Sanjana Kirodiwal

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Main Teri Heer – 9

Main Teri Heer – 9

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4

अनु मुरारी के जवाब के इंतजार में ही थी कि तभी मुरारी के पीछे से आते हुए आदमी ने कहा,”हमारे साथ था।”
आदमी आकर मुरारी के बगल में खड़ा हुआ और कहा,”मुरारी हमारे साथ था अनु तुम खामखा उस पर शक कर रही हो,,,,,,,!!”
अनु ने देखा वो आदमी कोई और नहीं बल्कि शिवम् था। अनु ने शिवम् की तरफ देखा और कहा,”मुरारी को बचाने के लिये आप झूठ तो नहीं बोल रहे है ना ?”


“तुम्हारी नजरो से कोई बच सकता है क्या अनु ? अरे हम साथ ही थे बल्कि हम दोनों ये खरीदने गए थे”,शिवम ने अपने हाथ में पकड़ा एक बैग अनु की तरफ बढाकर कहा बाकि हाथ में पकडे दो बैगो में से एक बैग आई और दुसरा सारिका की तरफ बढाकर कहा,”सरु ! ये आपके लिये,,,,,,,,!!”
“हमारे लिये ?”,सारिका ने पूछा वह हैरान थी आज शिवम् को अचानक क्या हो गया ?
“हम्म्म,,,,,,हम लेकर आये है , क्यों मुरारी ?”,कहते हुए शिवम् ने मुरारी के कंधे पर हाथ रखा और उसका कंधा हल्का सा दबा दिया


“हाँ हाँ हाँ भाभी आपके लिये ही है , दरअसल हम जे सब घर ही लेकर आ रहे थे लेकिन अनु ने फ़ोन किया तो हिया चले आये”,मुरारी ने चौंककर कहा
अनु ने बैग से डिब्बा निकालकर देखा उसमे बहुत ही सुन्दर बनारसी साड़ी थी जिसे देखकर अनु ने मासूमियत से मुरारी की तरफ देखा और डिब्बा वापस बैग में रखकर मुरारी के पास आकर कहा,”इसलिये तुम्हे आने में देर हो गयी ?”


“और का ? तुमहू खामखा सबके सामने डांट दी हमको,,,,!!”,मुरारी ने बच्चो की तरह कुनमुनाते हुए कहा
“ओह्ह्ह सॉरी , घर चलो तुम्हे अपने हाथो से बनाकर पनीर पकोड़े खिलाती हूँ,,,,,,,!!”,अनु ने मुरारी का गाल खींचकर कहा
“अदरक वाली चाय भी पिएंगे हम”,मुरारी ने कहा
“अरे तुम चलो तो मिश्रा जी,,,,,,!!”,अनु ने खुश होकर कहा और आई सारिका के साथ वहा से बाहर निकल गयी

उन तीनो के जाते ही मुरारी ने अपने सीने पर हाथ रखा और एक गहरी साँस लेकर कहा,”बचा लिया महादेव,,,,,,,!!”
“महादेव ने या हमने ?”,शिवम् ने मुरारी के बगल में आकर कहा
“अरे भैया महादेव के बाद आप ही है हमरे छोटे महादेव,,,,,,,,,,,,,कसम से बचा लिया वरना आज तो मैग्गी फ़ैल ही गयी होती हिया”,मुरारी ने कहा


शिवम् ने मुरारी के कंधो पर अपनी बाँह रखकर उसे दबोचते हुए कहा,”तुम साले अपनी रंगबाजी छोड़ काहे नहीं देते ? इह उम्र मा जे सब करते अच्छे लगते हो,,,,,,,,,!!”
“अरे भैया ! गंगा मैया की कसम सच कह रहे है , कोई रंगबाजी नहीं किये है। विधायक ऑफिस गए थे किसी काम से वही थोड़ा बख्त लग गया बस और कोनो बात नहीं है,,,,,,,,,,सच बोल रहे है।”,मुरारी ने शिवम् की पकड़ से छूटने की कोशिश करते हुए कहा


शिवम् ने मुरारी को छोड़ा और थोड़ा गंभीरता से कहा,”विधायक ऑफिस ? का फिर से राजनीती में पैर रखने का सोच रहे हो का मुरारी ?”
“अरे नहीं भैया इतने साल राजनीती कर ली अब तो दूर से राम राम , हम तो बस कुछो डॉक्युमेंट्स जमा करने गए रहय,,,,,,,,,चलिए घर चलते है बैठकर बात करेंगे”,मुरारी ने कहा
“फिर कभी मुरारी , तुम अनु के साथ घर जाओ हम आई और सारिका के साथ घर निकलते है। हाँ ! मुन्ना से कहना हम से आकर मिले”,शिवम् ने मुरारी के साथ शोरूम से बाहर आते हुए कहा


“मुन्ना तो बम्बई गया हुआ है वंश के पास,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“कब ? और हमे ये बात पता क्यों नहीं है ?”,शिवम् ने हैरानी से पूछा
“हमे लगा आपको पता होगा वैसे उसने कहा है वो कल शाम तक आ जायेगा कुछो जरुरी काम है फोन करे उसे ?”,मुरारी ने अपना फोन निकालते हुए कहा
“अह्ह्ह नहीं मुरारी उसे परेशान मत करो,,,,,,,,,,,,हम कल सुबह आकर तुमसे मिलते है। हर हर महादेव,,,,,,!!”,शिवम् ने कहा और अपनी गाड़ी की तरफ बढ़ गया।


“हर हर महादेव भैया,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा और अपनी जीप की तरफ चला आया जहा अनु बगल वाली सीट पर पहले से बैठी थी। मुरारी ड्राइवर सीट पर आ बैठा और अनु की तरफ देखकर कहा,”चले मिश्राइन ?”
“चलो,,,,,,,!!”,अनु ने डेशबोर्ड पर रखे मुरारी के चश्मे को अपनी आँखों पर लगाकर कहा
मुरारी ने जीप स्टार्ट की और वहा से निकल गया। सारिका और आई सारिका की गाड़ी से आयी थी इसलिए शिवम् ने उन्हें उसी गाड़ी से चलने को कहा और खुद अपनी गाड़ी से उनके पीछे चल पड़ा

VKI मॉल , इंदौर
“काशी , काशी हमारी बात तो सुनो , अरे हम उस लड़की को जानते तक नहीं है। सच में हम उस से पहली बार मिले है।”,शक्ति ने काशी के पीछे आते हुए कहा
“अच्छा और पहली बार में ही उसने तुम्हारे गले में बाँहे डाल ली,,,,,,,,!!”,काशी ने पलटकर लगभग बेचारे शक्ति पर चढ़ते हुए कहा
“वो भी इतना क्लोज काशी की दोनों के बीच से हवा भी ना पास हो,,,,,,,,!!”,पीछे से गौरी ने आते हुए कहा


“हम जानते ही थे , मर्द ऐसे ही होते है लड़की देखी नहीं कि बस फिसल जाते है,,,,,,,,,,,!!”,गौरी की बात सुनकर काशी ने शक्ति से कहा
“ए गौरी ! तुम क्या यहाँ हमे मरवाने आयी हो ?”,शक्ति ने गौरी को घूरते हुए कहा तो गौरी मुस्कुराने लगी और फिर काशी से कहा,”काशी ! शक्ति सच कह रहा है वो लड़की जानबूझकर शक्ति को परेशान कर रही थी , उसने अपने दोस्तों से बेट लगायी थी कि वह शक्ति को इम्प्रेस करेगी लेकिन तुम्हारे ये मिस्टर खड़ूस पता नहीं कौनसी मिटटी के बने है इतनी हॉट लड़की देखकर भी नहीं पिघले,,,,,,,,,,!!”


“क्या तुम सच कह रही हो ?”,काशी ने मासूमियत से पूछा
“सच में कसम से,,,,,,,,,,,,,शक्ति तुम से बहुत प्यार करता है उसे अगर किसी और लड़की को देखना होता तो वो तुम्हारी तस्वीरें नहीं खींचता”,गौरी ने कहा और हाथ में पकडे शक्ति के फोन को काशी की ओर बढाकर कहा,”इसे तुम वाशरूम में भूल आये थे,,,,,,,,,,,,!”
“थैंक्स,,,,,,,,,,,,काशी मैं,,,,,,,,,,!”,शक्ति ने कहना चाहा तो काशी ने उसकी तरफ देखकर कहा,”तुमने हमारे ऐसे फोटो क्यों लिये ?”


“क्योकि उस वक्त तुम बहुत प्यारी लग रही थी,,,,,,,,!!”,शक्ति ने काशी को देखते हुए प्यार से कहा  
“हमे माफ़ कर दो , हमने तुम्हे उस लड़की के करीब देखा तो थोड़ा गुस्सा आ गया,,,,,,,,,,,,हम सब कर सकते है लेकिन तुम्हे किसी से बाँट नहीं सकते”,कहते हुए काशी शक्ति के सीने से आ लगी।
अब शक्ति की हाइट काशी से ज्यादा थी तो उसने अपनी ठुड्डी काशी के सर पर टिकाते हुए कहा,”हम तुम्हे छोड़कर कही नहीं जाने वाले ,,

जो भी है जैसे भी है सिर्फ तुम्हारे है और अब तो ऑफिसियली तुम्हारे नाम की मोहर लग चुकी है।”
“प्रॉमिस ?”,काशी ने शक्ति को बाँहो में भरे हुए कहा
“प्रॉमिस”,शक्ति ने काशी के ललाट को अपने होंठो से छूकर कहा

गौरी बस प्यार से उन दोनों को देख रही थी और मन ही मन उन दोनों के लिये ईश्वर से प्रार्थना भी कर रही थी लेकिन उन्हें ऐसे देखकर उसे अपने मान की याद आने लगी और उसने कहा,”टाइम प्लीज,,,,,,,,,,,,,!!”
काशी शक्ति से दूर हटी और उसके बगल में खड़े होकर कहा,”क्या हुआ ?”
“तुम दोनों मेरे सामने ऐसी क्यूट क्यूट हरकत करोगे तो मुझे मान की याद आयेगी,,,,,,,,,,,आई विश वो भी यहाँ होता तो कितना अच्छा होता”,गौरी ने अपने दोनों हाथो को गालों से लगाकर कहा


“अरे ! मुन्ना यहाँ क्या कर रहा है ?”,शक्ति ने गौरी के पीछे देखते हुए कहा
“है कहा ? कहा है ? ए शक्ति,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे तो मैं ?”,गौरी ने देखा मुन्ना वहा नहीं है शक्ति बस मुन्ना के नाम से उसे परेशान कर रहा है।

“क्यो ? तुम मुझे परेशान कर सकती तो हम क्यों नहीं ? चलो अब निकलते है वैसे भी काफी लेट हो गया है।”,शक्ति ने हाथ पर बंधी घडी को देखते हुए कहा
काशी , शक्ति और गौरी तीनो बातें करते हुए वहा से निकल गए

नवीन का घर , मुंबई
नवीन के जाने के बाद वंश ने घूरकर निशि को देखा उसके हिसाब से निशि ने ही नवीन को सब बताया होगा। उधर निशि ने जब वंश को घूरते पाया तो मुंह बना लिया।
“आंटी क्या मुझे एक गिलास दुसरा पानी मिल सकता है ?”,मुन्ना ने कहा
“हाँ बेटा जरूर , मैं लेकर आती हूँ। वंश तुम कुछ लोगे बेटा ?”,मेघना ने पूछा
“आपके हाथ की कॉफी पीना पसंद करूंगा आंटी,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने निशि को घूरते हुए कहा


“ठीक है तुम सब बाते करो मैं आती हूँ।”,कहकर मेघना वहा से चली गयी
मुन्ना पानी के लिये उठकर उनके पीछे ही चला गया तो मेघना ने कहा,”अरे बेटा मैं ले आती,,,,,,,!!”
“कोई बात नहीं आंटी”,मुन्ना ने कहा दरअसल मुन्ना वहा से उठकर साइड में इसलिए आया क्योकि उसे उस आदमी का फोन आया जिस से मुन्ना आज शाम मिलने वाला था। मेघना ने मुन्ना को पानी दिया तो वह गिलास लेकर साइड में चला आया और फ़ोन पर बात करने लगा।

उधर हॉल में निशि और वंश दोनों अकेले थे और दोनों एक दूसरे को गुस्से और नफरत से ऐसे देख रहे थे जैसे एक दूसरे की जान के दुश्मन हो।
“मुझे ऐसे घूरना बंद करो , समझे तुम”,निशि ने गुस्से से कहा
“हाँ हाँ तुम मिस वर्ल्ड जो हो,,,,,,,,,,,,,,और क्या क्या बताया है तुमने अपने डेड को मेरे बारे में ?”,वंश ने गुस्से में आकर उठते हुए कहा


“तुम्हे लगता है मैं डेड के सामने तुम्हारा नाम भी लुंगी,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारा द वंश गुप्ता उर्फ़ चिरकुट का नाम लेकर मुझे अपनी जबान गन्दी नहीं करनी”,निशि ने भी उठकर वंश के सामने आते हुए कहा
“तुम हो क्या ? तुम जैसी 50 ओ लड़किया मेरे आगे पीछे घूमती है।”,वंश ने हवाबाजी करते हुए कहा
“ओह्ह्ह रियली तो उन 50 में से ही किसी एक से कहा होता तुम्हे हॉस्पिटल लेकर जाने को , तब तो मेरे सामने कैसे भीगी बिल्ली बने हुए थे तुम,,,,,,,,,,मैं बीमार हूँ , मुझे डॉक्टर की जरूरत है , क्या तुम आज आज यहाँ रुक जाओगी मेरे पास,,,,,,,,,,,तब तुम्हारा ये ऐटिटूड कहा गया था हाँ ? बिल्ली नहीं तुम


लोमड़ हो लोमड़ जो मतलब निकल जाने पर मेरे सामने शेर बन रहे हो,,,,,,,,,,!!!”,निशि ने आग में घी डालते हुए कहा
“देखो अब तुम पर्सनल हो रही हो,,,,,,,बी इन योर लिमिट्स हा”,वंश ने निशि को ऊँगली दिखाते हुए कहा
“मेरे ही घर में खड़े होकर , मुझे ऊँगली दिखाकर , तुम मुझे ही लिमिट सीखा रहे हो ,, करुँगी मैं अपनी लिमिट्स क्रॉस,,,,,,,,,,,,क्या कर लोगे तुम ?”,निशि ने वंश पर चढ़ते हुए कहा


“अपने होने वाले पति से बात करने की तमीज नहीं हैं तुम्हे”,वंश ने अपने निचले होंठ को दांतों तले दबाकर निशि के गाल पर हलकी सी चपत लगाकर कहा   निशि को वह जिस सीरीज के लिये मनाने आया था उसमे निशि वंश के अपोसिट उसकी वाइफ का रोल करने वाली थी लेकिन वंश ये बात भूल गया कि ये झगड़ा किसी सीरीज का हिस्सा नहीं बल्कि असलियत में था

निशि ने सुना तो उसका दिल धड़कने लगा वह समझ पाती इस से पहले ही उसे याद आया कि वंश ने उसे गाल पर मारा है। निशि का चेहरा गुस्से से लाल हो गया और उसने भी बदले में वंश को वैसी ही एक चपत लगाकर कहा,”तुम इस दुनिया के आखरी लड़के भी हो ना तब भी मैं तुम से तमीज से बात नहीं करुँगी”
“ए यू हिट मी सो हार्ड,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए वंश ने निशि को फिर एक चपत लगा दी


इस बार निशि को गुस्सा आ गया और उसने एक लात वंश के पिछवाड़े पर मारते हुए कहा,”तो तुमने कौनसा मुझ पर फूल बरसाए है ,, यू ब्लडी लोमड़”
नोकझोक करते करते दोनों हाथ पाई पर उतर आये और नतीजा ये हुआ कि वंश के बाल निशि के हाथो में थे और निशि के बाल वंश के हाथो में और दोनों एक दूसरे को मारने के इरादे से घूरे जा रहे थे।

फोन पर बात करने के बाद मुन्ना जैसे ही हॉल में आया उसने दोनों को उलझा देखा और एक दूसरे से दूर करते हुए कहा,”वंश , निशि ये क्या कर रहे हो तुम लोग ?”
“मुन्ना छोड़ दे मुझे , अरे भाड़ में गयी सीरीज आज मैं इस छिपकली की दुम काट दूंगा”,वंश ने गुस्से से कहा
“मुन्ना भैया देखा आपने कैसी लीचड़ हरकते है इस आदमी की,,,,,,,,,,,,मैं स्टुपिड थी जो मैं इसे हॉस्पिटल लेकर गयी , इसकी केयर की , इसके लिए सूप बनाया,,,,,,,,,ये डिजर्व ही नहीं करता”,निशि ने वंश को घूरते हुए कहा


वंश गुस्से में सोफे पर चढ़ा और कहा,”हां तो तुम हो स्टुपिड ,, और एक काम करो कल के अख़बार में छपवा दो ये बात कि तुम मुझे हॉस्पिटल लेकर गयी थी ,
 तुम ही तो हो मुंबई की मदर टेरेसा,,,,,,,,,,,और सूप तुम उसे सूप कहती हो अरे उसे पीकर अच्छा खासा इंसान बीमार पड़ जाये,,,,,,,,,,,,एक बार और बोला ना तुमने मेरे लिये सूप बनाया था तो उसी सूप में डुबोकर मार दूंगा समझी,,,,,,,,,,,,,,,!!”


“तुम्हे तो मैं,,,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने जैसे ही वंश की तरफ जाना चाहा मुन्ना ने अपनी बाँहे निशि की कमर में डाली और उसे उठाकर साइड ले आया
“मुन्ना भैया आप हट जाईये , इस चिरकुट की तो मैं,,,,,,,,,,!!”,निशि ने गुस्से से उबलते हुए कहा
“हाँ मुन्ना तू साइड हो जा मैं भी तो देखु क्या कर लेती है ये छिपकली”,वंश ने सोफे पर कूदते हुए कहा
मुन्ना अब तक दोनों से परेशान हो चुका था इसलिये थोड़ा गुस्से से और तेज आवाज में कहा,”स्टॉप इट गाईज”


मुन्ना की आवाज सुनकर मेघना और नवीन भी वहा चले आये। मुन्ना ने एक नजर निशि और वंश को देखा और मन ही मन खुद से कहा,”असल जिंदगी तो क्या तुम दोनों तो सीरीज में भी एक साथ रहने लायक नहीं हो।”

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