Manmarjiyan Season 3 – 68

Manmarjiyan Season 3 – 68

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

एम्बुलेंस गुप्ता जी को लेकर जा चुकी थी साथ ही उस एम्बुलेंस में थे मंगल फूफा और यादव जी जो कि एक दूसरे के आमने सामने बैठे थे और उनके बीच में स्ट्रेचर पर लेटे थे गुप्ता जी , उनकी आँखे बंद थी और शरीर में कोई हलचल नहीं। गुड्डू के कहने पर हार्ट अटैक का नाटक तो कर ही लिया बेचारे अब चाहकर भी कुछ कर नहीं सकते थे इसलिए चुपचाप लेटे रहे।


दूसरी तरफ गोलू और गुड्डू एक दूसरे के पास खड़े ना जाने किस सोच में डूबे थे तभी गुप्ताइन ने आकर दोनों की पीठ पर मारकर कहा,”अरे हिया खड़े खड़े का कर रहे हो नालायको ? हुआ गोलू के पिताजी ना जाने किस हाल मा होंगे ?”
“वाह वाह वाह का औरत है कुछ देर पहिले खुद ही पिताजी को गरिया रही थी और अब ओह्ह की परवाह हो रही है,,,,,,,,!!”,गोलू ने चिढ़कर कहा


गुप्ताइन ने एक चाँटा गोलू को मारा और कहा,”जाओगे कि नाही ?”
“जा रहे है मारती काहे हो ?”,गोलू ने गुस्से से चिल्लाकर कहा और फिर गुड्डू की तरफ देखकर चिल्लाया,”गुड्डू भैया”
“का है बे ?”,गुड्डू ने भी उखड़े स्वर में कहा क्योकि गुप्ताइन को तो वह कुछ कह नहीं सकता था।
“अस्पताल चलिए न हमाये साथ”,गोलू ने मिमियाते हुए कहा


“नहीं हमहू नहीं जायेंगे , हमे पिताजी को लेने स्टेशन जाना है”,गुड्डू ने कहा
“अरे मिश्रा जी बनारस से आ रहे है , अगर बख्त पर अस्पताल नहीं ना पहुंचे तो पिताजी को बनारस भेजना पड़ जाएगा उह्ह भी मटकी मा , ए गुड्डू भैया ऐ यार हमहू तुम्हाये आगे हाथ जोड़ते है चलो हमाये साथ,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा
गोलू को गिड़गिड़ाते देखकर गुड्डू ने हामी भर दी और जैसे ही गोलू उसके साथ आगे बढ़ा गुड्डू ने रोककर कहा,”ऐसे जाओगे ?”


“तो का शादी वाला सूट पहिने ?”,गोलू ने कहा
“बकवास की ना तो पटक के पेल देंगे यही,,,,,,अपनी हालत देखो”,गुड्डू ने कहा
“गुड्डू भैया हुआ पिताजी को हार्ट अटैक आया है हिया आप हमाये कपडे देख रहे है,,,,,,,अरे चलिए इह से पहिले उह्ह दो असुर पिताजी को सच मा ऊपर पहुंचाय दे ओह्ह्ह से पहिले चलकर रोकिये उन्हें”,गोलू ने अपनी स्कूटी की तरफ जाते हुए कहा

गुड्डू ने देखा गुप्ताइन कुछ ज्यादा ही रो रही है तो वह उनके पास आया और कहा,”अरे चाची ! जियादा परेशान ना हो चाचा ठीक हो जायेंगे हम और गोलू जा रहे है ना अस्पताल,,,,,,,चिन्तियाओ नाही , ए पिंकिया चाची को अंदर लेकर जाओ और पानी वानी पिलाओ जरा इनका”
“जे सब ना उह्ह फुलवारी की वजह से हुआ है , उसी की वजह से घर मा जे सब तमाशा हुआ है गुड्डू , तुमहू जाओ जाकर पता करो उह्ह्ह ठीक तो है ना,,,,,,हमहू आते है रिक्शा से”,गुप्ताइन ने सुबक के कहा


“अरे नाही चाची तुम्हायी जरूरत नाहीं , हमहू जा रहे है न”,गुड्डू ने कहा
“गुड्डू भैया बैठिये”,गोलू ने गुड्डू के बगल में स्कूटी रोक कर कहा और फिर गुप्ताइन की तरफ गर्दन घुमाकर कहा,”अम्मा टेंशन नाही ल्यो कुछो नाही हुआ है पिताजी को,,,,,,,,,!!”
“अरे जल्दी जाओ गोलू”,गुप्ताइन ने कहा तो गोलू स्कूटी लेकर वहा से निकल गया

एम्बुलेंस में एक दूसरे के आमने सामने बैठे यादव जी और मंगल फूफा एक दूसरे को देखे जा रहे थे। एक फुलवारी का घरवाला था और दूसरा अभी ताजा ताजा फुलवारी को पसंद करने लगा था। मंगल फूफा ने यादव को देखा और कहा,”फुलवारी जी के लिए बर्ताव अच्छा नहीं है आपका”
“उह्ह हमायी घरवाली है हमहू जैसा चाहे बर्ताव करे तुमहू कौन होते बे आपत्ति जताने वाले ? छोटे भाई हो ओह्ह के,,,,,,,!!”,यादव ने मंगल को घूरकर कहा


भाई शब्द सुनते ही मंगल फूफा ने अपना हाथ सीने पर रख लिया और मुंह बनाकर कहा,”कित्ती कड़वी जुबान है तुम्हायी , अरे जिस भैंस का दूध मोहल्ले में बेचते हो उसमे से थोड़ा खुद भी पीया करो ताकि जबान मा थोड़ी मिठास आये तुम्हरे”
“तुम्हाये जैसे आदमी के लिए हमहू अपनी मिठास काहे बर्बाद करेंगे बे ? और तुमहू हिया का कर रहे हो तुमहू तो गुप्ता जी को मारने आये रहय तो अब बचा के कौनसा अहसान कर रहे हो ?”,यादव ने मंगल को घूरकर कहा


“तुमहू भी तो गुप्ता जी से झगड़ा करने आये थे फिर तुमहू इनको बचा के कौनसा अहसान कर रहे ?”,मंगल ने जवाब ना देकर उलटा सवाल किया तो यादव जी भड़क गए और अपना हाथ सामने स्ट्रेचर पर लेटे गुप्ता जी की छाती पर मारकर कहा,”हमहू जे के पडोसी है इहलिये आये है हमहू का अहसान करेंगे पर तुम्हरा का रिश्ता है जे के साथ ?”
यादव को भड़का देखकर मंगल को भी गुस्सा आ गया और उसने भी अपना हाथ गुप्ता जी की छाती पर मारकर कहा,”हमहू इनकी घरवाली के फूफा है समझे तो पडोसी से जियादा हमहू करीब है जे के”


दोनों ने अपनी अपनी खुन्नस के चलते ये ध्यान नहीं दिया कि बेचारे गुप्ता जी छाती पर बार बार उनका मुक्का पड़ने से भगवान को प्यारे भी हो सकते थे। गुप्ता जी को करना था नाटक इसलिए मुंह बंद किये पड़े रहे और अंदर ही अंदर गुड्डू के लिए उनका गुस्सा बढ़ता जा रहा था आखिर उसी के कहने पर तो उन्होंने ये नाटक किया था। मंगल और यादव जी के बीच गहमा गहमी बढ़ी तो दोनों ने गुप्ता जी की छाती को समझ लिया टेबल और लगे तड़ातड़ उस पर हाथ मारने


“अरे तुमहू का चौड़ा रहे हो तुम्हायी नाक के नीचे से निकालकर ले जायेंगे फूल को”,मंगल ने यादव को घूरकर कहा
“उह्ह्ह का नकसीर है जो नाक के नीचे से ले जाओगे , अबे शादीशुदा है उह्ह 4 बच्चो की माँ है और हमायी पत्नी है का बकवास कर रहे हो ?”,यादव ने कहा
“हमको कोनो परेशानी नाही हमहू फूल के साथ चारो कलियाँ भी ले जायेंगे पर गमला नाही”,मंगल ने कहा।


“हमाये सामने हमायी पत्नी को ले जाने की बात कर रहे हो साले तुम्हायी इत्ती हिम्मत”,कहते हुए यादव जी ने गुप्ता जी के ऊपर से ही छलांग लगा दी और मंगल पर टूट पड़े। मंगल भी कहा पीछे रहने वाला था उसने भी अपने छोटे छोटे हाथो से यादव को दो चार जमा दिए। गुप्ता जी अपनी जान बचाकर एक कोने में दुबककर बैठ गए। एम्बुलेंस ड्राइवर ने पलटकर देखा तो चिल्लाया,”अरे ए भाई क्या कर रहे हो तुम लोग ?”


“ए ड्राइवर जे दो मर्दो के आपस का मामला है तुमहू अपनी एम्बुलेंस चलाओ वरना साला तुम्हायी एम्बुलेंस मा तुम्हे डालकर अस्पताल पहुंचा देंगे समझे”,यादव ने मंगल का गला दबाते हुए पलटकर ड्राइवर से कहा तो बेचारा ड्राइवर घबरा गया और चुपचाप गाडी चलाने लगा
गुप्ता जी ने देखा दोनों बुरी तरह उलझ चुके है तो उन्होंने यादव को पीछे से पकड़ा और अपनी तरफ खींचकर कहा,”अबे का कर रहे हो तुम लोग ?”


 मंगल फूफा ने खांसते हुए इधर उधर देखा तो उन्हें एक स्टील का बोतल दिखा और उन्होंने उसे यादव के सर मारने के लिए फेंका लेकिन मंगल का निशाना इतना खराब था कि बोतल जाकर लगी गुप्ता जी के सर पर और अगले ही पल उन्हें अपनी आँखों के सामने चिड़िया उड़ती दिखाई दी और वे बेहोश होकर गिर पड़े। मंगल ने देखा तो उन्हें थपथपाया और जब गुप्ता जी ने कोई हलचल नहीं की तो वे दुबककर अपनी सीट पर बैठ गए।  

 यादव ने देखा तो उसने गुप्ता जी को वापस स्ट्रेचर पर लेटा दिया और खुद भी चुपचाप एक कोने में बैठ गए। पुरे रास्ते मंगल और यादव ने एक दूसरे से बात करना तो दूर एक दूसरे की तरफ देखा तक नहीं। एम्बुलेंस अस्पताल पहुंची , गुप्ता जी जो कि बेहोश थे उन्हें इमरजेंसी में ले जाया गया। मंगल फूफा और यादव जी कॉरिडोर में आकर खड़े हो गए। कुछ देर बाद गुड्डू और गोलू भी वहा चले आये। गुड्डू और गोलू को देखकर दोनों घबरा गए कही गोलू को पता ना चल जाए कि उन दोनों की वजह से ही गुप्ता जी इमरजेंसी में है।


यादव जैसे ही गोलू की तरफ बढ़ा मंगल पहले ही गोलू के पास आ धमका और कहा,”तुम्हाये पिताजी ठीक है डॉक्टर ने कहा होश आ जाएगा उनको”
गोलू ने सुना तो गुड्डू की तरफ झुका और कहा,”का मस्त एक्टिंग करते है ना पिताजी भी , साला इतनी असली कि फूफा भी गच्चा खा गए”
“तुम्हायी ओवर एक्टिंग से सब भांडा फूट जाएगा गोलू शांत रहो”,गुड्डू ने भी फुसफुसाते हुए कहा


“बस पिताजी को कुछ हो हुआ अम्मा रो रो के पूरा मोहल्ला सर पर उठा ली है”,गोलू ने नार्मल होकर कहा
“अरे चिंता काहे करते हो हम है ना हमहू अभी घर जाकर उनको हिया ले आते है”,मंगल ने कहा और जैसे ही जाने लगा गुड्डू ने उनके कंधे पर हाथ रखकर उन्हें रोक लिया। गुड्डू के रोकने से मंगल फूफा घबरा गए लेकिन चेहरे पर आने नहीं दिया तभी गुड्डू ने कहा,”आपको वापस आने की जरूरत नाही है हमहू चाचा को लेकर घर ही आ जायेंगे अभी थोड़ी देर मा”


“हाँ जे और भी अच्छा है,,,,,,,,!!”,कहकर मंगल फूफा वहा से खिसक गए  
उनके जाते ही यादव हसने लगा , यादव को हसते देखकर गुड्डू ने कहा,”कोनो तमीज है कि नाही या भैंसिया के गोबर के साथ साथ उह्ह भी फेंक देही ? हिया गोलू के पिताजी को हार्ट अटैक आवा रहा और आप हंस रहे है,,,,,,,,,,!!!”


“जे हम पर नाही गुड्डू भैया अपनी बर्बादी पर हंस रहा है,,,,,,,,,एक दिन मौका देख के तुम्हायी सारी भैंसिया बेच देंगे”,गोलू ने खीजते हुए कहा
“अरे हमहू तुम दोनों पर नाही हंस रहे गुड्डू गोलू हमहू तो तुम्हरे उह्ह मंगल फूफा पर हंस रहे है , ससुरा कैसे तुम दोनों को बेवकूफ बना के भाग गवा”,यादव जी ने अपनी हंसी रोककर कहा
“बेवकूफ बनाकर ? का मतलब है तुम्हरा ?”,गोलू ने गुड्डू को साइड कर यादव के सामने आकर पूछा


“मतलब जे कि हार्ट अटैक से तो गुप्ता जी एम्बुलेंस मा ही बच गए थे अस्पताल तो उह्ह सर पर चोट लगने की वजह से आये है”,यादव ने कहा
“सर पर चोट कैसे लगी ?”,गुड्डू ने हैरानी से पूछा
“कैसे लगी जे ना पूछो , किसने मारी जे पूछो ?”,यादव ने कहा
“ए यादव जी हमाये पास ना तुम्हाये साथ कौन बनेगा रोडपति खेलने का बख्त नाही है , जे बताओ पिताजी को सर पर चोट लगी कैसे ?”,गोलू ने बेचैनी भरे स्वर में कहा


“तुम्हायी अम्मा के फूफा ने खींच के जे स्टील की बोतल दे मारी गुप्ता जी के सर पर और गुप्ता जी ढेर,,,,,,,,!!”,यादव ने कहा
गोलू और गुड्डू ने सुना तो घबराकर एक दूसरे को देखा , गोलू का तो दिल धक् धक् करने लगा कही उसके और गुड्डू के नाटक की वजह से गुप्ता जी को नुकसान ना हो जाये
दोनों को परेशान देखकर यादव जी ने कहा,”अब तुम लोग आ गए हो तो हमहू चलते है , घर जाकर लोगो को इकट्ठा भी तो करना है”


“अबे का अंट शंट बक रहे हो बे , साले अभी पटक के पेल देंगे भाग जाओ हिया से,,,,!!”,गोलू ने यादव की तरफ लपकते हुए कहा लेकिन गुड्डू ने उसे बीच में ही रोक लिया और यादव से जाने का इशारा किया।
यादव के जाने के बाद गोलू ने गंभीरता से कहा,”यार गुड्डू भैया ! कही आपके हार्ट अटैक वाले प्लान की वजह से पिताजी सच मा किसी मुसीबत मा ना पड़ जाये,,,,,,,,हमहू भी साला बकलोल है घर की चार दीवारी मा जो बाते होनी चाहिए ओह्ह का खुले आँगन मा पापड़ के जइसन फैलाय दिए,,,,,,,

अब हाथो मा मेहँदी लगी है और ऊपर से बारिश का मौसम,,,,,,,,,,,,अरे जे मुश्किल बख्त मा हमायी बुद्धि कहा घास खाने चली जाती है ? साला पिताजी को कुछो हो गवा ना तो जिंदगी मा कबो खुद को माफ़ नाही कर पाएंगे”
कहते कहते गोलू रोआँसा हो गया , गुड्डू ने देखा गोलू को अपनी गलती का अहसास है और साथ ही उसे अपनी गलती का अहसास भी हुआ वह गोलू के पास आया और उसे बहलाते हुए कहा,”अरे गोलू ! काहे इतना चिन्तिया रहे हो भाई कुछ नहीं होगा चाचा को , अरे अपने गुप्ता जी इतने भी कमजोर आदमी नहीं है यार,,,,,,,,,आओ हिया बैठो , डाक्टरवा को आन दयो पता करते है”

गुड्डू गोलू को हिम्मत देने लगा कुछ देर बाद गोलू ने सामने दिवार पर लगी घडी में देखा शाम के 5 बज रहे थे उसे मिश्रा जी का ख्याल आया तो उसने गुड्डू से कहा,”गुड्डू भैया , हमहू हिया है आप मिश्रा जी को लेने स्टेशन चले जाईये”
“अरे मिश्रा जी का कोनो छोटे बच्चे है यही कानपूर मा बड़े हुए है खुद से आ जायेंगे घर , हमहू तुमको छोड़कर नाही जा रहे गोलू,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा
“अरे आप नाही गए तो मिश्रा जी,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने मायूसी से कहा


“हमहू नाही गए तो का ? जियादा से जियादा का होगा दुई थप्पड़ दुइ चार गाली मिलेगी यही ना , तो तुम्हाये लिए खा लेंगे गोलू पर तुमको हिया अकेला छोड़कर  
नाही जायेंगे”,गुड्डू ने कहा
गोलू ने सुना तो उसकी आँखों में नमी तैर गयी और उसने कहा,”गुड्डू भैया हमाये लिए आप जे सब”
“का बे ? जब तुमहू हमाये लिए पिताजी से लेकर पुरे खानदान से मार खा सकते हो तो हमहू पिताजी से दुइ थप्पड़ तो खा ही सकते है”,गुड्डू ने कहा


गोलू ने गुड्डू को साइड से गले लगाया और चिपककर कहा,”कसम से गुड्डू भैया अगले जन्म में भी हमहू चाहेंगे हमे दोस्त के रूप में आप ही मिले”
“काहे ? हर बार तुम्हायी लॉटरी पर का हमाओ नाम निकली है ? और जियादा चिपको नाही तुम्हाये पिताजी पहिले ही शक करते है हम दोनों पर,,,,,,,!!”,गुड्डू ने कहा तो गोलू मुस्कुरा उठा।


गुड्डू और गोलू अभी बाते कर ही रहे थे कि तभी डॉक्टर ने आकर कहा,”देखिये घबराने की कोई बात नहीं है , उनको हार्ट अटैक नहीं बस थोड़ा सा गैस का दर्द था , अभी ठीक है इंजेक्शन दिया है थोड़ी देर में होश आ जाएगा। उनके सर पर कोई भारी चीज से चोट लगी है पर भगवान का शुक्र है चोट ज्यादा गहरी नहीं है , होश में आने के 2-3 घंटे बाद आप उन्हें ले जा सकते है।”
“थैंक्यू डॉक्टर”,गुड्डू ने कहा और डॉक्टर वहा से चला गया
गोलू ने ऊपर देखकर हाथ जोड़े और भगवान का शुक्रिया अदा किया

दोनों बाहर बैठकर गुप्ता जी के होश में आने का इंतजार करने लगे तभी शर्मा जी और शर्माईन वहा आ पहुंचे। उन्हें देखकर गुड्डू जितना हैरान हुआ गोलू उतना ही चिढ गया लेकिन कहा कुछ नहीं।

Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68

Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68Manmarjiyan Season 3 – 68

संजना किरोड़ीवाल

Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal
Manmarjiyan - Season 3
Manmarjiyan – Season 3 by Sanjana Kirodiwal

यादव ने देखा तो उसने गुप्ता जी को वापस स्ट्रेचर पर लेटा दिया और खुद भी चुपचाप एक कोने में बैठ गए। पुरे रास्ते मंगल और यादव ने एक दूसरे से बात करना तो दूर एक दूसरे की तरफ देखा तक नहीं। एम्बुलेंस अस्पताल पहुंची , गुप्ता जी जो कि बेहोश थे उन्हें इमरजेंसी में ले जाया गया। मंगल फूफा और यादव जी कॉरिडोर में आकर खड़े हो गए। कुछ देर बाद गुड्डू और गोलू भी वहा चले आये। गुड्डू और गोलू को देखकर दोनों घबरा गए कही गोलू को पता ना चल जाए कि उन दोनों की वजह से ही गुप्ता जी इमरजेंसी में है।

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!