“हाँ ये मोहब्बत है” – 43
Haan Ye Mohabbat Hai – 43
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Haan Ye Mohabbat Hai – 43
दोपहर से शाम हो चुकी थी लेकिन घर के किसी सदस्य ने एक निवाला तक नहीं खाया था। अमर जी बालकनी की तरफ आये उन्होंने अपने मैनेजर को फोन किया और सभी घरवालों के लिए खाने का इंतजाम करने को कहा ताकि सबको थोड़ा थोड़ा खिला सके। अंधेरा होने लगा था लेकिन घर की लाइट्स बंद थी। विजय जी ने देखा तो वे उठे और कुछ लाइट्स जला दी। विजय जी जैसे ही घर के बाहर आये देखा रघु बाहर खड़ा रो रहा है।
विजय जी उसके पास आये और उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा,”मत रो रघु हम सबके आँसू बहाने से वो लौटकर नहीं आएगी”
“मालिक जब वो इस घर में पहली बार आयी थी तब मैंने उसे अपने हाथो से तोहफा दिया था , मुझे इस परिवार का हिस्सा समझकर मीरा दीदी ने वो तोहफा ख़ुशी ख़ुशी स्वीकार भी किया था। मेरी दी हुई मामूली सी पायल पहनकर बिटिया जब घर में घूमती थी तो उसकी पायलो की आवाज सुनकर मेरा मन खुश हो जाता था लेकिन अब मैं उस आवाज को कभी सुन नहीं पाऊंगा मालिक,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
वो अपनी मीठी सी आवाज में जब मुझे रघु भैया कहकर बुलाती थी तो मैं मुस्कुरा उठता था लगता था मेरा कोई अपना आवाज दे रहा है पर अब मुझे ये सुनने को नहीं मिलेगा मालिक”, रघु ने रोते हुए कहा
घर के नौकर के दिल में भी अमायरा के लिए इतनी भावनाये थी देखकर विजय जी का दिल भर आया उन्होंने रघु की पीठ सहलाते हुए कहा,”वो हम सबसे बहुत दूर चली गयी है रे रघु वो हम सबको छोड़कर चली गयी,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
विजय जी को उदास देखकर रघु ने अपने आँसू पोछे और कहा,”मीरा दीदी और अक्षत बाबा कैसे है ? वो ठीक है ना मालिक , वो इस दुःख से कैसे उबरेंगे ? महादेव उन्हें हिम्मत दे,,,,,,,,,,,,!!”
“वो दोनों इस वक्त बहुत तकलीफ में है , तू बाहर की लाइट जला दे मैं जरा बाकि सबको देखकर आता हूँ”,कहते हुए विजय जी अंदर चले आये।
अक्षत जीजू की गोद में सर रखे सो रहा था। दोपहर बाद उसे नींद आ गयी लेकिन नींद में भी उसके चेहरे पर दर्द बार बार उभर कर आ रहा था। सोये हुए अक्षत के जहन में बहुत सी बातें चल रही थी और फिर एकदम से उसे मीरा का थप्पड़ याद आया साथ ही मीरा की कही बात भी “आपकी वजह से हमने अपनी बेटी को खो दिया अक्षत जी,,,,,,,,,,,,,!!”
“मीरा,,,,,,,,,,,,,!!”,अक्षत चिल्लाकर उठा
“आशु , आशु क्या हुआ ?”,जीजू ने घबराये हुए स्वर में कहा
“मीरा , मीरा कहा है ? मुझे मीरा के पास जाना है , मैं मैं उसे देखकर आता हूँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए अक्षत उठा और विजय जी के कमरे से बदहवास सा बाहर निकल गया। सोमित जीजू उसके पीछे पीछे आये अक्षत उस कमरे के सामने आया जिसमे मीरा थी लेकिन उसके कदम दरवाजे पर ही रुक गए। उसका दिल जोरो से धड़कने लगा और आँखों में आँसू भर आये। सामने बिस्तर पर मीरा लेटे हुए थी उसके हाथ में ड्रिप लगी हुयी थी और मुंह पर ऑक्सीजन मास्क अक्षत अंदर नहीं जा पाया और वापस पलट गया तो सामना पीछे खड़े जीजू से हुआ।
अक्षत की आँखों में भरे आँसू बह गए और उसने दर्दभरे स्वर में कहा,”उसकी इस हालत का जिम्मेदार सिर्फ मैं हूँ जीजू , ये सब मेरी वजह से हुआ है,,,,,,,,,,,,,,,,,,मीरा मुझे कभी माफ़ नहीं करेगी जीजू”
अक्षत को रोते देखकर जीजू ने उसे अपने सीने से लगा लिया और अपनी आँखों में आये आंसुओ को वो खुद भी नहीं रोक पाए।
व्यास हॉउस में इस वक्त गम का माहौल था अमायरा के जाने का दुःख सबके चेहरो पर साफ नजर आ रहा था। अक्षत जहा अमायरा के गम में बेहाल था वही मीरा की तबियत बिगड़ने से उसे घर में ही एडमिट रखना पड़ा। सुबह से किसी ने खाना तो दूर एक कप चाय भी नहीं पीया था। दादू , विजय जी , अमर जी , अर्जुन हॉल में बैठे थे। नीता बच्चो को सम्हालने ऊपर चली गयी। तनु सोमित के साथ मिलकर अक्षत को सम्हालने लगी। रोते हुए अक्षत घर की सीढ़ियों पर बैठ गया उसका दुःख किसी से भी देखा नहीं जा रहा था।
तनु उठकर अक्षत के लिए पानी लेने चली गयी। वह किचन से पानी लेकर आयी तो उसे महसूस हुआ की बाकि सबके साथ साथ बच्चो ने भी सुबह से कुछ नहीं खाया है। पानी का ग्लास सोमित को थमाकर तनु किचन में चली आयी उसने सबके लिए चाय चढ़ाई। अमायरा के साथ बिताये पल उसकी आँखों के सामने घूमने लगे उसे ध्यान ही नहीं रहा और गैस पर रखी चाय उफन गयी
“दी सम्हलकर”,नीता ने जल्दी से गैस बंद करते हुए कहा तो तनु की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”मैं अमु के बारे में सोच रही थी,,,,,,,,,,,,,,,,उस मासूम ने किसी का क्या बिगाड़ा था ? अक्षत और मीरा इस वक्त कितनी तकलीफ में है नीता,,,,,,,,,,,,,,मुझसे उनका ये दुःख देखा नहीं जा रहा,,,,,,,,,,अमायरा के बिना वो दोनों कैसे जियेंगे ?”
“ना जाने भगवान इन दोनों की कितनी परीक्षाएं लेंगे दी,,,,,,,,,,,,,,,अमायरा उन दोनों की जिंदगी थी अब जब वो नहीं है तो इन दोनों को सम्हालना मुश्किल हो जाएगा।
देवर जी को हम सब सम्हाल लेंगे लेकिन एक माँ के लिए अपनी बच्ची को खोना सबसे बड़ा दर्द है दी,,,,,,,,,,,,,मीरा इस दर्द से कैसे निकल पायेगी ?”,कहते हुए नीता की आँखों में भी नमी तैर गयी।
“हम सब है ना तनु हम सब उसे सम्हालेंगे , उसे इस दर्द में अकेला नहीं छोड़ेंगे ,, तुम सबको चाय दे दो सुबह से किसी ने कुछ खाया नहीं है मैं जरा बच्चो को थोड़ा खिलाकर आती हूँ वो सुबह से भूखे है”,तनु ने अपने आँसू पोछते हुए कहा और बच्चो के लिए खाना लेकर वहा से चली गयी।
नीता ने चाय कप में छानी और लेकर हॉल में चली आयी उसने सबको चाय दी इस वक्त खाने पीने का किसी का बिल्कुल मन नहीं था लेकिन नीता ने फिर भी सबको चाय दी और ट्रे लेकर जीजू की तरफ आयी जीजू ने चाय का कप साइड में रखा और दुसरा कप अक्षत की तरफ बढाकर कहा,”ले थोड़ी चाय पी ले”
अक्षत सर झुकाये बैठा था उसने ना में अपनी गर्दन हिला दी। जीजू ने अक्षत के कंधे पर हाथ रखा और कहा,”थोड़ी सी पी ले आशु कल से तूने कुछ नहीं खाया है ,
मैं समझ सकता हूँ ऐसे हालातों में खुद को सम्हालना मुश्किल होता है लेकिन ऐसे तो तू खुद बीमार पड़ जाएगा,,,,,,,,,ले ये चाय पी ले”
“जब तक मैं मीरा से बात नहीं कर लेता मैं ठीक नहीं रहूंगा जीजू,,,,,,,,,,,,,,,मुझे एक बार उस से बात करनी है”,अक्षत ने सिसकते हुए अपना सर अपने घुटनो पर रख लिया।
हॉल में बैठे विजय जी ने सूना तो अक्षत की तरफ आये और उसके बगल में आ बैठे उन्होंने अक्षत की पीठ सहलाते हुए कहा,”जो चली गयी है मैं उसे वापस तो नहीं ला सकता लेकिन मैं वो खोना नहीं चाहता जो इस वक्त मेरे पास है ।
एक पिता होने के नाते मैं तुम्हारा दर्द समझ सकता हूँ बेटा लेकिन एक पिता होकर मैं अपने बच्चो को ऐसे तकलीफ में नहीं देख सकता। तुम्हे हिम्मत से काम लेना होगा अमायरा सिर्फ तुम्हारी ही बेटी नहीं थी , इस घर के हर सदस्य की उसमे जान बसती थी उसका चले जाना हम सबके लिए तकलीफदेह है बेटा। मीरा पर इस वक्त जो गुजर रही है उसका अहसास हम सबको है लेकिन इस वक्त उसे हम सब से ज्यादा तुम्हारी जरूरत है बेटा,,,,,,,,तुम ऐसे कमजोर पड़ जाओगे तो उसे कौन सम्हालेगा ? हिम्मत रखो हमारी अमायरा जिस दुनिया में बस खुश रहे”
विजय जी की बात सुनकर अक्षत ने नम आँखों के साथ अपना सर उनके कंधे पर टिका दिया। विजय काफी देर तक वही उसकी बगल में बैठे उसकी पीठ सहलाते रहे। कुछ देर बाद अमर जी का नौकर खाना लेकर आया अमर जी ने तनु और नीता से कहकर सबके लिए खाना लगवाया। ऐसे गम के माहौल में खाना भला किस के गले से नीचे उतरता लेकिन फिर भी सबने मुश्किल से एक दो निवाले अपने हलक से नीचे उतारे।
तनु ने दोनों बच्चो को खाना खिलाकर ऊपर अपने कमरे में ही सुला दिया , निधि भी बच्चो के पास ही रुक गयी।
नीता ने राधा से भी थोड़ा खाने को कहा लेकिन राधा तो एक पल के लिए भी मीरा को अकेले छोड़ना नहीं चाहती थी। वे मीरा के बगल में उसका हाथ थामे बैठी रही। नीता और तनु भी वही बैठ गयी सबके चेहरों से मुस्कुराहट गायब थी। दो दिन पहले व्यास हॉउस में कितनी चहल पहल थी और आज सन्नाटा पसरा हुआ था। मीरा के बगल में बैठी राधा को एकदम से अक्षत का ख्याल आया तो उन्होंने नीता से कहा,”नीता,,,,,,,,,,,,आशु कहा है ? उसने कुछ खाया या नहीं ?”
“देवर जी ने कल शाम से कुछ नहीं खाया हैं , अभी भी खाने से मना कर दिया माँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,उनका दर्द मुझसे देखा नहीं जा रहा है। इस घर में अमायरा सबसे ज्यादा देवर जी के करीब थी वो इस दुःख को सह नहीं पाएंगे माँ”,नीता ने कहा
“ना जाने इन बच्चो की जिंदगी में और कितना दर्द लिखा है,,,,,,,,,,,,मैं उसे देखकर आती हूँ”,राधा ने अपने आँसुओ को पोछकर उठते हुए कहा और वहा से चली गयी। नीता मीरा के पास आकर बैठी और उसका सर सहलाने लगी। कहने को वो मीरा की जेठानी थी लेकिन उसने मीरा को हमेशा अपनी बहन की तरह समझा और आज दुःख की घडी में वो मीरा के साथ थी।
अक्षत मीरा का ख्याल रखने को कहकर अमर जी रात में घर चले गए। राधा कमरे से बाहर आयी देखा अक्षत घुटनो पर अपना सर टिकाये सीढिये पर बैठा है। उसे तकलीफ में देखकर राधा की आँखों में आँसू भर आये। वे घर के मंदिर के सामने चली आयी और देखा आज मंदिर में शाम का दीपक नहीं जला है। अगले ही पल राधा की आँखों के सामने अमायरा के साथ बिताया वो पल आ गया जब कुछ दिन पहले अमायरा ने मंदिर में रखे भगवान का लड्डू खाते हुए कहा था “दादी माँ आप ही तो कहती है,,,,,,,,,,,,,,,बच्चे भगवान का रूप होते है”
“तुम सच में ईश्वर का रूप थी मेरी राजकुमारी,,,,,,,,,,,इसलिए उन्होंने इतनी जल्दी तुम्हे हम सबसे दूर कर अपने पास बुला लिया,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम्हे ऐसे नहीं जाना था , देखो तुम्हारे बिना इस घर में कोई खुश नहीं है। वापस आ जाओ अमायरा,,,,,,,,,,,,,,,,वापस आ जाओ”,कहते हुए राधा सिसकने लगी।
वे मंदिर की सीढ़ियों पर बैठ गयी और महादेव से प्रार्थना करते हुए आँसू बहाने लगी। विजय जी ने देखा तो वे राधा के पास आये और उसे सांत्वना देने लगे। राधा ने पूजा घर में दीपक जलाया और अक्षत के पास चली आयी।
राधा उसके बगल में आ बैठी और उसकी पीठ सहलाने लगी। राधा की छुअन से ही अक्षत उन्हें पहचान गया और अपना सर उनकी गोद में रख दिया। राधा उसकी पीठ सहलाती रही अक्षत खुद को नहीं रोक पाया और सिसकने लगा।
“बस कर बेटा हमारे आँसू बहाने से वो अब लौटकर नहीं आएगी , वो हम सब से बहुत दूर जा चुकी है बेटा”,राधा ने अक्षत का सर सहलाते हुए कहा
“मैं उसे नहीं बचा पाया माँ , मेरी वजह से वो हम सबसे दूर हो गयी,,,,,,,,,,,,,,,मैंने उस किडनेपर की बातो पर भरोसा किया उसे ढूंढने की कोशिश नहीं की,,,,,,,,,,,मुझे उसका ख्याल रखना चाहिए था माँ,,,,,,,,,,,,,बीते कुछ दिनों में वो मुझसे बात करना चाहती थी , मेरे साथ वक्त बिताना चाहती थी लेकिन मैं अपने काम में उलझा रहा मैंने उस पर ध्यान ही नहीं दिया। काश मैं समझ पाता की उसे मेरी जरूरत है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैंने उसे खो दिया माँ , मैंने उसे खो दिया ,मैं मीरा से किया वादा नहीं निभा पाया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं उसे उसकी अमायरा नहीं लौटा पाया , मीरा मुझे कभी माफ़ नहीं करेगी माँ,,,,,,,,,,,,,,कभी माफ़ नहीं करेगी”,अक्षत ने बच्चो की तरह रोते हुए कहा
उसके आँसू राधा की साड़ी को भिगाने लगे , वो आँसू झूठे नहीं थे , वो आँसू इस वक्त अक्षत के मन में हो रही असहनीय पीड़ा थे जो आँसुओ के रूप में बाहर आ रही थी। राधा ने आज से पहले अक्षत को इस तरह से रोते कभी नहीं देखा था। उसे अक्षत के लिए बहुत दुःख हो रहा था उन्होंने उसे अपने सीने से लगा लिया और कहने लगी,”इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है आशु , अमायरा का साथ हम सबकी किस्मत में बस इतना ही लिखा था।
अपने आप को सम्हालो बेटा,,,,,,,,,,,,,,,
मीरा एक माँ है ना इसलिए उसे तकलीफ ज्यादा हुई है पर तुम कमजोर मत पड़ना हम सब तुम दोनों के साथ है। अमायरा के जाने का दुःख हम सबको है वो हमेशा हम सब के दिलो में रहेगी , हमारी यादों में रहेगी। जो कुछ भी हुआ उसके लिए खुद को दोष मत दो बेटा उसका यू चले जाना सब ईश्वर की मर्जी थी। हिम्मत रखो सब ठीक हो जाएगा”
अक्षत ने कुछ नहीं कहा बस देर तक राधा की गोद में सर रखे सिसकता रहा।
उसकी आँखों के सामने बार बार बस अमायरा का चेहरा आ रहा था। राधा ने बहुत कोशिश की अक्षत को दो निवाले खिलाने की लेकिन अक्षत ने खाना नहीं खाया और ऊपर अपने कमरे में चला आया। कमरे में आते ही उसे फिर अमायरा के ख्याल आने लगे। कहने को वो कमरा अक्षत मीरा का था लेकिन उस कमरे के हर कोने हर दिवार पर अमायरा से जुड यादें थी।
अक्षत बिस्तर पर आ बैठा उसने तकिये के पास रखी अमायरा की गुड़िया को उठाया और उसे देख आँखों में आँसू भरकर कहने लगा,”मुझे माफ़ कर दो प्रिंसेज मैं तुम्हे नहीं बचा पाया , मैंने तुम्हारा ख्याल नहीं रखा , तुम मुझसे बात करना चाहती थी लेकिन मैंने तुम पर ध्यान नहीं दिया,,,,,,,,,,,,,,मुझे माफ़ कर दो अमु,,,,,,,,,,वापस आ जाओ प्लीज , तुम्हारे पापा को तुम्हारी जरूरत है , इस घर को तुम्हारी जरूरत है वापस आ जाओ,,,,,,,,,,!!”
अक्षत आगे कुछ बोल नहीं पाया रोने की वजह से उसका गला रुंधने लगा था उसने उस गुड़िया को कसकर अपने सीने से लगा लिया और आँखे मूँद ली कुछ पल के लिए ही सही अक्षत को लगा जैसे वो गुड़िया ना होकर उसकी अमायरा है। उसे अपने सीने से लगाए वह आँसू बहाता रहा लेकिन आज उसके आँसू पोछने के लिए ना उसकी प्रिंसेज उसके पास थी ना ही उसकी मीरा।
देर रात मीरा को होश आया। राधा ने देखा तो उसने अपने ईश्वर का शुक्रिया अदा किया। तनु और नीता भी वही थी दोनों ने मीरा को होश में आया देखा तो थोड़ी तसल्ली मिली।
“पानी,,,,,,,,,,,,,,!!”,मीरा ने आधी बेहोशी की हालत में कहा
“नीता पानी देना”,राधा ने कहा तो नीता ने टेबल पर रखे जग से ग्लास में पानी डालकर राधा को दे दिया। राधा मीरा के सिरहाने आयी उसे सहारा देकर पानी पिलाया और वापस लेटा दिया।
मीरा ने अपना ऑक्सीजन मास्क हटाया और कहा,”अमु कहा है माँ ? हमने बहुत बुरा सपना देखा,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,हमने देखा वो हम सबको छोड़कर जा चुकी है,,,,,,,,,,,,,,,,माँ हमे उसे देखना है वो कहा है ? उसे लेकर आईये हमे उस से मिलना है,,,,,,,,,,,,,,हमारा मन बहुत घबरा रहा है माँ प्लीज हमे हमारी बेटी से मिलने दीजिये,,,,,,,,,,,,,वो बहुत तकलीफ में है माँ”
कहते हुए मीरा रोने लगी। राधा ने उसे सम्हाला लेकिन राधा , तनु और नीता में से किसी में भी इतनी हिम्मत नहीं थी की वो मीरा को सच्चाई बता सके।
रोने से मीरा की साँसे उखड़ने लगी तो तनु ने तुरंत बाहर बैठी नर्स को बुलाया। नर्स ने आकर मीरा को ऑक्सीजन मास्क फिर से लगाया और उसे आराम करने को कहा ,मीरा को बस अमायरा की फ़िक्र थी उसे नहीं समझ आ रहा था कि उसे क्या हुआ है और वो ऐसे हालत में क्यों है ? अमायरा की मौत ने सीधा उसके दिमाग पर असर किया था। उसकी आँखों से आँसू बहकर कनपटी और तकिये को भिगाते रहे , आँखों के सामने अमायरा के साथ बिताये पल आने लगे।
उसका हसना , उसका खिलखिलाना , दिनभर घर में मीरा के पीछे पीछे घूमना , उसके ढेर सारे सवाल , उसका मुंह बनाना और कभी कभी मीरा के लिए उसका परवाह जताना,,,,,,,,,,,,,,,,उन सब बातो को याद कर मीरा को बहुत तकलीफ हो रही थी। वह अपनी बेटी को देखना चाहती थी लेकिन नहीं देख पा रही थी। मीरा ने अपनी आँखे बंद की और मुँह घुमा लिया , जिस दर्द से वो गुजर रही थी वो दर्द उसके चेहरे पर साफ दिखाई दे रहा था।
राधा उसका सर सहलाते हुए उसे सुलाने की कोशिश करने लगी। कुछ देर बाद मीरा को नींद आ गयी। राधा ने तनु और नीता से भी जाकर सोने को कहा और खुद वही मीरा के पास रुक गयी।
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क्रमश – Haan Ye Mohabbat Hai – 44
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संजना किरोड़ीवाल
Ammu to wapis nahi aa sakti lekin jisne bi usko maara hai use bilkul mt chodna aur mujhe lagta ha ki kahi na kahi wo shub hi hai usne hi ammu ko mara hai akshat se apni dushmani ke chalte use Mt chodna dii plzzz
Pata nahi kyu par mujhe asa lag raha hai ki vo ladki ho akshat ko mile hai vo Amaraya hai he nahi bhagwan kare ki yeh sach ho Jaye main Akshat aur Mira ka dukh aur nahi dekh paungi.
Kya amu wapas nhi aa sakti
Meera ye sabh sambal payegi
Akshat pata laga payega ye kisne Kiya h
Akshat ke liye Uski family, Meera aur Amaira hi sab kuch hai aur Amaira ke jane se voh toot sa gaya aur usse sambhal ne ke liye Meera ki condition bi tikh nahi hai aur Meera Amaira ke janne se apne aap ko samja nahi pa rahi hai Amu hamesha ke liye chale gaya…Amu ke janne ghar me andhera sa cha gaya sab usse bahut yaad karre raha aur kisi se bi Meera aur Akshat ka dukh nahi dekha jaraha hai…
😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭
Kash ye sab ek sapna hota💔😞😭
Dii please yrr ab aur unka dukh saha nhi ja raha padte padte aankho se aansu aa jate hai aur pichle 2 season yaad aate hi dil mai ek tees si uth jati ki akshat aur meera ki aage ki story aisi hogi jise kabhi expect nhi kiya tha isse acha toh season 2 ke baad ye season aata hi nhi atleast dil mai ek tasali si rehti ki akshat meera aur amaira ek happy family ki trah hai mujhe nhi pta aap itna dukh bhra part kyu likh rhi hai please sab thik kr do na dii😭please amayra shi salamat ho😭
Aap janti ho na dii is story se kitne sare emotions jude huye hai season 1 maine jis feeling ke saath pda hai ab woh feeling nhi hogi kyu ek wahi season tha jise mai 2020 se na jane kitni baar pad chuki hu aur jitni baar bhi pda hai ek alag ho feeling aati thi us story mai😞but ab nhi aayegi ye sochkar ki unki aage ki story aisi hogi😭
Padhate 2 aankho me aansu a gaye aapko amaira ko nahi marna chahiye ab achat or mera kese rah payenge aamu ki bina ammu ko shubh ne mara hai chavi ke sath rep bhi shubh ne kiya hoga kash ammu ko kuch n hua ho vo sahi wapas mil jaye
Bhut hi dard bhara part mam 😭😭😭😭😭😭 Kash ye sab kisi ka ek Sapna lge aur koi aaye to khe ki amayra jinda h please us choti si bacchi ko wapas le aao vo to Akshat meera ki jaan h please use wapas le aao bhut taklif me h dono
Very emotional part 😭
bahut rulaya. aapne llast two parts se nahi sahan ho raha
Bhut hi jyaada rula rhi ho maam
Bacche ka jana ma baap k liye ashaniye hota h…amu to Vyas pariwar ki jaan thi…kya mila us kamine ko ye ab kr k,..
Mere aasu hi nhi ruk rhe hh 2 din phle amarya ki death padhk thi ab wapis aayi hu … Himmat hi nhi ho rhi hh 😞😞😞😞