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मनमर्जियाँ – S65

Manmarjiyan – S65

मनमर्जियाँ – S65

मिश्रा जी ने शर्मा जी को पिंकी और गोलू की शादी के लिए मना लिया वही गुप्ता जी को भी माफ़ी मांगने के लिए राजी कर लिया। गोलू खुश था आज तो मिश्रा जी उसके लिए भगवान् ही बन चुके थे। गुप्ता जी को समझाकर मिश्रा जी अपने शोरूम चले आये। उधर गोलू भी ख़ुशी ख़ुशी दुकान चला गया उसने जब पिंकी को सब बताया तो वह ख़ुशी से उछलने लगी और फिर अचानक से कहा,”लेकिन गुड्डू ? उसे पता चला तो फिर से कोई ना कोई बवाल होगा गोलू। गुड्डू के सामने हम दोनों शादी कैसे कर सकते है ?”
“जे तो हमने सोचा ही नहीं , यार हमायी किस्मत भी ना बहुते कुत्ती चीज है मतलब एक परेशानी से निकले नहीं की दूसरी हमारे लिए तैयार रहती है।”,गुड्डू ने परेशान होकर कहा
“कुछ तो करना होगा ना गोलू वैसे भी इन दिनों शगुन और गुड्डू के बीच नजदीकियां बढ़ रही है मैं नहीं चाहती ये बात सामने आये और गुड्डू अपसेट हो , कुछ तो दिमाग लगाओ गोलू ,, क्या ऐसा नहीं हो सकता की हम अभी सगाई कर ले और गुड्डू वहा मौजूद ही ना हो ,, शादी बाद में कर लेंगे”,पिंकी ने कहा
“बात तो तुम्हारी भी सही है पिंकी मुश्किल से तो हमाये पिताजी माने है उनका मूड चेंज हो इस से पहिले ही हमे जे रिश्ता करना होगा। शादी तो वैसे भी महीने भर बाद होगी का पता तब तक गुड्डू भैया भी अपना मन बदल ले”,गोलू ने कहा
“गोलू जिओ मेरी जान कितना दिमाग चलता है तुम्हारा , लेकिन ये सब होगा कैसे ?”,पिंकी ने सवाल किया
“जे तो अब शगुन भाभी ही बता सकती है”,गोलू ने कुछ सोचते हुए कहा
“शगुन हमारी मदद जरूर करेगी गोलू”,पिंकी ने खुश होकर कहा
“अच्छा सुनो इतने दिनों बाद कुछो अच्छा सुनने को मिला है , एक ठो किस दो ना हमे”,गोलू ने थोड़ा रोमांटिक होते हुए कहा
“ये सब अब शादी के बाद”,पिंकी ने कहा
तभी गुड्डू वहा आया और गोलू के हाथ से फोन लेकर कहा,”सुबह सुबह किसके साथ लगे हो बे ? अच्छा भाभी होगी रुको हम बात करते है” कहते हुए गुड्डू ने फोन कान से लगाया और कहा,”हेलो हेलो अरे भाभी हम बोल रहे है गुड्डू ,, गोलू के दोस्त , बताया होगा इसने आपको। आप ना बिल्कुल नाही चिन्तियाओं अगर शर्मा जी नहीं भी माने ना तो हम मना लेंगे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अरे आप कुछो बोल ही नहीं रही है ,, हेलो हेलो”
बेचारी पिंकी उसने जैसे ही गुड्डू की आवाज सुनी खामोश हो गयी। गुड्डू अनजाने में उसे भाभी कहकर बुला रहा था पिंकी ने तुरंत फोन काट दिया। गुड्डू ने स्क्रीन देखी जी पर लिखा था “औकात से बाहर”
उसने फोन गोलू की तरफ करके कहा,”जे का नाम रखे हो बे भाभी का ?”
गोलू ने गुड्डू के हाथ से फोन लेकर उसे जेब में डालते हुए कहा,”अरे भैया हम है एवरेज लुक वाले और उह है बहुते सुन्दर तो जब तक हमसे सेट नहीं हुयी हमने भी उसका नाम “औकात से बाहर” रख लिया और सच भी यही है ना हमायी औकात से बाहर ही है वो”
गोलू ने नयी कहानी गुड्डू को सूना दी तो गुड्डू मुस्कुराया और कहा,”तुमहू भी गोलू अजीब इंसान हो , साला हमाये पास तो फोन भी नहीं है ,, जो था उह भी चोरी हो गया”
“अरे भैया हम तुमको बताना भूल गए तुम्हाये लिए कुछ है हमाये पास”,गोलू ने खुश होकर काउंटर तरफ आया और उसमे रखा फोन निकालकर गुड्डू की तरफ बढ़ाते हुए कहा,”जे हम कुछ दिन पहिले ही लिए थे आपको देने के लिए लेकिन भूल गए”
“हमाये लिए पर काहे ?”,गुड्डू ने गोलू के हाथ से फोन लेकर उसे देखते हुए कहा
“अरे भैया अब साथ साथ काम करेंगे तो फोन की जरूरत तो पड़ेगी ना , आप रखो और हां सिम कार्ड भी लगवा दिया है इसमें”,गोलू ने कहा
“थैंक्यू गोलू , अच्छा तुमने जो लिस्ट बनाने को कहा था उह हमने बना दी , बरेली वाले आर्डर के बारे में उनसे बात हुई थी और वो कह रहे थे की उन्हें कुछ 100-200 साड़ियों का स्टॉक भी चाहिए मेहमानो के लिए”
“अरे जे तो और भी अच्छा है आपके पिताजी के शोरूम से बुक करवा देंगे , हम आपको अपना अकाउंट नंबर देते है उनसे बात करके कहो एडवांस पेमेंट भिजवा दे ,, फिर शाम में दोनों चलते है मिश्रा जी के शोरूम”,गोलू ने कहा
“सही है गोलू इस से पिताजी को भी लगेगा की हम दोनों काम कर रहे है”,गुड्डू ने खुश होकर कहा
दोनों ने चाय पी और फिर बैठकर अपना काम करने लगे। उधर घर में शगुन गुड्डू के कमरे की सफाई में लगी हुई थी लेकिन बिस्तर के नीचे झाड़ू लगाना वह भूल गयी और नीचे जाने लगी। चलते चलते नजर टेबल पर रखे गुड्डू के गंदे कपडो पर गयी शगुन ने सबको उठाया और धोने के लिए नीचे ले आयी। पीछे आँगन में अकार शगुन ने वो सारे कपडे धोये और सूखने को डाल दिये।
वेदी शालू के साथ अपनी क्लासेज के लिए चली गयी। दीपक को वह अब भूलने लगी थी और उसका सारा ध्यान अपनी पढाई पर था। क्लास में बैठे बैठे शालू की नजर वेदी के हाथ पर चली गयी और उसने कहा,”अरे वाह वेदी तुम्हारे हाथ का ये ब्रेसलेट तो बहुत ही सुंदर है कहा से लिया ?”
“अमन ने दिया”,वेदी ने अपना ध्यान बुक में लगाए हुए कहा
“ये अमन कौन है ?”,शालू ने हैरानी से पूछा क्योकि वह वेदी की इकलौती दोस्त थी और आज से पहले वेदी ने उसने सामने कभी किसी लड़के का जिक्र नहीं किया था यहाँ तक के दीपक के बारे में भी नहीं बताया था। शालू का सवाल सुनकर वेदी ने उसकी तरफ देखा और कहा,”अमन,,,,,,,,,,,,,वो भाभी का भाई है”
“ओहो तो ये बात है वैसे दोस्ती ही है या फिर कुछ आगे भी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!”,शालू ने उसे छेड़ते हुए कहा
“ऐसा कुछ भी नहीं है मुझे पढाई करने दे”,कहकर वेदी ने फिर अपना ध्यान किताब में लगा लिया लेकिन अमन का नाम सुनकर उसकी आँखों के सामने अमन के साथ बिताये पल आने लगे। वेदी ने अमन के बारे में कभी कुछ सोचा नहीं था वह बस उसे अपनी भाभी के भाई और अपने दोस्त के हिसाब से जानती थी। जब पढ़ने में मन नहीं लगा तो वेदी ने उठते हुए कहा,”चल घर चलते है”
“क्या हुआ अभी तो आये है इतनी जल्दी ?”,शालू ने कहा
“हमारा मन नहीं है चलो ना”,वेदी ने उसे उठाते हुए कहा
“अच्छा ठीक है लेकिन मेरे घर चलेंगे मुझे तुम्हे अपना नया ड्रेस दिखाना है”,शालू ने अपनी किताबे उठाते हुए कहा और वेदी के साथ वहा से निकल गयी।
शाम में एडवांस आने के बाद गोलू और गुड्डू दोनों मिश्रा जी के शोरूम पहुंचे और अपना आर्डर पैक करवाने को कहा। मिश्रा जी ने सूना तो उन दोनों के पास आये और कहा,”का हमाये कॉम्पिटिशन में दुकान खोलने का सोच रहे हो ?”
“अरे नहीं चचा बरेली में एक शादी का आर्डर मिला है उसी के सिलसिले में चाहिए , हमने एडवांस भी दिया है”,गोलू ने कहा तो मिश्रा जी एक नजर गुड्डू को देखा जिससे उनकी बात-चित बंद थी और कहा,”उम्मीद है इस बार कोई गड़बड़ नहीं करोगे”
“हां बिल्कुल , तो आर्डर पैक करवा ले ?”,गोलू ने पूछा
“हम्म्म करवा लो और एडवांस की कोई जरूरत नहीं है जब पेमेंट मिले तब एक साथ करवा देना”,कहकर मिश्रा जी वहा से चले गए। गुड्डू ने गोलू की तरफ देखा और मुस्कुराते हुए कहा,”देखा गोलू प्यार बहुते करते है बस दिखाते नहीं है”
“मिश्रा जी जैसा बाप किस्मत वालो को मिलता है गुड्डू भैया”,गोलू ने कहा तो गुड्डू की नजर अपने पिताजी पर चली गयी जो दुकान के किसी लड़के को बड़े आराम से समझा रहे थे। मन ही मन गुड्डू को अहसास हुआ की उसने जाने अनजाने में अपने पिताजी को कितनी ठेस पहुंचाई है। गोलू गुड्डू को वहा से लेकर अपने साथ चला गया। दोनों ने आर्डर बुक करवा दिया और फिर घर के लिए निकल गए।
गुड्डू आकर अपनी बाइक पर बैठा और जैसे ही जाने लगा गोलू अपनी स्कूटी उसके बगल में लेकर आया और कहा,”भैया हम भी चलते है”
“का कुछो काम है तुम्हे ?”,गुड्डू ने पूछा
“हां वो शगुन,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मतलब चाची से कुछो काम था हमे अम्मा ने किसी काम के लिए बोला था”,गोलू झूठ बोलने में इन दिनों परफेक्ट हो चूका था
“अम्मा से काम है,,,,,,,,,,,,,,,,,,ठीक है आओ”,गुड्डू ने कहकर बाइक आगे बढ़ा दी और पीछे पीछे गोलू अपनी स्कूटी लिए चला आया। घर आकर गुड्डू ने बाइक साइड में लगाई और अंदर आकर हाथ मुंह धोने चला गया। अब गोलू ने गुड्डू से झूठ बोला था तो उसे सच साबित भी करना था शगुन तो कही दिखाई नहीं दे रही थी गोलू यहाँ वहा शगुन को देख रहा था की गुड्डू ने कहा,”गोलू अम्मा से मिलने आये थे ना तुम , जाओ जाकर मिलो”
“हाँ ,,,,,,,,,,,,, हाँ भैया”,गोलू ने कहा और सामने खड़ी मिश्राइन के पास चला आया और कहा,”नमस्ते चाची कैसी हो ?”
गोलू के मुंह इतनी प्यारी बाते सुनकर मिश्राइन को यकीन नहीं हुआ उन्होंने कहा,”का बात है गोलू आज सूरज पश्चिम से उगा था का ?”
“अरे चाची वो हम ये पूछ रहे थे की,,,,,,,!”,कहते हुए गोलू ने पलटकर गुड्डू को देखा जो की उसे ही देख रहा था। गोलू फंस गया उसने मिश्राइन की तरफ देखा तो मिश्राइन ने भँवे उचकाई जवाब में गोलू ने आँख मारते हुए मिश्राइन को समझाने की कोशिश की वह गुड्डू के सामने कुछ ना कहे लेकिन मिश्राइन ठहरी भोली औरत उनका क्या पता गोलू क्या कहना चाह रहा है ? उन्होंने फिरभँवे उचकाई तो गोलू फिर आँख मारने लगा। गोलू के इशारे को गलत समझकर मिश्राइन ने एक थप्पड़ खींचकर गोलू को मारा और कहा,”इस उम्र में हमसे रंगबाजी करते हो ,, सींक वाली झाड़ू से सुताई करेंगे ना सारी की सारी रंगबाजी धरी की धरी रह जाएगी,,,,,,,,,,,,,,,बकलोल कही के ,, हटो परे”
कहते हुए मिश्राइन चली गयी। गोलू ने थप्पड़ खाकर जल्दी से पीछे देखा की गुड्डू है या नहीं पर गुड्डू काफी पहले वहा से जा चुका था। गोलू पलटा इतने में शगुन वहा आई गयी और कहा,”गोलू जी आप क्या सबसे थप्पड़ खाते रहते हो ? माजी अभी अभी गुस्सा होकर गयी है , क्या किया आपने ?”
“अरे भाभी उह सब छोडो पहिले हमायी बात सुनो”,कहते हुए गोलू ने शगुन का हाथ पकड़ा और उसे साइड में लेकर आया। सीढ़ियों से ऊपर जाते हुए गुड्डू ने पलटकर देखा और फिर ऊपर चला गया।
“क्या हुआ गोलू जी ?”,शगुन ने पूछा
गोलू ने शगुन को सारी बाते बता दी और कहा,”सब सही हो गया है भाभी बस अब एक ही समस्या है”
“वो क्या है ?”,शगुन ने पूछा
“गुड्डू भैया , उनके सामने ना हम पिंकी से शादी कर सकते है ना ही सगाई और हम चाहते की एक बार सगाई हो जाये , उसके बाद गुड्डू भैया को हम सब मिलकर समझा देंगे”,गोलू ने कहा
“चिंता मत कीजिये गोलू जी जब इतना दूर आ ही चुके है तो फिर आगे भी बढिये रही बात गुड्डू जी की तो बस सगाई वाले दिन उनको यहाँ से कही दूर भेजना होगा जिस से वो इस सगाई में शामिल ही ना हो पाए”,शगुन ने कहा
“लेकिन कैसे भाभी ? गुड्डू भैया कहा जायेंगे ?”,गोलू ने कहा
“गोलू जी कुछ दिन पहले आप और गुड्डू जी बरेली के बारे में बात कर रहे थे”,शगुन ने कहा
“हाँ उह कोई शादी है वहा 4 दिन का आर्डर मिला है , गुड्डू भैया और हम उसी में लगे है”,गोलू ने कहा
शगुन ने सूना तो मुस्कुराने लगी गोलू शगुन को मुस्कुराते देखा तो कहा,”का हुआ आप मुस्कुरा काहे रही हो ?”
शगुन ने गोलू को अपना आगे का प्लान बताया तो गोलू के होंठो पर भी मुस्कान तैर गयी। उसने खुश होकर कहा,”यार आप तो बहुते जीनियस हो मतलब कतई बवाल हो”
“शुक्रिया आप चलकर बैठिये मैं चाय लेकर आती हूँ”,शगुन ने कहा और वहा से चली गयी। गोलू भी ख़ुशी ख़ुशी आकर आँगन में पड़े सोफे पर आकर बैठ गया। कुछ देर बाद गुड्डू भी कपडे बदल कर आ गया। शगुन ने देखा तो गुड्डू और गोलू दोनों के लिए चाय लेकर आ गयी उसने एक कप गोलू को दिया और दुसरा कप लेकर गुड्डू के सामने चली आयी उसने जैसे ही चाय का कप गुड्डू के सामने किया गुड्डू ने मुंह बनाया और दूसरी तरफ चला गया। शगुन को कुछ समझ नहीं आया उसे बाहर से मिश्रा जी आते दिखे। मिश्रा जे ने हाथ मुंह धोया और आकर तख्ते पर बैठे तो शगुन ने वह चाय का कप उन्हें दे दिया और एक नजर गुड्डू को देखकर वहा से चली गयी।

मिश्रा जी को वहा देखकर गोलू ने जल्दी जल्दी चाय पि और फिर वहा से निकल गया।
जैसे तैसे दिन गुजरे और वो सुबह भी आ गयी जब गुड्डू और गोलू को बरेली के लिए निकलना था। गुड्डू अपना बैग लेकर घर से निकल गया ना वह शगुन से मिला ना उस से बात की शायद गोलू को शगुन का हाथ पकडे देखकर गुड्डू को जलन महसूस हो रही थी इसलिए गुस्से गुस्से में वह शगुन से मिले बिना ही निकल गया। गोलू के घर आया तो देखा नीचे सिर्फ गुप्ता जी और गोलू की अम्मा थी।
“चाचा गोलू कहा है ?”,गुड्डू ने पूछा तो दाँत घिसते हुए गुप्ता जी ने गोलू के कमरे की और इशारा कर दिया। गुड्डू ने अपना बैग रखा और गोलू के कमरे में चला आया। देखा गले तक कम्बल ओढ़े , सर पर पट्टी डाले सोया पड़ा था। गुड्डू उसके पास आया और कहा,”अरे गोलू का हुआ तुम्हे ठीक तो हो ?”
“कौन ? कौन है भाई ?”,गोलू ने अधखुली आँखों से गुड्डू को देखते हुए कहा
“गोलू भाई हम है गुड्डू , जे का हुआ तुम्हे ? आज हमे बरेली के लिए निकलना था याद है ना तुमको”,गुड्डू ने बिस्तर के बगल में पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए कहा
“खौ खौ खौ गुड्डू भैया आप हो ? हमायी तबियत ना बहुते खराब है कल रात से बुखार है हमे”,गोलू ने खाँसते हुए कहा
गुड्डू ने सूना तो उसका चेहरा उतर गया उसने गोलू के माथे को छूकर देखा और कहा,”सर तो बिल्कुल ठंडा है तुम्हारा”
“खौ खौ खौ अरे भैया अंदर वाली बुखार है बाहर नहीं दिखती है ना ,, हाए कल रात से एक मिनिट भी चैन नहीं था”,गोलू ने कराहते हुए कहा
“दवा ली तुमने , चलो डॉक्टर को दिखा लाते है”,गुड्डू ने कहा
“हमने दवा ले ली भैया”,गोलू ने कहा
“अब तुम्हायी तबियत खराब है तो बरेली वाली शादी कैंसल कर दे का ?”,गुड्डू ने पूछा
“अरे नहीं नहीं भैया कैंसल काहे करेंगे ? इतना बड़ा ऑफर है और फिर सारी तैयारियां भी हो चुकी है ,, हम का कह रहे है स्टाफ के साथ अगर आप चले जाते और सम्हालते सब”,गोलू ने गुड्डू से कहा
“गोलू लेकिन हम अकेले कैसे जे सब ?”,गुड्डू ने कहा
“अरे गुड्डू भैया अगर हमायी तबियत सही होती तो हम जाते साथ , और हमे आप पर पूरा भरोसा है की आप सम्हाल लेंगे”,गोलू ने कहा
“लेकिन गोलू,,,,,,,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहना चाहा तो गोलू ने अपना हाथ उसके हाथ पर रखते हुए कहा,”गुड्डू भैया हम समझ सकते है जे सब आपके लिए पहली बार है लेकिन आर्डर भी बड़ा है और हम नहीं चाहते कैंसल हो , हम जैसे ही ठीक होंगे तुरंत वहा पहुँच जायेंगे ,, सिर्फ एक दिन की तो बात है भैया सम्हाल लीजिये ना”
“ठीक है गोलू लेकिन तुम डॉक्टर को दिखाओ और समय से दवा लो। स्टाफ सारा दुकान पर आएगा हम वही से उनके साथ निकल जायेंगे”,गुड्डू ने उठते हुए कहा गोलू के बिना उसे जाना अच्छा तो नहीं लग रहा था लेकिन गोलू के लिए उसे जाना पड़ा। गुड्डू कमरे से बाहर निकल गया। जैसे ही गुड्डू कमरे से बाहर निकला गोलू ने अपने ऊपर से चद्दर एक झटके में उठायी , सर पर रखी पट्टी को उठाकर फेंका और एक झटके में मुस्कुराते हुए उठ खड़ा हुआ। उसका प्लान सक्सेज हो चुका था ख़ुशी से चहकते हुए वह जैसे ही दो कदम आगे बढ़ा अचानक गुड्डू वापस कमरे में आया और कहा,”गोलू वो हम,,,,,,!!”
गुड्डू को वहा देखते ही गोलू धड़ाम से जमीन पर जा गिरा गुड्डू ने देखा तो दौड़कर उसके पास आया और कहा,”अरे गोलू सम्हालकर”
“भैया पानी पीने के लिए उठे थे लेकिन कमजोरी की वजह से,,,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहते कहते बात अधूरी छोड़ दी
गुड्डू ने उसे उठाकर बिस्तर पर बैठाया और टेबल पर रखे पानी के गिलास को उठाकर उसे पानी पिलाते हुए कहा,”गोलू तुम्हायी हालत तो सच में बहुते खराब है एक काम करो तुमहू आराम करो जे शादी हम करवा देंगे”
“हम्म्म्म !”,गोलू ने पानी पीते हुए कहा। गोलू को अपना ध्यान रखने को कहकर गुड्डू वहा से चला गया !

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