Sanjana Kirodiwal

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मनमर्जियाँ – S66

Manmarjiyan – S66

Manmarjiyan
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गुड्डू को अकेले बरेली भेजने का प्लान सक्सेज हो चुका था। गोलू बीमार है सोचकर गुड्डू अकेले ही अपने स्टाफ के साथ बरेली के लिए निकल गया। शगुन को जब पता चला गुड्डू जा चुका है तो वह उदास हो गयी। गुड्डू बिना मिले ही उस से चले गया पिछले कुछ दिनों से गुड्डू काम में इतना बिजी था की शगुन और उसके बीच ज्यादा बाते ही नहीं हो पायी। वही शगुन खुश भी थी की अब बिना किसी परेशानी के गोलू और पिंकी की सगाई हो जाएगी। उसी शाम गोलू अपनी अम्मा और अपने पिताजी के साथ पिंकी के घर के लिए निकल गए। दोनों परिवारों के बीच थे मिश्रा जी इसलिए वे भी शोरूम से डायरेक्ट शर्मा जी के घर चले आये गोलू बहुत खुश था लेकिन कही ना कही उसे गुड्डू की कमी भी खटक रही थी। आज से पहले गोलू ने गुड्डू से इतना झूठ नहीं बोला था। तीनो शर्मा जी के घर पहुंचे जहा मिश्रा जी पहले से मौजूद थे। शर्मा जी ने जब गुप्ता जी को देखा तो उनकी भँवे तन गयी लेकिन मिश्रा ने उन्हें शांत रहने का इशारा किया। शर्मा जी ने गुप्ता जी और उनकी पत्नी को बैठने को कहा और पिंकी को आवाज लगाई। कुछ देर बाद सलवार सूट पहने पिंकी बाहर आयी गोलू और उसके घरवालों को वहा देखकर उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने आकर अपने पापा से कहा,”जी पापाजी”
“बैठो”,शर्मा जी ने कहा तो पिंकी पास ही पड़ी खाली कुर्सी पर आ बैठी। पिंकी की मम्मी सबके लिए चाय नाश्ता ले आयी , उन्होंने सबको नमस्ते कहा गुप्ता जी ने उन्हें देखा और फिर चाय लेकर पीने लगे। शर्मा जी ने मिश्रा जी और बाकि सबसे भी चाय लेने का इशारा किया। चाय पीने के बाद मिश्रा जी ने कहना शुरू किया,”देखो बिटिया आप और गोलू दोनों एक दुसरे को अच्छे से जानते हो। गुप्ता जी अपने बेटे गोलू का रिश्ता आपके लिए लेकर आये है तो सबसे पहले आपकी ही स्वीकृति जरुरी है ,, अगर आपको गोलू पसंद हो और रिश्ते से कोई ऐतराज ना हो तो हम लोग ये बात आगे बढ़ाये”
“हम तो कबसे तैयार है”,पिंकी ने खुश होकर कहा तो शर्मा जी उसे घूरने लगे
“ठीक है बिटिया आप अंदर जाओ”,मिश्रा जी ने कहा तो पिंकी उठकर किचन में अपनी मम्मी के पास चली आयी और ख़ुशी के मारे उनके गले आ लगी
मिश्रा जी ने शर्मा जी और गुप्ता जी से बाते की और उन दोनों के बीच की गलतफहमियों को दूर किया लेकिन शर्मा जी तो माफ़ी पर अड़े रहे। आखिर में गुप्ता जी उठे और कहा,”शर्मा जी बीती पुरानी बातो पर मिटटी डालिये और बच्चो की ख़ुशी के लिए मान जाईये। गोलू हमारा इकलौता बेटा है और पिंकी आपकी इकलौती बेटी इन दोनों के अलावा हमाये आपके जीवन में है ही क्या ? रही बात माफ़ी की तो भाभीजी को बुलाइये हम अभी मांग लेते है”
“ज़रा बाहर आना”,शर्मा जी ने अपनी पत्नी को आवाज दी। वे आकर उनकी कुर्सी के पीछे खड़ी हो गयी तो गुप्ता जी कहने लगी,”भाभीजी उस दिन हमने आपसे जो कहा उसके लिए हम माफ़ी चाहते है , हमाये मन में आपके लिए कुछो गलत भावना नहीं है ,, अरे हमहू खुश हमायी पत्नी को गलत नजर से नहीं देखते ,,, उस दिन हमाये मुंह से निकले शब्दों के लिए हमहू माफ़ी चाहते है ,,,,,,,,,,, अब आप ही शर्मा जी को समझा सकती है और सब भूलकर इस रिश्ते को स्वीकार कीजिये”
“शर्मा जी अब आपको भी गुस्सा थूक देना चाहिए ,, बच्चो की ख़ुशी इसी में है”,मिश्रा जी ने शर्मा जी के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा
“ठीक है हमे ये रिश्ता मंजूर है लेकिन शादी हम इसी साल करेंगे”,शर्मा जी ने कहा
“अरे जब आप कहे हमे तो बस घर में बहु चाहिए”,गुप्ताइन ने खुश होकर कहा इसके बाद आकर अपनी समधन को मिठाई खिलाई और गले आ लगी। मिश्रा जी ने शर्मा जी और गुप्ता जी को एक दूसरे का मुंह मीठा कराने को कहा। बेमन से ही सही दोनों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई और गले भी लगे। गोलू ने राहत की साँस ली आखिर उसकी जिंदगी की एक सबसे बड़ी समस्या तो दूर हुई और उसके साथ साथ बाकी छोटी मोटी परेशानिया भी खत्म हो गयी। मिश्रा जी ने गोलू की तरफ देखा तो गोलू ने आँखों ही आँखों में मिश्रा जी का शुक्रिया अदा किया। जवाब में मिश्रा जी ने पलके झपका दी। पिंकी और गोलू साथ साथ सोफे पर आ बैठे गुप्ता जी पूरी तैयारियों के साथ आये थे। वे सगाई की अंगूठीया साथ ही लेकर आये थे। गुप्ताइन ने दोनों का तिलक किया और फिर दोनों को अंगूठी देकर एक दूसरे को पहनाने को कहा। दोनों ने एक दूसरे को अंगूठी पहनाई सही मायनों में आज पिंकी और गोलू के रिश्ते को एक नयी पहचान मिल चुकी थी। गुप्ता जी तो सगाई भी धूमधाम से करना चाहते थे लेकिन मिश्रा जी नहीं चाहते थे की गोलू और पिंकी की सगाई की खबर बाहर जाये और गुड्डू तक पहुंचे इसलिए चार लोगो की मौजूदगी में सगाई करवा दी।
सगाई हो चुकी थी और दोनों परिवारों की गलतफहमिया भी दूर दो चुकी थी इसलिए शर्मा जी ने सबको खाना खाकर जाने को कहा। शर्मा जी , मिश्रा जी और गुप्ता जी कमरे में बैठकर अपने पुराने दिनों को याद करने लगे। गोलू की अम्मा रसोई में अपनी समधन का हाथ बटाने लगी। पिंकी ने देखा सब बातो में लगे है तो उसने गोलू का हाथ पकड़ा और उसे छत पर ले आयी और कहा,”तुमने तो कमाल कर दिया गोलू , इतनी आसानी से तुमने इन सबको कैसे मना लिया ?”
“सच्चे दिल से चाहो तो सब होता है पिंकीया”,गोलू ने मुस्कुराते हुए कहा
“थैंक्यू सो मच जो कुछ अब तक हुआ है उसके बाद लगा था जैसे तुम भी पीछे हट जाओगे”,पिंकी ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा
“ऐसे कैसे पीछे हट जायेंगे प्यार किया है तुमसे , जिंदगीभर निभाएंगे भी बाकि जे सब हमने नहीं किया है इसमें मिश्रा जी और शगुन भाभी का बहुत बड़ा साथ है। ये दोनों अगर हमारी मदद नहीं करते तो शायद हम यहाँ तक पहुँच ही नहीं पाते”,गोलू ने पिंकी की कमर में हाथ डाल उसे अपने करीब करते हुए कहा
“थैंक्यू तो तुम्हे भी बनता है गोलू”,पिंकी ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा तो गोलू का दिल धड़क उठा
“तो कहो”,गोलू ने भी उसकी आँखों में देखते हुए बड़े प्यार से कहा
पिंकी ने गोलू के गाल पर किस किया और कहा,”थैंक्यू”
“जे सही है , फिर तो एक और बार थैंक्यू सुनना है हमे”,गोलू ने उतने ही प्यार से कहा और दूसरा गाल भी पिंकी के आगे कर दिया। पिंकी ने उसके दूसरे गाल पर भी किस किया और कहा,”थैंक्यू”
“हाये जे थैंक्यू तो हम जिंदगीभर सुन सकते है”,गोलू ने कहा तो पिंकी ने उसे पीछे धकियाते हुए कहा,”अच्छा” कहकर पिंकी जाने लगी तो गोलू ने उसका हाथ पकड़ कर उसे रोक लिया और अपने करीब करके कहा,”हमायी जिंदगी में हमने बहुत कांड किये है लेकिन उन सब कांडो में तुमहू सबसे फेवरेट हो”
“अच्छा हम कांड है ?”,पिंकी ने गोलू को घूरते हुए कहा तो गोलू हसने लगा।
“तुम यही रुको हम तुम्हारे लिए चाय लेकर आते है”,कहकर पिंकी वहा से चली गयी
हल्का अँधेरा हो चुका था गोलू वही छत पर घूमता हुआ आस पास देखने लगा। उसके मन का सारा बोझ सारा टेंशन खत्म हो चुका था और इस वक्त काफी खाली खाली महसूस कर रहा था। कुछ देर बाद पिंकी गोलू के लिए चाय ले आयी और उसे देकर कहा,”अच्छा गोलू गुड्डू को इस बारे में बताया तुमने ?”
गुड्डू ना नाम सुनते ही गोलू के चेहरे से ख़ुशी एकदम से गायब हो गयी और उसने सीरियस होकर कहा,”नहीं लेकिन जब उनको पता चलेगा तो बहुते बुरा लगने वाला है उनको। उनके दोस्त होकर हमने उनसे इतनी बड़ी बात छुपाई बुरा तो लगेगा ना उनको”
“गोलू गुड्डू बहुत अच्छा है देखना वो तुम्हारी बात जरूर समझेगा ,, गुड्डू का दिल बहुत साफ है वो ज्यादा देर तक किसी से नाराज रह ही नहीं सकता और तुमसे तो वो बहुत प्यार करता है”,पिंकी ने गोलू से कहा तो उसे थोड़ी तसल्ली मिली। चाय पीने के बाद दोनों वही खड़े होकर बातें करने लगे। खाना तैयार हुआ तो दोनों नीचे चले आये सबने साथ मिलकर खाना खाया। मिश्रा जी ने सिर्फ शर्बत पीया क्योकि खाना हमेशा वे मिश्राइन के साथ ही खाते थे। खाने के बाद विदा लेकर गोलू अपने माँ-पिताजी के साथ वहा से निकल गया और मिश्रा जी अपने घर की तरफ।
रास्तेभर मिश्रा जी गुड्डू के बारे में सोचते जा रहे थे। जब गुड्डू ने पिंकी से शादी करनी चाही थी तो उन्होंने नहीं करने दी लेकिन आज गोलू का रिश्ता उन्होंने खुद ही पिंकी से करवा दिया। स्कूटी चलाते हुए मिश्रा जी बड़बड़ाने लगे,”पिंकी तुम्हारा पहला प्रेम रही गुड्डू और केशव पंडित जी के अनुसार पिंकिया के साथ तुम्हारा कोई भविष्य नहीं था , तुम्हाये पहले प्रेम को अधूरा रहना ही था लेकिन हम तुम्हायी जिंदगी में शगुन को लेकर आये क्योकि हम जानते थे की उह बच्ची तुम्हे और तुम्हाये लड़कपन को सम्हाल लेगी और उसने सम्हाला भी। शगुन का हम जितनी बार शुक्रिया अदा करे कम होगा उह हमाये घर की लक्ष्मी है बेटा और देखना बहुते जल्द तुम्हायी जिंदगी में भी खुशिया वापस आएगी”

स्कूटी कब घर के सामने पहुंची पता ही नहीं चला। मिश्रा जी ने स्कूटी को साइड में लगाया और अंदर चले आये। उन्हें देखते ही मिश्राइन आयी और उनके हाथ से बैग लेकर कहा,”आज आने में बड़ी देर लगा दी आपने ?”
“हाँ उह किसी काम से साइड में चले गए”,मिश्रा जी ने कहा
“आप हाथ मुंह धो लीजिये हमहू खाना लगा देते है”,मिश्राइन ने कहा और चली गयी। मिश्रा जी ने हाथ मुंह धोया जाकर अपनी अम्मा से मिले और फिर आकर खाना खाने बैठ गये। मिश्राइन ने खाना लगाया , शगुन को ना देखकर मिश्रा जी ने पूछा,”शगुन बिटिया कहा है ?’
“ऊपर गुड्डू के कमरे में है”,मिश्राइन ने खाना परोसते हुए कहा
“गुड्डू आ गया घर ?”,मिश्रा जी ने निवाला तोड़ते हुए कहा
“गुड्डू तो आज सुबह ही बरेली के लिए निकल गया था , भूल गए आप ?”,मिश्राइन ने कहा
“हाँ याद नहीं रहा ,, उम्र हो चली है अब इस उम्र में बाते कम ही याद रहती है और फिर गुड्डू से बात भी नहीं हो रही इन दिनों तो कब आता है कब जाता है कुछो पता नहीं चलता”,मिश्रा जी ने कहा
“उह समझ जाएगा जी , बेचारा खुद बहुते परेशान है जब से यादास्त गयी है ,, अब इन सब में उसका भी का दोष उह करने सब सही जाता है और होता उसके साथ गलत है”,मिश्राइन ने अपनी प्लेट में खाना रखते हुए कहा
“हम्म्म्म , अच्छा हमे कुछो बताना था”,मिश्रा जी ने कहा
“हां बताईये ना”,मिश्राइन ने कहा
“उह गोलू का रिश्ता लगा है आज तो हम वही गुप्ता जी के साथ ही थे”,मिश्रा जी ने कहा
“का उसका रिश्ता लग गया अरे जे तो बहुते ख़ुशी की बात है”,मिश्राइन ने खुश होकर कहा
“शर्मा जी की लड़की पिंकी से लगा है”,मिश्रा जी ने शांत भाव से मिश्राइन की और देखते हुए कहा
“का पिंकी से ? उह पिंकी जिनकी पीछे हमाये गुड्डू बौराये घूमते थे ?”,मिश्राइन को जैसे यकीन ही नहीं हुआ
“हां उसी से , दोनों एक दूसरे को पसंद करते है , प्रेम करते है ,, हालात कुछ ऐसे हो गए की उनका रिश्ता करना ही पड़ा”,मिश्रा जी ने कहा
“हां लेकिन उह लड़की हमे तो बिल्कुल सही नहीं लगी हमाये गुड्डू के लिए,,,,,,,,,,,,,,,,,,तभी कल गोलू हमसे कुछो इशारा कर रहा था हम समझे नहीं और धर दिए बेचारे को थप्पड़ ,, खामखा हमने उसे मार दिया”,मिश्राइन ने अफ़सोस जताते हुए कहा
“उह लड़का जब तक घर में पिट ना जाये उसे चैन नहीं , हमे बस गुड्डू की चिंता है इन सब में गुड्डू और गोलू की दोस्ती में दरार ना आ जाये बस”,मिश्रा जी ने कहा तो मिश्राइन ने अपना हाथ मिश्रा जी के हाथ पर रखते हुए कहा,”चिंता मत कीजिये दोनों की जोड़ी राम लक्षमण जैसी है और हमारा गुड्डू उह तो इतना भोला है की हर बात मान लेता है ,,जब उसे सच पता चलेगा तो उह खुद गोलू और पिंकी की शादी में शामिल होगा”
“हम्म्म्म आशा है ऐसा ही हो”,मिश्रा जी ने कहा
“शगुन और गुड्डू के बारे में कुछो सोचा है आपने ? हमसे ना शगुन का जे अकेलापन देखा नहीं जाता। उह हमसे कुछो कहती नहीं है पर उसके चेहरे की उदासी हम देख सकते है। शादी शुदा होकर भी उह इह घर में मेहमान की तरह रहने पर मजबूर है,,,,,,,,,,,उसके साथ हम ठीक नहीं कर रहे है”,मिश्राइन ने उदास होकर कहा
“बस एक बार गोलू और पिंकी की शादी हो जाये उसके बाद गुड्डू से बात करेंगे , अगर गुड्डू के मन में शगुन को लेकर भावनाये है तो एक बार फिर उन दोनों का रिश्ता कर देंगे जिस से शगुन हमेशा के लिए उसके साथ रहेगी और अगर उसके मन में कोई भावनाये नहीं है तो उसे सब सच बताना पड़ेगा”,मिश्रा जी ने कहा
“इस से हमारे गुड्डू को कुछ होगा तो नहीं”,मिश्राइन ने चिंता जताते हुए कहा
“कुछ नहीं होगा मिश्राइन अब एक गुड्डू की यादास्त के चलते हम शगुन की जिंदगी खराब नहीं कर सकते”,मिश्रा जी कहा तो मिश्राइन की नजर सामने दिवार पर लगी महादेव की तस्वीर पर चली गयी और उन्होंने कहा,”हे भोलेनाथ हमाये गुड्डू की जिंदगी में अब कोनो परेशानी ना लाना”

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संजना किरोड़ीवाल

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