Main Teri Heer – 59
Main Teri Heer – 59
मोहसिन ने शक्ति को जिस औरत की फोटो भेजी वह कोई और नहीं बल्कि उर्वशी थी , कुछ देर पहले उर्वशी शक्ति के सामने थी और अब आँखों से ओझल। शक्ति खुद उसे गेस्ट हॉउस से बाहर छोड़कर आया था।
“हाह ! वो हमारे सामने थी और हम उसे पहचान ही नहीं पाये,,,,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने झुंझलाकर कहा
“शक्ति,,,,,,,,!!”,शिवम की आवाज शक्ति के कानों में पड़ी , वह पलटा तो पाया शिवम् खड़ा है। शक्ति शिवम् के पास आया और कहा,”जी पापा !”
“क्या हुआ तुम कुछ परेशान दिख रहे हो ? उर्वशी कहा है ?”,शिवम् ने एकदम से पूछा
“उर्वशी ? क्या आप उन्हें जानते है ?”,शक्ति ने हैरानी से पूछा क्योकि विक्रम और जॉर्डन से जुडी किसी महिला को शिवम् जानता है ये बात बड़ी हैरान करने वाली थी।
“उर्वशी , मुरारी की मेहमान है , मुरारी ने बताया कि उसके पहचान के किसी राजनेता की दूर की रिश्तेदार है। वैसे तुम क्यों पूछ रहे हो ? क्या तुम उसे जानते हो ?”,शिवम् ने एकदम से शक्ति से सवाल किया
“अह्ह्ह नहीं , हम उसे नहीं जानते , उसने सगाई में आकर एकदम से हंगामा किया तो सोच रहे थे कल पुलिस स्टेशन बुला ले उसे पूछताछ के लिये,,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने सच्चाई छुपाते हुए कहा
“नहीं शक्ति , इसकी कोई जरूरत नहीं है ,, खामखा सब परेशान होंगे,,,,,,,,,,,,,,बनारस जाकर हम मुरारी से इस बारे में बात करते है। चलो अंदर आओ”,शक्ति ने कहा
“जी,,,,,,,,!!”,शक्ति ने कहा और शिवम् के पीछे अंदर चला आया।
निशि और वंश को इस कांड की कोई खबर नहीं थी। वंश का कुछ अता पता नहीं था और निशि वो अभी भी वही बेंच के पास खड़ी वंश के बारे में सोच रही थी।
वंश ने आज सामने से चलकर निशि से कह दिया कि वह उसे पसंद करता है। वंश के बारे में सोचते हुए निशि बड़बड़ाने लगी,”कितना अजीब लड़का है , मुझे इतना परेशान करने के बाद भी वह मेरे लिये कॉफी लेकर आया,,,,,,,,,,,,हाउ स्वीट ,, और उसने कहा कि जब मैं उस लड़के के साथ गयी तो उसे बुरा भी लगा ,
लिटिल बिट जेलेसी आई नो,,,,,,,,,,,,,पर उसका ये कहना कि जब वो मेरे साथ होता है तो सुकून में होता है,,,,,,,,,,,,,,,,अह्ह्ह्हह कितना अच्छा लग रहा था उस वक्त ये सब सुनते हुए,,,,,,,,,,पर क्या आखिर में उसने ये कहा कि वो मुझे पसंद करता है ? हाँ ! सीरियसली उसने कहा कि वो मुझे पसंद करता है,,,,,,,,,,,,,,ही लाइक्स मी , ही लाइक्स मी , ही लाइक्स मी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,वहूउउउउ !”
कहते हुए निशि कूदने लगी , क्योकि कही न कही निशि के मन में भी वंश को लेकर भावनाये तो थी ही,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”
“निशि ! क्या हुआ है तुम्हे ?”,सामने खड़े नवीन ने निशि से पूछा
निशि ने ध्यान नहीं दिया सामने उसके पापा खड़े है उसने ख़ुशी से कहा,”ही लाइक्स मी , ही लाइक्स मी”
“व्हाट ? कौन लाइक करता है तुम्हे ?”,नवीन ने हैरानी से पूछा
निशि होश में आयी देखा सामने उसके पापा खड़े है तो उसने कहा,”क्या ? कौन ? आप क्या कह रहे है डेड ?”
“तुमने कहा “ही लाइक्स मी” कौन लाइक करता है तुम्हे ?”,नवीन ने उलझनभरे स्वर में कहा
“ओह्ह्ह डेड मैंने कहा यहाँ बहुत ठण्ड है,,,,,,,,,,,!!”,निशि ने झूठ कहा
“क्या तुमने सच में ऐसा कहा ?”,नवीन अभी भी उलझन में था
“हाँ डेड ! और आप यहाँ क्या कर रहे है ? चलिए अंदर चलिए”,निशि ने कहा और खुद वहा से चली गयी
नवीन अभी भी सोच में था और बड़बड़ाया,”उसने यही कहा था “ही लाइक्स मी” कही वो वंश के बारे में बात तो नहीं कर रही ? नहीं नहीं ऐसा नहीं होना चाहिए , ऐसा हुआ तो मैं सारिका मैडम को क्या मुंह दिखाऊंगा ? मुझे इन दोनों को रोकना होगा”
नवीन वहा से चला गया।
कुछ मेहमान गेस्ट हॉउस में रुक गए और कुछ घरवालों को अधिराज जी ने अपने घर चलने को कहा। नंदिता अधिराज जी की बात टाल नहीं पायी। वे अपने परिवार के साथ गेस्ट हॉउस में ही रुक गयी। उर्वशी के आने की वजह से अनु मुरारी से नाराज थी और इस वजह से मुरारी उदास था। अधिराज जी , अम्बिका , आई-बाबा और अनु एक गाडी से निकल गए। सारिका , नवीन , मेघना और निशि भी अपनी गाड़ी में वहा से निकल गए।
वंश निशि के साथ जाना चाहता था लेकिन नवीन को देखकर बेचारा कुछ बोल ही नहीं पाया। शिवम् , मुरारी , वंश , मुन्ना और काशी दूसरी गाड़ी से जाने वाले थे। शक्ति शिवम् से मिला और घर के लिये निकल गया। राधिका अपने पति , फूफाजी-भुआजी और अंजलि के साथ पहले ही वहा से जा चुके थे। ऋतू प्रिया के साथ गौरी ने काशी को भी अपने साथ वही गेस्ट हॉउस में रोक लिया।
मुन्ना और वंश दोनों गाड़ी के पास खड़े शिवम् और मुरारी का इंतजार कर रहे थे। मुन्ना को खामोश देखकर वंश ने कहा,”तुमने गौरी को बताया कि तुम घर जा रहे हो ?”
“नहीं,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने धीरे से कहा उसके जहन में अभी भी उर्वशी का आना चल रहा था
“तुम्हे नहीं लगता जाने से पहले तुम्हे गौरी से मिलना चाहिए , एटलीस्ट तुम उसे एक गुड नाईट तो बोल ही सकते हो।”,वंश ने कहा
मुन्ना ने वंश की तरफ देखा तो वंश ने कहा,”मुझे ऐसे मत देखो , तुम्हे जाने से पहले गौरी से मिलना चाहिए वैसे भी आज काफी ड्रामे हुए है उसके बाद एक सॉरी बोलना टी बनता है।”
“हमे लगता है आजकल तुम कुछ ज्यादा ही समझदारी वाली बाते करने लगे हो,,,,,,,,,,,,,हम आते है”,मुन्ना ने कहा और वहा से चला गया
“हाँ हाँ आराम से आना , और अच्छे से गुड नाईट बोलकर आना भाभी को,,,,,,,!!”,वंश पीछे से चिल्लाया
मुन्ना पलटा और वंश को चुप रहने का इशारा कर वहा से चला गया।
वंश वही गाड़ी के पास खड़ा निशि के बारे में सोचने लगा। आज साड़ी में निशि कितनी प्यारी लग रही थी सोचकर वंश के होंठो पर मुस्कान तैर गयी। उसकी आँखों में आज एक अलग ही कशिश और चेहरे पर सुकून नजर आ रहा था।
“का नौटंकी में हिस्सा लिये हो का ?”,मुरारी की आवाज वंश के कानो में पड़ी
वंश अपने ख्यालो से बाहर आया तो देखा सामने मुरारी खड़ा है , उस के होंठो से मुस्कान गायब हो गयी और उसने हड़बड़ाते हुए कहा,”अरे चाचा आप ! आप कब आये ?”
“बेटा हमको आये तो सालों हो गए तुम बताओ जे 32 इंच की मुस्कान होंठो पर काहे चिपकाये हो ? और मुन्ना कहा है उसको घर नहीं जाना , या अभी से ससुराल में पैर जमाय लिये है उह,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“वो मुन्ना ! अह्ह्ह्ह मुन्ना को प्यास लगी थी वो पानी पीने गया है,,,,,,,,,,,,!!”,वंश जल्दबाजी में कुछ भी बोल गया।
“हम्म्म ठीक है , जाओ उसे बुलाओ फिर निकलना है।”,मुरारी ने कहा तो वंश वहा से चला गया
अब वंश की जगह मुरारी खड़ा था सारी परेशानियों के बीच उसे मधुबाला की कही बात याद आयी “वो मुरारी जी जैसा सीधा , समझदार और साफ़ दिल होना चाहिए ,, अगर ऐसा कोई आप सबकी नजर में है तो मुझे बताये” ,, वो पल याद आते ही मुरारी के होंठो पर मुस्कान तैर गयी
मुरारी मुस्कुराते हुए मन ही मन खुद से कहने लगा,”प्यार तो आज भी बहुते है उनको बस हमरी किस्मत में ही ना थी,,,,,,,,,!!”
“का मुरारी नौटंकी में हिस्सा लिये हो ?”,बेचारा मुरारी अपने बीते दिनों के रंगीन ख्यालो में खोया हुआ था कि शिवम् की आवाज उसके कानो में पड़ी।
मुरारी अपने ख्यालो से बाहर आया और हड़बड़ाकर कहा,”हाँ भैया ! का का कह रहे थे आप ?”
“हम जे कह रहे कि जे अकेले में खड़े का सोचकर मुस्कुरा रहे हो ,, इतने कांड के बाद तुम सही सलामत खड़े हो वही बहुत बड़ी बात है,,,,,,,,,,,,,,अनु का गुस्सा देखे रहे हम , और हमका जे बताओ जे उर्वशी को मुन्ना की सगाई में इन्वाइट करने की का जरूरत थी ? तुमहू सुधरोगे नहीं मुरारी , मेहमानबाजी निभानी है तो उह बनारस में निभाओ हिया नहीं,,,,,,,,,,,,!!”
मुरारी ने सुना तो कहा,”महादेव की कसम भैया हमहू उनको इन्वाइट नहीं किये है , अरे इन्वाइट तो दूर हम तो इन दिनों उनके संपर्क में भी नहीं थे। साला सब घूमफिरकर हम पर ही क्यों आ जाता है ?”
“क्योकि तुम्हरा अपनी भावनाओ पर काबू नहीं है। जहा देखी नारी वहा मुरारी भारी,,,,,,,,,,,,,,,कितनी बार समझाए है मुरारी की तुमहू अब वो 25 वाले मुरारी नहीं रहे जो रंगबाजी करते थे। अब तुमहू एक लड़के के बाप हो और कुछ दिनों में ससुर भी बन जाओगे,,,,,,,,,,,,,कल को गौरी तुम्हारे घर आयेगी तो उह का सोचेगी तुम्हरे बारे में ?
जवानी में गलतिया सबसे होती है मुरारी पर जे उम्र मा तो खुद को सम्हाल सकते हो ना तुम,,,,,,,,,,,,!!”,शिवम् ने मुरारी को लताड़ते हुए कहा जिसका मुरारी पर कोई असर नहीं हुआ क्योकि मुरारी के हिसाब से उसने तो कोई गलती की ही नहीं थी , उलटा उसने शिवम् की तरफ देखा और कहा,”भैया आपने भी जवानी में कोनो कांड किया है का ?”
शिवम् ने सुना तो उसका गुस्सा और बढ़ गया और उसने मुरारी को घूरते हुए कहा,”हम मुंह तोड़ देंगे तुम्हारा मुरारी जो ऐसी बकवास की , वंश मुन्ना कहा है बुलाओ उनको फिर निकलते है”
“वंश को मुन्ना को लेने भेजा था वह भी गायब हो गया हम देखकर आते है,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी कहते हुए जैसे ही जाने लगा शिवम् ने उसे रोका और कहा,”तुम रुको हम जाते है,,,,,,,,,,,,,!!”
मुरारी वही रुककर सबका इंतजार करने लगा।
गौरी नंदिता के साथ थी , मुन्ना उस से बात करने आया था लेकिन नंदिता और गौरी को बात करते देखकर उसके कदम दरवाजे के बाहर ही रुक गए।
“गौरी समधी जी चाहते है दिवाली के बाद शादी हो जाये , तुम बताओ तुम्हारा क्या ख्याल है ? अगर तुम्हारी हाँ हो तो कल सुबह मानवेन्द्र जी के घरवाले घर आ रहे है वही पंडित जी को बुलाकर कोई शुभ मुहूर्त निकलवा लेते है।”,नंदिता ने कहा
“मॉम , मैं तो कब से रेडी हूँ मॉम , आप मुरारी अंकल को कल घर बुला लीजिये,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने खुश होकर कहा
“गौरी तुम्हारी सगाई हो चुकी है , तुम उन्हें पापा कहकर बुला सकती हो,,,,,,,,,शादी के बाद भी क्या उन्हें अंकल ही कहकर बुलाओगी ?”, नंदिता ने कहा
नंदिता की बात सुनकर गौरी उदास हो गई और कहा,”मॉम आप तो जानती है ना मैं अपने पापा की जगह किसी और को नहीं दे सकती , मेरे पापा से ज्यादा प्यार मुझे कोई नहीं कर सकता,,,,,,,,,,,मान के पापा मेरे पापा कैसे हो सकते है ? वो मुझसे ज्यादा मान से प्यार करते होंगे,,,,,,,,,,,,हमारे पापा जितना प्यार हमे कोई नहीं कर सकता , आज इस सगाई में सब थे लेकिन पापा नहीं और मैं आज उन्हें बहुत मिस कर रही हूँ,,,,,,,,,!!”,कहते हुए गौरी की आँखों में आंसू भर आये
मुन्ना ने सुना तो उसे दुःख हुआ गौरी उसके पापा को अपना नहीं समझती है , मुन्ना गौरी से मिले बिना ही वहा से वापस चला गया। चलते चलते वह सामने से आते वंश से टकरा गया तो वंश ने कहा,”बोल दिया भाभी को गुड़ नाईट ?”
“ह्म्म्मम्म”,मुन्ना ने कहा
“सही है ! मैं भी बोलकर आता हूँ,,,,,,,,,,!!”,वंश कहते हुए जैसे ही आगे बढ़ा मुन्ना ने उसकी बांह पकड़कर उसे रोक लिया और कहा,”वो सो रही है,,,,,,,,,,!!”
“ओह्ह्ह ! फिर तो मुझे उसे डिस्टर्ब नहीं करना चाहिए , आज उसकी सगाई थी वो बहुत ज्यादा थक गयी होगी , मैं उस से कल मिल लूंगा,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा और मुन्ना को साथ लेकर वहा से चला गया
चलते चलते मुन्ना के कानों में बस गौरी के कहे शब्द गूंज रहे थे “मैं अपने पापा की जगह किसी और को नहीं दे सकती , मान के पापा मेरे पापा कैसे हो सकते है ? वो मुझसे ज्यादा मान से प्यार करते होंगे”
मुन्ना की आँखों में उदासी के भाव तैरने लगे और दिल में एक टीस उठी , उसका मन बस इस ख्याल में उलझकर रह गया कि क्या गौरी कभी उसके परिवार को अपना पायेगी ?
आलिशान होटल की टेबल पर आमने सामने बैठे चौहान साहब और विक्रम ख़ामोशी से एक दूसरे को देख रहे थे। वेटर टेबल पर एक शराब की बोतल और कुछ खाने का सामान रखकर चला गया। विक्रम ने बोतल का ढक्कन खोला और दो गिलास में थोड़ी थोड़ी शराब डालकर , एक गिलास चौहान साहब की तरफ बढ़ा दिया और दुसरा गिलास खुद लेकर पीने लगा।
“उर्वशी अब हम सबके गले की फांस बनती जा रही है,,,,,,,,,,,,,,,वो अपना मुंह खोले इस से पहले उसका मुंह बंद कर दो”,चौहान साहब ने कठोरता से कहा
“क्या कोई विश्वास करेगा महिलाओ के हक़ की बात करने वाला ऐसी सोच रखता है।”,विक्रम ने नफरत से चौहान साहब को घूरते हुए कहा
“तुम्हे आखिर उस औरत से इतनी हमदर्दी क्यों है ?”,चौहान साहब ने गुस्से और नफरत के मिले जुले भावो के साथ कहा
“आपको उनसे इतनी नफरत क्यों है ?”,विक्रम ने पूछा
“ये मेरे सवाल का जवाब नहीं है विक्रम,,,,,,,,,,,,,शालू मेरी मुंहबोली बहन है सिर्फ इसलिए मैं तुम से रिक्वेस्ट कर रहा हूँ उर्वशी से दूर रहो,,,,,,,,,,,!!”,चौहान साहब ने कहा
“इस वक्त उर्वशी हमारे लिये बड़ी मुसीबत नहीं है , मुसीबत वो DCP है जिसने कबीर को निशाना बना रखा है।”,विक्रम ने चिंतित स्वर में कहा
“उसकी चिंता तुम मत करो उसे मैं देख लूंगा,,,,,,,,,,,,,,!!”,चौहान साहब ने कहा
“ह्म्म्मम्म,,,,,,,,,,,,,!!”,विक्रम ने कहा और खाली गिलासों में शराब भरने लगा।
DCP शक्ति और उर्वशी को लेकर चौहान साहब के दिमाग मे क्या चल रहा था ये तो वही जानते थे,,,,,,,,,,,,,!!
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संजना किरोड़ीवाल
Iss Urvashi ne sabka dimag kharab kar rakha hai…fir chahe wo Murari ho, Munna ho Shakti ho ya Chauhan-Vikarm…sabko chahiye Urvashi…khar next day Urvashi ko hosh m aane k baad apne kaand ka pta chalega to wo khush hogi ki usne Munna ki sagai m tamasha kiya… lakin yeh Munna udass ho gaya Guri ki baat sunkar, aery bhiii uski feeling ko samjho… wo tumse pyar krti hai…aur ek Murari ko papa bolengi… todha time to do usko…bas ab next day Vansh aur Nishi ek dusre se baat kare, na ki ek dusre se bhage…quki Naveen ji ab Vansh aur Nishi ko alag karenge aur fir inn dono k pyar ki hogi aginipatiksha…all the best Vansh aur Nishi
Next part didi
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