फिर एक रांझणा
Phir Ek Ranjhana
“बस इतनी सी कहानी थी मेरी !”
एक 10-5 की नौकरी
रोज के 7-8 कप चाय
भोलेनाथ की भक्ति में मस्त
कुछ मेरी लिखी प्रेम कहानिया जिन्हे लोग पसंद करते थे
और कुछ दोस्त जो मेरे लिए कुछ भी करने को तैयार थे !
चाय की दुकाने थी , शहर की गलिया थी , लोगो का प्यार था और एक सख्त दिल था जो उसे देखकर पिघल चुका था !
हम अपनी कहानी के “कुंदन” थे और वो था “जोया” जिसके पहले से कई “अकरम बेदी” थे !!
कुछ “बिंदिया” (लौंडे) भी थे जो हमारी एक हां के इंतजार में थे , पर साला कुंदन (हम) की नजरो को तो “जोया” पर ही रुकना था !
ये हमारा सीना जिसके कोने में आग अभी भी बाकि थी
हम पिघल सकते थे पर किसके लिए ? ,
जूनून दिखा सकते थे पर किसके लिए ?
“जोया” को तो इस बार भी “कुंदन” का नहीं होना था !!
वो अहसास , वो नजर , वो शहर और वो ख्याल सब छूट रहा था मुझसे
मेरे सीने की आग या तो मुझे पिघला सकती थी या फिर सख्त बना सकती थी
फिर कौन अपने अंदर वो अहसास जगाये ?
कौन ये उम्मीद लगाए की एक दिन “जोया” को “कुंदन” का प्यार नजर आएगा
अबे ! कभी तो इधर झांक कर देख लो ,,
वो अगर आज भी पलटकर देख ले , भोलेनाथ की कसम ! फिर से पिघल जाएगे
पर साला अब पिघले कौन ? भूल जाने में ही भलाई है , सख्त रहने में ही सुकून है ! !
पर पिघलेंगे किसी दिन……………………………..!!!
उसी शहर की गलियों में जाने को , चाय के कप होंठो से लगाने को , फिर से किसी के इश्क़ में पड़ जाने को ,, पर इस बार किसी बिंदिया को चुनेंगे , उसके लिए पिघलेंगे !! वो क्या है ना की साला जोया में अब वो बात नहीं रही !
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Sanjana Kirodiwal
waah kya likha hai aur sahi likha hai
Mujhe laga ye 2nd part h ranjhana ka.. ab to Kundan ko Bindiya jarur mil jaayegi/jayega.. achha likha
Sach… Kya movie thi… Osum…. Aur kya description diya aapne…. Sach bahut bahut sachaa👏👏👏👏👏👏👌👌👌👌👌👌👌👌👌
Hello mam acha laga apko kuch alag karta dakh kar
Nice sanjna mam
Very nice starting👌👌
Tarif me kya hi likhu Mai.!!
वाह क्या बिंदास लिखा है 👌👌👌👌👍👍👍
,👍👍👍
Dubara ji Lia ishq ki…thanku sanjana
Bahut khoob
Wow new story 😍
Lines from Ranjana movie… But pdh k acha laga
..
Aapko dhoondna muskil tha… But aapki stories ne ise asaan kr diya
Jb tum hmare liye kuch bhi krne ko taiyar ho mere jinn to hm kyu na hoge be
Fir se Ranjhana
Bhut accha 😘😍super
Behtreen likha hai…
nice
Fir kuchh naya or achha padhne ko milega.
Mujhe bhi
रांझणा कहनी में मुरारी कि डॉयलॉग बहुत याद आती इतना मज़ा प्रतिलिपि की और कहानियों में नहीं मिला ..
Miss you Murari..
“फिर एक रांझणा” के लिए बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🌹🌹
Pritpal Kaur
Very nice
very nice bht achchi
Awesome
Bahut hi achha dialog tha ranjhana ka .
Very nice
Hum uparwale sei dua karengee ki🙏
Joya …jisko yh ehsaas nhi hua…
Ki usne kya kho diya….
Kundan ko binidiya k sath khush dekh kr
Ehsaas jarrur ho ….
Your all stories are full of emotion and deep feelings .
Shandaar👏👏
Jyada gahrayi se to samjh nahi aya par likha bahut achha h apne 👌
Isme bhi apne ranjhna ka intzar dekhe ko mila,