Main Teri Heer – 78
Main Teri Heer – 78

वंश को निशि से प्यार हो चुका हो चूका था और वही निशि भी उन भावनाओ में बहने लगी। ट्रेन तेजी से आगे बढ़ गयी और वंश हाथ हिलाते हुए निशि की आँखों से ओझल हो गया। नवीन अपनी सीट से उठकर दरवाजे पर आया और निशि से कहा,”निशि ! क्या कर रही हो यहाँ ? ट्रेन चल चुकी है , चलो अंदर आओ”
निशि मुस्कुराई और नवीन के साथ अंदर चली आयी। वह खिड़की के पास आकर बैठी और वंश के बारे में सोचने लगी। कुछ देर पहले वंश ने जो उसके गालों को अपने होंठो से छूआ वो अहसास निशि को अभी तक हो रहा था। नवीन मेघना अपनी किसी चर्चा में व्यस्त थे और निशि वंश के बारे में सोचते हुए खिड़की से बाहर देखने लगी।
स्टेशन से निकलकर वंश घर के लिए निकल गया। इस वक्त उसके मन में बहुत सारी उथल पुथल चल रही थी वह समझ नहीं पा रहा था उसके साथ क्या हो रहा है ?
लेकिन जो भी हो रहा था अच्छा हो रहा था। एक मीठा सा दर्द और प्यारा सा अहसास वंश को महसूस हो रहा था। वंश झूमते हुए घर आया और सामने से आते शिवम् से टकरा गया। शिवम् को सामने देखकर वंश हड़बड़ा गया तो शिवम् ने कहा,”अपने दोस्त को बाय बोल आये ?”
“दोस्त , कौन दोस्त ? ओह्ह्ह अच्छा हाँ हाँ बोल दिया,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने पहले मना किया और बाद में एकदम से कहा।
शिवम् को वंश की बातो में झोल लगा लेकिन उसने इस बारे में ज्यादा बात नहीं कि और कहा,”हम सब आज रात खाने पर बाहर जा रहे है , क्या तुम साथ आना चाहोगे ?”
“आप बड़े लोगो में मेरा क्या काम है ? आप लोग जाईये ना,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“क्यों तुम्हारा कोई और प्लान है क्या ?”,शिवम् ने कहा
“अह्ह्ह्ह नहीं मेरा कोई प्लान नहीं है पर मुन्ना कह रहा था कि हम सब आज शाम गौरी और उसके दोस्तों से मिलने वाले है तो शायद वही चले जाए,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“ठीक है,,,,,,,!!”,शिवम् ने कहा और चला गया
“ये पापा को आज क्या हो गया है वो मुझसे इस तरह से बात क्यों कर रहे थे ? मुन्ना को फोन करता हूँ,,,,,,,!!”,वंश खुद में बड़बड़ाया और अपना फोन निकालकर उसे फोन लगाया।
एक दो रिंग जाने के बाद मुन्ना ने फोन उठाया तो वंश ने कहा,”हे मुन्ना ! कहा हो तुम ?”
“हम गौरी से मिलने जा रहे है,,,,,,,,,,,,हमे आने में शायद देर हो जाएगी,,,,,,,,,,,,,तुम्हे कुछ काम था ?”,मुन्ना ने पूछा
“मुन्ना गौरी के साथ बाहर जा रहा है मुझे उन दोनों को डिस्टर्ब नहीं करना चाहिए,,,,,,,,,,!!”,वंश ने मन ही मन खुद से कहा और फिर मुन्ना से कहा,”अह्ह्ह नहीं बस ऐसे ही पूछा वो पापा और बाकि सब बाहर खाने पर जा रहे है तो सोचा तुम्हे पूछ लू,,,,,,,तुम गौरी को वक्त दो इन लोगो को मैं सम्हाल लूंगा”
“क्या बात है वंश , आज तुम्हे हमारी बड़ी परवाह हो रही है,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने वंश को प्यार भरा ताना मारते हुए कहा
“आगे जाकर तुम्हे भी तो सब सम्हालना है ना मुन्ना,,,,,,,,!!”,वंश ने एकदम से कहा
“क्या कहा तुमने ?”,मुन्ना ने पूछा
“अरे कुछ नहीं मैं बस कह रहा हूँ ‘गौरी को थोड़ा टाइम दो’ कल सुबह वैसे भी तुम्हे बनारस जाना है।”,वंश ने कहा
“ठीक है थैंक्यू ! हम रखते है,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने कहा
“हाँ हाँ ठीक है , भाभी को मेरा हेलो कहना,,,,,,,,,,बाय”,वंश ने कहा और फोन काट दिया
वंश ने फोन काटा और खुद से ही कहा,”मुन्ना तो आज शाम गौरी के साथ बिजी है,,,,,,,,,,,,लेकिन मैं इन लोगो के साथ आज रात खाने पर नहीं जाऊंगा,,,,,,,बिल्कुल नहीं,,,,,,,,काशी से बात करता हूँ उसके और अंजलि के साथ मैं बाहर जा सकता हूँ,,,,,,,,,वैसे भी क्लब गए कितने दिन हो गए,,,,,,,,,काशी पूछता हूँ”
वंश काशी को ढूंढने लगा। ढूंढते ढूंढते वह काशी के कमरे में आया तो देखा काशी और अंजलि दोनों तैयार हो रही थी।
वंश ने उन्हें देखा और कहा,”अरे वाह तुम दोनों तो पहले से तैयार हो , तो फिर कहा चल रहे है हम लोग ?”
“कौन हम लोग सिर्फ मैं और काशी दी जा रहे है , शक्ति जीजू से मिलने,,,,,,,,,,,!!”,अंजलि ने चहकते हुए कहा
काशी ने उसे चुप रहने का इशारा किया और वंश की तरफ पलटकर कहा,”वंश भैया ! दरअसल वो शक्ति ने हमे घर बुलाया है उसे हम से कुछ जरुरी बात करनी थी तो हमने सोचा क्यों ना हम अंजलि को भी अपने साथ ले जाए,,,,,,,,,,हम जाए न ?”
वंश ने सुना तो बेचारे की सारी एक्साइटमेंट ही खत्म हो गयी और उसने मायूसी भरे स्वर में कहा,”हाँ ठीक है,,,,,,,,,,!!”
“थैंक्यू,,,,,,,,,,,अंजलि चलो , हम देर हो जाएगी”,काशी ने अपना दुपट्टा उठाया और गले में डालते हुए कहा। अंजलि ने भी अपना फोन और बैग उठाया और वंश को चिढ़ाते हुए वहा से चली गयी।
वंश फिर अकेला हो गया , अब आखरी उम्मीद थी ऋतू और प्रिया वंश ने उन्हें फोन किया लेकिन वो दोनों भी बिजी थी। वंश बिस्तर पर आ गिरा और अपने हाथो को पटकते हुए कहा,”आह्ह ! तुम मुझे अकेला छोड़कर क्यों चली गयी छिपकली ? यहाँ सब अपने आप में बिजी है किसी को मेरी परवाह नहीं है,,,,,,,,,,,,तुम होती तो मुझे कभी मना नहीं करती”
“वंश क्या हुआ तुम ऐसे हाथ पैर क्यों पटक रहे हो ?”,अनु ने कमरे में आते हुए कहा वह वंश के लिए चाय लेकर आयी थी।
वंश उठकर बैठा और मायूसी से कहा,”देखो ना अनु मौसी ! मुन्ना गौरी से मिलने गया है , काशी शक्ति से मिलने गयी है , आप सब लोग डिनर पर जा रहे है और मैं यहाँ अकेला हूँ,,,,,,,,,!!”
अनु ने चाय का कप वंश की तरफ बढ़ाया और कहा,”तो फिर मुन्ना के साथ तुम्हारी शादी भी करवा दे ?”
“नो थैंक्यू ! मैंने बेचारे मुरारी चाचा का हाल देखा है कैसे उनका जीना हराम करती है आप,,,,,,,,,,,,,,,मुझे कोई शादी नहीं करनी”,वंश ने चाय का घूंठ भरते हुए कहा
“चलो अच्छा हुआ,,,,,,,,,,!!”,अनु ने उठते हुए कहा
“इसमें अच्छा क्या है ?”,वंश ने कहा
“अरे वो मुन्ना की सगाई में हमारे एक रिश्तेदार आये थे ना तो उनको अपने बेटे के लिए निशि बहुत पसंद आयी , मैंने सोचा पहले तुम से पूछ लू अब तुम तो शादी ही नहीं करना चाहते तो उनका रास्ता साफ है,,,,,,,,,,,!!”,अनु ने कमरे से जाते हुए कहा
“हहहह क्या ? अरे नहीं , अनु मौसी सुनिए , अरे मेरा वो मतलब नहीं था,,,,,,,,,,,,!!”,कहते हुए वंश ने चाय का कप रखा और अनु के पीछे भागा। उसे शादी नहीं करनी थी लेकिन निशि को किसी और का भी नहीं होने देना था।
शक्ति के घर के हॉल में बैठी नीलिमा और उर्वशी बस ख़ामोशी से घर को देख रही थी। कुछ देर बाद शक्ति हाथो में ट्रे लेकर आया और टेबल पर रखते हुए कहा,”चाय लीजिये,,,,,,,,,हमने मीठा थोड़ा कम डाला है”
“थैंक्यू,,,,,,,,!!”,नीलिमा ने एक कप उठाया और उर्वशी की तरफ बढ़ा दिया और दूसरा खुद लेकर चाय पीने लगी। शक्ति ने अपना कप उठाया और दूसरे सोफे पर आ बैठा। उर्वशी ने देखा शक्ति एक पुलिसवाला होकर भी उन दोनों के साथ इतने अच्छे से पेश आ रहा था उस से रहा नहीं गया तो उसने शक्ति से कहा,”मैंने जॉर्डन को नहीं मारा,,,,,,,,,,,!!”
“हम जानते है”,शक्ति ने शांत स्वर में कहा तो उर्वशी ने हैरानी से पहले नीलिमा की तरफ देखा और फिर शक्ति को देखने लगी
“उर्वशी हम जानते है तुमने जॉर्डन को नहीं मारा पर तुम ये जानती हो कि जॉर्डन को किसने मारा ? तुम उन लोगो के बारे में बहुत कुछ जानती हो उर्वशी,,,,,,,,,,,अगर तुम हमे सब बता दोगी तो हम वादा करते है , हम तुम्हारी बेटी को कुछ नहीं होने देंगे और कानून से तुम्हारी सजा भी कम करवा देंगे,,,,,,,!तो क्या तुम हमारा साथ दोगी ?”,शक्ति ने गंभीरता से पूछा
उर्वशी सोच में पड़ गयी अब तक उसने जिन लोगो के लिए काम किया उन्ही लोगो ने आज उसे दर दर भटकने के लिए मजबूर कर दिया। नीलिमा ने अपना हाथ उर्वशी के हाथ पर रखा तो उर्वशी ने धीरे से हामी में गर्दन हिला दी। शक्ति मुस्कुराया और अपनी चाय पीने लगा।
चाय पीने के बाद शक्ति ने उर्वशी का ब्यान नोट किया और कहा,”बहुत जल्द वो लोग सलाखों के पीछे होंगे उर्वशी,,,,,,,,,,,,तुमने हमारी मदद करके हम पर बहुत बड़ा अहसान किया है इसे हम जिंदगीभर याद रखेंगे,,,,,,,,,,,!!”
“मैंने आप पर नहीं बल्कि खुद पर अहसान किया है , ये दिखावे और झूठ की जिंदगी जीते जीते मैं थक चुकी हूँ,,,,,,,,,,,,,,मैं समझ ही नहीं पायी कि इस बाहरी चकाचौंध ने कब मुझे इस दलदल में धकेल दिया ,,
मैं ये सब छोड़कर इन सब से दूर जाना चाहती हूँ,,,,,,,,,मैंने जो किया उसके लिए कानून जो सजा दे मुझे मंजूर है लेकिन विराज चौहान कानून से बचना नहीं चाहिए”
“अब तो वो हमारी नजरो से बचा था क्योकि हमारे पास उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं था लेकिन अब नहीं बच सकता,,,,,,,,,,,,,!!”,शक्ति ने इतना ही कहा तभी दरवाजे पर किसी के आने आहट हुई। तीनो ने एक साथ दरवाजे की तरफ देखा और शक्ति ने कहा,”मोहसिन अंदर आओ”
मोहसिन अंदर चला आया तो शक्ति ने कहा,”ये मोहसिन है हमारा वफादार , हम तुम्हे और नीलिमा को यहाँ नहीं रख सकते क्योकि चौहान शांत नहीं बैठेगा वो कोई ना कोई चाल जरूर चलेगा,,,,,,,,,,,और हम तुम दोनों की जिंदगी को खतरे में नहीं डाल सकते,,,,,,,,,,,,इसलिए तुम दोनों मोहसिन के घर रहोगी , मोहसिन को डिपार्टमेंट में ज्यादा लोग नहीं जानते चौहान और उसके आदमी इस तक नहीं पहुँच पाएंगे,,,,,,,,!!”
शक्ति की बात सुनकर उर्वशी नीलिमा को देखने लगी तो मोहसिन ने कहा,”घबराईये मत ये मेरी छोटी बहन की तरह है और आप माँ जैसी है आपको वहा किसी तरह की परेशानी नहीं होगी,,,,,,,,,,,,!!”
नीलिमा ने हामी ने सर हिला दिया। कुछ देर वह रुकने के बाद उर्वशी नीलिमा और मोहसिन के साथ वहा से निकल गयी,,,,,,,,,,,,!
आज काशी घर आने वाली थी इसलिए शक्ति बिखरे हुए घर को समेटने लगा और फिर फ्रेश होकर काशी का पसंदीदा शर्ट पहन लिया। दरअसल मुन्ना और गौरी की सगाई के बाद शक्ति काशी से मिलना तो दूर उस से बात तक नहीं कर पाया था। वह कुछ पल सुकून के बिताना चाहता था इसलिए उसने आज खुद ही काशी को घर आने के लिए कहा। शक्ति ने घडी देखी काशी के आने का वक्त हो चुका था। वह अपना लेपटॉप लेकर हॉल में ही आ बैठा और काम के साथ साथ काशी का इंतजार करने लगा।
गौरी के घर बाहर अपनी गाडी में बैठे मुन्ना ने हार्न बजाया तो गौरी ने बालकनी से झांककर कहा,”बस दो मिनिट में आयी”
मुन्ना ड्राइवर सीट पर बैठा गौरी का इंतजार कर रहा था। सजने सवरने में ज्यादा विश्वास ना करने वाला मुन्ना आज बार बार शीशा देख रहा था , कभी अपनी दाढ़ी सेट करता , कभी अपने बाल , कभी शीशे में देखकर मुस्कुराता तो कभी शर्माता , मुन्ना गौरी से मोहब्बत करता था ये बात तो हर कोई जानता था पर कितनी करता है ये सिर्फ मुन्ना जानता था।
कुछ देर बाद गौरी अपना फोन और बैग सम्हाले गाड़ी की तरफ आयी मुन्ना ने अपने साइड में लगे मिरर में गौरी को आते देखा। आज फिर गौरी ने सफ़ेद रंग का अनारकली सूट पहना था जिसका दुपट्टा भी सफेद ही था। खुले लहराते बाल और कानों में झूलते बड़े बड़े झुमके मुन्ना शीशे से अपनी नजरे ही नहीं हटा पाया ,,, जैसे जैसे गौरी चलते गयी वैसे वैसे मुन्ना की नजरे गौरी का पीछा करते हुए उसके साथ चली आयी। गौरी ने गाड़ी का दरवाजा खोला और अंदर बैठते हुए कहा,”सॉरी वो थोड़ा सा टाइम लग गया”
मुन्ना बस अपना दिल थामे सामने देख रहा था उसने गौरी को देखा भी नहीं , गौरी ने ध्यान नहीं दिया और अपने बाल सही करते हुए कहा,”कैसी लग रही हूँ ?”
मुन्ना ने सुना तो एक गहरी साँस ली और सामने देखते हुए कहा,”बहुत सुन्दर”
“अरे ये क्या बात हुई तुमने मुझे देखा तक नहीं और बहुत सुंदर,,,,,,,,,,,,इधर देखो तुम्हारे लिए तैयार होने में मैंने पुरे 2 घंटे लगाए है,,,,,,,,,,,एटलीस्ट मैं तारीफ के दो शब्द तो डिजर्व करती हूँ ना,,,,,,!!”,गौरी ने मचलते हुए कहा
बेचारा मुन्ना एक तो गौरी को अपने पसंदीदा रंग में देखकर वैसे ही घायल हो चुका था और अब गौरी उसे अपनी तरफ देखने को बोल रही थी और चाह रही थी मुन्ना उसकी तारीफ करे। मुन्ना अपना दिल थामे गौरी की तरफ पलटा और अपनी झुकी हुई पलकें उठाकर गौरी को देखा तो बस देखता ही रह गया।
आँखों में गहरा काजल , होंठो पर हल्का लाल रंग , ललाट छोटी काली बिंदी और गले में मुन्ना का दिया चैन था , आज गौरी ने हाथो में चुडिया भी पहनी थी।
सफ़ेद रंग में वो और भी ज्यादा प्यारी और खूबसूरत लग रही थी।
“क्या हुआ ? तारीफ करो ना,,,,,,,,,,,,,!!”,गौरी ने मुन्ना को खोये हुए देखा तो कहा
मुन्ना की तंद्रा टूटी और उसने कहा,”तुम जानती हो गौरी हम अपनी भावनाये जाहिर करने के मामले में बहुत बेकार है,,,,,,,,,,!!”
“पता था मुझे यही कहोगे,,,,,,,,,,,हुह”,गौरी ने नाराज होकर मुँह खिड़की की तरफ घुमा लिया मुन्ना हल्का सा मुस्कुराया और गाड़ी आगे बढ़ा दी।
वह इस वक्त गौरी से अपनी भावनाये जाहिर नहीं कर सकता था लेकिन गाडी में लगा म्यूजिक सिस्टम कर सकता था। मुन्ना ने बहुत ही प्यारा सा गाना चला दिया
“जो देखे एक बार को , पलट के बार बार वो , खुदा जाने क्यों तुझे देखने लगता है
सच बोलू ईमान से , खबर है आसमान से , है हैरत में चाँद भी तुझको ताकता है
कोई इतना खूबसूरत , कोई इतना खुबसुरत , कैसे हो सकता है ?”
गौरी ने जैसे ही सूना मुन्ना की तरफ देखा , मुन्ना ने उसे ऊपर लगे डेशबोर्ड को नीचे करने का इशारा किया तो गौरी ने डेशबोर्ड नीचे किया और गुलाब के फूलों की ढेर सारी पंखुडिया गौरी की गोद में आ गिरी। गौरी ने जब ये देखा तो ख़ुशी से उसका चेहरा खिल उठा
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संजना किरोड़ीवाल


Awasome ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Superb ❤️❤️😘❤️🧡❤️❤️
Munna ❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Ye sb sirf kahani me hi kyu hota hai , real me kyu nhi hota hai ❤️🧡🧡🧡🧡🧡🧡❤️
Wha…aaj to dono taraf (Shakti-Kashi aur Munna-Guri) pyar ki barish ho rahi hai… Munna-Guri ki pyar wali barish suru ho chuki hai aur Shakti-Kashi ki pyar wali barish jaldi suru hogi…bas unn dono k bech m Anjali na aaye…khar na jane kyu iss mohosin pe yakeen nhi krne ka Maan kar Raha hai…quki Shakti ko uske department k sab logo ne dhoka Diya hai…kya ab mohosin bhi unn m se ek hoga