Sanjana Kirodiwal

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Main Teri Heer – 52

Main Teri Heer – 52

Main Teri Heer
Main Teri Heer – Season 4

निशि को साड़ी में देखकर सब हैरान थे। गौरी निशि के पास आयी और कहा,”ओह्ह्ह्ह माय गुडनेस तुम बहुत हॉट लग रही हो निशि , आज तो वंश,,,,,,,,,,,अह्ह्ह मेरा मतलब सब तुम्हे देखकर गिरने वाले है।”
“हाँ निशि इस साड़ी में तुम बहुत ही प्यारी लग रही हो,,,,,,,,!!”,काशी ने कहा
“थैंक्यू,,,,,,!!”,निशि ने झिझकते हुए कहा और उसके बाद तीनो वहा से गेस्ट हॉउस के लिये निकल गयी।

गेस्ट हॉउस आते ही गौरी को सबने घेर लिया आज वह इतनी प्यारी जो लग रही थी वही सगाई में आये लड़को की नजर तो बस निशि पर थी। सब गौरी के साथ फोटो क्लिक करवा रहे थे लेकिन गौरी की नजरे तो बस अपने मान को ढूंढ रही थी। पंडित जी सगाई की तैयारियों में व्यस्त थे और नंदिता मेहमानो के साथ। मुन्ना के घर से बाकि सब लोग आ चुके थे बस वंश , मुन्ना , अनु , सारिका और कुछ मेहमान अभी तक नहीं आये थे।


सगाई की रस्म में अभी वक्त था। गौरी ने अपने फोन से मुन्ना का नंबर डॉयल किया एक दो रिंग जाने के बाद दूसरी तरफ से आवाज आयी,”गौरी लगता है तुम्हे अपनी सगाई की कुछ ज्यादा ही जल्दी है। सब्र नहीं है ना तुम में ?”
“ए वंश मान का फोन तुम्हारे पास क्या कर रहा है ? और मान कहा है ?”,गौरी ने कहा
“तुम्हारा मान तैयार हो रहा है , आज की शाम उसे तुम से सुन्दर जो दिखना है”,वंश ने गौरी को छेड़ते हुए कहा
“वो तो तब दिखोगे ना जब तुम सब यहाँ आओगे,,,,,,,,,,,,,सब मेहमान आ चुके है और मान का इंतजार कर रहे है।”,गौरी ने कहा


“10 मिनिट में सब गेस्ट हॉउस होंगे तब तक तुम उजाला निराला के साथ सेल्फी लो”,वंश ने कहा
“उजाला निराला ? ये कौन है ?”,गौरी ने हैरानी से कहा
“अरे वही तुम्हारी वो दो बेस्ट फ्रेंड ऋतू और प्रिया,,,,,,,,,बाय गॉड बहुत चिपकती है वो”,वंश ने मुंह बनाकर कहा
“डोंट वरी वंश आज शाम तुम्हारे लिये एक सरप्राइज है”,गौरी ने म मुस्कुराते हुए कहा


“मुन्ना के साथ साथ मेरे लिये भी लड़की देख ली क्या तुमने ? सुनो गौरी ! मैं इन सब चक्करो में नहीं पड़ने वाला हूँ अभी मुझे अपनी सीरीज में काम भी करना है। ये लड़कियों वाला टेशन मुन्ना को मुबारक मैं सिंगल ही ठीक हूँ।”,वंश ने इतराते हुए कहा
“अरे तुम आओ तो सही आज तुम्हारे होश ना उड़ा दिये तो मेरा नाम भी गौरी शर्मा नहीं,,,,,,,,,,,,,,जल्दी आना मैं इंतजार कर रही हूँ।”,कहते हुए गौरी ने फोन काट दिया


वंश से बात करके गौरी पलटी ही थी कि नंदिता ने आकर उस से कहा,”गौरी ! ये किट्टो कहा है ? अभी तक नहीं आयी है तुम्हारी उस से बात हुई क्या ?”
नंदिता को परेशान देखकर गौरी ने कहा,”मॉम ! रिलेक्स , मेरी उनसे बात हो चुकी है वो रस्ते में है आती ही होंगी,,,,,,,,,,आप ये बताईये मैं कैसी लग रही हूँ ?”

नंदिता ने गौरी को सर से लेकर पाँव तक देखा और मन ही मन खुद से कहने लगी,”आज गौरी की सगाई है और कुछ महीनो बाद इसकी शादी हो जायेगी और ये हम सबको छोड़कर ससुराल चली जायेगी,,,,,,,,,,,,वक्त इतनी जल्दी गुजरा कि कुछ पता ही नहीं चला और मेरी नन्ही सी गौरी कब इतनी बड़ी हो गयी कि आज सगाई के लहंगे में मेरे सामने खड़ी है। आअह्ह ! कितनी प्यारी लग रही है ये कही इसे मेरी ही नजर ना लग जाये”
नंदिता को खोया हुआ देखकर गौरी ने फिर कहा,”मॉम बताईये ना मैं कैसी लग रही हूँ ?”


नंदिता गौरी के पास आयी और अपनी आँख के किनारे से काजल निकालकर गौरी के कान के पीछे लगाते हुए कहा,”बहुत प्यारी लग रही हो , किसी की नजर ना लगे”
कहते हुए नंदिता की आँखों में नमी उभर आयी गौरी ने देखा तो नंदिता को साइड हग करते हुए कहा,”ओह्ह्ह मॉम आप ऐसे बिल्कुल अच्छी नहीं लगती और मैं कही नहीं जा रही , ट्रस्ट मी मॉम मान बहुत अच्छा लड़का है वो मेरा साथ कभी नहीं छोड़ेगा”


“मुझे उन पर पूरा भरोसा है , वैसे वो है कहा अभी तक नहीं आये ?”,नंदिता ने अपनी आँखों के नम किनारो को साफ करते हुए कहा
“बस आने वाला है,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
“आने वाला है नहीं आने वाले है,,,,,,,,,,,,,आज से मानवेन्द्र जी को आप कहने की आदत डाल लो गौरी,,,,,,,,,,!!”,नंदिता ने कहा


“और अगर मैंने ऐसा नहीं किया तो,,,,,,,,,,?”,गौरी ने अपनी बड़ी बड़ी पलकों को झपकाते हुए कहा
“अपनी सगाई के दिन मार खाते अच्छी लगोगी तुम ?”,नंदिता ने गौरी को घूरते हुए कहा
“मोओओओओओम,,,,,,,,!!”,गौरी कुनमुनाई


“मुझे बहुत काम है मैं चलती हूँ और याद रखना जो मैंने कहा”,कहते हुए नंदिता वहा से चली गयी और गौरी ने अपना होंठ बाहर निकालकर मुंह बना लिया। अगले ही पल उसके कानों में किसी के हंसने की आवाज पड़ी गौरी ने देखा पास ही खड़ा उसका भाई जय हंस रहा है। जय ने शायद गौरी और नंदिता के बीच हुई बात सुन ली थी।

“ए जय के बच्चे ! हंस क्यों रहे हो तुम ? मैं क्या तुम्हे जोकर दिखाई दे रही हूँ ?”,गौरी ने जय को डाटते हुए कहा
जय मुस्कुराते हुए गौरी के पास आया और कहा,”जोकर तो आप बिना मेकअप के लगती हो आज तो आप बहुत सुन्दर लग रही हो,,,,,,,,,,!!”


जय के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर गौरी मुस्कुरा उठी लेकिन अगले ही पल जय ने उसकी ख़ुशी को गुस्से में बदलने के लिये कहा,”लेकिन बेचारे जीजाजी जब तुम्हारा मुंह धुलवा कर देखेंगे तो कही उन्हें दिल का दौरा ही ना पड़ जाये”
जय ने अपनी बात कही और आगे बढ़ गया क्योकि इतना सब कहने के बाद गौरी के सामने रुककर वह किसी तरह की मुसीबत मोल लेना नहीं चाहता था।
गौरी को जय की बात समझ आयी तब तक जय वहा से जा चुका था।

मुन्ना तैयार हो चुका था जिसका पूरा श्रेय जाता है वंश को,,,,,,,,वंश मुन्ना से दूर हटा और अपने गाल को सहलाते हुए मुन्ना को देखकर कहा,”ऑल परफेक्ट ! बस एक चीज की कमी है”
“क्या ?”,मुन्ना ने पूछा
वंश ने इधर उधर देखा और ड्रेसिंग साइड में रखे काजल को उठाकर अपनी ऊँगली पर लगाया और एक छोटा सा काला टिका मुन्ना के गाल पर लगाते हुए कहा,”अब लग रहे हो तुम पुरे राजकुमार,,,,,,,,,,!!!”
“तो फिर चले , राजकुमारी वेट कर रही होगी,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा


“हाँ बिल्कुल तुम्हे देखने के लिये वो मरी जा रही है,,,,,,,,,आज तो गौरी को तुम से फिर से प्यार होने वाला है।”,वंश ने शीशे में देखकर अपने बालों को सही करते हुए कहा
“क्या इन कपड़ो में हम इतने अच्छे लग रहे है ?”,मुन्ना ने पूछा
“अरे बिल्कुल ! ट्रस्ट मी अगर मैं लड़की होता ना तो आज मैं भी तुझे तीन चार बार प्रपोज कर चुका होता”,वंश ने मुन्ना के पास आकर कहा


मुन्ना मुस्कुरा उठा , वंश मुन्ना के साथ कमरे से बाहर जाने लगा तो मुन्ना ने वंश का हाथ पकड़ लिया। वंश पलटा और कहा,”क्या हुआ ? चल ना देर हो जायेगी ?”
“हमे ना बहुत घबराहट हो रही है , हमने कभी सोचा नहीं था हमारी जिंदगी में ये पल इतनी जल्दी आयेगा , हमे किसी लड़की से प्यार होगा”,मुन्ना ने धीमे स्वर में कहा


वंश ने सुना तो वह मुन्ना के सामने आया और उसकी बांहो को थामकर कहने लगा,”मुन्ना ! हर लड़के की जिंदगी में ये पल एक बार जरूर आता है और तुम तो बहुत किस्मत वाले हो कि तुम्हारी सगाई उस लड़की से हो रही है जिसे तुम पसंद करते हो , जिस से प्यार करते हो। ज्यादा मत सोचो जो हो रहा है होने दो,,,,,,,,!!”
“हम्म्म , थैंक्यू,,,,,,,,,,,,,छोटे भाई होकर भी हमे समझने के लिये”,मुन्ना ने वंश के गले लगकर कहा
“ए मुन्ना ! मुझे छोटा मत कहो मैं बस तुमसे 25 मिनिट लेट हूँ,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने चिढ़ते हुए कहा

” अगर तुम दोनों का ये भारत मिलाप हो गया हो गया हो तो चले सगाई आज शाम ही है,,,,,,,,,,!!”,अनु की आवाज मुन्ना और वंश के कानों में पड़ी तो दोनों एक दूसरे से दूर हटे और वंश ने कहा,”भरत मिलाप नहीं अनु मौसी मैं तो गौरी,,,,,,,,,मेरा मतलब गौरी भाभी की सौतन बनने की सोच रहा हूँ”
सारिका ने सुना तो वंश के गाल पर हल्की सी चपत लगाई और कहा,”धत बदमाश ! ऐसा नहीं कहते,,,,,,,,महादेव से प्रार्थना है कि हमारे मुन्ना और गौरी के बीच में कभी कोई तीसरा ना आये”


मुन्ना ने सुना तो मुस्कुराते हुए सारिका को देखने लगा। सारिका ने अपनी आँख के किनारे से काजल निकालकर मुन्ना के कान के नीचे लगाते हुए कहा,”बहुत सुंदर लग रहे हो मुन्ना , तुम्हे किसी की नजर ना लगे”
“थैंक्यू बड़ी माँ !”,मुन्ना ने कहा


“क्या माँ ! सिर्फ मुन्ना सुंदर लग रहा है मैं नहीं ?”,वंश ने मुंह बनाते हुए कहा तो सारिका ने बचा काजल वंश के कान के पीछे लगाया और कहा,”तुम तो हमेशा से सुंदर ही थे वंश , आज सगाई में गौरी की सब बहने और सहेलिया भी होगी , सोच रहे है क्यों ना तुम्हारे लिये भी कोई पसंद कर ले,,,,,,,,,,,अब हमसे ये बहू वाली जिम्मेदारियां नहीं सम्हाली जाती,,,,,,,,,,,,,,!!

सारिका की इस बात का वंश कुछ जवाब देता इस से पहले ही मुन्ना बोल पड़ा,”ढूंढने की कहा जरूरत है बड़ी माँ , निशि,,,,,,,,,!!!!”
मुन्ना इतना ही बोल पाया कि वंश ने उसे साइड कर दिया लेकिन सारिका के कानों में निशि का नाम पड़ चुका था इसलिये उसने कहा,”निशि ?”


“अरे माँ ! निशि,,,,,,,,,,मुन्ना और मैंने डिसाइड किया कि सगाई के बाद हम सब निशिवन चलेगे,,,,,,,,,,,,,,मुन्ना बस उसी के बारे में बताने वाला था , मैं सबको सरप्राइज देना चाहता था और मुन्ना ने उसे,,,,,,,,,,,,,,,वहा गौरी के घरवाले हम सब का इंतजार कर रहे है ,,, अनु मौसी चलो ना देर हो रही है,,,,,,,,,,,,,,और मुरारी चाचा पर नजर भी तो रखनी है,,,,,,,,,,,,कही मुन्ना की सगाई के आड़ में वो अपना गठबंधन किसी से ना जोड़ ले,,,,,,,,,,,!!”
वंश ने सारिका से बात करते हुए अनु की तरफ आते हुए आखिरी शब्द धीरे से कहे और अनु को साथ लेकर वहा से चला गया


वंश को निशि के नाम से छेड़ने में मुन्ना को बड़ा मजा आ रहा था। वंश की ऐसी हालत देखकर मुन्ना मुस्कुरा उठा और फिर सारिका के साथ वहा से चला गया।

गौरी काशी , निशि और अंजलि के साथ गेस्ट हाउस में थी। ऋतू और प्रिया के साथ साथ गौरी के कॉलेज की कुछ सहेलिया भी सगाई में आयी थी सभी आकर गौरी से मिली और उसे मुबारकबाद दी। मेहमान सभी नाश्ता कर रहे थे। गेस्ट हॉउस के हॉल में नाश्ते का बंदोबस्त था जिसमे 7-8 तरह के आइटम शामिल थे। मुरारी घूमते घामते नाश्ते वाली साइड आया देखा एक कोने में प्लेट लिये फूफाजी किसी रिश्तेदार के साथ बैठकर नाश्ता कर रहे है तो उसे तसल्ली मिली क्योकि आज कि सगाई में फूफा के अलावा और कोई कलेशी नहीं था जिस से मुरारी को डरने की जरूरत हो।

मेहमानो के बीच घूमते घामते मुरारी को भूख लगी तो वह भी नाश्ते के स्टॉल की तरफ चला आया। मुरारी ने प्लेट उठायी और उसमें नाश्ता परोसने लगा। जैसे ही नजर गरमा गरम जलेबियो पर पड़ी। मुरारी अपनी प्लेट लिये उस ओर चला आया। मुरारी ने जैसे ही जलेबी उठाने के लिये हाथ बढ़ाया उसका हाथ किसी महिला की नाजुक उंगलियों से जा टकराया। एक जलेबी जिसे दो लोगो ने पकड़ा था।

एक मुरारी ने और दूसरा महिला ने मुरारी ने गर्दन घुमाकर देखा महिला कोई और नहीं बल्कि नंदिता की सहेली छाया ही थी जिस से मुरारी पहले मिल चुका था। छाया ने जब मुरारी को देखा तो जलेबी को छोड़ते हुए कहा,”अरे अरे आप लीजिये ना,,,,,,,,!!”
“नाही नाही लेडीज फर्स्ट,,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने दरियादिली दिखाते हुए कहा
“अरे नहीं नहीं आप मेहमान है आप लीजिये,,,,,,,,,!!”,छाया ने भी प्यार से कहा


“जे लो मेहमान बोलकर कर दिया ना पराया , अरे आप तो हमारी,,,,,,,,हमारा मतलब हमारी समधन जी की सहेली है,,,,,,,,आप पहले लीजिये,,,,,,,,,हमहू तो नमक वाली मिठाई खाकर काम चला लेंगे नई,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
मुरारी की बात सुनकर छाया को याद आया कुछ देर पहले ही उसने मुरारी को गलती से नमक वाली मिठाई खिला दी थी। उसने प्लेट को साइड में रखा और मुरारी के हाथ को अपने हाथो में थामते हुए कहा,”आई ऍम सो सॉरी , सच में मुझे नहीं पता था उसमे नमक है , अगर पता होता तो क्या मैं आपको वो मिठाई खिलाती ?

वो गौरी की बहनो ने बस दामाद जी के साथ शरारत करने के लिये मिठाई में बदल दी थी और मैंने गलती से आपको खिला दी,,,,,,,,,,,आई ऍम सो सॉरी,,,,,,,,,!!”
छाया के हाथो की छुअन से मुरारी को झुरझुरी सी होने लगी , उसने पिघलते हुए कहा,”अरे नहीं नहीं आप काहे माफ़ी मांग रही है ? अनजाने में आपसे गलती हो गयी आपने कौनसा जान बुझकर ऐसा किया है”
“आप कितने अच्छे है,,,,,,,,,,मेरा नाम छाया है,,,,,,,,,,और आपका ?”,छाया ने कहा


“हमारा नाम मुरारी है , मुरारी मिश्रा,,,,,,,,चाचा विधायक है हमारे,,,,,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने छाया का हाथ थामे प्यार से कहा और वह आगे कुछ कहता इस से पहले ही एक जानी पहचानी आवाज उसके कानो में पड़ी,”विधायक है नहीं विधायक थे,,,,,,,,,,,!!”
मुरारी ने जैसे ही सुना उसकी सांसे हलक में ही अटक गयी। ये आवाज किसी और की नहीं बल्कि मुरारी की प्यारी पत्नी अनु की थी।

छाया ने देखा मुरारी खामोश है उसने अनु पर ध्यान नहीं दिया और प्लेट में रखी जलेबी उठाकर मुरारी को खिलाते हुए कहा,”चलिए मैंने जो नमक वाली मिठाई  खिलाई उसके बदले मेरे हाथ से ये मीठा खाइये और गीले शिकवे भूल जाईये”
एक तो मुरारी के आखरी शब्दों ने पहले ही आग लगा दी थी उस पर छाया ने उसे अपने हाथ से खिलाकर आग में घी डालने का काम और कर दिया।


जलेबी खिलाकर माया तो वहा से चली गयी लेकिन मुरारी की गर्दन पर नंगी तलवार लटका कर चली गयी जिसका हत्था अनु के हाथ में था।
“मुरारी ! ज़रा साइड में आओगे ?”,अनु ने अपने दोनों हाथो को बांधकर मुरारी को घूरते हुए पूछा  
“क क काहे ?”,मुरारी ने पलटकर घबराये हुए स्वर में कहा


अनु मुस्कुराई और कहा,”सोच रही हूँ कुछो मीठा मैं भी खिला दू तुम्हे,,,,,,,,,,,!!”
अनु के एक एक शब्द में मुरारी को अपनी मौत नजर आ रही थी , उसने अनु को पीछे देखने का इशारा किया और पलक झपकते वहा से गायब हो गया।

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