Manmarjiyan Season 3 – 41
Manmarjiyan Season 3 – 41

गोलू ने पहली बार कुछ समझदारी वाला काम किया था जिसे देखकर मिश्राइन के साथ साथ सारे घरवाले हैरान थे। मिश्राइन को हैरान परेशान देखकर गोलू ने कहा,”अरे का हुआ चाची ? ल्यो ना चाबी”
“आज सूरज पश्चिम से निकला था का गोलू ?”,मिश्राइन ने चाबी लेकर हैरानी से कहा
“नाही सूरज तो पूरब से ही निकला रहा,,,,,,,,काहे ? का बात हो गयी ?”,गोलू ने पूछा उसे अभी भी कुछ समझ नहीं आ रहा था।
गोलू की बात सुनकर गुड्डू उसके पास आया और कहा,”बात जे हो गयी गोलू कि तुमसे इह घर मा कोनो जे समझदारी की उम्मीद ना किया था,,,,,भुआ की शक्ल देखने लायक थी वैसे”
गुड्डू के मुंह से भुआ का नाम सुनकर गोलू ने चाबी मिश्राइन की हथेली पर रखी और कहा,”पहिले जाकर भुआ को धरे वरना हमरा बना बनाया प्लान पर भुआ पानी फेर ही है और फूफा झाड़ू”
गुड्डू गोलू को रोकता इस से पहले वह वहा से चला गया। मिश्राइन ने सुना तो चाबी शगुन की तरफ बढाकर गुड्डू से कहा,”जे का कहके गया गोलू ? का झाड़ू पानी पोछा का बक रहा था”
“अरे अम्मा कुछो नाही जाय दयो ओह्ह का,,,,,,,,,,,आप बनारस जाय की तैयारी करो हमहू पिताजी से टिकट का पूछकर आते है”,गुड्डू ने कहा और चला गया
मिश्राइन भी रात के खाने की तैयारी देखने चली गयी। वेदी शगुन के पास आयी और कहा,”आज तो गोलू भैया ने कमाल ही कर दिया ना भाभी , भुआ की तो बोलती ही बंद हो गयी जब गोलू भैया ने उनसे बक्से की चाबी मांगी,,,,,,,,!!”
शगुन वेदी की बात सुनकर बस मुस्कुरा दी , उसके दिमाग में तो कुछ और ही खिचड़ी पक रही थी।
गुड्डू मिश्रा जी की तरफ आया तो देखा फूफा पहले ही उनसे उलझे पड़े थे।
“हमको जे बताओ की हमायी सीट आपकी सीट से अलग काहे है ? आनंद मिश्रा तुमहू तो अभी से भेदभाव करने लगे बनारस जाते जाते तो ना जाने का करे हो हमाये साथ,,,,,,”,फूफा ने मिश्रा जी पर बिगड़ते हुए कहा
मिश्रा जी ने देखा 4 टिकट में से 2 सीट एक डिब्बे में थी और बाकी दो उसी डिब्बे में थोड़ी आगे ,
उन्होंने फूफा की तरफ देखा और कठोरता से कहा,”हमाये और आपके पिताजी रेलवे मा अधिकारी नाही लगे है जो हमायी पसंद से टिकट देंगे,,,,,,,,,,,अरे जोन टिकट मिला है ओह्ह्ह पर बैठ के जाओ का दिक्कत है ?”
“हाँ तो हमहू भी जे ही पूछे रहे है कि हम आपके साथ काहे नाही बैठ सकते ?”,फूफा ने कहा
“का है कि हमको आपकी जे शाहरुख़ खान वाली सूरत देखन मा कोनो दिलचस्पी नाही है,,,,,,,टिकट हमने नाही करवाई है , चलना है तो चलो वरना जे घर रहो , बइठे रहो एक कोना मा”,इस बार मिश्रा जी ने उखड़े स्वर में कहा आखिर फूफा की बदतमीजियां कहा तक बर्दास्त करते बेचारे
उन दोनों की बात सुनकर गुड्डू उनके पास चला आया और कहा,”फूफा ! पिताजी साथ लेकर जा तो रहे है बनारस फिर का दिक्कत आय रही है ? काहे तमाशा कर रहे हो ?”
“वाह वाह गुड्डू , हम तमाशा कर रहे है ,, तमाशा तो बेटा अभी किये नाही है जिह दिन करेंगे ना ये सर के ऊपर से आसमान और पैरों के नीचे से जमीन निकल जानी है तुम्हरी,,,,,,,,,,!!”,फूफा ने गुड्डू को घूरते हुए कहा
“हमहू भी साला ओह्ह्ह ही तमाशे के इंतजार मा है फूफा”,गुड्डू ने फूफा को घूरते हुए कहा
मिश्रा जी ने गुड्डू को फूफा से उलझते देखा तो उसे पीछे किया और फूफा से कहा,” आदर्श बाबू आपको जहा बैठना हो आप वहा बैठना , एडजस्ट हम कर लेंगे”
फूफा ने सुना तो गुड्डू को देखकर बेशर्मी से मुस्कुराये और वहा से चले गए।
मिश्रा जी की बात सुनकर गुड्डू को गुस्सा आया और उसने कहा,”आखिर जे सब कब तक चलेगा पिताजी ? कब तक फूफा आपको यू ही जलील करते रहेंगे और आप खामोश रहेंगे,,,,,,,,,,,,आप नहीं ना रोके होते तो अभी धर देते उनको हम,,,,,,,,,जबसे आये है सबकी नाक मा दम कर रखे है,,,,,,कभी हमसे , कभी शगुन से तो कभी अम्मा से बदतमीजी कर रहे और आपको तो कुछो समझ ही नाही रहे ,, आखिर का हो गवा है आपको ? काहे इत्ता चुप है आप ?”
मिश्रा जी ने गुड्डू की बात का कोई जवाब नहीं दिया और मायूसी से उसका कंधा थपथपा कर वहा से चले गए। गुड्डू के लिए मिश्रा जी की ये प्रतिक्रया फूफा की बदतमीजी से भी ज्यादा तकलीफ देह थी। वह ख़ामोशी से आकर घर की सीढ़ियों पर बैठ गया।
“भुआ , ए भुआ , अरे हमायी बात तो सुनो”,गोलू ने भुआ के पीछे पीछे घूमते हुए कहा
भारी भरकर भुआ एकदम से पलटी तो गोलू के दोनों हाथ उसकी छाती पर चले गए और उसने कहा,”का कसम खा ली हो का कि हमको हार्ट अटैक देकर ही मानोगी,,,,,,!!”
“हार्ट अटैक तो तुमने दिया है हमका गोलू , हमहू तुमको अपने सगे भतीजे से भी बढ़कर समझे और तुम्हु हमका ही डस लिए , आस्तीन के सांप निकले तुमहू तो,,,,,,,,,!!”,भुआ ने गुस्से से कहा
“तो हमने कौनसा फूफा के पिछवाड़े पे काट लिया ? का यार भुआ मतलब साला हमहू इत्ता रिस्क लेके तुम्हायी साइड हुए और तुमहू हमका ही आस्तीन का सांप बोल रही हो”,गोलू ने मुंह बनाकर कहा
“तो और का बोले गोलू ? इत्ती मुश्किल से अम्मा के बक्से की चाबी हमाये हाथ लगी और तुमहू उह हम से छीन लिए,,,,,,,शरम नाही आयी ?”,भुआ ने गोलू को ताना मारते हुए कहा
गोलू भुआ के पास आया और कहा,”हमका एक ठो बात बताओ चाबी कौन लिया ?”
“तुम,,,,,,,,!!”,भुआ ने कहा
“और हमहू किह की साइड है ?”,गोलू ने फिर सवाल किया
“हमायी,,,,,,,,!!”,भुआ ने कहा
“अरे तो जब हमहू तुम्हायी साइड है तो हमायी ली चाबी तुम्हायी साइड अपने आप आ गयी , थोड़ा दिमाग लगाओ भुआ का सारा दिमाग फूफा की चालाकियों मा लगा दी हो,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा
भुआ फिर गोलू की बातो में आ गयी और कहा,”पर तुमहू चाबी मांगे काहे बक्से मा से कुछो लेना था तो ले लेते तुमहू तो पूरा बक्सा ही मांग लिए,,,,,,,,,,!!”
गोलू ने भुआ के बगल में आकर उनके कंधो पर हाथ रखा और कहा,”अरे जे ही तो हमाओ पिलान थो भुआ , अब सबके सामने तुमसे चाबी मांग के हमहू मिश्रा खानदान की नजर मा बन गए उनके वफादार और तुमको बना दिए महान कि देखो कित्ता बड़ा दिल रहा भुआ का , एक झटके मा अम्मा के बक्से की चाबी हमका थमाय दी,,,,,,,सबके चेहरे देखने लायक थे भुआ जब हमहू कहे कि पिंकेश के बाद भुआ जित्ता बड़ा दिल आज तक कानपुर मा किसी का नाही देखा”
भुआ का गोलू की बातो में आना तय था इसलिए उन्होंने गोलू की बात का यकीन करके कहा,”कौन पिंकेश ?”
“अरे पिंकेश हम और कौन ? बड़ा दिल है तबही तो दोस्ती को दाव पर रखकर तुम्हायी साइड ले रहे है,,,,,,,,,!!”,गोलू ने अपनी तारीफ़ खुद करते हुए कहा
“इह बात तो है गोलू , दिल तो बड़ो है तुमहाओ,,,,,,,,,,,,वैसे माफ़ करना गोलू हमने तुमको सांप कहा”,भुआ जी ने दया भरे स्वर में कहा
“नहीं भुआ हमहू है भी थोड़े से किसी को भी काट लेते है,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा
घूमते घामते फूफा वहा आ पहुंचे और गोलू को भुआ के साथ चिपका देखकर उसे भुआ से दुर करके कहा,”हमहू कहे रहे तुमसे राजकुमारी से दूर रहकर बात करो तुमहू,,,,,,,,,,तुमहू हिया का कर रहे हो और राजकुमारी बक्सा खुला के नाही ?”
बेचारा गोलू गिरते गिरते बचा और फूफा की तरफ आकर कहा,”बक्सा खुल भी गवा और हमने ओह्ह का बंद भी करवा दिया”
“काहे तुम्हायी बिटिया के दहेज़ मा देने वाले हो ?”,फूफा ने कहा
“हमको बिटिया हुई ना साला उसको जिंदगी भर कंवरी रख लेंगे पर ओह्ह के लिए आप जैसा जलील वर ना ढूंढे है,,,,,,,,,साला पहिले ही एक बिटिया देकर पछताय रहे है,,,,,,,!!”,गोलू ने भुआ की तरफ इशारा करके कहा
“अरे लेकिन तुम यहाँ कर क्या रहे हो ?”,फूफा ने उखड़े स्वर में कहा
“भुआ का आई ब्रो बनाय रहे है कहो तो आपका भी बनाय दे ? अरे का करेंगे हम हिया ? समझा रहे थे इनको हमाये कहे पर चलेंगी तो बक्सा भी इनका , बक्से का माल भी इनका , मिश्रा जी भी इनके और पूरा मिश्रा खानदान भी इनका,,,,,,,,,,,,,,पर साला हमायी कोई सुने तब ना”,गोलू ने झल्लाकर कहा
भुआ ने देखा तो फूफा को ही फटकारते हुए कहा,”कमाल करते है आप भी जे बेचारा हमायी मदद कर रहा है,,,,,,,,!!”
“जान हथेली पर रखकर,,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने भुआ को बीच में टोका तो भुआ ने गोलू के चार शब्द भी जोड़े और कहा,”हाँ जे बेचारा हमायी मदद कर रहा है जान हथेली पर रखकर और आप इसे ही लताड़ रहे है,,,,,,,,,,!!”
“ठीक है बताओ का कह रहे थे तुम ?”,फूफा ने झुंझलाकर कहा
“हमहू जे कह रहे थे कि एक ठो पांच सौ का नोट मिलेगा ?”,गोलू ने धीमे स्वर में कहा
“अब तुमहू हमायी मदद करने के बदले मा हमसे पइसा भी लोगे ?”,फूफा ने फिर भड़ककर कहा
“फ़ोकट मा नाही ले रहे है , जे आप दोनों की मदद करने के लिए दिन रात जोन दिमाग चला रहे है ना ओह्ह को चलाने के लिए 4 कप चाय दुई ठो समोसा और शाम मा एक ठो,,,,,,,,,!!”,गोलू ने इतना ही कहा कि भुआ बीच में बोल पड़ी,”का तुमहू भी पीना शुरू कर दिए हो का गोलू ?”
गोलू ने भुआ को देखा और भँवे चढ़ाकर कहा,”फूफा के साथ रह रह के तुम्हायी बुद्धि भी जंग खा गयी है भुआ,,,,,,,,,,अरे शाम मा एक ठो पिलेट पावभाजी भी लगता है जे कहने वाले थे,,,,,,,,,!!”
“चार चाय का 10 रूपये के हिसाब से हुआ 40 , दुइ समोसे का हुआ 30 और एक ठो पिलेट पावभाजी का होता है 60 रुपया ,, सारा मिलाकर होता है 130 जे के लिये 500 काहे चाहिए तुमको ?”,फूफा ने हिसाब लगाते हुए कहा
“का पहिले का ठेला पे काम करते थे का ? अरे वापस दे देंगे कल,,,,,,,,,,!!”,गोलू ने चिढ़ते हुए कहा
“अरे देई दयो ना,,,,,,,,!!”,भुआ ने कहा तो फूफा ने मन मारते हुए 500 का नोट गोलू को थमा दिया। गोलू ने नोट जेब में रखा और वहा से निकल गया।
गोलू नीचे आया और जब सीढ़ियों पर गुड्डू को उदास बैठे देखा तो उसके बगल में आकर बैठ गया और कहा,”का हुआ गुड्डू भैया तुम्हायी चाँद सी शक्ल पर 12 काहे बजे है ?”
” 12 इहलिये बजे है गोलू क्योकि हमायी चाँद जैसी शक्ल पर फूफा नाम का ग्रहण जो लगा है ,, साला किसने बनाया होगा जे फूफा समाज को ? जब देखो तब इनको हर काम मा ऊँगली करनी होती है,,,,,,,,,,हमाओ तो दिल कर रहो गोलू बूढ़ा के साथ साथ जे फूफा को भी मटकी मा भेज दे”,गुड्डू ने गुस्से से जलते हुए कहा
“अरे ठण्ड रखो गुड्डू भैया , जे फूफा को हिया धरती पर ही नरक ना दिखाया ना हमाओ नाम बदल देना पिंकेश के जगह कुछो और रख देना”,गोलू ने शेखी बघारते हुए कहा
गोलू के मुंह से पिंकेश सुनकर गुड्डू ने कहा,”एक ठो बात बताये गोलू तुमहू ना अपना नाम बदल ही लेओ जे पिंकेश ना सूट नाही करता तुम पे,,,,,,,,,,कतई औरतन जइसो नाम है”
गोलू ने सुना तो लड़कियों जैसे अदाए दिखाकर गुड्डू से चिपकते हुए कहा,”तबही हमहू सोचे रहे कि आपके साथ रहना हमको इत्ता अच्छा काहे लगता है”
गुड्डू ने गोलू को साइड में धक्का दिया और उठते हुए कहा,”भाग जाओ साले,,,,,,,,,,!!”
गोलू वही सीढ़ियों पर गिरकर हसने लगा और कहा,”अरे गुड्डू भैया आप कहेंगे तो हमहू अपना नाम प्रियंका रख लेंगे”
गोलू बस गुड्डू का ध्यान फूफा पर से हटाने के लिए ये सब कर रहा था।
रात 8 बजे की ट्रेन थी , मिश्रा जी ने रिक्शा बुलवा लिया। मिश्राइन , मिश्रा जी और फूफा तो बनारस जा ही रहे थे लेकिन एक टिकट और थी भुआ ने जाने से मना कर दिया तो आखिर में तय हुआ कि वेदी बनारस जाएगी। वेदी खुश थी बनारस में आखिर अमन जो था , अम्मा की अस्थिया विसर्जन करने के बाद वह अमन से मिलने वाली थी इसलिए वेदी ने ख़ुशी ख़ुशी जाने के लिए हामी भर दी।
मिश्रा जी , मिश्राइन , फूफा और वेदी चारो रिक्शा में आ बैठे गुड्डू अपनी बाइक से उन्हें स्टेशन तक छोड़ने जा रहा था। गोलू भी आकर ड्राइवर के बगल में बैठ गया और सभी स्टेशन जाने के लिए निकल गए।
रात 8 बजे चंदौली की बस आकर कानपूर में चौक वाले स्टेण्ड पर रुकी। लवली ने अपना बैग उठाया और बस से नीचे उतर गया। बैग लेकर उसने इधर उधर देखा और फिर पैदल ही चल पड़ा। चलते चलते लवली को भूख लगी उसकी नजर सामने खड़े ठेले पर पड़ी तो वह उस तरफ बढ़ गया क्योकि इस वक्त यहाँ बस वही एक ठेला था। लवली ठेले के पास आया और लड़के से कहा,”एक ठो पिलेट गोलगप्पे लगाय दयो”
लड़के को आवाज जानी पहचानी लगी उसने लवली की तरफ देखा और मुस्कुरा कर कहा,”अभी लगा देते है भैया , आज बहुत दिनों बाद हिया आये ,, समझ सकते है घर मा इतना सब काम है टाइम नहीं मिलता होगा”
लवली ने कुछ नहीं कहा बस नजर ठेले के बोर्ड पर चली गयी जिस पर लिखा था “बाबू गोलगप्पे वाला”
लड़के ने प्लेट लवली की तरफ बढ़ा दी। लवली ने खाया और जेब से पैसे निकालकर लड़के की तरफ बढ़ाये तो लड़के ने कहा
का गुड्डू भैया ! अब आपसे पैसा लेंगे का ?”
लड़के के मुंह से गुड्डू भैया सुनकर लवली समझ गया कि लड़का उस से पैसे क्यों नहीं ले रहा ? उसने पैसे वापस जेब में रखे और बिना कुछ कहे वहा से चला गया।
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संजना किरोड़ीवाल


इह बात तो है गोलू , दिल तो बड़ो है तुमहाओ,,,,,,,,,,,,वैसे माफ़ करना गोलू हमने तुमको सांप कहा”,भुआ जी ने दया भरे स्वर में कहा
“नहीं भुआ हमहू है भी थोड़े से किसी को भी काट लेते है,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा
घूमते घामते फूफा वहा आ पहुंचे और गोलू को भुआ के साथ चिपका देखकर उसे भुआ से दुर करके कहा,”हमहू कहे रहे तुमसे राजकुमारी से दूर रहकर बात करो तुमहू,,,,,,,,,,तुमहू हिया का कर रहे हो और राजकुमारी बक्सा खुला के नाही ?”
इह बात तो है गोलू , दिल तो बड़ो है तुमहाओ,,,,,,,,,,,,वैसे माफ़ करना गोलू हमने तुमको सांप कहा”,भुआ जी ने दया भरे स्वर में कहा
“नहीं भुआ हमहू है भी थोड़े से किसी को भी काट लेते है,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा
घूमते घामते फूफा वहा आ पहुंचे और गोलू को भुआ के साथ चिपका देखकर उसे भुआ से दुर करके कहा,”हमहू कहे रहे तुमसे राजकुमारी से दूर रहकर बात करो तुमहू,,,,,,,,,,तुमहू हिया का कर रहे हो और राजकुमारी बक्सा खुला के नाही ?”
इह बात तो है गोलू , दिल तो बड़ो है तुमहाओ,,,,,,,,,,,,वैसे माफ़ करना गोलू हमने तुमको सांप कहा”,भुआ जी ने दया भरे स्वर में कहा
“नहीं भुआ हमहू है भी थोड़े से किसी को भी काट लेते है,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा
घूमते घामते फूफा वहा आ पहुंचे और गोलू को भुआ के साथ चिपका देखकर उसे भुआ से दुर करके कहा,”हमहू कहे रहे तुमसे राजकुमारी से दूर रहकर बात करो तुमहू,,,,,,,,,,तुमहू हिया का कर रहे हो और राजकुमारी बक्सा खुला के नाही ?”
इह बात तो है गोलू , दिल तो बड़ो है तुमहाओ,,,,,,,,,,,,वैसे माफ़ करना गोलू हमने तुमको सांप कहा”,भुआ जी ने दया भरे स्वर में कहा
“नहीं भुआ हमहू है भी थोड़े से किसी को भी काट लेते है,,,,,,,,!!”,गोलू ने कहा
घूमते घामते फूफा वहा आ पहुंचे और गोलू को भुआ के साथ चिपका देखकर उसे भुआ से दुर करके कहा,”हमहू कहे रहे तुमसे राजकुमारी से दूर रहकर बात करो तुमहू,,,,,,,,,,तुमहू हिया का कर रहे हो और राजकुमारी बक्सा खुला के नाही ?”
Matlab ki Lovely janta hai ki uski shakal Guddu se milti hai aur isliye babu ne usko free m gol gappe kila diye…isse saaf hai ki Lovely pure Mishra khandan ko bhi janta hai…aur lagta hai ki unse badla lene aaya hai…esa lag raha hai ki sabko Banaras ki train m chodne k baad Guddu aur Golu babu k pass jayenge aur tab babu Guddu ko bolega ki aap to abhi gol gappe kaa kar gaye ho…tab kuch pta chal sake sabko iss Lovely k bare m