Love You जिंदगी – 26
Love You Zindagi – 26
मोंटी और सार्थक ने रिसोर्ट के पास वाले बीच पर बार्बिक्यू का अरेजमेंट किया। सब वहा जमा थे सिवाय मोंटी और नैना के,,,,,,,,,,,,,,,,,,कुछ देर बाद सबने देखा मोंटी नैना को गोद में उठाये उस से बातें करता हसंते मुस्कुराते चला आ रहा है। अवि ने जब नैना को देखा तो उसे चुभन का अहसास हुआ। सुबह मोंटी के कारण ही उसके और नैना के बीच झगड़ा हुआ था और उसके बाद अवि ने मोंटी को नैना से दूर रहने के लिए भी कहा लेकिन उन्हें साथ देखकर अवि का दिल फिर टूट गया। वह ख़ामोशी से मोंटी और नैना को देखते रहा उसके पास बैठी शीतल उसके चेहरे पर आये भावो को साफ देख पा रही थी। मोंटी सबके बीच आया और नैना को नीचे उतारते हुए कहा,”रूचि मैडम नैना को कैसे मनाना है ये मुझसे बेहतर कोई नहीं जान सकता”
“अब तुम कंजरो की तरह किसी के पीछे पड़ जाओगे तो वो तो तुम्हारी बात सुनेगा ही न शर्मा जी”,नैना ने कहा
“मैं तो खुश हूँ कि तुम यहाँ आ गयी , जरा देखो बेचारे अवि को तुम यहाँ नहीं थी तो इसका मुंह कैसे उतर गया ?”,रुचिका ने नैना के बगल में आकर उसे अवि की तरफ घुमाते हुए कहा। नैना ने देखा अवि उसे ही देख रहा है और सच में उसका चेहरा उतरा हुआ है। वह उस से कुछ कहती इस से पहले ही सार्थक हाथ में एक ट्रे ले आया जिसमे कुछ रंग बिरंगी ड्रिंक्स रखी हुयी थी , वह ट्रे लेकर सबके बीच आया और कहा,”अटेंशन गाइज क्यों ना आज शाम की शुरुआत इस इसके साथ की जाये”
मोंटी रुचिका शीतल और सार्थक ने तो अपने अपने ग्लास उठा लिए लेकिन नैना ने जैसे ही ग्लास उठाना चाहा उसे अवि का ख्याल आ गया। हालाँकि रोजाना की तरह अवि ने आज उसे टोका भी नहीं और यही जानकर नैना के मन में एक बेचैनी सी हुई उसने अवि की तरफ देखा तो अवि उठा और ट्रे से अपना ग्लास उठा लिया और बिना चियर्स किये ही पीने लगा। नैना ने कुछ देर उसे देखा और फिर कहा,”सॉरी सार्थक मैं ये नहीं पिऊँगी,,,,,,,,,,,,,,,,तुम लोग तो जानते ही हो ये मुझसे बर्दास्त नहीं होगी”
“नैना ये सिर्फ ऑरेंज जूस है आज कोई ड्रिंक नहीं सिर्फ सिंपल खाना और पीना,,,,,,,,,,,,,अगर फिर भी तुम्हारा मन नहीं हो तो हम लोग तुम्हे फ़ोर्स नहीं करेंगे”,रुचिका ने अपने ग्लास से घूंठ भरते हुए कहा
“हम्म्म ओके”,कहकर नैना ने भी अपना ग्लास उठा लिया और जूस पीने लगी। जूस खत्म करने के बाद सभी समंदर किनारे आकर बैठ गए। बार्बिक्यू पर धीमी आंच में स्टार्टर पक रहा था जिसे सम्हालने के लिए रिसोर्ट का एक कुक वही मौजूद था। खाने की खुशबू चारो और फ़ैल चुकी थी। सभी लाइन से समंदर किनारे नीचे मिटटी पर बैठे थे। सार्थक सबको अपार्टमेंट के किस्से सूना रहा था जब नैना , शीतल और रुचिका दिल्ली रहती थी। मोंटी अपनी और नैना की दोस्ती के किस्से सूना रहा था।
अवि खामोश था और नैना बीच बीच में बाकि सबकी बातो पर मुस्कुरा रही थी। शीतल मन ही मन राज के बारे में सोचकर परेशान थी आज किसी भी हालत में उसे राज का सामना करना ही था और उसे हमेशा हमेशा के लिए अपनी जिंदगी से निकाल फेंकना था जो कि शीतल के लिए मुश्किल था। कुछ देर बाद कूक ने आकर खाने के लिए कहा तो सभी उठकर चले आये। बार्बिक्यू के बगल में ही बढिये सोफे लगे थे और बीच में एक गोल टेबल रखा था जहा रिसोर्ट का एक वेटर उन सबके लिए खाना लाकर रख रहा था। रुचिका मोंटी का हाथ थामे उसके बगल में बैठ गयी। सार्थक और शीतल आमने सामने बैठे थे वही नैना और अवि साथ बैठे थे लेकिन साथ होकर भी आज पहली बार मन से दूर थे। वेटर ने जैसे ही परोसना चाहा सार्थक ने कहा,”इट्स ओके हम लोग ले लेंगे आप जाईये”
“ओके सर एन्जॉय योर मील”,कहकर वेटर वहा से साइड में चला गया। माहौल खुशनुमा बनाने के लिए म्यूजिक चला दिया जिस पर कोई प्यार भरा इंस्ट्रूमेंटल म्यूजिक बज रहा था। सार्थक ने अपने और शीतल के लिए परोसा। रूचि ने अपने और मोंटी के लिए एक प्लेट में ले लिया और दोनों साथ साथ खाने लगे। अवि और नैना दोनों ख़ामोशी से सामने पड़ी खाली प्लेट और खाने को देख रहे थे। अवि को चुप देखकर नैना ने कहा,”मैं सर्व कर देती हूँ”
नैना खाना सर्व करने के लिए चम्मच उठाती इस से पहले ही अवि ने चम्मच उठाया और अपने लिए प्लेट में खाना लेकर खाने लगा। आज पहली बार उसने नैना का इंतजार नहीं किया नैना को थोड़ा बुरा लगा और दुःख भी हुआ लेकिन फिर भी वह मुस्कुरायी और अपने लिए अलग प्लेट में खाना ले लिया। सभी चुपचाप खाना खाने लगे। अवि जिसे ज्यादा तीखा खाने की आदत नहीं थी कटलेट्स खाने के बाद उसका मुंह जलने लगा और आँखों लाल होने लगी नैना ने देखा तो कहा,”ये शायद थोड़ा तीखा है तुम इसे मत खाओ”
नैना की बात सुनने के बाद अवि ने अपनी प्लेट में दो कटलेट्स और रख लिए और उन्हें खाने लगा। उसका मुंह जल रहा था , तकलीफ हो रही थी लेकिन फिर भी उसे वो खाना था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्यों ? नैना ये बात नहीं जानती थी लेकिन अवि आज उसके सामने काफी अजीब बर्ताव कर रहा था जिसे देखकर नैना का चेहरा उतर गया।
अवि कटलेट्स के टुकड़े खाता रहा और नैना एकटक बस उसे देखते रही। अवि को जब नैना की नजरे चुभती महसूस हुई तो उसने उठते हुए कहा,”मैं अपने लिए कुछ और लेकर आता हूँ”
“अवि भाई यही मंगवा,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने कहना चाहा लेकिन तब तक अवि वहा से जा चुका था। मोंटी ने अवि को देखा और फिर नैना के उतरे हुए चेहरे को देखा तो उसे समझते देर नहीं लगी कि अवि और नैना के बीच झगड़ा हुआ है। नैना ने पलटकर अवि को देखा तो पाया वह बार्बिक्यू के पास खड़ा है उसकी प्लेट उसके हाथ में ही थी। नैना वापस पलटी तो पाया की सब उसे ही देख रहे है उसने खुद को नार्मल किया और कहा,”पडोसी भी ना कभी कभी बिल्कुल बच्चा बन जाता है। उसे तीखा खाने की बिल्कुल आदत नहीं है फिर भी उसने वो कटलेट्स खाये,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं उसे पानी देकर आती हूँ वरना मर जाएगा वो,,,,,,,,,,!!”
“हाँ हाँ नैना आराम से जाओ और अच्छे से पानी पिलाना अपने पडोसी को,,,,,,,,,,,,!”,रुचिका ने मुस्कुरा कर कहा तो नैना भी मुस्कुरा उठी उसने पानी से भरा ग्लास उठाया और वहा से चली गयी। सार्थक और शीतल ख़ामोशी से खा रहे थे उन्हें चुप देखकर मोंटी ने कहा,”अवि- नैना की तरह तुम दोनों के बीच भी कुछ खटपट चल रही है क्या ?”
कही मोंटी सार्थक के दिल का हाल ना जान ले सोचकर सार्थक ने एक निवाला उठाया और शीतल की तरफ बढ़ाते हुए कहा,”अरे नहीं मेरा और शीतल का प्यार जेनुअन है हम बाकी लोगो की तरह दिखावा नहीं कर सकते ना ही ओवर शो करते है। क्यों शीतल सही कहा ना ?”
शीतल ने सूना तो ख़ामोशी से सार्थक को देखने लगी सार्थक के शब्दों में टोंट उसे साफ़ नजर आ रहा था।
“क्या हुआ खाओ ना ?”,सार्थक ने थोड़ा प्यार से कहा तो शीतल ने उसके हाथ से निवाला खा लिया।
सार्थक का बर्ताव शीतल समझ नहीं पा रही थी वही मोंटी और रुचिका हँसते मुस्कुराते अपना खाना इंजॉय कर रहे थे। ये गोआ ट्रिप सार्थक-शीतल और अवि-नैना के साथ इतनी अच्छी नहीं रही लेकिन मोंटी और रुचिका ने इस ट्रिप में एक दूसरे के साथ अच्छा वक्त बिताया। नैना पानी का ग्लास लिए अवि के पास आयी उसने देखा अभी भी अवि की प्लेट में दो कटलेट्स रखे है। उसका चेहरा हल्का लाल हो चुका था और मुंह भी जल रहा था। अवि ने जैसे ही कटलेट उठाया नैना ने उसके हाथ से कटलेट लेकर प्लेट में रखा और फिर अवि से प्लेट लेकर कहा,”तुम्हे ये सब खाने की आदत नहीं है अवि , लो पानी पीओ”
नैना ने पानी का ग्लास अवि की तरफ बढ़ा दिया। नैना को अपनी परवाह करते देखकर अवि को थोड़ा अच्छा लगा लेकिन अगले ही पल उसे मोंटी का नैना को गोद में उठाना याद आ गया। उसने नैना के हाथ से ग्लास लिया और पानी नीचे गिराकर ग्लास प्लेट में रखकर वहा से चला गया। नैना ने देखा तो उसे थोड़ा हर्ट हुआ लेकिन उसने अवि से कुछ नहीं कहा और प्लेट वहा खड़े वेटर को पकड़ा कर समंदर की ओर चली आयी जहा अवि खड़ा था।
नैना अवि से कुछ दूरी बनाकर, हाथ बांधकर खड़े हो गयी। अवि भी ख़ामोशी से खड़ा सामने समंदर के शांत पानी को देख रहा था। आसमान में चमकते चाँद का प्रतिबिंब समंदर के पानी में जगमगा रहा था। ठंडी हवाएं चल रही थी और माहौल काफी शांत था। अवि के साथ खड़ी नैना ख़ामोशी से सामने पानी को देखते रही और फिर धीमी आवाज में सहजता से कहने लगी,”यहाँ आने से पहले सब कितना अच्छा था ना अवि,,,,,,,,,,,,,,,,हम साथ में खुश थे , हाँ मैं थोड़ी मुंहफट थी , हमारी बहस होती थी , हमारे बीच झगडे भी होते थे लेकिन अंत में सब सही हो जाता था और हम सब भूलकर फिर से एक दूसरे की परवाह करने लगते थे पर आज ऐसा लगा जैसे हमारे बीच कुछ ठीक नहीं है क्या इसकी वजह मोंटी है ?”
नैना के मुंह से मोंटी का नाम सुनकर अवि ने एक नजर नैना को देखा लेकिन नैना की नजरे सामने थी उसने आगे कहा,”मोंटी और मैं बचपन से साथ रहे है , लड़को में मोंटी मेरा पहला और इकलौता ऐसा दोस्त है जो मेरे सबसे करीब रहा। जो बातें मैंने कभी डेड से शेयर नहीं की वो अक्सर मैं मोंटी से किया करती थी। हाँ उसके साथ मेरा बांड कुछ अलग है लेकिन कभी मेरे दिल में उसके लिए भावनाये नहीं जगी ना ही मोंटी ने कभी अपनी लिमिट क्रॉस की,,,,,,,,,,,,,हम दोनों बस एक दूसरे के अच्छे दोस्त बनकर रहे ऐसे दोस्त जिन्होंने हमेशा एक दूसरे को सम्हाला , एक दूसरे को सहारा दिया , उलझन में समझाया तो अच्छे वक्त में कंधा भी थपथपाया,,,,,,,,,,,,,,,,मोंटी थोड़ा चंचल है अपनी रुचिका की तरह इसलिए हर वक्त मस्ती मजाक करता रहता है ये जाने बिना ही की सामने वाले को उसका मजाक अच्छा नहीं लगेगा। तुम उस से पहले भी कई बार मिल चुके हो अवि , फिर मोंटी को लेकर इतने इनसिक्योर क्यों हो ? थोड़े वक्त के बाद हम सब अपनी अपनी दुनिया में वापस लौट जायेंगे उसके बाद पता नहीं इन सब से मिलना होगा भी या नहीं फिर ये मन में उलझन क्यों ? अगर कोई वाकई में तुम्हारा है तो वो तुम्हारा ही रहेगा कोई तीसरा आकर उसे नहीं ले जा सकता तुम्हे इस बात को समझना चाहिए। मैं आज अगर यहाँ खड़ी हूँ तो तुम्हारे लिए वो सब मुझे तुम्हारे सामने धुंधले नजर आ रहे है और वो सब ही क्यों जब तुम मेरे सामने होते हो तो मुझे
तुम्हारे आस पास खड़े सारे लोग धुंधले ही नजर आते है क्योकि उस वक्त मेरी आँखे सिर्फ तुम्हे देखना चाहती है। मोंटी ने जो किया वो सब बस तुम्हे चिढ़ाने के लिए किया लेकिन मैं जानती हूँ तुम्हे उस वक्त बुरा लगा और वो काफी तकलीफ देह था पर उस से भी ज्यादा तकलीफ देह बात है तुम्हारा इस तरह खामोश रहना। तुम मुझसे बहस करते झगड़ा करते ही अच्छे लगते हो , उस वक्त मुझे तुम पर प्यार भी आता है और गुस्सा भी लेकिन आखिर में प्यार भारी पड़ता है और मैं पिघल जाती हूँ। तुम्हारे लिए जो मेरी फीलिंग्स है वो कभी किसी और के लिए नहीं हो सकती मोंटी के लिए भी नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,सिर्फ आज की रात हम सब साथ है उसके बाद,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,नैना कहते कहते रुक गयी और अपने बगल में देखा तो पाया अवि वहा से जा चुका है। नैना फिर हताश हो गयी अवि के नाराजगी की वजह वह जान चुकी थी और इसलिए वह अवि को मोंटी की इंटेंशन समझाना चाह रही थी लेकिन अवि आज कुछ ज्यादा ही हर्ट था इसलिए नैना की पूरी बात सुने बिना ही वहा से चला गया।
नैना उदास सी वही खड़ी जाते हुए अवि को देखते रही। अवि समंदर से हटकर बाकि सबकी तरफ आया तो देखा मोंटी , रुचिका , शीतल और सार्थक एक ग्रुप के साथ कुर्सियों पर बैठे है। अवि रिसोर्ट जाने के लिए उधर से निकला तो मोंटी ने कहा,”हे अवि कहा जा रहे हो अभी तो पार्टी शुरू भी नहीं हुई है , कम ना ज्वाइन अस”
“नहीं मैं,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,अवि ने कहना चाहा लेकिन रुचिका ने उसकी बात बीच में काटते हुए कहा,”कम ना अवि वैसे भी हम लोग बस आज की रात साथ है , ऐसे मोके बार बार नहीं आएंगे,,,,,,,,,,,,,,,और ये नैना कहा है ?”
“मैं उसे बुलाता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,हे नैना वहा क्या कर रही है ? यहाँ आ जा”,सार्थक ने ऊँची आवाज में नैना को देखकर हाथ हिलाते हुए कहा। सार्थक की आवाज सुनकर नैना ने अपना मूड ठीक किया और मुस्कुराते हुए उन सबके बीच चली आयी। नैना के आने से अवि भी रुक गया रुचिका ने खिसककर उसे बैठने के लिए जगह दे दी। नैना भी आकर सार्थक के बगल में बैठ गयी। उस ग्रुप का एक लड़का हाथ में गिटार पकडे कोई धुन बजाने की कोशिश कर रहा था लेकिन नहीं बजा पाया।
साथ बैठे लड़के ने कहा,”क्या हुआ ? लगता है आज तेरा दिल तेरा साथ नहीं दे रहा”
“मैं ट्राय करू ?”,नैना ने एकदम से कहा
नैना ने जैसे ही कहा अवि को छोड़कर बाकि सब की गर्दन उसकी तरफ घूम गयी रुचिका को तो अपने कानों पर यकीन ही नहीं हुआ और उसने हैरानी से कहा ,”ये तुम कह रही हो नैना ?”
“आई नो मेरी वौइस् थोड़ी व्रोस्ट है लेकिन मैं ये कर सकती हूँ”,नैना ने उठते हुये कहा और गिटार वाले लड़के की तरफ आकर कहा,”केन आई ?”
“येह स्योर”,लड़के ने मुस्कुरा कर कहा और अपनी जगह से उठ गया।
नैना ने गिटार लिया और अवि की तरफ मुंह करके बैठ गयी। उसने गिटार सेट किया उसे ऐसा करते देखकर मोंटी भी थोड़ा हैरान था वह जानता था नैना को गिटार बजाना आता है लेकिन उसने कभी नैना को गाते हुए नहीं सूना था।
“नैना आर यू ओके ? मैं पहली बार तुझे ऐसे देख रहा हूँ”,मोंटी ने नैना की परवाह करते हुए कहा
नैना मुस्कुराई और कहा,”मेरे डेड कहते है कि किसी तक अपनी बात पहुँचाने के लिए म्यूजिक सबसे अच्छा जरिया है”
मोंटी ने सूना तो मुस्कुरा दिया। चारो तरफ ख़ामोशी फैली थी और फिर नैना ने एकदम से गाना शुरू किया उसकी आवाज बेकार नहीं बल्कि बहुत अच्छी थी और शब्दों में ढेर सारी फीलिंग्स
“ना मारेगी दीवानगी मेरी , ना मारेगी आवारगी मेरी , के मारेगी जियादा मुझे मौत से
नाराजगी तेरी
क्यों इतना हुआ है तू खफा , है जिद किस बात की तेरी , के मारेगी जियादा मुझे मौत
से नाराजगी तेरी
अवि ने जैसे ही नैना के मुंह से ये गाना सूना उसे पुरानी बातें याद आ गयी। जब दिल्ली में उसने भी नैना से कुछ ऐसे ही सॉरी बोला था। अवि ने महसूस किया कि नैना अब सच में उसके बर्ताव से हर्ट होने लगी वह जैसे ही उठने को हुआ रुचिका ने उसके हाथ पर हाथ रखकर उसे रोक लिया और कहा,”ये तुम्हारे लिए था अवि,,,,,,,,,,,,,,,हो सकता है नैना से अनजाने में कोई गलती हुई हो लेकिन वो जान बुझकर कभी तुम्हे हर्ट नहीं करेगी”
अवि ने सूना तो वहा से जाने का ख्याल दिल से निकाल दिया और नैना को देखते हुए उसका गाना सुनने लगा।
शीतल भी वही बैठकर नैना को प्यार से देख रही थी तभी उसका फोन वायब्रेट हुआ शीतल ने देखा वो राज का मेसेज था। शीतल के चेहरे से मुस्कान गायब हो गयी और चेहरे पर परेशानी के भाव उभर आये उसने देखा सार्थक बाकि सबके साथ बिजी है तो वह चुपचाप उठी और वहा से चली गयी। सार्थक ने शीतल को जाते हुए देख लिया और कुछ देर बाद खुद भी वहा से उठकर शीतल के पीछे चला आया।
शीतल रिसोर्ट के बगल वाले सिटिंग एरिया की तरफ आयी जहा पेड़ के पास खड़ा राज उसका इंतजार कर रहा था। गुस्से से भरा चेहरा लिए शीतल राज के सामने आ खड़ी हुई और राज उसे देखकर मुस्कुरा उठा। शीतल का पीछा करते हुए सार्थक वहा आया और जब उनसे शीतल और राज को साथ देखा तो उसका दिल टूट गया वह बिना उन दोनों की बात सुने वहा से वापस चला गया
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संजना किरोड़ीवाल
Love you Zindagi season 1 ne jitna hasaya … love you zindagi season 2 utna hi rula raha ab🥺🥺🥺
I can’t see my Naina like this😢😢
Avi ki baatein thi bs..wo ab smjhna hi nh chahta 😑😐
And this Bast*** Raj…iska pichle season se jyada bura haal hoga ….
अवि-नैना और सार्थक-शीतल दोनों जोड़ों के लिए ये गोआ ट्रिप बेकार हो गई…और शीतल तो गई काम से…सार्थक पहले ही शक कर रहा था उसपर और अब उसने राज-शीतल को साथ देख लिया…गई भैंस पानी में…शीतल ने अपनी लंका खुद लगाई है…लेकिन अफसोस इस मोंटी की बैंड नहीं बज पाई…
Sheetal aur Raj ko Saath me dekhkar ab toh Sarthak sak yakin me balgaya ab pata nahi sheetal kaise samjayegi Sarthak ko,aur Avi Naina ka gana sun kar shayad apni Narazgi bhul jaye☺☺♥♥
Ab Sheetal aur Sarthak phir unke bich duriya aa jayegi
Very beautiful
Nice story
Ufffff ye sheetal mahanata ki devi Kya jarurat this us Soo could Raj se milane jane ki pata nahi Kya hoga ab
Yahan aakar to sbki life m pareshaani khadi hogyi
Interesting
Interesting story
Very nice 👌
Beautiful part…. naina sab samajh k bhi jhali bani rehti h…use pata h avi kyu naraz h… Usne koshish bhi ki lekin kehte h na ki dimag m shaq aa jaye to bahut mushkil hota h trust krna… lekin Naina k andaz nirale h usne avi k liye gana gaya jo sabke liye shoking h .. sheetal kyu akele gai sarthak ko sach bata dena chahiye…