Love You जिंदगी – 20
Love You Zindagi – 20
मोंटी माला को गोद में उठाये जैसे ही आगे बढ़ा उसके कदम ठिठक गए सामने रुचिका खड़ी थी और वह गुस्से से मोंटी को घूरे जा रही थी।
“रूचि वो,,,,,,,,,,ये,,,,,,,,,,,,,माला,,,,,,,,,,,,,,,मेरी बात सुनो,,,,,,,,,,,,,,,तुम जो समझ रही है वैसा कुछ भी नहीं है रूचि ,,,,,,,,,,,,,,,,मैं तुम्हे समझाता,,,,,,,,,,,,,!”,मोंटी कहते ही रह गया और रुचिका पैर पटकते हुए वहा से चली गयी। मोंटी माला को गोद में उठाये उसके पीछे पीछे आया लेकिन रुचिका ने दरवाजा मोंटी के मुंह पर बंद करते हुए कहा,”भाड़ में जाओ तुम,,,,,,,,,,,,,,इसलिए तुम मुझे यहाँ लेकर आये थे ये सब दिखाने के लिए,,,,,,,,,,,,,,,तुम इस लड़की के साथ ऐसे,,,,,,,,,,,,,,मुझे तो सोचकर ही,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे तुमसे ये उम्मीद नहीं थी मोंटी , आई हेट यू आई जस्ट हेट यू”
“रुचिका मेरी बात तो सुनो,,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने बंद दरवाजे पर कहा लेकिन रुचिका ने दरवाजा नहीं खोला। मोंटी को कुछ समझ नहीं आ रहा था वह क्या करे ? माला को गोद में उठाये वह वापस पूल साइड चला आया और परेशान सा इधर उधर घूमने लगा। एक तो माला भी होश में नहीं आ रही थी। मोंटी की अच्छी किस्मत कहे या बुरी के अवि अपने कमरे से निकलकर बाहर आया उसने सिर्फ शॉर्ट्स पहना था और उसे देखकर लग रहा था जैसे वह अभी अभी उठा हो। अवि मोंटी के पास चला आया और उबासी लेते हुए कहा,”आह्ह गुड मॉर्निंग मो,,,,,,,,,,,,,,,!!”
कहते हुए अवि की नजर एकदम से माला पर चली गयी और आगे के शब्द उसके गले में ही अटक गए। उसने हैरानी से माला को देखा और फिर माला को गोद में उठाये मोंटी को देखा और कहा,”ये कौन है ? और तुम इसके साथ यहाँ क्या कर रहे हो ?”
“यार अवि एक बड़ी प्रॉब्लम हो गयी है,,,,,,,,,,,,,,,,ये माला जी है मेरे बोस की क्लाइंट और रूचि ने मुझे इनके साथ इस हाल में देखकर मुझे गलत समझ लिया,,,,,,,,,,,,,,,मैं उसकी ग़लतफ़हमी दूर करके आता हूँ”,मोंटी ने जबरदस्ती माला अवि को थमाते हुए कहा
“अरे लेकिन मैं,,,,,,,,,,,,,,मोंटी सुनो,,,,,,,,,,,,,मैं इसे,,,,,,,,,!”,अवि बेचारा कहते ही रह गया और मोंटी वहा से चला गया। माला को थोड़ा थोड़ा होश आ चुका था अवि ने उसे नीचे उतारा और कहा,”आप ठीक है ?”
“हाँ,,,,,,,,,,,हाँ मेरा सर घूम रहा है”,माला ने अवि की बांहो में फिसलते हुए कहा। अवि उसे सम्हाल ही रहा था कि तभी नैना आँखे मसलते हुए वहा चली आयी। अवि को एक अनजान लड़की के साथ इतने करीब देखकर नैना को थोड़ी हैरानी हुई। वह अवि के पास आयी और कहा,”पडोसी तुम यहाँ क्या कर रहे हो ? और ये कौन है ?”
“ये,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,अवि ने कहना चाहा लेकिन अगले ही पल मोंटी ने रुचिका के साथ वहा आकर बात बिगाड़ दी और कहा,”अरे नैना ये अवि भाई की दोस्त है , कॉलेज फ्रेंड,,,,,,,,,,,,,,,रूचि को भी मैं यही बताने वाला था लेकिन ये मैडम तो बिना कुछ सुने ही चली गयी”
अवि ने सूना तो हक्का बक्का रह गया। वह तो माला को जानता तक नहीं था और मोंटी ने सीधे सीधे माला को उसका दोस्त बता दिया वह कुछ कहता इस से पहले ही रुचिका मोंटी की तरफ पलटी और कहा,”क्या तुम सच कह रहे हो ?”
“अरे यकीन ना आये तो अवि से पूछ लो,,,,,,,,,,,,,अवि भाई बताओ इसे,,,,,,,,,,,,प्लीज”,मोंटी ने कहा
रुचिका जैसे ही अवि की तरफ पलटी मोंटी ने रुचिका के पीछे से अवि को हाथ जोड़कर रिक्वेस्ट करने लगा। मोंटी की शक्ल देखकर अवि को उस पर तरस आ गया और उसने एक बार फिर माला को सम्हालते हुए कहा,”हाँ मोंटी सही कह रहा है ये मेरी दोस्त है,,,,,,,,,,,,,,!”
नैना ने सूना तो उसकी बड़ी बड़ी आँखे एकदम से छोटी हो गयी और वह अवि को देखने लगी। नैना अवि के सब दोस्तों को जानती थी और इस दोस्त से ना तो वो कभी मिली थी ना ही कभी नाम सूना था।
रुचिका ने अवि को देखा , कुछ देर खामोश रही और फिर हाथ बांधकर मोंटी से कहा,”तुम दोनों को क्या मैं बेवकूफ लगती हूँ , ये वही है ना तुम्हारी “माला जी” , मोंटी तुम कितने आराम से मुझसे झूठ बोल रहे हो , इस लड़की को मैं पहले भी तुम्हारे साथ देख चुकी हूँ उस शाम होटल में,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे पागल बनाना बंद करो तुम,,,,,,,,,,,,,,,,समझे,,,,,,,,,!”
रुचिका को गुस्से में देखकर अवि समझ गया कि अब मोंटी को कोई नहीं बचा सकता तो वही मोंटी भी थोड़ा परेशान हो गया कि इस वक्त वह रुचिका को कैसे यकीन दिलाये कि माला का यहाँ आना सिर्फ इत्तेफाक है। मोंटी को खामोश देखकर नैना ने उबासी लेते हुए अंगड़ाई ली और अवि की तरफ चली आयी उसने माला को गर्दन से पकड़कर अपनी तरफ किया तो मोंटी और अवि ने एक साथ कहा,”अरे आराम से,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“हैं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,क्या सच में ?”,नैना ने अपनी बाँयी भव चढ़ाते हुए कहा तो दोनों झेंप गए और इधर उधर देखने लगे। नैना ने माला को सम्हाला और कहा,”ए रूचि तू खामखा परेशान हो रही है , ये माला है अवि की दोस्त मैं पहले भी इस से मिल चुकी हूँ। इसने कल शाम ही अवि को बताया था कि ये गोआ आ रही है अपने फ्रेंड्स के साथ तो अवि ने ही इसे यहाँ का एड्रेस दिया था।”
“अच्छा अगर ऐसा है तो फिर दो दिन पहले ये बीकानेर में क्या कर रही थी ? वो भी मोंटी के साथ,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,रुचिका ने नैना की तरफ आते हुए कहा
रुचिका की बात सुनकर नैना ने अपना निचला होंठ दाँतो तले दबा लिया और फिर एकदम से कहा,”यार उस दिन फोन पर तूने ही तो बताया था कि मोंटी अपनी जॉब को लेकर परेशान है,,,,,,,,,,,,,,,,,फिर मोंटी ने भी मुझसे जॉब को छोड़ने की बात कही। माला के बाप के पास बहुत पैसा है और इसे वो पैसा किसी अच्छी कम्पनी में इन्वेस्ट करना था तो अवि ने इसे बीकानेर मोंटी के ऑफिस के नए प्रोजेक्ट के बारे में बताया तो माला इन्वेस्ट करने को तैयार हो गयी। अब तुम बताओ इन सब में घूम फिरकर फायदा किसका हुआ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हारे मोंटी का , प्रमोशन किसे मिलेगा ?,,,,,,,,,,,,,,,,!”
“मोंटी को,,,,,,,,,,,!”,रुचिका ने उलझन भरे स्वर में कहा
“वही तो मैं बता रही , अब माला जैसे अवि को जानती है वैसे ही मोंटी को भी जानती है,,,,,,,,,,,,,,,,,,तू भी ना ये डेली सॉप देख देख कर दिमाग खराब कर लिया है तुमने अपना”,नैना ने गिरती हुयी माला को गर्दन से पकड़कर फिर अपनी तरफ किया तो अवि ने कहा,”ये क्या कर रही हो तुम ? छोडो इसे”
“ओके छोड़ देती हूँ”,नैना ने अवि को देखकर बड़े ही प्यार से कहा और माला को छोड़ दिया। माला धड़ाम से नीचे जा गिरी और नैना की इस हरकत पर अवि ने अपना सर पीट लिया लेकिन उसमे और मोंटी में इतनी हिम्मत नहीं थी कि वे दोनों जाकर उसे उठाये। नैना रुचिका के पास आयी और उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”ज्यादा मत सोच पांडा तेरा मोंटी खरा सोना है”
“लेकिन ये बात मेरे दिमाग में क्यों नहीं आयी ?”,रुचिका ने सोचते हुए कहा
“मोटी बुद्धि है ना तुम्हारी देर से समझ आता है सब,,,,,,,,,,,,,अभी सब क्लियर है या फिर और ड्रामा करना है तुम्हे ?”,नैना ने आखरी शब्द रुचिका को घूरकर देखते हुए कहा तो रुचिका ने नैना के गाल खींचते हुए कहा,”तुम कुछ समझाओ और समझ ना आये ऐसे भला हो सकता है”
“सॉरी बेबी मैंने तुम्हे गलत समझा,,,,,,,,,,,,,!!”,रुचिका ने मोंटी की तरफ पलटकर कहा तो मोंटी जबरदस्ती मुस्कुराया और कहा,”इट्स ओके रूचि”
“मैं तुम सबके लिए कॉफी लेकर आती हूँ”,रुचिका ने जाते हुए कहा
“हां प्लीज और मेरे लिए थोड़ी स्ट्रांग,,,,,,,,!”,नैना ने अपना सर दबाते हुए कहा
“तुम कॉफी पिओगी ? आर यू सीरियस ?”,रुचिका ने पलटकर हैरानी से कहा
“अब जब कॉफी वाले को मुंह लगा लिया है कॉफी को भी लगा ही लेंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,जल्दी लेकर आना”,नैना ने अवि की तरफ देखकर कहा तो अवि को बीती रात याद आ गयी जब नैना और वो साथ थे। नैना से नजरे मिलते ही अवि को थोड़ी शर्म भी आने लगी तो वह मुस्कुराते हुए साइड में देखने लगा। रुचिका मुस्कुरा कर वहा से चली गयी। उसके जाते ही मोंटी नैना के सामने आया और कहा,”थैंक्स यार नैना सही वक्त पर तूने लाज रख ली”
नैना पहले तो मुस्कुरायी और फिर एक खींचकर एक घुसा मोंटी के मुंह पर मारा , मोंटी नीचे जा गिरा और कहा,”अरे यार मार क्यों रही है ?”
“अभी जो कांड तूने किया है न उसके बाद तो तेरा मरना बनता है मोंटी,,,,,,,,,,,,,अब तू खुद से बताएगा या इस हुस्न परी को उठाकर इस से पुछु ? चल क्या रहा है तुम दोनों के बीच ?”,नैना ने गुस्से से मोंटी को घूरते हुए कहा
“अरे अवि भाई ने कहा ना वो उनकी दोस्त,,,,,,,,,,,,,,,,!”,मोंटी ने इतना ही कहा कि नैना ने एक घुसा और उसके मुंह पर दे मारा और कहा,”मैंने मुंह तोड़ देना है तेरा अगर तूने इस मेटर में पडोसी का नाम लिया तो,,,,,,,,,,,,,,,,,गुल खिलाये तू और जब लंका लगी तो अवि का नाम”
“क्या बात है नैना मतलब इतना भरोसा अपने पडोसी पर,,,,,,,,,,,,,,,,!”,मोंटी ने नैना को छेड़ते हुए कहा
“भरोसा नहीं होता तो उस से शादी नहीं करती मैं,,,,,,,,,,,,,,,तू अब बताएगा या और मार खानी है,,,,,,,,,,,,,,,,,,देख मुझे गुस्सा मत दिला , देख अगर इत्तेफाक से हुआ है तो इट्स ओके लेकिन अगर तूने रुचिका को धोखा देने की कोशिश भी की ना तो तेरी बॉडी के एक एक पुर्जे को थोक के भाव बेच देना है मैंने,,,,,,,,,,,,,,तू साले एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के नाम पर मेरा नाम खराब कर रहा है चल अब बता कौन है ये और यहाँ क्यों आयी है ?”,नैना ने नीचे गिरे मोंटी को उठाते हुए कहा।
मोंटी समझ गया नैना ऐसे उसका पीछा नहीं छोड़ेगी इसलिए उसने एक साँस में नैना को सारी कहानी सूना दी। अवि भी उन दोनों के पास चला आया और माला उन तीनो को बिजी देखकर वहा से चुपचाप खिसक गयी। मोंटी ने नैना-अवि को सब बताया और फिर कहा,”अब तुम दोनों बताओ इस में मेरी क्या गलती है”
“तुम्हारी गलती ये है कि तुमने रुचिका को माला के बारे में सब साफ साफ नहीं बताया। रूचि बहुत अच्छी लड़की है मोंटी वो तुम्हे बहुत समझती है और तुम पर भरोसा भी करती है तुम्हे ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिस से उसे हर्ट हो”,अवि ने सहजता से कहा
“और अगर हर्ट करने का सोचा भी ना तो बेटा तू याद रखना गोआ से सीधा चित्रकूट पीटते हुए जाएगा”,नैना ने मोंटी को घूरते हुए कहा
“अरे यार माला जी,,,,,,,,,,,,,,,,!”,मोंटी ने कहते हुए जैसे ही नैना की तरफ देखा पाया नैना उसे ही घूर रही है तो उसने तुरंत अपने शब्द बदले और कहा,”मेरा मतलब माला मेरे लिए बस एक ऑफिस क्लाइंट थी और मैं रूचि को एक नार्मल क्लाइंट से मिलाने के बारे में क्यों सोचूंगा ?,,,,,,,,,,,, माला का यहाँ आना बस इत्तेफाक था यार मेरे लिए वो सिर्फ मेरे बॉस की क्लाइंट है”
“तेरा बॉस तो है ही चू,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए नैना ने तुरंत अपनी जीभ को दाँतो तले दबा लिया क्योकि अवि वही खड़ा था।
“मेरी वजह से तुम्हे अपना गुस्सा दबाने की जरूरत नहीं है नैना,,,,,,,,,,,,,,,,तुम दोनों बात करो मैं चेंज करके आया”,अवि ने कहा और वहा से चला गया। अवि के जाते ही नैना ने अपनी आँखे मूंद ली और एक गहरी साँस ली तो मोंटी उसके पास आया और उसका सर छूकर देखते हुए कहा,”तुम ठीक हो न ?”
“मुझे क्या हुआ है ?”,नैना ने उसे पीछे धकियाते हुए कहा
“यार नैना तू सच में बदल गयी है,,,,,,,,,,,,,,,,मतलब तू अभी अभी गाली देने वाली थी लेकिन रुक गयी सिर्फ इसलिए क्योकि अवि यहाँ खड़ा था,,,,,,,,,,,,,,क्या मैं सपना देख रहा हूँ। द ग्रेट नैना बजाज जिसकी जबान से शब्द कम गालियाँ ज्यादा निकलती है वो अब बदल चुकी है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,मोंटी ने हैरानी भरे स्वर में कहा।
“मुझे खुद नहीं समझ आ रहा ये सब मेरे साथ क्या हो रहा है ?”,नैना ने खोये हुए स्वर में कहा
“लेकिन मैं समझ रहा हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,तुझे प्यार हो गया है अपने पडोसी से वो भी सच्चा वाला,,,,,,,,,,,,वो इंसान जो आज तक किसी के लिए नहीं बदला वो अब बदल रहा है , पिघल रहा है,,,,,,,,,,,,,,,,,,और सच कहू तो तेरा ये रूप पहले वाले से भी ज्यादा खूबसूरत लग रहा है”,मोंटी ने मुस्कुराते हुए कहा
नैना ने सूना तो एकदम से शरमा उठी , उसके मन में तरंगे उठ रही थी और मन खुश था , होंठ बरबस मुस्कुरा रहे थे और वह बार बार अपनी उंगलियों को तोड़ मरोड़ रही थी। मोंटी ने देखा तो अपने दोनों हाथो को बांधकर नैना की तरफ देखते हुए कहा,”ए नैना तुम शरमा रही हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हाये पहली बार तुम्हे ऐसे देख रहा हूँ अंकल आंटी ने तुम्हे ऐसे देखा ना तो कसम से बोखला जायेंगे वो,,,,,,,,,,,,,!!”
“शट अप मोंटी”,नैना ने चिढ़ते हुए कहा
मोंटी वहा पड़ी बेंच पर आ बैठा और नैना को भी बैठने का इशारा किया तो नैना उसके बगल में आ बैठी। शादी के बाद दोनों पहली बार मिल रहे थे और ऐसे में उनके पास करने को ढेरो बाते भी थी। आज मौसम काफी सुहावना था इसलिए सब रिसोर्ट में ही थे। रुचिका मोंटी और नैना को कॉफी देकर चली गयी। नैना मोंटी को शादी के बाद उसकी जिंदगी में आये बदलाव के बारे में बताने लगी और मोंटी मुस्कुराते हुए उसे सुनने लगा। नैना को बोलते हुए सुनना मोंटी को हमेशा से पसंद था।
अवि अपने कमरे में था रुचिका उसके लिए भी कॉफी लेकर आयी। अवि खोया हुआ सा शीशे के सामने खड़ा मुस्कुरा रहा था। रुचिका उसके पास आयी और शीशे के पास खड़े होकर कुछ देर उसे ऐसे ही देखते रही। अवि की तंद्रा टूटी उसने रुचिका को देखा तो एकदम से शीशे के सामने से हटते हुए कहा,”अरे रुचि तुम कब आयी ?”
“जब तुम आईने में खुदको देखकर मुस्कुरा रहे थे ? ऐसा क्या देख लिया तुमने ?”,रुचिका ने अवि के साथ आते हुए कहा
अवि बिस्तर पर आ बैठा और रुचिका से भी सामने पड़ी कुर्सी पर बैठने का इशारा किया। रुचिका ख़ुशी ख़ुशी अवि के सामने पड़ी कुर्सी पर आ बैठी और कहा,”अब बताओ क्या बात है ?”
“अभी थोड़ी देर पहले नैना ने कहा कि वो मुझ पर बहुत भरोसा करती है”,अवि ने किसी टीनऐज की तरह ब्लश करते हुए कहा।
रुचिका ने अवि को ब्लश करते देखा तो खुद भी मुस्कुरा उठी वह हमेशा से चाहती थी अवि और नैना साथ रहे और आज दोनों साथ थे। रुचिका ने हाथ में पकड़ा कॉफी का कप अवि की तरफ बढ़ा दिया। अवि ने कप लेते हुए कहा,”और पता है ये शब्द उसके मुंह से “आई लव यू” सुनने से भी ज्यादा खूबसूरत है। मैं हमेशा सोचता था क्या नैना मुझ पर भरोसा कर पायेगी ? क्या वो मुझे समझ पायेगी ? पर वो समझती है और मुझ पर भरोसा भी करती है। वो सच में बहुत अच्छी इंसान है रूचि और मैं लकी हूँ कि वो मेरे साथ है”
रुचिका ने देखा ये सब कहते हुए अवि के चेहरे पर प्यारी सी स्माइल और आँखों में चमक थी उसके कहे एक एक शब्द से नैना के लिए बेइंतहा प्यार झलक रहा था रुचिका मुस्कुराते हुए अवि को देखते रही और फिर अगले ही पल उसके जहन में कुछ देर पहले घटे पल आ गए और उसने गंभीर होकर कहा,”नैना भी तुमसे बहुत प्यार करती है अवि और ये उसकी बातों से दिखता है , जैसे आज उस लड़की के साथ,,,,,,,,,,,,,,,आई मीन तुम्हारी दोस्त के साथ तुम्हे देखकर भी नैना ने कोई रिएक्शन नहीं दिया इस से पता चलता है कि वो तुम पर कितना भरोसा करती है। तुम कभी उसका भरोसा मत तोड़ना अवि , वो पहली बार किसी के सामने पिघली है , किसी के लिए खुद को बदला है , उसे हमेशा खुश रखना”
रुचिका को भावुक होते देखकर अवि ने उसके हाथ पर हाथ रखा और विश्वास भरे स्वर में कहा,”मैं उसे हमेशा खुश रखूंगा , तुम देखना वो हमेशा ऐसे ही मुस्कुराएगी”
“थैंक्यू , तुम बहुत अच्छे इंसान हो अवि और मुझे यकीन है तुम बहुत अच्छे पति भी बनोगे,,,,,,,,,,,,,,!!”,रुचिका ने कहा तो अवि वापस बिस्तर पर बैठा और कॉफी पीने लगा। रुचिका वही बैठे कुछ देर अवि से बातें करती रही और फिर वहा से चली गयी।
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संजना किरोड़ीवाल
Bhut hi khoobsurat part tha ma’am Naina ko avi se Pyaar hone lga h
Nice story
राज के बाद अब दूसरी विलेन है माला…देखते है कि अब क्या गुल खिलाती है…
Mala ka kya scene hai boss🤔🤔😘😊🤔😀😀😀
Aaj to Naina ne bacha liya Monti ko par is Mala ko dur rakho Monti se
Very beautiful
Khubsurat part…ye mala kuch chipku type h ya ise Monti m intrest jaag gya…ye jaanbujh kr hi giri hogi pool m ..or gayab bhi ho gai 3no ko baat krte dekh