“मैं तेरी हीर” – 9
Main Teri Heer – 9
Main Teri Heer – 9
मुन्ना , काशी और वंश बाहर जाने के लिए तैयार हो गए। वंश आपने फोन जेब में डाल जब मुन्ना और काशी के सामने आया मुन्ना को देखकर थोड़ा हैरान रह गया और कहा,”ब्रो यू आर लुकिंग डेम हॉट”
“शुक्रिया , अब चले ?”,मुन्ना ने मुस्कुरा कर कहा तो काशी ने उसकी बाँह थामी और उसके साथ कमरे से बाहर निकल गयी। वंश भी उन दोनों के साथ चला आया। तीनो अधिराज से कहकर घर से बाहर चले आये। मुन्ना ड्राइवर सीट पर आ बैठा , वंश उसकी बगल में आ बैठा और काशी उन दोनों भाईयो के पीछे। अधिराज जी से अपने पापा की कहानी सुनने से पहले तक वंश को ये गाडी खटारा लगती थी लेकिन अब अच्छी लग रही थी उसने ख़ुशी से मुन्ना की तरफ पलटकर कहा,”मुन्ना पापा और मुरारी चाचा इसी गाडी में घूमते होंगे ना बनारस में , वो भी फुल ऐटिटूड में,,,,,,,,,,,और अब हम दोनों घूमेंगे”
“हाँ लेकिन तुम ना बड़े पापा जैसे बन सकते हो और ना हम अपने पापा जैसे”,मुन्ना ने जीप स्टार्ट करते हुए कहा और फिर काशी से पूछा,”काशी कहा चलना है ?”
“कोरम लाउंज” चलते है भैया बहुत अच्छी जगह है”,काशी ने कहा
“कोरम लाउंज मतलब सायजी होटल , विजय नगर , स्कीम नंबर 54 ,, ये तो एक पब है”,मुन्ना ने सोचते हुए कहा
मुन्ना जो की इंदौर सिर्फ 2-4 बार आया था उसने एकदम सही पता बताया तो काशी और वंश को थोड़ी हैरानी हुई और दोनों उसे देखने लगे। मुन्ना के मुंह से पब का नाम सुनकर वंश तो खुश हो गया। बनारस में कई बार उसने पार्टी की है लेकिन आज तक वह कभी बड़े पब या क्लब में नहीं गया। काशी ने सुना तो कहा,”मुन्ना भैया आपको कैसे पता वहा पब है ?”
“वो छोडो तुम हमे जे बताओ की ऐसी जगहों पर तूम कबसे जाने लगी ?”,मुन्ना ने सामने से सवाल किया
“अरे हम नहीं जाते वो तो पिछले महीने गौरी के बर्थडे पर हम सब दोस्त गए थे वहा इसलिए और सिर्फ पब नहीं है , पब के अलावा अच्छा रेस्टोरेंट भी है वहा और म्यूजिक तो इतना लाजवाब है ना मुन्ना भैया की आप सुनोगे तो दीवाने हो जाओगे”,काशी ने कहा
“कौन गौरी ?”,मुन्ना ने पूछा
“काशी की दोस्त है , क्या लड़की है भाई मतलब कतई जहर”,इस बार जवाब वंश ने दिया
“तुम्हे पसंद आ गयी इसका मतलब तुम्हारे टाइप की होगी”,मुन्ना ने कहा
“मुन्ना भैया , वंश भैया अब चलो भी लौटने में देर हो जाएगी”,काशी ने दोनों के कंधो को हिलाकर कहा तो मुन्ना ने जीप आगे बढ़ा दी। कुछ देर बाद तीनो विजय नगर पहुंचे मुन्ना ने जीप पार्किंग में लगाईं जहा और भी महंगी महंगी गाड़िया खड़ी थी। तीनो नीचे उतरे और अंदर चले आये। जैसा की काशी ने कहा था ये जगह सच में बहुत खूबसूरत थी। पब और बार के साथ साथ साथ यहाँ फॅमिली और पर्सनल टेबल्स की भी सुविधा थी। मुन्ना थोड़ा अनकम्फर्टेबल था लेकिन काशी की ख़ुशी के लिए चेहरे पर आने नहीं दिया। तीनो ने अपने लिए एक टेबल बुक किया और आकर वहा बैठ गए। कुछ ही दूर एक लड़का ऊँची सी चेयर पर बैठा गिटार हाथ में लिए कोई प्यारा सा गाना गुनगुना रहा था। माहौल काफी शांत और खुशनुमा था।
वंश ने तीन सॉफ्ट ड्रिंक और स्टार्टर आर्डर किया और उस जगह को देखने लगा। नए चेहरे , नए लोग , म्यूजिक , लाईटो की चकाचौंध और खुशनुमा माहौल,,,,,,,,,,,,,यही तो चाहिए था वंश को ,, ये मौज मस्ती वाली जिंदगी , ये आजादी और शोर शराबा,,,,,,,,,,,,,,वही मुन्ना को चाहिए था सुकून , शांति और अकेलापन जिसमे वह अपने ख्वाबो की दुनिया को जी सके। ड्रिंक्स और स्टार्टर आया तीनो खाने लगे। खाते हुए काशी मुन्ना से बात कर रही थी वंश की नजर बार काउंटर की तरफ चली गयी जहा वन पीस में बैठी एक लड़की उसे ही देखे जा रही थी। जैसे ही वंश की नजर लड़की पर पड़ी लड़की ने अपना ड्रिंक उठाकर वंश की तरफ चियर्स का इशारा किया। वंश ने भी ग्लास उठाकर सेम इशारा किया और वापस मुन्ना काशी की तरफ पलट कर उनकी बातें सुनने लगा। लड़की ने जब देखा की वंश ने उसे कोई भाव नहीं दिया तो वह अपनी जगह से उठी और वंश के पास आकर कहा,”केन वी डांस ? (क्या हम डांस कर सकते है)
अब देखो खूबसूरत तो हमारे वंश भैया है ही लेकिन अपनी ही बहन के सामने फ्लर्ट करना अच्छा नहीं लगता इसलिए वंश ने काशी की तरफ देखा। काशी जो की काफी फ्रेंक लड़की है उसने जब देखा लड़की उसके भाई को डांस के लिए पूछ रही है तो उसने वंश को जाने का इशारा किया। वंश ख़ुशी ख़ुशी उसके साथ पब की तरफ चला गया। मुन्ना ने काशी को देखा तो काशी ने कहा,”आप चाहे तो आप भी जा सकते है”
“हमे जे सब का शौक नहीं है काशी”,मुन्ना ने कहा
“अच्छा मुन्ना भैया आपने बताया नहीं कॉलेज के बाद आप क्या करने वाले है ? हम तो कह रहे है यही इंदौर मे अपनी आगे की पढाई शुरू कर दीजिये ,, अच्छा स्कोप भी है और चाचू आपको मना भी नहीं करेंगे”,काशी ने कहा
“काशी पापा का बस चले ना तो कल ही हमे बनारस के विधायक बना दे , बाकि बनारस में भी काफी अच्छा स्कोप है पढ़ेंगे तो अपने शहर में ही और कुछ करना भी होगा तो अपने शहर के लिए ही करेंगे”,मुन्ना ने कहा
“आप और आपके ये रूल्स”,काशी ने मुस्कुराते हुए कहा
“देखो काशी जिंदगी में हर इंसान के अपने कुछ नियम कायदे होने जरुरी है , लोग भले अपनी जरूरतों के लिए जीते होंगे हम अपने रूल्स के लिए जीते है”,मुन्ना ने सहजता से कहा
“आपकी यही बातें हमे अच्छी लगती है , आप जो अंदर से है वही बाहर से भी है”,काशी ने कहा
“हे काशी तू यहाँ ?”,सामने से आती काशी की कुछ क्लासमेट्स ने कहा।
“हाय गाईज ये मेरे भैया है”,काशी ने कहा
“हाय”,लड़कियों ने मुन्ना की तरफ देखकर कहा और फिर उनमे से एक ने काशी से कहा,”तू यहाँ क्या कर रही है चल ना वहा डांस करते है”
मुन्ना ने काशी को जाने का इशारा किया तो वह उन लड़कियों के साथ चली गयी। मुन्ना अकेले बैठे अपनी ड्रिंक पीता रहा। कुछ देर बाद मुन्ना का फोन बजा उसने फोन उठाया लेकिन म्यूजिक की वजह से कुछ ठीक से सुनाई नहीं दे रहा था। मुन्ना उठा और फोन कान से लगाए दरवाजे की तरफ बढ़ गया उसने ध्यान नहीं दिया और सामने आती लड़की से टकरा गया। उसका फोन गिरते गिरते बचा मुन्ना ने फोन सम्हाला और जैसे ही सामने देखा बस देखता ही रह गया। जिस लड़की से मुन्ना सुबह टकराया था वही लड़की एक बार फिर उसके सामने खड़ी थी लेकिन बिल्कुल उलट। लड़की ने चुस्त जींस और टीशर्ट के साथ डेनिम का जैकेट पहना हुआ था जिस से उसके उभार कुछ बाहर झलक रहे थे। आँखों पर स्मोकी मेकअप , होंठो पर गहरी लिपस्टिक , बाल कर्ल किये हुए थे , लड़की अपने मुंह में च्विंगम चबाते हुए खा जाने वाली नजरो से मुन्ना को देख रही थी। लड़की कोई और नहीं बल्कि गौरी ही थी जिसके बारे में मुन्ना कुछ नहीं जानता था। मुन्ना हैरान था की जिस लड़की को देखकर उसका दिल धड़का था कुछ ही वक्त बाद वह लड़की उसके सामने नए अवतार में खड़ी थी और मुन्ना बस समझने की कोशिश कर रहा था की सच क्या है जो सुबह देखा वो या जो अब देख रहा है वो ?
“ओह्ह हैलो देखकर नहीं चल सकते क्या ? और ऐसे घूर क्या रहे हो ?”,गौरी ने तुनक कर कहा
गौरी की आवाज से मुन्ना की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”माफ़ कीजियेगा वो हम,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!! मुन्ना आगे कहता इस पहले ही गौरी अंदर चली गयी। फ़ोन फिर बजा तो मुन्ना बाहर चला आया। गौरी अंदर आयी लेकिन उसने काशी को नहीं देखा इन्फेक्ट पब जाने के बजाय वह सीढ़ियों से ऊपर चली आयी जहा उसके किसी कजिन की बर्थडे पार्टी चल रही थी। लड़की के साथ डांस करते हुए वंश जब बोर होने लगा तो काशी के पास चला आया और उसके साथ डांस करने लगा। काशी और वंश में बस यही एक चीज कॉमन थी की दोनों बेफिक्र अपनी जिंदगी को जीते थे।
फोन पर बात करने के बाद मुन्ना गौरी के बारे में सोचने लगा और खुद से कहा,”नहीं ऐसा नहीं हो सकता , सुबह हमने जिस लड़की को देखा था वो जे लड़की तो बिल्कुल ना हो सकती ,, हमारी आँखे धोखा खा रही है शायद”
मुन्ना ने खुद को झूठी तसल्ली दी और अंदर चला आया। उसने जब वंश और काशी को साथ साथ देखा तो मुस्कुरा उठा। काशी ने मुन्ना को आने का इशारा किया लेकिन मुन्ना ने मुस्कुराते हुए ना में गर्दन हिला दी। कुछ देर बाद ही एक लम्बे बालों वाला लड़का काशी के पास आया और उसे साइड हग किया। मुन्ना ने किसी अनजान लड़के को काशी के करीब देखा तो वह आया और लड़के कंधे पर हाथ रख उसे काशी से दूर करते हुए कहा,”ओह्ह बाल की दुकान बात सुनना जरा”
वंश ने देखा तो उसे भी लड़के का काशी के करीब आना अच्छा नहीं लगा वह भी लड़के के दूसरी तरफ चला आया। मुन्ना और वंश ने उसे उठाया और बाहर ले आये। काशी भी उनके पीछे आयी लेकिन तब तक मुन्ना और वंश उस लड़के पर हाथ साफ कर चुके थे। लड़का उतरा हुआ मुंह लेकर काशी के पास आया और कहा,”कौन थे वो दोनों ?”
“हमारे भैया है , सॉरी लकी,,,,,,,,,,,,,!!”,काशी ने उसकी हालत देखकर कहा
“सॉरी,,,,,,,,,,,,,,कैसे मारा है उन लोगो ने,,,,,,,,,,,,,आज से हमारी दोस्ती खत्म,,,,,,,,,,,,,,बाय”,कहकर लड़का वहा से चला गया
बेचारी काशी मुंह लटकाकर मुन्ना और वंश के पास चली आयी और कहा,”ऐसा क्यों किया आप दोनों ने ?”
“हमारे सामने वो हमारी बहन को छू रहा है और हम देखते रहे,,,,,,,,,,,,,,,दिए दो कंटाप,,,,,,,,,,, क्या गलत किया ?”,वंश ने कहा
“तुम्हे कॉलेज में कोई और भी परेशान करे तो हमे बताना जाने से पहले उन्हें भी समझा देंगे”,मुन्ना ने कहा
“वो हमारा दोस्त था सिर्फ हमे हैलो बोलने आया था , और आप दोनों ने,,,,,,,,,,,,,,ऐसे तो कल को हमारी शादी तो दूर किसी से दोस्ती तक नहीं होने देंगे आप दोनों”,काशी ने मायूस होकर कहा।
“तुम्हारे लिए लड़का देखना होगा तब मैं और मुन्ना ही देखेंगे , क्यों मुन्ना ?”,वंश ने जीप के बोनट पर बैठते हुए कहा
“बिल्कुल और ऐसे बकलोल लड़के तो बिल्कुल नहीं काशी”,मुन्ना ने अपने हाथो को बांधकर जीप से अपनी पीठ लगाते हुए कहा
काशी कुछ देर दोनों को घूरती रही और फिर आकर जीप की पिछली सीट पर बैठ गयी। मुन्ना ने वंश को कार्ड दिया और बिल पे करके आने को कहा। वंश अंदर चला गया तो मुन्ना काशी के पास आया और कहने लगा,”आई ऍम सॉरी , लेकिन ऐसे कोई भी लड़का आकर तुम्हे छुएगा और हम देखते रहे तो हमारे भाई होने पर लानत है। काशी तुम सिर्फ हमारी और वंश की बहन ही नहीं बल्कि हमारी दोस्त भी हो और हम दोनों कभी नहीं चाहेंगे की कोई लड़का तुम्हारा दिल दुखाये या तुम्हे हर्ट करे।”
काशी ने सूना तो मुस्कुरा उठी और कहा,”इट्स ओके आप माफ़ी मत मांगिये”
“यार तीन ड्रिंक और स्टार्टर के 800 रूपये ले लिए उसने इतने में तो पुरे महीने की चाय निकल जाती हमारी”,वंश ने कार्ड मुन्ना को देते हुए कहा और ड्राइवर सीट पर आ बैठा। मुन्ना भी उसकी बगल में आ बैठा और कहा,”इसलिए तो हम ऐसी जगहों पर आने से बचते है ,, अब चलो चलकर कही कुछ अच्छा खाते है” तीनो वहा से निकल गए।
बनारस , उत्तर-प्रदेश
बनारस से 10 किलोमीटर दूर एक नहर थी जिसके लिए एक मीटिंग रखी गयी थी। उस मीटिंग में मुरारी आया हुआ था और शिवम् भी , साथ ही बनारस के कुछ बड़े व्यापारी और अधिकारी भी। उस नहर से लगकर जो जमीन थी वह तीन लोगो की थी और अधिकारी चाहते थे की वहा फैक्ट्री बने और नहर का पानी उसमे इस्तेमाल किया जा सके। तीन लोगो में एक था शिवम् , दूसरा कोई बनारस के बड़े व्यापारी का लड़का था और तीसरा आदमी था “प्रताप”
ये वही प्रताप था जिसकी शिवम् और मुरारी से कट्टर दुश्मनी थी , जिसने हमेशा शिवम् को नुकसान पहुँचाने का सोचा। बीते 25 सालो में प्रताप ने भी शादी करके अपना परिवार बना लिया था और साथ ही बनारस में एक नयी पहचान भी। उसका बनारस में कपड़ो का व्यापार था जो की काफी फल फूल रहा था। सभी बैठकर प्रताप के आने का ही इंतजार कर रहे थे , हालाँकि मुरारी ने शिवम् से कहा भी था की वह अकेले ही इस मामले को देख लेगा लेकिन शिवम् चाहता था की सबकी रजामंदी से ये काम हो क्योकि ये काम बनारस के हित में था और बात जब बनारस के हित की होती थी शिवम् वहा मौजूद होता था। कितना कुछ दिया था बनारस ने उसे अब बस वह बनारस के लिए कुछ करना चाहता था।
कुछ देर बाद मीटिंग ऑफीस के बाहर प्रताप की गाड़ी आकर रुकी। प्रताप अपने मैनेजर के साथ गाड़ी से उतरा और अंदर चला आया। सबके सामने नहर को लेकर चर्चा हुई और आखिर में तय ये हुआ की तीनो मिलकर वह जमीन फैक्ट्री के लिए दे देंगे। शिवम् तो तैयार था लेकिन मुरारी को शक था की प्रताप ऐसा नहीं करेगा लेकिन कुछ देर बाद जब प्रताप ने हामी भर दी तो मुरारी और शिवम् की हैरानी का ठिकाना नहीं रहा लेकिन उस वक्त दोनों ही खामोश रहे। प्रताप और शिवम् ने पेपर साइन कर दिए लेकिन अब एक दिक्कत आ रही थी वो था तीसरा आदमी वह जिद पर अड़ गया की वह अपनी जमीन ऐसे फ्री में नहीं देगा। सबने उसे बहुत समझाया लेकिन उसने किसी की एक नहीं सुनी। कुछ देर बाद मुरारी खड़ा हुआ और कहा,”दो मिनिट के लिए हमारे साथ आएंगे , अकेले में कुछो बात करनी है आपसे”
“चले जाईये सर , क्या पता अकेले में आपको जमीन का पैसा ऑफर कर दे विधायक जी”,तीसरे आदमी के मैनेजर ने फुसफुसाते हुए कहा तो आदमी उठकर मुरारी के साथ चला गया। शिवम् की नज़रे प्रताप से जा मिली , आँखों ही आँखों में दोनों एक दूसरे के मन का हाल जानने की कोशिश कर रहे थे
मुरारी आदमी को लेकर एक कमरे में आया दरवाजा बंद किया और पलटकर कहा,”हां तो हम जे जानना चाहते है की काहे नहीं देना चाहते नहर के लिए जमीन ? कोनो दिक्कत है तो हमे बताओ ?”
“अरे यार विधायक जी आप ही बताईये इतनी सारी जमीन एक फैक्ट्री के लिए फ्री में कैसे दे दू ? मुझे वहा शॉपिंग मॉल बनवाना है”,आदमी ने कहा
“हम्म्म्म तो तुमको जमीन के बदले कुछो चाहिए ?”,मुरारी ने सोचते हुए कहा
“बिल्कुल चाहिए इतनी मेहनत से वो जमीन खरीदी , उसे सम्हाल के रखा और आज बाहर बैठे वो सब लोग चाहते है की मैं अपनी जमींन बनारस के लोगो को दान में दे दू,,,,,,,,,,,,,,,हरगिज नहीं”,आदमी ने थोड़ा चिढ़ते हुए कहा
“फिर तो तुम्हाये लिए बहुते बढ़िया ऑफर है हमारे पास , चाहिए ?”,मुरारी ने कहा
“हाँ बिल्कुल चाहिए”,आदमी ने खुश होकर कहा
मुरारी आदमी के पास आया और खींचकर एक थप्पड़ उसे रसीद कर दिया। आदमी का सर चकरा गया उसे समझ ही नहीं आया की ये अचानक क्या हुआ ? उसने बदहवास हालत में कहा,”ये क्या था ?”
“जे था कंटाप ,,, साले बनारस में पैदा हुए , यही का खाया , यही से कमाया और जब बनारस के लिए कुछो करने की बारी आयी तो हाथ खींच लिए,,,,,,,,,,,,,,,तुमको का लगा बे हमारे सामने बकैती करोगे और हम सुनेंगे,,,,,,,,,,,,,,बेटा हड्डिया निकालकर पीपटी बना देंगे और बजायेंगे बनारस की हर शादी में का समझे ? कायदे में रहो फायदे में रहोगे,,,,,,,,,,,,,,बाहर चलकर ख़ुशी ख़ुशी बनारस के हित में साइन करो और खुश रहो वरना पेल दिए जाओगे”,मुरारी ने कहा तो आदमी की सिट्टी पिट्टी गुम हो गयी। वह साईन करने के तैयार हो गया। मुरारी ने उसके बाल सही किये , कुर्ता सही किया और मुस्कुराने का इशारा किया , उसकी जेब में रखा चश्मा निकालकर आँखों पर लगाया और बाहर चला आया। आदमी ने जबरदस्ती मुस्कुराते हुए साइन कर दिए। अधिकारी सभी कागज लेकर चले गए। सबके जाने के बाद मुरारी वापस आदमी के पास आया और बेचारे को एक थप्पड़ और रसीद कर दिया
“अब क्यों मारा कर तो दिए साइन ?”,आदमी ने रोनी सी सूरत बनाकर कहा
“बेटा यहाँ के विधायक है तुम्हाये यार नहीं , आईन्दा से थोड़ा तमीज में,,,,,,,,,,,,,,,,,,और मुस्कुराओ यार बनारस में हो तुम,,,,,,,,,,,,,,,,,,मुस्कुराओ”,कहकर मुरारी आदमी का गाल थपथपाकर वहा से चला गया।
Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9Main Teri Heer – 9
इस कहानी से जुड़े नोटिफिकेशन पाने के लिए आप मेरे फेसबुक पेज “kirodiwalSanjana” को फॉलो कर सकते है या फिर डायरेक्ट नोटिफिकेशन के लिए टेलीग्राम पर मेरे चैनल “sanjanakirodiwal” को सब्सक्राइब कर सकते है और बिना किसी परेशानी के इस कहानी के आगे के भाग पढ़ सकते है। अगर आपको ऑडियो में ये कहानी सुननी है तो आप मेरे यूट्यूब चैनल “sanjanakirodiwal” पर सुन सकते है।
क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 10
Read More – “मैं तेरी हीर” – 8
Follow Me On – facebook | instagram | youtube
संजना किरोड़ीवाल
Matlab Murari bhaiya ne jad hi diya 😀😂😂😂 badiya hai 😁 har har mahadev 🙏
Ab maja aaya jab tak banaras walo ka bhokal nhi dikhta hai story me maja nhi aata hai 🥰🥰
Murari ka bhi apna alag hi attitude hai 🤭😂😂😂😂
🤣🤣🤣 murari bhaiya ka swag hi alag hh…. Kayde me rho fayde me rhoge🤣🤣🤣 kashi k bhaiyo ne Kashi k dost ko peet diya🤣🤣🤣🤣🤣
😂😂😂😂😂😂 I kw it murari yhi krega n badle h n badlenge or n badlne denge wale hamare murari bhaiya 😀 superb part ❤️
Are gajab….murari ki yahi form hi dekh k lagta he..Banaras he ye….jio murari🙂🙂🙂🙂🙂🙂
Murari ka tashan aaj bhi wahi hai, itne time baad murari ka kantap dekhke mazaa agya.
Murari ka abhi whi tashan hai
Hye murari g swag to abhi bhi brkrar hai,vaise munna ki image same shiv k jaise hai,mja aa gya mam,bhte bdia vaala part tha, behtreen story 👌👌👌👌👌👌 intejar rhega next part ka 👌👌👌👌👌
Superb superb superb superb superb superb part 👌👌👌👌👌 eagrly waiting for the next 👌👌👌👌
Yah hai murari bhaiya ka sweg 😂😂 par pratap sudhar gya kya😕😕 wahh inkrimrnt ho gya pratap ka 👏👏👏
Murari ko dobara us roop mein dekh kr bhut mzaa aaya,too good
Hayeee!Mishra ji pehle wala swag aab bhi barkarar hai maza aa gaya 😂😂
murari bhaiya kae swag ka kya hi khna….mjja aa gya pdh kar
यार ये मुरारी तो वाकई कमाल कर गया…एक थप्पड़ में ही काम हो गया…खैर ये भी अच्छी बात है कि उसकी विधायकी काम तो आ रही है…गौरी तो पक्का वंश की ही बंदी होगी…क्योंकि मुन्ना और गौरी एक-दूसरे से बिलकुल अलग है…वंश और गौरी की ही जोड़ी बनेगी…ऐसा मुझे लगता है…बाकी हमारी संजना जी जाने
Humare murari ji nahi badal sakte sab badal jaye pr mazal hai woh ho nice part
Yeh murari bhaiya .. bade mast hai Yaar
Gajabe part tha🤣🤣
Gajabe part tha🤣🤣
lga hi tha murari ji aisa kuch krenge kantap dhare bina to unka man hi ni lgta shayd
nice part superb
Nice part
Very nice part
Interesting
मतलब ये गौरी दूसरी अनु होगी…मुन्ना बिचारे को जोर का झटका लगा उसे देख के पहले सूट में फिर एकदम से ही जींस और जैकेट में और वो भी पब में…वंश और मुन्ना ने तो काशी के दोस्त की हालत ही पतली कर दी बेचारा कभी किसी को हाय बोलने से सोचेगा पहले 😅… मुरारी का स्वैग तो वैसा ही दो कांटप लगाए बिना वो किसी को कहा छोड़ेगा…
Bhut hi pyaara part tha
Nice story
Great part hai ☺️