Sanjana Kirodiwal

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Love You ज़िन्दगी – 4

Love you Zindagi
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Love You Zindagi – 4

शीतल और रूचिका ने प्रशाद खाया , सोसायटी ने वही सबके खाने का इंतजाम किया हुआ था , रुचिका तो खाना देखते ही उसपर टूट पड़ी और खाने लगी ! शीतल को ज्यादा भूख नहीं थी इसलिए उसने थोड़ा सा खाया , घूमते हुए सार्थक उधर से गुजरा और उसकी नजरे एक बार फिर शीतल पर ठहर गयी , सार्थक का इस तरह घूरना शीतल को अच्छा नहीं लगा तो उसने मुंह घुमा लिया ! सार्थक वहा से साइड में चला गया ! रुचिका को किसी से कोई मतलब नहीं था वह बस खाये जा रही थी , शीतल ने उसके हाथ से प्लेट छीनते हुए कहा,”बस भी करो फट जाओगी ऐसे खाओगी तो”
“यार खाना बहुत टेस्टी है”,रुचिका ने होंठो पर जीभ फिराकर कहा
“हां लेकिन अब और नहीं चलो चलते है , नैना अकेली है”,शीतल ने प्लेट बाकि जूठी प्लेटो में रखते हुए कहा और दोनों वहा से चली गयी !! लिफ्ट के सामने आयी तो देखा लिफ्ट फिर से बंद पड़ी है। “ये लिफ्ट हमेशा बंद क्यों हो जाती है ?”,रुचिका ने झुंझलाते हुए कहा
“कोई बात नहीं सीढ़ियों से चलते है”,शीतल ने कहा और रुचिका के साथ सीढ़ियों की और बढ़ गयी दोनों अभी कुछ ही सीढिया चढ़ी थी की सार्थक उनके पीछे पीछे चला आया , शीतल को लगा वह उसका पीछा कर रहा है इसलिए रुचिका का हाथ थामे तेजी से आगे बढ़ने लगी। उसे तेज चलता देखकर सार्थक ने पीछे से आवाज लगाते हुए कहा,”सुनिए !”
शीतल का दिल धड़क उठा उसने रुकने के बजाय और तेजी से अपने कदम बढ़ाये रुचिका को कुछ समझ नहीं आ रहा था तो उसने कहा,”अरे वो कुछ कह रहा है !”
“मुझे कुछ नहीं सुनना , चलो तुम”,शीतल ने कहा
सार्थक भी उनके पीछे पीछे ही आ रहा था और ये देखकर शीतल और घबरा गयी , अपने फ्लेट के सामने आकर उसने जल्दी से बेल बजायी , लेकिन नैना ने दरवाजा नहीं खोला वो शायद सो चुकी थी , शीतल बार बार बेल दबाये जा रही थी तभी सार्थक वहा आ पहुंचा और हांफते हुए कहा,”सुनिए , वो मैं,,,,,,,,”
शीतल को सार्थक का ढीठपन देखकर अब गुस्सा आ चुका था वह सार्थक की और आयी और उसे डांटते हुए कहा,”देखो मुझे कुछ नहीं सुनना , और तुम ये मेरा पीछा करना बंद करो वरना मैं मैनेजर से कम्प्लेन कर दूंगी !”
“लेकिन मैं ,,,,,,,,,,,,,,,”.सार्थक ने अपनी सफाई में कुछ बोलना चाहा तो रुचिका आगे आयी कहने लगी,”ओह्ह्ह हेल्लो मिस्टर समझ नहीं आ रहा ये क्या बोल रही है ? तुम जैसे लड़को को ना मैं अच्छी तरह जानती हु , पहले लड़कियों का पीछा करेंगे , फिर उन्हें अपनी मीठी मीठी बातो के जाल में फंसायेंगे , और फिर उन्हें टॉर्चर करेंगे ,, लेकिन यहाँ ऐसा नहीं होगा अगर ज्यादा होशियार बनने की कोशिश की तो सीधा जेल की हवा खाओगे समझे !”
बेचारा सार्थक चुपचाप दोनों की बात सुनता रहा
रुचिका जैसे ही चुप हुई सार्थक ने पलके झुकाकर अपना हाथ आगे करते हुए शीतल से कहा,”आप अपना फोन निचे टेबल पर भूल आयी थी , वही देने के लिए मैं आपको आवाज लगा रहा था !”
शीतल और रुचिका को अपनी गलती का अहसास हुआ , शीतल ने सार्थक से फोन लिया वह उस से माफ़ी मांगती इस से पहले ही सार्थक चला गया !
“यार , वो तो तुम्हारा फोन देने आया था , खामखा उसे इतना डांट दिया। अगर उसने शिकायत कर दी तो कही हमे यहाँ से फ्लेट छोड़ना ना पड़े ,, यहाँ आये दो दिन भी नहीं हुए और हमने पंगे ले लिए”,रुचिका ने कहा लेकिन शीतल खामोश थी उसे सार्थक के साथ किया व्यवहार अच्छा नहीं लग रहा था ! तभी दरवाजा खुला और नैना ने आँखे मसलते हुए कहा,”बाहर क्या कर रही हो तुम लोग ? अंदर आओ यार ,, चैन से सोने भी नहीं देती हो”
नैना दरवाजा खोलकर वापस चली गयी , शीतल और रुचिका अंदर आये और कुछ देर बाद दोनों सोने चली गयी !!

सुबह शीतल जल्दी उठ गयी , उसे पूजा पाठ करने का शौक था इसलिए फ्लेट के कोने में ही उसने अपना छोटा सा मंदिर बना लिया ! नहाकर बालकनी में आयी तो नजर सोसायटी के पास बने मंदिर पर गयी , शीतल तैयार होकर मंदिर के लिए निकल गयी , उसने बाहर दुकान से नारियल और प्रशाद लिया और अंदर चली आयी , वह शिव भगवान का मंदिर था , शीतल ने प्रशाद और नारियल पुजारी को दिया और खुद मंदिर की परिक्रमा करने लगी।
प्रशाद लेकर जैसे ही वह मंदिर से बाहर आयी सीढ़ियों के पास सार्थक मिल गया ! शीतल को वहा देखकर वह थोड़ा असहज हो गया और कहा,”देखिये मैं बिल्कुल आपका पीछा नहीं कर रहा था , मम्मी जबरदस्ती मुझे यहाँ ले आयी
उसे घबराया देखकर शीतल उसके पास आयी और कहा,”आई ऍम सॉरी”
“क्या ?”,सार्थक ने कहा
“मुझे कल रात आप पर इस तरह चिल्लाना नहीं चाहिए था , सॉरी”,शीतल ने कहा
“इट्स ओके ! आपकी कोई गलती नहीं है मेरी शक्ल ही ऐसी है”,सार्थक ने कहा तो शीतल मुस्कुरा उठी और प्रशाद का टुकड़ा सार्थक की और बढाकर कहा,”प्रशाद !”
सार्थक ने अपना हाथ आगे कर दिया शीतल ने प्रशाद उसकी हथेली पर रखा और चली गयी ! सार्थक उसे जाते हुए देखता रहा ! शीतल फ्लेट में आई तब तक नैना और रुचिका भी उठ चुकी थी ! रुचिका नहाने गयी थी और नैना अपने लिए चाय बना रही थी ! शीतल को देखकर उसने किचन एरिया से ही आवाज लगाकर कहा,”चाय लोगी ?”
“नैना दिन में कितनी चाय पि लेती हो तुम ?”,शीतल ने सवाल किया
नैना ने चाय कप में छानते हुए कहा,”जितनी मिल जाये कम है !”
शीतल ने पूजा की थाली मंदिर में रखी और आकर सोफे पर बैठ गयी , नैना भी अपना चाय का कप लेकर शीतल के सामने बैठ गयी और चाय की चुस्किया लेने लगी ! शीतल बड़े ध्यान से नैना को देख रही थी थी उसे अपनी और देखते पाकर नैना ने अपनी भोंहे उचकाई तो शीतल ने कहा,”तुम इतनी चाय क्यों पीती हो ? कल ऑफिस में भी देखा मैंने”
नैना ने एक घूंठ भरा और कहा,”चाय मेरी पहली मोहब्बत है”
शीतल हसने लगी और कहा,”हां हां हां चाय भला किसी की मोहब्बत कैसे हो सकती है ?”
“चाय एक ऐसी मोहब्बत है जो आपको धोखा नहीं देती , हमेशा आपके लिए अवेलेबल रहती है और सबसे बड़ी बात ये आपकी आदत बनती है पर आपको कंट्रोल नहीं करती”,नैना ने शीतल की आँखो में झांकते हुए कहा ! नैना की बात सुनकर शीतल की आँखों के आगे राज का चेहरा आ गया उसे याद आया की उसने राज को फोन नहीं किया है ! वह उठकर अंदर चली आयी ! उसने फोन उठाया और राज से बात करने लगी !!
कुछ देर बाद तीनो तैयार होकर ऑफिस के लिए निकल गयी !! ऑफिस में काम करते हुए तीनो को एक हफ्ता हो चुका था रुचिका और शीतल बाकि टीम मेम्बर्स से घुल मिल चुकी थी बस नैना ही इन सबसे थोड़ा दूर थी और वजह थी उसका खुलकर बोलना , वह बिना किसी लाग लपेट के अपनी बात कह दिया करती थी , इस एक हफ्ते में ऑफिस के आधे से ज्यादा लड़के नैना को अकड़ू और घमंडी मान चुके थे और कुछ उस से खासा इम्प्रेस भी थे ! शनिवार की सुबह तीनो ऑफिस पहुंची और अपने अपने काम में लग गयी ! ख़ुशी और बाकि तीनो लड़के भी अपने अपने काम में लगे हुए थे , आज काम कम था इसलिए रुचिका केबिन से निकलकर केंटीन की और आ गयी उसने अपने लिए चीज सेंडविच , वेज रॉल और एक कोल्ड कॉफी ली और सब लेकर जैसे ही जाने लगी
सामने से आते सचिन से टकरा गयी और उसके हाथ की कॉफी उस पर ही आ गिरी
“सॉरी सॉरी सॉरी , आई ऍम रियली सॉरी”,सामने खड़े सचिन ने कहा
रुचिका ने जैसे ही सचिन को देखा बस देखते ही रह गयी , टाल , हेंडसम और भूरी आँखों वाला सचिन उसे बहुत आकर्षक लग रहा था ! वह एकटक उसे देखते रही सचिन ने उसके चेहरे के सामने हाथ हिलाया तो उसे होश आया और उसने हकलाते हुए कहा,”अ अ ई इट्स ओके”
“सॉरी मेरी वजह से तुम्हारा ड्रेस ख़राब हो गया और तुम्हारी कॉफी भी , मैं तुम्हारे लिए दूसरी आर्डर कर देता हु !”,सचिन ने कहा
“अरे नहीं रहने दीजिये !”,रुचिका ने कहा
सचिन ने उसके थोड़ा करीब आकर कहा,”प्लीज करने दो मुझे अच्छा लगेगा , तब तक तुम ये साफ कर लो”
रुचिका के पेट में तो बस जैसे तितलियाँ उड़ रही थी , आज से पहले किसी लड़के ने उसके इतना करीब आकर बात नहीं की थी , वह मुस्कुराते हुए वाशबेसिन की और आयी और अपनी शर्ट पर गिरी कॉफी का दाग साफ करने लगी पर उसे ये दाग आज अच्छा लग रहा था ! कुछ ही देर बाद सचिन उसके लिए दूसरी कॉफी ले आया और उसे देकर उसके साथ साथ चलने लगा !
“थैंक्यू !”,रुचिका ने शरमाते हुए कहा
“थैंक्यू कैसा ? इतना तो बनता है यार वो तो अच्छा है तुमने गुस्से में मुझे गालिया नहीं दी”,सचिन ने मुस्कुराते हुए कहा तो रुचिका हंस पड़ी
“बाय द वे आई ऍम सचिन त्यागी एंड यू ?”,सचिन ने रुचिका की तरफ हाथ बढाकर कहा ,
“रुचिका शर्मा”,रुचिका ने सचिन से हाथ मिलाते हुए कहा
“तुम इसी ऑफिस में काम करती हो ?”,सचिन ने आगे बढ़ते हुए कहा
“हां और तुम ?”,रुचिका ने बचकाना सवाल किया !
“इसी ऑफिस में फाइनेंस डिपार्टमेंट में !”,सचिन ने कहा
चलते चलते दोनों अपने केबिन्स की और बढ़ गए , रुचिका ने पलटकर देखा तो सचिन रूककर उसे ही देख रहा था और ये देखकर रुचिका के होंठो पर मुस्कान तैर गयी वह ख़ुशी से झूमते हुए अपने केबिन में आयी , उसने खाने का सामान अपने टेबल पर रखा और नैना के सामने कुर्सी पर बैठते हुए कहा,”यार ही इज सो डेशिंग”
“कौन ?”,नैना ने अपने लेपटॉप पर काम करते हुए कहा
रुचिका ने देखा नैना उसकी और ध्यान नहीं दे रही है तो उसने नैना का लेपटॉप बंद करते हुए कहा,”नैना सुन ना यार”.
“अच्छा बोल !’,नैना ने उसके लाये खाने के सामान में से चीज सेंडविच उठाते हुए कहा !
“यार क्या मस्त दिखता है वो , मैं तो उसे देखते ही फ्लेट हो गयी यार ! अपने ही ऑफिस का है फाइनेंस डिपाटर्मेंट में , तुम्हे पता है उसने सामने से आकर मुझसे बात की ,, आई ऍम सो हैप्पी”,रुचिका ने चहकते हुए कहा
“कही ऐसा न हो वो तेरा काट के चला जाये”,नैना ने कॉफी पीते हुए कहा
“कभी तो अच्छी बाते बोला कर यार”,रुचिका ने कहा
“यही सच है बाबू , लड़के च्विंगम की तरह होते है शुरू शुरू में मीठे बाद में फीके ,,!!”,नैना ने अपनी फिलोसोफी झाड़ी
“सचिन ऐसा नहीं है , वो बाकि लड़को से अलग है !”,रुचिका ने चिढ़ते हुए कहा
“अपने देश की यही समस्या है आधे से ज्यादा लड़कियों को ये लगता है मेरे वाला सबसे अलग है , खैर तुम्हारी गलतफहमी तुम्हे मुबारक !”,कहते हुए नैना उठी और जाने लगी तो रुचिका ने कहा,”हुँहहह तू जलती है मुझसे !”
नैना मुस्कुरा कर चली गयी रुचिका ने सेंडविच का टुकड़ा उठाया और खाते हुए सचिन के बारे में सोचने लगी !

रुचिका की जिंदगी में सचिन का आना उसकी जिंदगी में खूबसूरत मोड़ था , ऑफिस में रोज दोनों किसी ना किसी बहाने एक दूसरे से बात कर लेते थे , रुचिका तो बस अब दिनभर उसी के सपने देखा करती थी , एक हफ्ता गुजर गया शनिवार की शाम रुचिका नैना और शीतल तीनो ऑफिस से जल्दी ही निकल गयी और मार्किट चली गयी , सबने अपनी अपनी जरूरत का सामान खरीदा और घर जाने के लिए निकली तो बारिश शुरू हो गयी , बारिश से बचने के लिए नैना और रुचिका एक दुकान के टिन के निचे आकर खड़ी हो गयी , उन्होंने देखा शीतल वहा नहीं है तो नैना ने इधर उधर देखते हुए रुचिका से कहा,”शीतल कहा है ?”
“वो सामने !”,रुचिका ने इशारा किया तो नैना ने सामने देखा और मुस्कुरा उठी ! सामने बारिश की बूंदो में अपने दोनों हाथ फैलाये शीतल बारिश में भीग रही थी ! उस वक्त उसके चेहरे पर जो सुकून था वो रुचिका और नैना दोनों ही देख रही थी , रुचिका उसे रोकने के लिए जाने लगी तो नैना ने उसे रोकते हुए कहा,”भीगने दे उसे 24 घंटो में ये कुछ मिनिट है जिसमे असली वो दिखाई दे रही है !”
“मतलब ?”,रुचिका ने पूछा
“रहने दे तेरे बस की बात नहीं है , तू बता तेरा मामला कहा तक आगे बढ़ा ?”,नैना ने बात बदलते हुए कहा
“हम्म्म्म बढ़ तो रही है !”,रुचिका ने मुस्कुराते हुए कहा
“अच्छा है , शीतल के पास राज है , तेरे पास सचिन है”,नैना ने कहा
“तू क्यों सिंगल है यार , तू भी रिलेशनशिप में आजा न किसी के साथ फिर हम सबकी लाइफ शॉर्टेड है !”,रुचिका ने कहा
“जिंदगी के असली “L” रिलेशनशिप में आने के बाद ही लगते है बाबू , वैसे भी मुझसे ये सरदर्द नहीं झेला जाता !”,नैना ने कहा
“तुम इतनी अजीब क्यों हो ?”,रुचिका ने कहा
“पता नहीं मेरे माँ पापा से पूछना पडेगा , उन्होंने ही पैदा किया है !”,नैना ने कहा
कुछ देर बाद बारिश रुकी और तीनो फ्लेट पर चली आयी ! शीतल कपडे बदलने चली गयी , रुचिका सोफे पर बैठकर सुस्ताने लगी और नैना किचन में आकर अपने लिए चाय बनाने लगी , चाय बनाते हुए उसने अपनी मॉम को फोन लगाया और उनसे बाते करने लगी !! काफी दिनों बाद घर पर बात करके उन्हें काफी अच्छा लग रहा था , शीतल कपडे चेंज करके बाथरूम से आयी तो फोन बज रहा था उसने फोन उठाया दूसरी तरफ राज था , शीतल ने फोन उठाकर कहा हेलो
“मैं देख रहा हु आजकल कुछ ज्यादा ही उड़ रही हो तुम , पहले पूरा दिन मेरे फोन का इंतजार रहता था तुम्हे और अब जब तक मैं ना करू तुम फोन तक नहीं करती हो !”,राज ने गुस्से से कहा
“ऐसी बात नहीं है वो ऑफिस में काम ज्यादा होता है तो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,शीतल कहते कहते रुक गई
“मुझे मत सिखाओ ये काम वाम की बाते , मैं सब जानता हु वहा जाकर आजाद परिंदा हो गयी है ना तू , नए नए माल देखने को मिलते है तो मेरी याद कहा से आएगी ?”,राज ने गुस्से से भड़ककर कहा
“ये कैसी बाते कर रहे हो राज ? ऑफिस और घर के काम में इतना वक्त ही मिल पाता है !”,शीतल ने लगभग रोआँसा होकर कहा
“लिस्टन शीतल , तुम जानती हो मैं तुमसे कितना प्यार करता हु और मैं कभी बर्दास्त नहीं करूँगा की तुम मुझे इग्नोर करो , समझी !”,राज ने कहा
शीतल की आँखों से आंसू बहने लगे उधर राज ने जब उसका सुबकना सूना तो और भड़क गया और कहने लगा,”हां अब तुम्हारा ड्रामा शुरू , कुछ कहो तो रोने लगती हु , शीतल मैं तुमसे प्यार करता हु बस इसलिए तुम्हारी परवाह है मुझे”
और इसके बाद आधे घंटे तक राज और शीतल के बिच झगडा चलता रहा , राज उसे अंट शंट बोलता रहा और आखिर में गुस्से में उसने फोन काट दिया ! शीतल रो पड़ी और काफी देर तक अकेले में वहा खड़ी सुबकती रही नैना किसी काम से जब उधर आयी तो उसने शीतल को देखकर कहा,”सब ठीक है ?”
नैना को वहा देखकर शीतल ने जल्दी से अपने आंसू पोछे और कहा,”हां , बस घर की याद आ रही थी !”
नैना ने आगे बढकर उसे गले लगाया और कहा,”या आई आल्सो मिस माय मॉम , अगले वीकेंड हम सब अपनी फॅमिली से मिलने जायेंगे !”
नैना का हग पाकर शीतल को अच्छा लगा वह मुस्कुराई और नैना से दूर होकर कहा,”हां !”
“अच्छा वो मैं ये कहने आयी थी की खाना तैयार है , आजाओ !”,नैना ने कहा
“तुम चलो मैं आती हु !”,शीतल ने कहा नैना वापस चली गयी और नैना के जाने के बाद शीतल ने एक बार फिर राज को फोन लगाया , फोन उठाते ही राज ने एक गन्दी गाली उसे दी और फोन काट दिया , शीतल की आँखों से आंसू फिर बहने लगे , वह बाथरूम की और बढ़ गयी और मुंह धोकर एक फेक स्माइल के साथ बाहर आयी !
नैना , शीतल और रुचिका तीनो खाना खा रही थी , रुचिका का फोन बार बार बजता और वह स्क्रीन देखकर मुस्कुरा उठती उसे मुस्कुराता देखकर नैना ने कहा,”क्या बात है पांडा ? , फोन में देख के बड़ा मुस्कुरा रही हो ! (कुछ दिनों से नैना उसे इसी नाम से बुलाने लगी थी , और रुचिका को भी नैना का इस तरह उसे पांडा कहकर बुलाना अच्छा लगता था)
“सचिन मेरे साथ डेट पर जाना चाहता है”,रुचिका ने अपने गालो की लाली छुपाते हुए कहा
“अंधा है क्या वो ?”,नैना ने चौंकते हुए कहा
“क्या ?”,रुचिका उसकी बात नहीं समझ पाई
“नैना उसे परेशान करना बंद करो , रुचिका तुम बताओ तुम्हे सचिन पसंद है क्या ?”,शीतल ने कहा
“हम्म्म्म आई लाइक हिम , और मैं भी उसके साथ डेट पर जाना चाहती हु !”,रुचिका ने ब्लश करते हुए कहा
“तो फिर सोच क्या रही हो ? हां बोल दो , वैसे भी कल संडे है और ऑफिस का ऑफ है ,, तुम्हे जाना चाहिए !”,शीतल ने कहा
“हम्म्म्म , ओके !”,रुचिका ने ख़ुश होकर कहा और सचिन को हां बोल दिया , इस सब से बेखबर नैना खाते हुए अपने फोन की स्क्रीन स्क्रॉल कर रही थी !!

क्रमश :- love-you-zindagi-5

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संजना किरोड़ीवाल !!!

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