Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

Main Teri Heer – 56

Main Teri Heer – 56

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4

गौरी ने मुन्ना को माफ़ कर दिया और इसके बाद सगाई का माहौल और भी ज्यादा खुशनुमा हो चला था। सभी खाने पीने और नाचने गाने का लुफ्त उठा रहे थे। अनु को अपने साथ डांस करते और खुश देखकर मुरारी भी थोड़ा सामान्य हो गया और खूब ठुमके लगाने लगा। तभी गौरी के मामा ने dj बनारस का प्रसिद्ध ढोल बजवा दिया लेकिन अब इस पर नाचे कौन ? बाबा ने मुरारी की तरफ देखा और कहा,”मुरारी हो जाये ?”
“अरे बाबा ! हम अकेले कहा आप भी चलो,,,,,,,!!”,मुरारी ने बाबा का हाथ पकड़ कर कहा


अब बनारसी तो देखो बनारसी होता है फूफाजी ने ढोल सुना तो उनका भी मन कर गया वे भी मुरारी के साथ आये और कहा,”मुरारी हम भी,,,,,,,,,,!!”
“का फूफा कमर अकड़ जाहि तुम्हरी,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“अरे हटो मुरारी , अभी कौनसा बूढ़ा गए है तुमसे दुइ साल बड़े है बस,,,,,,,,,,,आओ दिखाते है तुमको”,कहते हुए फूफाजी मुरारी से भी आगे बढ़ गए और फिर तीनो ने जो समा बांधा है सब देखते ही रह गए।

बेचारा मुन्ना तो अपने पापा और फूफाजी के कारण मुँह छुपा रहा था लेकिन गौरी को मुरारी का ये अल्हड़पन देखकर बहुत ख़ुशी हो रही थी वह तो खुद मुरारी को चीयर अप कर रही थी और मुन्ना उसे रोकने की कोशिश,,,,,,,,,,,,,!!

इन सबसे बेखबर निशि और अंजलि प्लेट में रसमलाई भरकर निपटाने में लगी थी। घूमते घामते वंश वहा आया और अंजलि के बाल खींचकर कहा,”जाओ मेरे लिये भी लेकर आओ,,,,,,,,,,,!!
“आह्ह ! बिल्कुल नहीं , आप खुद भी जा सकते है,,,,,,,,,,!!”,अंजलि ने चिढ़ते हुए कहा
“मैं तुमसे बड़ा हूँ इसलिए तुम्हे मेरी बात माननी चाहिए , चलो जाओ”,वंश ने निशि को उठाते हुए कहा  

 निशि समझ गयी कि वंश शांति से उसे खाने तो देगा नहीं इसलिये वह उठी और वंश को घूरते हुए वहा से चली गयी। वंश कुर्सी लेकर निशि के ठीक सामने आ बैठा। वह डांस करते लोगो की तरफ देखने लगा तो निशि ने कहा,”मुझे लगा तुम सिर्फ मुझे परेशान करते हो पर तुम तो,,,,,,,,,,,,,!!”
“मैं सिर्फ उन्हें ही परेशान करता हूँ जिन्हे मैं बहुत ज्यादा पसंद करता हूँ या तो जिनसे बहुत ज्यादा प्यार करता हूँ”,वंश ने सामने देखते हुए कहा उसका ध्यान अभी भी मुरारी बाबा और बाकि सब पर था


“जिन्हे हम पसंद करते है उन्हें परेशान नहीं किया जाता है।”,निशि ने कहा
वंश निशि की तरफ पलटा और कहा,”अच्छा तो क्या किया जाता है निशि जी ?”
वंश के मुंह से अपने लिए निशि जी सुनकर बेचारी निशि तो ऐसे ही सदमे में थी और आज तो वंशी का बर्ताव उसे बाकि दिनों से बहुत अलग लग रहा था।
वंश का यू एकटक आँखों में देखना निशि का दिल धड़काने लगा तो निशि ने नजरे घुमा ली।


“हुंह कितनी सेल्फिश है अकेले सब खा रही है ये नहीं कि पूछ लू ? ये अंजलि भी कहा रह गयी लगता है उधर बैठ के खुद ठूस रही होगी”,वंश बड़बड़ाया
निशि ने सुना तो अपनी प्लेट वंश की तरफ बढ़ा दी। वंश ने देखा तो कहा,”ओह्ह्ह्ह तो तुम चाहती हो मैं तुम्हारा जूठा खाऊ ? मुझे वश में करना चाहती हो ?”


निशि ने हैरानी से वंश को देखा और कहा,”क्या ? मैं तुम्हे कोई वश में नहीं कर रही , खाना है तो खाओ वरना भाड़ में जाओ”
निशि ने कहा और उठकर वहा से चली गयी।
“तो कर लो ना,,,,,,,,,,,,,!”,वंश ने प्लेट में रखी रसमलाई उठाकर खाते हुए कहा

निशि समझ नहीं पा रही थी आखिर वंश उस से क्या चाहता था ? वह झुंझलाते हुए वहा से चली गयी और मुन्ना गौरी की तरफ चली आयी। गौरी ने निशि को परेशान देखा तो उसे साइड में लेकर आयी और कहा,”क्या हुआ निशि परेशान क्यों हो ?”
“वो आपका वंश,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्ह वो समझता क्या है खुद को ? जब देखो तब मुझे परेशान करता रहता है।”,निशि ने मायूस होकर खीजते हुए कहा


“ओह्ह्ह्ह निशि , तुम्हे वंश को परेशान करना है खुद परेशान नहीं होना है।”,गौरी ने कहा
“मतलब ?”,निशि ने मासूमियत से कहा
“लगता है मुझे ही कुछ करना होगा”,गौरी ने सोचते हुए कहा

निशि कुछ देर मुन्ना और गौरी के पास रुकी। हंसी ख़ुशी भरे माहौल में निशि वंश को भूल गयी। डांस खत्म होते होते रात हो चुकी थी। गेस्ट हॉउस के लॉन में सबके खाने का इंतजाम था सभी बाहर चले आये। कुछ अंदर बैठकर बातो का लुफ्त उठा रहे थे। मुरारी लॉन तरफ खड़ा मधुबाला के बारे में ही सोच रहा था कि अगर उसने अनु के सामने कुछ उठा सीधा बोल दिया तो बेचारे का क्या होगा ?
“मुरारी,,,,,,,,,,,,,,!!”,अनु की आवाज मुरारी के कानों में पड़ी


मुरारी पलटा उसे लगा अनु उसे जलेबी वाली बात के लिये डाटने आयी है तो वह सामने से ही बोल पड़ा,”अनु हम सच कह रहे है अरे छाया तो हमरी बहिन जैसी है , तुम्हरे अलावा किसी को प्यार भरी नजरो से ना देखे है और देखेंगे भी काहे ? आज तुमहू इतनी खबसूरत लग रही हो कि हमहू तुम से नजरे नाही हटाय पा रहे,,,,,,,!!”
“मुरारी,,,,,,,,,,,,,,तुम भी ना , मैं यहाँ सिर्फ तुम्हे खाना खाने के लिये बोलने आयी थी,,,,,,,,,,,,,तुम खाना शुरू करो तो फिर मैं खाऊ,,,,,,,,,!!”,अनु ने प्यार से कहा

“का बात कर रही हो मैगी ? तुमहू खाना नहीं खाई , चलो हम अपने हाथो से खिलाते है तुमको,,,,,,,,,,,पनीर टिक्का खाओगी,,,,,,,बहुते स्वादिष्ट बना है,,,,,,,,,,आओ”,कहते हुए मुरारी ने अनु का हाथ पकड़ा और उसे वहा से ले गया
अनु जिस मुरारी का ये वाला प्यार आजकल कभी कभी देखने को मिलता था , देखकर खुश हो गयी और उसके साथ चली गयी। वही पास में खड़ी मधुबाला उर्फ़ किट्टो मौसी ने जब ये सुना तो कटीली मुस्कान के साथ कहा,”इनके साथ तो पनीर टिक्का खा लोगे मिसिर जी पर हमरे साथ जो पालक पत्ता चाट खाये हो उसका हिसाब कौन देगा ?”


“किट्टो ! तुम यहाँ अकेले क्या कर रही हो ?”,नंदिता ने आकर कहा तो किट्टो की तंद्रा टूटी और उसने पलटकर कहा,”कुछ नहीं दीदी बस देख रही हूँ आज सब कितने खुश है,,,,,,,,,,,,गौरी को इतना अच्छा लड़का और परिवार मिला है , मैं गौरी के लिये बहुत खुश हूँ।”
“हाँ किट्टो मुझे तो डर लगता था गौरी जिस तरह से चंचल और मुंहफट है , उसे कैसा लड़का मिलेगा पर अब मानवेन्द्र जी को देखकर मेरा दिल भर गया,,,,,,,,,,,वही है जो गौरी को सम्हाल सकते है।”,नंदिता ने कुछ ही दूर खड़े मुन्ना और गौरी को देखकर कहा जहा मुन्ना अपने रुमाल से गौरी के गाल को साफ कर रहा था।


“अब हमारी गौरी है ही इतनी प्यारी कि उसे  इतना अच्छा लड़का मिलना था”,किट्टो मौसी ने कहा
“किट्टो ! मैं कह रही थी कि क्यों ना अब तुम भी सब भूलकर अपने लिये कोई जीवनसाथी चुन लो,,,,,,,,,,,,,,,,,ऐसे कब तक अकेली रहोगी , जिंदगी में हमसफ़र  जरुरी है।”,नंदिता ने किट्टो की बाँह छूकर कहा
किट्टो मौसी मुस्कुराई और कहा,”जो दिल को भाया वो मिला नहीं और अब जो मिलते है वो दिल को नहीं भाते,,,,,,,,,,,,सोचा था मुझसे बिछड़ कर वो भी मेरी तरह अकेला होगा पर लगता है अब मुझे भी हमसफ़र ढूंढ लेना चाहिए,,,,,,,,,,,,,!!”


“सच किट्टो ? क्या तुम सच कह रही हो ? मैं अभी जाकर ये खुशखबरी माँ को बताती हूँ,,,,,,,,,,,,!!”,नंदिता ने ख़ुशी से भरकर कहा आज गौरी की सगाई के मौके पर उसे दुगुनी ख़ुशी जो मिल रही थी।
नंदिता जैसे ही जाने लगी किट्टो मौसी ने उनका हाथ पकड़कर उन्हें रोका और कहा,”अये दीदी ! उन्हें मत बताना , उन्हें बताया तो वो अपने ज़माने का कोई ढूंढ कर ले आएगी , मेरे लिये लड़का आप देखना,,,,,,,,,,,,,,,और माँ को ये मैं खुद बताउंगी , उनसे माफ़ी भी तो मांगनी है,,,,,,,,,,,,!!”


“ओह्ह्ह्ह किट्टो आज मैं बहुत खुश हूँ,,,,,,,,,!!”,नंदिता ने किट्टो मौसी के गले लगते हुए कहा ,, नंदिता के गले लगी किट्टो मौसी ने दूर खड़े मुरारी को देखा जो अपने हाथ से अनु को खाना खिला रहा था और दोनों किसी बात पर खिलखिलाकर हंस रहे थे।

अपने ही महबूब की जिंदगी में आग लगाने का ख्याल किट्टो मौसी ने उसी पल दिल से निकाल दिया और नंदिता के साथ वहा से चली गयी,,,,,,,,,,,,!!

निशि गौरी की सहेलियों के साथ लॉन में खड़ी बातें कर रही थी। गौरी के जैसे वह उसकी सहेलियों से भी जल्दी ही घुल मिल गयी , इसमें कोई शक नहीं था कि आज गौरी के बाद सगाई में सबकी नजरें निशि पर ही थी और क्यों ना हो ? निशि आज इतनी प्यारी जो लग रही थी। वंश की नजर भी बार बार निशि पर चली जाती और नवीन की नजर वंश पर,,,,,,,,,,,,,,

नवीन शाम से ही वंश पर नजर रखे हुए था हालाँकि नवीन की नजर में वंश अच्छा लड़का था लेकिन निशि और वंश को साथ देखकर ही नवीन बैचैन हो जाता और ऐसा क्यों था ये बस नवीन जानता था।
नवीन छुपकर वंश पर नजर रखे हुए था , मेघना ने आकर कहा,”आप यहाँ क्या कर रहे है ? चलकर खाना खा लीजिये,,,,,,,,!!”
“तुम खा लो मैं बाद में खा लूंगा,,,,,,,,,!!”,नवीन ने मेघना की तरफ पलटकर कहा और जैसे ही वापस पलटा वंश उसकी आँखों से ओझल हो गया


“बाद में क्यों नवीन ? वहा शिवम् जी और बाकि सब आपका इंतजार कर रहे है।”,एकदम से सारिका की आवाज नवीन के कानो में पड़ी। वह पलटा तो पाया मेघना के साथ साथ वहा सारिका भी खड़ी है।
“अरे मैडम आप ! मैं सर के साथ कैसे खा सकता हूँ ?”,नवीन ने कहा
“नवीन आप अब मेरे मैनेजर नहीं है बल्कि इस सगाई में हमारे मेहमान है , चलिए आईये,,,,,,,,,,!!”,सारिका ने लगभग आदेश देते हुए कहा और आगे बढ़ गयी।


पीछे पीछे मेघना और नवीन चल पड़े। लॉन में एक तरफ बड़ो के लिये टेबल लगा था जहा गौरी और मुन्ना के परिवार के सब बड़े मौजूद थे। शिवम् ने नवीन को देखा तो आने का इशारा किया। नवीन शिवम् की तरफ चला गया और मेघना सारिका के साथ अंदर चली आयी जहा बाकि सब महिलाये खाना खा रही थी।

मेघना ने देखा सारिका उसे और उसके परिवार को अपने परिवार का हिस्सा समझकर पेश आ रही है , सारिका की ये बात उसके दिल को छू गयी। मेघना बहुत खुश थी सभी बाते करते हुए खाना खाने लगे और मेघना ने आज कितने सालों बाद ऐसे माहौल में वक्त बिताया था।

“उनहु हुऊ,,,,,,,,,,,,,,क्या तुम किसी को ढूंढ रहे हो ? कहो तो हम उसे बुला दे”,वंश को खोया देखकर मुन्ना ने कहा
“अरे मुन्ना तुम ! तुम्हे आज की शाम गौरी के साथ होना चाहिए तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? जाओ जाओ भाभी बुरा मान जायेगी,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने मुन्ना को छेड़ते हुए कहा
“तुम शायद भूल रहे हो कि हमसे कुछ छुपा नहीं है,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“क्या नहीं छुपा है ?”,वंश ने मुन्ना की तरफ देखकर पूछा


“वही बनारस , घाट , डूबने से बचाना और किस,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना इतना ही बोल पाया कि वंश ने उसका मुंह बंद कर दिया और कहा,”ए मुन्ना , ये सब क्या है ? तुम्हे ये सब कैसे पता क्या निशि ने,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना ने बहुत प्यार से वंश के हाथ को अपने मुंह से हटाया और कहा,”एक लड़की हमे अपने पहले चुम्बन के बारे में क्यों बतायेगी ? उस दिन हम वही थे बस तुमने नहीं देखा था,,,,,,,,,,,,,अब किसी लड़की को कैजुअल किस,,,,,,,,,!!”
“चुप हो जाओ,,,,,,,,गौरी के साथ रहकर तुम भी नॉटी हो चुके हो,,,,,,,!!”,वंश ने कहा


मुन्ना वंश के सामने आया और कहा,”वंश हमारी बात ध्यान से सुनो ! हम जानते है निशि को लेकर तुम्हारे दिल में भावनाये बहुत पहले से है , तुम उन भावनाओ को समझने की कोशिश करते हो लेकिन तुम दोनों का गुस्सा हर बार बीच में आ जाता हैं और चीजे बिगड़ जाती है। तुम्हे निशि से बात करनी चाहिए,,,,,,,,,,,,,और वैसे भी किसी ने कहा है कि औरत अगर पसंदीदा हो तो सामने से पहल की जा सकती है।”


वंश ख़ामोशी से सब सुन रहा था , वंश भी जानता था कि कही न कही उसके दिल में निशि के लिये एक सॉफ्ट कॉर्नर है इसलिए तो हर बार वह निशि और अपना झगड़ा भूलकर उसके पास वापस चला जाता था।
वंश को खोया हुआ देखकर मुन्ना ने कहा,”कही ऐसा न हो कोई और उसे ले जाये और तुम बैठकर पछताओ,,,,,,,,,,,हम चलते है बहुत भूख लगी है।”
कहकर मुन्ना या यू कहे वंश के सीने में आग लगाकर मुन्ना वहा से चला गया।

वंश ने पलटकर निशि को देखा वह ऋतू प्रिया के साथ खड़ी हंस रही थी। वंश निशि से बात करने के इरादे से उसकी तरफ आया
“निशि,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने बहुत धीरे से कहा , उसकी आवाज निशि तक पहुँचती इस से पहले ही एक हैंडसम लड़का वहा आया और निशि से कहा,”हाय ! एक्चुली मैं जब से आया हूँ आपको देख रहा हूँ , आप मुझे सबसे थोड़ी अलग लगी ,, अगर आपको ऐतराज ना हो तो क्या मैं आपसे कुछ बात कर सकता हूँ ?”


निशि ने देखा वंश उसके सामने ही खड़ा है और बगल में वो लड़का , लड़के की बात सुनकर वंश के चेहरे के भाव एकदम से बदल गए और चेहरे पर सख्ती उभर आयी उसने धीरे से गर्दन हिलाकर निशि को ना जाने का इशारा किया लेकिन आज तो निशि वंश पर आग गिराने के इरादे से यहाँ आयी थी उसने लड़के की तरफ देखा और मुस्कुरा कर कहा,”बिल्कुल”


वंश ने सुना तो उसके कलेजे पर जैसे सांप लौट गए वह बिना पालक झपकाए निशि को घूरते रहा और निशि उसके सामने से उस लड़के के साथ चली गयी।

Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56

Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56 Main Teri Heer – 56

Continue With Main Teri Heer – 57

Read Previous Part Here Main Teri Heer – 55

Follow Me On facebook

संजना किरोड़ीवाल  

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4
A Woman
A Woman by Sanjana Kirodiwal

One Comment

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!