Main Teri Heer – 53
Main Teri Heer – 53
मुरारी अपनी रंगबाजी के चलते एक बार फिर मुसीबत में फंस चुका था और अब पुरे गेस्ट हॉउस में वह अनु से बचता फिर रहा था। खैर नंदिता ने अनु को देखा तो उसके पास आयी और उसे अपने साथ लेकर चली गयी। गौरी अपनी सहेलियों के साथ खड़ी मुन्ना के बारे में ही बात कर रही थी कि तभी गौरी की एक सहेली ने कहा,”अरे गौरी ! जिनकी इतनी तारीफ कर रही हो , अब उनसे मिलवा भी दो,,,,,,,,,,,!!”
“हाँ गौरी मुझे भी देखना मान ने आज क्या पहना है और क्या वो आज शाम तुम्हे टक्कर देने में कामयाब होगा या नहीं ?”,ऋतू ने कहा
“ऑफकोर्स वो हेंडसम लगने वाला है आखिर उसने मेरे लहंगे से मैचिंग सूट जो पहना है।”,गौरी ने खुश होकर कहा
“लगता है जीजाजी के कपडे भी आपने ही सेलेक्ट किये होंगे,,,,,,,,,,,,गौरी दी आप तो अभी से जीजाजी के प्यार में पड़ गयी हो”,गौरी की कजिन सिस्टर ने कहा तो गौरी के गाल गुलाबी हो उठे वह कुछ कहती इस से पहले ही उसके कानों में प्रिया की आवाज पड़ी,”ये लो मान का नाम लिया और वो हाजिर,,,,,,,,,,,,,,,बहुत लम्बी उम्र है हमारे होने वाले जीजाजी की,,,,,,,,,,,,,,लड़कियों आ जाओ”
गौरी की बहने और सहेलिया सभी मुन्ना को देखने के लिये चली गयी और बेचारी गौरी वही खड़ी मुन्ना की एक झलक पाने की नाकाम कोशिश करने लगी लेकिन कभी उसे मुन्ना की आँखे दिखाई देती तो कभी उसके होंठ , अब तो गौरी का मन मुन्ना को देखने के लिये और ज्यादा बैचैन हो उठा।
“ओह्ह्ह माय गॉड मान यू लुकिंग सो हेंडसम,,,,,,,,,,,,,,भई दाद देनी पड़ेगी गौरी की पसंद की , क्या यूनिक ड्रेस पसंद किया है उसने तुम्हारे लिये,,,,,,,,,,!!”,ऋतू ने मुन्ना को देखकर कहा
”नमस्ते जीजाजी ! आपका कोई छोटा भाई है क्या ? एक्चुअली मुझे आपके जैसा लड़का चाहिए,,,,,,,,,,,,,,,कितनी तारीफ सुनी है मैंने गौरी दी से आपकी,,,,,,,,,!!”,गौरी की कजिन ने कहा
मुन्ना ने सुना तो मुस्कुराने लगा बेचारा एक साथ इतनी सारी लड़कियों से घिरा था जिनमे से वह बस ऋतू और प्रिया को जानता था और उनसे भी कभी मुन्ना की
ज्यादा बात-चीत नहीं हुई थी।
गौरी की कजिन की बात सुनकर वंश आगे आया और कहा,”मेरे बारे में क्या ख्याल है आपका ?”
कजिन ने वंश को देखा जो कि बहुत ही ज्यादा स्मार्ट लग रहा था लेकिन लड़की फिर भी नहीं फिसली और कहा,”अरे आपकी भी बहुत तारीफ सुनी है मैंने आप वही है ना जो हर लड़की से फ्लर्ट करते है।”
लड़की ने जैसे ही कहा बाकि लड़किया हंसने लगी और वंश ने मुंह बना लिया।
“लड़कियों ये क्या है उन्हें अंदर तो आने दो , दरवाजे पर ही क्यों रोक लिया ?”,नंदिता ने आकर कहा तो सभी साइड हटी।
मुन्ना ने नंदिता को देखा तो आगे बढ़कर उनके पैर छुए , नंदिता ने मुन्ना को आशीर्वाद दिया और फिर अंदर चलने को कहा। सामने ही मंडप के साइड वाले हॉल में सोफे के पास खड़ी गौरी को देखकर मुन्ना के कदम रुक गए। पंडित जी के बुलाने पर नंदिता उस तरफ चली गयी। मुन्ना की नजरे गौरी पर ठहर सी गयी। वाइन कलर के लहंगे में गौरी बहुत ही खूबसूरत लग रही थी।
आँखों में लगा गहरा काजल , होंठो पर लगी लिपस्टिक , लहंगे और कुर्ती के बीच झांकती उसकी पतली कमर जिस पर पतली चैन का कमरबंद था। हाथो में लहंगे से मैचिंग चुडिया , कानों में झुमके , गले में चोकर , सर पर रखा झीना दुप्पट्टा,,,,,,,,,,,मुन्ना की नज़रे गौरी पर जैसे ठहर सी गयी। आज से पहले गौरी को इस रूप में मुन्ना ने कभी नहीं देखा था और आज गौरी सबसे ज्यादा खूबसूरत लग रही थी।
वही गौरी ने जैसे ही मुन्ना को देखा , उसके चेहरे की ख़ुशी मायूसी में बदल गयी। मुन्ना ने आज सगाई में धोती-कुर्ता पहना था और यही गौरी की मायूसी की वजह थी। हालाँकि इन कपड़ो में मुन्ना किसी राजकुमार से कम नहीं लग रहा था लेकिन गौरी को ना जाने क्यों अच्छा नहीं लगा ? पहली बार ऐसा हुआ जब मुन्ना ने गौरी की बात नहीं मानी , गौरी चाहती थी मुन्ना आज की शाम उसके लहंगे से मैचिंग का सूट और बो पहने लेकिन मुन्ना ने ऐसा नहीं किया।
मुन्ना को अपनी ओर देखते पाकर गौरी वहा से साइड में चली गयी। जिस बेसब्री से वह मुन्ना का इंतजार कर रही थी वह एकदम से कम हो गयी। गौरी के जाने के बाद भी मुन्ना वही खड़ा उस तरफ देखता रहा,,,,,,,,,!!
गौरी की बहनो और सहेलिया वंश को छेड़ रही थी। वंश उन सब से पीछा छुड़ाकर मुन्ना की तरफ आया , उसने मुन्ना को खोया हुआ देखा तो उसके सामने हाथ हिलाकर कहा,”हेलो मुन्ना ! कहा खोये हो ?”
“वो कितनी सुन्दर लग रही है यार,,,,!!”,मुन्ना ने वंश की तरफ पलटकर कहा
“कौन ?”,वंश ने पूछा क्योकि मुन्ना जिस तरफ देख रहा था उस तरफ सिर्फ दिवार थी वहा कोई नहीं था।
“हम गौरी की बात कर रहे है , सच बताये वंश आज वो इतनी सुंदर लग रही है हमे लगता है हमे फिर से उस से प्यार हो जायेगा,,,,,,,,,,!!!”,मुन्ना ने धीमे स्वर में कहा और ऐसा कहते हुए उसकी आँखों में चमक और होंठो पर प्यारी सी मुस्कान उभर आयी।
“हाँ तो अपनी ही होने वाली बीवी से पियार करने में काहे का डर,,,,,,,,,!!”,अचानक मुरारी की आवाज दोनों के कानो में पड़ी
मुन्ना और वंश ने मुरारी को वहा देखा तो मुरारी ने मुन्ना के सामने आकर कहा,”कपड़ो के मामले में बहुते सही चॉइस है तुम्हरी मुन्ना,,,,,,,,,,अच्छे लग रहे हो , और हिया काहे खड़े हो ? चलो हुआ पंडित जी इंतजार कर रहे है तुम्हरा,,,,,,,,,,,,आओ”
कहते हुए मुरारी मुन्ना को अपने साथ लेकर चला गया। वंश वही खड़ा सगाई में आये मेहमानो को देखने लगा। उसकी नजरें किसी को ढूंढ रही थी और जिसे ढूंढ रही थी वो उसे अभी तक नजर नहीं आयी थी।
कुछ देर बाद अंजलि अपने हाथो में दो गिलास लिये वंश की तरफ आयी जिनमे कोल्ड ड्रिंक थी। वह वंश के बगल में आकर खड़ी हो गयी और एक गिलास वंश की तरफ बढाकर कहा,”आप किसी को ढूंढ रहे है क्या वंश भैया ?”
वंश ने ध्यान नहीं दिया कि उस से सवाल पूछने वाली कौन है उसने अपनी खोज जारी रखते हुए गिलास लिया और एक घूंठ पीकर कहा,”हाँ लेकिन वो कही नजर नहीं आ रही,,,,,,,,,,,,कही वो मेरी बातों से गुस्सा होकर वापस मुंबई तो नहीं चली गई ?”
“आप शायद निशि को ढूढ़ रहे है,,,,,,,,,!!”,अंजलि ने कहा
“हाँ ! तुमने उसे देखा क्या ?”,वंश ने एकदम से निशि की तरफ पलटकर बेचैनी भरे स्वर में कहा लेकिन अंजलि को वहा देखकर आगे के शब्द उसके गले में ही अटक गए और उसने कहा,”तुम यहाँ क्या कर रही हो ?”
“मैं अपने भैया की सगाई में आयी हूँ ,, बाय द वे आप कुछ पूछ रहे थे निशि के बारे,,,,,,,,,,,,,,!!”,अंजलि ने जान बुझकर ऊँची आवाज में कहा तो वंश ने उसका मुंह बंद किया और कहा,”क्या कर रही हो तुम ? मैं कोई निशि के बारे में नहीं पूछ रहा,,,,,मैं बस खुद के लिये फ़िक्र कर रहा था कही वो छिपकली किसी कोने में बैठी मेरे खिलाफ कोई साजिश तो नहीं रच रही,,,,,,,,,,!!”
“ओह्ह्ह वंश भैया प्लीज,,,,,,,,,,,,निशि बहुत अच्छी लड़की है”,अंजलि ने कहा
“अरे वाह ! चुहिया और छिपकली में दोस्ती इतनी गहरी कब हुई ?”,वंश ने निशि के माथे पर हलकी सी चपत लगायी और वहा से चला गया।
“मैंने उसे जान से मारने को कहा था , तुमने उसे जिन्दा छोड़कर मुझे मुसीबत में डाल दिया है”,चौहान साहब ने जॉर्डन को एक जोरदार तमाचा मारकर कहा
“मैं उसे जान से ही मारने वाला था सर लेकिन वो बच गया , और उसके बाद वो DCP मेरे पीछे पड़ गया। मैं छुपता फिर रहा हूँ पर आप भरोसा रखिये मैं जल्दी ही आपका काम कर दूंगा”,जॉर्डन ने काँपते स्वर में कहा
“नहीं तुम फ़िलहाल कुछ नहीं करोगे जॉर्डन अगर तुम गलती से भी किसी की नजर में आये तो मैं फंस जाऊंगा। इलेक्शन आ रहे है और उस से पहले मैं किसी तरह का झंझट नहीं चाहता,,,,,,,,,,!!”,चौहान साहब ने कुछ सोचते हुए कहा
“अगर उस रात वो DCP बीच में नहीं आया होता तो मैं अब तक आपका काम कर चुका होता,,,,,,!!”,जॉर्डन ने अफ़सोस भरे स्वर में कहा
चौहान साहब ने सिगरेट जलाई और अपने होंठो के बीच रखते हुए कहा,”ये DCP कौन है ? इस शहर में नया है क्या ?”
“DCP शक्ति सर , इस शहर में लोग उसके नाम से कांपते है,,,,,,,,,,,,,,उसी ने तो आसिफ को अरेस्ट किया था लेकिन आसिफ भाग गया,,,,,,,,और पता चला कि इस वजह से उसे एक हफ्ते के लिए सस्पेंड भी कर दिया है।”,जॉर्डन ने चौहान साहब को शक्ति के बारे में बताते हुए कहा
“आसिफ कहा है उसका कुछ पता चला ?”,चौहान साहब ने पूछा
“नहीं उस दिन के बाद से आसिफ का कोई अता पता नहीं है , सर अगर इंदौर में माल सप्लॉई करना है तो सबसे पहले इस DCP का कुछ करना होगा”,जॉर्डन ने कहा
“इलेक्शन तक DCP को सम्हाल लो उसके बाद ऐसी जगह ट्रांसफर करवाऊंगा उसका कि अपने घरवालों को देखने के लिए भी तरस जायेगा वो,,,,,,,,,,,,,,अभी तुम यहाँ से जाओ और हाँ कबीर से मिलते रहना ताकि उसे तुम पर शक ना हो,,,,,,,,,,,,!!”,चौहान साहब ने कहा
“सर वो कुछ,,,,,,,,,,मेरा मतलब अभी बहुत तंगी है तो कुछ,,,,,,,,,,!!”,जॉर्डन ने डरते हुए कहा
चौहान साहब ने जेब से नोटों की गड्डी निकाली और जॉर्डन की तरफ उछाल दी। जॉर्डन पैसे लेकर वहा से चला गया और चौहान साहब सोफे पर बैठकर उंगलियों में पकड़ी सिगरेट को खत्म करने लगे।
सगाई की सभी तैयारियां हो चुकी थी और सभी मेहमान भी आ चुके थे। सभी हॉल में जमा था मुन्ना पंडित जी के पास पूजा में बैठा था। पंडित जी ने गौरी को बुलाने के लिये कहा तो काशी और कुछ सहेलियों के साथ गौरी वहा चली आयी। दरअसल गौरी मुन्ना से नाराज थी इसलिए उसने मुन्ना की तरफ देखा तक नहीं और आकर उसके बगल में बैठ गयी लेकिन मुन्ना की नजरे आज गौरी पर से हटने का नाम नहीं ले रही थी।
पंडित जी ने अंगूठी की रस्म से पहले कुछ पूजा अर्चना की , मुन्ना बीच बीच में गौरी को देख लेता। गौरी को खामोश देखकर मुन्ना के चेहरे से भी मुस्कराहट गायब हो गयी। उसने सामने देखा और अपना पूरा ध्यान पूजा में लगा लिया।
“अब आप दोनों खड़े हो जाईये और एक दूसरे को अंगूठी पहनाइए”,पंडित जी ने कहा तो गौरी और मुन्ना अपनी अपनी जगह पर खड़े हो गए। सब घरवाले भी वहा मौजूद थे। वंश की नजरे अभी भी निशि को ढूंढ रही थी लेकिन निशि वहा मौजूद नहीं थी।
अगले ही पल वाइन कलर की साड़ी में लिपटी निशि हाथो में सगाई की अंगूठियों वाली प्लेट लिये सबके बीच आयी। वंश ने निशि को साड़ी में देखा तो बस देखता ही रह गया लेकिन निशि ने वंश की तरफ ध्यान ही नहीं दिया वह आकर काशी और अंजलि के पास खड़ी हो गयी। वंश मुन्ना की तरफ खड़ा था लेकिन उसकी नजरे जैसे निशि पर जम सी गयी आज से पहले निशि उसे खूबसूरत कभी नहीं लगी थी। सही कहा था गौरी ने कि आज निशि को देखकर वंश के होश उड़ने वाले थे और वही हुआ वंश के होश उड़ चुके थे,,,,,,,,,,,,,,!!
“मुँह बंद करो वंश तुम्हारी जिंदगी में भी ये दिन जल्दी ही आयेगा,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने वंश के कंधो पर हाथ रखते हुए कहा तो वंश ने निशि से अपना ध्यान हटाया और कहा,”अरे तुम दोनों खड़े खड़े एक दूसरे को क्या देख रहे हो ? रिंग पहनाओ ना,,,,,,,,,!!”
“गौरी मुन्ना को अंगूठी पहनाओ,,,,,,,,,!!”,सारिका ने गौरी से कहा जो कि खामोश थी
गौरी ने मुन्ना को अंगूठी पहना दी , हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा साथ ही वहा खड़े सब लोगो ने मुन्ना गौरी पर फूलो की बारिश कर दी , अब अंगूठी पहनाने की बारी मुन्ना की थी। उसने गौरी की तरफ देखा गौरी के चेहरे पर अब भी कोई ख़ुशी नहीं थी , गौरी की ये ख़ामोशी मुन्ना को उलझन में डाल रही थी
“मुन्ना गौरी को अंगूठी पहनाओ बेटा,,,,,,,!!”,सारिका की आवाज से मुन्ना की तंद्रा टूटी , उसने गौरी के हाथ को अपने हाथ में थामा और उसकी ऊँगली में अंगूठी पहना दी।
हॉल एक बार फिर तालियों से गूंज उठा और इस बार तालियों की आवाज ज्यादा तेज थी। नंदिता बार बार गेस्ट हॉउस के दरवाजे की तरफ देख रही थी शायद किसी का इंतजार कर रही थी।
सभी मुन्ना और गौरी को बधाईया देने लगे,,,,,,तभी एक बहुत ही प्यारी सी आवाज सबके कानों में पड़ी,”लगता है सगाई मेरे बिना ही हो गयी , किसी ने मेरा इंतजार भी नहीं किया,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना और गौरी के सामने से भीड़ साइड हो गयी। मुरारी ने किसी बात पर हँसते जैसे ही मुन्ना के कंधे पर हाथ रखा उसकी नजर सामने चली गयी।
हाल्फ स्लीवस ब्लाउज और चमचमाती साड़ी में लिपटी वो बला की खूबसूरत , अपनी गोरी पतली कमर को लचकाते मुन्ना और गौरी की तरफ चली आ रही थी। हॉल की रौशनी सीधी उसके चेहरे पर पड़ रही थी जिस से मुरारी उसे ठीक से देख नहीं पा रहा था।
वो बला जैसे ही मुन्ना और गौरी के सामने आयी गौरी ने ख़ुशी से भरकर कहा,”किट्टो मौसी,,,,,,,,,!!”
मुन्ना ने जब महिला को देखा तो उसके चेहरे पर उलझन के भाव उभर आये और मुरारी उसकी आँखे खुली की खुली रह गयी और दिल इतनी जोरो से धड़कने लगा जैसे बाहर ही आ गिरेगा,,,,,,,,,,,,,,,,,!!
किट्टो मौसी कोई और नहीं बल्कि,,,,,,,,,,,,,,,,,ये जानने को मिलेगा कल
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संजना किरोड़ीवाल
Urvashi hee Guri ki kitto Massi hai…aur yeh dekh kar Munna k sath sath Murari ko bhi jhatka lagne wala hai…lakin yeh Guri Munna se kyu naraj hai.. yr wo kitna pyra lag rha hai…lakin Guri to muh fula kar khadi hai…khar baad m maan jaye wo…lakin chahuan kise marne ki baat kar rha tha…yaad nhi aa rha hai….but finally aaj hamare favorite couple yani Guri-Munna ki sagai ho gai hai… yeah 👍
Shakti ko kuch mat hone dena write mam…plzzz …o fav h….