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Love You जिंदगी – 24

Love You Zindagi – 24

Love You Zindagi
Love You Zindagi by Sanjana Kirodiwal

नैना , शीतल और रुचिका की दोस्ती में एक अनदेखी दिवार आ चुकी थी जिसने इनके बिच की दूरिया और बढ़ा दी थी ! रुचिका के कहे शब्दों से हर्ट होकर नैना अपने कमरे में आ गयी लेकिन उसे बुरा अपने लिए नहीं बल्कि रुचिका के लिए लग रहा था सचिन के जिस जाल में रुचिका फंसी हुई थी उसे वहा से निकालना बहुत जरुरी हो गया था ! नैना गुस्से में कुछ देर वही बैठे रही और उठकर बालकनी में आ गयी !

उसकी जिंदगी में बहुत सी परेशानिया आयी लेकिन ये सब उसने पहली बार देखा था जहा वह सही होकर भी गलत थी और जो गलत थे उन्हें सही रास्ते पर लाने की कोशिश कर रही थी ! खैर कुछ देर बाद नैना सोने चली गयी ! सुबह जब उठी तो उसने शीतल और रुचिका से कोई बात नहीं की और बिना नाश्ता किये ही फ्लेट से बाहर निकल गयी ! नैना जैसे ही गयी शीतल उसके पीछे पीछे आयी उसे रोकने लेकिन तब तक लिफ्ट का दरवाजा बंद हो चुका था !

शीतल परेशान सी वापस जाने के लिए मुड़ी तो अपने दरवाजे पर खड़ा अवि मिल गया वह भी बाहर जा रहा था , उसके हाथ में एक छोटा ट्रॉली बैग था शीतल को परेशान देखकर उसने कहा,”हे शीतल सब ठीक है ?”
“वो नैना उस से कुछ बात करनी थी लेकिन वो चली गयी , उसने नाश्ता भी नहीं किया !”,शीतल ने कहा
“ओह्ह्ह ! तुम लोगो के बिच कुछ बात हुई क्या ? कुछ दिनों से देख रहा हूँ तुम तीनो ही परेशान सी रहती हो !”,अवि ने अपनापन जताते हुए कहा


“नहीं ऐसी कोई बात नहीं है बस वो काम का प्रेशर !”,शीतल साफ झूठ बोल गयी !
“या इट्स ओके , मैं चलता हूँ मुझे अभी निकलना है !”,कहकर अवि लिफ्ट की और बढ़ गया ! लिफ्ट में खड़ा वह नैना के बारे में ही सोच रहा था एक हफ्ते के लिए बैगलौर जा रहा था किसी शूट के लिए जाने से पहले नैना से अपने दिल की बात कहना चाहता था ! अवि निचे आया और बाइक से पहले नैना के ऑफिस चला गया ! नैना के केबिन के अंदर जाने की उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी इसलिए वह केंटीन में आकर बैठ गया !!

ये अवि की दुआ का असर था या नैना की तलब की कुछ देर बाद ही नैना वहा चली आयी अवि की और उसका ध्यान ही नहीं गया उसने चाय ली और आकर बैठ गयी ! अवि ने देखा तो उसके चेहरे पर मुस्कान तैर गयी वह उठकर नैना के सामने आ बैठा और कहा,”हाय !”
“हाय !”,नैना ने कहा अवि को वहा देखकर वह बिल्कुल भी हैरान नहीं थी !
“वर्क टाइम में तुम केंटीन में ?”,अवि ने नैना से सवाल किया


“तुम भी तो अपने काम के बजाय यहाँ हो , मैंने पूछा क्यों हो ?”,नैना ने बिना अवि की तरफ देखे कहा या यु मान लीजिये वह अवि की आँखों में देखना नहीं चाहती थी ! नैना का जवाब सुनकर बेचारे अवि का तो कॉन्फिडेंस ही ख़त्म हो गया उसने मिमियाते हुए कहा,”दरअसल वो मैं एक हफ्ते के लिए बाहर जा रहा था !”
“तो ? मैं टिकट बना कर दू !”,नैना ने कहा
“नहीं मुझे तुमसे कुछ कहना था !”,अवि ने हिम्मत जुटाकर कहा


“हम्म्म कहो !”,नैना ने अवि की और देखते हुए कहा , जैसे ही नैना से नजरे मिली उसका दिल धड़क उठा , नैना अपनी बांयी भंव चढ़ाकर एक टक उसे देख रही थी ये देखकर तो अवि का बचा खुचा कॉन्फिडेंस भी जाता रहा ! उसने धीरे से नैना से कहा,”ऐसे देखोगी तो मैं बोल नहीं पाऊंगा !”
अवि की बात सुनकर नैना ने नजरे नीची कर ली और कहा,”कहो !”


“वो मैं , मैं ,,,,, वो मैं ये कह रहा था की तुम ,,,,,,मतलब मैं ,, वो मैं !”,अवि अटक गया और बोल नहीं पाया तभी नैना की नजर वहा से गुजरते सचिन पर पड़ी और उसने अवि से कहा,”ये मैं वो तुम से गाडी आगे बढ़ जाये तो बोलना , अभी मुझे बहुत जरुरी काम है !” कहकर नैना वहा से चली गयी और अवि बस उसे जाते हुए देखता रहा ! वह उठा ओर खुद से कहा,”अब तो बैंगलोर से आने के बाद ही तुमसे अपने दिल की बात कहूंगा नैना वो भी सरप्राइज के साथ !” अवि वहा से चला गया और फिर बैंगलोर के लिए निकल गया !

नैना सचिन के पीछे पीछे उसके केबिन में चली आयी केबिन में 2 लड़किया और 2 लड़के पहले से ही मौजूद थे जो की सचिन का स्टाफ था ! नैना को किसी की परवाह नहीं थी उसे बस रुचिका के आंसू और उसकी बेबसी नजर आ रही थी ! उसने पीछे से सचिन का कन्धा थपथपाया जैसे ही सचिन पलटा नैना ने एक घुसा सीधा उसके मुंह पर दे मारा , सचिन सामने पड़ी कुर्सी पर औंधे मुंह जा गिरा ! उसके होंठ से खून निकलने लगा ये देखकर बाकि का स्टाफ अपनी अपनी कुर्सी से उठ खड़ा हुआ तो नैना ने गुस्से से कहा,”बैठो बे !”


चारो के चारो ख़ामोशी से वापस अपनी अपनी कुर्सियों पर बैठ गए ! सचिन ने खुद को सम्हाला और होंठ पर लगे खून को साफ करते हुए कहा,”ये क्या बदतमीजी है नैना ?”
नैना का पारा सातवे आसमान पर था उसने सचिन की कॉलर पकड़ी और उसे घूरकर देखते हुए दबी आवाज में कहा,”साले बदतमीजी तो तेरे पिताजी ने की जो तुझे खुला छोड़ दिया , लौंडे जो तो लड़कियों के साथ कुछ भी करोगे ?”


“लेकिन मैंने किया क्या है ?”,सचिन ने अपनी कॉलर छुड़ाते हुए कहा !
“प्यार के नाम पर रुचिका के साथ जो तूने किया क्या तू नहीं जानता , एक लड़की के दिल और जज्बात से खेलने का हक़ तुम्हे किसने दिया बे ?”,नैना बहुत गुस्से में थी उसने जब ये कहा तो सचिन ने सोचते हुए कहा,”ओह्ह तो कल रात तुमने मुझे गाली दी थी ?”


“गाली साले तू इस ऑफिस का नहीं होता ना तो नंगा करके तेरी वो सुताई करती प्यार तो क्या तू किसी लड़की के बारे में सोचने से भी डरता ! रुचिका मासूम थी उसने तुझसे प्यार किया और तुमने सिर्फ उसका इस्तेमाल किया ,, अबे तू अगर प्यार से बोलता ना तो ऐसे ही ख़ुशी ख़ुशी वो तेरा काम कर देती लेकिन तूने उसे प्यार के नाम पर बेवकूफ बनाया !”,नैना ने कहा ,

सभी ख़ामोशी से उसकी बाते सुन रहे थे लेकिन सचिन तेश में आ गया और कहा,”बेवकूफ तो वो है ही नैना , मैंने अगर उसकी बेवकूफी का थोड़ा फायदा उठा भी लिया तो क्या गलत किया ? रही बात प्यार की तो उस मोटी से मैं तो क्या ऑफिस का कोई भी बंदा प्यार नहीं करेगा !”


नैना ने एक बार फिर उसके मुंह पर एक घुसा मारा और कहा,”साले एक बार और बकवास की ना तूने उसके बारे में तेरी शक्ल बिगाड़ देनी है मैंने , तुझ जैसे बन्दे उस लड़की को डिजर्व ही नहीं करते है ,, समझा तू और ये जो तू सबके सामने अच्छा बना घूमता तेरी सारी रंगबाजी बाथरूम में देख चुकी हूँ मैं”


“तो ठीक है मैं भी देखता हूँ रुचिका खुद को इनोसेंट प्रूव कैसे करती है ? कोई छोटी मोटी रकम नहीं है पुरे 12 लाख का नुकसान किया है उसने कम्पनी को , जिंदगी भर यहाँ नौकरी करेगी ना तब भी ना पैसे चुका पायेगी ना खुद को सही साबित कर पायेगी !”,सचिन ने बेशर्मी से कहा


“हां बे चू#ये ! हम सब तो तेरे भरोसे पल रहे है , तू तो गॉड फादर है हम सबका ,, तो कान खोल के सुन ##### , जब मैं सही होती हूँ तो मैं अपने बाप से भी नहीं डरती , तेरी इन धमकियों से घंटा फर्क नहीं पड़ता मुझे ,, रही रूचि की बात तो उसे इन सब से निकालना मुझे अच्छे से आता है ,, बेटा तुम्हारे जैसे हरामियों से बहुत पाला पड़ा है थोड़ा हरामीपन तो हम में भी है ! अब कान खोल के सुनो आज के बाद अगर रूचि के आसपास भी नजर आये या उसे परेशान किया तो बाबू ऐसी जगह लात मारूंगी ना बैठ पायेगा ना सो पायेगा !

इसे धमकी समझ या रिक्वेस्ट पर समझ जरूर जइयो !!”,नैना ने कहा तो सचिन थोड़ा ठंडा पड़ गया क्योकि नैना की आँखों में अपने लिए गुस्सा और रुचिका के लिए फ़िक्र उसे साफ नजर आ रही थी !
नैना जाने लगी जाते जाते रुकी और सचिन के बाकि को-स्टाफ की और मुड़कर कहा,”और तुम सब किस गधे को अपना सीनियर बना रखा है , एक दिन तुम्हे भी इसी गंध में लाकर खड़ा कर देगा ये इंसान !!”
नैना तो कहकर चली गयी लेकिन सचिन का सच जानने के बाद एक एक करके वहा से उठकर चले गए !


सचिन को लेकर नैना के मन में जो भड़ास थी वो तो नैना निकाल चुकी थी लेकिन रुचिका की जिंदगी से सचिन को निकालना उसके लिए थोड़ा मुश्किल होने वाला था ! सोच में डूबी वह जब अपने केबिन में आयी तो उसने देखा रुचिका वहा नहीं है , नैना वापस मुड़ गयी ऑफिस में ढूंढते हुए वह वाशरूम की तरफ आयी तो वहा रुचिका को रोते हुए पाया नैना का मन तो बहुत किया जाकर उसे गले लगा ले और कहे,”नहीं होती तो छोड़ मोहब्बत सचिन जैसे 10 लौंडे तेरे सामने लाकर खड़े कर दूंगी”

पर नैना ने खुद को रोक लिया वह जानती थी इस वक्त रूचि उसकी कोई बात नहीं सुनेगी ! वह बिना कुछ कहे वापस केबिन में चली आयी और अपनी डेस्क के सामने बैठकर काम में मन लगाने लगी लेकिन बेचैनी उसकी आँखो में साफ दिखाई दे रही थी कुछ देर बाद नैना ने महसूस किया जैसे शीतल उसे ही देख रही है ! नैना ने उसकी और देखा तो पाया सच में शीतल उसकी और देखे जा रही थी ,

नैना ने कुछ नहीं कहा तो शीतल उसके पास आयी और कहा,”हमारी वजह से तुम खुद को हर्ट क्यों कर रही हो नैना ? पहले से कितना बदल गयी हो !”
“क्योकि तुम दोनों मेरी दोस्त हो !”,नैना ने धीरे से कहा
“लेकिन रुचिका उस से प्यार करती है हो सकता है उन दोनों के बिच कोई ग़लतफ़हमी हो गयी हो !”,शीतल ने कहा


“ऐसा चौंचक प्यार ना गली के हर नुक्कड़ पर मिल जाएगा , लेकिन दोस्ती नहीं ! तुम दोनों को दोस्त माना है और अब अगर तुम्हे दुःख होता है तकलीफ मुझे भी होती है , मैं तुम दोनों को किसी रास्ते पर वहा तक ही जाने दे सकती हूँ जहा तक मेरी आँखे देख सके ,, लेकिन अपनी आँखो के सामने खड्डे में कूदने नहीं दे सकती !”,नैना ने शीतल की आँखों में देखते हुए कहा तो शीतल कुछ देर के लिए खामोश हो गयी और फिर कहा,”लेकिन !!”


नैना उठी और शीतल के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”रहने दो शीतल तुम नहीं समझोगी , क्योकि तुम खुद प्यार में हो और ये साले प्यार वाले ना कभी दोस्ती की बातें नहीं समझते !”
शीतल निशब्द हो गयी नैना को आज पहली बार ऑफिस में घुटन होने लगी , उसने अपना बैग उठाया और घर की और निकल गयी ! अपार्टमेंट आकर नैना सीढ़ियों से ही ऊपर चल पड़ी जैसे ही फ्लेट के सामने आयी उसकी नजर सहसा अवि के फ्लेट के दरवाजे की और चली जो की बंद था !

आजकल कुछ दिनों से नैना जब भी घर आती थी तो अवि उसे दरवाजे पर खड़ा मिल जाता था लेकिन आज वह नहीं था ! नैना ने दरवाजा खोला और अंदर चली आयी ! उसका मन बहुत अपसेट था वह कमरे में आकर अपने बिस्तर पर लेट गयी !
शाम को रुचिका और शीतल दोनों घर आयी , खाना खाने के बाद शीतल अपने फोन में लग गयी रचिका , रुचिका बालकनी में खड़ी बाहर देखते हुए अपने टूटे दिल के बारे में सोचने लगी और नैना वो सोने चली गयी !

अगले दिन संडे था और ऑफिस की छुट्टी थी इसलिए नैना देर तक सोती रही ! रुचिका सुबह जल्दी ही उठ गयी और अपने लेपटॉप पर काम करने लगी , अपनी जॉब को लेकर वह बहुत परेशान थी लेकिन कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करे ? नैना की हेल्प भी नहीं ले सकती थी क्योकि एक गुस्सा अभी भी रुचिका में बाकि था उस रात को लेकर ! शीतल ने सबके लिए नाश्ता बना दिया और खुद पूजा करने मंदिर चली गयी ! मंदिर में आकर वह भगवान की मूर्ति के सामने हाथ जोड़कर रुचिका और नैना की सलामती के लिए प्रार्थना करने लगी !

वापस जाने के लिए जैसे ही मुड़ी अपने पीछे सार्थक से टकरा गयी सार्थक ने सुबह सुबह मंदिर में शीतल को देखा तो मन ही मन खुद से कह उठा,”ईश्वर भी चाहता है की हम मिले शीतल पता नहीं तुम्हे ये अहसास कब होगा ?”
“सोररी !”,शीतल ने कहा और वहा से चली गयी ! नाश्ता करने के बाद नैना बालकनी में आकर खड़ी हो गयी और निचे खेल रहे बच्चो को देखने लगी ! कुछ देर बाद उसका फोन बजा तो दूसरी और से आवाज आयी,”तुम्हे सुमी आंटी का एड्रेस मेसेज किया है , आज संडे है तुम्हारी छुट्टी होगी तो जाकर उनसे मिल लेना !”


“लेकिन मॉम. .,,,,,,,,,,,,!!”,नैना ने टालना चाहा लेकिन उस से पहले ही उसकी मम्मी बोल पड़ी,”लेकिन वेकिन कुछ नहीं मैंने उन्हें बोल दिया है आज तुम उनके घर जा रही हो , और सुनो कोई तमाशा मत करना वहा !”,कहकर उसकी मॉम ने फोन काट दिया !
नैना ने मेसेज देखा जिसमे सुमि आंटी का एड्रेस था ! शाम को जाने का सोचकर नैना ने फोन वापस जेब में रख लिया और खेलते बच्चो को देखने लगी !

शीतल किताबो में लगी हुई थी और रुचिका दिन भर अपने लेपटॉप में लेकिन जो गलतिया उस से हुई थी उन्हें ठीक करना उसके बस से बाहर था ! कही से भी उसे खुद को सही साबित करने का प्रूफ नहीं मिल रहा था ! शाम को नैना ने लाइट ब्लू स्क्रेच्ड जींस पहना उस पर डार्क ग्रीन शर्ट , बालो को समेटकर जुड़ा बना लिया जिसमे से एक आधी लटे इधर उधर झूल रही थी ! होंठो पर उसने लाइट पिंक लिपस्टिक शेड लगाया और शीशे में खुद को देखते हुए एक फ्लायिंग किसदिया और फोन जेब में रखकर चली गयी !

शीतल को मार्किट से कुछ सामान लेना था इसलिए वह भी बाहर चली गयी ! रुचिका का बाहर जाने का बिल्कुल मन नहीं था इसलिए वह अपने कमरे में ही लेटी रही ! उसका चेहरा पहले से काफी मुरझा चुका था , हंसी तो उसके होंठो से जैसे गायब ही हो गई थी ! अंदर ही अंदर वह बस घुटते जा रही थी ! नैना सुमि आंटी के घर पहुंची उसने दरवाजे के सामने जाकर जैसे ही बेल बजायी दरवाजा उनकी बड़ी बेटी नित्या ने खोला ! नैना अंदर आयी सुमि आंटी ने जब नैना को देखा तो उसे गले लगाते हुए कहा,”अरे नैना बेटी कितनी बड़ी हो गयी हो”


“क्या करू आंटी और कोई ऑप्शन नहीं था ना मेरे पास !”,नैना ने उन से दूर होते हुए कहा
“हे हे हे हे हे बड़ी मजाकिया हो गयी है दिल्ली आकर , आजा आजा बैठ !”,सुमि आंटी ने कहा और को सोफे के पास ले आयी ! नैना सोफे पर बैठ गयी और घर देखने लगी वह बस जल्दी से जल्दी वहा से निकलना चाहती थी ! कुछ देर इधर उधर की बातो के बाद सुमि आंटी ने अपनी छोटी बेटी से कहा,”अरे शालू जाओ दीदी के लिए नाश्ता वगैरह लाओ , पहली बार आयी है नैना घर में !” और फिर नैना की और मुखातिब होकर कहा,”इसे अपना ही घर समझो बेटा”


“करवा दो फिर रजिस्ट्री मेरे नाम !”,नैना ने कहा तो सुमि आंटी पहले तो चौंक गयी और फिर कहा,”सच में बड़ा मजाक करती है तू नैना !” जवाब में नैना बस मुस्कुरा दी ! कुछ देर बाद शालू नाश्ते की ट्रे लेकर आयी उसने नाश्ता नैना के सामने रखा सुमि आंटी ने खाने के लिए कहा तो नैना ने एक पीस मिठाई का उठाया ही था की सुमि आंटी शुरू हो गयी,”क्या बताऊ बेटा मावा तो इतना महंगा हो गया है की पूछ मत , उस पर शुद्ध मावा मिलना तो और भी मुश्किल है ! हम लोग तो अब बस बड़े त्यौहार पर ही मिठाई लाते है वरना नहीं !”


नैना ने सूना तो उसका खाने का मन नहीं हुआ और उसने उसे वापस प्लेट में रख दिया और कचोरी उठा ली लेकिन इसका स्वाद भी वह ले पाती इस से पहले फिर सुमि आंटी बोल पड़ी,”बेटा कचौड़िया तो आजकल 20 रूपये में एक आने लगी है , क्या लूट मची है हर जगह ? ये तो तुम आयी हो इसलिए आज सुबह ही मंगवा ली वरना हम लोग तो ये सब मंगवाते ही नहीं है !”


नैना ने उसे भी वापस रख दिया और साइड में पड़े बिस्किट में से एक बिस्किट उठाया और खाने लगी तो आंटी फिर बोल पड़ी,”अरे अरे नैना ये क्या इतना सब रखा है और तुम बिस्किट खा रही हो ? बचपना गया नहीं तुम्हारा तुम्हारा ,,”


नैना को अब खीज होने लगी थी आंटी ने उसके सामने सब रखा पर खाने उसे कुछ भी नहीं दे रही थी नैना चुपचाप बैठ गयी तो आंटी ने सामने पड़ा जूस का ग्लास उठाया और नैना की और बढाकर कहा,”अच्छा बेटा तुम तो कुछ खा नहीं रही ये लो जूस ही पि लो ! आंवले का जूस है नित्या ने बनाया है ,, पीकर बताओ कैसा है ?”
आंटी ने जबरदस्ती ग्लास नैना को थमा दिया नैना ने एक घूंठ पीया तो उसे लगा जैसे अभी उलटी कर देगी लेकिन निगल गयी !

उसने मुश्किल से वह पीया तो सुमि आंटी ने नाश्ता वापस भिजवा दिया क्योकि उनके हिसाब से नैना तो कुछ खा ही नहीं रही थी ! उसके बाद हुई आंटी की लेक्चरबाजी जिस से अच्छे अच्छो के कान से खून निकल आये ! नैना ने सूना क्योकि यहाँ जवाब देने का मतलब था सीधा उसके घर फोन जाना और नैना को कुछ देर ही सही पर ये सब झेलना ही झेलना था !


“तुम कहा ये जॉब के चक्कर में पड़ी हो , दिनभर मेहनत और पैसे चार नहीं मिलते ! मेरी नित्या को देखो सिलाई का कोर्स किया है मैं तो कहती हूँ तुम भी कर लो शादी के बाद बहुत काम आएगा ! तुम्हे कुछ सिलवाना हो तो नित्या को बताना वो सस्ते में सिल देगी”,आंटी ने कहा
शादी का नाम सुनते ही नैना की खिसक गयी उसने नित्या से पूछा,”किस्मत फ़टी पड़ी है सिल दोगी ?”


“नहीं !”,नित्या ने असमझ की स्तिथि में कहा
नैना उठी और कहा,”फिर काहे का कोर्स कर रखा है ?” कहकर नैना वहा से चली गयी ! बेचारी नित्या और सुमि आंटी एक दूसरे का मुंह ताकते रह गयी !!

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संजना किरोड़ीवाल

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