Sanjana Kirodiwal

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Love You जिंदगी – 19

Love you Zindagi
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Love You Zindagi – 19

मैनेजर को फाइल देकर नैना केबिन से बाहर चली आयी ! अपने केबिन से अपना बैग लिया और बड़बड़ाते हुए बाहर जाने लगी
“साले सब के सब हरामी है , लड़की देखी नहीं की लार टपकने लगती है इनकी ! टेलेंट की कोई कदर नहीं है इन लोगो को शर्ट के खुले बटन देखकर नौकरी दे देंगे ! उम्र हो गयी है पर रंगबाजी ना जा रही है ,, और उसकी क्या अपनी ही दो महामूर्तियो को देख लो ,, प्यार मोहब्बत में इतना घुस चुकी है की सामने खुदा हुआ गड्डा इन्हे दिखाई नहीं दे रहा है ,, आज जो ये बाबू शोना है कल ये ही इन्हे रोने पर मजबूर कर देंगे ,, पर जब तक कटेगा नहीं इनको अकल कहा आनी है !”
नैना अपनी ही धुन में बड़बड़ाते हुए चली जा रही थी की सामने से आते किसी से टकरा गयी , एक तो वो पहले से गुस्सा थी उस पर उसका किसी से टकराना वह पलटी और कहा,”अबे देख के चल ना , आँखे क्या सिर्फ गॉगल्स लगाने को दी है !”
बेचारा लड़का नैना को सरफिरी समझ कर चुपचाप वहा से चला गया ! नैना सड़क किनारे आयी ऑटो रुकवाया और अपार्टमेंट चलने को कहा ! आज अपार्टमेंट वह शीतल और रुचिका से पहले ही आ गयी जैसे ही चाबी निकालने के लिए उसने बैग में हाथ डाला चाबी बैग में नहीं थी ! नैना ने सब जगह ढूंढा चाबी नहीं मिली और उसके बाद याद आया की आज सुबह जल्दी निकलने के चक्कर में उसने चाबी अंदर ही छोड़ दी थी , बाकि घर की डुबलीकेट चाबी रुचिका और शीतल के पास थी ! नैना ने सर पिट लिया वापस ऑफिस जाने की उसमे हिम्मत नहीं थी वह वही सीढ़ियों पर बैठकर उन दोनों के आने का इंतजार करने लगी ! कुछ देर बाद सीढ़ियों से होते हुए अवि आया नैना को सीढ़ियों में बैठा देखकर खुश भी था और हैरान भी !! वह नैना के सामने आकर रुका और कहा,”हे हाय , तुम ऐसे बाहर ?”
“क्यों यहाँ बैठने पे पेलेंटी लगा है ?”,नैना ने कहा
“नहीं मैं तो बस ऐसे ही पूछ रहा था , ऑफिस से आयी हो तुम शायद थक गयी होगी ना !”,अवि ने कहा
नैना ने कुछ नहीं कहा बस अपने बैग में कुछ ढूंढने में लगी थी ! अवि कुछ देर रुका और कहा,”तुम कुछ लोगी चाय कॉफी ?”
“नो थेंक्स !”,नैना अब भी बैग में कुछ ढूंढ रही थी और आखिर में उसे वह मिल गया उसके चेहरे पर ख़ुशी के भाव आ गए ! जब उसने बैग से हाथ निकाला तो उसके हाथ में स्नीकर्स चॉकलेट थी ! नैना ने बिना एक पल गवाए पैकेट खोला और खाने लगी उसे भूख लगी थी ये उसे देखकर अवि समझ गया था ! वह चुपचाप अपने फ्लेट में आया अपना सामान रखा और कपडे चेंज करने चला गया ! बाहर आने के बाद उसे नैना का ख्याल आया और वह उसके और अपने लिए नूडल्स बनाने लगा !
रुचिका ने ऑफिस का सब काम खत्म किया और 6 बजे ऑफिस से सचिन के साथ निकल गयी उसने और सचिन ने तय किया था की दोनों पहले जाकर मॉल से रुचिका के लिए ड्रेस लेंगे और उसके बाद रुचिका उसी ड्रेस को पहनकर डिनर पर जाएगी ! शीतल ने भी 6 बजे तक अपना काम ख़त्म कर लिया और घर आने के लिए ऑटो में बैठ गयी ! आधे रास्ते आने के बाद उसकी नजर लायब्रेरी पर गयी जिसमे सार्थक काम करता था , लायब्रेरी ऑफिस वाली रास्ते पर ही पड़ती थी ! शीतल ने ऑटो रुकवाया और कुछ बुक्स लेने के इरादे से लायब्रेरी में चली आयी ! अंदर आयी तो उसने देखा की सार्थक टेबल पर सर रखे सो रहा है ! शीतल ने उसका कंधे धीरे से थपथपाया तो सार्थक उठ गया ! जैसे ही उसकी नजर शीतल पर पड़ी उसे तो अपनी आँखों पर यकीन ही नहीं हुआ की शीतल सामने खड़ी है ! वह लड़खड़ाते हुए उठा और कहा,”अरे तुम यहाँ ?”
“हां वो मुझे कुछ किताबे चाहिए थी”,शीतल ने सहजता से कहा
“बुक्स , हां मिल जाएगी ,, तुम देख लो !”,सार्थक ने कहा
“तुम हेल्प कर दो !”,शीतल ने जानबूझकर कहा क्योकि उसे सार्थक से अकेले में बात करनी थी ! सार्थक उसके पीछे पीछे चलने लगा शीतल एक एक करके रॉ में किताबे देखने लगी उसने एक किताब निकाली और उसे खोलकर पढ़ने लगी कुछ लाइन्स पढ़ने के बाद उसने वह किताब रख ली और फिर सार्थक की और देखकर कहा,”मुझे तुमसे इस तरह बात नहीं करनी चाहिए थी !”
“मुझे अच्छा लगा कम से कम तुमने बात तो की , वरना मुझे तो लगा था अब तुम कभी यहाँ नहीं आओगी !”,सार्थक ने प्यार से शीतल की और देखते हुए कहा
“ऐसी बात नहीं है सार्थक , तुम बहुत अच्छे लड़के हो तुमने मेरी बहुत हेल्प भी की है ! राज के बाद तुम दूसरे लड़के हो जिस से मैंने इतनी बात की है , क्योकि तुमसे बात करके मुझे कभी असहज नहीं लगा !”,शीतल ने कहा
“मैं कल भी तुम्हारी इज्जत करता था आज भी करता हूँ और आगे भी करूंगा , तुम्हारे एक इंकार से तुम्हारे लिए मेरी और तरफ से रेस्पेक्ट और फीलिंग कभी कम नहीं होगी !”,सार्थक ने कहा , उसकी बातो में शीतल को एक सच्चाई नजर आ रही थी ! शीतल ने बात बदलते हुए कहा,”6.30 हो रहे है , तुम घर नहीं गए ?”
“बस जाने वाला ही था लेकिन सर ने बताया की कुछ बुक्स के आर्डर आ रहे है बस उन्ही के लिए रुका हुआ हूँ”,सार्थक ने बताया
“अच्छा !”,शीतल ने कहा
“तुम कुछ लोगी चाय/कॉफी ?”,सार्थक ने कहा
“अरे नहीं , मुझे निकलना चाहिए !”,शीतल ने कहा
“चाय तो पी सकती हो मेरे साथ !”,सार्थक ने कहा तो शीतल मान गयी ,, वेटिंग एरिया में शीतल को बैठाकर सार्थक उसके लिए चाय लेने चला गया !
रुचिका और सचिन मॉल आये वहा रुचिका अपने लिए ड्रेस देखने लगी ! सचिन ने भी अपने लिए कुछ कपडे और सामान खरीदा ! रुचिका ने वन पीस ख़रीदा जो की घुटनो से थोड़ा निचे था और हिल्स वाले सेंडल भी खरीद लिए ! शॉपिंग करते करते एक घंटा निकल गया ! सचिन और रुचिका अपना अपना सामान लेकर काउंटर पर आये बिल बना 12670 रूपये का , रुचिका ने सचिन की तरफ देखा तो सचिन ने कहा,”मैं पे कर देता हूँ !” कहकर उसने अपने पेण्ट के जेब में जैसे ही हाथ डाला पर्स वहा नहीं था सचिन ने रुचिका की और देखकर कहा,”आई थिंक मैं पर्स ऑफिस के ड्रावर में ही भूल आया हूँ”
“अहम्म्म्म इट्स ओके”,रुचिका ने कहा और सारा बिल अपने कार्ड से खुद ही पे कर दिया ! सचिन ने देखा तो कहा,”रुचिका मैं ये सब रिटर्न कर देता हूँ , काफी खर्चा हो जाएगा”
“अरे रिटर्न क्यों करना है मैंने पे कर दिया है”,रुचिका ने बिल लेकर बैग में रखते हुए कहा
“लेकिन मैं तुम्हारे पैसो से ये सब कैसे ले सकता हूँ ?”,सचिन ने कहा
“गिफ्ट समझ के रख लो , और हां लड़किया भी लड़को को गिफ्ट दे सकती है ! अब चलो !”,रुचिका ने उसे लगभग खींचते हुए कहा ! सचिन ख़ुशी ख़ुशी सारे बैग्स लेकर रुचिका के साथ चल पड़ा निचे आकर रुचिका ने चेंजिंग रूम में ड्रेस चेंज किया और उसके बाद सचिन के साथ डिनर लोकेशन पर निकल गयी !

इधर नैना सीढ़ियों पर बैठे बैठे दोनों के आने का इंतजार कर रही थी , फोन उन्हें करना नहीं चाहती थी क्योकि सुबह सुबह ही दोनों से उसकी अच्छी खासी बहस हो चुकी थी ! नैना सीढ़ियों से उठी बैग साइड में रखा और वही दिवार से पीठ लगाकर खड़ी हो गयी ! लेकिन दो मिनिट भी टिक ना पाई और फिर उसने शुरू कि उसने बचकानी हरकते ! कभी वह सीढ़ियों की पाइप से लटक कर ऊपर से निचे आती , कभी दो सीढिया साथ उतरती , कभी मॉडल की तरह रैम्प वाक कर रही थी तो कभी लिफ्ट से निचे और वापस ऊपर आ रही थी ! ये सब करने में उसे बहुत मजा आ रहा था ! थककर वह वापस सीढ़ियों पर आकर बैठ गयी कुछ देर बाद अवि एक बड़ी बाउल लेकर नैना के सामने आया और उसकी और बढ़ा दी ! नैना ने बांयी आँख की भँवे ऊपर चढ़ाकर कहा,”ये क्या है ?”
“नूडल्स है , तुम्हे शायद भूख लगी हो तो मैंने बनाया है”,अवि ने कहा
नैना को भूख तो बहुत जोरो से लगी थी लेकिन इस तरह अवि से ये सब लेना उसे ठीक नहीं लग रहा था वह अपना निचला होंठ दांतो के निचे दबाकर सोच मे डूब गयी ! उस वक्त वह अवि को बहुत क्यूट लग रही थी वह कुछ देर उसे निहारता रहा और फिर कहा,”मैं अच्छा खाना बनाता हूँ , तुम चाहो तो टेस्ट कर सकती हो !”
“इसमें कुछ मिलाया तो नहीं है ना ?”,नैना ने कहा
“मैं इसमें क्या मिलाऊँगा ? वेट तुम मुझे गलत तो नहीं समझ रही ना ? अरे यार तुम्हे देखकर लगा भूखी होगी इसलिए,, रुको पहले मैं खाकर दिखाता हूँ !”,कहकर अवि ने थोड़ा खाया और फिर कटोरा नैना की और बढाकर कहा,”अब तो यकीन हुआ इसमें कुछ नहीं है !”
नैना लेना तो नहीं चाहती थी लेकिन भूख की वजह से उसने अवि से नूडल्स ले लिए और खाने लगी ! नूडल्स टेस्टी थी नैना ने जैसे ही अवि को थैंकस बोलने के लिए सर ऊपर कीया , अवि वहा नहीं था ! नैना ने इधर उधर देखा और अपना ध्यान फिर से खाने में लगा लिया ! नैना ने अभी दो निवाले ही खाये थे की अवि अपने हाथ में एक और प्लेट चम्मच लेकर आ गया और दिवार के पास बिल्कुल नैना के सामने बैठ गया ! नैना ने देखा तो अपनी भँवे उचकाकर इशारा किया तो अवि ने कहा,”अकेले खाने का मन नहीं किया तो सोचा कम्पनी मिल जाएगी ! क्या मैं यहाँ बैठ सकता हूँ ?”
“तुम ऑलरेडी बैठे हो !”,नैना ने कहा और फिर खाने में लग गयी ! अवि खा कम रहा था और नैना को देख ज्यादा रहा था पहली बार नैना उसके सामने बैठी थी नैना के बारे में जानने का इस से अच्छा मौका और क्या हो सकता है ? सोचकर अवि ने खाते हुए कहा,”तुम कानपूर से हो ?”
“नहीं लखनऊ से , जॉब की वजह से जगह चेंज होती रहती है ,, मम्मी पापा लखनऊ में रहते है !”,नैना ने बिना अवि की और देखे खाते हुए कहा !
“फॅमिली में कौन कौन है तुम्हारे ?”,अवि ने पूछा
“मम्मी पापा , एक छोटा कुत्ता भी है उसका नाम स्कूबी है और कुछ हरामी रिश्तेदार है !”,नैना ने इस बार भी बिना अवि को देखे ही जवाब दिया !
“ओह्ह नाइस , सो आर यू सिंगल ? कोई बॉयफ्रेंड ?”,अवि ने डरते डरते कहा
इस बार नैना ने अवि की और देखा और मन ही मन खुद से कहा,”सब जानना है इस चौचक इंसान को” अवि ने नैना को बड़बड़ाते देखा तो कहा,”तुमने कुछ कहा ?”
“नहीं कुछ भी नहीं”,नैना ने कहा और नूडल्स खाने लगी
“सो मैं पूछ रहा था , आप सिंगल हो ?”,अवि ने कहा
नैना जो की इस सवाल का जवाब देना नहीं चाहती थी उसने कहा,”नूडल्स अच्छे बने है थैंक्स”
नैना का जवाब सुनकर अवि भी समझ गया की नैना इस सवाल से बचना चाहती है इसलिए आगे उसने कुछ नहीं पूछा ! वह भी चुपचाप अपना ध्यान खाने पर लगाने लगा नैना ने नूडल्स खाकर कटोरी और चमच्च साइड में रख दी , जैसे ही उसकी नजर अवि पर पड़ी उसने ऊँगली से होठ की तरफ इशारा किया ! अवि को समझ नहीं आया तो उसने मुंह में नूडल्स ठुसे हुए ही गर्दन ऊपर निचे की !
“तुम्हारे होंठो के निचे कुछ लगा है !”,नैना ने कहा
अवि ने हाथ से साफ किया लेकिन जहा लगा था वह जगह जान बूझकर छोड़ दी ! नैना ने देखा तो उठकर उसके पास आयी ! नैना की नजदीकियों ने तो अवि की धड़कने ही बढ़ा दी ! नैना ने उसके पास आकर उसका हाथ उठाया और ऊँगली से होंठ पर लगा खाना हटा दिया ! अवि ने देखा तो बेचारे के सारे ख्वाब टूट गए उसे लगा नैना अपने हाथो से हटाएंगी ! वह उसकी और देख ही रहा था की तभी तेज आवाज में बिजली गरजी और नैना अवि के अंदर आ गिरी ! अवि का दिल तो जैसे धड़कना ही बंद हो गया उसे लगा जैसे अभी उसका दिल सिने से बाहर आ गिरेगा ! जब उठने को हुई तो गले में पहनी चैन अवि के शर्ट के बटन में उलझ गयी ! नैना परेशान सी उसे निकालने लगी और अवि बस खोया हुआ उसे देखता रहा ! शाहरुख़ खान के सारे रोमांटिक सीन उस वक्त उसकी आँखों के आगे घूम गए !!
सार्थक शीतल और अपने लिए चाय लेकर आया और एक कप उसकी और बढाकर दूसरा खुद लेकर बैठ गया ! दोनों ख़ामोशी से चाय पि रहे थे ! अमिता आयी ओर सार्थक से कहा,”सार्थक मौसम ख़राब हो रहा है , तू जल्दी निकल जाना और हां चाबी अपने साथ ही ले जाना ,, सर कल सुबह ही आएंगे !”
“ठीक है तुम निकलो , चाय खत्म करके हम भी निकल रहे !”,सार्थक ने कहा
“बाय !”,अमिता ने दोनों को बाय कहा और चली गयी !
चाय खत्म करने के बाद शीतल उठी और किताब अपने पर्स में रखते हुए कहा,”अच्छा तो मैं चलती हूँ !”
“हम्म्म्म !”,सार्थक चाहता था शीतल कुछ देर और रुक जाये पर किस हक़ से उसे वहा रुकने को कहता इसलिए उसने जाने की इजाजत दे दी ! शीतल दरवाजे के पास आयी और जैसे ही गेट खोला पानी की बौछार उसे भीगा गयी बाहर बहुत तेज बारिश हो रही थी !
शीतल जाने के लिए जैसे ही वापस मुड़ी पीछे खड़े सार्थक से टकरा गयी ! शीतल सार्थक के इतना करीब थी की सार्थक की धड़कने बढ़ गयी वह एकटक उसकी आँखों में देखे जा रहा था ! शीतल भी कुछ पल के लिए उसकी आँखों में खो गयी दूर कही फ़ोन में बज रही रिंगटोन की आवाज उनके कानो में पड़ रही थी !
‘दो दिल मिल रहे है , मगर चुपके चुपके
सबको हो रही है , हां सबको हो रही है ,, खबर चुपके चुपके !!”
अंदर ख़ामोशी पसरी थी और बाहर बारिश का तेज शोर था !! शीतल और सार्थक वही खड़े एक दुसरे को देखे जा रहे थे , बारिश की बूंदो में भीगा शीतल का चेहरा
और भी खूबसूरत नजर आ रहा था !!

रुचिका ने जो ड्रेस खरीदा था उसने वह पहना साथ में हिल्स वाले सेंडल भी पहने ! वह उस ड्रेस में काफी सुन्दर लग रही थी ! सचिन के साथ वह डिनर लोकेशन पहुंची , मौसम काफी रोमांटिक था और ऐसे में सचिन का साथ रुचिका को गुदगुदा रहा था वह बहुत खुश थी और चाहती थी ये पल यही थम जाये ! डिनर से पहले सचिन और रुचिका वही होटल के लॉन में घूमने लगे ! कुछ देर बाद ही मौसम गहराने लगा आसमान में काले बादल घिर आये ! रुचिका सचिन के थोड़ा करीब आयी और उसे गले लगाकर कहा,”आई ऍम सो लकी सचिन जो तुम मेरी जिंदगी में आये ! आई लव् यू सो मच !!” सचिन ने भी उसे गले लगाए रखा और जैसे ही बारिश की बुँदे उन पर गिरी दोनों एक दूसरे का हाथ थामे अंदर चले गए !! रुचिका , शीतल और नैना इन तीनो की जिंदगी इस वक्त एक ही ट्रेक पर थी , आज की ये तूफानी बारिश इनकी जिंदगी में कोनसा बदलाव लाने वाली थी ये तो सिर्फ आने वाला वक्त ही जानता था लेकिन इस वक्त ये बारिश उन तीनो को उनकी जिंदगी के बहुत करीब ले आयी थी जहा से इनकी जिंदगी बदलने वाली थी और इनकी भावनाये भी !!

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संजना किरोड़ीवाल !!

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