Sanjana Kirodiwal

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Main Teri Heer – 10

Main Teri Heer – 10

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4

मुन्ना की आवाज सुनकर मेघना और नवीन भी हॉल में चले आये। निशि मुन्ना के बगल में खड़ी थी और वंश अभी भी सोफे पर चढ़ा हुआ था।
“क्या हुआ बेटा ? तुम ऐसे चिल्लाये क्यों ?”,मेघना ने मुन्ना से कहा
“अह्ह्ह्ह कुछ नहीं आंटी वो,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहना चाहा लेकिन तभी निशि ने उसकी बात बीच में काटते हुए कहा,”मम्मा एक्चुली वो हॉल में कॉकरोच आ गया था मैं डर रही थी तो मुन्ना भैया मुझे समझा रहे थे और मैं सुन नहीं रही थी तो बस उन्होंने मुझे चुप करने के लिये चिल्ला दिया”


“ओह्ह्ह ऐसा , मैं तो डर ही गयी थी ,, तुम सब बैठो मैं कॉफी लेकर आती हूँ।”,कहते हुए वंदना वापस किचन की तरफ चली गयी।
नवीन भी टीशर्ट चेंज करके आ चुका था उसने मुन्ना से बैठने को कहा और खुद भी सोफे पर आ बैठा। नवीन ने सोफे पर चढ़े वंश को देखा वंश झेंपते हुए नीचे उतरा और चुपचाप सोफे पर बैठ गया।
निशि को प्यास लगी थी उसने टेबल पर रखा पानी का गिलास उठाया और जैसे ही बड़ा सा घूंठ भरा उसे याद आया इस पानी में तो नमक घुला था।

बेचारी निशि ने मुँह में पानी भरे हुए वंश की तरफ देखा तो वंश ने अपनी भँवे उचकाई , यानि वंश को भी नहीं पता था कि उस पानी में नमक था। निशि जल्दी से वाशबेसिन की तरफ भागी और मुंह में भरा पानी थूक दिया। वंश को कुछ समझ नहीं आया लेकिन टेबल पर रखा गिलास देखकर मुन्ना समझ गया कि निशि ने भी उसकी तरह नमक मिला पानी पी लिया है।
“हाँ तो मुन्ना तुम यहा मुंबई सिर्फ वंश से मिलने आये हो ?”,नवीन ने मुन्ना की तरफ मुखातिब होकर कहा


“जी अंकल और हमे आपको इन्वाइट भी करना था , इस बुधवार इंदौर में हमारी सगाई है तो बड़ी माँ ने हमसे कहा कि हम आप को इन्वाइट करे। आप काशी की सगाई में बनारस नहीं आये थे लेकिन इस बार आप दोनों को आना है।”,मुन्ना ने कहा
वंश ने सुना तो हैरानी से मुन्ना को देखने लगा क्योकि मुन्ना ने उसे इस बारे में नहीं बताया था
“जरूर बेटा , इसी बहाने सारिका मैडम से भी मिलना हो जायेगा , मैं और मेघना जरूर आएंगे”,नवीन ने कहा


नवीन के मुंह से सिर्फ अपना और मेघना का नाम सुनकर वंश निशि की तरफ देखने लगा। मुन्ना वंश की भावनाये समझ गया इसलिए कहा,”अगर निशि भी आपके साथ आयेगी तो गौरी को अच्छा लगेगा”
“गौरी ?”,नवीन ने पूछा
“हमारी होने वाली पत्नी , निशि उनसे काशी की सगाई में मिल चुकी है।”,मुन्ना ने कहा
“हाँ बिल्कुल अगर निशि साथ आना चाहे तो मुझे कोई ऐतराज नहीं,,,,,,,,,,क्यों निशि ?”,नवीन ने निशि की तरफ देखकर कहा


“नो थेंक्यू डेड ! मुझे उस जगह जाने में कोई दिलचस्पी नहीं है जहा ये चिरकुट हो”,निशि ने कहा और उठकर वहा से चली गयी
निशि के मुंह से अपने लिये फिर वही शब्द सुनकर वंश को अच्छा नहीं लगा लेकिन नवीन की वजह से खुद को रोक लिया।

“निशि की तरफ से मैं तुम से माफ़ी चाहता हूँ , आज सुबह से ही वो अच्छे मूड में नहीं है। मुन्ना निशि नहीं भी आती है तो मैं और मेघना जरूर आएंगे”,नवीन ने पहले वंश से कहा और फिर मुन्ना की तरफ देखते हुए अपनी बात पूरी की।

“कहा जाने की तैयारी हो रही है ?”,मेघना अपने हाथो में ट्रे थामे हॉल में आयी। उसने सबको कॉफी दी और अपना कप लेकर वंश के बगल में आ बैठी।
“मुन्ना आपको और अंकल को अपनी सगाई में इन्वाइट कर रहा है।”,वंश ने कहा
“अरे वाह ! तुम्हारी सगाई हो रही है ,, कोन्ग्रेचुलेशन बेटा,,,,,,,,,क्या नाम है लड़की का और कहा से है ?”,मेघना ने कहा


“शुक्रिया , गौरी नाम है और इंदौर से है। हमारी बहन काशी की दोस्त है,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“और पता है आंटी इंट्रस्टिंग बात क्या है ये लव मैरिज है,,,,,,,,,कैन यू बिलीव मुन्ना और लव मैरिज ?”,वंश ने मेघना की तरफ पलटकर कहा
“है सच में ?”, मेघना ने मुन्ना से पूछा तो बेचारा शरमा कर नीचे देखने लगा।
“अरे हाँ आंटी मुन्ना जितना शांत है गौरी उतनी ही हायपर एक्टिव,,,,,,,,,,,,,मस्त मौला और बिंदास,,,,,,,,,,!!”,वंश ने खुश होकर कहा


“अरे जिसकी इतनी तारीफ कर रहे हो ज़रा उसकी तस्वीर तो दिखाओ , मैं भी तो देखू”,मेघना ने कहा
मुन्ना ने अपने फोन में गौरी की तस्वीर निकाली और फोन मेघना की तरफ बढ़ा दिया। मेघना ने गौरी की तस्वीर देखी और कहा,”ये तो बहुत प्यारी है मुन्ना”
“शुक्रिया,,,,,,,,,हमे दरअसल आपसे कुछ बात करनी थी।”,मुन्ना ने मेघना से कहा और फिर नवीन की तरफ पलट गया
“हाँ कहो ना,,,,,,,,!!”,नवीन ने कहा


मुन्ना खामोश हो गया मेघना समझ गयी कि मुन्ना नवीन से अकेले में बात करना चाहता है इसलिये उसने वंश से कहा,”वंश , वो किचन में ऊपर रखा डिब्बा उतारने में मेरी मदद कर दोगे प्लीज”
“हाँ चलिए ना”,वंश ने कहा और उठकर मेघना के साथ चला गया
मुन्ना को खामोश देखकर नवीन ने कहा,”तुम कुछ कहने वाले थे”
मुन्ना ने नवीन की तरफ देखा और कहने लगा,”दरअसल हमे निशि और वंश के बारे में आपसे बात करनी थी।

निशि और वंश आपस में अच्छे दोस्त है। पिछले दो दिन से वंश की तबियत बहुत ज्यादा ख़राब थी और निशि ने ही उसका ख्याल रखा। हमे ये बात पता थी वंश अकेला है इसलिए हमने ही निशि से वंश के साथ रुकने की रिक्वेस्ट की थी। हम समझ सकते है एक लड़की का इस तरह एक लड़के के साथ रहना सही नहीं है लेकिन हमे वंश और निशि दोनों पर बहुत भरोसा है ये दोनों कभी अपनी मर्यादा नहीं तोड़ेंगे,,,,,,,,,,,हमारी वजह से आप निशि को गलत ना समझे प्लीज”


मुन्ना की बात सुनकर नवीन कुछ देर खामोश रहा , वंश और निशि को बचाने के लिये मुन्ना ने झूठ बोला लेकिन नवीन को ये बात नहीं पता थी इसलिये उसने कहा,”मैंने निशि पर गुस्सा इसलिये नहीं किया कि वह वंश के साथ थी बल्कि इसलिये किया क्योकि उसने मुझसे झूठ कहा। वंश भी थोड़ा बच्चा है अगर वो बीमार था उसे मुझे एक कॉल कर देना चाहिए था मैं उसे यहाँ घर ले आता ,, यहाँ उसकी देखभाल करने के लिये मेघना थी मैं था खामखा वो परेशान हुआ”


“वंश का फोन खराब हो चूका है इसलिए वो फोन नहीं कर पाया , हम बस आपसे ये कहना चाह रहे है कि निशि और वंश को गलत,,,,,,,,,,,,!!”
“मुन्ना,,,,,,,,,,,तुम्हे क्या मैं ऐसा आदमी लगता हूँ , मुझे वंश पर पूरा भरोसा है , वो ऐसा कुछ नहीं करेगा जिस से उसे मुझसे नजरे मिलाने में शर्म आये,,,,,,,,,,हम्म्म तो रिलेक्स”,नवीन ने मुन्ना के कंधे को छूकर कहा
मुन्ना मुस्कुरा दिया उसके दिल को तसल्ली मिली उसने नवीन की तरफ देखकर कहा,”एक परमिशन और चाहिए थी आपसे ?”


“हाँ कहो ना”,नवीन ने कहा
“कल सुबह हम बनारस के लिये निकल जायेंगे इसलिए आज शाम हम वंश और अपने कुछ दोस्तों को सगाई की पार्टी देने वाले है तो क्या निशि भी हमारे साथ आ सकती है ?”
नवीन कुछ देर खामोश रहा और फिर कहा,”ठीक है लेकिन वक्त से घर आ जाना,,,,,,,,,,!!”
“हम्म्म थैंक्यू”,मुन्ना ने कहा उसे नवीन से मिलकर अच्छा लगा। जितना सारिका ने बताया था नवीन उस से भी ज्यादा सुलझा हुआ इंसान था

बनारस , मुरारी का घर
मुरारी अनु को लेकर पहुंचा। अनु बैग्स लेकर अंदर चली गयी और मुरारी ने घर के नौकर को जीप की चाबी देकर गाड़ी साइड में लगाने को कहा और खुद भी अंदर चला आया। सगाई में 4 दिन ही बाकि थे और तैयारियां अभी बाकी थी। मुरारी सोफे पर आ बैठा और किशना को आवाज दी,”किसना , ओह्ह्ह किसना ,, अरे भैया एक कप चाय पिलाय दयो”
“किशना को मैंने टेलर के पास भेजा है अपने कपडे लेने , तुम्हारे लिये चाय मैं बना देती हूँ।”,अनु ने अपने बालों को समेटकर किचन की तरफ जाते हुए कहा


“ए मैग्गी , जे अपने बालों को बांध काहे रही हो खुला रहने दयो,,,,,,,,,का है खुले बालों में बहुते अच्छी लगती हो तुम”,मुरारी ने अनु को देखते हुए प्यार से कहा
अनु ने मुस्कुरा कर मुरारी को देखा और कहा,”ससुर बनने वाले हो लेकिन रंगबाजी ना जा रही है तुम्हारी मुरारी”
“अरे ससुर हम गौरी के बनेंगे तुम्हारे लिये तो वही मुरारी मिश्रा रहेंगे,,,,,,”,मुरारी ने कहा तो अनु मुस्कुराते हुए वहा से चली गयी


“अच्छा जे मुन्ना महाराज कहा है ? बम्बई से लौटे के नाही ? कोनो फोन वोन आया था उनका कब तक लौटेंगे ?”,मुरारी ने ऊँची आवाज में कहा
“हाँ आज दोपहर में ही बात हुई थी मेरी उसने कहा है वो कल सुबह की फ्लाइट से बनारस आ जायेगा”,अनु ने किचन से झांककर कहा


“इनके लक्षण हमे ठीक ना लग रहे है अनु , मतलब चार दिन बाद इनकी सगाई गौरी से है और जे बम्बई जा रहे है वंशवा से मिलने,,,,,,,,,,कभी कभी तो लगता है इनके ही आपस में फेरे पड़वा दे,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने अपने फोन में मुन्ना का नंबर डॉयल करते हुए कहा
एक दो रिंग जाने के बाद मुन्ना ने फोन उठाया और कहा,”हैल्लो ! जी पापा”
“मुन्ना का बम्बई में बसने का मन बनाय लिए हो बेटा ? बबुआ चार दिन बाद तुम्हरी सगाई है जे वंशवा का पल्लू छोडो और बनारस पधारो,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा


“हाँ हम कल सुबह निकल रहे है।”,मुन्ना ने कहा
“और वंश ? उह का तुम्हरे साथ नहीं आ रहा है ,, अरे उसको बताओ तुम्हरी सगाई है चार दिन बाद,,,,,,,,,घर का सबसे छोटा लड़का है उह”,मुरारी ने कहा
“पापा वंश नवीन अंकल के साथ यहां से सीधा इंदौर ही आयेगा,,,,,,,हमारी उस से बात हो गयी है।”,मुन्ना ने कहा
“ये भी सही है,,,,,,,,,,, यहाँ सब तैयारी बाकी है तुमहू आओ यार ताकि सब काम हो”,मुरारी ने कहा


“हाँ हम आ जायेंगे,,,,,,,,,,,,अभी रखते है।”,कहकर मुन्ना ने फोन काट दिया
मुरारी ने फोन साइड में रखा तो देखा अनु उसके लिये चाय लेकर तैयार खड़ी थी

“क्या कहा मुन्ना ने ?’,अनु ने चाय का कप मुरारी की तरफ बढाकर कहा
“उसने कहा वो कल सुबह तक आ जायेगा,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“हम्म्म चलो ये अच्छा है , मैंने सबको फोन कर दिया है हमे परसो ही इंदौर निकलना होगा रात तक सब पहुँच जायेंगे उसके अगले दिन सगाई है। नंदिता जी से मेरी बात हुई थी उन्होंने कहा वे मेहमानो के रुकने के लिये गेस्ट हॉउस का बंदोबस्त करवा देंगे।”,अनु ने चाय का घूंठ भरते हुए कहा


“अरे उन्हें काहे परेशान कर रही हो ? हमरे ससुर जी का घर किस दिन काम आयेगा ,, उनको फोन करके कह दयो गेस्ट हॉउस ना बुक करे,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“लेकिन मुरारी,,,,,,,,,,,!!”,अनु ने जैसे ही कुछ कहना चाहा मुरारी ने कहा,”अनु हमरी बात सुनो ! गौरी के पिताजी नहीं है और नंदिता जी को सब अकेले ही मैनेज करना है , हमरा फर्ज बनता है हम उन्हें जियादा परेशान ना करे,,,,,,,,,,,,,,हम थोड़ा एडजस्ट कर लेंगे खामखा उनको तकलीफ काहे देनी ? नई,,,,,!!”


अनु मुरारी को देखने लगी और फिर कहा,”कभी कभी ना तुम पर बहुत ज्यादा प्यार आता है मुझे तुम पर,,,,,,,,,,,,!!”
“हाँ तो जताओ ना हम कहा रोके है ?”,मुरारी ने कहा
“मुरारी तुम सच में बहुत अच्छे हो,,,,,,,,,मुझे यकीन है गौरी को इस घर में कभी पापा की कमी महसूस नहीं होगी”,अनु ने कहा
“अरे बिल्कुल , हम उसके साथ ससुर नहीं बल्कि उसके पापा बनकर रहेंगे,,,,,,,,,खुश !”,मुरारी ने उठते हुए कहा और अपने कमरे की तरफ चला गया


सोफे पर बैठी अनु मुरारी को जाते हुए देखते रही और मन ही मन कहा,”आई विश मुन्ना गौरी को उतना ही प्यार दे जितना तुमने मुझे दिया,,,,,,,,,,,,!!”
कुछ देर बाद अनु भी चाय के खाली कप लेकर वहा से चली गयी।  

उसी शाम राजन एक बार फिर मुन्ना को ढूंढते हुए अस्सी घाट चला आया। घाट पर गंगा आरती की तैयारियां चल रही थी और आज भीड़ भी बहुत थी ऐसे में मुन्ना को ढूंढना आसान तो नहीं था लेकिन राजन फिर भी घाट की सीढ़ियों से होते हुए नीचे चला आया। मिटटी पर चलकर वह गंगा किनारे आया और वहा खाली पड़ी नाव पर आ बैठा और उस भीड़ में मुन्ना को ढूंढने लगा लेकिन मुन्ना यहाँ होता तब ना उसे दिखाई देता।


राजन उदास सा बैठा मुन्ना के बारे में सोच रहा था वह उस से मिलना चाहता था लेकिन क्यों ये सिर्फ राजन ही जानता था।
“देखो उह्ह नाव पर जो लड़का बैठा है फ़िलहाल तुमको बस उसको पटाना है इसके लिये हम तुमको पुरे दो हजार देंगे,,,,,,,,,,!!”,भूषण ने अपने साथ खड़ी लड़की से कहा।
लड़की ने नाव पर बैठे राजन को देखा और कहा,”कौन उह्ह लड़का ? उह्ह तो शक्ल से ही चू#या दिख रहा है उसके लिये 2000 खर्च कर रहे,,,,,,,,,,अरे खुशबु नाम है हमारा अभी दुई मिनट मा सेट करके आते है।”


“भूषण भैया जे कुछो जियादा ही ओवर कॉन्फिडेंस हो रही है,,,,,,,,,!!”,बगल में खड़े रमेश ने भूषण से कहा
“अभी पता चल जायेगा,,,,,,राजन भैया को कुछो याद आता है या नहीं”,भूषण ने कहा और अपने लड़को को लेकर वहा से चला गया
 भूषण के कहने पर लड़की राजन की तरफ आयी और नाव पर चढ़ने की कोशिश करने लगी लेकिन नाव जमीन से थोड़ा ऊपर थी इसलिए लड़की उस पर चढ़ नहीं पायी। राजन ने जब लड़की को परेशान होते देखा तो उसके पास आया और अपना हाथ उसकी तरफ बढ़ा दिया।

लड़की ने राजन का हाथ थामा और नाव पर चढ़ गयी। अब जैसा की उसने राजन से वादा किया था इसलिये नाव पर चढ़ते हुए जान बुझकर लड़खड़ाई ताकि राजन उसे सम्हाले और हुआ भी वही। जैसे ही लड़की गिरने को हुई राजन ने उसे सम्हाल लिया और अगले ही पल उस से दूर होकर साइड में चला गया।

लड़की ठीक राजन के सामने आकर बैठी और कहा,”आप यहाँ किसी का इंतजार कर रहे है ?”
“तुम्हे उस से क्या ? तुमहू अपना काम करो ना,,,,,,,,!!”,राजन ने सामने भीड़ को देखते हुए कहा
“अपना काम ही तो कर रही हूँ,,,,!!”,लड़की बड़बड़ाई राजनके कानो में शब्द पड़े लेकिन समझ कुछ नहीं आया तो उसने लड़की की तरफ देखा।
लड़की ने बड़ी सी स्माइल दी तो राजन दूसरी तरफ देखने लगा और लड़की ने मन ही मन कहा,”इसे पटाना इतना आसान भी नहीं है।”

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