“मैं तेरी हीर” – 69
Main Teri Heer – 69
काशी ने मुन्ना को शक्ति के बारे में बताया तो मुन्ना ने काशी को अच्छे से समझाया की ये सब उसका आकर्षण था। ठंड होने की वजह से मुन्ना ने काशी को नीचे जाने के लिए कह दिया और खुद वही रुक गया। मुन्ना ने काशी को तो किसी तरह से समझा दिया लेकिन उसे बुरा लग रहा था की शक्ति ने काशी का दिल तोड़ा। एक बड़ा भाई होने के नाते मुन्ना बचपन से ही काशी से बहुत प्यार करता था , वह काशी की हर बात मानता , उसे खुश रखता और उसकी हर ख़्वाहिश पूरी भी करता लेकिन आज काशी को उदास देखकर मुन्ना को अच्छा नहीं लगा। उसका मन बैचैन होने लगा तो उसने जेब से सिगरेट निकाली और होंठो के बीच रखकर जला ली। ये पहली बार था जब मुन्ना ऐसे घर में सिगरेट पी रहा था। वंश अपने कमरे में बैठा विडिओ गेम्स खेलने में बिजी था उसे पता भी नहीं था की मुन्ना आया हुआ है।
काशी नीचे चली आयी उसे देखकर सारिका ने कहा,”काशी मुन्ना कहा है ?”
“वो ऊपर छत पर है माँ”,काशी ने कहा और वहा से वाशबेसिन की तरफ चली गयी। उसने ठंडे पानी से अपना मुंह धोया उसे अब कुछ कुछ अच्छा लग रहा था। अधिराज जी और अम्बिका सगाई वाले दिन ही वापस इंदौर के लिए निकल गए थे सारिका ने रोकने की कोशिश की लेकिन अधिराज जी के रूल्स सब जानते थे , उन्हें बेटी के ससुराल में ऐसे रुकना ठीक नहीं लगा और वो चले गए। सारिका ने सबके लिए कॉफी बनायीं थी , जब काशी ने बताया की मुन्ना ऊपर है तो उसे गौरी सीढ़ियों की तरफ जाती दिखी और उसने कहा,”गौरी बेटा तुम ऊपर जा रही हो ?”
“जी आंटी कपडे लेने , आपको कुछ काम था ?”,गौरी ने पूछा
“हाँ दरअसल वो मुन्ना ऊपर छत पर है शायद तुम उसे ये कॉफी दे दोगी ?”,सारिका ने पूछा
“स्योर आंटी , दीजिये”,गौरी ने कहा और कप लेकर ऊपर चली आयी। ऊपर आकर गौरी ने मुन्ना को सिगरेट पीते देखा तो चुपचाप आकर उसके बगल में खड़ी हो गयी और उसे देखने लगी। मुन्ना अपनी सोच में इतना डूबा हुआ था की उसे गौरी के आने का ध्यान ही नहीं रहा। हालाँकि स्मोकिंग ड्रिंकिंग को गौरी इतना भी बुरा नहीं मानती थी लेकिन जब उसने मुन्ना को सिगरेट पीते देखा तो उसे अच्छा नहीं लगा और उसने उसके हाथ से सिगरेट लेकर बुझाते हुए कहा,”सिगरेट पीना हेल्थ के लिए अच्छा नहीं है मिस्टर मान”
“आप यहाँ कब आयी ? वो हम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,सॉरी वो कभी कभी हम सिगरेट पी लेते है , बस यही एक बुरी आदत है हम में”,मुन्ना ने नर्म स्वर में कहा
“देखा मैंने कहा था ना हर इंसान में कोई ना कोई बुराई होती है,,,,,,,,,,,,,!”,गौरी ने चहककर कहा तो मुन्ना उसके चेहरे की तरफ देखने लगा और गौरी ने कॉफी कप मुन्ना की तरफ बढाकर कहा,”ये तुम्हारे लिए,,,,,,,,,,,सारिका आंटी ने भिजवाई है”
“थैंक्यू”,मुन्ना ने कहते हुए कप लिया तो सहसा ही उसकी उंगलिया गौरी की उंगलियों को छू गयी और गौरी को खूसबसुरत अहसास हुआ। वह हल्का सा मुस्कुराई और दिवार की तरफ पलटते हुए कहा,”वैसे इंसान चाहे तो अपनी बुरी आदत छोड़ भी सकता है”
“हम्म्म लेकिन इस बुरी आदत के बारे में सिर्फ वंश और काशी को पता है,,,,,,,,,,,,और आज तक किसी ने कहा नहीं छोड़ने को”,मुन्ना ने सामने देख कॉफी पीते हुए कहा।
गौरी ने सूना तो मुन्ना की तरफ देखा और कहा,”वैसे मैं इतनी स्पेशल तो नहीं हु तुम्हारे लिए की मेरे कहने से तुम सिगरेट छोड़ दो लेकिन फिर भी मैं कहूँगी की तुम्हे इसे छोड़ देना चाहिए। ये तुम्हारी पर्सनालिटी पर सूट नहीं करता,,,,,,,,!!
गौरी की बात सुनकर मुन्ना उसकी तरफ देखने लगा तो गौरी का दिल धड़का और उसने मुन्ना से नजरे चुराते हुए कहा,”ऐसे लुक मत दो मैंने तो बस ऐसे ही बोला,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“छोड़ दिया,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने गौरी के चेहरे की तरफ देखते हुए कहा
“हाँ,,,,,,,!”,गौरी ने हैरानी से मुन्ना की तरफ देखा तो मुन्ना ने उसे यकीन दिलाने के लिए फिर कहा,”आज के बाद हम सिगरेट नहीं पिएंगे”
“सच कह रहे हो ?”,गौरी ने पूछा
“हम कभी झूठ नहीं बोलते”,कहते हुए मुना फिर सामने देखते हुए कॉफी पीने लगा। गौरी ने सूना तो उसके दिल में तितलियाँ सी उड़ने लगी और होंठो पर मुस्कान तैर गयी। वह मुन्ना से कुछ दूर बनाकर खड़ी हो गयी और सामने खाली पड़े आसमान को देखते हुए कहा,”वैसे तुम इंदौर आये थे ना लेकिन मैंने तुम्हे क्यों नहीं देखा ? जबकि कॉलेज में मैं वंश से मिली थी”
“उस दिन हम बाहर ही रुक गए थे अंदर नहीं आये”,मुन्ना ने कहा जबकि वही से मुन्ना और गौरी की कहानी शुरू हुई थी।
“हम्म्म,,,,,,,,,,,,फिर कब आओगे ?”,गौरी ने एकदम से पूछा
“पता नहीं”,मुन्ना ने कहा उसे लड़कियों से ज्यादा बात करने की आदत जो नहीं थी
“इस बार आओ ना तो मुझे बताना मैं तुम्हे पूरा इंदौर घुमा दूंगी , मेरी मोम तुमसे मिलकर बहुत खुश होगी वो बहुत अच्छा राजमा चावल बनाती है”,गौरी ने कहा जो की मुन्ना को थोड़ा अजीब लगा और उसने कहा,”ये सब आप हमे क्यों बता रही है ?”
गौरी ने सूना तो झेंप गयी और दाँत दिखाते हुए कहा,”मुझे लगता है मुझे यहाँ से जाना चाहिए”
“हाँ यहाँ काफी ठण्ड है”,मुन्ना ने कहा तो गौरी वहा से जाने लगी।
“गौरी,,,,,,,,,,,,!”,मुन्ना ने धीरे से कहा
मुन्ना ने इतने प्यार से गौरी का नाम लिया की दिल धड़क उठा। उसने एक गहरी साँस ली और खुद को नार्मल दिखाते हुए पलटकर कहा,”हाँ”
मुन्ना ने गौरी को देखा और अपनी सर्द आवाज में कहा,”दुसरो का पता नहीं पर जब आप हमे “मान” कहकर बुलाती है,,,,,,,,,,,,अच्छा लगता है”
यही तो वो आवाज थी जो गौरी ने फोन पर सुनी थी , गौरी के होंठो पर मुस्कराहट तैर गयी उसने लाख कोशिश की वह ना मुस्कुराये लेकिन खुद को नहीं रोक सकीय। ख़ुशी उसकी आँखों और चेहरे से साफ़ झलक रही थी। मुन्ना ने गौरी को मुस्कुराते देखा तो उसके पास चला आया और कहा,”निचे चले ?”
“हम्म्म्म”,गौरी ने धीरे से कहा। दूसरे के सामने बेबाकी से अपनी हर बात कहने वाली गौरी मुन्ना के सामने कुछ बोलने में हिचकिचाने लगी थी और ये क्यों था वह नहीं जानती थी ? मुन्ना वहा से नीचे चला गया गौरी भी मुन्ना के बारे में सोचते हुए नीचे चली आ रही थी उसे ध्यान नहीं रहा और वह सामने से आते शिवम् से टकरा गयी।
शिवम् को अपने सामने देखकर गौरी की मुस्कुराहट एकदम से गायब हो गयी और उसने कहा,”सॉरी अंकल”
“कोई बात नहीं बेटा आप ठीक है ना ?”,शिवम् ने पूछा
“हाँ मैं ठीक हूँ”,कहकर गौरी साइड से नीचे चली आयी। शिवम् ऊपर चला गया। मुन्ना ने नीचे आकर काशी को अपना ध्यान रखने को कहा और घर जाने के लिए निकल गया। बाहर आते हुए उसकी नजर बरामदे में रखे डस्टबिन पर चली गयी। चलते चलते मुन्ना का हाथ अपनी जींस के जेब पर गया और उसने उसमे रखा सिगरेट और लाइटर निकालकर फेंक दिया। उसे ये करते हुए गौरी ने देखा तो खुश होकर खुद ही खुद का कंधा थपथपाया और मुस्कुरा उठी। मुन्ना भी वहा से अपनी बाइक की तरफ आया उसे स्टार्ट किया लेकिन जाने का मन नहीं था , वह गौरी की बारे में सोच रहा था जिस तरह गौरी ने उसे सिगरेट के छोड़ने को कहा , जिस तरह आज वो प्यार से उसे देख रही थी , जिस तरह वो मुस्कुरा रही थी सब मुन्ना को याद आने लगा और फिर एकदम से काशी की कही बात उसे याद आयी “जिस दिन कोई सही लड़की आपकी जिंदगी में आएगी और आपसे सिगरेट छोड़ने को कहेगी ना तब आप इसे छोड़ देंगे”
उस बात के याद आते ही मुन्ना मुस्कुरा उठा। गौरी अभी भी घर के आँगन में खड़ी उसे देख रही थी , जैसा की मुन्ना बहुत कम मुस्कुराता था लेकिन आज उसे खुलकर मुस्कुराते देखकर देख गौरी धीरे से बड़बड़ाई,”तुम मुस्कुराते हुए कितने अच्छे लगते हो”
“कौन मैं ?”,गौरी के पास खड़े वंश ने कहा
वंश की आवाज सुनकर गौरी एकदम से चौंकी और अपने साइड में देखा वंश खड़ा था उसने उसे देखकर हैरानी से कहा,”तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”
“वही मैं पूछना चाहता हूँ तुम यहाँ पागलों की तरह स्माइल क्यों कर रही हो ?”,वंश ने पूछा
“वो मैं,,,,,,,,,,,,,!”,कहते हुए गौरी ने जैसे ही सामने देखा सामने कोई नहीं था मुन्ना वहा से जा चुका था , उसने अपनी गर्दन वंश की तरफ घुमाई और कहा,”ऐसे ही मेरी मर्जी”
“कितनी अजीब हो तुम”,कहकर वंश जाने लगा तो गौरी ने उसके पीछे आते हुए कहा,”ए ए वंश सुनो,,,,,,,,,,,,!!”
“अब क्या हुआ ?”,वंश ने सीढ़ियों की रेलिंग से लटकते हुए कहा
“वो मुझे ना बुक्स चाहिए थी और मैंने मान,,,,,,,,,,,आई मीन मुन्ना के कमरे में मैंने काफी सारी बुक्स देखी थी तो क्या कल तुम मुझे वहा लेकर चलोगे ?”,गौरी ने मुन्ना से मिलने का बहाना बनाते हुए कहा
“तुम मुन्ना के कमरे में गयी थी ?,,,,,,,,,,,,,,,,,किसलिए ? उसने तुम्हे अपने कमरे कमरे में आने दिया ?”,वंश को जैसे अपने कानों पर यकीन नहीं हुआ
“हाँ मैं गयी थी,,,,,,,,तुम इतने बुरे रिएक्शन क्यों दे रहे हो ?”,गौरी ने पूछा
“क्योकि मुन्ना अपने कमरे में आने की परमिशन किसी को नहीं देता स्पेशली लडकियों को,,,,,,,,,,,,,,खैर तुम्हे बुक्स चाहिए न मैं लेकर चलूँगा”,वंश ने कहा
“थैंक्यू,,,,,,,,!”,गौरी ने खुश होकर कहा
“वैसे तुम सब लोग आज शॉपिंग पर गयी थी ना लेकिन मेरे लिए कोई कुछ भी लेकर नहीं आया”,वंश ने मुंह बनाते हुए कहा
“ओह्ह्ह मैं तो भूल ही गयी थी एक मिनिट तुम यही रुकना”,गौरी ने कहा तो वंश वही रैलिंग से लटकते हुए उसका इंतजार करने लगा। गौरी अपने हाथ में बेंड लेकर आयी जो उसने वंश के लिए खरीदा था। गौरी के साथ साथ काशी ऋतू और प्रिया भी चली आयी। गौरी के मन में वंश को लेकर कुछ नहीं था ये आज मुन्ना से मिलने के बाद गौरी को अहसास हो गया।
गौरी ने बेंड वंश को दिया और कहा,”ये मुझे अच्छा लगा तो मैंने तुम्हारे लिए खरीद लिया”
“अरे गौरी लगे हाथ वंश भैया को पहना भी दो”,काशी ने कहा
“हाँ हाँ वैसे कुछ महीनो बाद राखी भी है”,प्रिया ने शरारत से कहा तो वंश ने उन सबको घुरा और गौरी के हाथ से वो बेंड लेकर कहा,”कोई जरूरत नहीं है मैं खुद पहन लूंगा ,थैंक्स”
कहकर वंश वहा से ऊपर चला गया और बाकि सब हंस पड़ी। मुन्ना से बात करने के बाद काशी का मूड अब कुछ ठीक था और वह सबके साथ बैठकर हंस मुस्कुरा रही थी साथ ही गौरी का मूड भी अच्छा था और उसे सुबह होने का इंतजार था ताकि वह मुन्ना से मिल सके , ये अहसास कब उसके दिल में जगह बनाने लगे वह खुद भी नहीं समझ पा रही थी। देर रात सभी सोने चली गई।
सुबह वंश नहाधोकर तैयार हुआ और बाहर गाड़ी में बैठा हॉर्न बजा रहा था। गौरी अपना दुपट्टा सम्हाले भागते हुए आयी और गाड़ी का दरवाजा खोकर अंदर बैठते हुए कहा,”सॉरी लेट हो गया”
“इट्स ओके चले ?”,वंश ने पूछा
“हाँ”,कहते हुए गौरी ने अपने बालों को एक साइड कर लिया। वंश ने देखा आज गौरी कुछ ज्यादा ही खूबसूरत लग रही थी , वह एकटक उसे देखता रहा तो गौरी ने उसके सामने हाथ हिलाते हुए कहा,”क्या हुआ ? कहा खोये हो ?”
“अह्ह्ह कही नहीं चलते है”,वंश की तंद्रा टूटी तो उसने झेंपते हुए कहा। अपने चार्म से लड़कियों को अपना दीवाना बनाने वाला वंश गौरी की खूबसूरती से घायल हो रहा था। उसने अपने हाथ गाड़ी के स्टेयरिंग पर रखे और वहा से निकल गया। गौरी मुस्कुराते हुए बाहर देखने लगी , बनारस और यहाँ के लोग उसे पसंद जो आने लगे थे। मुस्कुराते हुए उसने जैसे ही वंश की तरफ नजर स्टेयरिंग पर रखे वंश के हाथ पर चली गयी जिसमे गौरी का दिया बेंड था।
“अरे वाह तुमने इसे पहन लिया मतलब ये तुम्हे पसंद आया ?”,गौरी ने पूछा
“तुमने इसे शायद बड़े प्यार से खरीदा होगा इसलिए मैंने पहन लिया , वैसे ये मुझे अच्छा भी लगा”,वंश ने सामने देखकर मुस्कुराते हुए कहा
“मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था इसलिए मैंने ये खरीद लिया”,गौरी ने कहा
“मुझे सच में बहुत पसंद आया”,वंश ने गौरी की तरफ देखकर कहा
गौरी ने सूना तो मुस्कुरा उठी लेकिन ये नहीं समझ पाई की ब्रांडेड चीजों का शौक रखने वाला लड़का एक 20 रूपये के बेंड को इतनी इम्पोर्टेंस क्यों दे रहा है ?
कुछ देर बाद गाड़ी वंश के कॉलेज के बाहर पहुंची। गौरी और वंश नीचे उतरे तो गौरी ने कहा,”तुम मुझे यहाँ क्यों लेकर आये हो ? हम तो मुन्ना के घर जाने वाले थे ना बुक्स के लिए”
“मुन्ना के पास जितनी बुक्स है उस से 200 गुना ज्यादा किताबे तुम्हे यहाँ मिल जाएगी,,,,,,,,,,,,,,अब चलो”,कहते हुए वंश ने गौरी का हाथ पकड़ा और उसे वहा से ले गया। कॉलेज में क्लासे चल रही थी लेकिन सेल्फ स्टडी के नाम पर वंश पिछले एक हफ्ते से कॉलेज नहीं आ रहा था। वंश गौरी को लेकर कॉलेज की लायब्रेरी के सामने ले आया। दोनों गेट के बाहर खड़े होकर एक दूसरे को देखने लगे। गौरी मन ही मन वंश को कोस रही थी कहा वो बेचारी मुन्ना से मिलना चाह रही थी वंश उसे यहाँ ले आया।
“अंदर चले ?”,वंश ने कहा तो गौरी उसके साथ अंदर चली आयी। वंश खुद फोन देखते हुए एक साइड खड़े हो गया और गौरी से जाकर किताबे लेने को कहा। गौरी रॉ की तरफ बढ़ गयी उसने एक रॉ के सामने आकर किताब उठायी और अपने ही सर पर मारते हुए धीमी आवाज में कहा,”मैं ही स्टुपिड हूँ जो मैंने वंश से हेल्प मांगी , मैं सच में पागल हूँ”
गौरी के बगल में खड़ी लड़की ने देखा तो मुस्कुराने लगी गौरी ने झेंपते हुए बुक वापस रॉ में रखी और दूसरी साइड चल गई। वह मुन्ना के बारे में सोचते हुए दूसरी रॉ में किताबें देखने लगी। कुछ देर बाद उसने एक किताब निकाली तो नजर रॉ के दूसरी तरफ चली गयी , दूसरी तरफ मुन्ना को देखकर गौरी का मन ख़ुशी से भर उठा। उसकी आँखों में ख़ुशी साफ दिखाई दे रही थी। रॉ के दूसरी तरफ खड़ा मुन्ना सबसे बेखबर किताब के पन्ने पलटने में बिजी था। वह किताब को देखते हुए धीमी चाल में आगे बढ़ने लगा। गौरी भी किताबो को साइड कर उसे देखते हुए धीमी चाल में उसी ओर बढ़ने लगी। सामने से ज्यादा गौरी को मुन्ना को यू छुपकर देखना ज्यादा अच्छा लग रहा था। वह प्यार से बस मुन्ना को देखे जा रही थी। चलते चलते मुन्ना रॉ की तरफ पलटा तो गौरी अपने हाथ में पकड़ी किताब को लेकर जल्दी से नीचे बैठ गयी उसका दिल जोरो से धड़क रहा था,,,,,,,,,,,,और जब उसे ये महसूस हुआ तो वह मुस्कुराने लगी।
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क्या मुन्ना बदलने लगा है ? क्या वंश समझ पायेगा अपने और गौरी के रिश्ते को ? क्या गौरी को होने लगा है मुन्ना से प्यार ? जानने के लिए सुनते रहे “मैं तेरी हीर”
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क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 70
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संजना किरोड़ीवाल
मैम गौरी को तो मुन्ना से प्यार हो गया हैं…औंर उसें अपनीं मम्मी से भी मिलाना हैं मुन्ना को…वंश भी गौरी के प्यार में पड़ गया हैं…अब इस लव ट्रायंगल में किसका ऐंगल सही बनता हैं…इंतजार रहेगा मैम अगले भाग का😊 khubsurat part👌👌👌👌👌
Superb part as usual ❤️❤️❤️❤️
Vansh ka kya hoga
superbbbbb partttt
Very nice part
Wow mam kya likhte ho aap, mja aa gya, soooooooooo beautiful story 👌👌👌👌👌👌 eagrly waiting for the next part 👌👌👌👌
Gauri ko maunna se pyar akhir ho hi gaya, kabse confusion tha wo kise chunegi akhir munna ki simplicity pasand agyi usko, or munna to pehle se gauri ko psand karta h, bas in sab me vansh ka dil ka na tut jaye.
प्यार का इजहार कौन पहले करेगा
Hello mam, next week ka notification kaha se milega
aap telegram par mere channel me jakar dekhe waha aapko sabhi link mil jayenge
Ab kse ho ap dii….
Kfi din bd post kra n aapne..
Health thk h n ab apkiii….???? ♥️
Haan Main Ab Thik Hu 🙂
Wow yaar so cute, gouri or munna ke Man ME ek dusre ke liye feelings aa chuki hai OR shakti ko bhi sab sach pta chal gya bs ab sab aacha Ho or vansh ki life me bhi Koi aa jaye to inka to triangle nahi banega
….
Nice story
Very beautiful
Gauri ko munna se pyaar hone lga h
Gauri ko Munna sa pyaar hoo he gya. Vansh yeh baat samjha la tho accha he hogya nhi tho yeh triangle love story na bana jaa
Munna se pyar ho gya hh gauri 😍😍😍 gauri munna ko chup chup k dekh rhi hh or usse milne ki tigdam bhi bhida rhi hh pr in sb me vansh ka dil tutega🙁🙁🙁