Sanjana Kirodiwal

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“मैं तेरी हीर” – 31

Main Teri Heer – 31

Main Teri Heer

Main Teri Heer – 31

मार्किट में जो कुछ भी हुआ उस से वंश बहुत गुस्से में था। राजन और उसके बीच पहले से 36 का अाकड़ा था और अब तो उसने काशी को छेड़ा था ऐसे में वंश शांत बैठे ये हो नहीं सकता। मुन्ना ने उसे समझाने की कोशिश की लेकिन वंश उठा और अंदर चला आया। मुन्ना भी उसके पीछे पीछे अंदर चला आया तब तक काशी और अंजलि कपडे बदलकर आ चुकी थी। काशी को मुस्कुराते देखकर वंश का गुस्सा थोड़ा कम हुआ , मुन्ना ने आकर उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”गुस्सा थूक दे मेरे भाई , चल जाकर कपडे बदल ले”
वंश कपडे बदलने चला गया वापस आया तो हाथ में टॉवल था और वंश अपने गीले बालो को पोछ रहा था। काशी ने देखा तो वंश के पास आयी और उसके हाथ टॉवल लेकर कहा,”लाओ हम पोछ देते है”
वंश ने टॉवल काशी को दे दिया जैसे एक माँ अपने बच्चे का सर पोछती है बिल्कुल वैसे ही काशी वंश का सर पोछ रही थी। सर पोछते हुए काशी कहने लगी,”वैसे आपको इतना गुस्सा नहीं करना चाहिए था , उसने जो किया उसके लिए हमने उसे थप्पड़ पहले ही मार दिया था”
“काशी मैं तुम्हारा भाई तुम्हारी हिफाजत करना मेरी रेस्पोंसबिलिटी है”,वंश ने कहा
“वैसे थैंक्यू , आज हमे पता चला की हमारे दोनों भाई हमसे बहुत प्यार करते है”,काशी ने खुश होकर वंश को साइड हग करते हुए कहा
“हेलो बच्चा पार्टी इधर आ जाओ सब गर्मागर्म चाय तैयार है”,अनु ने ट्रे हाथो में पकडे हॉल में रखे सोफे की तरफ आते हुए कहा। मुन्ना वंश अंजलि और काशी चारो उस तरफ चले आये। अनु ने सबको चाय दी और खुद भी एक कप लेकर वही उन सबके साथ बैठ गयी
“वैसे आज बाहर जाने का ये बेकार आईडीया किसका था ?”,अनु ने चाय का घूंठ भरते हुए कहा
“इस पागल का,,,,,,,,,,!!”,वंश ने अंजलि की तरफ देखते हुए कहा
“छोटी मामी अब हमे क्या पता था बारिश शुरू हो जाएगी ?”,अंजलि ने मासूमियत से कहा
“कोई बात नहीं होता है , तुम सब बाहर से खाकर आये हो या खाना बनवाऊ तुम्हारे लिए”,अनु ने पूछा
“नहीं मौसी हम सब बाहर खाकर आये है”,काशी ने कहा
“और खिलाकर भी,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा तो मुन्ना उसकी तरफ देखने लगा। मुन्ना का ऐसे देखना वंश को अच्छा नहीं लगा तो वंश ने कहा,”वैसे मौसी मुन्ना ने आपको पूजा के बारे में बताया या नहीं ?”
पूजा का नाम सुनते ही मुन्ना फिर वंश की तरफ देखने लगा और मन ही मन वंश को 10-12 गालिया दे डाली।
“कौन पूजा ? मुन्ना तुमने कभी बताया नहीं ,, तुम्हारी गर्लफ्रेंड है क्या ?”,अनु ने नॉर्मली कहा जो की इन बातो को लेकर काफी फ्रेंक और ओपन माइंडेड थी। मुन्ना ने सुना तो फटाक से कहा,”नहीं माँ हमारी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है”
“ठीक से पूछ लो मौसी थोड़ी देर पहले ही उनके साथ खड़े होकर आलू चाट खाया जा रहा था”,वंश ने उठते हुए कहा क्योकि वह जानना था इसके बाद मुन्ना उसे छोड़ने वाला नहीं है। अनु ने सूना तो इस बार हैरानी से कहा,”मुन्ना क्या सच में ?”
मुन्ना ने खा जाने वाली नजरो से वंश को देखा और पास पड़ा कुशन उसकी ओर फेंककर मारा लेकिन वंश तो ठहरा वंश वो नीचे झुका और कुशन जा लगा सीधा सामने से आते मुरारी के मुंह पर। ये देखकर वंश हँसने लगा मुन्ना उठा और वंश की तरफ आते हुए कहा,”तुझे तो हम बताते है”
वंश जैसे पहले से तैयार था , जैसे ही मुन्ना उसकी तरफ आया वंश ऊपर भाग गया। आगे वंश पीछे मुन्ना ,, भागते हुए वंश मुन्ना के कमरे में आ घुसा और यहाँ मुन्ना ने लपक कर उसे पकड़ा और दोनों बिस्तर पर आ गिरे। मुन्ना वंश के ऊपर चढ़ गया और एक घुसा उसके मुंह पर मारते हुए कहा,”माँ के सामने पूजा का नाम क्यों लिया ?”
“अरे तो क्या हो गया है नहीं क्या वो तेरी गर्लफ्रेंड ? वैसे भी पहली बार तुझे किसी लड़की के साथ देखा है घर में बताना तो बनता है”,वंश ने मुस्कुराते हुए कहा , मुन्ना ने हल्के हाथ से एक घुसा और मारते हुए कहा,”अबे जूनियर है वो हमारी , और तू जो सोच रहा है वैसा कुछ भी नहीं है ,, ऊपर से तूने ही हमे उसके साथ फंसाया आलू चाट खाने के लिए”
“क्या फर्क पड़ता है ?”,वंश ने कहा
“अच्छा क्या फर्क पड़ता है ? हम बताये बड़े पापा को तुम्हारे और रिया के बारे में , और रिया ही क्यों मीना , सपना , कामिनी , सुप्रिया के बारे में ,,,,,,,,,,, तुम्हारे जितने कांड है ना बेटा उस हिसाब से बड़ी फुर्सत से क्लास लगेगी तुम्हारी”,मुन्ना ने कहा
“जाओ बता दो”,वंश ने बेशर्मो की तरह कहा
“हम तुम्हारी तरह नहीं है , हर बात की अपनी मान मर्यादा होती है”,मुन्ना ने वंश को छोड़कर साइड होते हुए कहा
“ओह्ह महापुरुष जी ! चरण कहा है आपके ? और आप यहाँ क्या कर रहे है आपको तो स्वर्ग में होना चाहिए था अप्सराओ के साथ”,वंश ने कहा
मुन्ना ने उसे देखा और कहा,”नौटंकी है तू एक नंबर का”
वंश उठा और मुन्ना के सामने आकर कहने लगा,”एक दिन हमारी यही बातें तुम्हे बहुत याद आने वाली है मुन्ना”
वंश के मुंह से ऐसी बात सुनकर मुन्ना के दिल में एक टीस उठी और उसने कहा,”ऐसी बातें मत किया कर वंश , तू कही नहीं जाएगा यही रहेगा बनारस में”
“मेरा बस चलता तो मैं कब का यहाँ से फुर्र हो जाता , और तू तो ऐसे इमोशनल हो रहा है जैसे मैं लड़की हूँ और ससुराल जा रहा हूँ”,वंश ने हँसते हुए कहा
मुन्ना बिस्तर पर आ बैठा , वंश भी उसके बगल में बैठा और कहने लगा,”ए मुन्ना हम लोग साथ पैदा हुए , साथ साथ पढाई की , स्कूल भी साथ गए और कॉलेज भी साथ ही,,,,,,,,,,!!!”
“तू कहना क्या चाहता है ?”,मुन्ना ने वंश की तरफ देखकर पूछा
“यही की अब प्यार भी साथ साथ करेंगे और शादी भी , कितना मजा आएगा अगर मुझे कोई लड़की पहले मिली तो उसकी बहन से मैं तेरी सेटिंग करवा दूंगा , और अगर तुझे मिली तो तू मेरी करवा देना”,वंश ने कहा
“उठो और निकलो इस कमरे से बाहर”,कहते हुए मुन्ना ने वंश को कमरे से बाहर निकाल दिया
“सही है दोस्त पूजा मिल गयी भाई को भूल गया”,वंश ने उसे फिर छेड़ते हुए कहा
मुन्ना ने दरवाजा खोला और फिर से कुशन फेंकते हुए कहा,”लड़कियों के बाहर भी एक दुनिया है बेटा , बाहर निकलो इस भरम से”
वंश हँसते हुए नीचे चला गया। मुन्ना ने दरवाजा बंद किया और दरवाजे से पीठ लगाकर खुद से कहने लगा,”ये वंश के साथ रहते रहते हम भी ना उसके जैसे होने लगे है।”

उसी शाम , शिवम् का घर
अपने कमरे की अलमारी से लेकर उस कमरे का कोना कोना तक शिवम् ने छान मारा लेकिन उसे नहर वाले प्रोजेक्ट की फाइल नहीं मिल रही थी।
शिवम् ने याद करने की कोशिश की जहा तक उसे याद था आखरी बार उसने फाइल अपने कमरे की टेबल पर ही रखी थी लेकिन अब वहा नहीं थी। सारिका कमरे में आयी उसने शिवम् को परेशान देखा तो उसके पास आयी और कहा,”क्या हुआ आप कुछ परेशान दिख रहे है ?”
“सरु हमारी एक फाइल थी हमे मिल नहीं रही”,शिवम् ने ढूंढते हुए कहा
“इम्पोर्टेन्ट थी क्या ?”,सारिका ने भी ढूंढते हुए सवाल किया
“हाँ , वो नहर वाले प्रोजेक्ट की फाइल थी उसी को लेकर कल सी.एम. सर से मीटिंग थी हमारी ,, उस फाइल का मिलना बहुत जरुरी है सरू , उस फाइल में उन चार लोगो के साइन है जो नहर के पास वाली अपनी जमीन देने को तैयार है। अब अगर फाइल ही नहीं मिली तो आगे काम कैसे होगा ?”,शिवम् ने थोड़ा परेशान होकर कहा
“आप एक बार मुरारी भैया से पूछ लीजिये , हो सकता है आपने उन्हें दे दी हो”,सारिका ने कहा
“हम्म , हम करते है”,शिवम् ने कहा
“आप बैठिये हम आपके लिए चाय भिजवाते है”,कहते हए सारिका चली गयी। शिवम् ने मुरारी को फोन किया लेकिन फाइल उसके पास भी नहीं थी। शिवम् का मन उदास हो गया कितने सालो बाद बनारस के हित में ये काम होने जा रहा था और आज अचानक फाइल ही गायब थी। सारिका उसके लिए चाय ले आयी उसने शिवम् से फाइल के बारे में पूछा शिवम् सारिका को परेशान करना नहीं चाहता था इसलिए झूठ कहा,”हाँ वो हमने दिवाली वाली शाम मुरारी को दे दी थी , हम भी ना दिन ब दिन भुलक्कड़ होते जा रहे है सरु”
“चलिए अच्छा हुआ आपकी परेशानी खत्म हुई , वरना आपके चेहरे पर परेशानी हमे बिल्कुल अच्छी नहीं लगती”,सारिका ने बैठते हुए कहा
“काशी कहा है सुबह से दिखाई नहीं दे रही ना ही वंश और अंजलि ?”,शिवम् ने चाय पीते हुए कहा
“वे तीनो सुबह ही बाहर चले गए उसके बाद अनु के यहाँ रुक गए , अनु चाहती है आज रात काशी उसके साथ रुके आप कहे तो,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,सारिका कहते कहते रुक गयी ये सोचकर की शायद शिवम् को अच्छा नहीं लगेगा
“कैसी बातें कर रही हो सरू ? अनु भी उसकी माँ जैसी है अगर काशी चाहे तो वहा रुक सकती है हमे कोई ऐतराज नहीं है ,, वैसे भी आज बच्चे घर में नहीं है और आई बाबा भी बाहर गए है तो हमे आपके साथ वक्त बिताने का मौका मिल जाएगा”,शिवम् ने प्यार से सारिका को देखते हुए कहा
“लेकिन अभी तो हमे किचन की तरफ जाना है दीना को समझा देते है रात के खाने में क्या क्या बनेगा ?”,सारिका ने उठते हुए कहा तो शिवम् ने उसका हाथ पकड़कर उसे वापस बैठा लिया और कहा,”सरु वो सब बाद में पहले यहाँ बैठो हमारे पास”
सारिका शिवम के सामने आ बैठी तो शिवम् ने दोनों हाथो मे उसके नाजुक हाथ को थाम लिया और कहा,”पीछे मुड़कर जब अपनी जिंदगी को देखते है तो आँखे नम हो जाती हैं। कितने सालो के इंतजार के बाद आप मिली और एक बार तो हमने आपको खो सा दिया था लेकिन महादेव की कृपा थी शायद हम पर की इतनी मुसीबतो के बाद भी आज आप हमारे साथ है। सुख में दुःख में ख़ुशी में गम में आपने हमेशा हम पर भरोसा जताया है और हमारा साथ दिया है , और आने वाली जिंदगी से हम बस यही मांगते है की ये साथ हमेशा यु ही बना रहे”
सारिका ने सूना तो मुस्कुरा उठी और अपने दूसरे हाथ को शिवम् के हाथ से लगाते हुए कहा,”आप पर हमारा भरोसा और साथ हमेशा बना रहेगा”

मुरारी का घर -:
रात के खाने के बाद अनु , काशी और अंजलि अनु के कमरे में चली आयी क्योकि आज उन्हें ढेर सारी बातें जो करनी थी। किसी तरह का डिस्टबेंस ना हो इसलिए अनु ने खाने पीने का हल्का फुल्का सामान कमरे में पहले ही रख लिया। काशी ने देखा तो कहा,”ये क्या मौसी ये सब खाने की चीजे कमरे में क्यों रखी है ?”
“अरे काशी तुम कभी हॉस्टल में नहीं रही ना इसलिए , आधी रात में भूख लगेगी तब ये सब काम आएगा”,अनु ने बैठते हुए कहा इतने में किसी ने दरवाजा खटखटा दिया। अनु ने काशी अंजलि की ओर देखा और उठकर दरवाजे के पास आयी। उसने दरवाजा खोला था सामने मुरारी खड़ा था जैसे ही मुरारी ने अंदर आने की कोशिश की अनु ने उसे बाहर करते हुए कहा,”यहाँ गर्ल्स पार्टी हो रही है मेन्स आर नॉट अलाउड”
“अरे तो फिर हम कहा जायेंगे ? हम भी करते है पार्टी तुम सबके साथ”,मुरारी ने अंदर आने की कोशिश करते हुए कहा तो अनु ने उसे बाहर कर दिया और दरवाजा बंद करते हुए कहा,”आप के दोनों बेटे ऊपर है उनके पास जाईये , यहाँ लड़के नॉट अलाउड”
बेचारा मुरारी जानता था की अनु जिद्दी है इसलिए बड़बड़ाते हुए सीढ़ियों की तरफ चला आया,”जे कौनसी पार्टी है जो सिर्फ लड़किया करती है ? हमारे ही कमरे में हमे नहीं घुसने दे रहे जे तो मतलब कमाल हो गवा ,,,,,!!!
मुन्ना के कमरे के सामने आकर मुरारी रुक गया , दरवाजा खुला था वंश फोन में लगा था और मुन्ना अपने लेपटॉप के सामने बैठकर काम कर रहा था। मुरारी ने दरवाजा खटखटाया और कहा,”अंदर आ जाये ?”
“अरे मुरारी चचा आपका ही घर है जहा मर्जी आओ , वैसे अच्छा हुआ आप आ गए ये मुन्ना तो जब देखो तब लेपटॉप में घुसा रहता है। मैं कबसे यहाँ बोर हो रहा था ?”,वंश ने उठकर बैठते हुए कहा
मुन्ना ने देखा आज कई दिनों बाद मुरारी उसके कमरे में आया है लेकिन उस वक्त उसके लिए अपना काम ज्यादा इम्पोर्टेन्ट था। उसने एक नजर अपने पापा को देखा और फिर काम में लग गया। मुरारी अंदर आया और बिस्तर पर बैठते हुए कहा,”तुम्हारी मौसी गर्ल्स टॉक कर रही है और हमे अकेले नींद नहीं आती इसलिए सोचा क्यों ना तुम दोनों को कम्पनी दे दे ?”
“अरे फिर तो बहुत मजा आयेगा चाचा”,वंश ने एक्साइटेड होकर मुरारी से चिपकते हुए कहा
“थोड़ा डिस्टेंस मेंटेन करके रखो बेटा तुम्हारे चाचा है गर्लफ्रेंड नहीं जो इत्ता चिपक रहे हो”,मुरारी ने कहा तो वंश दाँत दिखाने लगा क्योकि मुन्ना के बाद मुरारी ही था जिसके सामने वंश फ्रेंक था। मुरारी ने देखा मुन्ना की नजरे और ध्यान बस लेपटॉप पर है तो उसने कहा,”ए बेटा , आँखे खराब हो जाएगी , भरी जवानी में चश्मा लग जाएगा तुमको इतना मत घुसो लेपटॉप में”
मुन्ना समझ गया की मुरारी उसे शांति से काम करने नहीं देगा इसलिए उसने लेपटॉप बंद कर दिया और उठकर बिस्तर की तरफ आया और तकिया कंबल लेकर कमरे से बाहर जाते हुए कहा,”हमे सुबह कॉलेज जाना है आप दोनों बतियाईये आराम से”
मुरारी ने मुन्ना को जाते हुए देखा और कहा,”बहुते बोरिंग लड़का पैदा किये है हम ?”
“हाँ हमे भी यही लगता है”,वंश ने जाते हुए मुन्ना को देखकर कहा तो मुरारी ने उसकी ओर देखा और कहा,”शिवम भैया से पूछना पडेगा कही हॉस्पिटल में बदल तो नहीं गए तुम दोनों”
“क्या चाचा आप भी,,,,,,,,,,!!!”,वंश ने मुरारी की बांह पर हल्का सा पंच मारते हुए कहा
“अभी का कहे थे हम डिस्टेंस,,,,,,,,,,,,,,!!!”,मुरारी ने कहा तो बेचारा वंश साइड हट गया।

Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer – 31 Main Teri Heer –

क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 32

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संजना किरोड़ीवाल

Main Teri Heer

मुरारी का घर -:
रात के खाने के बाद अनु , काशी और अंजलि अनु के कमरे में चली आयी क्योकि आज उन्हें ढेर सारी बातें जो करनी थी। किसी तरह का डिस्टबेंस ना हो इसलिए अनु ने खाने पीने का हल्का फुल्का सामान कमरे में पहले ही रख लिया। काशी ने देखा तो कहा,”ये क्या मौसी ये सब खाने की चीजे कमरे में क्यों रखी है ?”
“अरे काशी तुम कभी हॉस्टल में नहीं रही ना इसलिए , आधी रात में भूख लगेगी तब ये सब काम आएगा”,अनु ने बैठते हुए कहा इतने में किसी ने दरवाजा खटखटा दिया। अनु ने काशी अंजलि की ओर देखा और उठकर दरवाजे के पास आयी। उसने दरवाजा खोला था सामने मुरारी खड़ा था जैसे ही मुरारी ने अंदर आने की कोशिश की अनु ने उसे बाहर करते हुए कहा,”यहाँ गर्ल्स पार्टी हो रही है मेन्स आर नॉट अलाउड”
“अरे तो फिर हम कहा जायेंगे ? हम भी करते है पार्टी तुम सबके साथ”,मुरारी ने अंदर आने की कोशिश करते हुए कहा तो अनु ने उसे बाहर कर दिया और दरवाजा बंद करते हुए कहा,”आप के दोनों बेटे ऊपर है उनके पास जाईये , यहाँ लड़के नॉट अलाउड”
बेचारा मुरारी जानता था की अनु जिद्दी है इसलिए बड़बड़ाते हुए सीढ़ियों की तरफ चला आया,”जे कौनसी पार्टी है जो सिर्फ लड़किया करती है ? हमारे ही कमरे में हमे नहीं घुसने दे रहे जे तो मतलब कमाल हो गवा ,,,,,!!!
मुन्ना के कमरे के सामने आकर मुरारी रुक गया , दरवाजा खुला था वंश फोन में लगा था और मुन्ना अपने लेपटॉप के सामने बैठकर काम कर रहा था। मुरारी ने दरवाजा खटखटाया और कहा,”अंदर आ जाये ?”
“अरे मुरारी चचा आपका ही घर है जहा मर्जी आओ , वैसे अच्छा हुआ आप आ गए ये मुन्ना तो जब देखो तब लेपटॉप में घुसा रहता है। मैं कबसे यहाँ बोर हो रहा था ?”,वंश ने उठकर बैठते हुए कहा
मुन्ना ने देखा आज कई दिनों बाद मुरारी उसके कमरे में आया है लेकिन उस वक्त उसके लिए अपना काम ज्यादा इम्पोर्टेन्ट था। उसने एक नजर अपने पापा को देखा और फिर काम में लग गया। मुरारी अंदर आया और बिस्तर पर बैठते हुए कहा,”तुम्हारी मौसी गर्ल्स टॉक कर रही है और हमे अकेले नींद नहीं आती इसलिए सोचा क्यों ना तुम दोनों को कम्पनी दे दे ?”
“अरे फिर तो बहुत मजा आयेगा चाचा”,वंश ने एक्साइटेड होकर मुरारी से चिपकते हुए कहा
“थोड़ा डिस्टेंस मेंटेन करके रखो बेटा तुम्हारे चाचा है गर्लफ्रेंड नहीं जो इत्ता चिपक रहे हो”,मुरारी ने कहा तो वंश दाँत दिखाने लगा क्योकि मुन्ना के बाद मुरारी ही था जिसके सामने वंश फ्रेंक था। मुरारी ने देखा मुन्ना की नजरे और ध्यान बस लेपटॉप पर है तो उसने कहा,”ए बेटा , आँखे खराब हो जाएगी , भरी जवानी में चश्मा लग जाएगा तुमको इतना मत घुसो लेपटॉप में”
मुन्ना समझ गया की मुरारी उसे शांति से काम करने नहीं देगा इसलिए उसने लेपटॉप बंद कर दिया और उठकर बिस्तर की तरफ आया और तकिया कंबल लेकर कमरे से बाहर जाते हुए कहा,”हमे सुबह कॉलेज जाना है आप दोनों बतियाईये आराम से”
मुरारी ने मुन्ना को जाते हुए देखा और कहा,”बहुते बोरिंग लड़का पैदा किये है हम ?”
“हाँ हमे भी यही लगता है”,वंश ने जाते हुए मुन्ना को देखकर कहा तो मुरारी ने उसकी ओर देखा और कहा,”शिवम भैया से पूछना पडेगा कही हॉस्पिटल में बदल तो नहीं गए तुम दोनों”
“क्या चाचा आप भी,,,,,,,,,,!!!”,वंश ने मुरारी की बांह पर हल्का सा पंच मारते हुए कहा
“अभी का कहे थे हम डिस्टेंस,,,,,,,,,,,,,,!!!”,मुरारी ने कहा तो बेचारा वंश साइड हट गया।

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