A Woman
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A Woman by Sanjana Kirodiwal
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A Woman
19 साल की करुणा दिखने में जितनी खूबसूरत थी उतनी ही सीधी साधी भी थी l घर में सबकी चहेती करुणा बहुत ही खुशमिजाज लड़की थी l कॉलेज में वह मन लगाकर पढ़ाई करती और सबसे हंसी मजाक करती थी l उसकी ही क्लास का एक लड़का राहुल उसे बहुत पसंद करता था और हर वक्त उसे देखा करता था l
पर करुणा से कुछ कहने की कभी उसकी हिम्मत नहीं हुई l एक दिन कॉलेज की छुट्टी के बाद जब करुणा अपनी सहेलियों के साथ घर जाने लगी तभी राहुल आया और सबके सामने उसने करुणा को परपोज़ कर दिया l करुणा भी राहुल को दिल ही दिल में पसंद करती थी इसलिए उसने हां कह दी और यहाँ से दोनों के प्यार की शुरुआत हुई l
करुणा और राहुल घंटो एक दूसरे से बातें करते , कॉलेज में साथ साथ घूमते l धीरे धीरे उनका प्यार परवान चढ़ने लगा l करुणा इस रिश्ते को लेकर जितना गंभीर थी राहुल उतना ही बेफिक्र l करुणा के साथ होने के बाद भी कॉलेज की दूसरी लड़कियों पर उसकी नजर रहती l करुणा के होते हुए भी उसने कॉलेज की एक और लड़की से दोस्ती कर रखी थी , करुणा को ये सब अच्छा नहीं लगता था लेकिन वह राहुल से बहुत प्यार करती थी और उस पर भरोसा भी बहुत करती थी l इसलिए हमेशा इग्नोर कर देती l
कॉलेज के तीन साल कब गुजर गए पता ही नहीं चला l करुणा घर पर रहने लगी उसका राहुल से मिलना कम हो गया लेकिन फोन पर अक्सर दोनों की बातें हो जाया करती थी उधर राहुल ने एक कोचिंग सेंटर ज्वाइन कर लिया वहा वंदना नाम की लड़की से उसकी मुलाकात हुई l राहुल एक फेक लड़का था वह बस नयी नयी लड़कियों से प्यार दोस्ती का नाटक करता और जब मन भर जाता तो किसी और की तलाश में निकल जाता l करुणा को उसकी नियत का कुछ पता नहीं था l
राहुल दिखने में भी स्मार्ट और रिच था लड़किया उस पर खुद ही मर मिट ती , यही हाल वंदना का था वह भी राहुल की बातो और अदाओ की दीवानी हो गयी और दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे l वंदना के साथ रहकर राहुल अब करुणा को भूलने लगा था , वह उस से बहुत कम बात करता था l उधर करुणा राहुल के बदले स्वभाव से परेशान थी एक शाम उसने राहुल को फोन लगाया और कहा ,”क्या बात है ? राहुल , मैं देख रही हु इन दिनों तुम मुझसे कटे कटे से रहने लगे हो ?”
“करुणा its over , मैं अब तुमसे नहीं बल्कि वंदना से प्यार करता हु l मुझे भूल जाओ और आज के बाद मुझे फोन मत करना”,दूसरी तरफ से राहुल ने सख्ती से कहा l
“तुम ऐसा कैसे कर सकते हो राहुल ? तुम तो मुझसे प्यार करते थे l तुमने शादी का वादा भी किया था ऐसा मत करो राहुल मैं तुमसे बहुत प्यार करती हु l “,करुणा फोन पर रो पड़ी
“करुणा मैं अब सिर्फ वंदना से प्यार करता हु और उसी से शादी करूंगा l बाय !”,कहकर राहुल ने फोन काट दिया lकरुणा के हाथ से फोन गिर गया वह फूटफूट कर रोने लगी l
इस हादसे के बाद वह बुरी तरह टूट गयी न किसी से ज्यादा बात करती ना ही घर से बाहर निकलती l घरवालों के सामने भले हंसती मुस्कुराती रहती लेकिन अंदर ही अंदर उसे राहुल की याद सताती रहती l कुछ दिन बीते और फिर करुणा के घरवालो ने करुणा के लिए रिश्ता देखना शुरू कर दिया l पापा को एक लड़का पसंद आया जिसका नाम मनीष था और वह एक प्राइवेट कम्पनी में काम करता था l करुणा से पूछने पर उसने बिना कुछ कहे अपनी सहमति दे दी l राहुल के दिए जख्म अभी भी ताजा थे पर करुणा उन जख्मो पर शादी की हल्दी लगना चाहती थी l
सगाई हो गयी और कुछ दिन बाद करुणा शादी करके अपने ससुराल भी आ गयी l मनीष के घरवालों ने उसका खूब धूमधाम से स्वागत किया l घर में सास ससुर मनीष के अलावा एक छोटा देवर भी था l उनके खिले हुए चेहरे देखकर करुणा के दिल को थोड़ी तसल्ली मिली l शादी की सभी रस्मे ख़त्म होने के बाद करुणा को उसके कमरे मे भेज दिया गया l करुणा ने देखा कमरा दुल्हन की तरह सजा हुआ है l मनीष के साथ उसकी जिंदगी की नई शुरुआत होने वाली थी , उसे अपने बीते कल के बारे में बताये या न बताये यही सोचकर उसका मन घबरा रहा था l
कुछ देर बार मनीष कमरे में आया उसने करुणा की तरफ देखा तक नहीं और जाकर सो गया l करुणा को कुछ समझ नही आया आखिर मनीष ने ऐसा क्यों किया ? सारी रात उसने इसी सोच में गुजार दी l सुबह भी जब मनीष ने उसे नजरंअदाज किया तो करुणा ने पूछ लिया करुणा के पूछने की देर थी की मनीष उस पर बरस पड़ा और उसके और राहुल के रिश्ते के बारे में सवाल करने लगा l करुणा के पांव तले से जमीन खिसक गयी आखिर मनीष को ये सब कैसे पता ?
उसने हिम्मत करके मनीष ने पूछा तो मनीष ने बीती रात घटी घटना बता दी जब राहुल ने खुद उसे फोन करके ये सब बताया l मनीष वहा से चला गया लेकिन करुणा एक बार फिर फुट फुट कर रोने लगी l राहुल ने उसके साथ ऐसा क्यों किया ? उसकी नई जिंदगी शुरू होने से पहले ही उसमे ग्रहण लगा दिया l करुणा तकिये में मुंह छुपाये रोती रही और खुद को कोसती रही l
सास की आवाज कानो में पड़ी तो वह जल्दी से उठकर मुंह धोकर बाहर आयी l सास ने एक के बाद एक काम बताने शुरू कर दिए l करुणा मन लगाकर दिनभर सारे काम करती रही शाम तक वह थक गयी और जाकर अपने कमरे में आराम करने लगी लेकिन उसे देखते ही मनीष वहा से चला गया l करुणा की आँखों में फिर से आंसू झलक आये l उसे जल्दी ही नींद आ गयी किसी ने उसे खाने तक का नहीं पूछा l अगले दिन से करुणा की दर्दभरी जिंदगी शुरू हो गयी मनीष बात तो दूर बल्कि उसकी तरफ देखता भी नहीं था l
मनीष का ये बर्ताव घरवालो से छुपा नहीं था उसके साथ साथ बाकि सब भी करुणा के साथ बुरा बर्ताव करने लगे l करुणा घर का सारा काम करती , सबकी ख़ुशी का ख्याल रखती उस पर भी जब उन लोगो का मन नहीं भरा तो सास ससुर उसका बनाया खाना उसके मुंह पर फेकने लगे l करुणा सब चुपचाप सहती और अकेले में अपनी हालत पर घंटो आंसू बहाती l
मनीष पर उसके आंसुओ का भी कोई असर नहीं होता l करुणा ने घर पर भी बताया लेकिन हर बार उसे ही झुकने के लिए कहा जाता था l करुणा ने इसी को अपनी नियति मान लिया और अकेले ही सब सहने लगी l
बेमन से ही सही मनीष ने अपनी जरूरत के लिए करुणा को कुछ वक्त के लिए पत्नी का दर्जा दिया और जब भूख शांत हो गयी तो उसे दूर धकेल दिया l ऐसा अक्सर हो जाया करता था और फिर कुछ दिन बाद करुणा पेट से हो गयी l वह बहुत खुश थी शायद ये बात सुनकर मनीष उसे अपना ले लेकिन नहीं ऐसा कुछ नहीं हुआ l अपमान और यातनाओ की चक्की में पिसते हुए कितने ही साल निकाल दिए इसी बिच करुणा को दो बच्चे भी हो गए लेकिन ना तो सास ससुर का बर्ताव अच्छा हुआ ना ही मनीष का दिल पसीजा l
वह इतना बुरा नहीं था लेकिन राहुल की बात उसके दिल में घर कर चुकी थी l फिर करुणा की जिंदगी में एक अच्छा पल आया जब करुणा के देवर की शादी तय हो गयी l करुणा सोचने लगी देवरानी आएगी तो उसके साथ अपना दुःख बाट सकेगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ l करुणा की देवरानी नौकरी पेशा महिला थी बाकि सब लोगो की तरह करुणा की देवरानी भी करुणा का अपमान करने लगी l घर का सारा काम करुणा को ही करना पड़ता हालात पहले से ज्यादा बुरे हो गए l
घर का माहौल बिगड़ने लगा और झगडे होने लगे हर झगडे के लिए यहाँ भी जिम्मेदार करुणा को ह ठहराया जाता l घर के बिगड़ते माहौल को देखकर ससुर ने घर का बटवारा कर दिया l सारा इल्जाम करुणा पर आया मनीष ने उसे कितना कुछ सुनाया उस दिन l करुणा ने ससुर के पैर पकड़ लिए और सबको साथ रहने के लिए मना लिया l इसके बाद करुणा ने इन लोगो के बदलने की उम्मीद ही छोड़ दी l वह अपने बच्चो में अपनी ख़ुशी तलाशने लगी l पति का सुख उसे कभी नहीं मिला l
एक सुबह जब सास ससुर और देवरानी ने मिलकर करुणा को बेवजह बहुत कुछ सुनाया l उसके दोनों बच्चे डरे सहमे एक कोने में खड़े अपनी नन्ही नन्ही आँखों से सब देख रहे थे l करुणा से जब नहीं बर्दास्त हुआ तो उसने पहली बार उन लोगो की बदतमीजी का जवाब दिया बस फिर क्या था पास खड़े मनीष ने उसे कसकर थप्पड़ मारा l ये थप्पड़ सीधा जाकर करुणा के मन पर लगा और वह ख़ामोशी से वहा से चली गयी l किसी ने उसे नहीं रोका l दोनों बच्चो को मनीष ने कमरे में छोड़ा और वहा से चला गया l करुणा सड़क पर चली जा रही थी कहा जा रही थी ये वो नहीं जानती थी l
उसकी आँखों से आंसू बहते जा रहे थे l खाई के सामने आकर करुणा के कदम रुक गए l बचपन से लेकर अब तक की सारी बातें एक एक कर उसकी आँखों के सामने किसी चित्र की तरह उभरने लगी l करुणा दर्द से भरकर रो पड़ी और खुद से कहने लगी,”आज इस दर्दभरी जिंदगी को हमेशा हमेशा के लिए ख़त्म कर दूंगी l किसी औरत की जिंदगी में आखिर इतना दर्द कैसे लिख सकता है वह ऊपर वाला क्या उसे जरा भी तरस नहीं आता l जिससे मैंने इतना प्यार किया उसने धोखा दिया ,
जिस से शादी की उसने कभी पत्नी होने का दर्जा नहीं दिया , दिन रात जिन सास ससुर की सेवा की उन्होंने हमेशा अपने पांवो की जूती समझा l जिस घर में उसका मान सम्मान नहीं , पति का प्यार नहीं उस घर में रहकर वो क्या करेगी l ऐसी जिंदगी जीने से तो मर जाना बेहतर है”
करुणा ने अपने आंसू पोछे और जैसे ही कूदने के लिए कदम बढ़ाया किसी ने उसके कंधे पर हाथ रखकर उसे रोक लिया l करुणा ने पलटकर देखा एक 24-25 साल की प्यारी सी लड़की हलके गुलाबी रंग की साड़ी में लिपटी हुई खड़ी थी l उसके होंठो पर मुस्कराहट थी और वह एकटक करुणा को ही देखे जा रही थी l बुझी आँखों से करुणा ने उसे देखा और कहा,”कौन हो तुम ?
“मैं कौन हु ? इस से क्या फर्क पड़ता है हां तूम चाहो तो मुझे अपनी दोस्त समझ सकती हो”,लड़की ने मुस्कुराते हुए प्यार से कहा l
करुणा ने देखा चारो तरफ दूर दूर तक उन दोनों के अलावा कोई नहीं है l करुणा को खामोश देखकर लड़की ने कहा,”तूम यहाँ क्या कर रही हो ? मरना चाहती हो ? क्या इतनी जल्दी जिंदगी से हार मान ली ?”
“तुम्हे क्या पता मेरे साथ क्या क्या हुआ है ?”,करुणा दर्द से चींख पड़ी
“तुम बताओ क्या हुआ है ? कोई ना कोई हल जरूर निकलेगा और अगर कोई हल ना मिले “,लड़की न इतनी आत्मीयता से कहा की करुणा ने उसे अपनी सारी कहानी कह सुनाई l
“तुमने कुछ किया क्यों नहीं ?”,लड़की ने करुणा की आँखों में देखते हुए कहा
“मैं एक औरत हु और एक औरत क्या कर सकती है ?”,करुणा ने तड़पकर मायूसी से कहा
लड़की मुस्कुरायी और कहने लगी,”हां तुम एक औरत हो l पर क्या औरत को तुमने कमजोर समझ लिया है ? एक औरत अगर चाहे तो क्या नहीं कर सकती l वह ऊँचे पहाड़ चढ़ सकती है , अखाड़े में किसी को भी चित्त कर सकती है , जंग में दुश्मनो के छक्के छुड़ा सकती है , बड़ी से बड़ी मुसीबत का डटकर सामना कर सकती है , मौत के मुंह में जाकर वह एक नई जिंदगी को दुनिया में लाती है l एक औरत का ह्रदय इतना विशाल होता है की उसमे अनगिनत दुःख समाये रहते है l
ईश्वर ने इस संसार में सबसे सुंदर रचना औरत की ही की है l औरत को देवी का रूप माना जाता है और ससुराल में उसे लक्ष्मी का रूप माना जाता है और हम जिम्मेदारियां निभाते निभाते इस लक्ष्मी रूप में ही घुल जाते है l अपनों की दी हुई यातनाओ , बेइज्जतियो और दुखो को ही अपनी किस्मत मान लेते है l ये भूल जाते है की औरत अगर लक्ष्मी है तो वो दुर्गा भी है , काली भी है और चंडी भी है l वक्त आने पर अपने सम्मान अपने हक़ के लिए औरत को इनमे से एक रूप धारण करना पड़ता ही है l
लोगो के सामने खुद को कमजोर , बेबस और बेसहारा महसूस करने के बजाय अपने आप पर भरोसा करके डटकर उन मुसीबतो का सामना करो l अगर तुम सही हुई तो ईश्वर भी तुम्हारा साथ जरूर देगा l जिन्होने तुम्हारे साथ गलत किया उन्हें अहसास दिलाओ की वो गलत है l अपने सम्मान के लिए ना लड़ना कायरता कहलाता है , जिंदगी की परेशानियों से हारकर खुद को खत्म करना भी कायरता कहलाता है l”
करुणा लड़की की बाते सुनती रही l लड़की करुणा के कुछ पास आयी और उसके कंधो को पकड़कर कहा,”औरत सिर्फ तब तक कमजोर है जब तक वो चुपचाप सहती है l वह अगर चाहे तो इस कायनात को हिलाने की ताकत रखती l जो मर्द उस पर हुकुम चलाता है उसे जलील करता है उसे दर्द देता है , उस मर्द को भी इस संसार में लाने वाली औरत ही है l
मानती हु तुम्हारे साथ गलत हुआ है लेकिन अगर अब भी चुप रही तो ये तुम्हारी बेवकूफी होगी l मैंने तुम्हे रास्ता दिखा दिया है इस पर कैसे चलना है ये तुम्हे तय करना है l और इसके बाद भी अगर कुछ समझ ना आये तो आ जाना कूदने खाई तो यही रहेगी l”
लड़की जाकर पास पड़े पत्थर पर बैठ गयी और उदास नजरो से खाई की और देखने लगी l लड़की की कही बातो का करुणा पर बहुत असर हुआ वह वहा से वापस जाने के लिए मुड़ गयी l कुछ दूर जाकर उसने पलटकर देखा पर लड़की कही नहीं दिखी l शायद कही चली गयी होगी सोचकर करुणा वहा से सड़क किनारे आ गयी वहा से चलकर वह सीधा पुलिस स्टेशन पहुंची और अपने साथ हुए बर्ताव को वहा के इंस्पेक्टर से कह दिया l
इंस्पेकटर करुणा की हालत देखकर समझ गया की वह सच बोल रही है उसने उसी शाम करुणा के पति मनीष , मनीष के माँ-बाप और उसके भाई भाभी को बुला लिया l मनीष की तो हालत पतली हो गयी थी l करुणा ने राहुल के खिलाफ भी रिपोर्ट की कुछ देर बाद वह भी आ पहुंचा l
पुलिस ने जैसे ही दो थप्पड़ मारे उसने सब सच उगल दिया की उसने मनीष और करुणा के रिश्ते मे दरार डालने के लिए ही सब कुछ झूठ कहा था l मनीष को अपनी गलती का अहसास हुआ उसने करुणा को कितना गलत समझा था और आज तक उसे खुद से दूर रखा l
शर्म से उसका सर झुक गया , मनीष के माँ बाप को भविष्य में करुणा के साथ ऐसा बर्ताव न करने की चेतावनी दी l थाने से बाहर आकर मनीष करुणा के पास आया और हाथ जोड़ते हुए कहने लगा,”मुझे माफ़ कर दो करुणा l मैंने तुम्हे बहुत दुःख दिए , कितना अपमान किया तुम्हारा , मैंने कभी तुम्हे समझा ही नहीं , मैं तुम्हारा गुनहगार हु करुणा”
मनीष की आँखों में आंसू देखकर करुणा का दिल पसीज गया उसने उसके हाथो को थामते हुए कहा,”आपको आपकी गलतियों का अहसास हो गया यही मेरे लिए काफी है”
मनीष ने करुणा को गले से लगा लिया l
अगले दिन मनीष करुणा और अपने बच्चो के साथ घर से निकल गया और उसी शहर में अलग घर लेकर रहने लगा l वो घर उसने अपने छोटे भाई , उसकी पत्नी और माँ बाप के लिए छोड़ दिया l माँ बाप को भी कोई ऐतराज नहीं था उन्होंने भी करुणा से अपने किये की माफ़ी मांगी l ये सच में उनमे हुआ बदलाव था या फिर पुलिस का डर था पता नहीं l पर इतने सालो बाद अपने पति का साथ पाकर करुणा खुश थी l
नए घर में मनीष उसका बहुत ख्याल रखने लगा उसके होंठो पर हर वक्त बस करुणा का ही नाम रहता था l बच्चे भी बहुत खुश थे मनीष पूरी तरह बदल चूका था l करुणा को उसका भरपूर प्यार और साथ मिलने लगा l मनीष के प्यार से करुणा अपने पीछे का वक्त भूल गयी पर नही भूल पायी तो खाई के पास मिलने वाली उस लड़की को जिसने उसके अँधेरे से भरी जिंदगी में उजाला किया था l तीन दिन बीत चुके थे
एक सुबह करुणा ने जैसे ही अखबार उठाकर देखा उसकी आँखे फ़टी की फ़टी रह गयी l दिल जैसे धड़कना रुक गया अखबार के पहले पन्ने पर उसी लड़की के मरने की खबर छपी थी जो करुणा को खाई के पास मिली थी l करुणा ने तस्वीर के निचे लिखी खबर पढ़ी
“ससुराल वालो की यातनाओ से तंग आकर विवाहिता ने खाई में कूदकर की आत्महत्या , चार दिन बाद शव खाई में मिला l “
करुणा के हाथ से अखबार छूटकर निचे गिर गया वो अवाक् सी वही खड़ी रही जिस दिन करुणा कूदने गयी थी उसी दिन लड़की ने सुसाइड किया था l इसका मतलब करुणा से बात करने वाली वह लड़की उस वक्त तक मर चुकी थी l मनीष ने करुणा को सोच में डूबा देखा तो उसके पास आया l उसने जमीन पर पड़ा अख़बार उठाया और खबर पढ़ी l मनीष ने करुणा को अपने सीने से लगाया और कहा,”थैंक गॉड तुमन ऐसा कुछ नहीं किया”
करुणा ने कुछ नहीं कहा बस मनीष के सीने से लगे हुए टेबल पर रखी उस लड़की की तस्वीर को देखती रही वह लड़की जो जो जाते जाते उसे जीना सीखा गयी , अपने सम्मान के लिए लड़ना सीखा गयी
“करुणा मैंने तुम्हारे साथ इतना गलत किया इसके बावजूद भी तुमने मुझ जैसे इंसान को माफ़ कर दिया l क्यों ?”,मनीष ने करुणा के बालो में अपनी उंगलिया फिराते हुए कहा l
करुणा मनीष से दूर हुयी और उसकी आँखों में देखते हुए कहा ,”क्योकि मैं एक औरत हु”
करुणा की बात सुनकर मनीष ने उसे एक बार फिर अपने सीने से लगा लिया l करुणा ने अपनी आँखे मूंद ली अपने औरत होने पर आज उसे नाज था !!
नोट – यह कहानी एक सत्य घटना पर आधारित है l गोपनीयता बनाये रखने के लिए पात्रों के नाम बदल दिए गए है l असल जिंदगी में करुणा अभी भी दुःख और परेशानियों से झुंझ रही है l कहानी की नायिका ने मुझसे निवेदन किया की मैं उनकी कहानी लिखू ! पर मेरी आदत है मैं किसी भी कहानी का अंत नकारात्मक लिखना पसंद नहीं करती l खुदा से दुआ करूंगी के कहानी की नायिका की जिंदगी में खुशिया आये और उन्हें अपने औरत होने पर नाज हो l मेरी शुभकामनाये सदैव उनके साथ है !
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समाप्त !!
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संजना किरोड़ीवाल
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Beautiful story , i hope ki ab o naika jo bhi hogi ab thik hogi aur bhagwan unka sath hoge aur unhe larne ki himmat dege ❤️ 👌👌
Hello mam , this is a such a beutyfull story .
But mam mai bhi ek ladki hu. or sayad than kabhi na kabhi ek woman bhi banugi . Or hum kabhi bhi kamjor nhi huaa karti. Sayad hum khud chunte hai vo ek raasta jis par hume chalnaa hota hai………