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Love You जिंदगी – 9

Love You जिंदगी – 9

Love You जिंदगी - 1 Season 3
Love You जिंदगी – 1 Season 3

दिल्ली , रेलवे स्टेशन
“शीतल तुमने इतना सारा खाने का सामान साथ क्यों रखा है ? तुम्हे पता है ना हम पहले नैना से मिलने चंडीगढ़ जायेंगे और उसके बाद मनाली,,,,,,,,,,,,बाहर भी क्या हम लोग घर का बना खाना खाएंगे ? तुम भी ना कमाल करती हो सच में,,,,,,,!!”,शीतल के बगल में बेंच पर बैठे सार्थक ने कहा
“ओहफो सार्थक तुम भी ना , ये सब खाना हमारे लिए नहीं बल्कि नैना और अवि के लिए है , तुम्हे याद है नैना मैं और रुचिका जब यहाँ साथ में रहते थे तब नैना को मेरे हाथ से बना गाजर का अचार बहुत अच्छा लगता था तो मैंने उसके लिए वही बनाया है और अवि के लिए मसाले वाली मिर्च , उसे बहुत पसंद है।

मैंने नैना के लिए चटपटे मसाले वाले नमकपारे भी बनाये है ताकि वो हर शाम अपनी फेवरेट चाय के साथ खा सके और उसे मेरे हाथ के बने सौंठ और गुड़ के लड्डू तो बहुत ज्यादा पसंद है तो मैंने थोड़े वो भी बनाये है और,,,,,,,,,,!!”,शीतल एक साँस में सब कह गयी वह आगे बोलती इस से पहले सार्थक ने उसे रोक दिया और कहा,”अरे बाबा बस बस तुमने तो पूरा किचन ही पैक कर लिया है,,,,,,,,,,,,नैना ये सब देखेगी तो खुश हो जाएगी , वैसे तुमने रुचिका और मोंटी को नैना के बर्थडे सरप्राइज के बारे में बताया या नहीं ? वो दोनों आ रहे है ना ?”


“मैंने कल रात में ही रूचि को फोन किया था लेकिन उसने उठाया नहीं और मैसेज भी नहीं देखा वो शायद कही बिजी होगी,,,,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने कहा
“और मोंटी ? क्या तुमने उसे फोन नहीं किया ?”,सार्थक ने पूछा
“नहीं , वो रात बहुत हो गयी थी इसलिए सोचा सुबह करुँगी,,,,,,,,,,,,!!”,शीतल ने मायूसी से कहा
“और सुबह तुम भूल गयी ,  रुको ! मैं करता हूँ,,,,,,,,,!!”,कहते हुए सार्थक ने अपने फ़ोन में मोंटी का नंबर डॉयल किया और कुछ देर हाँ हूँ करने के बाद फ़ोन काटकर शीतल की तरफ देखा तो शीतल ने कहा,”क्या हुआ ? मोंटी और रुचिका आ रहे है ना ?”


“मोंटी ने कहा वो किसी जरुरी काम से अपने घर चित्रकूट जा रहा है , वो नहीं आ पायेगा,,,,!!”,सार्थक ने कहा
“ओह्ह्ह , और रूचि उसने क्या कहा ? क्या वो भी मोंटी के साथ चित्रकूट जा रही है ?”,शीतल ने सवाल किया
“नहीं मोंटी ने बताया कि रुचिका जयपुर है अपने पापा के घर में,,,,,,,,,,!!”,सार्थक ने कहा
“मैं समझी नहीं , रुचिका अपने पापा के घर है और मोंटी अपने घर चित्रकूट जा रहा है,,,,,,,,!!”,शीतल ने असमझ की स्तिथि में कहा


“शीतल मुझे लगता है उन दोनों के बीच कुछ ठीक नहीं है , मोंटी भी बात करते हुए काफी अपसेट लग रहा था।”,सार्थक ने रुचिका और मोंटी के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए कहा
“उन दोनों के बीच क्या हुआ होगा ये तो उन्हें ही पता है , शायद नैना को कुछ पता हो,,,,,,,,,लास्ट टाइम भी ऐसा कुछ हुआ था तब नैना और अवि दोनों उनसे मिले थे , हो सकता है बात ज्यादा बढ़ गयी हो ,, रुचिका थोड़ी हाइपर एक्टिव है वह लोगो को बहुत जल्दी जज कर लेती है , आई हॉप दोनों के बीच सब ठीक हो,,,,,,,,!!”,शीतल ने चिंतित स्वर में कहा


सार्थक ने अपना हाथ शीतल के हाथ पर रखा और कहा,”अब हर किसी की अंडरस्टेंडिंग हमारे जैसी तो नहीं हो सकती ना शीतल , खैर छोडो नैना से मिलेंगे तब इस बारे में बात करेंगे”,सार्थक ने प्यार से कहा तो शीतल ने अपना सर सार्थक के कंधे पर टिका दिया और सामने खाली पड़ी पटरियों को देखने लगी।

जिस बेंच पर शीतल और सार्थक बैठे थे उसी बेंच के पीछे खम्बे से पीठ लगाए खड़ा लड़का बड़े ध्यान से उन दोनों की बात सुन रहा था लेकिन वह आगे सुन पाता इस से पहले उसका फोन बजा और स्क्रीन पर नंबर देखकर उसके होंठो पर मुस्कान तैर गयी। वह तेजी से वहा से निकल गया और स्टेशन से बाहर जाने लगा। चलते चलते उसने फोन कान से लगाया और कहा,”मिसेज आहूजा ! कैसी है आप ? मैंने सोचा नहीं था आप मुझे इतनी जल्दी फोन करेंगी ? कहिये बन्दा आपकी क्या सेवा कर सकता है ?”


“मुझे तुमसे मिलना है , तुम इस वक्त कहा हो ?”, मिसेज आहूजा की आवाज लड़के के कानों में गुंजी
“10 मिनिट में आपके अपार्टमेंट के सामने वाली गली में बने कैफे में आईये मैं आपको वही मिलता हूँ।”,लड़के ने सधे हुए स्वर में कहा
“ठीक है जल्दी आना”,मिसेज आहूजा ने कहा और फोन काट दिया।
लड़का स्टेशन से बाहर आया और अपनी बाइक पर बैठकर वहा से निकल गया।

जयपुर , रुचिका का घर
सुबह सुबह रुचिका को रोते देखकर कुकू ने पूछा,”क्या हुआ दी आप रो क्यों रही है ?”
रुचिका ने रोते रोते अपनी बहन कुकू को सारी बात बता दी , कुकू ने सुना तो उसे बहुत बुरा लगा आखिर उसके प्यारे जीजाजी उसके पापा के लिए इतना कड़वा कैसे बोल सकते है ? अब तक कुकू रुचिका को समझा रही थी कि वह मोंटी से बात करे और वापस अपने घर चले जाए लेकिन ये सब बाते सुनकर कुकू ने गुस्से से कहा,”मैं सोच भी नहीं सकती दी कि जीजू इतना बदल सकते है , वो पापा के लिए ये सब कैसे बोल सकते है ?

जीजू चाहते है उनकी गलतियों के बारे में उनके घरवालों को पता ना चले और आप उनकी गलतियों पर पर्दा डालकर बस सब चुपचाप सहते रहो ,, पापा ने जीजू के घर पर बताकर बहुत अच्छा किया , अब जब वे अपने घरवालों को जवाब देंगे तब उन्हें समझ आएगा किसी के परिवार को परेशान करना क्या होता है ? आप बिल्कुल परेशान मत होईये और आपको कही जाने की जरूरत नहीं है , जब तक जीजू आकर आपसे माफ़ी नहीं मांगते और आपको पुरे सम्मान के साथ वापस लेकर नहीं जाते , आप भी कही मत जाओ”


“मैं ऐसा नहीं कर सकती कुकू , तुम मोंटी का गुस्सा नहीं जानती हो ,, गुस्से में आकर उसने इतना सब सुना दिया कही गुस्से में आकर उसने मुझे हमेशा के लिए छोड़ दिया तो मेरा क्या होगा ?”,रुचिका ने रोते हुए कहा
कुकू रुचिका की बात का जवाब देती इस से पहले रुचिका के पापा की आवाज उन दोनों के कानों में पड़ी और उन्होंने कहा,”अगर उसने ऐसा सोचा भी तो मैं उसकी जान ले लूंगा , उसके लिए शादी मजाक होगा हमारे लिए नहीं ,, और तुम्हारे पापा मरे नहीं है रूचि वो हमेशा तुम्हारे साथ है। मैंने जो भी किया है दामाद जी को सबक सिखाने के लिए किया है ताकि भविष्य में कभी ऐसी नौबत ना आये”


रुचिका ने अपने पापा को वहा देखा तो उनके सीने से लगकर रोने लगी और कहा,”मुझे माफ़ कर दीजिये पापा मैंने आपको गलत समझा,,,,,,,,,,,,,,आई ऍम रियली सॉरी पापा”
रुचिका को ऐसे रोते देखकर कुकू को अच्छा नहीं लगा वह भी अपने पापा और रुचिका से लिपट गयी और कहा,”सब ठीक हो जाएगा दी , हम सब है ना आपके साथ,,,,,,,,,,,!!”

बीकानेर , रेलवे स्टेशन
ट्रेन के हॉर्न से मोंटी की तंद्रा टूटी और वह अपने ख्यालो से बाहर आया। उसने अपना बैग उठाया और ट्रेन में चढ़ गया। मोंटी का दिमाग इस वक्त बिल्कुल काम नहीं कर रहा था। रुचिका को समझाने के बजाय वह उस से झगड़ा कर चुका था। उसका दिमाग विचारो से उलझा हुआ था। सार्थक का फोन आया तो उस से भी ज्यादा बात ना करके उसने उसे कहा कि वह अपने घर जा रहा है , दरअसल मोंटी किसी को भी अपने हालातो के बारे में बताना नहीं चाहता था और वह नहीं चाहता था लोग उसके साथ हमदर्दी जताये।

हालात जो पहले से ज्यादा बिगड़ चुके थे मौंटी ने उन्हें अब खुद सम्हालना चाहता था। ट्रेन में आकर उसने अपनी सीट देखी और उस पर आकर बैठ गया। मोंटी को खिड़की वाली सीट मिली थी लेकिन आज मोंटी उदास था और उसे ये सब उबाऊ लग रहा था।
उसने अपनी आँखे मुंदी और सर पीछे लगा लिया। ट्रेन अपनी रफ़्तार से चल पड़ी और वक्त मोंटी को कुछ साल पीछे ले गया जब वह अकेला था और अपनी जिंदगी में खुश था।

चंडीगढ़ , अवि का घर
सौंदर्या आज जल्दी उठ गयी और वे किचन में गैस पर कुछ बना रही थी। भोला हाथ बांधे उनके बगल में ही खड़ा था और जैसे जैसे सौंदर्या जी सामान का कहती भोला उनके सामने रख देता। किचन एक अच्छी और बहुत ही प्यारी खुशबु से महक रहा था। आज नैना का बर्थडे था और सौंदर्या जी ने नैना के लिए अपने हाथो से बादाम का हलवा बनाया था। हलवा तैयार कर वे भोला की तरफ पलटी और कहा,”इसे साइड में रख दो भोला और ध्यान रहे ये सिर्फ नैना के लिए बना है,,,,,,,,,,,!!”
“जी मैडम,,,,!!”,भोला ने कहा


सौंदर्या किचन से बाहर चली आयी उन्होंने देखा सामने से चौधरी साहब चले आ रहे है और उनके पीछे घर का नौकर उनका सामान उठाये आ रहा है। चौधरी साहब को देखकर सौंदर्या जी का चेहरा खिल उठा वे उनके पास आयी और कहा,”कैसी रही आपकी ट्रिप ?”
“ट्रिप बहुत अच्छी थी सौंदर्या , हर बार की तरह इस बार भी कॉन्ट्रेक्ट हमारी ही कम्पनी को मिला है,,,,,,,,,,,!”,चौधरी साहब ने सोफे पर बैठते हुए कहा


“मुझे पता था ऐसा ही होगा,,,,,,,,,,,मुझे आपको कुछ बताना है”,सौंदर्या जी ने धड़कते दिल के साथ कहा उनके पास चौधरी साहब को बताने के लिए 2 बाते थी , पहली निबी का बिना किसी को बताये अचानक अनुराग से शादी करना और दुसरा नैना की बीमारी और उसके इलाज के बारे में,,,,,,,,,,,,!!

“सौंदर्या अभी मैं बहुत थका हुआ हूँ सबसे पहले मैं नहाना चाहूंगा उसके बाद साथ बैठकर चाय पीते है , तब मैं इत्मिनान से तुम्हारी बात सुनूंगा”,चौधरी साहब ने उठते हुए कहा
“नैना ने आपको भी चाय पीना सीखा दिया,,,,,,,,,,,,,,ठीक है आप नहा लीजिये मैं भोला से कहकर नाश्ते की तैयारी करवाती हूँ।”,सौंदर्या ने कहा

चौधरी साहब अपने कमरे में चले गए उन्हें नहीं पता था निबी घर आ चुकी है साथ में उनके लिए सरप्राइज लेकर आयी है। चौधरी साहब के जाने के कुछ देर बाद ही अनुराग निबी के कमरे से निकलकर आया। वह हॉल में बैठी सौंदर्या के पास आया और उनके पैर छूकर कहा,”गुड मॉर्निंग मम्मा”
“ग ग गुड़ मॉर्निंग,,,,,,,,!”,सौंदर्या ने कहा हैरानी के भाव उसके चेहरे से साफ झलक रहे थे


“निबी आपको मम्मा बुलाती है तो मैंने सोचा मैं भी,,,,,,,,,,,आपको मेरा मम्मा कहना बुरा तो नहीं लगा न ?”,अनुराग ने बहुत ही प्यार से सौंदर्या के पैरो के पास बैठकर उनका हाथ अपने हाथो में लेकर कहा
“इट्स ओके तुम्हे जो अच्छा लगे तुम बुला सकते हो , मैं भोला से कहकर तुम्हारे लिए चाय बनवा देती हूँ”,सौंदर्या ने कहा और जैसे ही उठने को हुई अनुराग


 ने उन्हें वापस बैठाते हुए कहा,”अरे नहीं नहीं आप क्यों परेशान हो रही है ? आप बैठिये ना मैं खुद ले लेता हूँ ,, आखिर ये घर भी तो मेरा अपना ही है,,,,!”,कहते हुए अनुराग वहा से चला गया

सौंदर्या को अपनी आँखों और अपने कानों पर यकीन नहीं हो रहा था। अनुराग वैसा बिल्कुल नहीं था जैसा नैना ने उसके बारे में बताया था। वे मन ही मन खुद से कहने लगी,”अनुराग को लेकर नैना को जरूर कोई गलतफहमी हुई है , ये लड़का तो कितना संस्कारी है ,, आज के ज़माने में सुबह उठकर ऐसे पैर कौन छूता है ?  नहीं नहीं नहीं मैं अनुराग के बारे में अच्छा नहीं सोच सकती नैना ने कहा था ये बहुत शातिर है , मुझे इतनी जल्दी इसे अच्छा समझने की गलती नहीं करनी चाहिए,,,,,,,,!!”


“गुड मॉर्निंग मम्मा,,,,,,,,,,मैंने सुना डेड आ गए है”,सामने से आती निबेदिता की आवाज से सौंदर्या की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”हाँ वो कुछ देर पहले ही आये है।”
“क्या आपने उन्हें मेरे और अनुराग के बारे में बताया ?”,निबेदिता ने गंभीरता से पूछा
“नहीं उन्होंने कहा वे नाश्ते पर बात करेंगे , मुझे तो घबराहट हो रही है निबी अगर उन्होंने अनुराग को एक्सेप्ट नहीं किया तो,,,,,,,,,,,!!”,सौंदर्या ने कहा  


“डोंट वरी मम्मा ! मुझे पूरा यकीन है डेड ऐनी को एक्सेप्ट कर लेंगे,,,,,,,,,,,,,आखिर वो है ही इतना प्यारा और वफादार,,,,,,,!!”,निबेदिता ने खुश होकर कहा
“निबी कितनी खुश है जब उसे अनुराग की सच्चाई पता चलेगी तो उसका दिल टूट जाएगा , तब कैसे सम्हाल पायेगी ये खुद को ? अह्ह्ह मुझे तो सोचकर ही बुरा लग रहा है , बस नैना जल्द से जल्द इस अनुराग नाम की मुसीबत को इस घर से बाहर निकाल दे”,सौंदर्या ने मन ही मन खुद से कहा और निबी से इधर उधर की बाते करने लगी

अनुराग किचन में आया और गैस की तरफ आकर वहा रखे बर्तनो से ढक्कन हटाकर देखने लगा। अनुराग ने जैसे ही हलवे वाले बर्तन को छुआ भोला ने हॉट पॉट को साइड करते हुए कहा,”इसे मत छूना ये नैना मैडम के लिए है , सौंदर्या मैडम ने स्पेशली उनके लिए बनाया है,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“ऐसा क्या स्पेशल है आज ?”,अनुराग ने हैरानी से पूछा
“अरे आज नैना मैडम का जन्मदिन है इसलिए मैडम ने उनके लिए बादाम का हलवा बनाया है,,,,,,,,,आपको कुछ चाहिए ?”,भोला ने कहा


“ओह्ह्ह्ह तो आज मेरी नैना डार्लिंग का बर्थडे है , मैं ये कैसे भूल सकता हूँ,,,,,,,,,,,,फिर तो आज नैना को सरप्राइज देना बनता है !!”,अनुराग ने मन ही मन खुद से कहा
“आपको कुछ चाहिए ?”,भोला ने अपनी बात फिर से दोहराई तो अनुराग की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”हाँ ! मुझे एक को कॉफी मिलेगी ?”
“आप चलकर बैठिये मैं लेकर आता हूँ”,भोला ने कहा
“कोई बात नहीं तुम बनाओ मैं तब तक किचन देख लेता हूँ , बड़ा प्यारा किचन है,,,,,,,,,!!”,कहते हुए अनुराग किचन में घूमने लगा


भोला गैस की तरफ आया और कॉफी बनाते हुए कहा,”ये सारा सेटअप नैना मैडम ने करवाया है कभी कभी वो अवि बाबा के लिए उनकी पसंद का खाना बनाया करती है”
भोला की बात सुनकर अनुराग का मुंह बन गया। वह रेंक में रखे डिब्बों को देखने लगा तभी उसकी नजर खसखस के सिरप पर पड़ी। अनुराग ने उसे उठाया और प्लेटफॉर्म की तरफ चला आया। भोला का ध्यान कॉफी बनाने में था , तभी निबी ने उसे आवाज दी। भोला ने अनुराग के लिए कॉफी छानी और उसे देकर बाहर चला गया।

अनुराग ने हलवे के बर्तन से ढक्कन हटाया और उसमे 8-10 बून्द खसखस सिरप की डालकर उसे मिलाते हुए कहा,”तुम्हारा पडोसी भले तुम से कितना प्यार करता है ये आज पता चलेगा , देखते है वो तुम्हे कितना जानता है,,,,,,,,,,,,!!”
एक बेशर्म मुस्कान अनुराग के होंठो पर तैर गयी।

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संजना किरोड़ीवाल      

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