Sanjana Kirodiwal

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हाँ ये मोहब्बत है – 45

Haan Ye Mohabbat Hai – 45

Haan Ye Mohabbat Hai
Haan Ye Mohabbat Hai

रात के खाने के समय सब आये लेकिन अक्षत नहीं आया विजय जी ने देखा तो मीरा से पूछा,”मीरा आशु नहीं आया आज ?”
“पापा वो सो रहे है”,मीरा ने कहा
“ये कोई सोने का वक्त है , राधा ये लड़का दिन-ब-दिन बच्चा बनता जा रहा है”,विजय जी ने कहा
“अरे विजय जबसे अमायरा इस घर में आयी है आशु तो दिनभर उसी के साथ रहता है , अब बच्चो के साथ रहेगा तो बच्चो वाली हरकते तो करेगा ही ना , सोने दे उसे बाद में उठ कर खा लेगा”,दादू ने कहा
“ठीक है पापा”,विजय जी ने कहा
“अच्छा मौसाजी मुझे ये पूछना था की वो जो 5 डायमंड सेट और 2 पेन्डेन्ट अलग निकलवाए है उनका क्या करना है ?”,सोमित ने कहा
“वो सब घर के लिए है निधि की शादी में माँ , राधा , नीता , मीरा और तनु के लिए तोहफा है , बाकि पेन्डेन्ट एक काव्या के लिए दुसरा हमारी छोटी लाड़ली के लिए ,, और निधि के लिए अलग से मैंने पूरा ब्राइडल सेट फिक्स कर दिया है”
नीता तनु और मीरा ने सूना तो खुश हो गयी , विजय जी की तरफ से उन्हें ये पहला तोहफा जो था वो भी शादी में। काव्या ने सूना तो वह विजय जी के पास आयी और कहने लगी,”नानाजी मुझे भी निधि मौसी जैसा लहंगा चाहिए लेकिन पापा नहीं लाने दे रहे”
“क्यों भई सोमित जी मना क्यों किया ?”,विजय जी ने पूछा
“अरे मौसाजी निधि होने वाली दुल्हन है उसे इतना महंगा लेना सूट करता है , कवि अभी बच्ची है”,सोमित ने कहा तो विजय जी मुस्कुराये और काव्या की तरफ झुककर कहा,”तुम्हारे पापा ना थोड़े कंजूस हो गए है पर कोई बात नहीं नानू तुमको वो लहंगा दिलवा कर लाएंगे , चलो अब जल्दी से स्माइल करो”
काव्या ने सूना तो मुस्कुराई और विजय जी के गाल पर किस करते हुए कहा,”थैंक्यू नानू”
“मौसाजी आप,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,सोमित ने कहना चाहा तो विजय जी ने कहा,”सोमित जी बच्ची है और बच्चो को ख़ुशी में ही हम सबकी ख़ुशी है अभी अगर ऐसा ही कुछ आशु ने आपसे माँगा होता तो आप ना कहते,,,,,,,,,,,,,नहीं ना , फिर मैं अपनी नातिन को ना कैसे कह सकता हूँ ?”
“अब वो तो साले साहब है हमारे”,जीजू ने शर्माते हुए कहा तो सब हसने लगे। खाना खाने के बाद विजय जी सोमित जीजू और अर्जुन के साथ आकर दादू के कमरे में बैठ गये और शादी में होने वाले कामो की लिस्ट बनाने लगे। वही राधा नीता और तनु को अपने पास बैठा कर कौन कौन मेहमान शादी में आएंगे
मीरा ने एक प्लेट में अक्षत के लिए खाना लिया और लेकर सीढ़ियों की तरफ बढ़ गई।

मीरा प्लेट में खाना लेकर ऊपर कमरे में आयी। उसने देखा अमायरा को अपनी बांहो में थामे अक्षत बेपरवाह सा सो रहा है। मीरा खाने की प्लेट साइड में रखी और आकर अक्षत को उठाने लगी। अक्षत की आंख खुली सामने मीरा को देखा , कुछ सेकेण्ड वह मीरा को देखता रहा और फिर मुंह घुमा लिया। मीरा ने अक्षत का चेहरा अपनी तरफ किया और प्यार से कहा,”सॉरी”
अक्षत ने मीरा का हाथ साइड कर दिया तो मीरा अक्षत के थोड़ा सा करीब आयी और कहा,”हम जानते है आप हमसे नाराज है , हम अमायरा को छोड़कर जाना नहीं चाहते थे पर माँ ने कहा तो हमे जाना पड़ा , आप और माँ दोनों ही हमारे लिए इम्पोर्टेट है और हम दोनों की बात नहीं टाल सकते,,,,,,,,,,,,,मान जाईये ना आई प्रॉमिस मैं कभी अमायरा को अकेला नहीं छोडूंगी”
अक्षत ने सीने से लगी अमायरा को धीरे से हटाया और साइड में सुलाकर उसे कम्बल ओढ़ा दी। अमायरा गहरी नीदं में सो रही थी अक्षत ने उसका सर चूमा और बाथरूम की तरफ चला गया। अक्षत हाथ मुंह धोकर आया तब तक मीरा ने वहा पड़ी टेबल पर खाना लगाते हुए कहा,”आप खाना खाने नीचे नहीं आये इसलिए हम आपका खाना यही ले आये।
अक्षत आकर मीरा के पास बैठ गया और ख़ामोशी से मीरा को देखने लगा। मीरा ने एक निवाला तोडा और अक्षत की तरफ बढ़ा दिया तो अक्षत ने उसका हाथ फिर से साइड कर दिया। मीरा समझ गयी की अक्षत उस से बहुत नाराज है , मीरा ने फिर से अक्षत की तरफ निवाला बढ़ाया लेकिन अक्षत ने फिर हाथ साइड में कर दिया और मीरा को देखता रहा। अक्षत की ये ख़ामोशी मीरा को चुभ रही थी , उसने निवाला वापस प्लेट में रख दिया और कहा,”अक्षत जी आपको हमे डाटना है डांट लीजिये , गुस्सा करना है गुस्सा कर लीजिये पर ऐसे खामोश मत रहिये ,, आपकी ये ख़ामोशी चुभती है हमे”
अक्षत ने कुछ नहीं कहा टेबल पर रखा प्लेट उठाया और तोड़ा हुआ निवाला अपने हाथ में लेकर मीरा को खिलाते हुए कहा,”मेरे खाने की फ़िक्र है खुद ने कुछ नहीं खाया होगा”
अक्षत का ये प्यार देखकर मीरा की आँखे नम हो गयी। उसने अक्षत के हाथ से निवाला खा लिया और फिर खुद अपने हाथ से उसे खिलाने लगी। अक्षत ने एक दो निवाले खाये और फिर कहने लगा,”मीरा पहले हम दोनों एक दूसरे की प्रायोरिटी थे अब अमायरा आ चुकी है अब हम दोनों की प्रायोरिटी ये है , मैं ये नहीं कह रहा की तुम अपनी जिंदगी जीना छोड़ दो मैं बस ये कहना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“आप ये कहना चाह रहे है की जब तक अमायरा बड़ी नहीं होती मैं इसका ख्याल रखू , इसे कभी अकेला नहीं छोड़ू यही ना”,मीरा ने अक्षत की आँखों में देखते हुए कहा। अक्षत ने प्यार से मीरा के गाल को छूआ और कहा,”जब मेरे बिना कहे मेरी हर बात समझ लेती हो तो फिर अमायरा को लेकर इतनी लापरवाही क्यों मीरा ? ये सिर्फ हमारी बेटी नहीं है बल्कि हमारे प्यार की निशानी है , वो प्यार जिसे सारी दुनिया से परे रखा है मैंने। भले तुम मेरा ख्याल कम रखो चलेगा पर इसका पूरा ख्याल रखो ,, जानती हो दिनभर की थकान के बाद जब मैं इसका खिलखिलाता चेहरा देखता हूँ तो अपनी सारी थकान सारी परेशानिया कुछ पल के लिए भूल जाता हूँ।”
“अमायरा के लिए आपका प्यार समझ सकते है , आज के बाद हम उसे कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे”,मीरा ने अक्षत के हाथो को थामते हुए कहा
“सॉरी,,,,,,,,,,,,,!”,अक्षत ने मीरा के हाथ पर अपना दुसरा हाथ रखते हुए कहा
“आप क्यों सॉरी बोल रहे है ?’,मीरा ने हैरानी से कहा
“आजकल मैं तुम पर बहुत गुस्सा करने लगा हूँ ना इसलिए कहा , सॉरी”,अक्षत ने मीरा के गाल को अपने होंठो से छूकर कहा
“ये अच्छा तरिका है सॉरी बोलने का”,मीरा ने शरारत से मुस्कुराते हुए कहा
“एक बार फिर सॉरी कहु,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए अक्षत के दूसरे गाल पर भी किस कर लिया।
“हमे आपसे कुछ नहीं चाहिए बस आप हमसे नाराज मत हुआ कीजिये , आप बात नहीं करते ना तो ऐसा लगता है जैसे सब हमसे रूठ गए , सब खाली खाली सा लगता है”,मीरा ने कहा तो अक्षत ने अपनी पीठ दिवार से लगाईं और मीरा को अपने पास आने का इशारा किया। मीरा अक्षत के पास चली आयी और उसके सीने से लगकर पास ही सोई अमायरा का सर सहलाने लगी।
अक्षत ने मीरा को अपनी बांहो में भरा और फिर से आँखे मूँद ली। कुछ देर बाद अमायरा जगी तो उसने अक्षत और मीरा को सोये हुए देखा। वह उठकर बैठ गयी और अपना सर अक्षत की गोद में टिका लिया कुछ देर बाद उसे भी नींद आ गयी। मीरा और अमायरा ये दोनों ही तो अक्षत की दुनिया थे। जितना प्यार अक्षत अपनी बेटी से करता था उतना ही प्यार वह मीरा से भी करता था।
सुबह मीरा की आंख खुली उसने अमायरा को अक्षत के पास पाया तो मुस्कुरा उठी और कहा,”अपने पापा की लाड़ली”
मीरा तैयार होकर नीचे चली आयी। आज संडे था इसलिए सब घर में ही थे और सब अपने अपने कमरों में थे। निधि परेशान सी नीचे आयी वह कल रात से हनी से बात करने की कोशिश कर रही थी लेकिन हनी का फोन ही नहीं लग रहा था। निधि उदास सी नीचे चली आयी। राधा पूजाघर में पूजा कर रही थी लेकिन नजर बार बार निधि पर जा रही थी। एक महीने बाद शादी थी और निधि का फोन नहीं उठाना निधि को परेशान कर गया। मीरा किचन से चाय लेकर दादू के कमरे की तरफ जाने लगी उसने निधि को उदास देखा , वह दादू के कमरे की तरफ बढ़ गयी। दादू को चाय देकर मीरा वापस निधि के पास आयी वह उस से कुछ पूछती इस से पहले ही दरवाजे की बेल बजी मीरा जाने लगी तो निधि ने कहा,”मीरा मैं देखती हूँ”
“हम्म्म हम तुम्हारे लिए चाय लेकर आते है”,मीरा ने कहा और किचन की तरफ चली गयी। जीजू भी आकर सोफे पर बैठ गए। निधि ने जैसे ही दरवाजा खोला हैरानी और ख़ुशी से उसकी आँखे चमक उठी। उसके गले से कोई आवाज ही नहीं निकली
“सरप्राइज,,,,,,,,,,,,,,!!!”,निधि के सामने खड़े हनी ने बड़े ही प्यार से मुस्क़ुराते हुए कहा और अपनी बांहे फैला दी।
निधि ने हनी को देखा तो दौड़कर उसके गले लगी और कहा,”स्टुपिड फोन क्यों नहीं उठाया ?”
“फोन उठा लेता तो तुम्हे सरप्राइज कैसे देता ? आई मिस यू सो मच”,हनी ने कहा
“आई मिस यू टू”,निधि ने कहा वह तो हनी को जैसे छोड़ना ही नहीं चाहती थी। जीजू ने हनी को देखा तो मुस्कुराते हुए उन दोनों की तरफ आये और छेड़ते हुए कहा,”अरे बड़े बुजुर्गो की थोड़ी तो शर्म कर लो”
जीजू की आवाज सुनकर निधि ने हनी को छोड़ दिया और कहा,”अरे जीजू आप”
“हां मैं तो यही रहता हूँ तुम शायद भूल गयी है ना”,जीजू ने मुस्कुराते हुए कहा
“नमस्ते जीजाजी”,हनी ने आगे बढ़कर सोमित के पैर छूते हुए कहा
“खुश रहो बेटा , आओ अंदर आओ”,जीजू हनी के कंधे पर हाथ रखकर उसके साथ अंदर चले आये। मीरा जीजू और निधि के लिए चाय लेकर आयी थी हनी को देखते ही ख़ुश होकर कहा,”अरे हनी जी आप , आईये ना”
“नमस्ते भाभी कैसी है आप ?”,हनी ने मीरा के पैर छूने चाहे तो उसने रोकते हुए कहा,”अरे बस बस निधि हमारी ननडद बाद में है पहले हमारी दोस्त है तो फॉर्मेलिटी मत कीजिये प्लीज , बैठिये ना”
“थेंक्यू”,कहकर हनी सोफे पर आ बैठा। निधि भी उसी सोफे के हत्थे पर आ बैठी। जीजू भी सामने पड़े सोफे पर बैठ गए और हनी से बातें करने लगे। राधा की पूजा लगभग ख़त्म हो चुकी थी वे पूजा से उठी और हनी की तरफ चली आयी। हनी ने राधा को देखा तो उठा और उनके पैर छूते हुए कहा,”नमस्ते माँ”
“नमस्ते बेटा कैसे हो ?”,राधा ने कहा
“मैं बिल्कुल फिट एंड फाइन लेकिन आप थोड़ी वीक नजर आ रही है”,हनी ने कहा
“नहीं बेटा ऐसा कुछ नहीं है अभी शादी की तैयारियों में लगे है ना इसलिए”,राधा ने कहा
“अरे आप खड़ी क्यों है ? बैठिये ना और बाकी सब कहा है ?”,हनी ने चारो तरफ नजरे दौड़ाते हुए पूछा
“सब यही है आज संडे है ना इसलिए अपने अपने कमरों में होंगे”,सोमित जीजू ने कहा
मीरा ने हनी और बाकि सब को चाय दी कुछ देर बाद ही चीकू आया हनी को देखकर वह उसके पास आया और दोनों हाथो से हनी के पैर छूते हुए कहा,”नमस्ते”
“नमस्ते चीकू तुम्हारे लिए मैं कुछ लाया हूँ रुको”,कहते हुए हनी ने अपनी जींस की पॉकेट से एक बड़ी सी चॉकलेट निकाली और चीकू को दे दी। चीकू तो खुश हो गया। पास खड़ी काव्या ने कहा,”और मेरे लिये ?”
“आपके लिए तो भूल गया”,हनी ने मासूम सा चेहरा बनाकर कहा।
“कोई बात नहीं”,काव्या ने मुस्कुराते हुए कहा तो हनी ने उसे अपने पास आने का इशारा किया और जेब से दूसरी चॉकलेट निकालते हुए कहा,”आपके लिए लाना कैसे भूल सकता हूँ ? ये आपके लिए”
“थैंक्यू फूफाजी”,कहते हुए काव्या ने हनी के गाल पर किस किया और सोमित के पास चली आयी।
विजय जी बाहर घूमने गए हुए थे वापस आये तो सबको हॉल में देखकर उसी तरफ चले आये। हनी को देखकर उनका चेहरा खिल उठा। वे हनी से मिले और वही बैठ गए। कुछ देर बाद दादू दादी , अर्जुन , तनु और नीता भी चले आये। सभी वहा मौजूद थे बस अक्षत नहीं था। उसे वहा ना देखकर हनी ने कहा,”अक्षत भैया दिखाई नहीं दे रहे और अमायरा से भी नहीं मिला मैं कहा है वो दोनों ?”
“यहाँ है जीजाजी”,अक्षत ने कहा वह अमायरा को गोद में उठाये सीढ़ियों से नीचे रहा था। अक्षत को देखते ही हनी उठ खड़ा हुआ अक्षत जब उसके पास आया तो हनी ने हाथ मिलाते हुए कहा,”कैसे है साले साह,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!” कहते हुए हनी को पुरानी बाते याद आ गयी जब अक्षत ने कहा था की उन्हें साले साहब बुलाने का हक़ सिर्फ सोमित जीजू को हैं उसने तुरंत बात बदलते हुए कहा,”मेरा मतलब भाईसाहब , कैसे है भैया ?”
“मैं ठीक हूँ तुम कैसे हो ?”,अक्षत ने कहा
“मैं भी ठीक हूँ , मैं इसे गोद में ले सकता हूँ ?”,हनी ने अमायरा की तरफ देखकर कहा
“हां बिल्कुल ये लो,,,,,,,,,,,,,सम्हालकर हां”,अक्षत ने अमायरा हनी को थमा दी।

Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45 Haan Ye Mohabbat Hai – 45

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संजना किरोड़ीवाल

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Haan Ye Mohabbat Hai

मीरा प्लेट में खाना लेकर ऊपर कमरे में आयी। उसने देखा अमायरा को अपनी बांहो में थामे अक्षत बेपरवाह सा सो रहा है। मीरा खाने की प्लेट साइड में रखी और आकर अक्षत को उठाने लगी। अक्षत की आंख खुली सामने मीरा को देखा , कुछ सेकेण्ड वह मीरा को देखता रहा और फिर मुंह घुमा लिया। मीरा ने अक्षत का चेहरा अपनी तरफ किया और प्यार से कहा,”सॉरी”
अक्षत ने मीरा का हाथ साइड कर दिया तो मीरा अक्षत के थोड़ा सा करीब आयी और कहा,”हम जानते है आप हमसे नाराज है , हम अमायरा को छोड़कर जाना नहीं चाहते थे पर माँ ने कहा तो हमे जाना पड़ा , आप और माँ दोनों ही हमारे लिए इम्पोर्टेट है और हम दोनों की बात नहीं टाल सकते,,,,,,,,,,,,,मान जाईये ना आई प्रॉमिस मैं कभी अमायरा को अकेला नहीं छोडूंगी”
अक्षत ने सीने से लगी अमायरा को धीरे से हटाया और साइड में सुलाकर उसे कम्बल ओढ़ा दी। अमायरा गहरी नीदं में सो रही थी अक्षत ने उसका सर चूमा और बाथरूम की तरफ चला गया। अक्षत हाथ मुंह धोकर आया तब तक मीरा ने वहा पड़ी टेबल पर खाना लगाते हुए कहा,”आप खाना खाने नीचे नहीं आये इसलिए हम आपका खाना यही ले आये।
अक्षत आकर मीरा के पास बैठ गया और ख़ामोशी से मीरा को देखने लगा। मीरा ने एक निवाला तोडा और अक्षत की तरफ बढ़ा दिया तो अक्षत ने उसका हाथ फिर से साइड कर दिया। मीरा समझ गयी की अक्षत उस से बहुत नाराज है , मीरा ने फिर से अक्षत की तरफ निवाला बढ़ाया लेकिन अक्षत ने फिर हाथ साइड में कर दिया और मीरा को देखता रहा। अक्षत की ये ख़ामोशी मीरा को चुभ रही थी , उसने निवाला वापस प्लेट में रख दिया और कहा,”अक्षत जी आपको हमे डाटना है डांट लीजिये , गुस्सा करना है गुस्सा कर लीजिये पर ऐसे खामोश मत रहिये ,, आपकी ये ख़ामोशी चुभती है हमे”
अक्षत ने कुछ नहीं कहा टेबल पर रखा प्लेट उठाया और तोड़ा हुआ निवाला अपने हाथ में लेकर मीरा को खिलाते हुए कहा,”मेरे खाने की फ़िक्र है खुद ने कुछ नहीं खाया होगा”
अक्षत का ये प्यार देखकर मीरा की आँखे नम हो गयी। उसने अक्षत के हाथ से निवाला खा लिया और फिर खुद अपने हाथ से उसे खिलाने लगी। अक्षत ने एक दो निवाले खाये और फिर कहने लगा,”मीरा पहले हम दोनों एक दूसरे की प्रायोरिटी थे अब अमायरा आ चुकी है अब हम दोनों की प्रायोरिटी ये है , मैं ये नहीं कह रहा की तुम अपनी जिंदगी जीना छोड़ दो मैं बस ये कहना,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“आप ये कहना चाह रहे है की जब तक अमायरा बड़ी नहीं होती मैं इसका ख्याल रखू , इसे कभी अकेला नहीं छोड़ू यही ना”,मीरा ने अक्षत की आँखों में देखते हुए कहा। अक्षत ने प्यार से मीरा के गाल को छूआ और कहा,”जब मेरे बिना कहे मेरी हर बात समझ लेती हो तो फिर अमायरा को लेकर इतनी लापरवाही क्यों मीरा ? ये सिर्फ हमारी बेटी नहीं है बल्कि हमारे प्यार की निशानी है , वो प्यार जिसे सारी दुनिया से परे रखा है मैंने। भले तुम मेरा ख्याल कम रखो चलेगा पर इसका पूरा ख्याल रखो ,, जानती हो दिनभर की थकान के बाद जब मैं इसका खिलखिलाता चेहरा देखता हूँ तो अपनी सारी थकान सारी परेशानिया कुछ पल के लिए भूल जाता हूँ।”
“अमायरा के लिए आपका प्यार समझ सकते है , आज के बाद हम उसे कभी अकेला नहीं छोड़ेंगे”,मीरा ने अक्षत के हाथो को थामते हुए कहा
“सॉरी,,,,,,,,,,,,,!”,अक्षत ने मीरा के हाथ पर अपना दुसरा हाथ रखते हुए कहा
“आप क्यों सॉरी बोल रहे है ?’,मीरा ने हैरानी से कहा
“आजकल मैं तुम पर बहुत गुस्सा करने लगा हूँ ना इसलिए कहा , सॉरी”,अक्षत ने मीरा के गाल को अपने होंठो से छूकर कहा
“ये अच्छा तरिका है सॉरी बोलने का”,मीरा ने शरारत से मुस्कुराते हुए कहा
“एक बार फिर सॉरी कहु,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए अक्षत के दूसरे गाल पर भी किस कर लिया।
“हमे आपसे कुछ नहीं चाहिए बस आप हमसे नाराज मत हुआ कीजिये , आप बात नहीं करते ना तो ऐसा लगता है जैसे सब हमसे रूठ गए , सब खाली खाली सा लगता है”,मीरा ने कहा तो अक्षत ने अपनी पीठ दिवार से लगाईं और मीरा को अपने पास आने का इशारा किया। मीरा अक्षत के पास चली आयी और उसके सीने से लगकर पास ही सोई अमायरा का सर सहलाने लगी।
अक्षत ने मीरा को अपनी बांहो में भरा और फिर से आँखे मूँद ली। कुछ देर बाद अमायरा जगी तो उसने अक्षत और मीरा को सोये हुए देखा। वह उठकर बैठ गयी और अपना सर अक्षत की गोद में टिका लिया कुछ देर बाद उसे भी नींद आ गयी। मीरा और अमायरा ये दोनों ही तो अक्षत की दुनिया थे। जितना प्यार अक्षत अपनी बेटी से करता था उतना ही प्यार वह मीरा से भी करता था।
सुबह मीरा की आंख खुली उसने अमायरा को अक्षत के पास पाया तो मुस्कुरा उठी और कहा,”अपने पापा की लाड़ली”
मीरा तैयार होकर नीचे चली आयी। आज संडे था इसलिए सब घर में ही थे और सब अपने अपने कमरों में थे। निधि परेशान सी नीचे आयी वह कल रात से हनी से बात करने की कोशिश कर रही थी लेकिन हनी का फोन ही नहीं लग रहा था। निधि उदास सी नीचे चली आयी। राधा पूजाघर में पूजा कर रही थी लेकिन नजर बार बार निधि पर जा रही थी। एक महीने बाद शादी थी और निधि का फोन नहीं उठाना निधि को परेशान कर गया। मीरा किचन से चाय लेकर दादू के कमरे की तरफ जाने लगी उसने निधि को उदास देखा , वह दादू के कमरे की तरफ बढ़ गयी। दादू को चाय देकर मीरा वापस निधि के पास आयी वह उस से कुछ पूछती इस से पहले ही दरवाजे की बेल बजी मीरा जाने लगी तो निधि ने कहा,”मीरा मैं देखती हूँ”
“हम्म्म हम तुम्हारे लिए चाय लेकर आते है”,मीरा ने कहा और किचन की तरफ चली गयी। जीजू भी आकर सोफे पर बैठ गए। निधि ने जैसे ही दरवाजा खोला हैरानी और ख़ुशी से उसकी आँखे चमक उठी। उसके गले से कोई आवाज ही नहीं निकली
“सरप्राइज,,,,,,,,,,,,,,!!!”,निधि के सामने खड़े हनी ने बड़े ही प्यार से मुस्क़ुराते हुए कहा और अपनी बांहे फैला दी।
निधि ने हनी को देखा तो दौड़कर उसके गले लगी और कहा,”स्टुपिड फोन क्यों नहीं उठाया ?”
“फोन उठा लेता तो तुम्हे सरप्राइज कैसे देता ? आई मिस यू सो मच”,हनी ने कहा
“आई मिस यू टू”,निधि ने कहा वह तो हनी को जैसे छोड़ना ही नहीं चाहती थी। जीजू ने हनी को देखा तो मुस्कुराते हुए उन दोनों की तरफ आये और छेड़ते हुए कहा,”अरे बड़े बुजुर्गो की थोड़ी तो शर्म कर लो”
जीजू की आवाज सुनकर निधि ने हनी को छोड़ दिया और कहा,”अरे जीजू आप”
“हां मैं तो यही रहता हूँ तुम शायद भूल गयी है ना”,जीजू ने मुस्कुराते हुए कहा
“नमस्ते जीजाजी”,हनी ने आगे बढ़कर सोमित के पैर छूते हुए कहा
“खुश रहो बेटा , आओ अंदर आओ”,जीजू हनी के कंधे पर हाथ रखकर उसके साथ अंदर चले आये। मीरा जीजू और निधि के लिए चाय लेकर आयी थी हनी को देखते ही ख़ुश होकर कहा,”अरे हनी जी आप , आईये ना”
“नमस्ते भाभी कैसी है आप ?”,हनी ने मीरा के पैर छूने चाहे तो उसने रोकते हुए कहा,”अरे बस बस निधि हमारी ननडद बाद में है पहले हमारी दोस्त है तो फॉर्मेलिटी मत कीजिये प्लीज , बैठिये ना”
“थेंक्यू”,कहकर हनी सोफे पर आ बैठा। निधि भी उसी सोफे के हत्थे पर आ बैठी। जीजू भी सामने पड़े सोफे पर बैठ गए और हनी से बातें करने लगे। राधा की पूजा लगभग ख़त्म हो चुकी थी वे पूजा से उठी और हनी की तरफ चली आयी। हनी ने राधा को देखा तो उठा और उनके पैर छूते हुए कहा,”नमस्ते माँ”
“नमस्ते बेटा कैसे हो ?”,राधा ने कहा
“मैं बिल्कुल फिट एंड फाइन लेकिन आप थोड़ी वीक नजर आ रही है”,हनी ने कहा
“नहीं बेटा ऐसा कुछ नहीं है अभी शादी की तैयारियों में लगे है ना इसलिए”,राधा ने कहा
“अरे आप खड़ी क्यों है ? बैठिये ना और बाकी सब कहा है ?”,हनी ने चारो तरफ नजरे दौड़ाते हुए पूछा
“सब यही है आज संडे है ना इसलिए अपने अपने कमरों में होंगे”,सोमित जीजू ने कहा
मीरा ने हनी और बाकि सब को चाय दी कुछ देर बाद ही चीकू आया हनी को देखकर वह उसके पास आया और दोनों हाथो से हनी के पैर छूते हुए कहा,”नमस्ते”
“नमस्ते चीकू तुम्हारे लिए मैं कुछ लाया हूँ रुको”,कहते हुए हनी ने अपनी जींस की पॉकेट से एक बड़ी सी चॉकलेट निकाली और चीकू को दे दी। चीकू तो खुश हो गया। पास खड़ी काव्या ने कहा,”और मेरे लिये ?”
“आपके लिए तो भूल गया”,हनी ने मासूम सा चेहरा बनाकर कहा।
“कोई बात नहीं”,काव्या ने मुस्कुराते हुए कहा तो हनी ने उसे अपने पास आने का इशारा किया और जेब से दूसरी चॉकलेट निकालते हुए कहा,”आपके लिए लाना कैसे भूल सकता हूँ ? ये आपके लिए”
“थैंक्यू फूफाजी”,कहते हुए काव्या ने हनी के गाल पर किस किया और सोमित के पास चली आयी।
विजय जी बाहर घूमने गए हुए थे वापस आये तो सबको हॉल में देखकर उसी तरफ चले आये। हनी को देखकर उनका चेहरा खिल उठा। वे हनी से मिले और वही बैठ गए। कुछ देर बाद दादू दादी , अर्जुन , तनु और नीता भी चले आये। सभी वहा मौजूद थे बस अक्षत नहीं था। उसे वहा ना देखकर हनी ने कहा,”अक्षत भैया दिखाई नहीं दे रहे और अमायरा से भी नहीं मिला मैं कहा है वो दोनों ?”
“यहाँ है जीजाजी”,अक्षत ने कहा वह अमायरा को गोद में उठाये सीढ़ियों से नीचे रहा था। अक्षत को देखते ही हनी उठ खड़ा हुआ अक्षत जब उसके पास आया तो हनी ने हाथ मिलाते हुए कहा,”कैसे है साले साह,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!” कहते हुए हनी को पुरानी बाते याद आ गयी जब अक्षत ने कहा था की उन्हें साले साहब बुलाने का हक़ सिर्फ सोमित जीजू को हैं उसने तुरंत बात बदलते हुए कहा,”मेरा मतलब भाईसाहब , कैसे है भैया ?”
“मैं ठीक हूँ तुम कैसे हो ?”,अक्षत ने कहा
“मैं भी ठीक हूँ , मैं इसे गोद में ले सकता हूँ ?”,हनी ने अमायरा की तरफ देखकर कहा
“हां बिल्कुल ये लो,,,,,,,,,,,,,सम्हालकर हां”,अक्षत ने अमायरा हनी को थमा दी।

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