“मैं तेरी हीर” – 15
Main Teri Heer – 15
Main Teri Heer – 15
मुन्ना काशी और वंश बनारस पहुँच चुके थे। काशी के कहने पर मुन्ना उसके साथ घर जाने से पहले घाट के दर्शन करने चला आया। घाट पर आकर काशी ने मुन्ना से ऐसी बात कही की उसका दिमाग फिर गौरी में जा उलझा और उसने मन ही मन खुद से कहा,”पहली नजर से भला किसी से इश्क़ थोड़े होता है , लगता है हम उनके बारे में कुछ ज्यादा ही सोच रहे है”
“अच्छा चलिए चलते है माँ पापा राह देख रहे होंगे”,काशी ने मुन्ना की तरफ आते हुए कहा
दोनों घाट से बाहर चले आये और जीप में आ बैठे ,, मुन्ना ने जीप शिवम् के घर जाने वाले रास्ते की ओर बढ़ा दी।
उधर शिवम् के घर पर आज काफी चहल पहल थी। बाबा सुबह जल्दी उठ गए थे और दीना से कहकर घर के बगीचे और आस पास की सफाई करवा रहे थे। आई भी आज जल्दी उठ गयी और नहा धोकर मंदिर की सफाई करने लगी। सारिका तो बस किचन में अपनी बेटी के लिए नए नए पकवान बनाने में लगी हुई थी। शिवम् सुबह से अपने फोन पर ही सारे काम निपटा रहा था ताकि आज का पूरा दिन अपनी बेटी के लिए बचा सके। फोन पर बात करते हुए शिवम् कमरे से बाहर आया और सारिका से कहा,”सरु वो हमारा नया कुरता कहा रखी हो मिल नहीं रहा है ?”
“शिवम् जी वही रखा है आपके कबर्ड में आप देख लीजिये”,सारिका ने शिवम् के सामने से जाते हुए कहा ,, उसके हाथ बेसन से सने थे। सारिका को बिजी देखकर शिवम् आई के सामने आया और कहा,”आई आप ढूंढ दीजिये ना”
“अरे शिवा हमारे पास इत्ता बख्त ना है , काशी बिटिया आ रही है हमे उसके लिए नया वाला अचार लेकर आना है”,कहते हुए आई भी चली गयी
हर कोई काशी के आने का इंतजार कर रहा था और करे भी क्यों ना साल में 2 बार तो काशी घर आती थी उस पर पुरे घर की लाड़ली भी थी। अनु भी सुबह से 5 बार घर में फोन करके काशी के आने के बारे में पूछ चुकी थी। कुछ देर बाद जीप के हॉर्न की आवाज आयी। सारिका ने सूना तो ख़ुशी से उसका चेहरा खिल उठा उसने जल्दी जल्दी बेसन से सने अपने हाथ धोये और किचन से बाहर चली आयी। आई ने भी सूना तो पूजा की थाली मंदिर में रखी और बाहर आ गयी। शिवम् भी उनके साथ चला आया सभी घर के बरामदे में खड़े काशी का इंतजार करने लगे। मुन्ना जीप लेकर अंदर चला आया उसने बरामदे के सामने जीप को खड़ा किया और नीचे आ उतरा। वंश को होश भी नहीं था की घर आ चुका है , मुन्ना ने उसे उठाया तो वह उबासी लेते हुए उठा और जीप से नीचे उतरा। काशी जीप से नीचे उतरी , सामने बाबा खड़े दिखे तो काशी मुस्कुराते हुए उनके पास आयी और उनके पैर छूते हुए कहा,”कैसे है बाबा ?”
“हम ठीक है बिटिया तुम कैसी हो ?”,बाबा ने काशी के सर पर प्यार से हाथ रखते हुए कहा
“हम बिल्कुल ठीक है बाबा”,काशी ने मुस्कुराते हुए कहा
“बिटिया सारा पियार अपने बाबा पर ही लुटा दोगी के हमे भी देखोगी ?”,आई ने कहा तो काशी दौड़कर आई के पास आयी और उन्हें गले लगाते हुए कहा,”अरे आई आपको कैसे भूल सकते है हम आप तो हम सबकी जान है ना”
“जे का बिटिया इंदौर में कुछो खाती पीती नहीं हो , कितनी दुबला गयी हो”,आई ने काशी को देखते हुए कहा
“अरे आई खाते है पर कुछ लगता ही नहीं , अब यहाँ आ गए है ना तो आप खिला कर अपने जैसा बना देना हमे”,काशी ने कहा
“हाँ खूब दूध मक्खन रखा है तुम्हारे लिए”,आई ने कहा। काशी सारिका के पास आयी और उसके पैर छूने लगी तो सारिका ने उसे बीच में ही रोक लिया और अपने गले लगाते हुए कहा,”अपनी माँ की याद भी नहीं आयी तुम्हे काशी ?”
“माँ आप और पापा तो हमेशा हमारे मन में है , आप दोनों को कैसे भूल सकते है भला ? और देखो आपने आते ही इमोशनल होना शुरू कर दिया। चिंता मत कीजिये पूरा एक हफ्ता रुकेंगे इस बार खूब सारी बाते करेंगे आपसे”,काशी ने प्यार से सारिका का चेहरा अपने हाथो में थामकर कहा। सबसे मिलने के बाद काशी शिवम् के पास आयी और उसके सीने से लगते हुए कहा,”कैसे है पापा ?”
“आपको देख लिया अब अच्छे है , पता है कबसे आपके आने की राह देख रहे थे। सफर में किसी तरह की परेशानी तो नहीं हुई ना बेटा”,शिवम् ने बड़े ही प्यार से अपनी लाड़ली बिटिया को पूछा। ये भरत मिलाप देखकर वंश ऊबने लगा वह मुन्ना के बगल में आया और अपने सर उसके कंधे पर टिकाते हुए कहा,”देखा तुमने काशी के सामने पापा कितने शांत हो जाते है और जब हम होते है तो बस गुस्सा”
“वो इसलिए क्योकि तुम उन्हें नालायक बेटे हो , सीधे खड़े रहो चुपचाप”,मुन्ना ने अपना कंधा झटकते हुए कहा तो वंश उबासी लेते हुए सीधा खड़ा हो गया।
शिवम् ने वही खड़े होकर काशी से कुछ बातें की और फिर उसके कंधो पर हाथ रखकर उसके साथ अंदर जाने लगा। बाकि सब भी पीछे पीछे अंदर चले आये।
सभी अंदर आकर बैठ गए। सारिका ने दीना से सबको गुनगुना पानी देने को कहा और खुद सबके लिए चाय लेने किचन में चली गयी। शिवम् काशी से उसके कॉलेज और पढाई के बारे में पूछ रहा था। मुन्ना वाशरूम की तरफ चला गया और वंश वही बैठा ऊंघ रहा था। बेचारा ना उठकर उन सबके बीच से जा सकता था ना ही वहा बैठ सकता था। कुछ देर बाद सारिका सबके लिए चाय ले आयी तब तक मुन्ना भी आ गया सबने चाय पी और फिर मुन्ना ने कहा,”बड़े पापा अब हम चलते है”
“मुन्ना इतना लंबा सफर करके आये हो , यही रुक जाओ थोड़ा आराम कर लो तब तक हम नाश्ता बनवा देते है सबके लिए”,सारिका ने कहा
“ठीक है बड़ी माँ , हम नहाकर आते है”,मुन्ना ने कहा और ऊपर वंश के कमरे की ओर चला गया। वंश को भी मौका मिल गया वह भी मुन्ना के पीछे पीछे ऊपर चला आया
वंश अपने कमरे में आकर सीधा बिस्तर पर आ गिरा। मुन्ना अंदर आया और कमरे को देखा। वंश का कमरा उसके कमरे से भी बड़ा था। कमरे की तीन दीवारों पर सेम कलर था जबकि सामने की दिवार पर 8-10 रंगो से बने ढेर सारे ट्रायंगल थे जो की देखने में काफी आकर्षक लग रहे थे। बिस्तर के ठीक सामने वंश का स्टडी टेबल था जिस पर वंश के कॉलेज की कुछ किताबे रखी थी। वही बगल में उसका लेपटॉप रखा हुआ था। एक तरफ कबर्ड था और उस लगाकर एक बहुत ही सुंदर ड्रेसिंग भी थी। मुन्ना ये सब देख ही रहा था की दीना उसका बैग ले आया और कहा,”मुन्ना भैया जे लो आपका बैग”
“शुक्रिया”,मुन्ना ने बैग लिया और उसमे से कपडे निकालकर बाथरूम की ओर बढ़ गया। नहाने के बाद मुन्ना नीचे चला आया तब तक काशी भी नहा चुकी थी। काशी बाबा के पास बैठी उन्हें अपने नाना जी के किस्से सूना रही थी , शिवम् ने देखा मुन्ना आ गया लेकिन वंश नहीं तो उसने थोड़ी तेज आवाज में कहा,”वंश,,,,,,,,,वंश”
बेचारा वंश जो की नींद में था शिवम् की आवाज सुनते ही नींद से उठा और रोनी सी सूरत बना ली क्योकि वह जानता था शिवम् अब उसे नहाकर आने को कहेगा और वंश इतना आलसी था की उसे नहाने के नाम से ही मौत आने लगती थी। शिवम् ने एक बार और आवाज लगाई तब तक वंश उसके सामने था और कहा,”जी जी पापा”
“नहाये क्यों नहीं ?”,शिवम् ने कहा
“बस नहाने ही जा रहे थे की आपने बुला लिया”,वंश ने झूठ कह दिया
“ठीक है फटाफट नहाकर आओ फिर सब साथ में नाश्ता करते है”,शिवम् ने कहा और उठकर बाहर चला गया। वंश अलसाया सा वही सीढ़ियों के रेलिंग से सर लगाकर फिर सो गया मुन्ना ने देखा तो उसके सर पर चपत लगाते हुए कहा,”अबे जाकर नहाओ”
“जा रहे है”,कहते हुए वंश उठा और चला गया। मुन्ना भी बाबा और काशी के पास चला आया और बैठकर उनकी बातें सुनने लगा। काशी की बाते इतनी चटपटी और आकर्षक होती थी ना की कोई भी उसे सुने बिना रह नहीं सकता था। तीनो बातें कर ही रहे थे की तभी घर में एक गाड़ी आकर रुकी तीनो की गर्दन उस तरफ चली गयी। गाड़ी से एक रौबदार चेहरे वाला आदमी उतरा और सीधा आकर शिवम् से नमस्ते की। काशी ने देखा तो मुस्कुरा उठी। आदमी के पीछे पीछे एक महिला उतरी और उसके साथ ही उनकी बेटी भी जिसकी उम्र 18-19 के आस पास थी। काशी ने महिला और लड़की को देखा तो उठकर ख़ुशी से उनके पास आयी और कहा,”राधिका भुआ आप”
“और नहीं तो क्या काशी भाभी ने हमे कल ही बता दिया था की तुम आ रही हो , बस फिर क्या अंजलि भी जिद करने लगी की उसे तुमसे मिलना है”,राधिका ने काशी को गले लगाते हुए कहा
“कैसी हो काशी ? इंदौर जाकर हम सबको भूल ही गयी तुम है ना ?”,राधिका की बेटी अंजलि ने शिकायती लहजे में कहा
“अरे नहीं अंजलि किसने कहा हम भूल गए है ? हम बिल्कुल नहीं भूले है ,, इंदौर में भले हमारी कितनी भी दोस्त हो हमारे बचपन की सहेली तो तुम ही रहोगी ,, और वैसे भी तुम्हारे लिए हम कुछ लाये है”,काशी ने कहा
“क्या सच्ची ? दिखाओ ना क्या लाइ हो”,अंजलि ने मचलते हुए कहा
“दिखाते है पहले अंदर तो चलो , आओ भुआ”,कहते हुए काशी राधिका और अंजलि का हाथ पकड़कर उन्हें अंदर ले आई। राधिका को देखते ही आई बाबा और सारिका खुश हो गयी। काशी के आने की वजह से आज घर में किसी त्यौहार सा माहौल हो गया था। राधिका आई बाबा से मिली और फिर सारिका के पास चली आई। काशी अंजलि को लेकर सारिका के कमरे की तरफ गयी और उसके लिए जो सामान लेकर आयी थी वो उसे दे दिया। अंजलि ने देखा वह बहुत ही खूबसूरत लॉन्ग स्कर्ट था जो की देखने में काफी खूबसूरत लग रहा था। अंजलि ने काशी के गले लगते हुए कहा,”हमे यही तो चाहिए था कब से बोल रहे थे मम्मी को”
“कोई बात नहीं हम ले आये , अब इसे पहनकर शाम में हमारे साथ चलना”,काशी ने बैठते हुए कहा
“कहा ?”,अंजलि ने कहा
“अरे इतने महीनो बाद बनारस आये है थोड़ा घूमना तो बनता है ना , और फिर शाहिद वाले के यहाँ गोलगप्पे भी तो खाने है”,काशी ने कहा तो अंजलि ने खुश होकर हामी भर दी
वंश नहाकर नीचे चला आया , उसने राधिका को देखा तो खुश होकर उसके पास आया और गले लगते हुए कहा,”हे भुआ कब आयी आप ?”
“बस अभी अभी छोटे नवाब उठ गए आप ?”,राधिका ने कहा
“क्या यार भुआ पापा ने सोने ही नहीं दिया , अच्छा ये बताओ मेरे लिए क्या लाई हो ?”,वंश ने बच्चो की तरह मचलते हुए कहा
राधिका ने अपने बैग से एक बड़ा सा केडबरी का चॉकलेट निकाला और वंश की तरफ बढाकर कहा,”हर बार की तरह तुम्हारी फेवरेट”
वंश को चॉकलेट्स बहुत पसंद थे उसने राधिका के हाथ से चॉकलेट ली और उसके गाल पर किस करते हुए कहा,”भुआ इस घर में सिर्फ आपको ही मेरी फ़िक्र है , आई लव यू”
“पगला इतना बड़ा हो गया है लेकिन बचपना नहीं गया”,राधिका ने मुस्कुराते हुए कहा। यु तो वंश को सभी घरवाले बहुत प्यार करते थे लेकिन राधिका और उसके बीच की बॉन्डिंग कुछ अलग थी। वैसे ही राधिका वंश की फेवरेट थी क्योकि वह हमेशा वंश की साइड जो लिया करती थी। चॉकलेट लेकर वंश सोफे पर जा बैठा और चॉकलेट खोलते हुए कहा,”अच्छा वो लड़ाकू अंजलि नहीं आयी आपके साथ ? वैसे अच्छा ही है नहीं आयी , आती तो अब तक पूरा घर सर पर उठा लेती ,, लड़ाकू नकचढ़ी अंजली,,,,,,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए वंश ने जैसे ही गर्दन घुमाई बगल में कमर पर अपने दोनों हाथ रखे अंजलि खड़ी थी !
वंश ने अंजलि को देखा और मुस्कुरा उठा तो अंजलि ने उसके हाथ से चॉकलेट छीनते हुए कहा,”वंश भैया जब तक आप हमारी बुराई ना कर ले आपको चैन नहीं मिलता है ना”
“मैं क्यों किसी की बुराई करने लगा मैं तो सच ही बोल रहा था ,, हो ना तुम नकचढ़ी”,वंश ने अंजलि के बाल खींचे और चॉकलेट उसके हाथ से छीनकर भाग गया। अंजलि भी पुरे घर में उसके पीछे पीछे दौड़ने लगी। वंश मेन गेट से बरामदे की तरफ भागा , अंजलि भी उसके पीछे पीछे आयी और सामने से आते मुरारी से टकरा गयी। मुरारी ने अंजलि को देखा तो कहा,”अरे बिटिया सम्हलकर”
“देखिये ना मुरारी मामा वंश भैया हमे चिढ़ा रहे है”,अंजलि ने कहा
“इतने बड़े हो गए हो तुम लोग पर जे भागमभागी अभी तक जारी है , जाओ जाकर ढूंढो उसे और एक थप्पड़ हमारी तरफ से भी लगाना ,, फोन नहीं उठाता है उह”,कहते हुए मुरारी अंदर चला आया। अनु भी साथ आयी थी लेकिन घर के इकलौते जमाई राधिका के पति उसे बाहर मिल गए तो वह उनसे मिलने चली गयी। अंदर आकर मुरारी ने देखा राधिका भी आयी हुई है तो उसकी तरफ आते हुए कहा,”अरे वाह राधू तुम भी चली आयी , वैसे अच्छा है तुम सबके आने से घर भरा भरा लग रहा है”
“आज फिर अकेले चले आये मुरारी”,आई ने मुरारी को देखा तो कहा
“अरे अरे लेकर आये है अनु को उह बाहर है जाओ मिल ल्यो ,,!!”,मुरारी ने बैठते हुए कहा और फिर घर में नजर दौड़ाते हुए कहा,”अरे हम काशी बिटिया से मिलने आये है ,, कहा है हमारी काशी ?”
“हम यहाँ है विधायक जी”,काशी ने बड़े ही प्यार से मुस्कुराते हुए मुरारी के सामने आकर कहा
मुरारी ने काशी को देखा चूड़ीदार सलवार सूट , कंधे पर दुप्पटा , खुले बाल , कानो में झुमके , गले में प्लेटिनम की बारीक़ सी चैन , आँखों में काजल और होंठो पर हल्की सी लिपस्टिक ,, उसकी मुस्कराहट ने उसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा दिए थे। मुरारी को काशी में सारिका नजर आ रही थी जब पहली बार सारिका बनारस आयी थी और मुरारी उस से मिला था तब वह ऐसी ही दिखती थी। मुरारी को चुप देखकर काशी ने उनके सामने हाथ हिलाया तो मुरारी ने कहा,”का बिटिया चाचा से सीधा विधायक जी ?”
“अरे चाचा अब आप बनारस के विधायक तो है ही और फिर रास्ते भर वंश भैया और मुन्ना भैया हमे आपके किस्से सुनाते हुए लाये है ,, और इंदौर में इस बार नानाजी से भी हमने आपके बहुत किस्से सुने है तो सोचा क्यों ना आपको थोड़ा सम्मान दिया जाये”,काशी ने कहा तो मुरारी हंस पड़ा और कहा,”हमे लगा कही बड़ी होकर तुम भी सारिका भाभी के जैसे शांत ना बन जाओ पर अब देखकर लग रहा है बनारस में हम दोनों का भौकाल पक्का है”
“इसी बात पर हाई -फाइव”,कहते हुए काशी ने अपना हाथ मुरारी की तरफ करके कहा तो मुरारी ने उसे हाई-फाइव दे दिया।
अनु अंदर चली आयी काशी ने देखा तो वही मुरारी की बगल में बैठे बैठे अपने दोनों हाथो को अनु की तरफ बढाकर कहा,”मौसी,,,,,,,,,,,,,,,,!!!”
अनु ने भी आकर उसे गले लगाया। उधर अंजलि वंश को पकड़ चुकी थी और उस पर हाथ भी साफ कर चुकी थी , बदले में वंश ने भी उसके बाल खराब कर दिए और मुंह पर चॉकलेट लगा दी। शिवम् अपने जीजाजी के साथ अंदर चला आया। सब वहा मौजूद थे तो वंश ने आकर कहा,”बाबा क्यों ना सबकी एक सेल्फी ली जाये”
“जे तो बहुते बढ़िया बात कही है वंश , ल्यो सेल्फी ल्यो और हां तनिक बढ़िया से लेना”,मुरारी ने कहा तो सब एक साथ आ गए ,, काशी वंश के बगल में चली आयी और वंश ने अपने फोन में एक फेमिली फोटो लिया।
Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15Main Teri Heer – 15
इस कहानी से जुड़े नोटिफिकेशन पाने के लिए आप मेरे फेसबुक पेज “kirodiwalSanjana” को फॉलो कर सकते है या फिर डायरेक्ट नोटिफिकेशन के लिए टेलीग्राम पर मेरे चैनल “sanjanakirodiwal” को सब्सक्राइब कर सकते है और बिना किसी परेशानी के इस कहानी के आगे के भाग पढ़ सकते है। अगर आपको ऑडियो में ये कहानी सुननी है तो आप मेरे यूट्यूब चैनल “sanjanakirodiwal” पर सुन सकते है।
क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 16
Read More – “मैं तेरी हीर” – 14
Follow Me On – facebook | instagram | youtube |
संजना किरोड़ीवाल
Bichare vansh k to din khote h sone bhi nhi dete🤣🤣🤣 sbse mil k acha lga 🤩
Aaj ka part to bahut hi acha tha sab khush lage or finally radhika ki entry bhi hui.
Superb part,ranjhna ke jaisa hi charm hai is story mein
Sach hi kaha betiyo se ronak hoti wohi asli wajha hai ghr ki chahe shadi se pehle ho ya baad mey ghr mey jaan ah jati hai 👸
कितना अच्छा लगता है जब सब बहुत दिनों के बाद मिलते है…पूरे घर रौनक हो जाती है…जैसे अभी शिवम के घर पर है।
Very beautiful
Bhut hi pyaara part tha mazaa aa gya yh vansh to abhi tk bacha hi h lekin shivam se bhut darta h
beautiful part
Beautiful part
Nice story
😍😍😍😍😍😍😋
sahi kaha SB sath me ho to mja ji kuch or hota h family ka har member pass pe hota h to khushi bht milti h aj ke part me mujhe meri family wale din yaad kraye main v 3no bhaiya ke sath bdi khap krti hu thanks mam
Isse part ko padhte hue soocha ki comment mea lekhugi shivam ki behan bi thi tho vo kaha h unne bi layehyeh halaki ranjana mene pritilip par bahut phele padhe thi isleyeh unka naam bool gye but jab radika ki engry hue tho mano asa laga ki aap ne mere dil ki baat sun li such suprise jo soocho vo ho jaye vesa hi
Bhut bhut bhut hi khubsurat part tha mam parivar aj ek hi ghar m ikattha hua h superb part ❤️
Next part kab aayega mem…
Mam waiting for the next part. Aap bahut achha likhti hai