“लड़के रोते नहीं”
Ladke Rote Nahi
Ladke Rote Nahi
दोपहर के 2 बजे कोलकत्ता की सड़क पर एम्बुलेंस तेजी से दौड़ी चली जा रही थी। उस एम्बुलेंस के अंदर लेटी लड़की का कुछ देर पहले ही एक्सीडेंट हुआ था और वो बुरी तरह जख्मी हो चुकी थी। उसके सर और कान से खून बह रहा था। हाथो और चेहरे पर चोट के निशान थे , वह बेहोशी और होश के बीच वाली स्तिथि में थी उसके लिए आँखे खोलना भी मुश्किल होता जा रहा था। उसी लड़की का हाथ थामे उसकी बगल में बैठा वो 28 साला शख्स पथराई आँखों से उसे देख रहा था। उसकी आँखों में आँसू किसी बर्फ की तरह जम चुके थे। उसका दिल तेजी से धड़क रहा था। ना वह कुछ कह पाने की स्तिथि में था ना ही कुछ सुन पाने की स्तिथि में , अपने काँपते हाथो से वह बस उस लड़की का हाथ थामे हुए था जैसे वह उसे कही जाने नहीं देगा।
लड़की से उसका क्या रिश्ता था ये तो वही जानता था , उसके कानो में लड़की की उखड़ती सांसो के साथ साथ एम्बुलेंस के सायरन का शोर भी पड़ रहा था। उसके कपड़ो और हाथो पर भी खून लग चुका था। बदहवास सा वह बस उस लड़की के चेहरे को देखे जा रहा था जैसे अभी वह लड़की उठेगी और उसके चेहरे को थामकर कहेगी – कुछ नहीं हुआ है अभिमन्यु , सब ठीक है
लड़की के साथ बिताये एक एक पल अभिमन्यु की आँखों के आगे किसी फिल्म की तरह चलने लगे। उसके चेहरे पर बेइंतहा दर्द था लेकिन आँखों में एक आँसू नहीं , कोई इतना कठोर कैसे हो सकता है ? वह मन ही मन भगवान से दुआ करने लगा की जल्द से जल्द एम्बुलेंस हॉस्पिटल पहुंचे। अगले ही पल ब्रेक लगा और एम्बुलेंस रुक गयी। अभिमन्यु अपने ख्यालों से बाहर आया और काँपती आवाज में एम्बुलेंस के ड्राइवर से पूछा,”क्या हुआ ?”
“आगे ट्रेफिक जाम है सर , निकलने में थोड़ा टाइम लगेगा”,एम्बुलेंस के ड्राइवर ने कहा
“व्हाट ? तो दूसरे रूट से चलो , इसका हॉस्पिटल पहुँचना बहुत जरुरी है प्लीज”,अभिमन्यु ने परेशानी भरे स्वर में कहा
“सर ये मेन रूट है हर तरफ ऐसे ही ट्रेफिक मिलेगा ,, आज दुर्गा अष्टमी है ना तो इस वजह से”,ड्राइवर ने कहा
ड्राइवर की बात सुनते ही अभिमन्यु की आँखों के सामने आज सुबह के पल घूमने लगे
“हे अभी ये साड़ी कैसी है मैंने स्पेशली आज शाम के लिए मंगवाई है , इसे पहनकर हम आज शाम में दुर्गा पूजा देखने जायेंगे।”,शिखा ने अभिमन्यु के सामने साड़ी का पल्लू लहराते हुए कहा
“ऑफकोर्स ! और इसे पहनने के बाद तुम आज बिल्कुल बेंगोली लड़की जैसी लगोगी , बट वेट वेट उसके बाद तुम्हे मुझसे बंगाली में आई लव यू कहना पडेगा”,अभिमन्यु ने शिखा को अपनी बाँहो में भरते हुए कहा
“अमी तोमाय भालोबाशी , आपनी ए पारथीबिरा सेरा सबमि ( मैं आपसे प्यार करती हूँ , आप दुनिया के सबसे अच्छे पति है )”,शिखा ने प्यार से मुस्कुराते हुए कहा
“हे ये तुमने कब सीखा ?”,अभिमन्यु ने हैरानी से कहा क्योकि सीखा को बंगाली बोलना बिल्कुल नहीं आता था
“अपने हसबेंड को इम्प्रेस करने के लिए मैंने ये सिख लिया , मिस्टर अभिमन्यु बेनर्जी”,शिखा ने अभिमन्यु के शर्ट की कोलर ठीक करते हुए कहा
“खूब भालो , अमाके कखानो चेरयो ना”,अभिमन्यु ने प्यार से शिखा के सर को चूमते हुए कहा
“मतलब ?”,लेकिन ये बात शिखा को समझ नहीं आयी
“मतलब ये मिसेज बेनर्जी की मुझे कभी छोड़कर मत जाना”,अभिमन्यु ने शिखा के मुंह को अपने हाथ से पकड़कर साइड किया और उसके गाल पर किस करते हुए कहा
“इस जन्म में तो कभी नहीं ,, वैसे मेरे पास तुम्हारे लिए एक और सरप्राइज है”,शिखा ने अपनी आँखों में चमक भरते हुए कहा
“क्या जल्दी बताओ”,अभिमन्यु ने भी उतने ही उत्साह के साथ कहा
“वेट मिस्टर बेनर्जी , आज दुर्गा पूजा के समय बताउंगी अभी नहीं”,”,शिखा ने कहा और दोनों साथ साथ हॅसने मुस्कुराने लगे।
ट्रैफिक के हॉर्न को सुनकर अभिमन्यु की तंद्रा टूटी उसने एक बार फिर ड्राइवर से कहा,”ट्रैफिक क्लियर हुआ ?”
“नहीं सर”,ड्राइवर ने कहा
अभिमन्यु ने शिखा का हाथ छोड़ा और एम्बुलेंस से नीचे उतरा उसने देखा वहा काफी ट्रैफिक था। अभिमन्यु आगे आया देखा एक स्कूल बस की वजह से ट्रेफिक जाम है। किसी वजह से बस वहा बड़े नाले में फंस गयी थी और निकालना मुश्किल हो रहा था। बस में स्कूल के बच्चे भी थे जो की स्कूल खत्म होने के बाद घर जा रहे थे। कुछ देर बाद राहतकर्मी पहुंचे और बच्चो को एक एक करके वहा से निकालने लगे। कुछ बच्चो के पेरेंट्स वहा पहुँच चुके थे। काफी टेंशन का माहौल था। अभिमन्यु वापस एम्बुलेंस की तरफ लौट आया। अंदर जाकर शिखा को इस हालत में देखने की उसकी हिम्मत नहीं हो रही थी इसलिए वह बाहर ही खड़ा हो गया। बेबसी और तकलीफ उसके चेहरे से साफ़ झलक रही थी।
तभी एक छोटा लड़का रोते हुए उसके सामने से गुजरा लड़के के साथ उसकी माँ भी थी और उसे बार बार बस यही कह रही थी “बेटा चुप हो जाओ , बेटा लड़के रोते नहीं है”
“लड़के रोते नहीं” इन तीन शब्दों ने अभिमन्यु का ध्यान अपनी तरफ खींचा और वह कुछ साल पीछे चला गया
अतीत -:
“अभिमन्यु बेनर्जी , आपको प्रिंसिपल सर ने अपने रूम में बुलाया है”,स्कूल के पियोन ने आकर क्लास 10 में बैठे अभिमन्यु से कहा
“अभिमन्यु बेनर्जी जाईये”,टीचर ने कहा तो अभिमन्यु पियोन के पीछे पीछे प्रिंसिपल सर के रूम में चला आया। अभिमन्यु की नजर प्रिंसिपल सर के रूम में खड़ी आकांशा पर चली गयी। अभिमन्यु अंदर आया और प्रिंसिपल सर के सामने खड़ा हो गया।
“अभिमन्यु बेनर्जी 10’B की आकांशा शर्मा ने कम्प्लेन की है की तुमने इसकी शर्ट पर इंक फेंका और इसके बाल भी खींचे , क्या ये सही है ?”,प्रिंसिपल सर ने कड़े शब्दों में पूछा
“यस सर लेकिन पहले इसने मेरे पेरेंट्स के लिए गलत का और मुझे धक्का भी दिया। इसने मुझपर अपना जूठा पानी फेंका इसलिए मैंने इंक फेंकी सर”,अभिमन्यु ने अपनी सफाई में कहा
“अभिमन्यु आकांशा एक लड़की है तुम्हे उसके साथ ऐसा बिहेव नहीं करना चाहिए। तुम्हे इसकी पनिशमेंट जरूर मिलेगी , अपना हाथ आगे करो”,प्रिंसिपल सर ने अपनी छड़ी उठाते हुए कहा
“लेकिन सर इसने भी,,,,,,,,,,,,!!”,अभिमन्यु ने कहना चाहा
“अभिमन्यु बेनर्जी अपना हाथ आगे करो”,प्रिंसिपल सर ने कठोरता से कहा तो अभिमन्यु ने अपना हाथ आगे कर दिया। प्रिंसिपल ने उसे चार डंडे मारे और कहा,”अब आकांशा से सॉरी कहो”
“आई ऍम सॉरी”,अभिमन्यु ने कहा उसकी आँखों में आँसू भर आये। वह वहा से बाहर चला आया और कॉरिडोर में चलते हुए फफक पड़ा। गलती दोनों की थी लेकिन आकांशा को सिर्फ इसलिए छोड़ दिया क्योकि वह लड़की थी और सजा भी प्रिंसिपल सर ने सिर्फ उसे ही दी इस बात से आहत होकर अभिमन्यु क्लास में ना जाकर सीढ़ियों पर जाकर बैठ गया और रोने लगा। अभिमन्यु के दोस्त ने देखा तो वह उसके पास चला आया और कहा,”क्या हुआ ?”
अभिमन्यु ने उसे सारी बात बता दी तो दोस्त ने हँसते हुए कहा,”ऐसी पनिशमेंट तो मुझे रोज मिलती है , मैं तो कभी नहीं रोता। अब चुप हो जा वैसे भी लड़के रोते नहीं है ,, रोने वाले लड़को को पता है क्या कहा जाता है ? “डरपोक”
वर्तमान -:
“सर आ जाईये ट्रैफिक क्लियर हो गया है”,एम्बुलेंस ड्राइवर ने कहा तो अभिमन्यु की तंद्रा टूटी और वह वापस एम्बुलेंस में चला आया। 15 मिनिट बाद ही एम्बुलेंस हॉस्पिटल के बाहर आकर रुकी। शिखा की सांसे चल रही थी उसे तुरंत स्ट्रेक्चर पर लिटाया गया और एमर्जेन्सी वार्ड की तरफ ले गए। बदहवास सा अभिमन्यु भी उसके पीछे पीछे चला आ रहा था की वार्ड बॉय ने बीच में ही रोककर कहा,”सर आप वहा रिसेप्शन पर पेशेंट के लिए फॉर्मलिटीज पूरी कर दीजिये”
शिखा को वहा से लेकर जा चुके थे। अभिमन्यु रिसेप्शन की तरफ आया उसने शिखा के ट्रीटमेंट के लिए सभी फॉर्मलिटीज पूरी की। अगले ही पल वहा से एक स्ट्रेचर गुजरा जिस पर 20-22 साल का एक लड़का लेटा हुआ था और उसके हाथ से खून बहा जा रहा था। लड़के के साथ उसके परिवार वाले भी थे सभी काफी घबराये हुए थे। स्ट्रेचर आगे बढ़ गया। लड़के के साथ आये दो आदमी रिसेप्शन की तरफ चले आये। उनकी बाते अभिमन्यु के कान में पड़ने लगी – कुछ दिनों से परेशान था ना ठीक से खाता ना सोता ,, घर में किसी से बात भी नहीं करता था आज सुबह ही सबसे अच्छे से बात की ,, दोपहर में इसकी माँ इसे खाने का पूछने को गयी तो ये जमीन पर पड़ा था और हाथ से खून बह रहा था। इसने अपनी नस काट ली ,, ऐसा क्यों किया कोई नहीं जानता ?”
“लड़की का चक्कर है मामाजी , कॉलेज में किसी लड़की से प्यार करता था उसने इसे छोड़ दिया तो इसने खुद को खत्म करने का सोच लिया ,, आजकल के लकड़ो में थोड़ा भी सब्र नहीं है”,दूसरे आदमी ने फॉर्म भरते हुए कहा
“आजकल के लड़के अपने माँ-बाप से अपनी परेशानी भी कहा बाँटते है ? लड़किया तो रोकर अपना दुःख जता लेती है लेकिन “लड़के नहीं रोते” अंदर ही अंदर घुटते रहते है और फिर ऐसा कदम उठाते है”,पहले आदमी ने दुखी स्वर में कहा
“लड़के नहीं रोते” ये तीन शब्द सुनकर अभिमन्यु फिर से अपने अतीत में चला गया
अतीत -:
“अबे जाने दे उसे , तेरे लिए लड़कियों की लाइन लगा दूंगा मैं”,अभिमन्यु के साथ कॉलेज में पढ़ने वाले उसके दोस्त ने कहा
“मैं उस से बहुत प्यार करता था यार , मैं उसके बिना नहीं जी पाऊंगा”,अभिमन्यु ने आँखों में आंसू भरते हुए कहा
“ऐसे लड़कियों की तरह आँसू बहाने से अच्छा है चलकर दारू पीते है। एक लड़की के लिए तू ऐसे रो रहा है , भाई पता है ना तुझे “लड़के रोते नहीं” है”,अभिमन्यु के दोस्त ने उसे सम्हालते हुए कहा
“उसने मेरा दिल तोड़ दिया , मेरा भरोसा तोड़ दिया और अब वो किसी और से शादी करने जा रही है यार ,, दिल कर रहा है जीभर के रो लू उस लड़की के लिए मैंने सबका दिल दुखाया अपने पेरेंट्स का , अपने दोस्तों का सबका”,अभिमन्यु ने अपने आँसू पोछते हुए कहा
“वो जा चुकी है उसे भूल और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ , और पहले तो ये रोना बंद कर ,, चल आ तुझे अच्छी जगह लेकर चलता हूँ और आज तेरे साथ ही रहूंगा मैं कही उस लड़की के चक्कर में तूने अपनी नस वस काट ली तो”,दोस्त कहता है
वर्तमान -:
“सर साईन”,रिसेप्शन पर खड़े लड़के ने अभिमन्यु की तरफ फाइल बढाकर कहा तो उसकी तंद्रा टूटी और वह अपने अतीत से बाहर आया उसने पेन उठाया और फाइल में साइन कर वहा से चला गया। अभिमन्यु अकार इमरजेंसी के बाहर पड़ी बेंच पर आकर बैठ गया। उसका दिल बैठा जा रहा था लेकिन उसकी आँखों में अभी भी आँसू नहीं थे। देर रात शिखा को ICU में शिफ्ट कर दिया गया , वो बेहोश थी इसलिए अभिमन्यु उस से बात नहीं कर पाया नर्स ने उसे बाहर बैठने को कहा। कुछ देर बाद किसी ने आकर उसके कंधे पर हाथ रखा। अभिमन्यु ने पलटकर देखा पीछे उसका दोस्त कुणाल खड़ा था उसने घबराकर कहा,”शिखा कैसी है ?”
“उसे बहुत चोटे आयी है , वो आँखे नहीं खोल रही है मुझसे बात नहीं कर रही है ,, मुझे तो समझ नहीं आ रहा है मैं क्या करू ?”,अभिमन्यु ने दर्द से तड़पकर कहा लेकिन आँखों में नमी का एक कतरा तक नहीं।
“शांत हो जा सब ठीक हो जायेगा , कुछ नहीं होगा उसे। तू तू यहाँ बैठ मैं डॉक्टर से मिलकर आता हूँ”,कुणाल ने कहा और वहा से चला गया।
कुणाल डॉक्टर से मिलकर आया डॉक्टर ने उसे जो बताया उसे सुनकर कुणाल का दिल बैठ गया। एक्सीडेंट की वजह से शिखा के सर में बहुत गहरी चोटें आयी थी , उसकी हालत बहुत क्रिटिकल थी ऐसे में कुछ कहना मुश्किल था। कुणाल डॉक्टर के केबिन से निकलकर वापस अभिमन्यु के पास आया। अभिमन्यु का बुझा चेहरा देखकर कुणाल उसे लेकर नीचे चला आया हॉस्पिटल में बनी केंटीन के पास आकर कुणाल ने दो कप चाय ली और अभिमन्यु की तरफ चला आया। हॉस्पिटल की मोर्चरी के सामने खड़ा अभिमन्यु खाली आँखों से हाथ बांधे ना जाने क्या देख रहा था। कुणाल उसके पास आया और चाय का कप उसकी तरफ बढ़ाते हुए कहा,”ये लो ये पी लो और हिम्मत रखो कुछ नहीं होगा शिखा को”
अभिमन्यु ने चाय का कप लिया और पीने लगा। अगले ही पल मोर्चरी से एक लड़का स्ट्रेक्चर पर लाश लेकर आया। उस लाश के जान पहचान वाले भी वह मौजूद थे शायद उनमे से एक उसका बेटा भी था जो की पहले मोर्चरी वाले से झगड़ रहा था और बाद में अपने साथ खड़े आदमी से झगड़ने लगा। अभिमन्यु का ध्यान उन दोनों की बातो पर गया तो समझ आया की वे दोनों भाई थे और वह लाश उनके पिताजी की थी जिसके लिए दोनों भाई झगड़ रहे थे की तू इसे लेकर जा।
“कैसे लोग है ये ? बाप की मौत पर इनकी आँखों से आंसू बहने के बजाय ये इस बात पर लड़ रहे है की इनका अंतिम संस्कार कौन करेगा ? देखा अभी ये है हमारे समाज के कुछ पढ़े लिखे लोग बाप मर गया लेकिन दुःख तो दूर इनकी आँखों में एक आंसू तक नहीं है”,कुणाल ने नफरत के साथ कहा
“आँसू” नाम सुनते ही अभिमन्यु की आँखों के सामने एक बार फिर उसका अतीत घूमने लगा
अतीत -:
“अभी बेटा चुप हो जाओ , तुम्हारे माँ बाप तो अब इस दुनिया में नहीं रहे लेकिन अब तुम्हे ही इनका अंतिम संस्कार करना है। चुप हो जाओ बेटा”,अभिमन्यु के किसी रिश्तेदार ने उसे सम्हालते हुए कहा।
“आज सुबह ही मैं इनसे मिला था इन्होने कहा की ये मंदिर जा रहे है , मैंने ही पापा से नयी गाड़ी ले जाने को कहा था मुझे नहीं पता था की मैं इन्हे अब कभी देख नहीं पाउगा”,24 साल के अभिमन्यु ने बच्चो की तरह रोते हुए कहा
“ईश्वर बड़ा निर्दयी है बेटा तुम्हारे सर से माँ-बाप का साया छीन लिया”,रिश्तेदार ने फिर कहा
“माँ-बाबा”,कहते हुए अभिमन्यु फफक पड़ा तभी एक आदमी कमरे में आया और रोबदार आवाज के साथ कहा,”अभिमन्यु क्या है ये सब ? तुम एक मर्द हो ऐसे औरतो की तरह रोना तुम्हे शोभा नहीं देता ,, उठो और अपने माँ-बाबा के अंतिम संस्कार के लिए चलो,,,,,,,,,,!!”
“माँ-बाबा नहीं रहे कका , मैं क्या करूंगा उनके बगैर ?”,अभिमन्यु ने सिसकते हुए कहा
“अभिमन्यु अब तुम ही अपने घर के बड़े हो ऐसे रोने से काम नहीं चलेगा , उठो और अपने माँ बाबा की अंतिम यात्रा में चलो ,, हिम्मत रखो लड़के ऐसे रोते नहीं है ,, तुम सुन रहे हो ना मेरी बात,,,,,,,,,,,,,,अभिमन्यु,,,,,,,,,,,!!”
वर्तमान -:
“अभी तू सुन रहा है ना , मैं कुछ पूछ रहा हूँ तुझसे”, कुणाल ने अभिमन्यु के कंधे को हिलाते हुए पूछा
“हां हां”,अभिमन्यु जैसे नींद से जगा हो
“क्या हुआ तुम ठीक हो ? मैं पूछ रहा था कुछ खाओगे तुम ? देखो तुमने दोपहर से कुछ नहीं खाया है चलकर कुछ खा लो”,कुणाल ने कहा
“मुझे भूख नहीं है”,अभिमन्यु ने कहा और वहा से चला गया
कुणाल ने देखा अभिमन्यु के चेहरे पर तो दर्द था लेकिन उसकी आँखों में अभी भी नमी का नामोनिशान नहीं था। कुणाल भी उसके पीछे पीछे चला आया। रातभर दोनों ICU के बाहर ही बैठे रहे। देर रात कुणाल की आँख लग गयी लेकिन अभिमन्यु ने एक बार भी अपनी आँखे बंद नहीं की , दरवाजे के बाहर बैठा वह शीशे से मशीनों में घिरी शिखा को देखता रहा। अगली सुबह डॉक्टर राउंड पर आये उन्होंने शिखा का चेकअप किया , कुछ टेस्ट करवाने को कहे और
साथ ही कुछ दवाईया और इंजेक्शन मंगवाए। अभिमन्यु ने सब किया और डॉक्टर से कहा,”शिखा अब कैसी है ?”
“उसे होश आ गया है लेकिन उसकी कंडीशन अभी सही नहीं है। तुम उस से जाकर मिल सकते हो”,डॉक्टर ने कहा
“हम्म्म्म”,अभिमन्यु ने डरे हुए स्वर में कहा
डॉक्टर के जाने के बाद अभिमन्यु थके कदमो से ICU के अंदर आया। सामने बिस्तर पर शिखा लेटी थी , मशीनों से घिरी। अभिमन्यु आकर उसके बगल में पड़ी कुर्सी पर आ बैठा। उसने शिखा का हाथ अपने दोनों हाथो में लिया और अपने काँपते होंठो को उस पर रख दिया। अभिमन्यु की छुअन से शिखा ने आँखे खोली और उसकी तरफ देखा। अभिमन्यु ने शिखा की तरफ देखा तो वह हल्का सा मुस्कुरा दी लेकिन इस मुस्कराहट से उसे जो तकलीफ हो रही थी उसे अभिमन्यु देख पा रहा था। अभिमन्यु एकटक शिखा को देखता रहा उसे अपनी तरफ देखता पाकर शिखा ने कहा,”ए मिस्टर बेनर्जी”
अभिमन्यु ने सूना तो शिखा के हाथ को थोड़ा कसकर पकड़ लिया और कहा,”तुम ठीक हो ना ?”
“पता है मिस्टर बेनर्जी जिंदगी में मुझसे तुमसे कभी कोई शिकयत नहीं रही , मैंने जितना चाहा तुमने उस से ज्यादा मुझे दिया बस एक बात आज तक रहस्य बनकर रही वो ये की,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैंने तुम्हारी आँखों में अपने लिए कभी नमी नहीं देखी। मैं हमेशा चाहती थी की जब भी तुम परेशान रहो तो मैं तुम्हे अपना कंधा दू जहा सर रखकर तुम अपना दुःख व्यक्त कर सको पर ऐसा कभी नहीं हुआ। तुम इतने कठोर क्यों हो ?”,शिखा ने मुश्किल से साँस लेते हुए कहा
“अामी सख्ता ना (मैं कठोर नहीं हूँ) मैं बहुत कोशिश करता हूँ की मेरे अंदर का दुःख मेरी आँखों के जरिये बाहर आये पर ऐसा नहीं होता है”,अभिमन्यु ने उदासी भरे लफ्जो में कहा
“मेरे जाने के बाद भी नहीं रोओगे ?”,शिखा ने अपनी आँखों में बेचैनी भरते हुए कहा
“तुम ऐसी बातें क्यों कर रही हो ?”,अभिमन्यु ने धड़कते दिल के साथ कहा
“क्योकि मेरे पास अब ज्यादा वक्त नहीं है मिस्टर बेनर्जी , चंद साँसे उसके बाद शायद हम कभी ना मिले”,शिखा ने आँखों मे आँसू भरते हुए कहा। शायद उसे अपने अंतिम वक्त का अंदाजा हो चुका था। ये सुनकर अभिमन्यु तड़प उठा लेकिन आँखे अब भी खाली। उसने शिखा के बैचैन चेहरे की तरफ देखते हुए कहा,”ऐसी बातें मत करो , तुम जानती हो तुम्हारे सिवा मेरा कोई नहीं है”
“तुम्हारे साथ बिताया वक्त बहुत खूबसूरत था अभी , तुमने मुझे जिंदगी की हर ख़ुशी दी है और सबसे बड़ी ख़ुशी वो जो आज शाम मैं तुमसे बाटने वाली थी लेकिन देखो ना किस्मत ने मेरा साथ नहीं दिया और मैं यहाँ,,,,,,,,,,,इस हाल में”,शिखा ने कहा
“मुझे कोई ख़ुशी नहीं चाहिए मुझे बस मेरी शिखा वापस चाहिए , मैं तुम्हे कुछ नहीं होने दूंगा”,अभिमन्यु ने कहा
“अगले जन्म में भी मैं तुम्हारी वाइफ बनना पसंद करुँगी मिस्टर बेनर्जी लेकिन इस बार बेंगोली भाषा सीखकर आउंगी ताकि तुम्हे इम्प्रेस करने के लिए मुझे सीखनी ना पड़े और तुम खुश होकर मुझे गले लगा लो”,शिखा ने लगभग आखरी सांसे लेते हुए कहा
शिखा की उखड़ती साँसो को देखकर अभिमन्यु ने उसे अपने सीने से लगा लिया। अपनी उखड़ती सांसो के साथ शिखा ने अभिमन्यु के कान में आखरी शब्द कहे “आमी तोमाय अनेका भालोबाशी”
अभिमन्यु ने सूना तो उसे अपने सीने में एक तेज दर्द का अनुभव हुआ उसने देखा शिखा जा चुकी थी। अभिमन्यु के चेहरे पर दर्द उभर आया उसकी जिंदगी में शामिल आखरी इंसान भी उसे छोड़कर जा चुका था जिस से वह बेइंतहा मोहब्बत करता था। वह शिखा को नहीं बचा सका। उसके चेहरे पर दर्द था , हाथ काँप रहे थे और दिल तड़प रहा था लेकिन उसकी आँख से एक आँसू नहीं गिरा। उसने शिखा को अपने सीने से लगा लिया और वही बैठा रहा। नर्स ने जब अंदर आकर देखा की शिखा मर चुकी है तो उसने अभिमन्यु को उस से दूर किया और समझा बुझाकर बाहर जाने को कहा। अभिमन्यु उठा उसके पैरो में जैसे जान ही नहीं थी। अपने पैरो को घसीटते हुए वह ICU से बाहर आया।
“कैसा आदमी है इसकी बीवी मर गयी और इसकी आँख में एक आँसू तक नहीं आया”, ICU के बाहर बैठी नर्स ने वार्डबॉय से कहा
अभिमन्यु को कुछ होश नहीं था उसकी आँखों के आगे शिखा के साथ बिताये पल एक एक करके किसी फिल्म की तरह चलने लगे। कुछ देर बाद कुणाल हाथ में एक रिपोर्ट लेकर आया। जैसे ही उसे पता चला शिखा अब इस दुनिया में नहीं रही उसकी आँखो में आँसू भर आये उसने अभिमन्यु को सम्हाला और कांपते हाथो से रिपोर्ट उसकी तरफ बढाकर कहा,”शिखा माँ बनने वाली थी”
अभिमन्यु ने जैसे ही सूना उसने हैरानी से कुणाल को देखा और फिर एकदम से उसके कानो में शिखा की कही बातें गूंजने लगी
” वैसे मेरे पास तुम्हारे लिए एक और सरप्राइज है”
“तुमने मुझे जिंदगी की हर ख़ुशी दी है और सबसे बड़ी ख़ुशी वो जो आज शाम मैं तुमसे बाटने वाली थी”
अभिमन्यु ने रिपोर्ट देखी जिसमे शिखा के प्रेग्नेंट होने की खबर भी थी , अभिमन्यु का दिल टूटकर बिखर गया , उसके सीने में जैसे फ़ांस सी चुभने लगी उसका गला भर आया और पहली बार उसकी बांयी आँख से आंसू की एक बून्द रिपोर्ट पर आ गिरी। कुणाल ने पहली बार अभिमन्यु की आँखों में नमी देखी। अभिमन्यु बदहवास सा वही खड़ा उस रिपोर्ट को देखे जा रहा था। उसके कानों में आवाजे गूंजने लगी , अपने दोस्तो की , छोटे बच्चे की माँ जो ट्रेफिक में मिली थी उसकी , अपने कका (बड़े पापा) की जो अब तक उस से हर बात पर कहते आये थे की “लड़के रोते नहीं है”
सबसे आखिर में उसके कानों में आवाज गुंजी
“एक बात आज तक रहस्य बनकर रही वो ये की,,,,,,,,,,,,,,,,,,मैंने तुम्हारी आँखों में अपने लिए कभी नमी नहीं देखी। मैं हमेशा चाहती थी की जब भी तुम परेशान रहो तो मैं तुम्हे अपना कंधा दू जहा सर रखकर तुम अपना दुःख व्यक्त कर सको पर ऐसा कभी नहीं हुआ।”
“मेरे जाने के बाद भी नहीं रोओगे”
अभिमन्यु की आँखों से आंसू बहने लगे , वह घुटनो के बल वही जमीन पर गिर पड़ा और फूटफूटकर रोने लगा। उसकी सिसकियों और चीत्कारों ने वहा मौजूद हर शख़्स की आँखों को भिगो दिया और उस रात उसने इस एक बात को गलत साबित कर दिया की “लड़के रोते नहीं है”
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समाप्त
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संजना किरोड़ीवाल
thanku you di itni Achi story humare bich laane ke liye or hum ladko ki fillings ko itni bariki se likhne ke liye hamesha yahi kaha jata hai ladke rote hai nhi. are hum ladke hai to kya huaa dil to humaare pass bhi hai na jab koi apna humse dur jata hai to anshu to hume aate hai par ye kah kar chup kara diya jata hai ki ladke rote nhi…. very heart touching story ❤️
I loved this story… It actually meant a lot for me. U know mein apne bete ko kabhi nahi kahti rona nahi q k tum ek ladke ko. And after reading this story I won’t ever say don’t cry coz u r a boy.
Touched my heart 💜❤️
बहुत ही सुंदर और संवेदनशील कहानी है
Story par kar automatically aansu nikal gye
Yeh kehna galt hai,ladko ko bhi utna hi dard hota hai,unko bhi rone ka haq hai,very heart touching story
अब मेरे शहर कोलकाता का ज़िक्र हुआ है तो एक कमेंट बेंगोली में करना तो बनता है….
Tomara shob golpor moto yei golpo tao khup heart touching chilo, aar ‘ chelera kaade na ‘ yei teente shobdo guloke tumi bhaloyi bhabe define korecho…. Just luved it!! 🍁❤️
❤️❤️
Bahut hi emotional story mam . Ladko ko bhi dard hota hai , unka bhi dil tootta hai unhe bhi haq hai apni paresaaniyon ko jaahir karne ka , rone ka . Hum ladkiyan to rokar apna dukh logo ke saamne jaahir kar sakti hai to phir ladke kyun nahi , vo bhi to insan hi hai unke paas bhi vahi dil hai jo auro ke paas hai . Very heart touching story ❤️
Ma’am apko bengali bolni ati hai???
Ji nahi par mujhe achchi lagti hai main ise jarur sikhna chahungi 🙂
Ma’am amar apnak khub valo lage rapnar story to achhe e❤️❤️❤️
So heart touching story Di 👍
Is story ko padhne ke baad meri aankho se aansu nikalne lage. Q? pata nahi