मैं तेरी हीर – 38
Main Teri Heer – 38
Main Teri Heer – 38
शक्ति ने जब काशी से “विश्वास गर्ग” के बारे में पूछा तो काशी ने साफ मना कर दिया कि वह किसी “विश्वास गर्ग” को नहीं जानती जबकि कुछ दिन पहले ही काशी शिव मंदिर में विश्वास से मिली थी। काशी ने शक्ति से झूठ क्यों कहा ये तो काशी ही जानती थी। वही शक्ति ने काशी के मुंह से झूठ सुनकर भी कोई प्रतिक्रया नहीं दी। उसके दिमाग में क्या चल रहा था ये तो वही जानता था।
सुबह की वाक के बाद अधिराज जी ने शक्ति से सुबह का नाश्ता घर पर ही करने को कहा। शक्ति भी अधिराज जी के इन्विटेशन को ना नहीं कह पाया और उनके साथ घर चला आया। शक्ति को देखकर अम्बिका जी भी खुश हो गयी।
शक्ति हाथ मुँह धोकर डायनिंग टेबल के पास पड़ी कुर्सी पर आ बैठा। अधिराज जी भी अपनी कुर्सी पर आ बैठे और शक्ति से बातें करने लगे।
बातो बातो में अधिराज जी ने शक्ति को मुन्ना और गौरी की सगाई के बारे में बताया तो शक्ति भी खुश हो गया। पूरा परिवार एक साथ होगा सोचकर ही शक्ति को काफी अच्छा लग रहा था। काशी से सगाई होने के बाद से शक्ति काशी के परिवार को ही अपना परिवार मानने लगा था। जितनी वह शिवम् की इज्जत करता था उतना ही प्यार सारिका से भी करता था। मुन्ना को वह काशी का भाई कम और अपना दोस्त ज्यादा समझता था वही वंश से दोस्ती बढ़ाने में उसे अभी थोड़ी और मेहनत करने की जरूरत थी।
कुछ देर बाद काशी भी कपडे बदलकर बाहर आयी और शक्ति के सामने पड़ी कुर्सी पर आ बैठी। अम्बिका जी काशी के बगल में आ बैठे। घर में काम करने वाले लड़के ने डायनिंग पर नाश्ता लाकर रख दिया और चला गया। अम्बिका जी ने परोसना चाहा तो शक्ति ने कहा,”हम भी इस घर के सदस्य है , लाईये आज ये हम करते है।”
“अरे नहीं बेटा , आप रहने दो मैं करती हूँ।”,अम्बिका ने कहा
“नानी माँ आप बेटा भी कह रही है और हमे परोसने से मना भी कर रही है।
हमे दीजिये ना हमे ये करके अच्छा लगेगा।”,शक्ति ने अम्बिका के हाथ से प्लेट लेते हुए कहा तो अम्बिका ने भी मुस्कुराते हुए प्लेट छोड़ दी।
शक्ति ने सबकी प्लेट में परोसा और सबसे आखिर में अपने प्लेट में परोस कर कहा,”एक बात कहे नानाजी , इस शहर में अगर हम सब से ज्यादा कुछ मिस करते है तो वो है परिवार के साथ बैठकर खाना”
“अरे तो आप यहाँ आ जाया कीजिये , आपको परिवार के साथ बैठकर खाने का मौका मिल जायेगा और हमे आपका साथ,,,,,,!!”,अम्बिका ने बड़े प्यार से कहा
“अम्बिका जी सही कह रही है बेटा , आपका जब मन हो आप यहाँ आ सकते है।”,अधिराज जी ने कहा
“शुक्रिया ! लेकिन हम रोज रोज आने लगे तो आपके पड़ोस वाले कही हमे “घर जमाई” ना बुलाने लगे।”,शक्ति ने हँसते हुए कहा तो अधिराज जी और अम्बिका जी दोनों भी साथ हंस पड़े लेकिन काशी ना जाने कहा खोई हुई थी।
“काशी,,,,,,,,,,,,,,क्या बात है बेटा ? कहा खोई हो ?”,अधिराज जी ने काशी को चुप चुप देखा तो पूछ लिया
“अह्ह्ह कही नहीं नानू,,,,,,,,,,,,,,हम बस मुन्ना भैया और गौरी की सगाई के बारे में ही सोच रहे थे।”,काशी ने अधिराज जी से नजरे चुराते हुए कहा जबकि सामने बैठे शक्ति की नजरे काशी पर ही थी वह काशी के मन में चल रही बेचैनी को उसकी आँखो में साफ देख पा रहा था।
“हम्म्म ठीक है नाश्ता करो,,,,,,,,,,,!!”,अधिराज जी ने कहा तो सब बातें करते हुए अपना नाश्ता करने लगे। नाश्ता करने के बाद शक्ति कुछ देर अधिराज जी के साथ रुका और फिर घर के लिये निकल गया।
मुंबई , नवीन का घर
निशि अपने कमरे में सो रही थी। खिड़की से आती ठंडी हवाएं उसे सुकून पहुंचा रही थी और ये उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा था। नींद में निशि को एकदम से वंश का ख्याल आया और वह बड़बड़ाने लगी,”ओह्ह्ह्ह तुम इतने अजीब क्यों हो ? क्या तुम्हे सच में नहीं दिखता मैं तुम्हे कितना पसंद करती हूँ।”
“किसे पसंद करती हो बेटा ?”,मेघना ने निशि के बिस्तर के पास आकर कहा जिस से निशि की नींद टूटी और वह घबराकर उठी
निशि ने देखा वह अपने कमरे में है और वहा वंश नहीं है। वह हैरान परेशान सी मेघना को देख रही थी। मेघना ने देखा तो कहा,”निशि क्या हुआ बेटा ? नींद में क्या बड़बड़ा रही थी तुम ?”
“क्या ? नींद में बड़बड़ा रही थी , मैंने कुछ कहा क्या मॉम ?”,निशि ने पूछा
“हाँ तुम कुछ पसंद करने के बारे में बोल रही थी , मैंने ठीक से सूना नहीं।”,मेघना ने चद्दर समेटते हुए कहा
“थैंक गॉड मॉम ने कुछ नहीं सूना , अगर सुन लेती तो मेरी क्या इज्जत रह जाती उनके सामने,,,,,,,,,,मॉम पसंद को लेकर कुछ कह रही है , अह्ह्ह मुझे नहीं लगता मैंने ऐसा कुछ उस वंश के लिये कहा होगा। उस बद्तमीज लड़के के लिये इतनी अच्छी बात मेरे मुँह से कभी निकल ही नहीं सकती,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने मन ही मन खुद से कहा
“निशि , निशि , ये आजकल तुम बात करते करते कहा खो जाती हो ?”,मेघना ने कहा तो निशि की तंद्रा टूटी
“अह्ह्ह कही नहीं मॉम , आप इतनी सुबह मेरे कमरे में क्या कर रही है ?”,निशि ने अंगड़ाई लेते हुए कहा
“मैं तुम्हारा ड्रायर लेने आयी थी , सुबह बाल धोये और आज देखो बिल्कुल धुप नहीं निकली तो सोचा सूखा लू। कहा रखा है ?”,मेघना ने पूछा
“वो वहा उस ड्रॉवर में,,,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने उबासी लेते हुए कहा
मेघना ड्रायर लेने ड्रॉवर की तरफ गयी तो निशि को याद आया वंश ने उसे जो झुमके तोहफे में दिये थे उन्हें उसने वही रखा है तो वह जल्दी से बिस्तर से उठी और ड्रॉवर को वापस बंद करते हुए कहा,”मॉम वो यहाँ नहीं है , उसे मैंने नीचे गेस्ट रूम में देखा था।”
“गेस्ट रूम में ? लेकिन वहा उसे कौन लेकर गया ?”,मेघना ने सवाल किया
“और कौन ले जा सकता है मॉम , वही आपके हीरो मिस्टर वंश गुप्ता,,,,,,,,,,,,,,उनके नखरे लड़कियों से कम है क्या ?”,निशि ने कहा
“निशि,,,,,,,,,,,!!”,मेघना ने घुरा
“उप्स सॉरी ! मैं तो भूल गयी थी वो तो आपके हाफ बेटे है,,,,,,,,,!!”,निशि ने मुंह बनाते हुए कहा
“हाफ नहीं बेटे जैसा ही है,,,,,,,,,,,मैं नीचे जा रही हूँ तुम भी आ जाओ।”,मेघना ने कहा और वहा से चली गयी।
मेघना के जाने के बाद निशि ने अपने सीने पर हाथ रखकर एक गहरी साँस ली और फिर ड्रॉवर खोलकर उसमे से वंश के दिए झुमके का डिब्बा निकाला और उसे देखकर हुए कहा,”हाह बेटे जैसा,,,,,,,,,,,,,,,,कितना अच्छा होता अगर तुम इस घर के दामाद बनते”
“आछी,,,,,,,,,,,,!!”,हॉल के सोफे पर बैठे वंश ने जोर से छीका।
रातभर वंश ठीक से सो नहीं पाया। बुखार और बदनदर्द से उसकी हालत खराब थी। बुखार भी पहले से बढ़ चुका था और वंश के शरीर में इतनी भी हिम्मत नहीं थी कि वह उठकर डॉक्टर के पास जा सके। इन सब के साथ ही सुबह से उसका छींक छींक कर बुरा हाल था। वंश वापस वही सोफे पर लेट गया और कुछ देर बाद ही उसे नींद आ गयी।
फिल्मसिटी , मुंबई
“सुमित ! ये वंश कहा है ? ना वो आज शूटिंग पर आया और ना ही उसका फोन लग रहा है। तुमने उसे नेक्स्ट शूटिंग के लिये लोकेशन और डिटेल्स सेंड की थी ना ?”,के.डी. ने सुमित से पूछा
“यार मैंने उसे शूटिंग डिटेल्स भेजी थी , मैं उसे कॉल करता हूँ।”,कहकर सुमित ने वंश का नंबर डॉयल किया लेकिन उसका नमबर आउट ऑफ रिच आ रहा था। सुमित को भी हैरानी हुई क्योकि आज से पहले तो वंश ने ऐसा नहीं किया।
“उसका फोन नहीं लग रहा है। मैं पता करता हूँ वो कहा है ? जब तक वो नहीं आता तब तक हम बाकी के सीन पर काम कर लेते है।”,सुमित ने कहा तो के.डी. ने अपने कंधे उचका दिए और उठकर चला गया।
वंश के ना आने से शूटिंग पर काफी असर पड़ा क्योकि अधिकतर सीन वंश के ही थे और वंश ही वहा नहीं था। सुमित एक बार फिर वंश का नंबर डॉयल करने लगा तभी सीरीज की हेरोइन मायरा ने आकर कहा,”हे सुमित ! व्हाट्स अप ?”
“क्या बताऊ यार ? वंश दो दिन से शूटिंग पर नहीं आया है और के.डी. इस बात पर बहुत गुस्सा है , उसे तो मैं जैसे तैसे सम्हाल भी लूंगा लेकिन शूटिंग का क्या ? वो तो वंश की वजह से डिले हो रही है। “,सुमित ने अपसेट होकर कहा
“मैंने तो तुम से पहले ही कहा था कि इस सीरीज में किसी पुराने और परफेक्ट बन्दे को लो तो वह बेहतर काम करेगा पता नहीं तुम्हे और के.डी. सर को क्यों लगता है न्यूकमर्स ज्यादा अच्छा करेंगे”,मायरा ने मुंह बनाते हुए कहा
“मायरा इस सीरीज पर 90% पैसा के.डी.का लगा है तो इसमें कौन काम करेगा कौन नहीं ये वो डिसाइड करेगा मैं नहीं ? वैसे तुम आज यहाँ तुम्हारी शूटिंग तो अभी 5 एपिसोड के बाद थी ना।”,सुमित ने सवाल किया
“मैं बस देखने चली आयी तुम्हारा नया हीरो काम कैसा कर रहा है ?”,मायरा ने एक कातिल मुस्कान के साथ कहा जिसका इशारा वंश की तरफ था
“वो तो तब देखोगी ना जब वो शूटिंग पर आएगा,,,,,,,,,,,,,,,,,,लोग यहाँ हीरो बाद में बनते है ऐटिटूड उनमे पहले आ जाता है।”,सुमित ने कहा और वहा से चला गया
मायरा ने कुछ नहीं कहा और दोनों हाथ उठाकर अपने कंधे उचका दिए।
देखते देखते 2 दिन गुजर गए लेकिन वंश शूटिंग पर नहीं आया ना ही उसका फोन लगा। टीम में कोई नहीं जानता था वंश कहा है ? ना ही किसी को उसके बारे में कोई जानकारी थी। निशि भी उस रात के बाद वंश से नहीं मिली। सुबह का नाश्ता कर निशि घर से बाहर आयी तो देखा पूर्वी अपनी स्कूटी लिये घर के बाहर ही खड़ी है। निशि आकर उसके पीछे बैठ गयी और दोनों क्लासेज के लिये निकल गयी।
कुछ ही दूर चले होंगे की पूर्वी का फोन बजा। पूर्वी ने स्कूटी रोकी और फ़ोन देखा। आकाश का कॉल आ रहा था पूर्वी ने कॉल अटेंड किया और पूर्वी से फिल्मसिटी आने को कहा। एक छोटा सा रोल था जो जिसके लिए आकाश ने अपने डायरेक्टर को पूर्वी का नाम दिया था और उन्होंने उस शूट के लिये पूर्वी को बुलाया था। पूर्वी ने खुश होकर फोन रखा और निशि से कहा,”गेस व्हाट ?”
“क्या हुआ ?”,निशि ने पूछा
“मुझे एक रोल मिला है , रोल छोटा है पर आकाश ने कहा बहुत इम्प्रेसिव है। हमे अभी फिल्मसिटी जाना होगा।”,पूर्वी ने कहा
फिल्मसिटी का नाम सुनते ही निशि को वंश का ख्याल आया। वंश से मिलने का सोचकर निशि मन ही मन खुश हो गयी लेकिन उसने अपनी ख़ुशी को चेहरे पर नहीं आने दिया और कहा,”अच्छा और क्लास कौन लेगा ?”
“वैसे भी एक दिन क्लास लेकर कौनसा हम कलेक्टर बन जायेंगे ? अब चलो आज मेरे लिये बहुत बड़ा दिन है,,,,,,,,,,,और फिर वहा वो भी तो है।”,पूर्वी ने शरारत से कहा
“कौन वो ?”,निशि ने अनजान बनते हुए कहा जबकि वो जानती थी पूर्वी वंश की बात कर रही है
“अरे वही जिसने आजकल तेरी रातों की नींद और दिन का चैन चुरा रखा है।”,पूर्वी ने कहा
“ऐसा कुछ भी नहीं है और तुम्हे जाना है न फिल्मसिटी तो जाओ तुम,,,,,,,,,!!”,निशि ने चिढ़ते हुए कहा
“ठीक है , मतलब तुम्हे नहीं जाना ,, ओके फिर मैं अकेले ही चली जाती हूँ।”,पूर्वी ने कहा
“ए ! किसने कहा मुझे नहीं जाना ? मैं यहाँ अकेले क्या करुँगी ?”,निशि ने कुनमुनाते हुए कहा तो पूर्वी मुस्कुराने लगी और स्कूटी स्टार्ट कर आगे बढ़ा दी।
पूर्वी के पीछे बैठी निशि वंश को देखने भर के ख्याल से ही खिल उठी।
पूर्वी निशि को लेकर फिल्मसिटी पहुंची। आकाश बाहर ही खड़ा था पूर्वी आकर उस से मिली और फिर तीनो अंदर चले आये। अंदर आने के साथ ही निशि का दिल धड़कने लगा। ऐसा उसके साथ पहले नहीं होता था पर आजकल वंश के नाम से या उसके ख्याल से ही उसका दिल धड़कने पर मजबूर हो जाता था। निशि ने एक दो गहरी सांसे ली और अपनी धड़कनो को सामान्य करने की कोशिश की लेकिन जैसे जैसे वह सेट की तरफ बढ़ रही थी उसकी धड़कने बढ़ते ही जा रही थी।
पूर्वी आकाश के साथ चली गयी और निशि सेट नंबर 4 पर चली आयी जहा पिछली बार उसने वंश को शूटिंग करते हुए देखा था। निशि वहा एक साइड आकर खड़ी हो गयी। उसने इधर उधर नजर घुमाई लेकिन वंश उसे कही दिखाई नहीं दिया। निशि को थोड़ा अजीब लगा क्योकि एक्टिंग वंश का सपना था और वह अपने काम से कभी दूर नहीं रहता था। निशि ने सब जगह देखा लेकिन वंश उसे दिखाई नहीं दिया।
मायूस होकर निशि जैसे ही वहा से जाने लगी सुमित की आवाज उसके कानो में पड़ी,”ये वंश को हो क्या गया है ? पिछले 3 दिन से ना वो शूटिंग पर आया है ना ही उसका फोन लग रहा है। आखिर वो लड़का इतना गैरजिम्मेदार कैसे हो सकता है ?”
“वंश 3 दिन से शूटिंग पर नहीं आया है , मगर क्यों ? कही उसे कुछ,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,निशि धीरे से बुदबुदाई और इसके साथ ही उसकी धड़कने बढ़ गयी।
वह वंश से मिलने के लिये तड़पने लगी। वह भागकर पूर्वी के पास गयी और कहा,”अपनी स्कूटी की चाबी दो।”
“क्यों ?”,पूर्वी ने कहा
“मुझे घर जाना है कुछ अर्जेन्ट है , प्लीज जल्दी दो।”,निशि ने बेचैनी भरे स्वर में कहा तो पूर्वी ने उसे चाबी दे दी और कहा,”ठीक है लेकिन ध्यान से जाना , और हाँ हेलमेट दिग्गी में रखा है।”
“या थैंक्स,,,,,,,,,,,,,मैं तुम से कल मिलती हूँ !”,कहकर निशि वहा से चली गयी
“ये तुम्हारी दोस्त हमेशा इतना जल्दी में क्यों रहती है ?”,आकाश ने पूर्वी से पूछा
“अह्ह्ह इसकी जिंदगी प्यार नाम का भूकंप जो आने वाला है शायद इसलिए,,,,,,,,,!!”,पूर्वी ने कहा और आकाश के साथ वहा से चली गयी
Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38
Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38Main Teri Heer – 38
Continue With Part Main Teri Heer – 39
Read More Previous Part मैं तेरी हीर – 37
Follow Me On facebook
संजना किरोड़ीवाल
वाह वाह… फाइनली अब निशि वंश के पास गई है और अब वो उसे बीमार देखेगी तो उसे खुद पर गुस्सा आएगा कि उस दिन उसने वंश से बात क्यों नहीं की… दोनों के बीच प्यार का अंकुर फूटेगा… लेकिन ये काशी को क्या हुआ है, वो क्यों विश्वास के बारे में शक्ति को बता नहीं देती… खैर आज तो शक्ति ने खुद देख लिया है काशी का हाल…आई थिंक वो अब खुद काशी से पता करेगा इस बारे में
Shakti janta hai ki Kashi kyu baichen hai…Nishi Vansh ke milne ke khayal se hi kush hogayi jab voh set per gayi voh usne sunna ki Vansh 2-3 din se Shooting per nahi araha toh usse uski Chinta hone lagi aur voh Purvi ki Scooty lekar usse milne ka socha wahi Baarish ne bigne ki wajahse Vansh ki tabiyaat bahut bigad gayi…nice part Maam♥♥♥♥♥
Awesome part
TO finally nishi ko pta chalega ki vansh bimar h isliye nhi aa rha h