मनमर्जियाँ – S84
Manmarjiyan – S84
Manmarjiyan – S84
शगुन को लगा गुड्डू सो रहा है और उसने अनजाने में गुड्डू के सामने अपनी कुछ फीलिंग्स शेयर कर दी। सुबह गुड्डू उठा नहाकर वह जैसे ही शीशे के सामने आया उसे रात वाली बातें याद आ गयी। गुड्डू काफी देर तक शीशे में खुद को देखता रहा। शगुन की कही बाते उसके कानो में किसी संगीत सी बज रही थी। गुड्डू शर्टलेस खड़ा था , नीचे जींस थी और कमरे का हीटर ऑन था। गुड्डू का मन इस वक्त भावनाओ से भरा हुआ था और वह बस उन्हें समझने की कोशिश कर रहा था। ना उसे ठण्ड का अहसास था ना ही इस बात का कमरे का दरवाजा खुला है। गुड्डू शीशे में खुद को निहारता रहा।
“आपकी चाय”,कहते हुए शगुन जैसे ही कमरे में आयी गुड्डू को शर्टलेस देखकर शगुन पलट गयी और कहा,”गुड्डू जी ये सब क्या है ?”
गुड्डू ने देखा शगुन वहा है तो उसने बिस्तर पर रखा अपना शर्ट उठाया और पहनते हुए कहा,”सॉरी वो हमे ध्यान नहीं रहा”
“माना की आपका कमरा है आप जैसे मर्जी चाहे वैसे रहे लेकिन कम से कम दरवाजा तो बंद कर सकते है ना ,, आपकी चाय”,शगुन ने बिना गुड्डू की तरफ देखे साइड में हाथ करते हुए कहा।
गुड्डू शगुन के पास आया और उसके हाथ से कप लिया , दोनों की उंगलिया एक दूसरे से टकरा गयी। गुड्डू चाहता था शगुन कुछ देर वही रुके इसलिए जान बुझकर कबर्ड में रखे कपडे नीचे गिराते हुए कहा,”जे लो एक तो हमे पहिले ही इतनी देर हो रही थी और अब जे कपडे”
शगुन ने देखा गुड्डू के कपडे नीचे गिरे हुए है तो उसने कहा,”आप चाय पीजिये तब तक मैं ये कर देती हूँ”
“थैंक्यू शगुन”,गुड्डू ने बड़े ही प्यार से कहा , शगुन को भी थोड़ी हैरानी हुई की आज एकदम से गुड्डू के बात करने का टोन कैसे बदल गया ? खैर शगुन एक एक करके गुड्डू के कपड़ो को उठाने लगी और उन्हें कबर्ड में रखने लगी। गुड्डू वही पास ही बैठा चाय पि रहा था उसने शगुन की तरफ देखा और कहा,”वैसे कल रात तुम हमाये कमरे में का कर रही थी ?”
गुड्डू के सवाल से शगुन के हाथ बीच में ही रुक गए उसने गुड्डू की तरफ देखा तो गुड्डू ने अपना ध्यान फिर से चाय में लगा लिया।
“मैं आपके कमरे में क्यों आउंगी ?”,शगुन ने झिझकते हुए कहा
“अच्छा फिर तो हम तुम्हे एक बहुत जरुरी बात बताते है”,गुड्डू ने चाय का कप साइड में रखा और एकदम से उठकर शगुन के सामने आया तो शगुन घबराकर थोड़ा पीछे हट गयी। गुड्डू ने शगुन को एक नजर देखा और कहने लगा,”पता है कल रात ना हमने एक बहुते ही सुन्दर सपना देखा , एक बहुते ही खूबसूरत लड़की हमारे सिरहाने आकर बैठी , हमसे प्यारी प्यारी बातें की , हमारे बालो को सहलाया और फिर जानती हो उसने हमारा सर चूमकर का कहा ?”
शगुन ने सूना तो उसका दिल धड़कने लगा , गुड्डू वही कहानी उसे सूना रहा था जो रात में घटी थी। उसने धीरे से कहा,”क्या कहा ?”
गुड्डू शगुन के थोड़ा करीब आया और अपनी सर्द आवाज में धीरे से कहा,”उसने कहा की वो हमे बहुते पसंद करती है”
गुड्डू की बात सुनकर शगुन का दिल जोरो से धड़कने लगा। उसने गुड्डू की तरफ देखा तो पाया की वह बड़े प्यार से उसे ही देख रहा है। शगुन की आँखों में देखते हुए गुड्डू ने कहा,”और पता है वो कैसी दिखती है ?”
शगुन कुछ बोलने की हालत में नहीं थी , एक तो गुड्डू का उसके इतना करीब होना दुसरा उसका शगुन की आँखों में देखना शगुन को खामोश कर गया। शगुन ने जवाब में अपनी भँवे उचकाई तो गुड्डू ने उसे शीशे की तरफ घुमाते हुए कहा,”बिल्कुल ऐसी”
शगुन ने पलकें उठाकर शीशे में देखा तो उसे अपना ही अक्स नजर आया उसने हैरानी से गुड्डू की तरफ देखा तो गुड्डू उसके इर्द गिर्द घूमते हुए कहने लगा,”यही आँखे , यही चेहरा , यही बाल , यही होंठ सब यही थे”
“लेकिन वो लड़की मैं कैसे हो सकती हूँ ?”,शगुन ने जाने की कोशिश करते हुए कहा तो गुड्डू ने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ किया और कहा,”हमने जे कब कहा वो तूम थी ? हमने तो जे कहा तुम्हाये जैसी,,,,,,,,,,अच्छा हमाये बालो को सही करो”
“क्या ?”,शगुन ने चौंकते हुए कहा
“अरे मतलब हमाये बाल बिखरे हुए है ऐसे (अपने हाथ से खुद ही बिखेर लेता है और आगे कहते है) अब इन्हे सही करो”,गुड्डू ने बच्चो की तरह जिद करके कहा
“मैं कैसे कर सकती हूँ ?”,शगुन ने कहा
“तुमने कहा था हम दोनों दोस्त है , दोस्त होने के नाते तो कर सकती हो ना चलो करो”,गुड्डू तो जैसे अपनी जिद पर अड़ ही गया। बेचारी शगुन सुबह सुबह बुरी फांसी उसके साथ। उसने गुड्डू के बालो को सही किया जैसे ही उसने गुड्डू के बालो में अपना हाथ घुमाया वही खूबसूरत अहसास गुड्डू को हुआ जो उसे बीती रात हुवा था। उसने शगुन के हाथ को थाम लिया और कहा,”बस ऐसे ही वो हमाये बाल सही कर रही थी , बिल्कुल ऐसे ही”
शगुन कहे तो क्या कहे ? अगर कहेगी रात में वही आयी थी तो गुड्डू के और 10 सवालो का जवाब देना पडेगा और कहती है वो नहीं थी तो गुड्डू के सामने उसे ना जाने क्या क्या करना पड़े ? शगुन ने इन दोनों सिचुएशन से बचने के लिए कहा,”वो ना मैं गैस पर दूध गर्म करने रखकर आई थी उफन गया तो आंटी डाँटेगी , आपकी ये परेशानी ना हम लोग बाद में सुलझाएंगे”
शगुन ने कहते हुए गुड्डू के हाथ से अपना हाथ छुड़ाया और वहा से चली गयी। जल्दी जल्दी में वह दरवाजे से भी टकरा गयी। खुद को ही कोस रही थी की कल रात वह गुड्डू के कमरे में आयी ही क्यों ? शगुन को ऐसे देखकर गुड्डू की हंसी निकल गयी और वह शीशे के सामने आकर बाल बनाते हुए कहने लगा,”अगर जे सच है की तुम हमे पसंद करती हो तो याद रखना शगुन तुम्हारा जीना हराम कर देंगे हम , बड़ी आयी हमे छेड़ने वाली”
शगुन नीचे आयी ग्लास में पानी लिया और एक साँस में ही पूरा पी गयी। कल रात जो उसने गुड्डू से कहा और उसके बाद गुड्डू जिस तरह से उसे देख रहा था , बात कर रहा था शगुन को एक अलग ही अहसास हो रहा था। उसने खुद को नार्मल किया और जैसे ही जाने के लिए पलटी गुड्डू से टकरा गयी। हड़बड़ी में शगुन गिरते गिरते बची गुड्डू ने देखा तो कहा,”तुम का गिरते पड़ते पैदा हुई थी ?”
“आपकी वजह से गिर जाती में”,शगुन ने अपना दुपट्टा सही करते हुए कहा
“हमारी वजह से क्यों ?”,गुड्डू ने पूछा
“वो मैं आप ही के बारे में सोच,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते कहते शगुन रुक गयी क्योकि गुड्डू उसे ही देख रहा था
”ओह्ह्ह्ह वैसे तुम हमाये बारे में काहे सोच रही थी ? कही तुम जे तो नहीं सोच रही थी की वो सपने वाली लड़की तुम क्यों नहीं हो ?”,गुड्डू ने शगुन को चिढ़ाते हुए कहा
“मैं मैं क्यों सोचूंगी आप किसी के भी सपने देखे मुझे उस से क्या ?”,शगुन भी चिढ गयी।
“वैसे हम तो सोच रहे है आज जल्दी सो जाये का पता आज फिर वो हमाये सपनो में आये और सर के बजाये हमाये गाल,,,,,,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने इतना ही कहा की शगुन ने अपना हाथ उसके मुंह पर रखकर आगे की बात मुंह में ही दबा दी। शगुन को चिढ़ता देखकर गुड्डू को मन ही बहुत ख़ुशी हो रही थी अब तो गुड्डू चाहता था की शगुन खुद ही उस से अपने प्यार का इजहार कर दे। उसने शगुन का हाथ धीरे से हटाया और कहा,”तुम्हे जलन हो रही है ?”
“नहीं,,,,,,,,,,,,,!!”,शगुन ने मुश्किल से कहा जबकि उसे जलन हो रही थी और वो पगली ये भूल गयी की गुड्डू जिस लड़की की बात कर रहा था वह शगुन ही थी
“तुम्हे हो रही है शगुन गुप्ता”,गुड्डू ने सधे हुए स्वर में कहा
“नहीं हो रही,,,,,,,,,,,,,बिल्कुल नहीं हो रही,,,,,,,,,,,,और इस टॉपिक पर आपसे बहस करने के लिए मेरे पास टाइम नहीं है”,शगुन ने चिढ़ते हुए कहा
“वैसे हमारा मन किया की हम भी उस सपने वाली लड़की को किस कर दे”,गुड्डू ने कहा
“हां तो जाकर कीजिये ना”,शगुन ने कहा
“ठीक है फिर,,,,,,,,,,,,!!”,कहकर गुड्डू शगुन की तरफ झुका और उसके गाल को अपने होंठो से छूकर वहा से चला गया। शगुन को ऐसी उम्मीद नहीं थी गुड्डू ने उसे किस किया सोचकर ही उसका दिल धड़क उठा और चेहरा शर्म से लाल हो गया। जिस गाल को गुड्डू ने छुआ शगुन ने उस गाल को हाथ लगाया तो उसे अहसास हुआ की सुबह से गुड्डू जिस लड़की के बारे में बात कर रहा था वो शगुन ही थी। शगुन को जब ये याद आया की वह पिछले आधे घंटे से खुद से ही चिढ रही थी , वह मुस्कुरा उठी और अपने सर पर चपत मारी।
“अरे जे का शगुन खुद को खुद ही मार रही हो ?”,मिश्राइन ने रसोई में आते हुए कहा
“माजी आप,,,,,,,,,,,,,,,,,,गुड्डू जी गए क्या ?”,शगुन ने पूछा
“हां अभी अभी गया है और जे हाथ गाल से लगाए काहे खड़ी हो ? दाँत में दर्द है का ?”,मिश्राइन ने पूछा
“नहीं नहीं तो,,,,,,,,,,,,,मैं पापाजी के लिए चाय बना देती हूँ”,शगुन ने गाल से हाथ हटाते हुए कहा और गैस की तरफ चली गयी !
गुड्डू शोरूम चला गया। दिनभर शगुन खोयी खोयी सी घर में घूमते रही उसकी आँखों के सामने बार बार वो पल आ रहा था जब गुड्डू ने उसे किस किया था। इस से पहले प्रीति के कहने पर गुड्डू ने मज़बूरी में जरुर शगुन को किस किया था लेकिन आज जो था वो पुरे दिल से था और ये अहसास शगुन को बार बार गुदगुदा रहा था।
शादियों का सीजन था और ऐसे में काम भी बढ़ गया था , गुड्डू नहीं चाहता था मिश्रा जी दूर रात तक रुके इसलिए गुड्डू रुकने लगा। 8-9 बजे तक तो कस्टमर रहते थे उसके बाद एक-डेढ़ घंटा सेटअप और हिसाब किताब में लग जाता था। तिवारी जी और गुड्डू सबसे लास्ट में घर के लिए निकलते थे। तीन दिन से गुड्डू रात में देर से आ रहा था तब तक शगुन भी सो जाया करती थी। गोलू की शादी के दिन नजदीक आते जा रहे थे। गोलू रोज गुड्डू को फोन करता इस उम्मीद में की एक बार तो गुड्डू फ़ोन उठा ले लेकिन नहीं गुड्डू ने कोई फोन नहीं उठाया।
गोलू की मेहँदी वाले दिन शाम में संगीत प्रोग्राम भी था। गोलू के दोस्तों और भाइयो ने कहा तो गोलू ने उनका मन रखने के लिए रात में छत पर पार्टी भी रख दी। उसे लगा आज तो गुड्डू आ ही जाएगा। गुप्ता जी ने मिश्रा जी के घर फोन कर दिया की शाम को खाने और संगीत के प्रोग्राम में सभी घरवालों को शामिल होना है। शाम में मिश्रा जी शोरूम में ही थे उन्होंने आज गुड्डू को जल्दी घर भेज दिया। गुड्डू घर आया तो देखा , शगुन , वेदी और मिश्राइन तीनो तैयार खड़ी है। आज शगुन फिर साड़ी में थी लेकिन गुड्डू को देखते ही उसने अपनी कमर छुपा ली। गुड्डू अंदर आया तो मिश्राइन ने कहा,”गुड्डू हम सब गोलू की मेहँदी में जा रहे है तुम भी चलो बेटा,,,,,,,,,,,,,गुस्सा थूक दयो बिटवा गोलू तुम्हारा दोस्त है”
“अम्मा हम पहले भी कह चुके है हम जे शादी में नहीं जायेंगे , गोलू हमारा दोस्त पहले भी था और आज भी है और हमेशा रहेगा , हमसे जे बात छुपाकर उसने हमे दुःख पहुंचाया है हमे नहीं जाना आप लोगो (शगुन की तरफ देखता है) को जाना है शौक से जाईये”,गुड्डू ने कहा
“ठीक है जैसी तुम्हायी मर्जी , हम सब तो जायेंगे तुमहू रहो अपनी अकड़ में”,मिश्राइन ने कहा और वेदी शगुन के साथ वहा से चली गयी। गुड्डू भी अपने कमरे में चला आया और फिर किसी काम से बाहर निकल गया।
मिश्राइन , शगुन और वेदी गुप्ता जी के घर आयी। गोलू को मेहँदी लगनी अभी शुरू ही हुई थी उसने मेहँदी वाली से रुकने को कहा और मिश्राइन के पास आकर कहा,”गुड्डू भैया आएंगे ना चाची ?”
गोलू का सवाल सुनकर तीनो के चेहरे उतर गए लेकिन मिश्राइन ने बात सम्हालते हुए कहा,”अरे आएगा ना तुमहू उसके दोस्त हो जरूर आएगा ,, उसने कहा है रात में आएगा संगीत में अभी थोड़ा काम में उलझा है तो आ नहीं पाया”
शगुन ने देखा मिश्राइन ने पहली बार झूठ बोला। गोलू ने सूना तो खुश हो गया और कहा,”अरे शगुन भाभी , वेदी यहाँ काहे खड़ी हो चलो ना अंदर ,, चाची आप भी आओ”
कहते हुए गोलु वेदी से बातें करते हुए अंदर चला गया और शगुन मिश्राइन भी पीछे पीछे चल पड़ी। शगुन ने मिश्राइन को रोका और कहा,”माजी आपने गोलू जी से झूठ क्यों कहा की वो आएंगे ?”
“हम अगर कहते की गुड्डू नहीं आएगा तो गोलू के चेहरे से वो ख़ुशी गायब हो जाती जो इह बख्त दिखाई दे रही है , गुड्डू भी जिद पर अड़ा है समझाए नहीं समझ रहा ऐसे में हम का कर सकते है झूठ बोलकर तसल्ली ही दे सकते है बस”,मिश्राइन ने कहा
“हम्म्म्म”,शगुन ने बुझे मन से कहा और गोलू की तरफ चली गयी। वेदी तो अपनी सहेलियों के पास चली गयी। गोलू अकेला था और बस मेहँदी वाली थी तो शगुन उसके साथ ही रही जब गोलू को मेहँदी लग गयी तो गुप्ताइन उसके लिए खाना लेकर आयी लेकिन गोलू के हाथो में मेहँदी लगी देखकर कहा,”जे का तुम्हायी मेहँदी तो अभी गीली है , खाना कैसे खाओगे बेटा ?”
“चाची मुझे दे दीजिये मैं खिला देती हूँ”,शगुन ने प्लेट लेकर कहा
“अरे भाभी हम बाद में खा लेंगे आप परेशान ना होईये”,गोलू ने कहा
“इसमें परेशानी की क्या बात है कल आपकी शादी है थोड़ा लाड़ प्यार तो मिलना चाहिए ना आपको , लीजिये”,कहते हुए शगुन ने एक निवाला गोलू को खिला दिया। गोलू भी मुस्कुराते हुए खाने लगा। शगुन और गोलू के बीच एक बहुत ही प्यारा और पाक रिश्ता था जितना शगुन गोलू को समझती थी गोलू भी शगुन की उतनी ही इज्जत करता था। खाते हुए उसने कहा,”गुड्डू भैया यहाँ होते ना तो मुझे खाने ही नहीं देते बल्कि खुद खा जाते”
शगुन ने सूना तो मुस्कुराने लगी और कहा,”वो थोड़े से मूडी है कब क्या करे कुछ पता नहीं चलता”
“अरे नहीं नहीं भाभी गुड्डू भैया बहुत अच्छे है , अभी इन सब झमेलों की वजह से परेशान है ना इसलिए वरना बहुत मजाकिया है”,गोलू ने कहा
“हम उनकी दो बुराई कर रहे है लेकिन आप अपने गुड्डू भैया के बारे में कुछ गलत नहीं सुन सकते ना”,शगुन ने प्यार से गोलू को घूरते हुए कहा
“देखो भाभी हमाये गुड्डू भैया में ना लाख बुराई हो पर एक सबसे बड़ी अच्छाई बताये उनकी वो ना कभी किसी का बुरा नहीं सोचते है , और नाराज तो वो किसी से रह ही नहीं सकते , उनका दिल इतना बड़ा है की सबको माफ़ कर देते है पता नहीं हमे माफ़ करेंगे या नहीं”,कहते कहते गोलु उदास हो गया
“गुड्डू जी आपकी शादी में जरुर आएंगे वो भी आपके दोस्त के रूप में , मैं वादा करती हूँ मैं उन्हें आपकी शादी में जरूर लेकर आउंगी”,शगुन ने कहा
गोलू ने सूना तो मुस्कुरा उठा। मेहँदी सूखने के बाद गोलू ने कपडे बदले और बाकी सब घरवालो में शामिल हो गया नज़रे बार बार घर के मेन गेट की तरफ जा रही थी लेकिन गुड्डू नहीं आया। गोलू के दोस्त और भाई भी आ चुके थे सब गोलू को लेकर छत पर चले आये। गोलू ने देखा वहा सब है लेकिन गुड्डू नहीं वह कुछ देर वहा रुका और फिर सरदर्द का बहाना कर नीचे चला आया। सीढ़ियों से जब अपने कमरे की तरफ आया तो शगुन से सामना हुआ। शगुन ने देखा गोलू की आँखे नम थी , शगुन ने कुछ कहना चाहा तो गोलू ने कहा,”बस भाभी अब और झूठी तसल्ली मत दीजियेगा , गुड्डू भैया नहीं आएंगे जे हम जानते है और उन्हें अब आना भी नहीं चाहिए। जे शादी करके हम अपना प्यार तो पा लेंगे लेकिन दोस्त खो देंगे”
कहकर गोलू चला गया उसकी बात सुनकर शगुन को बहुत दुःख हुआ और आज पहली बार गुड्डू पर गुस्सा आया।
Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84Manmarjiyan – S84
क्रमश – Manmarjiyan – S85
Read More – मनमर्जियाँ – S83
Follow Me On – facebook , instagram
संजना किरोड़ीवाल
Me 1st
🤩wow, aaj ke part mai guddu ji ne badi mar di unki yhi ada to shahun ko bahut pasand h😍
Very beautiful
Bhut hi khoobsurat part tha bs golu k liye bura lg rha h usla sbse acha dost hi uski mehndi m nhi tha
अति कर रहा है गुड्डू…😡😠क्या कह रहा है कि गोलू उसका दोस्त है और रहेगा…पर उसने जो किया है, वो गलत किया है…मतलब जब इंसान को जरूरत है,, तब तुम पास नहीं और जब वो ना रहे तब रोओ…अब गुड्डू सेल्फिस होता जा रहा है
beautiful part 🤩🤩
Haye rabba …kya likhoon samajh nahin aa raha hai…Kitne dinon ke baad Guddu ka yeh romantic roop dekhne ko mila hai..par Golu ke liye bahut bura lag raha hai…superb part….❤️❤️😊😊
Bs ab guddu ka gussa bhut ho gya ab shagun k gusse ki barii…ab guddu ki vaat lgegii or golu ki shadi bhi mst mje se hogii😘😘😘 or aj guddu ne shagun ki saas atka dii…or kiss bhi kiya… So sweet🥰🥰
बहुत ही अच्छी है कहानी का भाग उम्दा लेखन
kya baat hai aj to guddu cha gaya lekin ab bhut hua gudsa guddu ka..bichara golu ko kitta dukh lag raha h😞
Lovely part 🤩🤩🤩
Guddu ka jhut mut sapna sun kar sagun khud se hi chidhne lagi..😃😃😃… par… Golu ke baare mein soch kar bura lag raha hai. Uska bachpan ka dost nahi aaya .. kisi v function mein…
bechara golu bht bura lgta h uske liye mam
Beautiful part
Superb superb superb superb superb mind blowing fantastic fabolous ossssssmmmm blosssssmmmm part of the day 👌👌👌 eagrly waiting for the next 👌👌👌👌👌
Bechara golu usko udaas dekh kar bilkul acha nhi lag rha plz in dono dosto ko jaldi milwa dijiye
मैम गोलू की आखिरी लाईन आज इमोशनल कर गई…गुड्डू ये सही नहीं कर रहा हैं…अब तो शगुन भी गुस्सा हो गई हैं गुड्डू से…अब वहीं गुड्डू को उसकी दोस्ती की अहमियत समझायेगी😊
Super awesome part ❤️
ma’am bht acha part tha ab to sagun guddu ki love story phir se start hi gyi h mza ane wala h pdhkar or ma’am golu ko or preshan na kro waise jb sagun ne karyabhar sambhal liya h to ab to guddu zrur ayega😂😂
Hum log kah raha the jab guddu apni par as gya toh sagun pani pani ho Jaye GI aur guddu Bab apne form me as gya hai kash guddu aide hi Dave bad golu KO maaf kar jaldi se par koi nahi sagun golu KO waad ki hai toh nibaiye GI yah jante hai but today part is so romantic😍😍😍😍😍😘😘 still waiting for next part😍😍😍😘😘
Superb
Iska agala part kha hae
👌👌👌👌👌😊😊😊😔😔😔😔
Lgta h ab shagun ke gusse ka samna krna pdega guddu ko…kyuki raazi se to wo aa hi nhi rha
Guddu or shagun ab apni feeling ek dusre ke sath share kar payenge ya nahi
Nice story
Nice
Iske agge ka part kab dalo gae di jaldi dalo na plz
Very nice
Golu bahut dukhi hai saath hi ab sagun bhi dukhi ho gayi ye sab achchha nahi ho raha hai ab to guddu ko apni narajgi dur kar golu ki saadi me samil hona chahiye . Aur mam please kahani me guddu ko purana kuchh kuchh yaad aane ke hint bhi dijiye
Mind blowing 🥰💖🥰💖💖💖💖 Awesome superrrrrrrrrr bbbbb 🥰🥰💖💖💖💐💐💖 part
Nice part👌👌👌👌🌺🌺