Sanjana Kirodiwal

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हाँ ये मोहब्बत है – 23

Haan Ye Mohabbat Hai – 23

Haan Ye Mohabbat Hai - Season 3
Haan Ye Mohabbat Hai – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

सौंदर्या ने जैसे ही अख़बार में अमर जी के एक्सीडेंट की खबर देखी उसके चेहरे का रंग उड़ गया। बीती रात उसी ने अपनी गाड़ी से अमर जी को टक्कर मारी थी और मरा हुआ जानकर वहा से चली गयी थी लेकिन उसने सोचा नहीं था अमर जी जिन्दा होंगे। सौंदर्या का दिल तेजी से धड़कने लगा और हाथ काँप रहे थे। अगर अमर जी बच गए और उन्होंने सबको सच बता दिया तो उसका बना बनाया खेल बिगड़ जाएगा।

सौंदर्या परेशानी में यहाँ वहा घूमने लगी उसने विवान सिंह को फोन लगाया लेकिन फ्लाइट में होने की वजह से उनका फोन बंद था। सौंदर्या झुंझलाते हुए जैसे ही पलटी सामने से आते वरुण से टकरा गयी। वरुण को वहा देखकर सौंदर्या को और ज्यादा हैरानी हुई और उसने कहा,”तुम ? तुम भाईसाहब के साथ वापस नहीं गए ?”


“मुझे यहाँ देखकर खुश होने के बजाय आपके चेहरे का रंग क्यों उड़ा हुआ है भुआ ? हाँ मैं डेड के साथ नहीं गया , एक्चुअली ये शहर मुझे काफी इंट्रेस्टिंग लग रहा है तो सोचा क्यों ना कुछ दिन और रूककर ये शहर एक्सप्लोर कर लू”,वरुण ने सौंदर्या के जले पर नमक छिड़कते हुए कहा  
सौंदर्या जबरदस्ती मुस्कुराई और कहा,”हाँ हाँ क्यों नहीं वरुण ये भी तुम्हारा ही घर है,,,,,,,,,,,,,,,,,तुम जब तक चाहो तब तक यहाँ रह सकते हो।”


वरुण ने कुछ नहीं कहा वह सोफे पर आकर बैठा और सामने रखा अख़बार उठाया जैसे ही उसने अमर जी के एक्सीडेंट की खबर पढ़ी घबराकर सौंदर्या के पास आकर कहा,”भुआजी क्या आपने आज का अख़बार पढ़ा ? इसमें खबर छपी है कि ताऊजी का एक्सीडेंट हो गया है , ये सब कैसे हुआ ?”
“ये तुम क्या कह रहे हो ? दिखाओ ज़रा”,कहते हुए सौंदर्या ने वरुण के हाथ से अख़बार लिया और उसमे छपी खबर देखकर कहा,”ये कब हुआ ?

भाईसाहब की ये हालत,,,,,,,,,,,,,,,,,ये सब किसने किया होगा ? वरुण अभी मेरे साथ हॉस्पिटल चलो।”
सौंदर्या कहते हुए रोआँसा हो गयी और उसकी आँखों में आँसू भर आये।  वरुण कुछ कहता इस से पहले ही अपने कमरे से बाहर आती मीरा ने सौंदर्या की बात को सुन लिया और उनके पास आकर कहा,”हॉस्पिटल ? आप लोग हॉस्पिटल क्यों जा रहे है ? क्या हुआ है वरुण सब ठीक है ना ?”
सौंदर्या वरुण को रोकती इस से पहले ही वरुण बोल पड़ा,”मीरा दी , कल रात ताऊजी का एक्सीडेंट हो गया है

अभी वो jk लॉन हॉस्पिटल में एडमिट है। अख़बार में खबर छपी है किसी ने उन्हें मारने की कोशिश की है।”
मीरा ने सूना तो उसे अपने कानो पर यकीन नहीं हुआ। उसका दिल भर आया और सांसे तेजी से चलने लगीं। अमर जी का हँसता मुस्कुराता चेहरा उसकी आँखों के सामने आने लगा। किसी ने अमर जी को मारने की कोशिश की है सुनकर ही मीरा की आधी जान निकल गयी    
मीरा अवाक् सी वरुण को देखते रही उसकी आँखों में आँसू भर आये और उसने रोते हुए वरुण से कहा,”हमे पापा के पास जाना है वरुण , क्या तुम हमे वहा लेकर चलोगे ?”


“आईये दी,,,,,!!”,वरुण ने कहा और मीरा उसके साथ चल पड़ी
सौंदर्या ने देखा मीरा और वरुण के जाने से कही हॉस्पिटल में कोई गड़बड़ ना हो जाये सोचकर उसने उन्हें रोकने के लिए आवाज दी लेकिन दोनों ने ही सौंदर्या की बात पर ध्यान नहीं दिया और वहा से निकल गए। सौंदर्या गुस्से से अपने पैर पटककर रह गयी।

घर से बाहर आकर वरुण ने मीरा के लिये गाड़ी का दरवाजा खोला और खुद ड्राइवर सीट पर आकर बैठ गया। मीरा की आँखों से आँसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे। उसकी आँखों के सामने अमर जी के साथ बिताया एक एक पल किसी फिल्म की भांति चल रहा था। मीरा के हाथ कांप रहे है देखकर वरुण ने अपना हाथ उसके हाथ पर रखा और कहा,”रिलेक्स दी , ताऊजी को कुछ नहीं होगा।”


“देखो ना वरुण ! ये दर्द हमारी जिंदगी से जाने का नाम नहीं ले रहा,,,,,,,,,,,,,,,,अगर पापा को कुछ हो गया तो हम,,,,,,,,,,,,!!”,मीरा कहते कहते रो पड़ी आगे के शब्द उसके गले में ही अटक गए।
वरुण ने गाड़ी धीरे की और पानी की बोतल मीरा की तरफ बढाकर कहा,”दी पानी पीजिये और शांत हो जाईये। हम लोग हॉस्पिटल जा रहे है ना आई होप ताऊजी ठीक होंगे और खतरे से बाहर होंगे।”


मीरा ने बोतल ली दो घूंठ पानी पीया और फिर बोतल वापस वरुण की ओर बढाकर कहा,”लेकिन हमे समझ नहीं आ रहा आखिर पापा के साथ ये सब किसने किया होगा ? उनकी तो किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। जाने से पहले उन्होंने भुआजी से कहा था कि वो जल्द ही लौट आएंगे लेकिन ऐसे आएंगे ये किसी ने नहीं सोचा था।”
मीरा की बात सुनकर वरुण ने सामने देखते हुए कहा,”जब दुश्मन घर में ही हो तो बाहर वालो से क्या डरना दी ?”


“हम कुछ समझे नहीं,,,,,,,,,,,,,,!!”,मीरा ने असमझ की स्तिथि में पूछा
“कुछ नहीं दी,,,,,,,,,थोड़ी देर में हम लोग हॉस्पिटल पहुँच जायेंगे।”, वरुण ने कहा और गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी  
मीरा नम आँखों से खिड़की के बाहर देखने लगी। वरुण ख़ामोशी से गाड़ी चलाता रहा कही ना कही वरुण इन सब के पीछे की वजह जानता था लेकिन बिना किसी सबूत के वह कुछ बोल भी नहीं सकता था। कुछ देर बाद गाड़ी आकर हॉस्पिटल के बाहर आकर रुकी वरुण ने गाड़ी को साइड में लगाया और मीरा को साथ लेकर अंदर चला आया।

रिसेप्शन पर आकर मीरा ने अमर जी के बारे में पूछा तो लड़की ने कहा,”3rd फ्लोर ICU में चले जाईये।”
“थैंक्यू,,,,,,,,,,,आईये दी”,वरुण ने कहा और लिफ्ट की तरफ बढ़ गया।  
मीरा और वरुण के अलावा उस लिफ्ट में एक शख्स और था जिसने काले रंग का कोट पहना था और साथ में उसी कोट की केप लगा रखी थी जिस से सिर्फ उसके होंठ नजर आ रहे थे बाकि चेहरा ढका हुआ था। मीरा ने उस आदमी पर ध्यान नहीं दिया उसे बस अमर जी की चिंता थी।

वरुण ने देखा मीरा उस आदमी  आदमी के बगल में खड़ी है तो उसने मीरा को अपनी तरफ आने को कहा और खुद मीरा की जगह आ गया। आदमी ने इस पर कोई प्रतिक्रया नहीं दी बल्कि वह ख़ामोशी से लिफ्ट में खड़ा रहा। लिफ्ट तीसरी मंजिल पर आकर रुकी। लिफ्ट के दरवाजे खुले वरुण लिफ्ट से बाहर आया और उसके पीछे मीरा ,  चलते चलते मीरा जैसे ही उस आदमी के सामने से गुजरी आदमी ने मीरा के हाथ को बड़ी नजाकत से छुआ।

वरुण आगे बढ़ गया और मीरा ने जैसे ही पलटकर लिफ्ट में खड़े आदमी को देखा आदमी ने अपने कोट का केप सर से हटाकर पीछे कर दिया। उसे देखते ही मीरा की आँखे फटी की फटी रह गयी और धड़कने धोकनी सी तेज चलने लगी। मीरा के चेहरे पर डर और खौफ के भाव झलकने लगे वह कुछ कहती इस से पहले ही लिफ्ट के दरवाजे वापस बंद हो गए और लिफ्ट नीचे चली गयी।

मीरा का दिल अभी भी तेजी से धड़क रहा था वह कुछ बोलने की स्तिथि में नहीं थी बस फटी आँखों से लिफ्ट के बंद दरवाजो को देखे जा  रही थी उसकी आँखों के सामने बार बार उस आदमी का चेहरा और गुस्से से जलती आँखे आ रही थी।  
“दी क्या हुआ , आप यहाँ क्यों खड़ी है ?”,वरुण ने आकर तो मीरा की तंद्रा टूटी वह चौंकते हुए पलटी और कहा,”वो वहा , वहा शु,,,,,,,,,,,,,,!!!”


 मीरा आगे कुछ कहती और वरुण समझ पाता इस से पहले ही डॉक्टर आशुतोष ने कहा,”मिस्टर वरुण,,,,,,,,,!!”
मीरा और वरुण ने एक साथ पलटकर देखा और डॉक्टर के पास चले आये
“हमारे पापा कैसे है ? हमे उनसे मिलना है कहा है वो ?”,मीरा ने तड़पकर तड़पकर पूछा
“मेरे साथ आईये,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए डॉक्टर आशुतोष वरुण और मीरा को लेकर ICU में लेकर आया और शीशे के इस पार ही रोक दिया।

कुछ ही दूर  मशीनों से घिरे अमर जी बिस्तर पर लेटे थे। मशीन पर उनकी धड़कने काफी धीमे चल रही थी वे होश में नहीं थे। सर और पाँव पर पट्टिया बंधी थी। खून से लथपथ और चेहरे पर नील के निशान थे। मीरा ने अमर जी को इस हालत में देखा तो  उसकी आँखों से आँसू बहने लगे। उसने रोते हुए कहा,”डॉक्टर क्या हम उनसे मिल सकते है ? उनके पास जा सकते है ? हमे एक बार उनसे बात करनी है प्लीज”


“आई ऍम सॉरी लेकिन अभी आप उनसे नहीं मिल सकती , उनकी हालत अभी बहुत क्रिटिकल है और इंफेक्शन का ख़तरा भी है। आप मेरे साथ मेरे केबिन में आईये”,आशुतोष ने कहा और वरुण मीरा के साथ icu से बाहर बढ़ गया। वरुण आशुतोष के साथ आगे बढ़ गया लेकिन मीरा अभी भी वही खड़ी रोते हुए अमर जी को देखे जा रही थी। अमायरा को मीरा पहले ही खो चुकी थी और अब अमर जी को इस हाल में देखकर उसका दिल बैठा जा रहा था। वरुण ने देखा मीरा अभी भी वही खड़ी है तो वह उसके पास आया और कहा,”दी ! चलिए”


“वरुण , हमारे पापा,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए मीरा की आँखों से आँसू फिर बहने लगे इस बार वरुण खुद को नहीं रोक पाया और उसने मीरा को गले लगाते हुए कहा,”सब ठीक हो जाएगा दी , हम सब है ना ताऊजी को कुछ नहीं होगा,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
वरुण समझा बुझाकर मीरा को अपने साथ ICU से बाहर ले आया और दोनों ड्रॉक्टर आशुतोष के केबिन में चले आये।  

अख़बार में अमर जी के एक्सीडेंट की छपी खबर पुरे इंदौर शहर में आग की तरह फ़ैल गयी। शहर के बड़े बड़े बिजनेसमैन अमर जी का हाल-चाल लेने हॉस्पिटल आने लगे जिस से हॉस्पिटल में भीड़ बढ़ गयी। मिडिया वाले हॉस्पिटल के बाहर जमा होने लगे और देखते ही देखते हॉस्पिटल के बाहर लोगो का जमावड़ा लग गया। हैरानी की बात ये थी कि रोजाना का अख़बार घर के हॉल की टेबल पर रखा था लेकिन आज का अख़बार घर में किसी ने देखा ही नहीं था इसलिए किसी को अमर जी के बारे में पता नहीं था।

चाइल्ड होम में अपने केबिन में बैठा अखिलेश आज सुबह सुबह रजिस्टर चेक कर रहा था। लड़का सुबह की चाय के साथ अख़बार भी रखकर चला गया। अखिलेश ने अख़बार उठाया और खोलकर देखा तो आँखे हैरानी से अखबार पर जम गयी। अमर जी के एक्सीडेंट की खबर पढ़कर अखिलेश को सबसे पहले मीरा का ख्याल आया। उसने अपना फोन उठाया और मीरा का नंबर डॉयल किया रिंग जाती रही लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया।

अखिलेश ने एक बार फिर कोशिश की लेकिन इस बार भी किसी ने फोन नहीं उठाया। अखिलेश ने फोन साइड में रखा और अख़बार मोड़कर रखते हुए बड़बड़ाया,”मीरा मैडम के पापा का एक्सीडेंट हो गया पता नहीं मैडम पर इस वक्त क्या गुजर रही होगी ? कुछ दिन पहले ही तो उन्होंने अपनी बेटी को खोया है और अब ये एक्सीडेंट,,,,,,,,,,,,,मीरा मैडम इस वक्त अकेली होंगी , ये खबर सुनकर तो वो बिल्कुल टूट गयी होगी।

मुझे इस वक्त उनके पास होना चाहिए,,,,,,,,,,,,,आखिर  मेरे सिवा अब उनका है ही कौन ?”
अखिलेश बैठा बैठा खुद में ही बड़बड़ाता रहा और उसकी चाय ठंडी हो गयी। वह उठा और अपना फोन और गाड़ी की चाबी लेकर चाइल्ड होम से निकल गया। चाइल्ड होम मीरा के बाद अखिलेश ही सम्हालता था इसलिए चाइल्ड होम का कोई भी स्टाफ अखिलेश से कभी सवाल नहीं करता ना ही कुछ पूछता।

अखिलेश का जब मन होता वह आता और जाता पर मजाल है कोई सवाल करे,,,,,,,,,,,,,,,,अगर कोई सवाल करता भी तो अखिलेश उसे उठाकर चाइल्ड होम के बाहर फेंक दिया करता था। अखिलेश के जाने के बाद लड़का आया और ठंडी चाय का कप लेकर जैसे ही केबिन से निकला वहा काम करने वाले पारीक जी ने पूछ लिया,”क्या बात है आज अखिलेश जी ने चाय नहीं पी , चाय अच्छी नहीं बनी है क्या ?”


“चाय तो अच्छी है लेकिन सर इसे पिये बिना ही जल्दी में निकल गए ,, काफी परेशान दिख रहे थे शायद कुछ हुआ हो ?”,लड़के ने अनुमान लगाते हुए कहा
“कुछ हुआ भी है तो हमे कैसे पता चलेगा ? हम सब तो बस यहाँ काम करने वाले गुलाम है,,,,,,,,,,,,!!”,कहकर पारीक जी हसने लगे और वहा से चले गए।  

डॉक्टर आशुतोष अपने केबिन में आये उन्होंने मीरा और वरुण से बैठने को कहा और खुद बालकनी में चली गए। आशुतोष ने बालकनी का दरवाजा बंद किया जिस से उसकी आवाज अंदर बैठे वरुण और मीरा तक ना पहुंचे। आशुतोष ने किसी का नंबर डॉयल किया और फोन उठाने के बाद गुस्से से कहा,”आखिर तुम चाहते क्या हो ? मैंने तुमसे साफ कहा था कि ये बात बाहर नहीं जानी चाहिए और तुमने अखबारों में छपवा दिया,,,,,,,,,,,,,,,तुम पागल हो गए हो क्या ?”


“रिलेक्स डॉक्टर , मैंने जो किया वो बहुत सही किया जल्दी ही तुम मेरे एक्शन का रिएक्शन देखोगे,,,,,,,,,,,मार्किट में इस खबर का आना बहुत जरुरी है ताकि ये मार्किट में अक्षत व्यास की हार से लोगो का ध्यान हट जाये।”
“इस से तुम्हे क्या मिलेगा ? और तुम्हे इस से क्या फर्क पड़ता है तुम उसके दोस्त हो या दुश्मन ?”,आशुतोष ने खीजते हुए कहा


“दोनों,,,,,,,,,,,,,,,,मैं नहीं चाहता इस वक्त मार्किट में उसकी और इज्जत खराब हो उसे पूरा नंगा करने के लिए उसके पास थोड़ी इज्जत का होना जरुरी है न”,आदमी ने नफरत भरे स्वर में कहा
“वो सब तुम जानो लेकिन मुझे ये बताओ अब मैं क्या करू ? हॉस्पिटल के बाहर मिडिया वालो की भीड़ लगी है और हॉस्पिटल के अंदर उनसे मिलने वालो की उन सबको क्या जवाब दू मैं ?”,आशुतोष ने परेशानी भरे स्वर में कहा  


“एक घंटे बाद मिडिया के सामने जाना और कहना ‘मिस्टर अमर प्रताप सिंह’ को एक्सीडेंट की वजह से पेरलाइज का अटैक आया है इस वक्त ना वो किसी से मिल सकते है ना ही कुछ बताने की हालत में है।”,आदमी ने कहा
“व्हाट ? पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है”,आशुतोष ने हैरानी से दबी आवाज में कहा
“नहीं है तो हो जाएगा,,,,,,,,,,,,,,,मैं जो कह रहा हूँ वो करो वरना तुम्हारी डॉक्टरी खतरे में आ जाएगी,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहकर आदमी ने फोन काट दिया


डॉक्टर आशुतोष ने फोन जेब में रख लिया , उनके माथे से पसीने की बुँदे टपकने लगी  
आशुतोष ने जेब से रुमाल निकाला और ललाट पोछकर अंदर चला आया। वरुण और मीरा आशुतोष का ही इंतजार कर रहे थे। आशुतोष आकर अपनी कुर्सी पर बैठा तो वरुण ने कहा,”डॉक्टर क्या हुआ है बड़े पापा को ? और ये एक्सीडेंट कैसे हुआ ? आई मीन ये सिर्फ एक्सीडेंट ही है या किसी ने जान बूझकर उन्हें नुकसान पंहुचाने के लिए,,,,,,,,,,,,,!!”


“कल देर रात अमर जी को एम्बुलेंस यहाँ लेकर आयी थी उनकी हालत काफी क्रिटिकल थी और अब भी है। उनकी कुछ ही सांसे बची थी और उन्हें तुरंत सर्जरी की जरूरत थी इसलिए सीनियर डॉक्टर्स ने फैसला करके उनकी सर्जरी की,,,,,,,,,,सर्जरी के बाद वे खतरे से बाहर है लेकिन,,,,!”,आशुतोष कहते कहते रुक गया
“लेकिन क्या डॉक्टर ?”,इस बार मीरा  ने बेचैनी भरे स्वर में पूछा


“सर्जरी के बाद से ही उन्हें अब तक होश नहीं आया हैं , अगर 24 घंटो तक उन्हें होश नहीं आता है तो वे कोमा में जा सकते है या उनका शरीर पैरालाइज भी हो सकता है।”,आशुतोष ने अफ़सोस भरे स्वर में कहा
मीरा ने सूना तो उसकी आँखों से आँसू फिर बहने लगे , जिंदगी ये कैसे कैसे रंग दिखा रही थी उसे। मीरा को रोते देखकर आशुतोष ने कहा,”हिम्मत रखिये हमारी टीम पूरी कोशिश कर रही है बाकि सब उपरवाले के हाथ में है।”


मीरा ने सूना तो वहा से उठकर कमरे से बाहर चली गयी , वरुण ने कुछ देर डॉक्टर से अमर जी को लेकर बातचीत की और फिर उनके साथ ही केबिन से बाहर चला आया। मीरा केबिन के बाहर पड़ी बेंच पर बैठी थी , उसकी आँखों में अभी आँसू थे जिन्हे मीरा ने बहुत हिम्मत से रोका हुआ था। अपने पापा को आज इस हाल में देखकर मीरा का दिल टूट सा गया था।

वरुण और डॉक्टर अभी बात कर ही रहे थे की तभी लिफ्ट से बाहर आते हुए सौंदर्या ने रोना पीटना शुरू कर दिया,”अरे ! आये हाय क्या होगा मेरे भाईसाहब को ? किसने किया ये सब ? आखिर मेरे भाईसाहब ने उसका क्या बिगाड़ा था जो उसने उनका ये हाल कर दिया। भाईसाहब,,,,,,,,,,,,,,,इस से अच्छा होता ये सब मेरे साथ हो जाता , अब मैं भाभी को क्या जवाब दूंगी ?”


“ये कौन है और इतना शोर क्यों मचा रही है ? प्लीज इनसे कहिये थोड़ा धीरे बोले ये ICU वार्ड है।”,आशुतोष ने वरुण से कहा और वहा से चला गया।
वरुण सौंदर्या के पास आया और कहा,”भुआ जी ये क्या रही है आप ? ऐसे शोर क्यों मचा रही है ये हॉस्पिटल है,,,,,,,,,,,,,!!”
वरुण की बात सुनकर सौंदर्या चुप हो गयी और सीधा मीरा के पास चली आयी।

सौंदर्या को वहा देखते ही मीरा उनके गले आ लगी और कहा,”देखिये ना भुआ जी ये सब क्या हो गया ? आज पापा इस हालत में है,,,,,,,,,,,,,,,!!”
सौंदर्या ने मीरा का सर सहलाया और कहा,”शांत हो जाओ मीरा कुछ नहीं होगा भाईसाहब को वो ठीक हो जायेंगे”
मीरा ने कुछ नहीं कहा बस सौंदर्या के गले लगकर सिसकती रही। सौंदर्या की नजर ICU वार्ड पर चली गयी और उसने मन ही मन कहा,”अच्छा हुआ मैंने सही वक्त पर आकर सब सम्हाल लिया ,

अब बस भाईसाहब कुछ बोले उस से पहले मुझे हमेशा हमेशा के लिये भाईसाहब का मुँह बंद करना है।”
सौंदर्या के इरादों से अनजान मीरा अब भी सौंदर्या को अपना समझ रही थी। वरुण ने सौंदर्या और मीरा को देखा और वहा से चला गया।

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