“मैं तेरी हीर” – 16
Main Teri Heer – 16
Main Teri Heer – 16
शिवम् के घर पर सब लोग जमा थे। राधिका अपने पति और बेटी अंजलि के साथ आयी थी। मुरारी अनु के साथ आया था उसका बेटा मुन्ना पहले वह मौजूद था। शिवम् के घर में आई-बाबा , सारिका , वंश और काशी के साथ साथ घर का दीना भी मौजूद था। वंश ने सबके साथ एक सेल्फी ली। सारिका के कहने पर सभी नाश्ता करने के लिए चले आये। आई , बाबा , मुरारी , राधिका , राधिका के पति , शिवम् , मुन्ना , वंश , अंजलि और काशी डायनिंग टेबल के पास लगी कुर्सियों पर आ बैठे। सारिका और अनु उन सब के लिए नाश्ता परोसने लगी। आज की खास मेहमान थी काशी इसलिए सब उसकी पसंद का बना था। काशी शिवम के बगल में ही बैठी थी। शिवम् ने एक निवाला तोड़कर काशी को खिलाया तो काशी ने कहा,”पापा अब हम बच्चे थोड़े है , हम बड़े हो गए है ना”
“बेटियां कितनी भी बड़ी हो जाये अपने पापा के लिए हमेशा छोटी ही रहती है , लो खाओ देखो कितनी दुबली हो गयी हो आप”,शिवम् ने काशी को दूसरा निवाला खिलाते हुए कहा। बस फिर क्या था सब में होड़ सी लग गयी और सब काशी को खिलाने लगे। अनु ने अपने साथ लाये दही भल्ले उसकी प्लेट में रखते हुए कहा,”ये मैंने आई से सीखकर स्पेशली तुम्हारे लिए बनाये है , खाकर बताओ कैसे बने है ?”
“ये आलू के पकोड़े भी तुम्हारे लिए बनाये है काशी”,कहते हुए सारिका ने उसकी प्लेट में गरमा गर्म कुछ पकोड़े भी रख दिए।
“अरे मेथी के पराठे है और आम का अचार नहीं , ये लो काशी हमाये हाथ से बना जे अचार बहुते स्वादिष्ट है खाकर बताओ कैसा बना है ?”,आई ने अपने हाथो से बनाया अचार काशी की प्लेट में रखते हुए कहा।
“बेटा ये मुंग दाल का हलवा खाओ सर्दियों में बहुत अच्छा होता है”,शिवम् ने कटोरी बढ़ाते हुए कहा
काशी इतना सारा खाना देखकर हैरान हो गयी पर उसे पता था बनारस आते ही उसका ये हाल होना ही है , उसने अपनी बगल में बैठे मुन्ना की तरफ देखा और धीरे से कहा,”इसलिए हम यहाँ नहीं आना चाहते है ,सब घरवाले ऐसे ट्रीट करने लगते है जैसे हम कोई यहाँ की राजकुमारी हो”
“अच्छा है ना काशी मुझे और मुन्ना को तो एक ग्लास पानी के लिए भी नहीं पूछा जाता”,वंश ने खाते हुए कहा
“हां घर की मुर्गी दाल बराबर”,मुन्ना ने कहा और वंश के साथ दबी हंसी हसने लगा। शिवम् की नजर वंश पर पड़ी तो उसने अपनी हंसी रोक ली और अनु से कहा,”अनु मौसी ये गलत बात है काशी को आप सब लोग इतना पूछ रहे हो मुझे तो कोई नहीं पूछता”
“अरे मेरे भांजे तुम्हे कोई ना भी पूछे तो तुम अपने मौसा की तरह किचन में घुसकर अकेले ही खा लोगे”,अनु ने कहा तो सब हंस पड़े और मुरारी ने कहा,”अरे भैया तो अपने ही घर मा कैसी शर्म क्यों आई ?”
“बिल्कुल मुरारी तुम्हारा और शर्म का तो दूर दूर तक कोई रिश्ता नहीं है”,आई ने कहा तो सब हंस पड़े।
हंसी मजाक और बाते करते हुए सभी नाश्ता करने लगे
नाश्ता करने के बाद मुन्ना जीप लेकर घर चला गया क्योकि थकान की वजह से उसका बदन टूट रहा था। दिवाली का वक्त था और ओल्डएज होम में भी कुछ जरुरी इंतजाम करवाने थे इसलिए बाबा दीना को लेकर चले गए। शिवम् , और मुरारी घर की बैठक में आ बैठे और बातें करने लगे। राधिका बहुत दिनों बाद आई से मिली थी इसलिए उनके साथ बैठकर बातें कर रही थी। अनु , सारिका , काशी और अंजलि सारिका के कमरे में बैठे थे और बातें कर रहे थे बचे हमारे वंश बाबू तो उनका और नींद का बहुत ही गहरा रिश्ता था नाश्ता करने के बाद वो वही हॉल में रखे सोफे पर आकर सो गया।
सारिका के कमरे में बैठी काशी ने सारिका से कहा,”माँ आपने तो कहा था इस बार आप और पापा आएंगे इंदौर , फिर इस बार मुन्ना भैया कैसे और पापा ने इतनी मेहरबानी कैसे कर दी वंश भैया पर की उन्हे भी साथ भेज दिया ?”
“काशी हम लोग ही आने वाले थे लेकिन तुम्हारे चाचा है उन्हें जब देखो तब कोई न कोई जरुरी काम आ जाता है इसी चक्कर में नहीं आ पाए”,अनु ने कहा
“हां काशी वरना हमारा तो बहुत मन था माँ पापा से मिलने का , कैसे है वे दोनों ?”,सारिका ने कहा
“दोनों अच्छे है माँ , आपको और अनु मौसी को बहुत मिस करते है ,, कितना अच्छा होता ना माँ अगर आपका कोई भाई होता तो आज नानु नानी के साथ रहता। वे दोनों काफी बुजुर्ग हो चुके है माँ ,, हम तो सोच रहे है हमारी शादी के बाद भी हम उनके साथ ही रहे”,काशी ने अपने नाना नानी की चिंता जताते हुए कहा।
“हमने पापा से कहा है काशी की वो माँ के साथ यहाँ हम सबके साथ आकर रहे लेकिन वे बहुत स्वाभिमानी है वे नहीं आएंगे ,, खैर इस बार हम तुम्हारे पापा से कहेंगे की उनसे मिलने चले।”,सारिका ने काशी के पास बैठते हुए कहा
“दी दिवाली के बाद पक्का हम उनसे मिलने चलेंगे”,अनु ने सारिका के हाथ पर हाथ रखकर मुस्कुराते हुए कहा
“मामीजी हमे भी इंदौर जाना है”,अंजलि ने कहा
“हां तो चलो हमारे साथ , इस साल तुम्हारी 12TH है ना , अगले साल तुम भी हमारे कॉलेज में एडमिशन ले लेना”,काशी ने कहा तो अंजलि खुश हो गयी
“कोई कही नहीं जाएगा , तुम भी एग्जाम के बाद हमेशा हमेशा के लिए बनारस आ रही हो काशी। बस बहुत रह ली हम सबसे दूर अब और नहीं आगे की पढाई जो भी करनी हो यही से करना”,सारिका ने कहा
“माँ आप आते ही शुरू हो गयी , वैसे भी हम कौनसा आपसे कही दूर जा रहे है ? इंदौर ही तो है”,काशी ने सारिका के गले में बाँहे डालते हुए कहा
सारिका प्यार से उसके चेहरे को निहारने लगी और कहा,”बेटा कुछ साल और उसके बाद एक प्यारा सा राजकुमार आएगा और तुम से शादी करके तुम्हे हम सब से दूर ले जाएगा”
“हमे नहीं करनी कोई शादी वादी , हम अपने पापा को छोड़कर कही नहीं जाने वाले”,काशी ने अनु की गोद में सर रखकर लेटते हुए कहा
“वैसे दी कुछ दिन पहले चाचा जी बता रहे थे एक लड़के के बारे में , नोएडा में रहता है खुद का बिजनेस है। परिवार भी अच्छा है आप जीजू से बात करना इस बारे में”,अनु ने कहा तो काशी उठकर बैठ गयी और अनु से कहने लगी,”ए मौसी तुम यार हमारी दोस्त हो या दुश्मन ,, हमारे लिए लड़का देख रही हो और हमे बताया भी नहीं ,, अभी हमारी उम्र ही क्या है जो हमारी शादी करके हमे इस घर से भगाने की फ़िराक में हो सब के सब”
“अरे काशी तुम भी ना चिढ जाती हो कसम से , अच्छा ये बताओ घर कब आ रही हो ? मुझे ना तुमसे ढेर सारी बातें करनी है”,अनु ने कहा
“कल धन तेरस है ना तो कल हम आपके घर आ रहे है उसके बाद शॉपिंग करने चलेंगे”,काशी ने कहा जिसे खरीदारी करने का कुछ ज्यादा ही शौक था
“अरे वाह ये तो और भी अच्छा है ,, मैं गाड़ी भिजवा दूंगी और हां अंजलि तुम भी चलना”,अनु ने कहा
“लेकिन मम्मी तो हमे आज ही वापस लेकर जा रही है”,अंजलि ने मासूम सा चेहरा बनाकर कहा
“अंजलि अगर तुम्हारा रुकने का मन है तो राधिका से हम कह देंगे की वो तुम्हे लेकर ना जाये , इस बार दिवाली तुम यही मनाना हम सबके साथ ठीक है”,सारिका ने प्यार से कहा तो अंजलि ने उसके गले लगते हुए कहा,”ओह्ह बड़ी मामी आप कितनी स्वीट है”
“और हम नहीं है स्वीट ?”,अनु ने कहा
“अरे छोटी मामी आप तो चलता फिरता पटाखा हो”,अंजलि ने शरारत से कहा तो सारिका ने उसका कान खींचते हुए कहा,”धत , बड़ो के सामने ऐसी बातें नहीं कहते”
“सॉरी मामी”,अंजलि ने कहा तो सारिका ने उसका कान छोड दिया और कहा,”हम ज़रा जाकर बाकि सबको देख लेते है तब तक तुम सब बातें करो ,, अनु तुम्हारे लिए कुछ भिजवाऊ ?”
“अरे नहीं दी अभी अभी तो नाश्ता किया है , आप परेशान मत होईये इन्फेक्ट मैं भी चलती हूँ आपके साथ आपकी थोड़ी हेल्प हो जाएगी”,अनु ने उठते हुए कहा और सारिका के साथ कमरे से बाहर निकल गयी।
उनके जाने के बाद अंजलि आयी और काशी के बगल में लेटते हुए कहा,”अच्छा काशी तुमने हमे बताया नहीं”
“क्या ?”,काशी ने कहा
“यही की कॉलेज में तुम्हे कोई पसंद आया या नहीं ?”,अंजलि ने कहा
“और ये सब तुम क्यों जानना चाहती हो ?”,काशी ने उसकी तरफ देखकर पूछा
“बताओ ना यार , प्लीज प्लीज प्लीज ,, तुम्हारा कॉलेज तो बहुत बड़ा होगा ना और वहा हेंडसम लड़के भी आते होंगे ,, तुम तो इतनी खूबसूरत हो अब तक लाइन लग चुकी होगी प्रपोजल की”,अंजलि ने चहकते हुए पूछा
“हाँ प्रपोजल तो आते है लेकिन हम मना कर देते है”,काशी ने कहा
“लेकिन क्यों ?”,अंजलि उठकर बैठ गयी
“अब देखो यार ऐसे तो हमे बहुत सारे लोग अच्छे लगते है लेकिन सबको देखकर तो ये दिल नहीं धड़कता ना , और फिर ऐसे प्रपोजल एक्सेप्ट करने से क्या फायदा जब आपके मन में सामने वाले को लेकर कोई फीलिंग्स ही ना हो”,काशी ने कहा
“अच्छा तो कैसी होती है ये फीलिंग्स ?”,अंजलि ने पूछा
“बहुत खूबसूरत , हमे किसी से प्यार तो नहीं हुआ है लेकिन हाँ माँ पापा को देखकर कह सकते है की इस दुनिया में अगर सबसे खूबसूरत चीज कुछ है तो वो है प्यार,,,,,,,,,,,,जब कोई एक इंसान आपके लिए आपकी पूरी दुनिया बन जाये तब ये अहसास और भी स्ट्रांग हो जाते है”,काशी ने कहा
“मतलब तुम डेटिंग और रिलेशनशिप इन सब में भरोसा नहीं करती ? मामा-मामी वाला प्यार तो पुराने ज़माने का प्यार है ना पर अब तो न्यू जेनेरेशन का प्यार ही अच्छा होता है”,अंजलि ने कहा
“हमे नहीं चाहिए ये न्यू जेनेरेशन वाला प्यार जो किसी के हेलो बोलने से शुरू हो और व्हाट्सप्प के लास्ट सीन पर खत्म हो जाये , हमे तो वही पुराने जमाने वाला प्यार चाहिए जो हमेशा हमारे साथ रहे , हर सिचुएशन में,,,,,,,,,,समझी मोटी बुद्धि”,काशी ने अंजलि के सर पर चपत लगाते हुए कहा
“क्या यार काशी तुम भी हमे वंश भैया की तरह चिढ़ा रही हो”,अंजलि ने कहा
“अरे बुद्दू वंश भैया तुम्हे इसलिए छेड़ते रहते है क्योकि वो तुमसे और राधिका भुआ से बहुत प्यार करते है”,काशी ने कहा
“अच्छा बताओ घूमने कब चलेंगे हम लोग ?”,अंजलि ने पूछा
“अभी तो हम बहुत थके हुए है लेकिन हां शाम में चलेंगे पक्का”,काशी ने उबासी लेते हुए कहा
“फिर तुम आराम करो हम बाहर जा रहे है”,अंजलि ने उठते हुए कहा और वहा से चली गयी लेकिन काशी को उलझन में डाल गयी। बिस्तर पर लेटी काशी मन ही मन खुद से कहने लगी,”क्या इस ज़माने में हमे ऐसा लड़का मिलेगा जो हमारी तरह सोचता हो , जैसे अंजलि ने कहा न्यू जेनेरेशन तो क्या न्यू जेनेरेशन में लोग हमारे जैसे सोचते होंगे,,,,,,,,,,,,,,,हम भी ना क्या क्या सोच रहे है ? महादेव ने हमारी किस्मत में जो भी लिखा होगा अच्छा ही लिखा होगा , हर हर महादेव”
कहते हुए काशी ने आँखे मूंद ली , सफर की थकान की वजह से उसे जल्दी ही नींद आ गयी
अंजलि बाहर आयी जैसा की इस घर में सिर्फ दो ही लोग थे जो एक दूसरे को परेशान करते रहते थे और वो थे वंश और अंजलि , अंजलि ने जब देखा वंश आराम से सो रहा है तो किचन से एक ग्लास ठंडा पानी ले आयी और लाकर वंश पर उड़ेल दिया। ठंडे पानी की वजह से वंश हड़बड़ा कर उठ गया , जब उसने देखा ये अंजलि ने किया है उठा और उसके पीछे भागा लेकिन , दुबली पतली अंजलि कहा उसके हाथ आती। भागते हुए अंजलि बैठक में चली आई जहा शिवम् और बाकि सब थे। अंजलि उसे चिढ़ाते हुए शिवम् के सोफे के हत्थे पर जा बैठी। वंश अंदर आया तो देखा शिवम् वहा है बेचारा जाने के लिए जैसे ही पलटा शिवम् ने कहा,”वंश”
“जी जी पापा”,वंश की नींद उड़ गयी
“कुछ काम था ?”,शिवम् ने नॉर्मली पूछा
“नहीं नहीं पापा मैं तो बस ऐसे ही”,वंश ने कहा
“तुम्हारी शक्ल देखकर लग रहा है , ठीक से सोये नहीं हो तुम। जाओ जाकर सो जाओ”,शिवम् ने कहा। शिवम् को अपनी परवाह करते देखकर वंश को अच्छा लगा वह वहा से निकलकर ऊपर अपने कमरे में चला आया और दरवाजा बंद कर बिस्तर पर लेट गया। लेकिन नींद उड़ चुकी थी ,, अचानक वंश को कुछ याद आया और वह अपना लेपटॉप उठा लाया उसने अपना फेसबुक ऑन किया और उसमे गौरी की प्रोफाइल सर्च करने लगा लेकिन गौरी उसे कही दिखाई नहीं दे रही थी हालाँकि काशी के प्रोफाइल में उसे प्रिया ऋतू मिल गयी लेकिन गौरी नहीं ,, खैर कुछ देर बाद
वंश को गौरी की प्रोफाइल मिल गयी उसने बिना वक्त गवाए गौरी को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी और मुस्कुराते हुए लेपटॉप के बगल में लेट गया। गौरी पहली लड़की थी जिस से मिलकर वंश की भावनाये बदलने लगी थी। वह उसे और जानना चाहता था। वही मुन्ना थका हारा घर पहुंचा। उसने गाड़ी की चाबी किशन को दी और ऊपर अपने कमरे में चला आया , कपडे बदलकर मुन्ना बिस्तर पर आ लेता , नींद ने उसे अपने आगोश में ले लिया।
वंश , गौरी और मुन्ना इन तीनो की किस्मत में क्या लिखा था ये महादेव ही जानते थे , लेकिन भावनाओ के अंकुर इन सबके मन में फूटने लगे थे।
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क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 17
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संजना किरोड़ीवाल
Bhut hi pyaara part tha yh kashi aur munna to bilkul ek jse h
Kashi ki pyar ko lekar jo soch h wo jankar acha laga, indore me rehke bhi wo apne sanskar nahi bhuli ye jankar bahut acha laga, i hope uski life me bhi wesa hi ladka aye jesa wo chahti hai.
थैंक्स…बहुत दिनों के बाद आप अगले पार्ट के साथ वापस संजना जी…उम्मीद है कि आपकी तबीयत अब ठीक होगी…अब थोड़ा सा गौरी के बारें में भी बताए आप
Very beautiful
Very beautiful part
sooo sweet part
vansh or munna dono gauri ko psnd krne lg gye sahi kaha kashi pyar ko lekar uski soch janke acha lga but aj kal ye SB bht kam milta h real life me part is super hot man
Wow mam superb superb superb superb superb superb superb superb part 👌👌👌👌👌 so so beautiful story 👌👌👌👌 eagrly waiting for the next 👌 👌👌👌
Nice part ❤️❤️
Parivaar ke sath hi
khushi manane me maza ata hai … Bahut achha part tha maim lekin Munna or vansh ak hi ladki ko pasand krne lage hai … Kishi ka dil nhi tutna chahiye … Baki ap to hai hi humesha ki tarah lazavab likhti hai dekhte hai age kya hota hai main partilipi pr apko miss krti hun mere pass apki kahani ki notification nhi ati hai ….😊😊😊