Sanjana Kirodiwal

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रांझणा – 43

Ranjhana – 43

Ranjhana

Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

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Ranjhana – 43

अधिराज जी के डर से अनु ने जब मुरारी के होंठो को छुआ तो बस मुरारी को तो जैसे होश ही नहीं रहा l उसने कभी सोचा भी नहीं था उसकी मेग्गी ऐसा कुछ भी करने वाली है ! मुरारी से दूर होकर अनु वहा से बाइक की और चली गयी मुरारी भी बदहवास सा अनु के पीछे चल पड़ा , बाइक के पास आकर मुरारी ने अनु से कहा,”हमने सोचा नहीं था तुम ऐसा कछु करोगी (आवाज अभी भी कांप रही थी)
“कैसा ? क्या किया मैंने ?”,अनु ने बेपरवाही से कहा l
“वो जो अभी किया , मतलब हमार मुंह बंद”,मुरारी ने झिझकते हुए कहा


“अच्छा वो , वो तो मेरे पापा खड़े थे ना वहा इसलिए किया कही उन्होंने देख लिया होता तो मेरी तो पक्का बेंड बजा देते”,अनु ने कहा
“का मतलब वो ऐसे ही था ?”,मुरारी ने होश में आकर कहा
“और नहीं तो क्या , इट्स नार्मल मुरारी इतना सीरियस क्यों हो रहे हो ? अब चलो पापा के पहुंचने से पहले घर पहुंचना है”,अनु ने कहा


“तुम्हारे लिए इह सब नार्मल है , पर हम तो उस पल को अब तक महसुस कर रहे है”,मुरारी ने बड़बड़ाते हुए कहा
“क्या बड़बड़ाने लगे ? अब चलो भी !”, अनु ने मुरारी का हाथ
“इसको प्यार का अहसास दिलाने में हमरे सारे पेंच ढीले हो जाने है”,मुरारी ने मन ही मन कहा और बाइक स्टार्ट की ! अनु से बैठने का इशारा किया और बाइक खाली सड़क पर दौड़ा दी ! रास्तभर मुरारी की आँखो के आगे वही पल बार बार आ रहा था और आखिरकार उसका ध्यान टुटा और उसके हाथ से गाड़ी स्लिप हो गयी दोनों निचे आ गिरे अनु ठीक थी पर मुरारी के हाथ पर चोट आयी छिलने की वजह से वहा से खून निकल आया था !

अनु उठी बाइक और मुरारी से कुछ दूर जा गिरी वह उठी और मुरारी के पास आकर कहा,”जब चलानी नहीं आती तो क्यों लेकर आये अपनी इस खटारा को ? अब मुझे क्या घर रहे हो उठो”
अनु ने अपना हाथ मुरारी की और बढाकर कहा l मुरारी ने अपना हाथ अनु के हाथ में दे दिया अनु ने पहले उसे उठाया बाद में बाइक को l इस बार उसने मुरारी को पीछे बैठने को कहा और खुद आगे आकर बैठ गयी चाबी लगाई और बाइक स्टार्ट कर आगे बढ़ा दी

l हवा से अनु के बाल उड़कर मुरारी के चेहरे पर आ रहे थे पर किसे परवाह थी , अनु के मैग्गी जैसे बाल भी आज उसे रेशम जैसे लग रहे थे l मुरारी बस आँखे बंद किया उस पल को महसूस करता रहा l कुछ आगे चलकर अनु ने अचनाक से ब्रेक मारा तो मुरारी के हाथ अनु की कमर से आ लगे और सीना उसकी पीठ से ! मुरारी के कांपते हाथो को देखकर अनु ने कहा,”पहली बार लकड़ी के पीछे बैठे हो क्या ?” मुरारी ने अनु से चिपके हुए मासूमियत से ना में गर्दन हिलाई तो अनु ने कंधे से पीछे धकियाते हुए कहा,”तो फिर ठीक से बैठो”


मुरारी खिंसिया गया और अनु से दूर होकर बैठ गया अनु ने बाइक आगे बढ़ा दी मुरारी शीशे में अनु का चेहरा देखते हुए सोचने लगा,”कैसी अजीब लड़की है न ये भी ? वहा किस किया तो कोई फर्क नहीं पड़ा इनको यहाँ जरा सा छू का लिए कैसे बिगड़ रही है ? सच ही कहा है किसी महापुरुष ने की औरत को समझना बहुते मुश्किल है और इस औरत हमरा मतबल लड़की को समझना तो हमारे बस से भी बाहर ही है , इनको समझने के लिए महादेव से 4 जन्म लेने पड़ जायेंगे”


कुछ देर बाद बाइक अनु के घर के सामने पहुंची अधिराज जी और सारिका कुछ दे पहले ही घर आये थे और अधिराज जी बरामदे में खड़े यहाँ से वहा टहलते हुए अनु की ही राह देख रहे थे !
“अरे बाप रे पापा , लगता है उन्होंने हमे देख लिया”,अनु ने सर निचे करते हुए कहा
“अनु ! अंदर आओ”,अधिराज जी ने अपनी रौबदार आवाज में कहा
“मर गए , अब फिरसे पापा का लम्बा चौड़ा लेक्चर सुनने को मिलेगा”,अनु ने रोनी सी सूरत बनाकर कहा और बाइक से उतर गयी l मुरारी भी निचे उतरा तो अनु ने उसका हाथ पकड़ा और उसे लेकर चल पड़ी l


“अरे हमे काहे ले जा रही हो ?”,मुरारी ने अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा
“तूम साथ रहोगे तो थोड़ी हिम्मत रहेगी ना मुरारी”,अनु ने मासूमियत से कहा !
“ऐसे बोलके जान मांगोगी तो उह भी दे देंगे हम”,मुरारी ने मन ही मन कहा और अनु का हाथ थामे आगे बढ गया
अनु मुरारी के साथ अधिराज जी के सामने आई तो अधिराज जी ने अनु को घूरते हुए कहा,”अनु ये कोई वक्त है घर आने का ? और ये साथ में लड़का कौन है ?”


अनु ने तुरंत मुरारी का हाथ छोड़ दिया और कुछ आगे आकर कहा,”वो पापा दोस्त की बर्थडे पार्टी थी तो वहा थोड़ा सा लेट………….!!”
“थोड़ा सा लेट , रात के 11.00 बज रहे है , तुम्हे हमारी इज्जत का जरा भी ख्याल नहीं है ! अनजान शहर में इतनी रात तक अकेले घूमना क्या सही है ? ये मुंबई है हमारा इंदौर नहीं जो तुम यहाँ अपनी मनमर्जिया कर रही हो ! अगर ऐसा ही रहा न तो जाते हुए हम तुम्हे वापस इंदौर ले जायेंगे”,अधिराज जी ने फटकार लगाते हुए कहा
अनु चुपचाप सुने जा रही थी , मुरारी से अनु का उदास चेहरा देखा नहीं गया तो उसने अधिराज जी से कहा,”अरे इनको इस तरह काहे डांट रहे है ?”


“अच्छा तो अब तू सिखाओगे अपने बच्चो को कैसे डाटना चाहिए ? चुप करके खड़े रहो हम अनु से बात कर रहे है तुमसे नहीं”,अधिराज जी ने कड़कदार आवाज में कहा तो मुरारी झेंप कर पीछे हट गया होने वाले ससुर ने पहली मुलाकात में ही उसे डपट जो दिया था ! अधिराज जी ने गर्दन अनु की तरफ घुमाई और कहा,”ये आखरी वार्निग है अनु अगर अब भी तुम्हारे रवैये में बदलाव नहीं आया न तो बता रहे है हॉस्टल में डाल देंगे तुम्हे , वो भी ऐसे हॉस्टल में जहा सख्त से सख्त कानून हो l समझ रही हो ? अपनी बडी बहन को देखा है कभी इस तरह देर रात आते हुए ?’


इस बार अनु को थोड़ा गुस्सा आ गया वह खुद को रोक नहीं पाई और कहा,”हां तो दी बोरिंग है उनको सिर्फ घर और ऑफिस में रहना पसंद है , लेकिन मेरी अपनी एक लाइफ है उसमे अगर थोड़ा सा एन्जॉय किया तो क्या गलत किया ?”
“बद्तमीज लड़की ! अपने पापा से जबाना लड़ाना भी सीख लिया तुमने”,कहकर अधिराज जी गुस्से में उसकी और बढे ले मुरारी के सामने से गुजरते हुए वे जैसे ही फिसले मुरारी ने उन्हें अपनी बांहो में थाम लिया ! अधिराज जी और मुरारी दोनों एक दूसरे की आँखो में देखे जा रहे थे तभी उधर से एक ऑटो रिक्शा गुजरा जिसमे गाना बज रहा था – देखा है पहली बार , साजन की आँखों में प्यार !”


अनु ने सुना तो उसकी हंसी निकल गयी ! अधिराज जी और मुरारी दोनों झेंप गए और एक दूसरे से दूर हुए ! मुरारी को लगा अधिराज जी फिर से उसे डांट लगाएंगे लेकिन उन्होंने धीरे से मुरारी को थैंक्यू कहा और घूरते हुए अनु की तरफ बढ़कर कहा,”बेशर्म हंसी आ रही है तुम्हे ?”
“हंसी तो आएगी ना पापा , आप और मुरारी दोनों शाहरुख़ काजोल की जोड़ी से कम नहीं लग रहे थे , हाय कितना रोमांटिक नजारा था और रही सही कसर ऑटो वाले ने पूरी कर दी , देखा है पहली बार”,अनु ने हँसते हुए कहा
अनु की बात सुनकर अधिराज जी का गुस्सा सांतवे आसमान पर था !

उन्होंने दरवाजे की और देखकर जोर से आवाज लगाई,”अम्बिका…………..अम्बिका !!”
अधिराज जी की आवाज सुनकर अम्बिका दौड़कर आई और कहा,”जी , क्या हुआ आप इतना चिल्ला क्यों रहे है ?”
“अपनी लाड़ली को यहाँ से ले जाओ इस से पहले की हम कुछ कहे”,अनु को घूरकर कहते है !!
अम्बिका अनु को वहा से लेकर अंदर चली जाती है मुरारी अनु को जाते हुए देखता रहता है तो अधिराज जी कहते है,”अब तुम्हे क्या अलग से इन्विटेशन दू !”
मुरारी को लगा अधिराज जी उसे भी अंदर जाने को कह रहे है जैसे ही उसने अपने कदम अंदर की और बढ़ाये अधिराज जी ने रोककर बाहर का रास्ता दिखाते हुए कहा,”दरवाजा उधर है”


मुरारी फिर झेंप गया ! और जाने लगा तो अधिराज जी ने कहां,”आज के बाद अनु के साथ दिखना मत !”
मुरारी ने कुछ नहीं कहा बस बाहर आया अपनी बाइक स्टार्ट की और वहा से निकल गया अधिराज जी भी अंदर चले गए l मुरारी को अधिराज जी की बात का बिल्कुल बुरा नहीं लगा वो समझता था अधिराज जी की जगह कोई भी होता तो बेटी के साथ अनजान लड़के को देखकर गुस्सा जरूर होता , उसे तो अपनी अनु की परवाह थी जिसके गुस्से से वह अच्छी तरह वाकिफ था और थोड़ा थोड़ा उसे जानने भी लगा था !!

कुछ देर बाद मुरारी वापस आया और बाइक उसी बेंच के पास रोक दी जहा पिछली बार अनु ने बुलाया था l उसने अनु को फोन लगाया दो चार रिंग के बाद अनु ने फोन उठाया और कहा,”अब क्या है मुरारी ?”
“दारू लाये है तुमरे लिए , उसी बेंच के पास खड़े है l आ जाओ”,मुरारी ने धीरे से कहा
अनु ने तुरंत फोन काट दिया और देखा सारिका गहरी नींद में सो रही है उसने अपनी जगह दो तकिये रखे और चददर ओढ़ा दी ! दरवाजे से पकड़े जाने का ख़तरा था इसलिए उसने खिड़की खोली और रेलिंग के सहारे लटकर निचे कूद गयी !

कूद फांद करने की उसे बचपन से आदत जो थी ! अनु 5 मिनिट में मुरारी के पास पहुंच गयी और हैरानी से कहा,”तुमको कैसे पता मुझे दारू पीनी है ?”
मुरारी ने अनु को देखा लूज टीशर्ट और उसके निचे छोटा सा निककर मुरारी ने अपनी आँखे बंद कर ली और कहा,”इह का पहन के आई हो तुम ? इसमें छूप कम और दिख ज्यादा रहा है”
“फालतू की बात मत करो , जल्दी से बॉटल दो”,अनु ने मुरारी के पास बैठते हुए कहा l


मुरारी ने पास पड़ी बॉटल उठाकर अनु की और बढ़ा दी अनु एक साँस में आधी बॉटल गटक गयी , ऐसे में चढ़ना लाजमी था ! अनु ने बॉटल अपने गोरे पैर पर रखी और मुरारी की और देखकर कहा,”मुरारी तुमसे मिले मुझे एक महीना भी नहीं हुआ फिर भी तू मुझे कितने अच्छे से समझता है लेकिन मेरे पापा , मेरे पापा इतने साल साथ रहकर भी मुझे नहीं समझते”
“तो का हो गया ? पापा है वो तुम्हारे”,मुरारी ने कहा
“हां तो पापा है तो क्या ऐसे किसी के सामने भी डांट देंगे क्या ?”,अनु ने चिढ़कर कहा


“अरे डांट दिया तो का हो गया ? पापा है तुम्हारे”,मुरारी ने अनु को समझाते हुए कहा
“हां लेकिन इतना कौन डांटता है यार वो भी छोटी सी बात पर”, अनु ने फिर कहा
“अरे यार पापा है तुम्हारे”,मुरारी ने कहा
“हुंह ! तुम भी पापा की साइड ले रहे हो”,अनु ने बिगड़कर कहा !
“अरे ऐसी की तैसी उस बूढ़े की , उसने तुमको डांटा वो भी हमरे सामने उनकी हिम्मत कैसे हुई ?

अरे बताय रहे है ऐसा धोयेंगे ना उनको की जिंदगीभर भूल नाह पायेंगे ! अरे पिपटी बजा देंगे उनकी हम बता रहे है !! तुम बताओ का करना है उनका ? हाथ पैर तोड़ दे , सर फोड़ दे , बाल नोच ले उनके ,, अरे तुम कहो तो काटने के लिए कुत्ते छोड़ दे उनके पीछे ! बताओ का करे ? “,मुरारी नॉनस्टाप कहता चला गया !!


अनु ने सूना तो उसने मुरारी के गाल पर थप्पड़ दे मारा और कहा,”क्या बके जा रहे हो ? वो पापा है हमारे”
मुरारी ने अपना हाथ गाल से लगाया और मासूमियत से कहा,”तो तबसे हम भी तो यही कहे जा रहे है की रहने दो पापा है तुम्हारे”
अनु को अपनी गलती का अहसास हुआ नजर सामने मुरारी के हाथ पर गयी तो अनु ने मुरारी का हाथ पकड़कर कहा,”अरे तुमको तो चोट लगी है , दिखाओ !”
मुरारी ने अनु का हाथ झटककर गुस्से से कहा,”रहने दो तुम काहे अब इतनी परवाह कर रही हो”


“अरे दिखाओ तो सही !”,अनु ने देखने की कोशिश की लेकिन मुरारी ने फिर हाथ झटक दिया !! अनु ने इधर उधर देखा और मुरारी के दूसरे गाल पर भी थप्पड़ धर दिया ! बेचारा मुरारी बेबसी से अनु की और देख रहा था आज उसे उसकी टक्कर का कोई मिला था अब तक बनारस में उसने जितने भी थप्पड़ मारे थे उनका बदला अनु लेने वाली थी जो सामने बैठी थी !


“और कोई नौटंकी करनी है तुमको ? या चुपचाप से दिखा दोगे”,अनु ने मुरारी को घूरते हुए कहा l मुरारी ने बिना कुछ कहे हाथ आगे बढ़ा दिय क्या करता ? दो बार पड चुकी थी बेचारे को !

अनु ने मुरारी के हाथ पर लगी चोट को देखा और कहा,”मामूली सी चोट है , अभी ठीक हो जाएगी” अनु ने दारू की बॉटल उठायी और मुरारी के हाथ पर उलट दी !
“आह ! इह का कर रही हो ?”,मुरारी ने अपना हाथ पीछे खींचते हुए कहा अल्कोहल की वजह से उसे ते जलन हो उठी लेकिन अनु ने उसी मजबूती से उसका हाथ पकडे रखा और उस पर फूंक मारते हुए कहा,”अरे चिरकुट शांत रहो ना कुछ देर ! इस से इंफेक्शन नहीं होगा”


“लगता है इह हमको मारके छोड़ेगी”,मुरारी ने मन ही मन कहा !
अनु ने मुरारी से रूमाल मांगा और फिर आहिस्ता से उसे मुरारी के हाथ पर बांध दिया और कहा,”ये लो अब ठीक है”
“थैंक्स !!”,मुरारी ने सामने देखते हुए कहा !
“सॉरी !”,अनु ने मुरारी की और देखकर कहा
“सॉरी ? वो काहे ?”,मुरारी ने कहा


“वो मुझे तुम पर इस तरह हाथ नहीं उठाना चाहिए था”,अनु ने धीरे से कहा
“अरे कोई बात नहीं , वो तो तुम थी तुमरी जगह कोई और होता ना तो…………………..!!”,मुरारी कहते कहते रुक गया !
अनु ने बाकि बची दारू पि और बोतल साइड में रख दी ! वह मुरारी के करीब आई उसने अपना सर उसके कंधे पर रखा और कहने लगी,”मुरारी , मैं अपने पापा से बहुत प्यार करती हु और ये भी सच है की मैं उन्हें बहुत परेशान भी करती हु l पर मैं क्या करू मुझे शांत रहना अच्छा नहीं लगता है

पापा भी जानते है मुझे बचपन से देखते आये है इतना तो जानने ही है , बस कभी कभी परेशान हो जाते है वो और डांट देते है”
“उह परेशान होते है क्योकि उह तुमसे बहुते प्यार करते है”,मुरारी ने प्यार से सामने देखते हुए कहा


“आई नो , इसलिए तो उनकी डांट खाकर भी हम उनको हर बार सॉरी बोलते है और वो हमे माफ़ कर देते है”,अनु ने कहा
अनु के करीब होने का अहसास मुरारी को एक खूबसूरत माहौल में ढाल रहा था !

उसने अपना एक हाथ अनु के कंधे से होते हुए बेंच की दिवार पर रखा इस तरह की अनु को ना टच हो ! अनु को इतना भरोसा तो था मुरारी पर और अनु से भी ज्यादा भरोसा मुरारी को खुद पर था ! वैसे भी एक सच्चा मर्द वही है जो एक अकेली लड़की को अपनी जिम्मेदारी समझे मौका नहीं अनु काफी देर वैसे ही अपना सर मुरारी के कंधे पर टिकाये रही

कुछ देर बाद मुरारी ने कहा,”अच्छा एको बात बताओ ? तुम किसी से नहीं डरती ना”
“नहीं ! मैं किसी से भी नहीं डरती , किसी से भी मतलब किसी से भी नहीं “,अनु ने शेखी बघारते हुए कहा
“सच में !”,मुरारी ने हैरानी से कहा


“और नहीं तो क्या ? अगर शेर भी आ जाये ना तो मैं नहीं डरूंगी बल्कि उसको दो किक मार दूंगी”,कहते हुए अनु फिसली पर मुरारी ने सम्हाल लिया l मुरारी ने अनु के बांयी तरफ देखा और गंभीरता से कहा,”अनु तुमरे पापा !”
“पापा…………………..कहा है ? , कहा है ?…………………हे भगवान……………..कही उन्होंने मुझे देख तो नहीं लिया…………ओह गॉड”,कहते हुए अनु बेंच से उठकर उछल पड़ी ! पापा का नाम सुनते ही अनु की पी हुई एक झटके में उतर गयी ! अनु को घबराया हुआ देखकर मुरारी की हंसी निकल गयी वो वही बेंच पर बैठा बैठा हसने लगा !

मुरारी को हँसते हुए देखकर अनु हैरानी थी उसने अपने चारो और देखा उसके पापा कही नहीं थे l अनु ने मुरारी को घुरा और कहा,”व्हाट द हेल ? कहा है पापा ?”
“हम तो देखना चाहते है की सच मे तुम बहादुर हो या फिर ऐसे ही हवाबाजी कर रही हो !

देखा हमने कितनी बहादुर हो”,कहकर मुरारी फिर हसने लगा ! अनु को मुरारी की इस हरकत पर गुस्सा आया तो उसने कहा,”यू…………..आज के बाद बात मत करना मुझसे”
अनु जाने लगी तो मुरारी ने उसका हाथ पकड़ कर उसे रोकते हुए कहा,”अरे यार मजाक कर रहे थे हम”


“गो टू हेल”,कहकर अनु ने अपना हाथ झटका और चल पड़ी ! मुरारी उसे मनाते हुए चलने लगा लेकिन अनु अब कहा किसी की सुनने वाली थी ! दोनों चल ही रहे थे की तभी तेजी से एक गाड़ी अनु के करीब से गुजरी , टक्कर लग जाती अगर मुरारी ने उसका हाथ पकड़कर अपनी और ना खींचा होता ! अनु घबरा गयी तो मुरारी ने उसे डांटते हुए कहा,”ध्यान कहा है तुमरा ? हम तबसे रुकने के लिए कह रहे है ? अभी मर जाती , टांग वांग टूट जाती , अरे कछु हो जाता तुमको तो हम का करते ! इतना गुस्सा आ रहा है ना की का बताये ? देखो तुमरी वजह से कितना तेज धड़क रहा है

(अनु का हाथ अपने सीने पर रख देता है , जो की तेजी से धड़के जा रहा था) दिल तो कर रहा है एक…………………….”,मारने के लिए अपना हाथ हवा में उठाता है लेकिन अनु की आँखों में आंसू देखकर रुक जाता है ! अनु को खोने का डर पहली बार उसकी आँखों में समा जाता है वो महसूस करता है की अनु अब उसकी जिंदगी का हिस्सा बन चूकी है
अनु ने मुरारी को खुद से दूर किया और उसके सीने पर अपने दोनों हाथ रखकर उसे पीछे धकेलते हुए कहा,”तुम बहुत बुरे हो”


मुरारी उसे रोक पाता या समझा पाता इस से पहले अनु वहा से भाग गयी !
मुरारी प्यार भरी नजरो से अनु को जाते हुए देखता रहा और मन ही मन कहा,”बुरा हो या अच्छा ये शनि तो अब तुमरी कुंडली में आ चूका है ! मैग्गी !”

मुरारी वापस आया और अपनी बाइक स्टार्ट करके फ्लेट पर आ गया ! समय रात का डेढ़ बज रहा था मुरारी दबे पांव आया जैसे ही वह कमरे की तरफ बढ़ा हॉल की लाइट जल उठी ! मुरारी ने हैरानी से पलटकर देखा पीछे शिवम् खड़ा था l मुरारी मुस्कुरा उठा ! शिवम् ने कहा,”ये इतनी रात को कहा से आ रहे हो ?”
“वो……………वो………..वो किसी दोस्त की मदद करने गए थे”,मुरारी ने हिचकिचाते हुए कहा


“अच्छा बड़े दोस्त बनने लगे है तुमरे मुरारी , तुम्हे तो बनारस जाना था यहाँ रहना ही नहीं था पर इन दिनों तुम्हे देखकर लग रहा है जैसे यही रहने का मन बना लिए हो”,शिवम् ने कहा
“का भैया तुम भी ? खाना खाये की नहीं खाये ?”,मुरारी ने बात बदलते हुए कहा
“हम तो खा लेंगे , इह बताओ तुमने खाया की नहीं”,शिवम् ने मुरारी के चेहरे की और देखते हुए कहा
“हम मीठा खाके आये है”,मुरारी ने कहा तो यकायक ही उसके होंठो पर मुस्कान तैर गयी !


“कभी हमे भी खिलाओ !”,शिवम् ने टेबल से खाने की प्लेट उठाते हुए कहा जिसे मुरारी छोड़कर गया था !
“का तुम्हे भी खिलाओ ? , सरकारी थोड़े है ! वो प्राइवेट है अब बस हमरा हक़ है”,मुरारी ने बड़बड़ाते हुए कहा
“का ?”,शिवम् ने उसके सामने आकर कहा !
“अरे उह हम कह रहे थे खाना वाना लगाओ यार भूख लगी है”,मुरारी ने बात पलटते हुए कहा
“हम्म्म , बैठो गर्म करके लाते है”,शिवम् ने कहा और किचन की और चला गया !

मुरारी सोफे पर आ बैठा शिवम् दोनों के लिए खाना ले आया उसने मुरारी के सामने प्लेट रख दी ! दोनों खाने लगे खाते खाते मुरारी को अनु वाली बाते याद आई तो वह मुस्कुराने लगा !
“का बात है मुरारी ? आज तुम्हारे होंठो पर बड़ी मुस्कान है ?”,शिवम् ने कहा
मुरारी ने मुस्कुराते हुए शिवम् को देखा और गाने लगा,”जबा पे लागा लागा रे , नमक इश्क़ का हाय रे ,, तेरे इश्क़ का !


“तो का इश्क़ हो गया है तुमको ?”,शिवम् ने हैरानी से कहा
“का भैया तुम भी ? अब गाना भी ना गाये का ? तुमरी तरह देवदास तो है नहीं …………….. मन किया तो गुनगुना लेते है ! वैसे तुमको भी कभी गुनगुना लेना चाहिए”,मुरारी ने शिवम् की टांग खींचते हुए कहा
“अच्छा तो अब तुम सिखाओगे कब का करना है ?”,शिवम् ने घूरते हुए कहां !!


“हमरी बात सुनी होती ना तो अब तक तुमरे ओर सारिका भौजाई के फेरे पड़ चुके होते और तुमको बाप बनने की खुशखबरी भी मिल चुकी होती”,मुरारी ने खाते हुए कहा !

मुरारी की बात पर शिवम् उदास हो गया और सोचने लगा,”क्या सच में हम देर कर रहे है सारिका से कहने में”
“अब तुम का सोचने लगे ? हां हां सारिका का नाम मिलना चाहिए सुनने को………………..चेहरा अपने आप चमक उठता है “,मुरारी ने कहा और शिवम् की और देखने लगा सही कहा था मुरारी ने सारिका का नाम सुनने के बाद शिवम् के चेहरे पर प्यारी सी मुस्कुराहट आ गयी थी ! दोनों बाते करते रहे और फिर वही लेट गए !

अगले एक सप्ताह तक सारिका अपनी फेमिली के साथ बिजी रही ! अधिराज जी , अम्बिका और अनु इन तीनो के साथ ने सारिका को अहसास दिलाया की सब उस से कितना प्यार करते है ! जिस पिता के प्यार को वह आज तक तरसती आई थी आज वही प्यार उसे भरपूर मिल रहा था ! एक सप्ताह कब निकल गया उसे पता ही नहीं चला ! उसे उसके पापा और उनका प्यार फिर से मिल चुका था ! अम्बिका से भी सारिका ने माफ़ी मांगी और उन्हें अब वह प्यार से माँ कहकर बुलाने लगी थी !!

इन सबके बिच रहते हुए भी सारिका एक शख्स को नहीं भूली थी ! शिवम् को …………… वह रोज शिवम् को दिन में एक बार फोन करती और मेसेज करती पर शिवम् ने कोई जवाब नहीं दिया !! सारिका ने एक हफ्ते से उसे देखा तक नहीं था ना शिवम् ने सारिका को !! शिवम के दिमाग में क्या चल रहा था ये सिर्फ शिवम् ही जानता था !! इन सबके बिच एक इंसान और था जो इन सबसे भी ज्यादा परेशान था और वो था मुरारी ! मुरारी अनु से मिलने को , बात करने को परेशान था , कितने फोन मेसेज किये लेकिन अनु ने कोई रिप्लाय नहीं दिया !!


हफ्ते भर बाद सारिका की सगाई में अब सिर्फ 5 दिन ही बचे थे इसलिए अधिराज जी ने सारिका और अनु को भी इंदौर साथ ही चलने को कहा लेकिन अनु के दिमाग में कुछ तो खुराफाती चल रहा था उसने अधिराज जी से दो दिन बाद आने का कहा ! अनु के बार बार रिक्वेस्ट करने पर अधिराज जी ने परमिशन दे दी पर सिर्फ दो दिन की और फिर उसी दिन अम्बिका के साथ इंदौर के लिए निकल गए !! सारिका उन्हें एयरपोर्ट तक छोड़ने आई !

उन सबके जाने के बाद अनु दौड़कर बालकनी में आई और किसी को फोन करके कहा,”हेलो ! मॉम डेड जा चुके और अपने प्लान के मुताबिक मैंने सारिका दी को भी अपने साथ यही रोक लिया है l अब बस तुम कल शाम टाइम से पहुंच जाना !! दी तो तुम्हे देखकर सरप्राइज हो जाएगी !
सारिका के वापस आने के बाद अनु ने साथ में खाना खाया और फिर दोनों ने साथ में फिल्म देखी !! अगली सुबह सारिका अपने ऑफिस चली गयी उसे सभी जरुरी इन दो दिनों में निपटाने थे !

सारिका के जाते ही अनु आई उसने स्कूटी निकाली और बाहर निकल गयी ! बची मीना वो घर का काम निपटाने में लगी थी ! उधर अनु से ना मिलने के कारण मुरारी की हालत ख़राब थी वह इधर उधर घूमता रहा और जब नहीं रहा गया तो अनु से मिलने उसके घर जाने का सोचा ! शिवम् अपने कमरे में बैठा कुछ काम कर रहा था l जैसे ही मुरारी ने बाहर जाने की लिए दरवाजा खोला सामने अनु को पाकर हैरान रह गया !

अनु अंदर आई पीछे पीछे मुरारी भी आया और बरस पड़ा,”का हो गया है तुमको ? ना हमारा फोन उठाती हो ना किस मेसेज का जवाब देती हो , अरे माना उस रात मजाक मजाक में बोल दिए तुमको तो का इसकी इतनी बड़ी सजा दोगी हमको ! मालूम है एक हफ्ते से सोये नहीं है तुमरे बारे में सोच सोच के परेशान हो गए थे कैसी होगी ? किस हाल में होगी ? तुमरे कॉलेज गए थे तो पता चला एक हफ्ते से तुम वहा से भी गायब है !! तुमरे बाप की वजह से हमार मतबल पापा उनकी वजह से घर भी नहीं आ सकते थे !! आज नहीं आती न तो पक्का हम तुम्हारे घर आने वाले थे !! “


मुरारी को नॉनस्टॉप बोलता देखकर अनु ने आगे बढ़कर उसके मुंह पर हाथ रखते हुए कहा,”आह्ह कितना बोलते हो ना तुम , चुप बिल्कुल चुप !
मुरारी ने अपने मुंह से अनु का हाथ हटाया और बेचैनी से कहा,”हम बिल्कुल मजाक के मूड में नहीं है बताय रहे है ? थी कहा तुम ? और इस तरह हमे नजरअंदाज करने का मतलब का है ? हाँ “
“सब बताते है पहले साँस तो लेने दो !”,अनु ने टेबल पर पड़ी बोतल उठाई और पानी पीकर मुरारी की और बढ़ाकर पी लेने का इशारा किया मुरारी ने गुस्से से कहा,”कछु नहीं पीना है हमको “


अनु ने कंधे उचकाए और बॉटल वापस रख कर सामने पड़ी कुर्सी प्र बैठ गयी l मुरारी आकर उसके सामने निचे जमीं पर ही बैठ गया और अनु के बोलने का इंतजार करने लगा l अनु ने अपने बैग से कुछ निकाला और मुरारी से कहा,”अपना हाथ आगे करो !” अनु की बात सुनकर मुरारी उसकी और देखने लगा तो अनु ने कहा,”अरे बाबा हाथ आगे करो ना !” मुरारी ने अपना हाथ आगे किया तो अनु ने चैन अंगूठी और कुछ रूपये मुरारी की हथेली पर रख दिए !
“ये सब ?”,मुरारी ने हैरानी से कहा !


“उस दिन होटल के मैनेजर ने तुमसे ये सब ले लिया था न तो कल शाम ही ये मैं उस से लेकर आई हु और उसने कहा है वो तुमसे माफ़ी भी मांगेगा”,अनु ने अपनी पलके झपकाते हुए कहा
“तो तुम ये सब लौटाने आई हो ?”,मुरारी ने उदास मन से कहा उसे लगा था अनु उस से मिलने आई है !
“तुम्हे सॉरी भी बोलना था , तुमने मेरी इतनी हेल्प की मेरी बदतमीजिया बर्दास्त की और मैंने तुम्हे ही गलत समझा , आई ऍम सॉरी मुरारी !”,अनु ने मासूमियत से कहा !


मुरारी अनु के चैहरे की और देखता रहा आज सच में अनु उसे बहुत प्यारी लग रही थी l कुछ देर बाद मुरारी ने कहां,”और तुमरा फोन ?”
“वो फोन साइलेंट पर था और मैं उसे कही रखकर भूल गयी हु , मुझे अभी तक नहीं मिला है इसलिए तुम्हारे कॉल मेसेज का जवाब नहीं दे पाई , उसकी वजह से तो मुझे खुद नया फोन लेना पड़ा है”,अनु ने कहा l तब तक शिवम् भी वहा आ पहुंचा अनु ने उसे गुड़ मॉर्निंग का और बोली,”आज सारिका दी का बर्थडे है , शाम को मैंने उनके लिए सरप्राइज पार्टी रखी है ! आप दोनों भी आओगे तो उन्हें अच्छा लगेगा”


अनु चाहती थी शिवम् आये इसलिए जानबूझकर सारिका का नाम लेकर कहा लेकिन शिवम् उसके दिमाग में ना जाने क्या चल रहा था उसने साफ इंकार करते हुए कहा,”नहीं हम लोग नहीं आएंगे आप एन्जॉय कीजिये !”
“पर काहे नहीं जायेंगे ? , इह इतने प्यार से कह रही है !”,मुरारी ने कहा
“हमने कहा ना मुरारी नहीं जायेंगे मतलब नहीं जायेंगे , बहस ना करो”,शिवम् ने गुस्से से कहा और वापस चला गया
“इन्हे क्या हो गया है ?”,अनु ने हैरानी से कहा
“वो सठिया गए है , हम आते पर……………..!!”,मुरारी कहते कहते रुक गया !


“वो नहीं आ रहे तो तुम्हारी भी कोई जरूरत नहीं है”,अनु ने कहा और उठकर जाने लगी
“अब कहा जा रही हो ?”,मुरारी भी उठ खड़ा हुआ !
“अपने घर और कहा ?”,अनु ने कहा
“अभी ना जाओ छोड़ के , की दिल अभी भरा नहीं है !”,मुरारी गाते हुए शरमा कर पलट गया !
“तुम बहुत बुरा गाते हो”,अनु हसने लगी


“मालूम है”,मुरारी ने कह
“मुरारी तुम पागल हो गए हो”, अनु ने हसते हुए कहा कुछ देर ख़ामोशी के बाद मुरारी ने पलटते हुए कहा,”हां तुमरे प्यार में”,

पर अफ़सोस मुरारी ने ये बात होंठो से ना कहकर अपने मन में कही थी !!

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संजना किरोड़ीवाल

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Ranjhana By Sanjana Kirodiwal

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