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Love You जिंदगी – 5

Love You जिंदगी – 5

Love You जिंदगी - 1 Season 3
Love You जिंदगी – 1 Season 3

अपने पापा से बात करने के बाद रुचिका के लिए मोंटी का प्यार भयंकर गुस्से में बदल गया। उसने हाथ में पकड़ा वड़ा पाव कचरे के डिब्बे में फेंका और वहा से चला गया। मोंटी अपनी बाइक के पास आया और तेज स्पीड में वहा से निकल गया। बाइक की स्पीड इतनी तेज थी कि मोंटी सामने से आती गाड़ियों को भी नजर अंदाज कर रहा था।

मोंटी को अपने पापा से भी ज्यादा गुस्सा रुचिका पर आ रहा था आखिर वह उसके और मोंटी के बीच का झगड़ा घरवालों के सामने लेकर क्यों आयी ? मौंटी के पापा ने मोंटी को घर आने को कहा था , वे काफी गुस्से में थे और मोंटी उनसे कैसे सामना करेगा ये सोचकर ही मोंटी का हलक सूखा जा रहा था।

विचारो में उलझा बाइक लिए जा रहा था कि सामने से आता ऑटो उसे दिखाई नहीं दिया , बाइक लगभग ऑटो से टकराने वाली ही थी कि मोंटी ने सही वक्त पर कट मारकर दिया।
“अबे अंधा है क्या ? मरना है तो कही और जा मेरे ऑटो के सामने क्यों आया ?”,ऑटोवाले ने गर्दन बाहर निकालकर कहा और आगे बढ़ गया


मोंटी ने उसकी बात सुनी लेकिन कोई जवाब नहीं दिया क्योकि मोंटी इस वक्त अपनी तेजी से चलती सांसो को सामान्य करने की कोशिश कर रहा था। उसने महसूस किया कि अगर वह सही वक्त पर कट नहीं मारता तो अब तक सड़क पर गिरा होता या शायद भगवान को प्यारा हो चुका होता।
मोंटी ने एक गहरी साँस ली और बाइक लेकर आगे बढ़ गया लेकिन इस बार बाइक की स्पीड सामान्य थी , स्पीड के साथ साथ मोंटी का गुस्सा भी अब कम हो चुका था।

मोंटी अपने फ्लेट में आया और रुचिका का नंबर डॉयल किया
“द नंबर यू डायलड इज बिजी ऑन अनादर कॉल , यू केन वेट और कॉल अगेन लेटर,,,,,,,,,आपके द्वारा डॉयल,,,,,!!”,दूसरी तरफ से आवाज आयी , मोंटी ने कॉल काट दिया और फ़ोन सोफे पर फेंककर बड़बड़ाया,”ये तुमने ठीक नहीं किया रूचि , हमारे बीच के झगडे को तुम्हे ऐसे सबके सामने नहीं लाना चाहिए था। तुम नहीं जानती तुमने कितनी बड़ी गलती की है।”


मोंटी ये सब सोच ही रहा था कि डोरबेल बजी। मोंटी ने आकर दरवाजा खोला तो सामने बगल वाले फ्लेट में रहने वाली अंजलि भाभी खड़ी थी। अंजलि भाभी ने हाथ में पकड़ा हॉट-पॉट मोंटी की ओर बढाकर कहा,”भैया वो आज वेज बिरयानी बनी थी , रुचिका घर में नहीं है तो सोचा खाना बनाने में दिक्कत होगी आपको इसलिए मैं ये ले आयी,,,,,,,,,,,,वैसे रुचिका कहा गयी है।”
“वो अपने मायके गयी है,,,,,,!!”,मोंटी ने उदासी भरे स्वर में कहा


“मायके ? ऐसे अचानक आप दोनों के बीच कुछ हुआ है क्या ?”,अंजलि ने अपनापन दिखाते हुए पूछा
मोंटी अंजलि की नियत भांप गया इसलिए कहा,”हाँ हम दोनों के बीच सब ठीक है , वो कुछ दिन में वापस आ जाएगी,,,,,,,,,,और खाने के लिए शुक्रिया लेकिन मैं बाहर खाकर आ चुका हूँ तो इसे आप वापस ले जाईये,,,,,,,,,,,!!”
मोंटी की बात सुनकर अंजलि का मुंह उतर गया कहा वह बिरयानी के बहाने मोंटी और रुचिका के बारे में जानने आयी थी और कहा मोंटी ने उसे बाहर का रास्ता दिखा दिया। अंजलि भाभी मुस्कुराई और कहा,”कोई बात नहीं , मैं इसे वापस ले जाती हूँ”


मोंटी ने उनकी बात का कोई जवाब नहीं दिया और दरवाजा बंद कर लिया। मोंटी किचन की तरफ चला आया और फ्रीज से पानी की बोतल लेकर पीने लगा। उसे बड़े जोरो की भूख लगी थी लेकिन बिरयानी के लिए वह पहले ही मना कर चुका था। वह किचन एरिया में आया और अपने लिए खाने का इंतजाम करने लगा। आटा गूंथते हुए मोंटी के चेहरे पर बेबसी के भाव साफ नजर आ रहे थे।

उसकी नौकरी जा चुकी थी , रुचिका उसके साथ नहीं थी , एक हफ्ते बाद महीने के आखिर में सबके बिल चुकाने थे और उसके पापा ने उसे जूते खाने के लिए चित्रकूट इन्वाइट किया था। इन्ही सब में उलझे मोंटी को महूसस हुआ कि वह आटे में जरूरत से ज्यादा पानी डाल चूका है और उसे बर्बाद कर चूका है। मोंटी ने उसे छोड़ा और वाशबेसिन के सामने आकर हाथ धोने लगा। जहन में चल रहे विचारों के साथ ही उसकी भूख भी मर चुकी थी।

चंडीगढ़ , विहान का चेंबर
नैना और अवि विहान के चेंबर में बैठे थे और कुछ ही दूर साइड में खड़ा विहान फ़ोन पर किसी से बात कर रहा था। कुछ देर बाद विहान आकर अपनी कुर्सी पर बैठा और कहा,”मेरी डॉक्टर से बात हो चुकी है , चूँकि नैना को अभी 1st स्टेज कैंसर है तो इसका इलाज संभव है। ट्रीटमेंट करने से पहले मुझे नैना के कुछ टेस्ट करने होंगे जिसके लिए मुझे नैना का सेम्पल चाहिए,,,,,,,!!”


नैना ने जैसे ही 1st स्टेज कैंसर का नाम सुना उसका दिल धड़कने लगा लेकिन नैना ने अपने डर और घबराहट को अपने चेहरे पर आने नहीं दिया। वह ख़ामोशी से बस विहान को देखते रही।
नैना को अपनी ओर देखते पाकर विहान ने कहा,”तुम ठीक हो जाओगी नैना,,,,,,,,,,,,,,!!!”


नैना ने कुछ नहीं कहा बस फीका सा मुस्कुरा दी। विहान अवि को नैना के ट्रीटमेंट के बारे में समझाने लगा तो नैना उठी और खिड़की के पास चली आयी। खिड़की के बाहर लॉन में एक लड़का लड़की अपने 4-5 साल के छोटे बच्चे के साथ खेल रहे थे और खुश हो रहे थे।

उनके चेहरे ख़ुशी से भरे थे और आँखों में चमक थी। उन्हें देखते हुए नैना की आँखों के सामने बीते वक्त की यादे किसी फिल्म की तरह चलने लगी। नैना का नौकरी के लिए दिल्ली आना , उसका रुचिका शीतल से मिलना , अवि का पहली बार उस से टकराना , अवि का उसकी परवाह करना , उसका अवि को पडोसी कहकर बुलाना , शादी , शादी के बाद चंडीगढ़ आना और सबसे आखिर में एक ख्याल नैना की आँखों में घूमने लगा जब नैना के आंसुओ से भरे चेहरे को अवि ने अपने हाथो में थाम रखा था और कह रहा,”तुम्हे कुछ नहीं होगा नैना , तुम ठीक हो जाओगी”


नैना ने पलटकर विहान के साथ बैठे अवि को देखा , बाकि दिनों के बजाय आज अवि उसे ज्यादा गंभीर और परेशान लगा। नैना एक बार फिर खिड़की के बाहर देखने लगी

“मेरी बात ध्यान से सुनो अवि ! नैना को कैंसर 1st स्टेज ही लेकिन लास्ट टेस्ट के बाद नैना को बचाने के जो 90% चांस थे वो अब 60% हो चुके है। नैना की इम्युनिटी धीरे धीरे गिरती जा रही है। दवाईयों का उस पर बहुत धीरे असर होगा इसलिए नैना को कीमोथेरपी के जरिये हाई डोज दवाईया देनी होगी। हमे जल्द से जल्द नैना का ट्रीटमेंट शुरू करना होगा।”,विहान ने गंभीर होकर धीमे स्वर में अवि से कहा


 “लेकिन तुमने अभी नैना से कहा वो ठीक,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने परेशानी भरे स्वर में कहा लेकिन वह अपनी बात पूरी कर पाता इस से पहले उसकी नजर खिड़की के पास खड़ी नैना पर पड़ी जो कि उसे ही देख रही थी। अवि ने अपनी बात अधूरी छोड़ दी लेकिन विहान समझ गया अवि क्या कहना चाहता है ?


“मैं नैना को सच नहीं बता सकता , अगर मैंने ऐसा किया तो हो सकता है उसे गहरा सदमा लगे या वो डिप्रेशन में चली जाये,,,,,,,,,,,,,,नैना को हमे बस ये विश्वास दिलाते रहना है कि वह ठीक है और बहुत ही मामूली सी बीमारी से लड़ रही है , ट्रीटमेंट के बाद वह बिल्कुल ठीक हो जाएगी”,विहान ने कहा


अवि ने जब सुना तो उसके दिल में एक टीस उठी नैना को खो देने का एकमात्र ख्याल भी अवि का दिल चीरने के लिए काफी था। अवि को खामोश देखकर विहान ने उसके हाथ पर अपना हाथ रखा और कहा,”अवि ! मुझे भरोसा है नैना ठीक हो जाएगी,,,,,,,,,,,,,और उसके ठीक हों के लिए उसका पॉजिटिव होना बहुत जरुरी है,,,,,,,,,,,,,ये कुछ टेस्ट है जिनका सेम्पल तुम लेब में दे दो और उसके बाद नैना से बात करके डिसाइड करो , हमे जल्दी ही उसका ट्रीटमेंट शुरू करना होगा”


अवि ने हामी में सर हिलाया और फाइल लेकर नैना की तरफ चला आया। नैना की तरफ बढ़ता एक एक कदम उसे किसी भारी पत्थर सा लग रहा था। नैना के पास आकर उसने धीरे से उसके कंधे पर हाथ रखा और कहा,”नैना !”
नैना अवि की तरफ पलटी उसके चेहरे की उदासी की जगह अब दर्द ने ले ली थी। वो दर्द जो शायद नैना को अंदर ही अंदर महसूस हो रहा था लेकिन वह किसी से कह नहीं पा रही थी। अवि को वहा देखकर नैना ने कहा,”क्या हुआ ?”


“ये कुछ टेस्ट करवाने के लिए जाना होगा,,,,,,,,,,चले?”,अवि ने पूछा
नैना ने हामी में सर हिलाया और अवि के साथ विहान के चेंबर से बाहर निकल गयी और विहान नैना के केस पर स्टडी करने लगा।

नैना का ब्लड सेम्पल देने के बाद अवि उसे लेकर लैब से बाहर आया। नैना को इस वक्त कुछ कमजोरी महसूस हो रही थी और बीते दिनों के मुकाबले वह पहले से थोड़ी कमजोर हो भी चुकी थी। अवि ने देखा तो उसे लॉबी में सोफे पर बैठाते हुए कहा,”तुम बैठो मैं तुम्हारे लिए कॉफी लेकर आता हूँ।”
“पडोसी ! मैं कॉफी नहीं पीती,,,,,,,,,!!”,नैना ने बेचारगी से कहा
“आई नो नैना लेकिन तुम्हारा BP अभी लॉ है इसलिए कॉफी पीना सही रहेगा,,,,,,,,,,,,,मैं अभी आया”,अवि ने कहा और वहा से चला गया।


नैना ने अपना सर पीछे लगा लिया उसकी आँखों में अब अनुराग और निबी चलने लगे और नैना मन ही मन खुद से कहने लगी,”मेरे पास वक्त कम है , मुझे निबी को उस धोखेबाज अनुराग के जाल से निकालना होगा,,,,,,,,,,,,,,अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह निबी की जिंदगी खराब कर देगा। मैं जानती हूँ मैं इस वक्त बीमार हूँ लेकिन मैं अपनी बीमारी का बहाना बनाकर अनुराग को नजरअंदाज नहीं कर सकती ,

अगर वो वापस आया है तो जरूर उसके दिमाग में कुछ तो चल रहा है। क्या वो मुझसे अपनी बेइज्जती का बदला लेना चाहता है अगर ऐसा है तो मैं उस से बात करुँगी,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन मेरी वजह से मैं निबी की जिंदगी को बर्बाद करने नहीं दूंगी।”


“नैना,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अवि की आवाज नैना के कानों में पड़ी तो नैना की तंद्रा टूटी उसने अपनी आँखे खोली तो अवि ने हाथ में पकड़ा कॉफी मग नैना की तरफ बढ़ा दिया और कहा,”इसे पी लो तुम्हे अच्छा लगेगा,,,,,,,,,,,!!”
नैना ने बिना अवि से कोई बहस किये कप लिया और पीने लगी। बगल में खड़ा अवि धीरे धीरे उसका सर सहलाने लगा। विहान की कही बाते अब भी अवि के जहन में घूम रही थी , वह विश्वास नहीं कर पा रहा था कि हंसती खेलती नैना की जिंदगी में एकदम से ऐसा कुछ हो जाएगा। नैना धीरे धीरे कॉफी पी रही थी और इस वक्त एक शांत मासूम छोटी बच्ची लग रही थी।

अवि घुटनो के बल उसके सामने बैठ गया तो नैना ने बची हुई कॉफी अवि की तरफ बढ़ा दी। अवि ने ना में सर हिला दिया। वह उदास आँखों से नैना को देखने लगा तो नैना जबरदस्ती मुस्कुराई लेकिन उसकी आँखों ने उसका साथ नहीं दिया उनमे नमी तैर गयी फिर भी उसने खुद को मजबूत रखकर कहा,”तुम खामखा मेरे लिए इतना परेशान हो रहे हो पडोसी,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे कुछ नहीं हुआ है , विहान ने कहा है मैं,,,,,,,,,,,,मैं ठीक हो जाउंगी,,,,,,,,,,,,,!!”


अवि ने सुना तो उसकी आँखों में भी नमी तैर गयी उसने नैना के नाजुक हाथ को अपने दोनों हाथो में लिया और कहा,”विहान चाहता है कल से तुम्हारा ट्रीटमेंट शुरू हो जाये और उसके लिए तुम्हे यहाँ रुकना पडेगा,,,,,,,,,,,,,,मैं तुम्हारे साथ रहूंगा नैना”
नैना ने सुना तो आँखों में आयी नमी ने आंसुओ का रूप ले लिया , वे नैना की बड़ी बड़ी आँखों से आने के लिए बेताब थे लेकिन नैना ने बड़ी हिम्मत करके उन्हें आँखों में रोक लिया और कहा,”क्या हम इसे कल के बाद शुरू कर सकते है ?”


अवि ने सुना और नैना की तरफ देखने लगा , नैना कुछ देर खामोश रही और कहा,”कल मेरा बर्थडे है और मैं अपने बर्थडे के दिन मरना नहीं चाहती”
कहते हुए आखिर में नैना की आँखों में भरे आँसू बह गए। नैना एकदम से कमजोर पड़ गयी , वह अपना सर झुकाकर सिसकने लगी।

अवि ने उसके हाथ से कॉफी मग लेकर साइड में रखा और उसके चेहरे को अपने हाथो में लेकर कहा,”खबरदार जो तुमने फिर ऐसी कोई बात कही,,,,,,,,,,,,,,आई सो सॉरी मुझे याद ही नहीं रहा कि कल तुम्हारा जन्मदिन है। मैं विहान से बात कर लूंगा , कल के दिन तुम्हे यहाँ आने की जरूरत नहीं है नैना,,,,,,,,,हम बाद में आ सकते है। ह्म्म्मम्म,,,,,,,,,,,,,भरोसा रखो नैना तुम मेरी नैना हो , मेरी स्ट्रांग नैना तुम ऐसे कमजोर नहीं पड़ सकती,,,,,,,,,,,,,,चलो घर चलते है।”

नैना इस वक्त अपनी भावनाओ को सम्हाल नहीं पा रही थी। वह अवि के सामने रोना नहीं चाहती थी ना ही उसे परेशान करना चाहती थी इसलिए उसने रुंधे गले से कहा,”क्या तुम मुझे कुछ देर के लिए अकेला छोड़ सकते हो ?”
अवि ने एक गहरी साँस ली और सर्द आवाज में कहा,”नहीं ! और इस वक्त तो बिल्कुल नहीं,,,,,,,,,!!”


अवि ने अपनी जेब से रुमाल निकाला उसने नैना के आँसू पोछे उसका चेहरा साफ किया और उसे वहा से उठाकर बाहर चला आया। चलते चलते अवि ने मजबूती से नैना का हाथ थामा और उसकी तरफ देखकर अपनी पलकें झपका दी !

वह नैना को विश्वास दिलाना चाहता था कि वह उसके साथ है,,,,,,,,,,,,,,हमेशा,,,,,,,,,,,,,,हर हाल में,,,,,,,,,,,और वह उसे कभी अकेला नहीं छोड़ सकता”

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