जीतेंगे”,आई ने कहा
“वो तो तब ना कावेरी जब मुन्ना आएगा , पहले उसे तो आने दो”,बाबा ने कहा तभी गेट के बाहर से गाड़ी के हॉर्न की आवाज आयी।
“आ गया मुन्ना”,वंश खुश होते हुए उठा। आई , बाबा और वंश तीनो मुन्ना के आने के इंतजार करने लगे। मुन्ना बाहर बैठे बैठे हॉर्न मार रहा था लेकिन जब कोई नहीं आया तो मजबूरन उसे ही जीप से उतरकर अंदर आना पड़ा। शिवम् के घर में मुन्ना बेझिझक आया जाया करता था लेकिन आज उसे अंदर आने में शर्म आ रही थी। मुन्ना अंदर आया मुन्ना को देखते ही आई , बाबा और वंश का चेहरा उतर गया और मुंह खुला का खुला रह गया। सारिका भी मुन्ना का नया अवतार देखकर हैरान थी। शिवम् ने गर्दन घुमाकर मुन्ना को देखा , मुन्ना की हटी हुई दाढ़ी देखकर शिवम को अच्छा लगा उसने कहा,”अच्छे लग रहे हो”
“बड़े पापा अगर वंश तैयार है तो हम लोग अभी निकल जाये ?”,मुन्ना ने पूछा
“हां अभी निकलोगे तो कल सुबह तक पहुंचोगे”,शिवम् ने कहा
मुन्ना ने वंश की तरफ देखा और चलने का इशारा किया लेकिन वंश तो हक्का बक्का मुन्ना को देखे जा रहा था। आज से पहले तो मुन्ना ने कभी अपनी दाढ़ी नहीं हटाई थी और आज एकदम से,,,,,,,,,,,,,,वंश को चुप देखकर मुन्ना ने उसके पास आकर फुसफुसाते हुए कहा,”वंश चल ना”
“तूने मेरे पैसे डूबा दिए मुन्ना”,वंश ने रोनी सी सूरत बनाकर कहा लेकिन मुन्ना को कुछ समझ नहीं आया उसने वहा पास ही पड़ा वंश का बैग उठाया और वहा से चला गया। वंश ने सभी रूपये टेबल पर रखे और मुंह लटका कर चला गया। आई बाबा भी शर्त हार चुके थे लेकिन आई अपने पैसे छोड़ना नहीं चाहती थी इसलिए आकर जैसे ही नोटों को हाथ लगाया शिवम् ने कहा,”आई,,,,,,,,,,,,,,,!!!
“अरे हम तो इन्हे सही से जमा रहे थे”,आई ने खिंसियाते हुए कहा और वहा से चली गयी। बाबा ने लेने की कोशिश की तो शिवम् ने कहा,”बाबा आप भी रहने दीजिये , वंश के साथ मिलकर आप भी इन सब में शामिल हो गए”
“हम अकेले थोड़े थे सारिका भी थी,,,,,,,,!!”,बाबा ने जैसे ही कहा सारिका ने शिवम् से नजरे बचाते हुए कहा,”किचन में गैस चालू है शायद हम बंद करके आते है”
“सब के सब मिले हुए है”,शिवम् ने नाश्ता करते हुए कहा। कुछ देर बाद शिवम् उठा और हाथ धोने वाशबेसिन की तरफ बढ़ गया। सारिका किचन से बाहर आयी देखा शिवम् नाश्ता कर चुका है तो बर्तन उठाते हुए कहने लगी,”आज मुन्ना को देखकर तो सब हैरान ही रह गए , उसने आपकी बात इतनी जल्दी मान ली , कैसे ?”
शिवम् हाथ पोछते हुए सारिका की तरफ आया और कहा,”आज तक उसके बाप ने हमे मना नहीं किया वो कैसे करता ?”
शिवम् की बात सुनकर सारिका मुस्कुराने लगी ! शिवम् वहा से बाहर की तरफ चला गया और सारिका बाबा के साथ “ओल्डएज होम” चली गयी।

वंश मुन्ना के पीछे पीछे बाहर आया और एकदम से उसके आगे आकर रुक गया। मुन्ना ने अपनी भँवे उचकाई तो वंश ने अपने हाथ की उंगलियों से मुन्ना का सर छूकर देखा , कभी गाल तो कभी गर्दन। वंश को ऐसा करते देखकर मुन्ना ने कहा,”ये क्या कर रहा है तू ?”
“भाई तेरी तबियत तो ठीक है ना ? मतलब पापा के कहने पर तूने अपना गेटअप ही बदल लिया”,वंश ने कहा
“तू तो जानता है न मैं बड़े पापा की बात नहीं टाल सकता”,मुन्ना ने ड्राइवर सीट पर बैठते हुए कहा तो वंश भी घूमकर दूसरी तरफ आ बैठा और कहा,”फिर तो कॉलेज में भौकाल आएगा”
“वो क्यों ?”,मुन्ना ने जीप स्टार्ट करते हुए कहा
“अबे माल लग रहा है तू मेरा पत्ता कटने वाला है बॉस”,वंश ने आँखों पर गॉगल्स लगाते हुए कहा तो मुन्ना हसने लगा और गाड़ी आगे बढ़ा दी। मुन्ना खुश था कितने दिनों बाद वह इंदौर अपने नाना नानी से मिलने जा रहा था वही वंश खुश था की उसे बनारस से बाहर जाने को मिल रहा है। जीप बनारस से बाहर निकली वंश और मुन्ना आपस में बाते करते हुए अपनी मंजिल की ओर दौड़े जा रहे थे।
“ये रिया और तेरा क्या चल रहा है ?”,मुन्ना ने सामने देखते हुए पूछा
“जस्ट फ्रेंड ब्रो”,वंश ने पसरते हुए कहा
“अच्छा तो जस्ट फ्रेंड्स के बीच किस कबसे होने लगा ?”,मुन्ना ने एकदम से कहा
मुन्ना की बात सुनकर वंश ने हैरानी से उसकी ओर देखकर कहा,”तुम्हे किसने बताया ? कही रिया ने तो,,,,,,,,,,,,,,,,शिट मेन वो लड़की भी न”
“हमे किसी ने नहीं बताया हमने खुद देखा है”,मुन्ना ने कहा
“वो हीट ऑफ़ मोमेंट में हो गया ब्रो बाकि ऐसा कुछ नहीं है”,वंश ने बेपरवाही से कहा
“वंश हम जानते है की इस उम्र में ये दोस्ती , प्यार , रोमांस सब सामान्य बाते है लेकिन कुछ अहसास होते है हमारे अंदर जो किसी एक स्पेशल इंसान के लिए होते है। एक लड़के के लिए उसका पहला किस उसकी प्रेमिका के लिए होता है”,मुन्ना ने कहा
“तू ना ये बड़े बुजुर्गो वाली बाते कम किया कर , जिंदगी को खुलकर जीना चाहिए , मस्ती करनी चाहिए , जो दिल करे वो करना चाहिए ताकि मरने से पहले ये मलाल ना रहे की साला ये नहीं किया वो नहीं किया”,वंश ने कहा
“मतलब तू रिया के साथ सीरियस नहीं है ?”,मुन्ना ने सवाल किया
“वो खुद सीरियस नहीं है ब्रो , आलरेडी उसका बॉयफ्रेंड है इसके बाद भी मेरे आगे पीछे घूमती है अब लड़किया मुझे लाइक करती है इसमें मेरी क्या गलती है ?”,वंश ने क्यूट सी स्माइल के साथ थोड़ा इतराते हुए कहा
“बड़े पापा को बताऊ ये सब के बारे में ?”, मुन्ना ने वंश को धमकाते हुए कहा
“यार ये तू ना बात बात पर पापा को बोलने की धमकी मत दिया कर , एक तो वैसे पापा बाहर नहीं जाने देते है”,वंश ने मुंह बनाकर कहा
“वो इसलिए क्योकि वो तुम्हारा गुस्सा जानते है , हम किसी से नहीं डरते है वंश सिवाय तुम्हारे गुस्से के , डर लगता है अपने गुस्से की वजह से कही तुम किसी मुसीबत में ना फंस जाओ”,मुन्ना ने कहा
“फंस भी गए तो तुम हो ना बचाने के लिए , वैसे भी मैं जिंदगीभर तुम्हारे साथ रहने वाला हूँ जैसे मुरारी चाचा रहते थे पापा के साथ”,वंश ने कहा
“इनकी दोस्ती भी कितनी कमाल की रही होगी ना , वैसे बड़े पापा को देखकर लगता नहीं की उन्होंने सारिका माँ से लव मैरिज की थी”,मुन्ना ने कहा
“तुम भी तो पापा की तरह ही हो सीरियस , किताबो में घिरे रहने वाले और जब देखो तब जाकर घाट की सीढ़ियों पर बैठ जाते जो जैसे पानी से निकलकर कोई जलपरी आएगी और कहेगी “मुन्ना जी क्या आप हमारे प्रेमी बनना पसंद करेंगे ?” और फिर हमारे मुन्ना भैया अपनी बाँहे फैला कर कहेंगे “अवश्य”,वंश ने मसखरी करते हुए कहा
मुन्ना ने सुना तो हसने लगा और कहा,”हम ऐसा कुछ नहीं कहने वाले समझे”
“बस एक चीज तुम में मुरारी चाचा वाली है और वो है लीडरशिप , मुरारी चाचा के बाद तुम ही बनोगे बनारस के विधायक”,वंश ने कहा
“हमे कोई विधायक नहीं बनना , पापा काफी है”,मुन्ना ने कहा
“यार एक बात बताओ तुम्हे मुरारी चाचा की विधयाकी से इतनी चिढ क्यों है ? ना तुम उनका नाम कही इस्तेमाल करते हो ना ही उनकी पावर का ऐसा क्यों ?”,वंश ने कहा
“कभी फुर्सत में बताएँगे , अच्छा तुमने काशी से बात की उसे बताया हम लोग आ रहे है ?”,मुन्ना ने कहा
“नहीं हम लोग सीधा उसके कॉलेज चलेंगे और उसे सरप्राइज देंगे , खुश हो जाएगी वो”,वंश ने कहा
“ये भी ठीक है”,मुन्ना ने कहा और फिर दोनों बातें करते अपनी मंजिल की और बढ़ गए। 8 घण्टे के लम्बे सफर के बाद जीप छतरपुर मध्य-प्रदेश आकर रुकी शाम के 5 बज रहे थे मुन्ना को चाय और सिगरेट की तलब लगी और वंश को भूख लगने लगी तो दोनों जीप से उतरकर एक ढाबे की ओर चल पड़े। मुन्ना ने 2 चाय 2 प्लेट पराठे लाने को कहा। दोनों वहा पड़ी मचिया पर आ बैठे। कुछ देर बाद चाय और पराठे आये दोनों खाने लगे। खाते खाते मुन्ना ने कहा,”कुछ दिन पहले प्रिंसिपल सर बता रहे थे की कॉलेज ट्रिप में इस बार वो सबको यहाँ लाने वाले है छतरपुर”
“अपने प्रिंसिपल सर ना सठिया गए है , हमारी ऐज के लड़के लड़किया गोआ , मनाली जाते है और वो हमे यहाँ लाएंगे ,, क्या है यहाँ ?”,वंश ने खाते हुए कहा
“यहाँ काफी मशहूर पुराने मंदिर है जैसे की महादेव मंदिर , खजुराहो मंदिर , लक्ष्मण मंदिर , रेन नदी है , रानेह झरना है”,मुन्ना ने खाते हुए कहा
“मुझे मालूम ही था इसलिए तुझे ये जगह पसंद आयी”,वंश ने मुंह बनाकर कहा
“तुझे नहीं आना तो मत आना ना , वैसा भी कौनसा जबरदस्ती ला रहे है तुझे यहाँ”,मुन्ना ने कहा
“हम्म्म , अच्छा इंदौर में हम लोग दो दिन नानू के घर ही रुकेंगे”,वंश ने कहा
“नहीं इतना टाइम नहीं है हमारे पास”,मुन्ना ने कहा
“प्लीज ना यार मुन्ना , प्लीज प्लीज प्लीज मैं पापा से कहूंगा तो पापा कभी हाँ नहीं कहेंगे ,, प्लीज”,वंश मुन्ना के पीछे ही पड़ गया तो मुन्ना को हाँ कहना पड़ा। दोनों ने ख़ुशी ख़ुशी चाय पराठे खाये और वापस जीप की तरफ बढ़ गए। शाम हो चुकी थी और अब ठण्ड भी बढ़ने लगी थी मुन्ना ने गाड़ी में पीछे रखा अपना जैकेट उठाया और पहन लिया। वंश ने अपनी हुडी पहन ली। वंश ने मुन्ना से चाबी ली और कहा,”अब मैं चलाऊंगा”
‘ठीक है ये लो”,कहकर मुन्ना उसकी बगल में आ बैठा। वंश ने जीप स्टार्ट की और गाना चला दिया। मुन्ना ने सर सीट से पीछे लगा लगा लिया। उसकी आँखों के सामने एक बार फिर वही सफ़ेद दुपट्टा लहराने लगा। ये कैसा ख्वाब था इसका क्या राज था ये तो शायद मुन्ना को भी नहीं पता था

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क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 7

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संजना किरोड़ीवाल

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