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Love You Zindagi – 24

Love You Zindagi – 24

Love You Zindagi - 1 Season 3
Love You जिंदगी – 1 Season 3

शीतल और सार्थक ने जब सुना कि नैना को ब्लड कैंसर है तो उनका दिल धक् से रह गया। नैना अब तक इस से अकेले लड़ रही थी और उन्हें बताया तक नहीं। शीतल अवि के पास आयी और कहा,”ये सब कब हुआ अवि ? नैना ने मुझे बताया क्यों नहीं ?”


“ये सब बहुत पहले से था शीतल शायद हमारी शादी के बाद से ही लेकिन नैना ने मुझे भी कभी इस बारे में नहीं बताया। गोआ से लौटने के बाद जब मैंने उसे बार बार बीमार होते देखा तब उसके कुछ टेस्ट करवाए। टेस्ट में नैना की बीमारी के बारे में पता चला,,,,,,,,,,मैं तुम्हे बताना चाहता था लेकिन समझ नहीं आ रहा था कैसे बताऊ ?”
“और नैना के डेड ? क्या तुमने उन्हें नैना की इस बीमारी के बारे में बताया ?”,सार्थक ने पूछा


सार्थक की बात सुनकर अवि खामोश हो गया तो शीतल ने कहा,”हाँ अवि ! अंकल नैना के बहुत करीब है तुम्हे उन्हें बताना चाहिए,,,,,,,,,,,!!”
“अगर मैंने उन्हें ये सब बताया तो वे सह नहीं पाएंगे शीतल , मैं जानता हूँ वे नैना से बहुत प्यार करते है,,,,,,,,,उन्हें पता चला नैना इन हालातों में है तो वे टूट जायेंगे,,,,,,,,नैना ठीक होकर घर आ जाये उसके बाद मैं खुद उसे लेकर लखनऊ जाऊंगा उनके पास,,,,,,,!!”,अवि ने बुझे स्वर में कहा


“लेकिन वे लोग नैना के पेरेंट्स है अवि , उनका जानना जरुरी है वे आकर नैना से मिलेंगे तो नैना को एक हिम्मत मिलेंगी जो शायद उसे हम लोग नहीं दे पाएंगे,,,,,,,,!!”,शीतल ने कहा
“आई थिंक तुम सही कह रही हो शीतल , मुझे उन्हें बता देना चाहिए,,,,,,,!!”,अवि ने कहा
शीतल ने हामी में सर हिला दिया और फिर अवि सार्थक के साथ वेटिंग एरिया में चली आयी। सौंदर्या बीती रात से हॉस्पिटल में थी और काफी थक चुकी थी इसलिए अवि ने उन्हें चौधरी साहब के साथ घर भेज दिया।

सार्थक ने देखा अवि भी कल रात से सोया नहीं है इसलिए उसे आराम करने को कहा। अवि वही वेटिंग एरिया में रखे सोफे पर बैठे बैठे सो गया। शीतल और निबी वही बैठकर बाते कर रही थी दरअसल निबी उसे बता रही थी कैसे अनुराग ने उसे अपने प्यार के जाल में फंसाया था।

शीतल ने पाया कि निबी बहुत स्ट्रांग लड़की थी अनुराग का धोखा सामने आने के बाद भी वह मजबूत थी और उसे अनुराग के चले जाने का बिल्कुल भी अफ़सोस नहीं था। सार्थक तीनो के लिए चाय ले आया और तीनो बैठकर पीने लगे अवि सो रहा था उसे किसी ने जगाया नहीं।

गवर्मेंट हॉस्पिटल की मोर्चरी में सफ़ेद चद्दर से ढकी लाश के पास खड़े डॉक्टर ने वार्ड बॉय से कहा,”तुमने पुलिस को फोन किया ?”
“हाँ सर मैंने उन्हें फोन कर दिया था वे लोग बस आते ही होंगे,,,,,,,,,,!!”,लड़के ने कहा
“इसे यहाँ लेकर कौन आया ?”,डॉक्टर ने पूछा


“सर ये एक रोड एक्सीडेंट है , आज सुबह ही हुआ है आदमी बहुत नशे में था और जब ये रोड क्रॉस कर रहा था तब ट्रक ने इसे टक्कर मार दी और वही मौके पर इसकी मौत हो गयी। इसकी जेब से एक पर्स मिला है जिसमे इसका ड्राइविंग लायसेंस और कुछ केश मिला है,,,,,,,,,,,,,कपड़ो से तो ये पैसेवाला और अच्छे घर का लग रहा है सर लेकिन अभी तक इसके बारे में पूछने कोई नहीं आया”,लड़के ने एक साँस में सारी कहानी कह सुनाई जो उसे पता थी


“ठीक है जैसे ही पुलिस यहाँ पहुंचे मुझे बताना”,डॉक्टर ने कहा और वहा से चला गया
लड़के ने देखा डेड बॉडी का हाथ सफ़ेद चद्दर से बाहर लटक रहा है तो वह उसके हाथ को वापस सही करने लगा और ऐसा करते हुए उसकी नजर हाथ में पहनी महंगी घडी पर पड़ी। लड़के ने घडी को निकाला और अपने हाथ में पहनते हुए कहा,”तू तो वैसे भी मर गया अब इतनी महंगी घडी पहनकर क्या करेगा ? ये मैं रख लेता हूँ,,,,,,,,,,,!!”
लड़के ने घडी को अपने हाथ में पहना और पुलिस का इंतजार करने लगा।

जयपुर , रुचिका का घर
शीतल से बात करने के बाद रुचिका ने फोन रखा लेकिन नैना का नाम सुनकर उसका मन भारी हो गया और वह मन ही मन खुद से कहने लगी,”मैं इतनी सेल्फिश कैसे हो सकती हूँ ? कल नैना का बर्थडे था और मैंने उसे विश तक नहीं किया। नैना ने हमेशा मेरी हेल्प की , हमेशा मेरा साथ दिया , सुख में दुःख में हर परेशानी में वो मेरे साथ खड़ी रही , आखरी बार सिर्फ मेरे लिए वो चंडीगढ़ से बीकानेर भी आयी थी और मैं एक सेल्फिश इंसान की तरह बस सिर्फ अपनी परेशानियों में उलझी रही।

नैना सही कहती है मैं हूँ झल्ली , जहा टेंशन लेनी चाहिए वहा टेंशन नहीं लेती और जहा नहीं लेनी चाहिए वहा ओवर थिंक करती हूँ,,,,,,,,,,,,,ओह्ह्ह नैना मुझे माफ़ करना पर मैं तुम्हे नहीं बता सकती इस वक्त मैं कितनी परेशान और मुश्किल में हूँ,,,,,,,,,,,मैं जल्दी ही तुमसे मिलने आउंगी,,,,,,!!”
“रूचि ये अकेले में किस से बात कर रही हो बेटा ?”,रुचिका की मम्मी ने कमरे में आते हुए कहा


“अह्ह्ह किसी से भी नहीं , वो बस शीतल का फोन था ,  कल नैना का बर्थडे था तो वो अपने पति सार्थक के साथ चंडीगढ़ में है।”,रुचिका ने कहा
“अरे कल नैना का बर्थडे था , आखरी बार मैं उस से तुम सब की शादी में मिली थी उसके बाद तो उससे मिलना ही नहीं हुआ , कैसी है वो ?”,रुचिका की मम्मी ने चद्दर समेटते हुए कहा


“वो बिल्कुल ठीक है मम्मी , वो अवि के साथ मुझसे मिलने बीकानेर भी आयी थी,,,,,,,,,,,,मोंटी उसका बचपन का दोस्त है लेकिन वो फिर भी हर बार मेरी साइड लेती है। वो बहुत अच्छी है मम्मी,,,,,,,,,,!!”.रुचिका ने कहा
रुचिका की मम्मी आकर रुचिका के पास बैठते हुए कहा,”रूचि तुम नैना से बात क्यों नहीं करती ? दामाद जी उसके अच्छे दोस्त है वो उनसे बात करे और उन्हें समझाए,,,,,,,,,,!!”


“नहीं मम्मी मैं चाहकर भी नैना को अपनी प्रॉब्लम नहीं बता सकती , लास्ट टाइम भी मेरे और मोंटी की वजह से नैना को परेशान होना पड़ा था। मैंने और मोंटी ने उस से वादा भी किया था कि हमारे बीच चीजे सही हो जाएगी , अभी फिर से मैंने नैना को ये सब बताया तो वो परेशान हो जाएगी,,,,,,,,,,हमारी शादी में नैना का हाथ है मम्मी,,,,,,,,,,वो इस शादी को ऐसे टूटते कभी नहीं देख पायेगी,,,,,,,,,,!!”


“तुमने ये कैसे सोच लिया रूचि कि ये शादी टूट जाएगी ? दामाद जी थोड़ा नाराज है इसका मतलब ये नहीं है कि वो इस रिश्ते को ही खत्म कर देंगे,,,,,,,,और तुम दोनों बच्चे हो हम लोग नहीं , तुम दोनों ने अगर ऐसा सोचा भी तो हम लोग ये नहीं होने देंगे,,,,,,,,,,!!”,रुचिका की मम्मी ने विश्वास से भरकर कहा


“मोंटी नाराज भी है और शायद अब मुझसे नफरत भी करने लगा है , उसने कहा कि मेरा अब उस घर से कोई रिश्ता नहीं है।”,रुचिका ने आँखों में आँसू भरकर कहा तो रुचिका की मम्मी ने उसके हाथो को थामा और कहा,”रूचि उनके कहने से क्या होता है ? तुम बिल्कुल चिंता मत करो मैं उनसे बात करुँगी,,,,,,,,,,,,मुझे यकींन है वो मेरी बात कभी नहीं टालेंगे”
“इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी”,रुचिका के पापा ने कमरे में आते हुए कहा


रुचिका और उसकी मम्मी ने उनकी तरफ देखा तो उन्होंने आगे कहा,”कल रात ही मेरी दामाद जी के पापा से बात हुई है , उन्होंने कहा है कि कल सुबह वे लोग दामाद जी और अपनी पत्नी के साथ घर आ रहे है। आने दो उन सबको अब तो सारी बातें आमने सामने बैठकर ही होगी,,,,,,,बेटी दी है कोई सौदा नहीं किया”
“वो लोग आ रहे है ये तो बहुत अच्छी बात है , आमने सामने बात होगी तो रुचिका और दामाद जी के बीच की गलतफहमियां भी दूर हो जाएगी,,,,,,,,,!!”,रुचिका की मम्मी ने खुश होकर कहा


मोंटी अपने मम्मी पापा के साथ घर आ रहा है सुनकर रुचिका को वो दिन याद आ गया जब मोंटी पहली बार उसे देखने उसके घर आया था लेकिन अगले ही पल  चेहरा उदासी से घिर गया ये सोचकर की इन सब के बाद वह मोंटी को फेस कैसे करेगी ?
“आप चलिए मैं आपके लिए नाश्ता लगा देती हूँ,,,,,,,,,,,!!”,रुचिका की मम्मी ने कहा और कमरे से बाहर चली गयी।

लखनऊ , नैना का घर
आज सुबह से ही विपिन जी का मन बेचैनी से घिरा हुआ था , रात में भी उन्हें नींद नहीं आयी और सुबह तक वे बस जाग रहे थे। घर के बरामदे में विपिन जी यहाँ से वहा चक्कर काट रहे थे। आराधना उनके लिए चाय लेकर आयी और कहा,”आपकी चाय !”
“नहीं आराधना मेरा मन नहीं है,,,,,,,,,,,,,!!”,विपिन जी ने बेचैनी भरे स्वर में कहा


आराधना उनके पास आयी और उनका ललाट छूकर देखते हुए कहा,”क्या हुआ ? आपकी तबियत तो ठीक है ना
“कल रात से ही मन बैचैन है , बहुत अजीब लग रहा है आराधना ऐसा लग रहा है जैसे मैं कही चला जाऊ,,,,,,,,,,,,,,आज से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ,,,,,,,,,,!!”,विपिन जी ने चिंतित स्वर में कहा
“शांत हो जाईये , आप पहले आराम से यहाँ बैठिये और ये पानी पीजिये”,आराधना ने विपिन जी को कुर्सी पर बैठाते हुए कहा


विपिन जी ने पानी पीया और गिलास रखकर कहा,”जबसे नैना से बात हुई है तब से ही मन बैचैन है कुछ अच्छा नहीं लग रहा ,, तुम मानो या ना मानो आराधना लेकिन नैना मुझसे कुछ छुपा रही है , कुछ तो हुआ है उसके साथ मैं जानता हूँ वरना वो कभी इतना शांत नहीं होती,,,,,,,,,,,तुम्हे पता है उस शाम मुझसे बात करते हुए कितनी खामोश और उदास थी वो,,,,,,,,,,,,कही अवि ने उसके साथ कुछ,,,,,,,,,,,नहीं नहीं अवि ऐसा कुछ नहीं करेगा उसने मुझसे वादा किया है वो नैना को कभी तकलीफ नहीं देगा”


विपिन जी को यू बदहवास बोलते देखकर आराधना ने उनके हाथ को अपने हाथो में लिया और कहा,”आप इतना मत सोचिये हमारी नैना बिल्कुल ठीक है , कल शाम ही मेरी उस से बात हुई थी तब वो बहुत खुश थी , उसने आपके भेजे हुए तोहफे के बारे में भी बताया मुझे और कहा वो आपसे बात करना चाहती है लेकिन कल शाम आप अपने रिश्तेदारों के साथ बाहर गए थे। आप खामखा परेशान हो रहे है अगर हमारी नैना किसी तकलीफ में होती तो क्या वो नहीं बताती,,,,,,,,,,,!!”


आराधना की बात सुनकर विपिन जी को थोडी राहत महसूस हुई और उन्होंने कहा,”क्या नैना को उसका तोहफा मिला ? उसने उसे पहना ?”
“हाँ मिला और वो बहुत खुश थी उसने उसे पहनकर अपनी तस्वीरें भी भेजी है , मैं आपको दिखाना भूल गयी,,,,,,,,,,,,,!!”,आराधना ने कहा
“अगर नैना खुश है तो फिर मेरा मन इतना बैचैन क्यों है ?”,विपिन जी ने कहा


“क्योकि आपका मन नैना से मिलना चाहता है,,,,,,,,,,!!”,आराधना ने मुस्कुराते हुए चाय का कप विपिन जी की तरफ बढाकर कहा
विपिन जी ने कप लिया और कहा,”हाँ आराधना ! मैं उस से मिलना चाहता हूँ , एक बार उसे अपनी आँखों से हँसते मुस्कुराते देख लू तो मुझे अच्छा लगेगा , मैं सोच रहा हूँ क्यों ना आज दोपहर की ट्रेन से मैं चंडीगढ़ चला जाऊ,,,,,,,,,,,,नैना से मिल भी लूंगा और उस से थोड़ी बाते भी हो जाएगी,,,,,,,,,,!!”


“अब बाप बेटी के प्यार में भला मैं बीच में कैसे आ सकती हूँ लेकिन आप अकेले नहीं जा रहे,,,,!!”,आराधना ने कहा
 “मतलब ?”,विपिन जी ने पूछा
आराधना ने नम आँखों के साथ विपिन जी को देखा और कहा,”नैना सिर्फ आपकी बेटी नहीं है वो मेरी भी बेटी है , मेरा भी उस से मिलने का मन होता है। कितने दिन हो गए उस से मिले हुए वो घर भी नहीं आयी है , उसकी शादी के बाद से तो ऐसा लगता है जैसे वो सच में परायी हो गयी है “


विपिन जी ने सुना तो मुस्कुरा उठे और कहा,”ठीक है मैं दो टिकट बुक करवा देता हूँ,,,,,,,,,,,,लेकिन तुम नैना को बताना मत कि हम आ रहे है , हम उसे सरप्राइज देंगे,,,,,,,,,,!!”
“हाँ , मैं तब तक उसकी पसंद का सामान रख लेती हूँ”,आराधना ने खुश होकर कहा और अंदर चली गयी लेकिन उसे और विपिन जी को नहीं पता था कि वे लोग नैना को सरप्राइज नहीं देंगे बल्कि असली सरप्राइज तो उनका इंतजार कर रहा है।

पुलिस की एक गाड़ी आकर हॉस्पिटल के बाहर रुकी उसमे से कुछ पुलिस वाले नीचे उतरे और अंदर चले आये। इंस्पेकटर ने चद्दर हटाकर डेड बॉडी का चेहरा देखा और वापस ढकते हुए कॉन्टेबल से कहा,”रोड एक्सीडेंट का केस बनाओ और पोस्टमार्टम के बाद बॉडी इसके घरवालों को सौंप दो। मैं डॉक्टर से मिलकर आता हूँ,,,,,,,,,,,!!”
“ठीक है सर,,,,,,,,,,!!”,कॉन्स्टेबल ने कहा और अपना काम करने लगा।


इंस्पेक्टर डॉक्टर से मिला और फिर वहा से चला गया। कॉन्टेबल ने डेड बॉडी के बारे में सारी जानकारी ली और वहा से चला गया। जिसकी एक्सीडेंट में मौत हुई थी वह कोई और नहीं बल्कि “अनुराग मित्तल” था।

अनुराग के बारे में जानकारी निकालने पर पता चला कि आखरी बार उसने किसी निबेदिता चौधरी को फोन किया था। निबी का फोन बंद आने की वजह से पुलिस को शिनाख्त करने के लिए चौधरी साहब के घर आना पड़ा। कॉन्स्टेबल ने आकर बेल बजायी , हॉल में बैठे चौधरी साहब ने देखा घर के नौकर आस पास नहीं है तो वे उठे और आकर दरवाजा खोला। सुबह सुबह अपने घर में पुलिस को देखकर वे उलझन में पड़ गए वे कुछ कहते इस से पहले कॉन्स्टेबल ने कहा,”क्या आप अनुराग मित्तल को जानते है ?”


“जी हां , कहिये”,चौधरी साहब ने कहा
“आज सुबह रोड एक्सीडेंट में उनकी मौत हो गयी है , बॉडी की शिनाख्त करने के लिए आपको मेरे साथ हॉस्पिटल आना होगा,,,,,,,,!!”,कॉन्स्टेबल ने कहा
चौधरी साहब ने जैसे ही अनुराग की मौत के बारे में सुना उनका दिल धक् से रह गया उनकी आँखों के सामने रात में हुई घटना चलने लगी

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संजना किरोड़ीवाल   

Love You Zindagi - 1 Season 3
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A Woman by Sanjana Kirodiwal

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