मनमर्जियाँ – S27
Manmarjiyan – S27
मनमर्जियाँ – S27
रोहन और प्रीति एक दूसरे से अपने प्यार का इजहार कर चुके थे जब रोहन ने प्रीति को बताया की वह पिछले दो साल से उसे पसंद करता है तो प्रीति ने भी उसे एक मौका दिया और माफ़ कर दिया। दोनों एक दूसरे का हाथ थामे अस्सी घाट पर बैठे रहे और सामने दूर तक फैले पानी को देखते रहे। बनारस को सुकून क्यों कहा जाता है ये प्रीति को आज समझ आ रहा था। रोहन के साथ बैठे हुए उसका दिल किया जैसे ये पल यही थम जाये। रोहन ने उसका हाथ थामा हुआ था और प्रीति ने अपना सर रोहन के कंधे से लगा दिया। कल रोहन वापस अपने घर जाने वाला था और जाने से पहले वह कुछ वक्त प्रीति के साथ बिताना चाहता था। कुछ देर बाद प्रीति एकदम से उठी और कहा,”चलो ! वहा शादी हो जाएगी और यहाँ हम बैठे रह जायेंगे”
“प्रीति वहा सम्हालने के गोलू जी और दी है ना हम कुछ देर यही बैठते है”,रोहन ने कहा
“नहीं रोहन अभी मुझे वहा शादी देखनी है और फिर दी भी कल वापस चली जाएगी , प्लीज चलो ना”,प्रीति ने लगभग रोहन को खींचते हुए कहा
“अच्छा बाबा ठीक है”,कहते हुए रोहन उठा और प्रीति के साथ चल पड़ा। चलते चलते प्रीति ने पलटकर घाट को देखा और मन ही मन कहा,”थैंक्यू महादेव बस अब आपकी कृपा हो और मेरी और जीजू भी हमेशा के लिए एक हो जाये”
रोहन और प्रीति घाट से बाहर आये , गेस्ट हॉउस नजदीक ही था इसलिए दोनों पैदल ही चल पड़े। चलते चलते रोहन ने प्रीति का हाथ थाम लिया ये छोटे छोटे पल प्रीति की जिंदगी में सबसे खूबसूरत पल थे। दोनों गेस्ट हॉउस पहुंचे देखा आशीर्वाद समारोह चल रहा था। रोहन और प्रीति शगुन के पास आये तो शगुन ने कहा,”कहा रह गए थे तुम दोनों , अच्छा जाओ जाकर खाना खा लो फिर घर निकल जाना”
“और आप ?”,प्रीति ने पूछा
“मैं और गोलू जी यही रुकेंगे ,कल सुबह ही आ पाएंगे। सारे अरेजमेंट देखने है कोई कमी नहीं रहनी चाहिए ना”,प्रीति ने अपनी साड़ी की सलवटे सही करते हुए कहा।
“दी हम लोग भी यही रुकेंगे”,प्रीति ने कहा
“प्रीति तुम क्या करोगी रुक कर ?”,शगुन ने सवाल किया
“मुझे भी शादी देखनी है और आपकी पहली शादी है देखने दो ना दी प्लीज”,प्रीति ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा
“अच्छा ठीक है पर पहले जाकर खाना खा लो उसके बाद यही आकर मुझसे मिलना”,शगुन ने कहा तो रोहन और प्रीति वहा से जाने लगे
“रोहन,,,,,,,,,,,,,!!”,शगुन ने रोहन की बांह पकड़ कर उसे रोक लिया प्रीति आगे निकल गयी। रोहन ने शगुन की तरफ देखा तो शगुन ने कहा,”आई हॉप की प्रीति को लेकर तुम्हारी भावनाये सच्ची है , तुम उसके साथ किसी तरह का मजाक नहीं कर रहे ,, वो बहुत मासूम है रोहन जल्दी किसी पर भरोसा नहीं करती है अगर तुम पर किया है इसका मतलब तुम उसके लिए बहुत स्पेशल हो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ख्याल रखना कभी उसका दिल ना टूटे”
“दी आपको शिकायत का मौका नहीं दूंगा , प्रीति से भी ज्यादा मैं आपकी रिस्पेक्ट करता हूँ , आपने हिम्मत नहीं दी होती तो मैं कभी उसे अपने दिल की बात कह ही नहीं पाता थैंक्यू दी”,रोहन ने शगुन की आँखों में देखते हुए कहा
“रोहन यहाँ क्या कर रहे हो चलो,,,,,,,,,,,,,,,,दी आप इस से बाद में बात करना अभी मैं इसे लेकर जा रही हूँ बाय बाय बाय”,कहते हुए प्रीति रोहन को खींचते हुए वहा से लेकर चली गयी।
शगुन गोलू को ढूंढने लगी जबसे गेस्ट हॉउस आये है तबसे गोलू उसे दिखाई नहीं दिया था। शगुन ने अपना फोन देखा तो पाया की उसका फोन फ्लाइट मोड़ पर था शगुन ने उसे ऑन किया और फिर गोलू को फोन मिलाया – हैल्लो गोलू जी कहा है आप ?”
“बस भाभी आपके सामने ही है”,कहते हुए गोलू शगुन के सामने आ खड़ा हुआ
“कहा चले गए थे आप ? अच्छा सुनिए अभी आशीर्वाद समारोह चल रहा है इसके बाद दूल्हा दुल्हन फेरो में बैठ जायेंगे और बाकि सब खाना खाने चले जायेंगे तो आप जाकर खाने का अरेजमेंट देख लीजिये मैं फेरो का इंतजाम करवाती हूँ”,शगुन ने कहा
“ठीक है भाभी हम देखते है”,कहकर गोलू चला गया और शगुन भी अपने काम में लग गयी। पहली बार था जब गोलू के आस पास कई लड़किया थी लेकिन गोलू का सारा ध्यान सिर्फ अपने काम पर था। हां गोलू बदल रहा था शगुन की संगत में अब वह भी जिम्मेदार और समझदार बनने लगा था।
कानपूर , उत्तर-प्रदेश
रात के खाने के बाद गुड्डू हमेशा की तरह घर के दरवाजे की सीढ़ियों पर बैठा हुआ था। शगुन जब थी तो वह दिन में 5-7 बार उस से झगड़ा कर लिया करता था। उसे परेशान किया करता था , उसके सामने लम्बी लम्बी ढींगे हाँक कर उसे पागल बनाया करता था और इन सब में दिन कब कट जाता गुड्डू को पता ही नहीं चलता था पर जबसे शगुन गयी थी गुड्डू को इस घर में एक खालीपन सा महसूस होने लगा था। उदास सा सीढ़ियों पर बैठा वह फोन को उंगलियों के बीच घुमा रहा था की उसे याद आया और उसने खुद से कहा,”उस दिन हमने शगुन का नंबर हमारे फोन में देखा था , उसका नंबर हमारे फोन में कैसे आया ? उस नंबर पर फोन करके देखे क्या ?”
गुड्डू ने फोन ऑन किया और शगुन का नंबर निकालकर डॉयल कर दिया। इस बार रिंग जा रही थी जैसे जैसे रिंग जा रही थी गुड्डू का दिल भी उसी ले में धड़क रहा था और इसकी वजह गुड्डू नहीं जानता था। रिंग जा रही थी तभी घर के सामने एक बाइक आकर रुकी उस पर बैठे लड़के ने कहा,”भैया सुनियेगा ज़रा ?”
गुड्डू फोन कान से लगाए लड़के की तरफ आया उसका सारा ध्यान फोन की रिंग पर था। तभी शगुन ने फोन उठाया और कहा,”हेलो , हेलो , हेलो आपकी आवाज नहीं आ रही है,,,,,,,,,हेलो”
शगुन की आवाज सुनकर गुड्डू हैरान रह गया ये शगुन का ही नंबर था वही शगुन जो कुछ दिन पहले यहाँ थी गुड्डू के घर में , गुड्डू कुछ बोल ही नहीं पाया और फिर अचानक से हुआ एक छोटा सा हादसा बाइक पर बैठे लड़के ने गुड्डू को उलझन में देखा तो बाइक स्टार्ट की और उसके हाथ से फोन छीनकर भाग गया।
“अबे ओये ! अबे साले हमारा फ़ोन काहे ले गए ? अबे सुनो,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,साली हमायी किस्मत ही ख़राब है”,गुड्डू पहले चिल्लाया और फिर हताश होकर वापस सीढ़ियों पर आ बैठा फोन जा चुका था लेकिन शगुन की आवाज सुनकर गुड्डू को एक सुकून महसूस हुआ और उसने कहा,”चलो कम से कम उनका नंबर हमाये फोन में था और हमे ही नहीं पता था , पर हमारे फोन में उनका नंबर आया कहा से ? कौन है ये लड़की और काहे हमाये हर परेशान करने पर भी बुरा नहीं मानती है ? कुछ तो है जो हमसे छुपाया जा रहा है और इन सब सवालो का जवाब ना हमे शगुन ही दे सकती है”
गुड्डू कुछ देर वही बैठा रहा और फिर उठकर अपने कमरे में जाने लगा। उसका पैर अब पहले से बेहतर था , वह आराम से चल सकता था लेकिन हाथ में प्लास्टर था तो सोने में उसे बहुत परेशानी होती थी क्योकि उसे आदत थी उलटा लेटकर , पैर पसारकर सोने की। अपने कमरे की ओर जाते हुए गुड्डू की नजर आँगन के कोने में खड़ी वेदी पर पड़ी जो की फोन कान से लगाए कुछ परेशान नजर आ रही थी। गुड्डू वेदी के पास आया और उसके हाथ से फोन लेकर कहा,”का बाबू इति रात में किस से बातें हो रही है ?”
गुड्डू को वहा देखकर वेदी थोड़ा सा घबरा गयी कुछ जवाब नहीं दिया तो गुड्डू ने फोन कान से लगाया किसी लड़के की आवाज सुनकर गुड्डू ने फोन काट दिया और जाने लगा तो वेदी ने उसे रोकते हुए कहा,”भैया भैया भैया पिताजी को जे सब ना बताना”
“बचपन से हम दोनों साथ खेले है , साथ में बड़े हुए , साथ में स्कूल गए , हमने कभी तुमसे कुछो नहीं छुपाया हमाये बारे में तुमहु सब कुछ जानती हो फिर हमसे जे बात काहे छुपाई ?”
“हम डर गए थे भैया हम किसी को पसंद करते है जे बात जानकर आपका रिएक्शन का होगा बस यही सोचकर नहीं बताया”,वेदी ने नजरे झुकाकर कहा
“अरे यार हम तुम्हाये दुशमन थोड़े ना है तुमहू कहती तो हम जे लौंडे से बात करते , पिताजी से बात करते रिश्ता करवा देते तुम्हारा ,, ऐसे इति रात में छुपकर बात करने की का जरूरत ?”,गुड्डू ने कहा
“सॉरी भैया”,वेदी ने कहा
“अब सारी बात तुमहू बताओगी या हम पता लगवाए किसी से ?”,गुड्डू ने थोड़ा सा गुस्सा दिखाते हुए कहा
“हम बता देंगे”,वेदी ने मासूमियत से कहा
“ठीक है फिर एक कप चाय और कुछो नमकीन लेकर हमाये कमरे में पधारो”,गुड्डू ने कहा
“क्या ? जे का बात हुई ?”,वेदी ने अपनी आँखे बड़ी करते हुए पूछा
“ठीक है फिर हम पिताजी से मिलकर आते है”,गुड्डू ने जाते हुए कहा
“अच्छा ठीक है लाते है , आप चलो अपने कमरे में”,वेदी ने कहा
“जल्दी आना”,कहकर गुड्डू चला गया। चलते चलते उसने वेदी के फोन से दीपक का नंबर निकालकर अपने कमरे में पड़े एक अख़बार पर लिख दिया। मामला बहन का था और गुड्डू नहीं चाहता था की कोई भी लड़का उसकी बहन का फायदा उठाये। वह अपने कमरे में आकर बिस्तर पर बैठ गया। जैसे ही लेटने को हुआ उसके हाथ से लगकर गलती से टेबल पर रखा ग्लास गिर गया और उसका पानी फर्श पर फ़ैल गया। गिरा हुआ पानी देखकर गुड्डू को वो रात यद् आ गयी जब ऐसे ही शगुन को गिराने के लिए उसने जान बुझकर पानी डाल दिया था और शगुन उसके ऊपर आ गिरी थी। शगुन की वो काली गहरी आँखे गुड्डू को अभी भी याद थी। शगुन के बारे में सोचते हुए गुड्डू मुस्कुराने लगा , उसके पेट में तितलियाँ सी उड़ने लगी। वेदी चाय नमकीन लेकर आयी देखा गुड्डू अकेले में बैठकर मुस्कुरा रहा हैं तो कमरे में आते हुए कहा,”अकेले में बैठकर काहे मुस्कुरा रहे हो ?”
“अरे वेदी साइड से आना , पानी गिरा हुआ है नीचे”,गुड्डू ने कहा तो वेदी साइड से आयी और गुड्डू के सामने ट्रे रखते हुए कहा,”भैया हमे एक ठो बाताओ जब तक आप कुछो गड़बड़ ना करो आपका खाना नहीं पचता ना ?”
“बहुते ज्यादा बोल रही हो वेदी ?”,गुड्डू ने अपनी एक भंव ऊपर चढ़ाकर कहा
“अरे मजाक कर रहे है”,वेदी ने गुड्डू के सामने बैठते हुए कहा
“हम्म्म ठीक है अब शुरू हो जाओ और सारी कहानी सूना डालो हमे”,गुड्डू ने चाय का कप उठाते हुए कहा। वेदी ने हिम्मत करके गुड्डू को सारी बाते बता दी
गुड्डू ने सूना और कहा,”देखो वेदी जे लड़का है वंदना आंटी का भतीजा , और वंदना आंटी है मोहल्ले की सबसे चर्चित महिला ,, का समझी,,,,,,,,,,,हम जे नहीं कह रहे की लड़का गलत है पर इतनी जल्दबाजी ठीक नहीं लग रही हमे,,,,,,,,,,,,,,,,,,तुमहू थोड़ा वक्त दो हम बात करते है , पर तब तक ना जे आधी रात में फोन वोन नहीं ठीक है”
“आपको का पता वंदना आंटी कैसी है ?”,वेदी ने बच्चो की तरह मासूम सा चेहरा बनाकर पूछा
“बेटा हम है लौंडे और लौंडो को ना सब पता रहता है , तुमहू ना जियादा दिमाग ना लगाओ जाकर सो जाओ”,गुड्डू ने कप वापस ट्रे में रखते हुए कहा
वेदी चुपचाप उठी और अपना फोन लेकर जाने लगी तो गुड्डू ने कहा,”उनहु फोन इधर ही रख दो”
“आप का करोगे ?”,वेदी ने पूछा
“गेम खेलेंगे का है की हमाओ फोन तो चोरी हो गवो तो रात काली करेंगे गेम खेलकर तुमहू जाओ”,गुड्डू ने कहा बेचारी वेदी गुड्डू को सच बताकर फंस चुकी थी। वह चुपचाप जाकर अपने कमरे में सो गयी। गुड्डू ने भी वेदी का फोन स्विच ऑफ किया और सो गया।
बनारस , उत्तर-प्रदेश
शगुन मंडप में काम देख ही रही थी की तभी उसका फोन बजा गुड्डू का नाम देखकर शगुन एकदम से चौंक गयी। उसने फोन उठाया लेकिन दूसरी तरफ से कोई आवाज नहीं आयी और फिर अचानक से फोन कट गया। शगुन कुछ समझ नहीं पाई उसने अपना फोन देखा तो पाया की चार्ज ना होने की वजह से उसका फोन बंद पड़ गया है। शगुन फोन चार्जिंग में लगाकर एक बार फिर अपने काम में लग गयी। दूल्हा दुल्हन और कुछ रिश्तेदार मंडप में आकर बैठ गए और शादी की रस्मे शुरू होने लगी। सुबह से भाग दौड़ में शगुन काफी थक चुकी थी वह मंडप से बाहर निकल कर लॉन में चली आयी वहा एक खाली पड़ी कुर्सी पर आ बैठी। रात का वक्त और उस पर ठंडी हवाएं शगुन को सुकून पहुंचा रही थी। वही पास में ही रोहन और प्रीति बाते करते हुए घूम रहे थे। रोहन की नजर जब शगुन के उदास चेहरे पर पड़ी तो उसने प्रीती से कहा,”यार शगुन दी को ऐसे अपसेट देखकर ना बिल्कुल अच्छा नहीं लगता , वो कितनी अच्छी है सबसे अच्छे से बात करती है , सबकी हेल्प करती है फिर उनके साथ ही ये ट्रेजेडी क्यों ?”
“दी जीजू से बहुत प्यार करती है रोहन , उनके लिए वो कुछ भी सहने को तैयार है। जबसे जीजू की यादास्त गयी है वो दी को पहचान ही नहीं पा रहे जबकि तुम्हे पता है उस दिन बनारस आने से पहले जीजू ने मुझसे बात की थी तब मुझे बताया था की वो भी दी से बहुत प्यार करते है और दी को अपने दिल की बात बताने आ रहे है”,प्रीति ने कहा
“मैं कुछ समझा नहीं”,रोहन ने कहा
“जीजू की शादी उनकी मर्जी से नहीं हुई थी ,वे किसी और को पसंद करते थे लेकिन अपने पापा के लिए दी से शादी कर ली पर दी के साथ रहते हुए उन्हें दी से प्यार हो गया और यही बात बताने वो बनारस आये थे लेकिन उस से पहले ही,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,कहते कहते प्रीति उदास हो गयी
“प्रीति तुम्हे नहीं लगता हमे इन दोनों के लिए कुछ करना चाहिए”,रोहन ने एकदम से कहा
“हम क्या कर सकते है ?”,प्रीति ने कहा
“मतलब ये की हम तुम्हारे जीजू के सामने कुछ ऐसा करे जिस से उन्हें पुरानी बाते याद आ जाये और वो शगुन दी को पहचान ले”,रोहन ने कहा
“ये इतना आसान भी नहीं है रोहन , डॉक्टर ने कहा है की अगर जबरदस्ती हमने उन्हें कुछ भी याद दिलाने की कोशिश की तो हो सकता है उनके दिमाग पर जोर पड़े और वो अपनी सारी यादास्त खो दे”,प्रीति ने कहा
“हम्म्म्म ये तो मुश्किल है , फिर तो मैं महादेव से दुआ करूंगा की इन दोनों को जल्दी मिला दे”,रोहन ने कहा और फिर शगुन के चेहरे की तरफ देखने लगा जिस पर उदासी साफ़ नजर आ रही थी। शगुन को नींद आने लगी थी , नींद के कारण उसकी पलके बार बार बंद हो रही थी और गर्दन लुढ़क रही थी। सामने से आते गोलू की नजर जब शगुन पर पड़ी तो वह उसकी ओर आया पास पड़ी कुर्सी खिसकाई और अपना कन्धा शगुन के कंधे से लगा दिया। नींद में शगुन का सर आकर गोलू के कंधे से आ लगा। शगुन को नींद में थी उसे पता भी नहीं था की उसके पास गोलू बैठा है। प्रीति ने देखा तो दोनों को देखकर मुस्कुराई
“क्या हुआ तुम मुस्कुरा क्यों रही हो ?”,रोहन ने पूछा
“जरा वहा देखो , यार ये गोलू जी भी ना कसम से दिल जीत लेते है कभी कभी”,प्रीति ने ख़ुशी से भरकर कहा
“हां देखा मैंने अपनी भाभी से बहुत प्यार करता है ये”,रोहन ने कहा और प्रीति के साथ गोलू शगुन के पास चला आया। वे दोनों भी वहा पड़ी कुर्सियों पर बैठ गए प्रीति को वो मोमेंट इतना अच्छा लग रहा था की उसने अपने फोन में गोलू और शगुन की वो प्यारी सी तस्वीर ले ली। रात बाहर चारो वही बैठे रहे। शादी बहुत अच्छे से निपट गयी ,,सुबह के 3 बजे शगुन की आँख खुली तो उसने देखा उसका सर गोलू के कंधे पर है और गोलू जाग रहा है। शगुन ने सर उठाते हुए कहा,”माफ़ करना गोलू जी वो मुझे कब नींद आयी पता ही नहीं चला”
“अरे कोई बात नही भाभी , शादी अच्छे से निपट गयी है विदाई हो जाये उसके बाद चलते है घर”,गोलू ने उठकर अंगड़ाई लेते हुए कहा
“प्रीति और रोहन कहा है ?”,शगुन ने पूछा तो गोलू ने कुछ दूर इशारा करते हुए कहा,”उधर इन दोनों का भी अलग ही चल रहा है , पर जोड़ी अच्छी है”
“हम्म्म्म पापा से इनके बारे में बात करेंगे , चलिए चलते है”,कहकर शगुन गोलू के साथ अंदर चली गयी।
विदाई के बाद गोलू ने स्टाफ को सारा काम समझाया और खुद शगुन प्रीति और रोहन के साथ घर चला आया। सुबह सुबह आये थे और चारो ही थकान से चूर। रोहन तो अपने कमरे में सोने चला गया। गुप्ता जी उठ चुके थे उन्हें देखते ही कहा,”हो गया सब अच्छे से ?”
“हां पापा”,शगुन ने कहा
“काफी थक गए हो आप लोग बैठो आज चाय हम पिलाते है”,कहते हुए गुप्ता जी किचन की तरफ चले गए। प्रीति तो वही हॉल में पड़े गद्दे पर सो गयी। गोलू और शगुन की आँखे भारी हो रही थी पर नींद नहीं आयी। गोलू बाथरूम चला गया और शगुन भी मुंह धोने चली गयी। गुप्ता जी चाय ले आये तीनो ने चाय पि और फिर गोलू शगुन सोने चले गए। गुप्ता जी नहा धोकर पूजा पाठ में लग गए।
11 बजे के आसपास शगुन सोकर उठी , देखा गोलू नहीं था अपने पापा से पूछा तो उन्होंने बताया की किसी काम से गेस्ट हॉउस गए है। शगुन नहाने चली गयी। तैयार होकर उसने अपना सामान पैक किया और साथ में गोलू का भी क्योकि आज ही उन्हें वपास कानपूर जो जाना था। जाने से पहले शगुन अपने पापा से प्रीति और रोहन के बारे में बात करना चाहती थी लेकिन रोहन ने मना कर दिया और कहा की वह पहले अपने पापा से बात करेगा और उसके बाद सीधा प्रीति के लिए रिश्ता लेकर आएगा। शगुन का रोहन की ये बात पसंद आयी उसने भी हामी भर दी। रोहन अपने घर जाने के लिए निकल गया , प्रीति से मिलना चाहता था लेकिन नहीं मिल पाया क्योकि वह सो रही थी। रोहन के जाने के कुछ देर बाद ही गोलु आया तब तक प्रीति भी उठ चुकी थी , उसे रोहन से ना मिल पाने का दुःख था लेकिन जब शगुन ने उसे रिश्ते वाली बात बताई तो प्रीति का चेहरा ख़ुशी से खिल उठा।
गुप्ता जी , शगुन , गोलू और प्रीति ने साथ में खाना खाया , अब तक प्रीति की गोलू से भी अच्छी दोस्ती हो चुकी थी। खाना खाने के बाद गोलू ने बैग गाड़ी में रखे और गुप्ता जी जाने की इजाजत ली। गोलू को कुछ तोहफे जबरदस्ती दिए गए क्योकि वह लेना नहीं चाह रहा था। गोलू ने सारे तोहफे गाड़ी में रखे और ड्राइवर सीट पर आ बैठा शगुन प्रीति से गले मिली और फिर अपने पापा के पास आयी तो उसके पापा ने उसका सर चूमते हुए कहा,”इस बार गुड्डू जी के साथ आना बेटा”
“कोशिश करेंगे पापा”,शगुन ने कहा तो जाकर गाड़ी में बैठ गयी। प्रीति की आँखे नम हो गयी वह गुप्ता जी के सीने से आ लगी तो गुप्ता जी ने उसका सर सहलाते हुए कहा,”पगली तुम्हारी बहन बहुत हिम्मत वाली है बेटा ऐसे हालातो में भी उसने खुद को सम्हाल लिया अब महादेव उसकी बिखरी जिंदगी को सम्हाल ले”
क्रमश – मनमर्जियाँ – S28
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संजना किरोड़ीवाल
lagta hai jo photo priti ne li hia golu or shagun ki vo guddu dekh leg aor kuch galat smajh lega …bas aise jo socha hai vo na ho
Bhut hi pyaara part tha
That’s gjb episode
Very nice part
Bohat hi Accha tha yaar guddu ko jaldi yaad ajaye ab intezar nahi hota hai
Lagta hai ye photo se Kuch baval hoga 🤔🤔,,guddu, ko galatfahmi hogi,,
Lovely part 👌👌🔥
Very beautiful
Nice
मैम आज तो सबकुछ बहुत अच्छा हुआ.. बस गुड्डू का फोन नहीं चोरी होना चाहिए था….खैर अब तो शगुन कानपुर आ रहीं हैं…गुड्डू के चेहरे की खुशी तो कईगुनी बढ़ने वालीं हैं…जिसका इंतजार रहेगा😊 khubsurat part👌👌👌👌👌
Awesome very lovely part
in photos definately aage chal kar guddu ke dimag mein galatfehmi padhe karengi..
Hmm guddu or shagun sbki train track pr laa re hh…bs ab khud bhii aa jayee to bhut bdiyaa…or sbse hustle wali train golu or pinki kii😂😂 vo to guddu or shagun ki train track pe aane k bad hi ayegii track pe 🤣🤣🤣🤣
गुड्डू की यारदाशत कब वापस आएगी… या फिर उससे पहले भी कोई बवाल होने वाला है
very very nice part but ek bt to h guddu ki kismat kharab h phone v chori ho gya 🤣🤣🤣🤣
अरे हां बवाल तो होना ही है
Lovely
Beautiful part 😉😜👌😜👌👌 lagta hai jaldi hi sb thik hone wala hai….
Finally next part m dono phir se sath honge😍
lovely 😍