Main Teri Heer – 83
Main Teri Heer – 83

शक्ति ने सबके लिए खाना आर्डर कर दिया और बैठकर सब आपस में बातें करने लगे। शक्ति काशी और वंश एक तरफ बैठे थे और मुन्ना , गौरी , अंजलि एक तरफ,,,,,,,,,,,! शक्ति से अभी तक वंश की ठीक से बात भी नहीं हुई थी और वंश ने खुद से चलकर कभी की भी नहीं,,,,,,,,,,,,!!”
“वैसे वंश तुम आज अकेले आये हो तुम्हारे साथ वो तुम्हारी दोस्त नहीं आयी,,,,,,,!!”,शक्ति ने जान बुझकर वंश को छेड़ते हुए कहा
वंश ने देखा शक्ति की इस बात पर सब उसे ही देख रहे है तो उसने शक्ति से कहा,”कौन दोस्त ?”
“वही जिसके साथ तुम बिना हेलमेट के पकडे गए थे,,,,,,,,,,!”,शक्ति ने वंश की पोल खोलते हुए कहा
“ओह्ह्ह्हह !”,मुन्ना , गौरी , काशी और अंजलि ने एक साथ कहा तो वंश चिढ गया
“क्या ओह्ह्ह ! निशि को घर छोड़ने जा रहा था और कौन होगा मेरे साथ ?”,वंश ने चिढ़ते हुए कहा तो सब हसने लगे
“ये लोग बस तुम्हारी टांग खींच रहे है,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने कहा
वंश ने शक्ति को देखा और कहा,”तुम भी कुछ कम नहीं हो,,,,,,,,,,,!!”
शक्ति मुस्कुरा दिया और अपनी बाँह वंश के कंधो पर रखकर उसे अपनी तरफ करके धीरे से कहा,”ज्यादा अकड़ दिखाई ना तो मैं इन सबको बता दूंगा सगाई वाले दिन तुम निशि को कॉफी भी पीला रहे थे”
वंश ने सुना तो हैरानी से शक्ति को देखने लगा और मन ही मन बड़बड़ाया,”ये शक्ति तो मेरी सोच से भी ज्यादा तेज निकला,,,,,,,,,,,,!!”
वेटर खाना ले आया सब बातें करते हुए खाना खाने लगे,,,,,,,,,,,,,,,!!
जिस रेस्त्रो में शक्ति और बाकि सब खाना खा रहे थे उसी के नीचे बने रिसोर्ट में DIG और चौहान बैठकर शराब पी रहे थे। विक्रम बहुत पहले ही वहा से जा चुका था। शराब ख़त्म हो चुकी थी और काफी वक्त भी हो चुका था इसलिए चौहान ने उठते हुए कहा,”मैं अब चलता हूँ DIG,,,,,,,,,,,,,और जॉर्डन का केस तुम देख लेना , वो बहुत बक बक कर रहा था इसलिए मैंने उसे रास्ते से हटा दिया”
“चौहान ऐसे किस किस को रास्ते से हटाओगे ? मैं कानून के लिए काम करता हूँ कानून मेरे हाथ में नहीं है,,,,,,,,,,,,,!!”,DIG सर ने थोड़ा गुस्से से कहा
चौहान DIG सर के पास आया और उनकी कॉलर पकड़ कर घूरते हुए कहा,”अगर तुम भी मेरे रास्ते में आये तो मैं तुम्हे भी हटा दूंगा DIG ,, यहाँ तक पहुँचने के लिए मैंने लाशो को सीढ़ी बनाया है इस साम्राज्य को मैं ऐसे ही खत्म नहीं होने दूंगा”
चौहान को गुस्से में देखकर DIG सर घबरा गए , उनके गले से आवाज ही नहीं निकली। वे बस आँखों में डर के भाव लिए चौहान को देखते रहे। चौहान ने झटक कर DIG सर को छोड़ा और कहा,”कौन बर्बाद करेगा मुझे ? वो DCP ,, वो नहीं जानता उसने गलत जगह पैर डाला है,,,,,,,,,,,बस आज की रात DIG कल इस शहर में नया सूरज निकलेगा,,,,,,,,,,,,,उस DCP के खिलाफ जॉर्डन और आसिफ के क़त्ल का अरेस्ट वारंट जारी कर दो,,,,,,,,दिल्ली वापस जाने से पहले मुझे वो सलाखों के पीछे चाहिए,,,,,,,,!!”
DIG सर ने कुछ कहा बस खामोशी से चौहान की बात सुनता रहा। चौहान ने घडी में समय देखा और वहा से चला गया। जिस आखरी आर्डर का उसे इंतजार था वो आने वाला था।
चौहान के जाने के बाद DIG सर ने टेबल पर रखा पानी का गिलास उठाया और एक साँस में पी गए। उन्होंने महसूस किया कि पैसो के लालच में आकर चौहान से हाथ मिलाकर उन्होंने बहुत बड़ी गलती कर दी। DIG सर पीछे हटने का सोचते भी तो उन्हें और उनके परिवार को खतरा था। शक्ति के खिलाफ अरेस्ट वारंट निकालने के अलावा अब उनके पास कोई दुसरा चारा नहीं था। DIG सर उठे और वहा से चले गए।
शक्ति रेस्रो में शीशे की तरफ बैठा था जहा से वह बाहर सड़क पर आसानी से देख सकता था। शक्ति यहाँ सिर्फ खाना खाने नहीं आया था बल्कि कुछ और वजह थी और अगले ही पल शक्ति की आँखे चमक उठी जब उसने DIG सर को गाड़ी में बैठकर वहा से जाते देखा। शक्ति उठा और कहा,”हम अभी आते है,,,,,,,,!!”
“हम्म्म कोई बात नहीं,,,,,,,,,,,,,,!!”,काशी ने कहा तो शक्ति वहा से चला गया।
शक्ति नीचे आया लेकिन तब तक DIG सर वहा से जा चुके थे। शक्ति कुछ देर बाहर रुका और फिर सीधा रिसोर्ट के अंदर चला गया। उसने गार्ड के पास आकर उसे 500 का एक नोट दिया और गार्ड ने शक्ति को अंदर जाने दिया। शक्ति गलियारे में चलते हुए उस कमरे तक आया जहा कुछ देर पहले चौहान साहब , DIG सर और विक्रम मौजूद थे। ऐसा लग रहा था जैसे शक्ति पहले भी यहाँ आ चुका था।
शक्ति ने इधर उधर देखा और कमरे के अंदर चला आया। उसने वहा रखे फ्लावर पॉट से कैमरा और माइक निकाला और उसे अपने जेब में रख लिया। शक्ति तुरंत वहा से निकल गया। शक्ति तेज कदमो से गलियारे में चलने लगा तभी सामने से आते मुन्ना से टकरा गया और उसके चेहरे पर कठोरता के भाव आ गए। उसने कठोरता से कहा,”तुम यहाँ क्या कर रहे हो मुन्ना ?”
“ये सब क्या चल रहा है शक्ति ? खाना छोड़कर तुम यहाँ क्या कर रहे हो ?”,मुन्ना ने शक्ति की बात का जवाब ना देकर सामने से सवाल किया
शक्ति ने एक गहरी साँस ली और मुन्ना के कंधे पर हाथ रखकर कहा,”ये सब हम तुम्हे अभी नहीं बता सकते मुन्ना,,,,,,,,,,तुम्हे इसमें नहीं पड़ना चाहिए , तुम कल बनारस वापस जाओ ये सब हम सम्हाल लेंगे,,,,,,,,,,,!!”
“सिर्फ इसलिए नहीं पड़ना चाहिए क्योकि ये मामला राजनीती से जुड़ा है,,,,,,,,,,,,,,शक्ति तुमने मुंबई से हमे सबूत लाने को कहा और हम लेकर आये बिना तुमसे कोई सवाल किये,,,,,,,,,,,,लेकिन अब हमे लग रहा है कि कुछ तो बड़ा है जो तुम हम से छुपा रहे हो,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने भी गुस्से से कठोरता के साथ कहा
“ये पुलिस का मामला है मुन्ना,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने भी गुस्से से कहा
“नहीं ये हमारी बहन काशी के भविष्य का सवाल है शक्ति , तुम पुलिसवाले हो इसका मतलब ये नहीं है कि क्रिमिनल को पकड़ने के लिए खुद क्रिमिनल बन जाओ,,,,,,,,,,,,,,,इंदौर लाने से पहले हमने वो सबूत देख लिए थे,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने शक्ति को घूरते हुए कहा
मुन्ना की बात सुनकर शक्ति थोड़ा शांत हुआ और धीमे स्वर में कहने लगा,”मुन्ना ! इस वक्त हम तुम्हे ये सब नहीं बता सकते , हम तुम सब की जिंदगी को खतरे में नहीं डाल सकते,,,,,,,,,,एक बड़ा सबूत हमारे हाथ लग चुका है। कल सुबह ये सब लोग हवालात में होंगे,,,,,,,,,,,,,,हम कोशिश करेंगे तुम्हारे पापा इसमें ना फंसे,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना ने अपने पापा का जिक्र सुना तो कहा,”तुम कहना क्या चाहते हो ?”
शक्ति ने फिर एक ठंडी साँस ली और कहा,”जिस ड्रग स्केंडल का सच सामने लाने के लिए हम पिछले 4 महीने से परेशान है उमसे सबसे उपर नाम “मुरारी मिश्रा” का आता है मुन्ना,,,,,,,,,,,,,,,हम जानते है मुरारी चाचा बेकसूर है लेकिन जाँच के लिए हमे कल उन्हें भी गिरफ्तार करना होगा,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना ने सुना तो जैसे उस पर आसमान टूट पड़ा ,, अब तक वह ईमानदारी से शक्ति के लिए काम कर रहा था और अब जाकर उसे समझ आया कि उसकी ये ईमानदारी उसी के पापा के गले का फंदा बनने जा रही थी,,,,,,,,,,,,,,,मुन्ना ने सुना तो उसे बहुत दुःख हुआ और वह बिना कुछ कहे वहा से चला गया।
“मुन्ना , मुन्ना हमारी बात सुनो,,,,,,,,,,,,,,,मुन्ना”,शक्ति ने आवाज दी लेकिन मुन्ना वहा से जा चुका था उसने पलटकर नहीं देखा
मुन्ना वहा से चला गया और ऊपर सबके साथ आकर बैठ गया। शक्ति भी चला आया लेकिन उसके और मुन्ना के बीच कोई बात नहीं हुई। सब खाना खा चुके थे और रात भी काफी हो चुकी थी इसलिए शक्ति ने सबसे घर चलने को कहा। मुन्ना गौरी के साथ आया था लेकिन उसने वंश , अंजलि और काशी को भी साथ चलने को कहा ताकि गौरी को घर छोड़कर सब घर जा सके। शक्ति को इस से कोई ऐतराज नहीं था उलटा मुन्ना ने उसका काम आसान कर दिया।
मुन्ना बाकि सबके साथ वहा से निकल गया और शक्ति अकेला अपनी गाड़ी से। रास्ते भर वंश , गौरी , काशी और अंजलि ही कुछ न कुछ बात किये जा रहे थे लेकिन मुन्ना खामोश था। वह शक्ति से नाराज था कि शक्ति ने इतना सब उस से छुपाया। मुन्ना ने गौरी के घर के सामने गाड़ी रोकी। गौरी ने सबको बाय बोला और गाड़ी से उतरी तो मुन्ना ने कहा,”हम गौरी को बाय बोलकर आते है,,,,,,,!!”
“हाँ हाँ मुन्ना अच्छे से बाय बोलकर आना,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने शरारत से कहा तो अंजलि और काशी दबी हंसी हसने लगे
मुन्ना गाड़ी से उतरा और गौरी के पीछे आकर कहा,”गौरी !”
गौरी पलटी और कहा,”हाँ मान”
मुन्ना गौरी के सामने आया और कहा,”तुम हम से नाराज तो नहीं हो ना ?”
मुन्ना की बात सुनकर गौरी ने हैरानी से मुन्ना को देखा और कहा,”मान मैं तुमसे नाराज क्यों होउंगी ? आज मैंने तुम्हारे साथ इतना अच्छा वक्त बिताया , मैं बहुत खुश हूँ और कल सुबह तुम बनारस वापस जा रहे हो इसलिए मैं तुम्हे बाय बोलने जरुर आउंगी,,,,,,,,,,,,,और अगर तुमने मुझे मना किया तो मैं तुमसे नाराज हो जाउंगी,,,,,,,,,,,,!!”
मुन्ना ने देखा गौरी इस वक्त कितनी समझदार लग रही थी , मुन्ना ने आगे बढ़कर गौरी को गले लगाया और कहा,”थैंक्यू”
गौरी मुस्कुरा उठी और शरमा भी गयी क्योकि गाड़ी की खिड़की से बाहर निकले तीन सर गौरी को ही देख रहे थे और मुस्कुरा रहे थे। मुन्ना गौरी से दूर हटा और कहा,”अब तुम अंदर जाओ रात बहुत हो चुकी है,,,,,,,,,,गुड नाईट , हम सुबह मिलते है।”
गौरी ने हामी में सर हिलाया और जाने के लिए पलट गयी लेकिन दो कदम आगे बढ़ाकर गौरी रुकी और मुन्ना के पास आकर उसके गाल को अपने होंठो से छूकर कहा,”थैंक्यू आज के लिए,,,,,,,,,,,!!”
“ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह,,,,,,,,,,!!”,वंश , काशी और अंजलि की आवाज मुन्ना और गौरी के कानों में पड़ी तो गौरी हँसते हुए वहा से चली गयी और बेचारा मुन्ना अपना हाथ गाल से लगाए गाड़ी की तरफ चला आया।
मुन्ना जैसे ही गाड़ी में आकर बैठा उसने देखा वंश बगल वाली सीट पर बैठा है। काशी और अंजलि पीछे थी और मुन्ना को देखते ही तीनो शांत होकर बैठ गए। मुन्ना ने गाड़ी स्टार्ट की और आगे बढ़ा दी।
अनु मुरारी के पास आयी और अपने हाथो को बांधकर खड़ी हो गयी। एक तो मुरारी अनु से ऐसे ही डरता था और आज तो उसने भारी गलती की थी। अनु को घूरते पाकर मुरारी ने कहा,”ए मैग्गी ऐसे देखकर काहे हमे हार्ट अटैक देना चाहती हो,,,,,,,,,,,,,अच्छा लगेगा जे उम्र मा तुम हमरी विधवा बनकर घूमो,,,,,,,,,,,,!!”
अनु ने कुछ नहीं कहा बस एकटक मुरारी को देखते रही , इस से मुरारी की बेचैनी और बढ़ गयी और उसने कहा,”देखो हम बताते है हमे गलत ना समझो तुम,,,,,,,!!”
ये सुनकर अनु का गुस्सा फूट पड़ा और उसने कहा,”क्या बताओगे तुम मुरारी ? मुरारी मुझे तुम्हारे यू अचानक गायब हो जाने से दिक्कत नहीं है बल्कि मैं यहाँ सिर्फ ये सोचकर परेशान थी कि कही तुम किसी मुसीबत में ना फंस गए हो। मैं जानती हूँ मुरारी कि तुम सिर्फ मस्ती मजाक करते हो लेकिन कभी कभी वो मस्ती मजाक हमे बहुत भारी पड़ जाता है।”
कहते हुए अनु मुरारी के पास आयी और उसके हाथो को अपने हाथो में लेकर उदासी भरे स्वर में कहा,”मुझे कुछ नहीं चाहिए मुरारी मैं बस चाहती हूँ कि अब ये बची हुई जिंदगी बिना किसी तकलीफ के गुजरे,,,,,,,,,,मैं जानती हूँ तुम्हे राजनीती से बहुत प्यार है और आज भी कही न कही तुम्हारे मन में उसका अहसास बचा है लेकिन इस राजनीती के चलते मैं तुम्हे किसी खतरे में नहीं देख सकती,,,,,,,,,,,!!”
अनु को उदास देखकर मुरारी ने उसके चेहरे को अपने हाथो में लिया और कहा,”ए मैग्गी जे सब का कह रही हो तुम ? हम राजनीती छोड़ चुके है हमारा उस से अब कोई लेना देना नहीं है ,, हाँ कुछ जान पहिचान के लोग जरूर है लेकिन हम उनके साथ नहीं है। हम समझ नहीं पा रहे है कि तुम अचानक से ऐसी बात काहे कर रही हो ?”
अनु का चेहरा उदासी से घिर गया और उसने कहा,”मैं नहीं जानती मुरारी ऐसा क्यों है बस मेरा मन घबरा रहा है,,,,,,,,,,,,!!”
मुरारी ने अनु को अपने सीने से लगाया और कहा,”ऐसा कुछ नहीं होगा,,,,,,,,,,,,,,हम कल बनारस जा रहे है,,,,,,,,,,ठीक है ,, अब ज्यादा मत सोचो”
कुछ ही दूर घूमते हुए शिवम् की नजर अनु और मुरारी पर पड़ी तो उसने सारिका से कहा,”एक मुरारी ही है जो अनु को सम्हाल सकता है। जब मुरारी नहीं आया था तो अनु हम से कह रही थी कि आज मुरारी को अच्छे से सबक सिखाएगी और अब देखो प्यार जताया जा रहा है,,,,,,,,,,,,!!”
सारिका ने शिवम् को देखा और कहा,”क्योकि इस इस उम्र में हमसफ़र से दूर जाने की तकलीफ सबसे ज्यादा होती है,,,,,,,,,,,,!!”
शिवम् ने सारिका की तरफ देखा तो पाया कि सारिका के चेहरे पर मुस्कान थी लेकिन एक दर्द उसकी आँखों से झलक रहा था। सारिका की आँखों में देखते हुए शिवम् को याद आया कि कुछ वक्त बाद सारिका भी उस से दूर जाने वाली है,,,,,,,,,,,,,,ये ख्याल आते ही सारिका की आँखों का दर्द शिवम् की आँखों में समा गया और दोनों एक दूसरे को देखते रहे,,,,,,,,,,,,,!!”
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संजना किरोड़ीवाल


O no…next morning Murari arrest ho jayega…yeh to bilkul bhi nhi socha tha… Munna ka naraj hona lazimi hai…usne apne pita ko bachne ki kitni koshish ki, lakin nhi bacha paya…khar ab kar bhi kya sakte hai…uss Chauhan ne hee Murari k liye sara khel racha aur usme usko fansa diya…dekhte hai ki next morning m Shakti kya krta hai Murari aur khud ko bachne aur Chauhan, Vikram aur DIG ko arrest krne k liye