Sanjana Kirodiwal

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Is This Love ?

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Is This Love ?

“मम्मा जल्दी से मेरा टिफिन दो स्कूल का टाइम हो गया है , और हां दो पराठे एक्सट्रा रख देना”,अदिति ने अपनी किताबे बैग में रखते हुए कहा।
“ये लो अपना टिफिन”,अदिति की मम्मी ने उसे टिफिन देते हुए कहा
अदिति ने टिफिन बैग में डाला और अपने मम्मी पापा को बाय बोलकर जैसे ही जाने लगी उसके पापा ने कहा,”अदिति मैं तुम्हारे स्कूल की तरफ से ही जाऊंगा चलो तुम्हे छोड़ देता हूँ”
“नहीं पापा कार्तिक आ रहा है मैं उसके साथ चली जाउंगी ,, बाय”,कहकर अदिति वहा से चली गयी
“इसने ये एक्स्ट्रा दो पराठे कार्तिक के लिए ही रखवाए होंगे ?”,अदिति के पापा ने अदिति की मम्मी से पूछा
“हाँ , पिछले कुछ महीनो से यही चल रहा है। पता नहीं कब बड़े होंगे ये दोनों”,अदिति की मम्मी ने मुस्कुरा कर कहा और चली गयी।

“अदिति शर्मा” उम्र 18 साल , 12th कॉमर्स की सबसे होनहार और इंटेलिजेंट लड़की। अपने मम्मी पापा की इकलौती बेटी और उनकी लाड़ली भी। पिछले 4 साल से स्कूल में अदिति का बेस्ट फ्रेंड था “कार्तिक” ,, पूरा स्कूल उन दोनों की दोस्ती के बारे में जानता था क्योकि दोनों हर जगह साथ साथ जो नजर आते थे
स्कूल की केंटीन हो चाहे पनिशमेंट के लिए क्लास से बाहर खड़े होना पड़े दोनों साथ रहते थे। दोनों को एक दूसरे से फुर्सत ही नहीं थी शायद इसलिए दोनों ने एक दूसरे के अलावा कभी किसी को दोस्त ही नहीं बनाया। अदिति हमेशा अपने टिफिन में एक्सट्रा खाना लेकर आती थी कार्तिक के लिए और कार्तिक भी रोज उसे स्कूल लेकर जाता और घर छोड़ने भी आता था। इसी के चलते दोनों एक दूसरे के घर बेझिझक आया जाया करते थे और इनकी दोस्ती से इन दोनों के घरवालों को भी कोई ऐतराज नहीं था। कार्तिक अदिति के घर से कुछ ही दूर रहता था और फिर अदिति के पापा और कार्तिक के पापा भी एक दूसरे को जानते थे।

अदिति घर से बाहर आयी देखा कार्तिक अपनी पिंक स्कूटी के साथ पीठ पर बैग टाँगे बैठा था। अदिति को देखकर उसने अपना बैग घुमा कर सामने कर लिया। अदिति आकर उसके पीछे बैठी और उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”चलो”
कार्तिक ने अपनी स्कूटी आगे बढ़ा दी दोनों हसते मुस्कुराते स्कूल वाले रास्ते पर चले जा रहे थे। स्कूटी के शीशे में कार्तिक को अपने कंधे पर रखा अदिति का हाथ नजर आ रहा था और ये देखकर वह मन ही मन मुस्कुरा भी रहा था। सुबह सुबह ठंडी हवा के झोंके उसके गालो को सहला रहे थे

“कार्तिक शर्मा” अदिति का बेस्ट फ्रेंड और अपनी क्लास में सबसे कम नंबर लाने वाला लड़का क्योकि अकाउंट्स उसे समझ नहीं आती थी उसने सिर्फ अदिति के लिए कॉमर्स लिया ताकि अदिति के साथ रह सके। हालांकि अदिति पढाई में उसकी हेल्प कर दिया करती थी और जैसे तैसे वह टेस्ट और बाकि चीजों में पास हो जाया करता था। कार्तिक के घर में उसके मम्मी पापा और एक बड़ी बहन थी जिसकी अब शादी हो चुकी थी। कार्तिक ने जब अपने पापा से बाइक मांगी तो उन्होंने कार्तिक की बहन की पिंक स्कूटी उसे दे दी। बेचारा कार्तिक उसी से स्कूल आया जाया करता था और सब उसे चिढ़ाते भी थे लेकिन अदिति जब उसके साथ बैठती तो उसकी चिढ गायब हो जाती।

दोनों स्कूल पहुंचे। अदिति लड़कियों के ग्रुप की तरफ चली गयी और कार्तिक अपनी क्लास की तरफ बढ़ गया क्लास में आकर उसने देखा की लड़को का एक ग्रुप झुंड बनाकर टेबल के पास खड़ा है। कार्तिक भी अपना बैग रख उनकी तरफ चला आया और कहा,”हे क्या हो रहा है यहाँ ?”
“अपनी क्लास के शुभम और 12th B वाली निशा का सीन चल रहा है तो हम सब बैठकर उन दोनों का रिलेशन केलकुलेशन निकाल रहे है”,वहा बैठे लड़के विकी ने कहा जिसने नोटबुक के आखरी पन्ने पर “शुभम FLEM निशा” लिख रखा था और उन्हें क्रॉस ओवर किये जा रहा था। कार्तिक भी सबके साथ देखने लगा और रिजल्ट आया “E” यानि एनिमी ,, बेचारे शुभम का तो मुंह ही उतर गया। टीचर के आने पर सभी अपनी अपनी सीटों पर आकर बैठ गए। अदिति भी चली आयी और आकर कार्तिक के बगल में बैठ गयी। सबका ध्यान पढाई पर था और कार्तिक का अदिति पर पिछले कुछ महीनो से यही चल रहा था। कार्तिक का ध्यान पढाई में ना होने की वजह से विकी ने उसकी तरफ पेन का ढक्कन फेंका और उसे ऐसा करते हुए टीचर ने देख लिया और विकी के साथ साथ कार्तिक को भी क्लास से बाहर निकाल दिया। दोनों क्लास के बाहर आकर खड़े हो गए तो विकी ने कहा,”तू अदिति को ऐसे क्यों देख रहा था ?”
“कैसे ? कुछ भी बोल रहा है ,,,,,, वो तो मैं उसकी नोटबुक देख रहा था”,कार्तिक ने घबराते हुए कहा जैसे किसी ने उसकी चोरी पकड़ ली हो
“ए झूठ मत बोल मैं सब देख रहा था हाँ , कैसे अदिति को देखते ही तेरे चेहरे पर स्माइल आ जाती है। तू उसे पसंद करता है क्या ?”,विकी ने कहा
कार्तिक कुछ सोच में पड़ गया और कहा,”ए जैसे शुभम का केलकुलेशन चेक किया वैसे मेरा भी कर ना , बदले में लंच टाइम में तू मेरा टिफिन खा लेना प्लीज”
“ओके”,कहते हुए विकी ने खिड़की के पास बैठे लड़के की नोटबुक और पेन लिया और कार्तिक के साथ बैठकर उसका और अदिति का लव केलकुलेशन निकालने लगा। जैसे जैसे वह क्रॉस ओवर कर रहा था कार्तिक के दिल की धड़कने बढ़ती जा रही थी। लास्ट में दो वर्ड्स बचे एनिमि और लव ,, विकी ने कार्तिक की तरफ देखा और कहा,”मुश्किल लगता है”
कार्तिक का दिल बैठा जा रहा था हालाँकि ये सब सच नहीं होती है लेकिन टीनएज में इन बातो को बहुत सीरियस ले लिया जाता है। कार्तिक ने अपनी उंगलियों को क्रॉस कर लिया और मन ही मन दुआ करने लगा की एनिमि ना आये। जैसे ही एनिमि कटा उसका चेहरा ख़ुशी से खिल उठा
“मुबारक हो भाई लव आया है मतलब तेरा और अदिति का लव पक्का , तो डेट पर कब लेकर जा रहा है उसे ?”,विकी ने खुश होते हुए कहा
कार्तिक ने उस पन्ने को नोटबुक से फाड़ा और अपनी जेब में रखते हुए कहा,”डेट ? पागल है क्या मैं उसे डेट पर कैसे ले जा सकता हूँ ? वी आर बेस्ट फ्रेंड्स”
“अबे गधे कब तक उसका फ्रेंड रहेगा ? इस बार फेयरवेल पार्टी में अपनी क्लास के सब लड़के डेट पर जा रहे है तेरे पास अच्छा मौका है तू भी अदिति को पूछ ले”,विकी ने कहा
“गो इनसाइड योर क्लास”,टीचर ने उनकी क्लास से बाहर आकर कहा तो दोनों अंदर चले गए।
विकी अपनी सीट पर जाकर बैठ गया और कार्तिक अदिति के बगल में आकर बैठ गया लेकिन कुछ दूरी बनाकर क्योकि कुछ देर पहले जो केलकुलेशन निकला था उसके बाद से कार्तिक की फीलिंग्स बदलने लगी। 2nd पीरियड में टीचर नहीं आये तो सब बातें और शोरगुल कर रहे थे लेकिन कार्तिक शांत बैठा था। उसे अब अदिति से बात करने में भी शर्म आ रही थी। बातो बातों में अदिति ने अपना हाथ कार्तिक के कंधे पर रख दिया और किसी बात पर खिलखिला रही थी लेकिन इस वक्त कार्तिक की धड़कने काफी तेज।
लंच टाइम में दोनों ने साथ बैठकर खाना खाया और इस बीच कार्तिक ने अदिति से ज्यादा बातें भी नहीं की। अदिति को आज कार्तिक थोड़ा बदला बदला लगा लेकिन ज्यादा ध्यान नहीं दिया। लंच के बाद एक बार फिर सभी पढाई में बिजी हो गये। स्कूल की छुट्टी के बाद कार्तिक और अदिति पार्किंग की तरफ आ ही रहे थे की दिव्या आयी और कहा,”हे कार्तिक आज आज के लिए मुझे घर छोड़ दोगे प्लीज”
“लेकिन मैं अदिति को लेकर जाता हूँ”,कार्तिक ने कहा
“कोई बात नहीं अदिति आज आज ऑटो से चली जाएगी , प्लीज मेरे पापा को थोड़ा अर्जेन्ट काम था इसलिए वो नहीं आ पाए”,दिव्या ने कहा
दिव्या का वहा आना अदिति को अच्छा नहीं लगा। कार्तिक दिव्या के साथ चला जाएगा सोचकर उसने अपना सर पकड़ लिया कार्तिक ने देखा तो उसने कहा,”वो एक्चुअली मेरे सर में बहुत दर्द हो रहा है और मेरी तबियत भी ठीक नहीं है ,, तुम दिव्या को घर छोड़ दो मैं पापा से कह देती हूँ , उनके साथ चली जाउंगी”
कार्तिक दिव्या की तरफ पलटा और कहा,”सॉरी दिव्या तुमने देखा ना अदिति ठीक नहीं है , तुम ऑटो से चली जाओ प्लीज”
“हम्म्म्म ओके , टेक केयर अदिति”,कहकर दिव्या वहा से चली गयी ।

अगले हफ्ते रोज डे था और स्कूल के लड़के लड़किया एक दूसरे के साथ डेट पर जा रहे थे। कार्तिक खुश था की हो ना हो अदिति तो उसे ही चुनेगी लेकिन किसी ने उसे आकर बताया की अदिति 12th’B के आदित्य के साथ डेट पर जा रही है ।
कार्तिक को बहुत दुःख हुआ लेकिन इसमें अदिति की भी क्या गलती उसने भी तो अदिति के सामने कभी कुछ कहा नहीं। लंच टाइम में अदिति अपना टिफिन लेकर कार्तिक के पास आयी तो कार्तिक ने कहा,”तुम आदित्य के साथ डेट पर जा रही हो ?”
“हाँ उसने कल शाम में ही मुझसे पूछा तो मैंने हां कह दिया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे कोई ऐतराज है क्या ?”,अदिति ने अपना टिफिन खोलते हुए कहा
कार्तिक ने सूना तो बेचारे का दिल टूट गया लेकिन उसने खुद को सम्हाल लिया और कहा,”नहीं मुझे क्यों ऐतराज होगा , इन्फेक्ट मैं भी दिव्या के साथ जा रहा हूँ,,,,,,,डेट पर”
डेट शब्द पर उसने कुछ ज्यादा ही जोर देते हुए कहा। अदिति ने सूना तो उसे ना जाने क्यों अच्छा नहीं लगा ? उसने टिफिन वापस बंद कर दिया और वहा रखकर चली गयी। कार्तिक ने भी टिफिन को नहीं छुआ और वहा से चला गया। चलते चलते अदिति बड़बड़ाई,”हुंह उस दिव्या के साथ डेट पर जा सकता है लेकिन मेरे मेसेज का जवाब देने के लिए उसके पास टाइम नहीं,,,,,,,,जाये डेट पर मुझे क्या ?,,,,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन उस दिव्या के साथ ही क्यों ?”
अदिति पैर पटकते हुए वहा से चली गयी।
वही कार्तिक भी चलते चलते बड़बड़ाया,”आदित्य के साथ डेट पर जा रही है और मुझे बताया तक नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बेस्ट फ्रेंड होकर भी मुझसे ये बात छुपाई,,,,,,वैसे छुपाना बनता भी है मैं कौनसा उसका लवर हूँ ? हूँ तो फ्रेंड ही ना,,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन उस आदित्य के साथ क्यों ?”
उसका क्लास में जाने का बिल्कुल मन नहीं था इसलिए वह लायब्रेरी में आकर बैठ गया

स्कूल के बाद उसने अदिति को घर छोड़ा और खुद भी घर चला आया। अगले दिन दोनों को जाना था डेट पर लेकिन एक दूसरे के साथ नहीं बल्कि अलग अलग। कार्तिक का बिल्कुल मन नहीं था लेकिन अदिति का किसी और के साथ डेट पर जाना भी उसे खल रहा था। वह फैसला नहीं कर पा रहा था की वह अदिति से प्यार करने लगा है या नहीं। अपने ईगो को बरक़रार रखने के लिए वह डेट पर जाने को तैयार होने लगा। वह शीशे के सामने आया तो पाया की उसने वही शर्ट पहनी है पिछले बर्थडे पर अदिति ने गिफ्ट की थी। कार्तिक अपनी वही पिंक स्कूटी लेकर घर से निकल गया। रेस्टोरेंट में टेबल बुक दिव्या ने ही किया था क्योकि कार्तिक की पॉकेटमनी अभी इतनी नहीं थी की वह किसी महंगे होटल को अफोर्ड कर सके। दिव्या ने बहुत ही वन पीस ड्रेस पहना था और आज वह बहुत सुन्दर भी लग रही थी लेकिन कार्तिक ने उसे कोई कॉम्प्लिमेंट तक नहीं दिया। दोनों काफी देर तक खामोश बैठे रहे और दिव्या ने कहा,”सो कैसा चल रहा है सब ?”
“हाँ मतलब , हां सब ठीक है तुम बताओ”,कार्तिक ने हकलाते हुए कहा क्योकि उसे समझ नहीं आ रहा था की ऐसे में वह दिव्या से क्या बात करे ?
“पता है कार्तिक मैं तुम्हारे साथ डेट पर क्यों आयी ?”,दिव्या ने कार्तिक की आँखों में देखते हुए कहा तो कार्तिक ने ना में गर्दन हिला दी।
“क्योकि तुम पुरे स्कूल में सबसे डिसेंट लड़के हो , मैंने कभी तुम्हे किसी लड़की के साथ फ्लर्ट करते नहीं देखा , कभी किसी के साथ तुम्हारी गॉसिप नहीं सुनी कभी किसी लड़की के साथ घूमते नहीं देखा सिवाय अदिति के,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वैसे भी वो तुम्हारी दोस्त है इसलिए उस से मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं है”,दिव्या ने कहा
अदिति का नाम सुनते ही कार्तिक की आँखों के सामने अदिति का चेहरा घूमने लगा और एक प्यारी सी मुस्कान उसके होंठो पर बरबस ही आ गयी और वह कहने लगा,”अदिति सिर्फ मेरी दोस्त नहीं है शी इज माय बेस्ट फ्रेंड,,,,,,,,,,,,,,,उसके साथ रहता हूँ तो खुश रहता हूँ , वो मेरी हर छोटी छोटी बात समझ जाती है। जब भी मैं परेशान होता हूँ तो कही ना कही से मेरी परेशानी का हल ढूंढ लाती है। हर सुबह अपनी मम्मी से मेरे लिए एक्स्ट्रा पराठे बनाने को कहती है। वो बहुत अच्छी है यार,,,,,,,,,,,,,,,,मतलब स्कूल तो क्या कही भी उसके जैसा कोई नहीं है। शी इज सो ब्यूटीफुल,,,,,,,,,,,उसके साथ स्कूल के 6 घंटे तो क्या मैं पूरी जिंदगी रह सकता हूँ”
सामने बैठी दिव्या ने जब ये सब सूना तो उसने पानी का ग्लास उठाया और कार्तिक के मुंह पर फेंककर कहा,”अगर मेरे साथ यहाँ बैठकर अदिति के बारे में बात करनी थी तो फिर उसी के साथ चले जाते,,,,,,,,,,,,,,,,,,डेट पर”
कहकर वह गुस्से में पैर पटकते हुए वहा से चली गयी लेकिन कार्तिक वही बैठा रहा ना उसे दिव्या के जाने का दुःख था ना ही अपने मुंह पर पानी फेंके जाने का बल्कि वह मुस्कुराने लगा और कहा,”देट मीन्स आई लव अदिति,,,,,,,,,,,,,,,,,,आई लव अदिति,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,आई लव अदिति”
कहते हुए उसकी आवाज थोड़ी तेज हो गयी तो आस पास बैठे सब लोग उसे ही देखने लगे और उसने सबको सॉरी कहा और मुस्कुराते हुए फिर धीरे से बड़बड़ाया,”यस आई ऍम इन लव विथ अदिति”

अदिति आदित्य के साथ डेट पर आयी थी। आदित्य अपनी KTM लेकर आया था और अदिति उसी पर बैठकर उसके साथ पिज्जा हट चली आयी। आदित्य ने अदिति की पसंद का पिज्जा आर्डर किया था। दोनों बातें करते हुए पिज्जा के आने का वेट करने लगे। कुछ देर बाद पिज्जा आया अदिति ने उस पर डालने के लिए सॉस का पाउच जैसे ही खोला वो छिटक कर आदित्य की सफेद शर्ट पर जा गिरा और आदित्य बिगड़ गया और उसने बिना अदिति की फीलिंग्स की परवाह किये उस पर चिल्लाना शुरू कर दिया और कहा,”अदिति आर यू मेड पूरे 2000 हजार की शर्ट थी ये , हेव यू लोस्टेड,,,,,,,,,,,,!!
“आई ऍम सो सॉरी”,अदिति की आँखों में आंसू भर आये
“व्हाट सॉरी ? अदिति तुम बच्ची नहीं हो जो ऐसे बिहेव कर रही हो,,,,,,,,,,,,,,मुझे तुम्हे डेट पर लाना ही नहीं चाहिए था। तुम उस कार्तिक की स्कूटी पर बैठने लायक हो , ना कोई क्लास है ना स्टाइल,,,,,,,,,,,,,,अब रोना मत शुरू कर देना”,आदित्य ने चिढ़ते हुए कहा
“तुम कार्तिक जैसे बन भी नहीं सकते वो कितना अच्छा है तुम्हे नहीं पता,,,,,,,,,,,,,,,,,नाउ गेट लॉस्ट”,कहकर अदिति वहा से चली गयी
घर आकर उसे बहुत बुरा लग रहा था की वह आदित्य के साथ डेट पर क्यों गयी ? शाम में कार्तिक का फोन आया उसने नहीं उठाया ना ही उसके मेसेज का जवाब दिया। पढाई के लिए उसने जब नोटबुक निकाली तो उसके बैग से एक कागज गिरा। अदिति ने उसे उठाया और खोलकर देखा उसमे कार्तिक और उसके नाम की लव केलकुलेशन निकाली हुयी थी। ये वही कागज था जिसमे विकी ने लव केलकुलेशन निकाली थी और उसी ने ये कागज चुपके से डेट से एक दिन पहले अदिति बैग में रख दिया ताकि अदिति कार्तिक के साथ ही डेट पर जाये।

अगले दिन कार्तिक अदिति को पिक करने आया लेकिन अदिति पहले ही अपने पापा के साथ निकल गयी। क्लास में भी वह कार्तिक के साथ नहीं बैठी। लंच टाइम में भी वह नहीं आयी और घर भी अकेले ही निकल गयी। कार्तिक को अदिति का ये बिहेव कुछ अजीब लगा। वह शाम में आकर उसकी ट्यूशन सेंटर के बाहर खड़ा हो गया। जैसे ही अदिति आयी कार्तिक ने अपनी स्कूटी उसके सामने लाकर रोक दी और अदिति की तरफ देखकर कहा,”बैठो”
अदिति चुपचाप आकर उसके पीछे बैठ गयी। कार्तिक उसे लेकर घर आया और दोनों छत पर चले आये। दोनों एक दूसरे के सामने खड़े थे , खामोश। कुछ देर बाद कार्तिक ने ही बात शुरू की और कहा,”सो कैसी रही तुम्हारी डेट ?”
“बहुत अच्छी इन्फेक्ट तुझे भी चलना चाहिए था , बहुत मजा आता”,अदिति सफ़ेद झूठ बोल गयी
“मैं वहा क्या करता ?”,कार्तिक ने कहा
“बस ऐसे ही , तेरे बिना कही जाने की आदत नहीं है ना मुझे”,अदिति ने खुद को नार्मल दिखाते हुए कहा
“मुझे कोई शौक नहीं है तेरी डेट में जाने का,,,,,,,,,,,,,,,,,,तू ही जा,,,,,,,,,,,डेट पे”,कार्तिक ने थोड़ा चिढ़ते हुए कहा
“इतना क्यों सड़ रहा है ? एक डेट पर ही तो गयी थी”,अदिति ने कहा
“कभी मेरे साथ गयी है,,,,,,,,,,,,डेट पर ?”,कार्तिक ने डेट शब्द पर जोर देते हुए कहा
“तूने कभी पूछा मुझे ?”,अदिति ने उसे गुस्से से देखते हुए पूछा
“यार तू हमेशा कहती रहती है , We are best friends तो कैसे पूछता ?”,कार्तिक ने झुंझलाकर कहा
“तो तूने ये भी तो नहीं बोला ना की मुझे लेकर तेरी फीलिंग्स है”,अदिति ने थोड़ा और गुस्से से कहा
“तुझे दिखता नहीं क्या ?”,कार्तिक ने कहा
“क्या ? नहीं तू बता क्या ? क्या नहीं दिखता मुझे ?”,अदिति ने कार्तिक पर लगभग चढ़ते हुए कहा। बेचारा कार्तिक एक तो ऐसे परेशान था उस पर अदिति का उसके करीब आना उसकी धड़कने तो जैसे बंद ही होने वाली थी। अदिति को अपने इतने करीब पाकर उसने अपने कदम पीछे लिए और कहने लगा
“यार पिछले 4 साल से रोज सुबह तुझे गुड़ मॉर्निंग विश करता आ रहा हु ,, जिंदगी में कभी अपने लिए एक कप चाय नहीं बनाई लेकिन तू जब घर आती है तब मैं खुद तेरे लिए कॉफी बनाता हूँ। मुझे नहीं पसंद है तेरे उस मेहता सर से ट्यूशन लेना लेकिन तेरे लिए ज्वाइन किया। तेरी पसंद नापसंद अब मेरी है , लव स्टोरी पढ़ना बिल्कुल पसंद नहीं था लेकिन तेरी फीलिंग्स समझने के लिए रोज पढता हूँ। तेरी मॉम को मॉम कहकर बुलाता हूँ। तेरे बर्थडे पर सबसे पहले मैं विश करता हूँ और उसके लिए जागता भी हूँ। तू आस पास होती है तो अच्छा लगता है मुझे , उस दिन भी जब तू डेट पर गयी तो नहीं अच्छा लगा मुझे,,,,,,,,,,आई नो मेरे पास KTM नहीं है लेकिन अपनी स्कूटी पर पूरा शहर घुमा सकता हूँ तुझे , महंगी वाली कॉफी भी पिला सकता सकता हूँ पैसे है मेरे पास।
“और ये सब बोलने के लिए तूने 3 साल वेट किया , तू पागल है क्या ? जो मुझे समझा रहा है वो खुद क्यों नहीं समझता ?”,अदिति ने हैरानी से लेकिन थोड़ा चिढ़ते हुए कहा
“फीलिंग्स है यार तेरे लिए लेकिन ये सब बोलकर मैं तुझे खोना नहीं चाहता था। जब तूने कहा की तू आदित्य के साथ डेट पर जा रही है तो पता नहीं क्यों मुझे ऐसा लगा जैसे तू हमेशा के लिए मुझसे दूर चली जाएगी”,कहते हुए कार्तिक की आँखों में आंसू भर आये
अदिति ने सुना तो एक चुभन सी अपने गले में महसूस हुई और उसने एक गहरी साँस लेकर कहना शुरू किया
“पापा की गाड़ी के बजाय मैं तेरी स्कूटी पर स्कूल जाती थी , मुझे आर्ट्स पसंद था पर कॉमर्स लिया ताकि तेरे साथ बैठ सकू। टिफिन में तेरे लिए एक्स्ट्रा खाना
लाती हूँ ताकि तेरे साथ बैठकर खा सकू। तू मेरी मॉम को मॉम बुलाता है आई नो पर तूने कभी नोटिस किया मैं तेरे डेड को पापा कहकर बुलाती हु।”
अदिति की बातें सुनकर कार्तिक हैरानी से उसे देखने लगता है तो अदिति आगे कहती है,”उस दिन जब तू दिव्या को घर छोड़ने जाने वाला था तब मैंने झूठ कहा की मैं बीमार हूँ और तू मुझे घर छोड़ने चला आया। अपनी हर छोटी से छोटी बात तेरे साथ शेयर करती हूँ , अपना पासवर्ड तक तुझसे शेयर किया है यार”
“मतलब ?”,कार्तिक को अभी भी कुछ समझ नहीं आ रहा था
“मतलब ? मतलब आई लव यू”,अदिति ने आँखों में आंसू भरते हुए कहा
“तू मजाक कर रही है ना ?”,कार्तिक को अभी भी अपने कानो पर यकीन ना हुआ हो जैसे। उसकी ये बात सुनकर अदिति चिढ गयी और गुस्से से कहा,”भाड़ में जा तू”
“अच्छा सॉरी सॉरी सॉरी वो बेस्ट फ्रेंड का ठप्पा लगा था ना इसलिए थोड़ा कन्फ्यूज था”,कार्तिक ने अदिति का हाथ पकड़कर उसे रोकते हुए कहा
“तो क्या बेस्ट फ्रेंड से प्यार नहीं हो सकता ? आई डोंट नो तू क्या सोचता है ? बट मुझे जिंदगीभर तेरे साथ रहना है , कोई प्रॉब्लम आएगी तो दोस्त बनकर सॉल्व कर लिया करेंगे। मैं कभी तुझसे KTM और बाइक्स के लिए भी नहीं कहूँगी हम जिंदगीभर तेरी उस पिंक स्कूटी पर ही घूमेंगे।”
कार्तिक ने सूना तो वह मुस्कुराया और अदिति का हाथ पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचते हुए गले लगा लिया और धीरे से कहा,”Some love story starts with good friendship”
अदिति ने भी उसे कसकर गले लगा लिया और आँखे मूंद ली। ठंडी हवाएं चल रही थी और दोनों एक दूसरे को गले लगाए खड़े रहे। अदिति के कमरे की खिड़की के पास स्टडी टेबल पर रखा और कागज जिस पर अदिति और कार्तिक का लव केलकुलेशन लिखा था हवा से बाहर उड़ गया। वह उड़ता रहा ऊपर ऊपर और ऊपर जैसे कह रहा हो – yes this is Love

Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ? Is This Love ?

समाप्त

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संजना किरोड़ीवाल

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