Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

“मैं तेरी हीर” – 48

Main Teri Heer – 48

Main Teri Heer
Main Teri Heer – 48

Main Teri Heer – 48

राजन ने भूषण को लेटर दिया और काशी के कॉलेज भिजवाने को कहा। भूषण ने भी कही से काशी के जानकारी हासिल की और लेटर पोस्ट बॉक्स में डाल दिया हालाँकि वंश के हाथो बाल बाल बचा था वो लेटर। वंश ने भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया और घर चला आया। घर आकर वंश ने खाना खाया और अपने कमरे में चला आया। पिछले कुछ दिनों से मुन्ना वंश से कम ही मिलता और बातें भी कम ही किया करता था। यू तो वंश के कई सारे दोस्त थे लेकिन मुन्ना के साथ वह ज्यादा खुश रहता था। वह आकर अपने बिस्तर पर लेट गया मुन्ना का ख्याल आया तो उसने अपना फोन उठाया और मुन्ना का नंबर डायल करते हुए कहा,”काफी दिन हो गए मुन्ना के साथ बाहर गए हुए आज प्लान बनाते है”
उधर मुन्ना अपने लेपटॉप के सामने बैठा कुछ जरुरी कामो में लगा हुआ था। उसने देखा वंश फोन कर रहा है तो उसने फोन उठाया और कहा,”हां बोल”
“मुन्ना आज शाम में घूमने चलते है ना,,,,,,,,,,,,,,,,!”,वंश ने इतना ही कहा की मुन्ना ने फोन कट कर दिया
“इसे क्या हो गया ?”,वंश ने हैरानी से कहा और फिर से उसका नंबर मिला दिया इस बार मुन्ना ने फोन उठाया तो वंश ने कहा,”अबे पूरी बात तो सुनता तूने पहले ही फोन काट दिया मैं ये कह रहा था,,,,,,,,,,,,,,!!”
“वंश अभी हम बिजी है बाद में करते है”,कहकर मुन्ना ने फिर फ़ोन काट दिया
“इसकी तो मैं,,,,,,,,,,,,,,,,मेरा फोन काटा इसने”,कहते हुए वंश ने चिढ़ते हुए फोन वापस लगाया और मुन्ना ने पहली रिंग में उठा भी लिया तो वंश ने चिढ़ते हुए कहा,”अबे हो क्या गया है तुझे बात तो सुन ले मेरी , दो हफ्ते से बिजी ही है तू”
मुन्ना को पता था वंश इधर उधर की बातें करेगा इसलिए उसने कहा,”वंश अभी हम बहुत जरुरी काम कर रहे है हमे डिस्टर्ब मत करो प्लीज”
मुन्ना ने इतना कहकर फोन काट दिया तो वंश चिढ गया और फोन को साइड में रखते हुए कहा,”ऐसा क्या जरुरी काम है जो मुझे नहीं बता सकता,,,,,,,,,,,,,खैर होगा कुछ वैसे भी आजकल वो मुझसे कहा कुछ शेयर करता है,,,,,,,,,,,,,लेकिन मैं बोर हो रहा हूँ यार मैं क्या करू ?,,,,काशी,,,,,,,,,हम्म्म काशी को फोन करता हूँ”
कहते हुए वंश ने काशी को फोन लगाया। काशी अपनी दोस्तों ऋतू , प्रिया और गौरी के साथ थी। गौरी ने उन दोनों को शक्ति के बारे में नहीं बताया था सिर्फ अपने और काशी के बीच ही रखा। जैसे ही काशी का फोन बजा प्रिया की नजर स्क्रीन पर चली गयी जिस पर वंश भैया नाम लिखा आ रहा था। उसने काशी से पहले ही फोन उठाया और खुश होकर कहा,”हेल्लो”
काशी की आवाज ना सुनकर वंश ने पहले तो अपने फोन में देखा नंबर तो काशी का ही था लेकिन आवाज अलग तो उसने कहा,”अरे काशी तुम्हारी आवाज को क्या हुआ ?”
“मिस्टर मैं काशी नहीं प्रिया बोल रही हूँ”,प्रिया ने कहा लेकिन अब तक तो वंश उसे भूल चूका था इसलिए कहा,”कौन प्रिया ?”
“यार काशी तुम्हारा भाई इतनी जल्दी मुझे भूल गया”,प्रिया ने बेचारगी से काशी की तरफ देखते हुए कहा तो ,काशी हसने लगी और कहा,”वो ऐसे ही है उन्हें अपने अलावा कुछ याद नहीं रहता”
ऋतू ने मौका देखकर प्रिया के हाथ से फोन छीना और कहा,”मुझे तो पक्का पहचान लेगा” कहते हुए ऋतू ने फोन कान से लगाया और कहा,”हेल्ल्लो”
एक बार फिर अनजान आवाज वंश को सुनी तो उसने कहा,”अब तुम कौन हो ?”
“क्या मुझे नहीं पहचाना ? हाथ मिलाया , स्माइल की , मीठी मीठी बातें की और अब भूल भी गए”,ऋतू ने चिढ़ते हुए कहा
“काशी है क्या वहा ?”,वंश ने थोड़ा सा कठोरता से कहा
“हम्म्म्म रुको देती हूँ”,कहते हुए ऋतू ने फोन काशी की तरफ बढ़ा दिया
काशी ने फोन लिया और कहा,”हेलो”
“काशी तुम्हारा फोन किनके पास था ?”,वंश ने पूछा
“अरे वो दोनों हमारी दोस्त आपसे मिली थी ना कॉलेज में,,,,,,,,,,,,,भूल गए आप”,काशी ने प्यार से कहा
“ओह्ह्ह अच्छा काशी सुनो ना,,,,,,,,,,,,मुन्ना ना मेरा फोन नहीं उठा रहा है , ना मुझसे ठीक से बात कर रहा है। इन दो हफ्तों में इतना बिजी हो गया है की पूछो मत ,, मैं यहाँ अकेले घर में बोर हो रहा हूँ यार”,वंश ने काशी को अपनी आपबीती सुनाई तो काशी मुस्कुराने लगी
“कॉलजे में भी मन नहीं लगता दिल करता है कही भाग जाऊ”,वंश ने कहा
“एक काम कीजिये आप यहाँ आ जाईये इंदौर”,काशी ने कहा
“मुझे नहीं आना,,,,,,,,,,,,,,और क्या है वहा इंदौर में ?”,वंश ने मुंह बनाते हुए कहा
“अरे !! इंदौर में नानू-नानी है , हम है हमारी दोस्त है ऋतू प्रिया और गौरी”,काशी ने कहा। जैसे ही काशी ने गौरी का नाम लिया वंश का दिल धड़क उठा उसकी आँखों के सामने गौरी का चेहरा आने लगा लेकिन अगले ही पल उसे अपनी फ्रेंड रिक्वेस्ट भी याद आ गयी और उसका मुंह बन गया और उसने कहा,”मुझे तुम्हारी दोस्तों से क्या मतलब सब की सब नकचढ़ी है”
“ये क्या बात हुई ? अच्छा ये बताईये आपका मूड क्यों खराब है ? पापा ने फिर से आपको कुछ कहा क्या ?”,काशी ने बड़े प्यार से पूछा
पास बैठी गौरी काफी देर से सब देख सुन रही थी उसने काशी से फोन देने का इशारा किया और कहा,”हेलो , मुझे पहचानते है या बाकी सबकी तरह मुझे भी भूल गये”
गौरी की आवाज भला वंश कैसे भूल सकता था वही तो पहली लड़की थी जिसने उसके दिमाग में खलबली मचाई थी लेकिन शायद गौरी से नाराज था इसलिए कहा,”काशी मैं ना तुम्हे बाद में फोन करता हूँ बाय”,कहकर वंश ने फोन काट दिया और तकिये में मुंह छुपाकर लेट गया।

“तुम्हारे भाई को क्या हुआ है ?”,गौरी ने पूछा
“वंश भैया ना कभी कभी बेवजह थोड़े चिढ जाते है , मुन्ना भैया उनसे बात नहीं कर रहे होंगे बस इसलिए। डोंट वरी ये सब होता रहता है”,काशी ने कहा
“अब ये मुन्ना भैया कौन है ?”,प्रिया ने पूछा
“हमारे बड़े भैया और वंश भैया से 25 मिनिट बड़े”,काशी ने मुस्कुरा के कहा
“स्मार्ट है क्या ?”,ऋतू ने शरारत से पूछा
“हाँ बहुत ज्यादा”,काशी ने भी शरारत से कहा
“इन दोनों को बस लड़के का नाम सुनना चाहिए”,गौरी ने ताना मारते हुए कहा
अभी चारो बाते कर ही रही थी की तभी काशी के बैचमेट ने आकर कहा,”काशी तुम्हे प्रिंसिपल सर ने बुलाया है”
“तुम सब यही बैठो हम आते है”,काशी ने कहा और उठकर जाने लगी। ऋतू और प्रिया ने एक दूसरे की तरफ देखा और कहा,”ए काशी रुक हम लोग भी तेरे साथ चलते है”
“मैं यही बैठूंगी आई ऍम सो टायर्ड”,गौरी ने अपना बैग साइड में रखते हुए कहा।
काशी , ऋतू प्रिया वहा से चली गयी और गौरी वही बैठकर सुस्ताने लगी। वह किसी सोच में डूबी हुई थी और फिर खुद से ही बड़बड़ाई,”कितना अजीब लड़का है मेरे हेलो का जवाब तक नहीं दिया”
गौरी ये सब सोच ही रही थी की तभी फोन बजा गौरी ने देखा काशी अपना फोन वही छोड़कर चली गयी है। गौरी ने देखा स्क्रीन पर “मुन्ना भैया” लिखा आ रहा था उसने फोन नहीं उठाया और रिंग बजती रही। फोन कट गया गौरी काशी के आने का इंतजार करने लगी लेकिन अगले ही पल फोन फिर बजा और इस बार
भी फोन मुन्ना का ही था।
“शायद कुछ इम्पोर्टेन्ट हो” सोचकर गौरी ने फोन उठा लिया और वह कुछ कहती इस से पहले ही दूसरी तरफ से मुन्ना ने कहा,”हेलो काशी दो मिनिट चाहिए तुम्हारे , तुमसे कुछ जरुरी बात करनी है”
गौरी ने जैसे ही मुन्ना की आवाज सुनी खामोश हो गयी। इतनी दिलकश और गहरी आवाज वह पहली बार सुन रही थी।
“हेलो काशी आर यू देयर ?”,मुन्ना को जब काफी देर तक कोई जवाब नहीं मिला तो उसने पूछा
“हाँ हेलो,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
गौरी की आवाज सुनते ही ना जाने क्यों मुन्ना का दिल धड़क उठा। एक अजीब सी बेचैनी उसे घेरने लगी लगा जैसे इस आवाज को वह पहले भी सून चुका है उसने धीरे से कहा,”आप ?”
“मैं काशी की दोस्त , काशी को प्रिंसिपल सर ने बुलाया तो वो वहा चली गयी और उसका फोन भी मेरे पास है”,गौरी ने कहा
“ओहके वो दरअसल हमे काशी से बात करनी थी तो आप हमारा एक मैसेज काशी को देंगी?”,मुन्ना ने बहुत ही सहजता से कहा
“येह स्योर”,गौरी ने कहा वह अभी तक मुन्ना की आवाज में ही खोई हुई थी
“काशी से कहियेगा की जब भी वो फ्री हो हमे फोन करे”,मुन्ना ने कहा
“ठीक है मैं बोल दूंगी”,गौरी ने कहा
“थैंक्यू,,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा उसकी सर्द आवाज गौरी के कानो में पिघल रही थी
“अरे इसमें थैंक्यू कैसा ? जब वो आएगी मैं उसे बोल दूंगी”,गौरी ने कहा तो दूसरी तरफ मुन्ना मुस्कुरा उठा। गौरी से बात करते हुए उसे एक पॉजिटिव फीलिंग जो आ रही थी। कुछ देर के लिए दोनों खामोश हो गए लेकिन फोन चालू था , आज पहली बार मुन्ना को ये ख़ामोशी भी ना जाने क्यों अच्छी लग रही थी ? कुछ देर बाद अनु कमरे में आयी तो मुन्ना को होश आया और उसने कहा,”ठीक है हम रखते है आप हमारा मेसेज दे दीजियेगा”
मुन्ना ने गौरी का जवाब ही नहीं सूना और फोन काट दिया अनु ने मुन्ना को फोन पर बात करते देखा तो मुस्कुराते हुए अपनी भँवे उचकाई और कहा,”गर्लफ्रेंड ?”
“नहीं माँ , काशी को फोन लगाया था”,मुन्ना ने कहा तो अनु उसके सामने बिस्तर पर आ बैठी और अपने हाथ में लाया चाय का कप टेबल पर रखते हुए कहा,”मुन्ना आजकल कुछ ज्यादा बिजी नहीं हो गए हो तुम ? अपनी माँ के लिए तो तुम्हारे पास टाइम ही नहीं है”
“हमे लगा उस दिन वाली बात से आप हमसे नाराज होंगी”,मुन्ना ने कहा
“माँ कभी अपने बच्चो से नाराज नहीं होती है”,अनु ने प्यार से मुन्ना के गाल को छूकर कहा तो मुन्ना मुस्कुरा उठा और कहा,”बस कुछ दिन और माँ उसके बाद हमारा पूरा वक्त आपका”
अनु ने मुन्ना के दोनों हाथो को अपने हाथो में लिया और कहा,”मुझे बस तुम्हारी ख़ुशी चाहिए , मुस्कुराते हुए कितने अच्छे लगते हो तुम”
अनु की बात सुनकर मुन्ना फिर अपने काम में लग जाता है। अनु वही बैठकर उस से कुछ देर बातें करती है और फिर उठकर जाते हुए मुन्ना से पूछती है,”अच्छा रात के खाने में क्या खाओगे तुम ?”
“माँ वो शाम में दरअसल हमे वंश से मिलना है तो हम बाहर ही खा लेंगे , आप परेशान मत होईये”,मुन्ना ने कहा
“वंश से मिलने यू अचानक,,,,,,,,क्या हुआ है उसे ?”,अनु ने पूछा
“कुछ दिनों से उस से ठीक से बात नहीं की ना इसलिए नाराज है वो,,,,,,,,!”,मुन्ना ने लेपटॉप पर काम करते हुए कहा
“मुन्ना कभी कभी तुम उसके भाई कम और उसके बॉयफ्रेंड ज्यादा लगते हो , दोनों के बीच छोटी छोटी बातो पर झगड़ा हो जाता है”,अनु ने कहा
“माँ क्या आप भी,,,,,,,,,,,,!”,मुन्ना ने कहा
“मजाक कर रही हूँ,,,,,,,,!!”,कहते हुए अनु वहा से चली गयी।

शाम में मुन्ना ने डार्क रंग का चेक्स वाला शर्ट और जींस पहना और अपनी जीप लेकर वंश से मिलने निकल गया। वंश को मनाना मुन्ना के बाए हाथ का खेल था। वह शिवम् के घर के सामने आया और वंश को फोन लगाया। पहली बार तो वंश ने फोन काट दिया लेकिन मुन्ना ने उसे फिर फोन लगाया तो वंश ने चिढ़ते हुए कहा,”अब क्या है तू तो बिजी था ना रह बिजी अब”
“बेटा हमारी बात तो सुनो क्यों बिजी थे वो तो पूछ लो ?”,मुन्ना ने कहा
“क्यों ?”,वंश ने पूछा
“5 मिनिट में तैयार होकर नीचे आ जाओ बताते है”,मुन्ना ने कहा और फोन काट दिया। वंश को सरप्राइज बहुत पसंद थे। मुन्ना उसे कोई सरप्राइज देगा सोचकर वह जल्दी से बिस्तर से उठा और कबर्ड खोला लेकिन ये क्या कबर्ड से तो सारे कपडे गायब थे। वंश ने सारिका से पूछा तो उसने बताया की उसने सब कपडे सुबह ही धोबी को भिजवा दिए। वंश वापस कमरे में आया देखा रेंक में बस एक सफ़ेद रंग की टीशर्ट रखी है तो उसने उसे उठाया और पहन लिया। टीशर्ट में भी वंश काफी अच्छा लग रहा था खुद को थोड़ा कूल लुक देने के लिए उसने आँखों पर ग्लासेस भी लगा लिए और साढ़े चार मिनिट में ही वो नीचे चला आया। मुन्ना ने उसे कई दिनों बाद सिंपल लुक में देखा तो कहा,”अच्छे लग रहे हो”
“थैंक्स , अब बताओ क्यों बिजी थे ?”,वंश ने आते ही सवाल दाग दिया
“जीप में बैठो बताते है , बताते क्या दिखाते है ?”,कहते हुए मुन्ना जीप में आ बैठा और वंश को अपने साथ लेकर चला गया।
मुन्ना उसे लेकर बनारस से बाहर एक आलिशान रिसोर्ट में लेकर आया था जहा आज एक शो हो रहा था और कोई बड़ा कलाकार आया था। ये देखते ही वंश के चेहरे पर मुस्कराहट तैर गयी और वह खुश हो गया। 1 घंटे के उस शो में वंश ने खूब इंजॉय किया और उसकी ख़ुशी के लिए मुन्ना भी उसके साथ रहा। कुछ देर बाद दोनों जीप के पास चले आये और वही रुक गए। वंश अपनी आज की फोटोज सोशल मिडिया पर अपलोड करने लगा और मुन्ना अपने दोनों हाथो को बांधे सामने हाथ थामे चल रहे बुजुर्ग कपल को देखने लगा।
अपनी फोन को देखते हुए वंश ने कहा,”यार मुन्ना स्विजरलैंड कितनी अच्छी जगह है , चल ना एक बार वहा चलते है”
मुन्ना जो की उस कपल को देखने में व्यस्त था उसने कहा,”जिस दिन तुम्हे किसी से प्यार होगा ना वंश , उस दिन तुम्हे ये बनारस भी स्विजरलैंड लगेगा”

Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48 Main Teri Heer – 48

क्या गौरी को भूल चुका है वंश ? मुन्ना और वंश में से कौन बनेगा गौरी का रांझणा ? क्या ऋतू और प्रिया में से कोई बनेगी काशी की भाभी ? जानने के लिए सुनते/पढ़ते रहे “मैं तेरी हीर”

राजन ने भूषण को लेटर दिया और काशी के कॉलेज भिजवाने को कहा। भूषण ने भी कही से काशी के जानकारी हासिल की और लेटर पोस्ट बॉक्स में डाल दिया हालाँकि वंश के हाथो बाल बाल बचा था वो लेटर। वंश ने भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया और घर चला आया। घर आकर वंश ने खाना खाया और अपने कमरे में चला आया। पिछले कुछ दिनों से मुन्ना वंश से कम ही मिलता और बातें भी कम ही किया करता था। यू तो वंश के कई सारे दोस्त थे लेकिन मुन्ना के साथ वह ज्यादा खुश रहता था। वह आकर अपने बिस्तर पर लेट गया मुन्ना का ख्याल आया तो उसने अपना फोन उठाया और मुन्ना का नंबर डायल करते हुए कहा,”काफी दिन हो गए मुन्ना के साथ बाहर गए हुए आज प्लान बनाते है”
उधर मुन्ना अपने लेपटॉप के सामने बैठा कुछ जरुरी कामो में लगा हुआ था। उसने देखा वंश फोन कर रहा है तो उसने फोन उठाया और कहा,”हां बोल”
“मुन्ना आज शाम में घूमने चलते है ना,,,,,,,,,,,,,,,,!”,वंश ने इतना ही कहा की मुन्ना ने फोन कट कर दिया
“इसे क्या हो गया ?”,वंश ने हैरानी से कहा और फिर से उसका नंबर मिला दिया इस बार मुन्ना ने फोन उठाया तो वंश ने कहा,”अबे पूरी बात तो सुनता तूने पहले ही फोन काट दिया मैं ये कह रहा था,,,,,,,,,,,,,,!!”
“वंश अभी हम बिजी है बाद में करते है”,कहकर मुन्ना ने फिर फ़ोन काट दिया
“इसकी तो मैं,,,,,,,,,,,,,,,,मेरा फोन काटा इसने”,कहते हुए वंश ने चिढ़ते हुए फोन वापस लगाया और मुन्ना ने पहली रिंग में उठा भी लिया तो वंश ने चिढ़ते हुए कहा,”अबे हो क्या गया है तुझे बात तो सुन ले मेरी , दो हफ्ते से बिजी ही है तू”
मुन्ना को पता था वंश इधर उधर की बातें करेगा इसलिए उसने कहा,”वंश अभी हम बहुत जरुरी काम कर रहे है हमे डिस्टर्ब मत करो प्लीज”

क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 49

Read More – “मैं तेरी हीर” – 47

Follow Me On – facebook | instagram | youtube

संजना किरोड़ीवाल

Main Teri Heer
Main Teri Heer – 48

12 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!