“मैं तेरी हीर” – 14
Main Teri Heer – 14
Main Teri Heer – 14
अगली सुबह मुन्ना , काशी और वंश जल्दी उठ गए। वंश का मन तो नहीं था वापस जाने का लेकिन दिवाली का त्यौहार था इसलिए सबको घर जाना था। अधिराज जी और अम्बिका ने तीनो को खूब सारे तोहफे दिए , अपने नाना-नानी का प्यार पाकर तीनो बहुत खुश थे। मुन्ना ने वंश से तीनो के बैग गाड़ी में रखने को कहा। सुबह सुबह ठण्ड थी इसलिए वंश ने हुडी पहन रखा था और सर को उसकी केप से ढक रखा था। मुन्ना ने भी जींस शर्ट और अपना गर्म स्वेटर पहन लिया। काशी ने सलवार सूट और उस पर गर्म कोट पहन रखा था। गले में दुपट्टे के जगह गर्म स्कार्फ डाल रखा था। उसके गोरे गाल ठण्ड में और लाल हो जाते थे। काशी ने अधिराज जी और अम्बिका के पैर छुए और सामान रखवाने में वंश की मदद करने लगी। मुन्ना अधिराज जी और अम्बिका के पास आया और उनके पैर छूते हुए कहा,”नानी माँ नानाजी आप दोनों भी हमारे साथ बनारस चलिए ना , कब तक यहाँ अकेले रहेंगे ? वहा सब है माँ पापा , बड़े पापा बड़ी माँ , आई बाबा हम सब ,,, सब साथ रहेंगे”
“मुन्ना वो हमारी बेटी का ससुराल है ऐसे वहा रहना अच्छा नहीं लगता लेकिन हां तुम्हारी , वंश और काशी की शादी में हम दोनों जरूर आएंगे”,अधिराज जी ने बड़े ही प्यार से कहा
“वंश थोड़ा नादान उसका ख्याल रखना बेटा और हां अपना और काशी का भी , घर पहुँचते ही फोन कर देना। रास्ते में खाने के लिए मैं खाना पैक करके गाड़ी में रखवा दिया है वक्त से खा लेना और हां गाड़ी आराम से चलाना”,अम्बिका ने कहा
मुन्ना उनके पास आया और उसके शिथिल पड़ चुके हाथो को अपने हाथो में लिया और कहने लगा,”बनारस जाकर सबसे ज्यादा आपके हाथो से बने खाने को मिस करेंगे नानी माँ ,, वैसे पापा कह रहे थे की दिवाली के बाद काशी को छोड़ने वही आएंगे तब आप दोनों से मिलकर जायेंगे”
“शिवम् जी और सारिका से कहना वे भी आ जाये , काफी दिन हो गए है उनसे मिले हुए”,अम्बिका ने प्यार से मुन्ना का गाल छूकर कहा
“जरुर नानी माँ , अब हम चलते है अपना और नानाजी का ख्याल रखियेगा”,मुन्ना ने मुस्कुराते हुए कहा और फिर दोनों के साथ घर से बाहर चला आया।
ठंड होने की वजह से वंश ने गाड़ी का कवर लगा दिया। मुन्ना आकर ड्राइवर सीट पर बैठ गया , वंश उसके बगल में आ बैठा और काशी उन दोनों के पीछे वाली सीट पर आराम से बैठ गयी। तीनो ने अधिराज जी और अम्बिका को देखकर हाथ हिलाया और वहा से चले गए। उन्हें जाता देखकर अम्बिका की आँखे नम हो गयी। अधिराज जी ने देखा तो अम्बिका को अपने सीने से लगाते हुए कहा,”अरे अरे ये क्या अम्बिका ? बच्चे वापस आ जायेंगे”
“जब तक तीनो इस घर में थे घर कितना भरा भरा लगता था , काशी की खिलखिलाहट , वंश की शैतानिया और मुन्ना का बार बार भावुक होकर मेरे हाथो को थामना। इस बार इन बच्चो ने ढेर सारी खूबसूरत यादें दी है , उनकी बहुत याद आएगी”,अम्बिका ने अपनी नम आँखों को पोछते हुए कहा
“हां लेकिन दिवाली के बाद तो काशी वापस आ रही है ना और तुम्हे तो खुश होना चाहिए की इस बार काशी के साथ हमारी दोनों बेटियां और दामाद भी आएंगे। चलो अंदर चलो आज मैं तुम्हारे लिए चाय बनाता हूँ”,अधिराज जी ने मुस्कुराते हुए कहा और अम्बिका को अंदर ले आये
“आप चाय बनाएंगे ?”,अम्बिका ने हैरानी से कहा
“हां अब हम दोनों का दूसरे के अलावा है ही कौन अम्बिका ? जीवन के इस आखरी पड़ाव में साथ मिलकर एक दूसरे का सहारा बनेंगे”,अधिराज जी ने कहा तो अम्बिका मुस्कुरा उठी।
मुन्ना अपने नाना नानी से दूर जाने से थोड़ा उदास था , वंश को इंदौर में कुछ दिन और रुकना था लेकिन शिवम् का ख्याल आते ही उसने अपने सारे ख्याल बदल डाले। मुन्ना की बगल में बैठा वह इंदौर की सुबह की खूबसूरती को देख रहा था। काशी पीछे बैठी सो रही थी। रात में देर से सोने और सुबह जल्दी उठने की वजह से उसकी नींद जो पूरी नहीं हुई थी। मुन्ना गाडी चलाते हुए गौरी के बारे में सोचने लगा वह अभी भी उलझन में था। गौरी के बारे में मुन्ना कुछ नहीं जानता था हालाँकि काशी और वंश के मुंह से मुन्ना गौरी का नाम जरूर सुन चुका था लेकिन उसे नहीं पता था गौरी वही लड़की है जो उस से कॉलेज में टकराई थी। गौरी से मुन्ना की मुलाकात 3 बार हो चुकी थी और यू बार बार मिलना ही मुन्ना को उसकी तरफ खींच रहा था। मुन्ना जानना चाहता था की आखिर वह लड़की कौन थी जिसे देखकर मुन्ना का दिल धड़का , जिसे बार बार देखने के लिए मुन्ना बैचैन हो उठा। मुन्ना सोच में डूबा था वंश ने उसका नाम दो तीन बार पुकारा लेकिन मुन्ना ने ध्यान ही नहीं दिया तो वंश ने उसका कंधा हिलाते हुए कहा,”ओये मुन्ना तुझसे बात कर रहा हूँ मैं”
“हां बोल क्या हुआ ?”,मुन्ना ने अपने ख्यालो से बाहर आते हुए कहा
“कहा खोया है तू ? कबसे आवाज दे रहा हूँ तुझे ?”,वंश ने कहा
“वो हम कॉलेज के इलेक्शन के बारे में सोच रहे थे”,मुन्ना ने पहली बार वंश के सामने झूठ कहा
“इलेक्शन की क्या टेंशन है , तू ही जीतेगा देखना बाकि एक बार इलेक्शन हो जाये उसके बाद उस राजन को देखता हूँ मैं”,वंश ने कुछ सोचते हुए कहा
“कुछ नहीं देखोगे तुम , खामखा उस से दुश्मनी को बढ़ाना सही नहीं है वंश। बात अगर घर तक पहुंची तो भूचाल आ जाएगा क्योकि राजन कोई और नहीं बल्कि प्रताप का लड़का है और उनसे पापा और बड़े पापा की पहले से अनबन है। अपने गुस्से को ना थोड़ा काबू में रखो और अपना ध्यान पढाई में लगाओ”,मुन्ना ने सख्त हिदायत देते हुए कहा
“यार मुन्ना तू ना डरता बहुत है , राजन जैसे लौंडो से निपटना तो मेरे बांये हाथ का खेल है”,वंश ने चौडाते हुए कहा
“क्यों गुंडे हो तुम ?”,मुन्ना ने घूरते हुए कहा
“तुमको हम गुंडे दिखते है ? अबे पर्सनालिटी देखो हमारी ,, एक स्माइल कर दे ना तो कॉलेज की आधी लड़किया बेहोश हो जाएगी। बाकि देखो हमारा एक रूल है जो प्यार से ना समझे उसे समझाओ उसी की भाषा में और राजन सीधी भाषा में समझने वाला है नहीं,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“तुम्हारी पर्सनालिटी देखकर ही कह रहे है बेटा , अगर ऐसा ही रहा तो कल को लड़किया बेहोश जरूर होंगी लेकिन तुम्हारा गुस्सा देखकर। हमारी बात मानो और पढ़ाई में ध्यान दो”,मुन्ना ने कहा
“इस टॉपिक पर हमें तुमसे बहस करनी ही नहीं है यार , अच्छा आगे चलकर कही जीप रोको ना कुछ खा पी लेते है”,वंश ने पसरते हुए कहा
“हम्म्म ठीक है”,मुन्ना ने कहा और गाड़ी आगे बढ़ा दी।
जीप “देवास” आकर रुकी। सूरज निकल आया था और उसकी हल्की किरणे बहुत ही सुहावनी लग रही थी। मुन्ना जीप से नीचे उतरा और काशी को उठाया। काशी भी उबासी लेते हुए जीप से नीचे उतरी। वंश नीचे आकर अंगड़ाई लेने लगा। तीनो सामने बने होटल में चले आये। अंदर ठंड थी इसलिए तीनो बाहर पड़े टेबल के पास ही आकर बैठ गए। काशी ने अपने हाथो को समेट कर टेबल पर रखा और सर टिका लिया। उसकी भूरी आँखों उस वक्त बहुत प्यारी लग रही थी। वंश वहा बैठा आस पास की चीजों को देखने लगा। मुन्ना ने मुंह धोया और फिर होटल वाले से तीन चाय भिजवाने को कहा। चाय का बोलकर मुन्ना वापस जीप के पास आया उसने देखा अम्बिका ने उन लोगो के खाने के लिए ढेर सारा खाना रखा है। मुन्ना ने गाड़ी में रखा हॉटपॉट उठाया और खोला तो एक खुशबु उसकी नाक को छूकर गुजरी।
हॉटपॉट में गर्मागर्म पोहा रखा हुआ था , हॉटपॉट में रखे जाने की वजह से जो अभी तक गर्म था। मुन्ना खुश हो गया अम्बिका तो उन लोगो के साथ नहीं थी लेकिन उनके हाथो से बना खाना जरूर था। मुन्ना ख़ुशी ख़ुशी हॉटपॉट वंश और काशी की तरफ ले आया और टेबल पर रखते हुए,”वंश काशी देखो नानी माँ ने हमारे लिए क्या भेजा है ?”
ढक्कन हटाते हो काशी और वंश की नजर जब हॉटपॉट में रखे पोहा पर गयी तो दोनों की तबियत खुश हो गयी। इंदौर में पोहा बहुत ही चर्चित है और इंदौरी पोहा की तो बात ही कुछ अलग है। चाय आ गयी , मुन्ना ने लड़के से तीन प्लेट और चम्मच भी लेकर आने को कहा। लड़का कुछ देर बाद प्लेट और चम्मच रखकर चला गया। तीनो ने अपनी अपनी प्लेटो में परोसा और बैठकर खाने लगे। सुबह का नाश्ता वो भी इतना अच्छा तीनो के चेहरे की ख़ुशी बता रही थी की तीनो बहुत खुश थे। नाश्ते के बाद वंश ने बिल पे किया और तीनो वापस जीप में आ बैठे। जीप एक बार फिर आगे बढ़ गयी। सफर लंबा था वंश और काशी ऊँघने लगे , उन्होंने अपने अपने जैकेट हुडी निकालकर रख दी। वंश ने अपना फोन म्यूजिक सिस्टम से कनेक्ट किया और गाने बजाने शुरू कर दिए।
तीनो गाने सुनते हुए मस्ती में चले जा रहे थे। दोपहर का खाना तीनो ने किसी झील किनारे बैठकर खाया। काशी तो बहुत खुश थी मुन्ना और वंश भैया की वजह से उसे इतना बाहर घूमने को जो मिल रहा था वरना उसे कम ही बाहर जाने दिया जाता था। खानाखाकर तीनो कुछ देर के लिए वही झील किनारे बैठकर सुस्ताने लगे और फिर अपनी मंजिल की और चल पड़े। शाम के समय गाड़ी आकर एक लॉज के सामने आकर रुकी वह जगह मुन्ना को अच्छी लगी उसने उतरते हुए कहा,”थोड़ी देर यहाँ रुकते है”
“मुन्ना भैया जगह तो बहुत खूबसूरत है ये”,काशी ने भी चारो और देखते हुए कहा
“होगी क्यों नहीं काशी अपना उत्तर-प्रदेश है ये , मुन्ना वहा चलकर बैठते है”,वंश ने सामने पड़ी कुर्सियों की तरफ इशारा करके कहा जो की देखने में बहुत ही खूबसूरत नजर आ रही थी। लॉज में बना होटल बहुत अच्छा था , उसके आस पास छोटी छोटी छतरी नुमा सेट अप लगा हुआ था जिनके नीचे कुर्सी टेबल लगे थे। मुन्ना काशी वंश जहा बैठे थे वहा से कुछ ही दूर पर सामने तीन चार लोग रंग बिरंगे कपड़ो में बैठे सारंगी बजा रहे थे और दो लड़किया बहुत ही प्यारी ड्रेस और गहने पहने डांस कर रही थी। काशी को ये सब देखकर बहुत अच्छा लगा वह प्यार से उन्हें देखने लगी। चाय आयी मुन्ना और वंश चाय पीने लगे। वंश को ये सब देखने में कोई खास दिलचस्पी नहीं थी इसलिए वह बैठकर अपना फोन चलाने लगा। काशी को अपनी ओर देखता पाकर डांस करने वाली लड़कियों में से एक लड़की काशी के पास आयी और उसे आकर डांस करने का इशारा किया। काशी उठकर उसके साथ चली गयी। शाम की लालिमा में उन लड़कियों के बीच डांस करते हुए करते हुए काशी बड़ी प्यारी लग रही थी। मुन्ना ने देखा तो वंश का कंधा थपथपा कर उसे काशी की ओर देखने का इशारा किया। वंश ने देखा तो वह भी अपना फोन छोड़ काशी को देखने लगा। काशी की खूबसूरती ढलती शाम में सोने सी चमक रही थी। मुन्ना और वंश दोनों ही मुस्कुराते हुए काशी को देख रहे थे।
काशी ने जब दोनों को मुस्कुराते हुए देखा तो उनके पास चली आई और कहा,”वंश भैया , मुन्ना भैया आप दोनों भी चलिए ना”
“अरे नहीं काशी मुझे नहीं आता डांस”,वंश ने कहा
“मुन्ना भैया आप तो चलिए , सच में बहुत मजा आएगा”,काशी ने जिद करते हुए कहा।
मुन्ना उठा और काशी के साथ चला गया , डांस तो उसे भी नहीं आता था बस अपनी प्यारी बहन का हाथ पकड़कर उसके साथ नाचता रहा। वो धुन बहुत प्यारी थी जो सारंगी पर बज रही थी उसी के साथ ढोल भी जिस से माहौल और भी खुशनुमा हो चला था। वंश अपने फोन से काशी और मुन्ना का विडिओ बना रहा था तभी एक लड़के ने आकर उसके कंधे पर अपनी कोहनी टिकाते हुए कहा,”का सही जोड़ी है दोनों की मतलब बवाल”
वंश ने सूना तो उसकी त्योरिया चढ़ गयी। एक तो अनजान आदमी उसके कंधे पर कोहनी टिकाये खड़ा है ऊपर से बात भी गलत कर रहा है। वंश ने विडिओ बनाना बंद किया और फोन जेब में रखकर बहुत ही शांत तरिके से आदमी की ओर पलटा और एक कंटाप मारते हुए धीरे से कहा,”साले बहन है हमारी और वो भाई है हमारा ,, ज्यादा बकैती की ना तो यही पेल देंगे समझे”
“स स समझ समझ गए भैया”,लड़के ने कहा और वहा से खिसकने में ही अपनी भलाई समझी।
वंश ने मुन्ना और काशी को आने का इशारा किया। तीनो वापस जीप की ओर बढ़ गए। तीनो आकर जीप में बैठे इस बार काशी मुन्ना के बगल में थी वंश पीछे सीट पर। तीनो एक बार फिर अपनी मंजिल की ओर चल पड़े।
अगले दिन सुबह के 6 बजे जीप बनारस पहुंची। वंश पीछे मस्त सो रहा था , काशी और मुन्ना जगे हुए थे। अब तक गाड़ी चलाकर मुन्ना काफी थक चुका था। जीप जैसे ही अस्सी घाट के सामने से गुजरी काशी ने कहा,”मुन्ना भैया क्यों ना घर जाने से पहले घाट के दर्शन किये जाये”
“विचार तो अच्छा है काशी लेकिन बिना नहाये मंदिर नहीं जा पाएंगे हम लोग”,मुन्ना ने कहा
“हां तो हम लोग मंदिर नहीं जायेंगे बाहर से ही महादेव के दर्शन कर लेंगे , बाकि बिना नहाये घाट की सीढ़ियों पर तो जा सकते है”,काशी ने कहा
“हां ठीक है चलो चलते है”,कहते हुए मुन्ना ने देखा वंश सो रहा है तो उसने काशी से कहा,”ये महाशय तो जायेंगे नहीं , इसे यही सोने देते है”
“ठीक है चलिए”,काशी ने जीप से उतरते हुए कहा
मुन्ना काशी के साथ घाट की सीढ़ियों पर चला आया। सुबह का वक्त उस पर ठंडी हवाएं , माहौल में एक अलग ही सुकून और शांति फैली थी। पक्षियों के चहचाने की मधुर आवाज , वहा आस पास घूमते लोग जिनके चेहरे मुस्कराहट और सुकून से भरे थे , गंगा के पानी में गोते लगाते बच्चे और माहौल में फैली धुप लौ की खुशबु काशी ने ये सब देखा तो उसका चेहरा ख़ुशी से खिल उठा। वह कुछ सीढिया उतरकर नीचे आयी और अपने हाथ हवा में फैलाकर एक गहरी साँस लेते हुए कहा,”बनारस की बात ही कुछ अलग है मुन्ना भैया , कितने भी शहर घूम ले जो सुकून यहाँ है वो कही नहीं”
“यही बात तो हम तुम्हे और वंश को समझाना चाहते है काशी की बनारस सिर्फ शहर नहीं बल्कि इश्क़ है , जो सीधा सांसो में उतरता है”
“वैसे आपको कभी हुआ है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,इश्क़ ?”,काशी ने शरारत से पूछा
“हमे लगता है हमे अभी चलना चाहिए,,,,,,,,,,,,,!!”,मुन्ना ने काशी की बात को टालते हुए कहा और वापस जाने के लिए मुड़ गया। कुछ सीढिया चढ़ा की काशी की आवाज उसके कानो में पड़ी “मुन्ना भैया बनारस की हवा में भी इश्क़ बहता है , आप तो खुद को तो रोक लेंगे पर इस हवा को कैसे रोकेंगे ?”
मुन्ना ने सूना तो पलटा और देखा काशी वही खड़ी उसे देखकर मुस्कुरा रही है।
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क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 15
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संजना किरोड़ीवाल
Sahi kaha kashi ne banaras ki hawa me ishq hai .har hat mahadev . 🙏
Sahi kaha kashi ne banaras ki hawa me ishq hai .har har mahadev . 🙏
As always superb superb superb superb superb superb superb superb superb part of the day 👌👌👌👌👌 eagrly waiting for the next 👌👌👌👌 thanks thanks mam hme itni achhi aur behtreen story dene k liye 🌹🌹🌹🌹
Phir se name save hai rajendra ka and email id v….. beautiful part
Nice chapter 🥰
Mai to in tino ke love story ka wait kar rhi hu banaras ☺️ mohabbat ho gai hai yaar is Shahr se 😘😘😘😘
Yeh ta line bhut achchi hai,bnaras ki hwa meet n bhi ishq behta hai, oooosssssmmmmm
Mam aap ka yeh episode you tube nahi aaya
Asa kyu ?
Kay apka account band kar diya
Pls mam reply karna please please please 🙏🙏🙏
nice part…. ❤❤❤❤❤
Very beautiful
Ye lines kav nhi vulte hum….🤘🤘🤘🤘💕💕💕💕beautiful story line
Wese sahi kaha aapne indore ka poha bhut famous h, ya fir indore khane pine k liye hi famous h koi bhi kisi bhi tarah ki khane ki chiz bhut hi acchi milti h waha pe. Kashi bhut hi cute h aj aisa laga munna or kashi mere samne dance kar rahe hai.
Bhutt hi khoobsurat part❤️❤️❤️
superb part…
Bhut hi khoovsurat part tha hme bhi banaras se pyaar hota ja rha h pta nhi hm kb dekh paayenge banaras ko
Sach hae banarash ki hawa mae ishq bheta hae or maan ko sukun
महादेव कभी बुलाए तो जाए ना हम भी बनारस…ना महादेव बुलाते और ना ही हम जा पाते बनारस… पता नहीं कब मौका मिलेगा बनारस जाने का…फिलहाल तो मुन्ना, काशी और वंश की बातों से ही बनारस घूम लेते है…
Mst part
Nice story
Nice part ☺️
bht bht khoobsurat mam lajawab brilliant part dil khush ho gya pdke
Bhut hi khubsurat part tha superb mam ♥️
Munna or gauri ka milna kese hoga
Munna ki habbits puri Shivam kie jese hi hai