Sanjana Kirodiwal

Telegram Group Join Now

Main Teri Heer – 5 ( Love Story )

Main Teri Heer – 5

Main Teri Heer - Season 4 by Sanjana Kirodiwal
Main Teri Heer – Season 4 by Sanjana Kirodiwal

शक्ति को घर में देखकर काशी का गुस्सा एकदम से गायब हो गया। वह उठी और शक्ति के पास आकर कहा,”तुम कब आये ? और क्यों आये ?”
कहते हुए काशी को याद आया कि वह शक्ति से गुस्सा है।
“क्यों आया मतलब ? ये हमारा ससुराल है हम जब चाहे तब यहाँ आ सकते है और बाय दे वे आजकल हमारी होने वाली पत्नी हम पर कुछ ज्यादा ही गुस्सा होने लगी है इसलिए उसे मानाने आये है,,,,,,,,,!!”,कहते हुए शक्ति ने अपनी जेब से एक छोटा सा डिब्बा निकाला और काशी के सामने कर दिया


काशी ने हैरानी से शक्ति को देखा क्योकि शक्ति से ऐसी रोमांटिक चीजों की उम्मीद कम ही थी। उसने डिब्बा उठाया और खोलकर देखा तो उसमे एक बहुत ही सुन्दर गोल्ड चैन और पेन्डेन्ट था। काशी को वो चैन बहुत पसंद आया और उसने खुश होकर कहा,”ये हमारे लिये है ?”
“हाँ,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने मुस्कुरा कर कहा
काशी ने उसे डिब्बे से निकाला और शीशे के सामने खड़े होकर अपने गले में पहनने लगी। शक्ति उसके पीछे आया और उसके हाथ से लेकर कहा”हम पहना देते है,,,,,,,,,,!!”


काशी मुस्कुराते हुए शीशे में खुद को और शक्ति को देखने लगी। शक्ति ने काशी को वो चैन पहनाया और कहा,”पसंद आया ?”
“बहुत , हमने तुम्हे माफ़ किया और सुबह के लिये सॉरी,,,,!!”,काशी ने शक्ति की तरफ पलटकर मासूमियत से कहा
“कोई बात नहीं तुम्हारा गुस्सा करना भी जायज है , आजकल हम तुम्हे वक्त कहा दे पाते है,,,,,,,,,,,चलो बाहर नाना नानी खाने पर हमारा इंतजार कर रहे है।”,शक्ति ने दरवाजे की तरफ जाते हुए कहा


काशी ने शक्ति का हाथ पकड़कर उसे रोक लिया और उसके गले आ लगी।
शक्ति हल्का सा मुस्कुराया और काशी का सर सहलाते हुए कहा,”क्या हुआ ?”
शक्ति के गले लगे हुए काशी धीमे स्वर में कहने लगी,”हम जानते है कभी कभी हम तुम पर बहुत गुस्सा करते है , तुम्हे समझ नहीं पाते लेकिन तुम कभी हम से दूर नहीं जाना। हम गलती भी करे तो प्यार से हमे समझा देना हम समझ जायेंगे,,,,,,,,!!”


“और अगर समझाने पर नहीं समझी तो ?”,शक्ति ने कहा
“तो हमे एक थप्पड़ लगा देना खुद ब खुद हमारी अकल ठिकाने आ जायेगी,,,,,!!”,काशी ने शक्ति से दूर होकर कहा
“सोच लो,,,,,,,!!”,शक्ति ने कहा
“सोच लिया , एक नहीं तूम हमे दो थप्पड़ मार देना”,काशी ने कहा


काशी की बात सुनकर शक्ति ने धीरे से एक थप्पड़ उसके गाल पर लगा दिया तो काशी ने हैरानी से शक्ति को देखा तो शक्ति ने कहा,”अभी एक थप्पड़ बाकि है”
“शक्ति ईईई”,कहते हुए काशी जैसे ही शक्ति के सीने से लगने को आगे बढ़ी घर के नौकर भोला ने आकर कहा,”बड़े साहब आप दोनों को खाना खाने के लिये बुला रहे है।”
“हम्म्म , काशी आओ”,कहते हुए शक्ति काशी को लेकर बाहर चला आया  

काशी और शक्ति डायनिंग टेबल पर आकर बैठे और दोनों एक ही प्लेट में खाना खाने लगे। काशी को पहले से बेहतर देखकर अधिराज जी ने कहा,”काशी ! शक्ति के रूप में बहुत अच्छा लड़का तुम्हारी जिंदगी में आया है।”
“वो कैसे नानू ?”,काशी ने खाते हुए कहा
“जो इंसान आपको हर परिस्तिथि में सम्हाल ले और आपके चेहरे की खोयी हुई मुस्कान लौटा दे वो इंसान आपकी जिंदगी का सबसे जरुरी हिस्सा होता है बेटा ,, शक्ति पर काफी जिम्मेदारियां है तुम्हे छोटी छोटी बातो पर उस से नाराज होने के बजाय उसे समझना चाहिए”,अधिराज जी ने प्यार से काशी को समझाते हुए कहा


काशी ने उनकी तरफ देखा और कहा,”लेकिन नानू अनु मौसी तो कहती है झगडे करने से प्यार बढ़ता है,,,,,,,,,,,,!!”
“तुम्हारी अनु मौसी तो झल्ली है , ज़रा जरा सी बात पर गुस्सा हो जाती है बेचारे हमारे छोटे दामाद जी आधा वक्त तो उसे मनाते ही रहते है।”,इस बार अम्बिका जी ने कहा
“हाँ क्योकि मुरारी चाचा उन्हें बहुत प्यार करते है,,,,,,,!!”,काशी ने कहा  


“पुरे बनारस में एक इकलौते एंटीक पीस है वो……….पता है शक्ति पहली बार जब हमने उन्हें देखा था तो वो हमे बिल्कुल पसंद नहीं आये थे लेकिन आज वो हमारे सबसे पसंदीदा है।”,अधिराज जी ने कहा
“हाँ नानू क्योकि अनु मौसी जैसे तूफान को हमारे मुरारी चाचा ही सम्हाल सकते है,,,,,,,,,!!”,काशी ने शरारत से कहा
“काशी , ये क्या कह रही हो तुम ?”,शक्ति ने दबी आवाज में कहा तो काशी खीं खीं करके हंसने लगी और उसके साथ अम्बिका जी और अधिराज जी भी हंस पड़े।

शक्ति ने देखा काशी के साथ साथ उसे एक बहुत ही प्यारा परिवार भी मिला है। वह मुस्कुराते हुए खाना खाने लगा और खाने के बाद काशी को लेकर मार्किट के लिये निकल गया आखिर उसे काशी को सगाई में पहनने के लिये कपडे भी तो दिलवाने थे।  

लाइफ विथ फ़ूड रेस्त्रो , मुंबई

“आह ! मजा आ गया,,,,,,,,,,,,,मुन्ना मैं यकीन के साथ कह सकता हूँ आज से पहले तुमने इस से बढ़िया खाना नहीं खाया होगा।”,वंश ने सोफे पर पसरते हुए कहा
“हाँ ये ठीक था,,,,,,,पेट भरने के लिये ये अच्छा है।”,मुन्ना ने टिश्यू से अपना मुंह साफ़ करते हुए कहा
“हाह ! तुम कितने अजीब हो,,,,,,,,,,,इतने अच्छे खाने को तुम ठीक ठाक बता रहे हो,,,,,,,,मुझे लगा तुम कहोगे बेस्ट”,वंश ने अपने हाथो को नचाते हुए कहा


मुन्ना ने बिल के पैसे बिलिंग डायरी में रखे और उठते हुए कहा,”अगर तुम्हे सच में कुछ बेस्ट खाना है तो फिर इसके लिये तुम्हे बनारस आना होगा”
वंश उठा और मुन्ना के पीछे आते हुए कहा,”और क्या है बेस्ट वहा ?”
मुन्ना वाशबेसिन के सामने आया और अपने हाथो को धोते हुए कहा,”बहुत कुछ है , वहा लिट्टी चोखा है , दीना की टमाटर चाट है , दिल को सुकून पहुँचाने वाली पहलवान की लस्सी है , लौंगलत्ता है , चाची की कचौड़ी है , दाल-भात है , पूरी सब्जी है ,

जलेबी है , गोदौलिया का उत्तपम है , साऊथ इंडियन से लेकर चायनीज तक सब मिल जायेगा तुम्हे वो भी इतना कि आज के बिल में तुम पूरा एक हफ्ते खाना खा सको”
“ओह्ह्ह कम ऑन मुन्ना बड़े शहरो में खाना महंगा होता है।”,वंश ने हाथ धोते हुए कहा
“हम्म्म्म , चलो चलते है।”,मुन्ना ने वंश से आगे बहस करना जरुरी नहीं समझा

दोनों बाहर चले आये। मौसम काफी अच्छा था मुन्ना बार बार अपना फोन देख रहा था ये देखकर वंश ने कहा,”लगता है तुम गौरी को मिस कर रहे हो एक काम करो उसे फोन कर लो तब तक मैं आता हूँ।”
“तुम कहा जा रहे हो ?”,मुन्ना ने सवाल किया
“कुछ मीठा खाने का मन हो रहा है इसलिए अपने लिये आइसक्रीम लेने जा रहा हूँ तुम खाओगे ?”,वंश ने पूछा
“अह्ह्ह नहीं तुम जाओ हम यही रुकते है।”,मुन्ना ने कहा


वंश सड़क के दूसरी तरफ बने आइसक्रीम पार्लर की तरफ बढ़ गया और मुन्ना ने अपने फोन से वो अनजान नंबर डॉयल किया जिस से सुबह उसे फोन आया था लेकिन नंबर अब भी बंद था। वंश को मुन्ना पर किसी तरह का शक न हो सोचकर मुन्ना ने गौरी का नंबर डॉयल किया। गौरी ने फोन उठाया तो मुन्ना ने कहा,”हे गौरी ! क्या कर रही हो ?”
मुन्ना की आवाज सुनते ही गौरी सब भूल जाया करती थी इसलिए कहा,”मैं गिर गयी हूँ”
“गिर गयी हो ? लेकिन कहा ?,”मुन्ना ने हैरानी से पूछा


“अह्ह्ह्ह तुम्हारे प्यार में,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
मुन्ना ने सुना तो मुस्कुराने लगा। कभी कभी उसे गौरी पर बहुत प्यार आता था और मुन्ना चाहता था काश गौरी उसके सामने हो और वह उसे गले लगा ले लेकिन ये मुमकिन नहीं था। आज भी ऐसा ही हुआ जब गौरी ने ये बात कही मुन्ना ने मुस्कुराते हुए कहा,”आई मिस यू,,,,,,,,!!”
“हाँ , क्या क्या क्या फिर से कहना,,,,,,,,,!”,गौरी ने हैरानी से कहा उसे जैसे अपने कानो पर यकीन ही न हुआ हो
“हमने कहा आई मिस यू,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने फिर कहा


“ओह्ह्ह्ह आई मिस यू टू , तुम कल ही इंदौर क्यों नहीं आ जाते ,, सगाई में तो अभी बहुत टाइम है,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
“सब्र रखो गौरी शर्मा ,, इतनी जल्दबाजी सही नहीं होती है।”,मुन्ना ने कहा
“तुम क्या जानो मान तुम से मिलने के लिये मैं कितनी बेक़रार हूँ,,,,,,,,,,मुझे तो बस दिन का इंतजार है जब तुम मेरे सामने होंगे और इंगेजमेंट से पहले सबके सामने मुझे प्रपोज करोगे ,

अपने घुटनो पर बैठकर जब तुम मुझे गुलाब दोगे तो मैं थोड़ा सा शर्माउंगी और फिर तुम मुझे अपने हाथो से रिंग पहनाओगे और उसके बाद में हम बहुत सारा कपल फोटोशूट करवाएंगे,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्हह कितना मजा आयेगा ना ?”,गौरी ने अपने ख्यालो की दुनिया में खोये हुए कहा
मुन्ना ने सुना तो हल्का सा मुस्कुराया। गौरी जितनी चंचल थी मुन्ना उतना ही शांत अब गौरी ने जो कहा वो सब मुन्ना करे ये तो मुमकिन नहीं था लेकिन फिर भी गौरी के मुंह से ये सब बातें सुनकर उसे अच्छा लग रहा था इसलिए उसने कहा,”क्या हमे ये सब करने की जरूरत है ?”


“जरूरत है मान बहुत ज्यादा जरूरत है , लोगो को भी तो दिखना चाहिए ना मेरी पसंद कितनी यूनिक है वैसे भी तुम्हे देखकर मेरे रिश्तेदार तो जल जायेंगे,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
“पागल हो तुम,,,,,,,,हमे किसी को नहीं जलाना , हमे बस एक सिम्पल शांत सगाई चाहिए,,,,,,,,,,,,और वैसे भी सब रिश्तेदार बुरे नहीं होते।”,मुन्ना ने कहा
 ”ये तो तुमने बिल्कुल सही कहा मान,,,,,,,,,,,,मेरी किट्टो मौसी जैसा कोई नहीं है , तुम सगाई में आओगे ना तब उनसे मिलना , बाय गॉड तुम्हे तो उनसे प्यार ही हो जायेगा वो इतनी कूल है।”,गौरी ने चहकते हुए कहा


“इस जन्म में तुम से प्यार से कर लिये गौरी शर्मा हमारे लिये इतना काफी है और उस प्यार को हम किसी से बाँट नहीं सकते”,मुन्ना ने गंभीरता से कहा
गौरी ने सुना तो कुछ देर के लिये खामोश हो गयी और फिर कहा,”तुम्हारी यही बातें मुझे अक्सर खामोश कर देती है मान,,,,,,,,!!”
“क्या सच में ? हमे तो लगा था तुम कभी चुप नहीं होती हो,,,,!!”,मुन्ना ने गौरी को छेड़ते हुए कहा
“हहहहहह क्या मैं ज्यादा बोलती हूँ ?”,गौरी ने पूछा


“हाँ बहुत ज्यादा,,,,,,,,,,,पता नहीं हमारा क्या होगा ?”,मुन्ना ने आह भरते हुए कहा
“होना क्या है ? हमारी सगाई होगी , फिर उसके बाद शादी होगी , फिर बहुत सारा रोमांस होगा , उसके बाद हमारे दो प्यारे प्यारे बच्चे होंगे और उनका नाम हम रखेंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने इतना ही कहा कि वंश ने मुन्ना के हाथ से फोन ले लिया और गौरी के कहे आखरी शब्द उसके कानों में पड़े तो उसने कहा,”भाभीजी बच्चो का नाम आराम से सोचकर मुन्ना को व्हाट्सप्प कर देना अभी मुझे इसके साथ बहुत जरुरी काम से जाना है।”


गौरी ने सुना तो बेचारी हक्की बक्की रह गयी वह मुन्ना के साथ अपना फ्यूचर प्लान कर रही थी और वंश ने बीच में आकर सब गड़बड़ कर दी।
“हेलो हेलो , गौरी आर यू देयर ?”,वंश की आवाज से गौरी की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”वो मम्मा मुझे बुला रही है , मान से कहना मैं बाद में बात करती हूँ,,,,,,,,,,,बाय”
“अह्ह्हम्म्म्म लगता है शरमा गयी”,वंश ने मुस्कुराते हुए फोन को अपने होंठो से लगाकर कहा
मुन्ना ने उसके हाथ से फोन लेकर कहा,”शर्म और उसे ? गौरी वो इंसान है जिस से शर्म भी शरमा जाये,,,,,,,,,,,!!”


“तो उसने गलत क्या कहा ? तुम्हे नहीं करने क्या बच्चे उसके साथ,,,,,,,,,,,,,ए मुन्ना कही तुम,,,,,,,,!!”,वंश ने उसे छेड़ते हुए कहा तो मुन्ना ने उसे घुरा और कहा,”मुंबई आकर कुछ ज्यादा नहीं बिगड़ गए हो तुम ? बड़े पापा से शिकायत करे तुम्हारी,,,,,,,,,!!”
“अरे अरे मैं तो बस मजाक कर रहा था। कैब आ गयी है चलो चलते है,,,,!!”,कहते हुए वंश ने मुन्ना की बांह पकड़ी और आगे बढ़ गया


बेचारा मुन्ना गौरी की बातो पर मन ही मन शरमा रहा था। मुन्ना को खोये हुए देखकर वंश ने कहा,”वैसे बंटी और बबली कैसा रहेगा ?”
“हहह , क्या ?”,मुन्ना ने चौंककर कहा
“अरे तुम्हारे और गौरी के बच्चो का नाम,,,,,,!!”,वंश ने कहा तो मुन्ना ने पहले तो उसे घुरा और फिर खुद भी हँसते हुए कहा,”बहुत ही बेकार,,,,,,,,,,,,अब चलो यहाँ से”
वंश भी हँसते हुए कैब की तरफ चला आया और दोनों वहा से निकल गए।

नवीन निशि से नाराज था कि उसने झूठ बोला इसलिए दिनभर उसने निशि से कोई बात नहीं की। उदास सी निशि अपने कमरे में बिस्तर पर पेट के बल लेटी थी और अपना चेहरा तकिये में छुपा रखा था। निशि घर में सबसे ज्यादा करीब नवीन के थी वह अपनी माँ मेघना से भले कोई बात छुपा ले लेकिन नवीन से कभी कोई बात छुपाया नहीं करती थी। निशि की आँखों में नमी थी और उसका मन बहुत उदास था।


नवीन आज ऑफिस नहीं गया था घर पर ही था इसलिये दोपहर के खाने के वक्त जब निशि नहीं आयी तो नवीन ने मेघना से पूछा,”निशि कहा है ? क्या वो खाना नहीं खायेगी ?”
“वो अपने कमरे में है , आप उस से नाराज है इसलिये बहुत उदास है वो,,,,,,,,,,आपको उस पर इतना गुस्सा नहीं करना चाहिए था। आप वंश को जानते है वो बुरा लड़का नहीं है।”,मेघना ने नवीन के हाथ पर अपना हाथ रखकर कहा


“मेघना आई नो वंश अच्छा लड़का है और मुझे भरोसा है वो ऐसी कोई हरकत नहीं करेगा लेकिन हमारी बेटी और वो जिस उम्र में अभी है उसमे गलतिया होना लाजमी है। मैं ये नहीं कहता कि निशि ने वंश के साथ रुककर गलती की है बल्कि मैं उस से इसलिये नाराज हूँ क्योकि उसने हम लोगो से झूठ कहा,,,,,,,,,,,किसी लड़के के लिये हमारी बेटी हमसे झूठ बोल रही है इसका मतलब जानती हो ना तुम ?”,नवीन ने गंभीरता से कहा


“मैं समझ सकती हूँ निशि ने गलत किया है लेकिन वो अभी बच्ची है नादान है मैं उसे समझाउंगी,,,,,,,,इस बार के लिये उसे माफ़ कर दीजिये , प्लीज उसने सुबह से कुछ नहीं खाया है,,,,,,,,,,,,!!”,मेघना ने निशि की परवाह करते हुए कहा
“क्या ? उसने कुछ भी नहीं खाया,,,,,,,,,,मेघना अब वो मुझसे और डांट सुनने वाली है।”,नवीन ने कहा
“हेलो अंकल , हेलो आंटी,,,,,,,,,,,निशि घर पर है क्या ?”,निशि की दोस्त पूर्वी ने अंदर आते हुए कहा जबकि उसे नहीं पता था निशि और उसका झूठ नवीन  सामने आ चुका है।

वह डायनिंग टेबल के पास चली आयी और कहा,”वाओ आंटी आज पनीर बना है , क्या मैं थोड़ा सा टेस्ट कर सकती हूँ ?”
“अरे बेटा इसमें पूछने की क्या बात है आओ बैठो”,मेघना ने कहा
“ओह्ह्ह थैंक्यू आंटी यू आर सो स्वीट”,पूर्वी ने कुर्सी खिसकाकर बैठते हुए कहा। मेघना ने उसकी प्लेट में खाना परोस दिया।


“निशि कहा है कही नजर नहीं आ रही ?”,कहते हुए जैसे ही उसने एक निवाला खाया नवीन ने कहा,”वो अपने कमरे में बैठकर अपने झूठ को समेटने की कोशिश कर रही है।”
“अह्ह्ह्ह मतलब ?”,पूर्वी ने असमझ की स्तिथि में कहा
“मतलब ये कि ग्रुप स्टडी के नाम पर और कितने झूठ बोले है तुमने और निशि ने ?”,नवीन ने पूर्वी को देखते हुए कहा


नवीन की बात सुनकर पूर्वी के हाथ का निवाला हाथ में ही रह गया और ना ही वह मुंह में रखा निवाला निगल पायी। मेघना कभी नवीन तो कभी पूर्वी को देखती

Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5

Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5Main Teri Heer – 5

Continue With Part Main Teri Heer – 6

Read Previous Part Here Main Teri Heer – 3 ( Love Story )

Follow Me On facebook

संजना किरोड़ीवाल  

Main Teri Heer - Season 4 by Sanjana Kirodiwal
Main Teri Heer – Season 4 by Sanjana Kirodiwal

4 Comments

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!