Love You जिंदगी – 47

Love You Zindagi – 47

Love You Zindagi
Love You Zindagi by Sanjana Kirodiwal

नैना को उसकी परेशानी का हल मिल चूका था ! वह अपनी मस्ती में कार चलाये जा रही थी। सुबह गाड़ी दिल्ली पहुंची ! नैना ने ख़ुशी ख़ुशी गाड़ी आशीर्वाद अपार्टमेंट की और जाने वाली सड़क की और मोड़ दी। विपिन जी और बाकि सब उठ चुके थे। गाड़ी अपार्टमेंट पहुंची नैना ख़ुशी ख़ुशी नीचे उतरी सार्थक उसे सामने से आता दिखा तो नैना उसके पास आयी और कहा,”थैंक्स एट लास्ट मोमेंट तूने सब ठीक कर दिया”
“क्या ? और तुम लोग यहाँ क्या कर रही हो ? फ्लैट मिल गया ?’,सार्थक ने पूछा


“हैं ? तूने बुक नहीं किया”,नैना के चेहरे का रंग उड़ गया। सार्थक को कुछ समझ नहीं आया उसने कहा,”मैंने तो मना किया था न नैना , और अंकल आंटी किधर है ?
“वो रहे उधर पीछे , तूने ही कल रात मैसेज किया था की मैं इन्हे लेकर आ जाऊ तू सब सम्हाल लूंगा”,नैना ने कहा
“मैंने कोई मैसेज नहीं किया नैना , अब क्या होगा ?’,सार्थक ने कहा


“अब , अब बैंड बजेगी मेरी , तुम्हारी , हम सबकी , बाप सर पे खड़ा है और तू बोल रहा है फ्लैट नहीं है !”,नैना ने रोनी सूरत बनाकर कहा। नैना अभी सार्थक को समझा ही रही थी तभी विपिन जी और आराधना जी वहा आये और नैना से कहा,”चले बेटा”


“नमस्ते अंकल”,सार्थक ने कहा तो विपिन जी उसे नमस्ते कहा और नैना के साथ आगे बढ़ गए। रुचिका और शीतल उनके पीछे पीछे चली आये उन्हें लगा नैना का कोई प्लान होगा। सभी लिफ्ट के सामने आये नैना सबके साथ अंदर चली आयी मन ही मन उसकी हालत बुरी थी। रुचिका बाहर ही रुक गयी और कहा तुम लोग चलो मैं आती हूँ”


लिफ्ट ऊपर चली गयी जैसे जैसे लिफ्ट ऊपर जा रही थी नैना का कॉन्फिडेंस निचे आ रहा था वह सार्थक के फोन से आये मैसेज के बारे में सोच रही की अगर सार्थक ने नहीं किया तो किसने किया। लिफ्ट 3rd फ्लोर पर आकर रुकी नैना का दिल अभी भी धड़क रहा था , पापा को क्या कहेगी ? कैसे समझाएगी उन्हें नैना सोच ही रही थी की विपिन जी ने कहा,”बेटा जी क्या यही रहने का इरादा है , चलो मुझे पानी चाहिए बहुत प्यास लगी है।”


नैना सामान के साथ बाहर आयी और हिम्मत करके कहा,”डेड वो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“क्या नैना फ्लैट की चाबी तो तुम निचे वाली आंटी से लेना ही भूल गयी , देखो ना अंकल ऐसी ही है ये हमेशा कुछ ना कुछ भूल जाती है। बिना चाबी के कैसे जाओगी अंदर ?”,कहते हुए रुचिका वहा आयी और अवि के फ्लैट की और चली गयी। नैना को कुछ समझ नहीं आ रहा था वह सामान उठाये उसके पीछे पीछे चल पड़ी।

सभी अंदर आये तो नैना ने रुचिका की बांह पकड़ी और उसे फ्लैट से बाहर लेकर आयी और दरवाजा बंद करके कहा,”ये सब क्या है ? मॉम डेड को क्या उस अवि के साथ रखोगी और ये इसके फ्लेट की चाबी तुम्हे दी किसने ?”
नैना को परेशान देखकर रुचिका ने उसे कंधो से पकड़ा और कहा,”रिलेक्स नैना सब ठीक है , अवि ने खुद चाबी देकर कहा है की जब तक अंकल आंटी यहाँ है हम लोग यहाँ रह सकते है।”
“ये सब किसने किया ? और अवि कहा है वो ?”,नैना ने हैरानी से कहा


“हम्म्म पीछे देखो,,,,,,,,,,,,,,!”,रुचिका ने कहा
नैना ने पीछे देखा अवि उसके पुराने फ्लैट के दरवाजे के सामने खड़ा था। नैना उसके पास आयी और उसे गले लगाकर कहा,”थैंक्यू सो मच”
नैना जैसे ही उसके गले आकर लगी अवि को फिर से 440 वॉल्ट का करंट लगा। उसने धीरे से कहा,”ऐसे गले लगोगी ना तो फिर से प्यार हो जाएगा तुमसे”


अवि की बात सुनकर नैना पीछे हट गयी कहा,”लेकिन तुमने ये सब आई मीन तुम्हे कैसे पता डेड आने वाले है ?”
“वो जब कल रात तुम्हारी सार्थक से बात हो रही थी तब मैं वही था , उसके फोन से मैसेज मैने ही किया था। तुम्हारे पेरेंट्स यहाँ है तब तक तुम यहाँ रह सकती हो नो प्रॉब्लम”,अवि ने कहा
“लेकिन तुम ? तुम कहा रहोगे ?”,नैना ने कहा


“डोंट वरी मैं दो दिन होटल में रह जाऊंगा। किचन में सब रखा है और अगर कुछ चाहिए हो तो प्लीज तुम लोग एडजस्ट कर लेना”,अवि ने कहा और लिफ्ट की और बढ़ गया। आज नैना को अवि पर बिल्कुल गुस्सा नहीं आ रहा था बल्कि उसने अवि मे एक जिम्मेदार इंसान को देखा। अवि के जाते ही विपिन जी आये तो नैना ने कहा,”डेड आप अंदर चलिए ना ?”


“अरे बेटा वो मेरा फोन गाड़ी में ही रह गया , तुम दोनों अंदर चलो मैं लेकर आता हूँ”,कहकर वे लिफ्ट की और बढ़ गए जिसमे अभी अभी अवि गया था , लिफ्ट बंद होने से पहले ही विपिन जी ने हाथ करके उसे रोका और अंदर चले आये। अवि को देखकर मुस्कुराये तो जवाब में अवि भी मुस्कुरा दिया। विपिन जी ने उसकी और देखते हुए कहा,”यही रहते हो बेटा ?”
“जी जी अंकल”,अवि ने कहा
“तो अभी कही जा रहे हो ?”,विपिन जी ने सवाल किया


“नहीं अंकल दोस्त से मिलकर आया था ऊपर फ्लैट में”,अवि के मुंह से निकल गया। विपिन की नजर अवि की शर्ट पर लगे बाल पर गयी तो उन्होंने उसे उतारा और देखते हुए कहा,”बेटा दोस्त या फिर महिला मित्र ?”
अवि ने उनके हाथ में बाल देखा तो कहा,”अरे नहीं नहीं अंकल दोस्त ही है , बहुत अच्छा दोस्त है”


“देखो बेटा ऐसा है ये बाल ना धुप में सफ़ेद नहीं किये है हमने , तुम्हारी उम्र में हमने भी कई लिपस्टिक के दाग छुपाये है अपनी शर्ट में , वैसे इस उम्र में प्यार व्यार होना तो बेटा आम बात है ,, अब नहीं करोगे तो कब करोगे नई”,कहकर विपिन जी हसने लगे
लिफ्ट आकर निचे रुकी अवि ने वहा से निकलने में ही अपनी भलाई समझी और पार्किंग से अपनी बाइक लेकर निकल गया !

विपिन जी गाड़ी के पास आये और दरवाजा खोलकर अपना चस्मा लेकर चले गए
ना अवि को पता था की वो नैना के डेड है और ना ही विपिन जी पहले कभी अवि से मिले थे लेकिन इस पहली मुलाकात में दोनों ने एक दूसरे से बात की और एक दूसरे को थोड़ा जान भी लिया !!


नैना अवि के फ्लैट में चली आयी उसे देखते ही आराधना ने कहा,”अरे नैना घर तो काफी अच्छा सजा रखा है तुम सबने , और किचन भी कितना साफ सुथरा है”
“हां मॉम वो शीतल कर लेती है सब इसे पसंद नहीं ना बिखरा हुआ घर”,नैना ने बात सम्हालते हुए कहा और फ्रीज की और चली आयी पानी की बोतल निकाली और हॉल में आकर देखा सब है लेकिन विपिन जी नहीं है

उसने पानी की बोतल ली और जैसे ही एक घूंठ भरा बालकनी से अंदर की और आते विपिन जी ने कहा,”नैना घर तो ठीक है लेकिन ये बॉक्सर (लड़को का शॉर्ट्स) किसका है ?”
नैना ने जैसे ही सूना मुंह में भरा पानी बाहर आ गिरा और वह विपिन जी की और पलटी उनके हाथ में एक शॉर्ट्स था जो अवि का ही था और बालकनी में सुख रहा था। नैना की ये देखकर सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी ,क्या कहे कुछ समझ नहीं आ रहा था।


“अंकल ये मेरा है”,रुचिका ने विपिन जी हाथ से शॉर्ट्स लेकर कहा
“तुम्हारा है ठीक है लेकिन बेटा जेंट्स वियर क्यों ?”,विपिन जी ने असमझ की स्तिथि में कहा
“अरे अंकल बनाने वाले ने कोई फर्क नहीं किया तो हम कौन होते है ? वैसे भी लड़का लड़की में आजकल भेदभाव कौन करता है ? और ये सेल से लिया था मैंने सस्ता मिल रहा था इसलिए और कम्फर्टेबल भी है”,रुचिका ने कहा तो विपिन जी आराधना की और चले आये


“बच गए”,नैना ने फुसफुसाकर रुचिका से कहा और सोफे पर आकर बैठ गयी , विपिन जी सरसरी नजरो से फ्लैट का मुआयना कर रहे थे की कही कुछ गड़बड़ तो नहीं है लेकिन उन्हें सब ठीक लगा। नैना ने पानी पीकर बोतल टेबल पर रख दी। शीतल कुछ देर बाद सबके लिए चाय ले आयी और सबको दी। चाय पिने के बाद नैना ने कहा,”डेड आप लोग आराम कर लीजिये देन नहां लेना , हम तीनो को तो ऑफिस जाना होगा लेकिन मैं आप लोगो के साथ यही रुक जाती हु”


“अरे नहीं बेटा तुम तीनो आराम से जाओ हम लोग है यहाँ वैसे भी नहाकर हम लोग सुमि के घर जाने वाले है ,, आज उसने लंच रखा है अपने घर तो तुम लोग परेशान मत हो और हां आराधना बच्चियों के लिए नाश्ता बना दो।”,विपिन जी ने कहा
“हां मैं बना देती हूँ”,आराधना ने कहा तो नैना ने कहा,”अरे नहीं मॉम आप परेशान मत हो हम लोग नाश्ता ऑफिस में कर लेंगे”


“नैना रेडी हो जाते है ऑफिस भी तो जाना होगा ना”,रुचिका ने कहा तो नैना शीतल और रुचिका तीनो वहा से चली गयी। अवि के रूम में आते ही शीतल ने उन दोनों से कहा,”ये सब चल क्या रहा है ? कोई बताएगा।
रुचिका ने शीतल को सारी बात बताई और कहा,”जब तक अंकल आंटी यहाँ है हमे यही रहना होगा और ऐसे ही दिखाना होगा की ये हमारा फ्लैट है ,, वो तो भला हो अवि का जो उसने लास्ट मोमेंट पर ये सब किया।”


“अवि इज अ नाइस पर्सन , चलो रेडी हो जाओ निकलना भी है”,शीतल ने कहा और बाहर निकल गयी अपना बैग लेने। रुचिका भी नैना और अपना बैग लेकर कमरे में आयी और कपडे निकालने लगी नैना अपना सर पकडे बिस्तर पर बैठी थी उसे परेशान देखकर रुचिका ने कहा,”डोंट वरी नैना सब ठीक हो जायेगा”
“हम्म्म !”,नैना ने कहा। शीतल नहाकर आ चुकी थी उसके बाद रुचिका चली गयी शीतल तैयार होने लगी , रुचिका के बाद नैना भी तैयार होने लगी।

नैना को तैयार होने में ज्यादा वक्त नहीं लगता था इसलिए वह जल्दी से रूम से बाहर आयी और बालकनी में आकर किसी को फोन करने लगी। उधर घूमते घामते विपिन जी नैना से कुछ बात करने के लिए अवि के कमरे में पहुंचे तो और शीशे के सामने रखे मेन्स डिओ को देखकर उठाया और जैसे ही रुचिका की और पलटे रुचिका मुस्कुरा दी तो विपिन जी ने खुद ही बोल दिया,”ये भी तुम्हारा होगा , बनाने वाले ने फर्क नहीं किया तो हम कैसे कर सकते है ? हम्म सही है ,, नैना कहा है ?”


“वो बाहर है अंकल”,रुचिका ने कहा तो विपिन जी वहा से चले गए रुचिका की जान में जान आयी और उसने कहा,”यार ये अंकल का कुछ करना पडेगा , ऐसे तो इन्हे शक हो जाएगा”
“अंकल का नहीं अवि के सामान का कुछ करो , गर्ल्स रूम में लड़को का सामान मिलेगा तो कोई भी सवाल करेगा”,शीतल ने कहा


“आज शाम को ऑफिस से आने के बाद हम लोग अवि का सामान छुपा देंगे , किसी को पता नहीं चलेगा”,रुचिका ने कहा तो गेट पर खड़ी नैना ने कहा,”ओह्ह मैडम चलोगी अब।
शीतल और रुचिका नैना के साथ ऑफिस के लिए निकल गयी ! लिफ्ट में नैना रुचिका और शीतल को समझाया की गलती से भी विपिन जी के सामने अवि का जिक्र ना हो ! लिफ्ट निचे आकर रुकी तीनो बाहर आयी और जैसे ही आगे बढ़ी शुभ एकदम से नैना के सामने आ गया और कहा,”अरे नैना मैंने सूना है तुम्हारे मॉम डेड आये है यहाँ”


“हम्म्म सही सूना है”,नैना ने अपने आप पर काबू रखकर कहा
“तो हमे भी मिलवाओ उनसे”,शुभ ने ऐसे कहा जैसे नैना से उसके साथ बहुत अच्छी बनती हो। नैना ने सूना तो वह उसके थोड़ा पास आयी और दबी आवाज में कहा,”सुन बे सतरंगी चू#ये , अगर मेरे बाप के आस पास भी दिखा ना तो तेरा इंद्रधनुष तोड़ देना है मैंने , और क्या करेगा उनसे मिलके हां ? तेरे लिए रिश्ता लेकर आये है वो , रिश्तेदार लगता है तू उनका !”


बेचारा शुभ चुप हो गया और साइड होकर दोनों हाथ साइड में करने नैना को जाने का इशारा किया ! शीतल रुचिका भी उसके साथ साथ चली आई और शीतल ने कहा,”उसे डाटने की क्या जरूरत थी नैना ?”
“कुछ लोगो का जन्म ना सिर्फ हमाई जिंदगी में भसड़ मचाने के लिए हुआ है , ये भी उन्ही में से है ,, इसको डेड से मिलवाना मतलब अपनी लंका खुद लगवाने जैसा है। और छोडो यार हम लोग इस बात पर क्यों डिस्कशन कर रहे है ?”,नैना ने झुंझलाकर कहा और सामने से आते ऑटो को रुकवाकर शीतल रुचिका के साथ उसमे बैठ गई।

ऑफिस पहुंचकर तीनो अपने केबिन में आयी ! अमित , विशाल और ख़ुशी पहले से मौजूद थे। नैना ने अपना बैग रखा और केंटीन की तरफ चली आयी उसने चाय आर्डर की और आकर टेबल पर बैठ गयी। नैना को वह बैठे अभी कुछ ही वक्त हुआ था की अनुराग ने उसके सामने बैठते हुए कहा,”गुड़ मॉर्निंग नैना !”
नैना ने सामने अनुराग को देखा तो फीका सा मुस्कुरा दी और कहा,”गुड़ मॉर्निंग सर !”


“हे नैना इस फॉर्मेलिटी की जरूरत नहीं है , तुम मुझे अनुराग कहकर बुला सकती हो”,अनुराग ने सहजता से कहा
“व्हाई ?’,नैना ने पूछा
“तुम्हारे डेड मेरे मामू के दोस्त है सो इट्स बिकम फॅमिली”,अनुराग ने कहा
“सॉरी सर प्रोफेशनल लाइफ में पर्सनल लाइफ जीने की आदत मुझे नहीं है , आप मेरे मैनेजर है सो मैं आपको सर बुलाना ही पसंद करुँगी। एक्सक्यूज मी”,कहकर नैना वहा से चली गयी ! नैना के सटीक जवाब पर अनुराग नैना से खासा इम्प्रेस हुआ।


दिनभर ऑफिस में काम के साथ साथ घर ढूंढने की कोशिश के बाद नैना थकी हारी शीतल और रुचिका के साथ घर आयी। ऊपर आकर उसने बेल बजायी लेकिन जब दरवाजा खुला तो नैना हक्की बक्की रह गयी दरवाजा अवि ने खोला था। वह नैना के बिल्कुल सामने खड़ा था , नैना की तो सांसे ही जैसे हलक में अटक गयी। शीतल और रुचिका भी अवि को वहा देखकर हैरान थी। तीनो अवि से कुछ पूछ पाती इस से पहले ही उसके पीछे से आती आराधना ने कहा,”अरे अवि बेटा कौन है दरवाजे पर ?”


ये देखकर नैना को दूसरा झटका लगा जहा वह चाहती थी की उसके मॉम डेड को अवि के बारे में पता ना चले वहा अवि उनके साथ अपने फ्लैट में खड़ा था। सही कहा था नैना ने उस दिन केंटीन वाले लड़के से – वह एक भसड़ से बाहर निकलती थी तो दूसरी मुसीबत उसके स्वागत में खड़ी मिलती थी”

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क्रमश – love-you-zindagi-48

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संजना किरोड़ीवाल

“बच गए”,नैना ने फुसफुसाकर रुचिका से कहा और सोफे पर आकर बैठ गयी , विपिन जी सरसरी नजरो से फ्लैट का मुआयना कर रहे थे की कही कुछ गड़बड़ तो नहीं है लेकिन उन्हें सब ठीक लगा। नैना ने पानी पीकर बोतल टेबल पर रख दी। शीतल कुछ देर बाद सबके लिए चाय ले आयी और सबको दी। चाय पिने के बाद नैना ने कहा,”डेड आप लोग आराम कर लीजिये देन नहां लेना , हम तीनो को तो ऑफिस जाना होगा लेकिन मैं आप लोगो के साथ यही रुक जाती हु”

“बच गए”,नैना ने फुसफुसाकर रुचिका से कहा और सोफे पर आकर बैठ गयी , विपिन जी सरसरी नजरो से फ्लैट का मुआयना कर रहे थे की कही कुछ गड़बड़ तो नहीं है लेकिन उन्हें सब ठीक लगा। नैना ने पानी पीकर बोतल टेबल पर रख दी। शीतल कुछ देर बाद सबके लिए चाय ले आयी और सबको दी। चाय पिने के बाद नैना ने कहा,”डेड आप लोग आराम कर लीजिये देन नहां लेना , हम तीनो को तो ऑफिस जाना होगा लेकिन मैं आप लोगो के साथ यही रुक जाती हु”

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