“मैं तेरी हीर” – 11
Main Teri Heer – 11
Main Teri Heer – 11
इंदौर , मध्य प्रदेश
विजय नगर से निकलकर काशी , मुन्ना और वंश पहुंचे “गोली वडापाव” वाले के पास जो की विजयनगर का फेमस स्ट्रीट फ़ूड वाला था। मुन्ना ने जीप वही पास में खड़ी कर दी। काशी बाहर निकल कर गाडी के बोनट पर आ बैठी और वंश उसके बगल में खड़ा हो गया। मुन्ना गाड़ी से उतरकर खाने का सामान लेने चला गया। वंश काशी के साथ अपने फोन में सेल्फी ले रहा था। मुन्ना ने तीनो के लिए गर्मागर्म खाना आर्डर किया और कुछ देर बाद प्लेटे लेकर वंश काशी के पास चला आया। तीनो बाते करते हुए खाना खाने लगे। खाते खाते अचानक मुन्ना के कानो में गौरी के कहे वो शब्द गूंजे “”ओह्ह हैलो देखकर नहीं चल सकते क्या ? और ऐसे घूर क्या रहे हो ?””
मुन्ना सोच में डूब गया , क्या गौरी सच में वही लड़की थी जिस से मुन्ना सुबह मिला था ? मुन्ना को सोच में डूबा देखकर वंश ने काशी को इशारा किया। काशी ने मुन्ना के सामने हाथ हिलाया और कहा,”मुन्ना भैया क्या हुआ कहा खो गए आप ? बनारस की याद आ रही है”
“नहीं ऐसा कुछ नहीं है”,मुन्ना ने झेंपते हुए कहा
वंश ने सूना तो खाते हुए कहा,”बनारस ना हो गया इनकी महबूबा हो गयी , पता है काशी पापा की तरह मुन्ना भी घाट पर जाकर बैठने लगा है”
“हाँ लेकिन पापा तो माँ के इंतजार में वहा जाते थे मुन्ना भैया किसके लिए जाते है ?”,काशी ने थोड़ा शरारत से कहा
“मुरारी चाचा से बचने के लिए”,कहते हुए वंश जोर जोर से हसने लगा
“इंदौर आने के बाद कुछ ज्यादा ही शैतान हो गयी हो काशी , (वंश की गर्दन पकड़ते हुए) और तुम,,,,,,,,,,तुम्हे तो हम बनारस जाकर देख लेंगे बेटा”,मुन्ना ने कहा
“मुन्ना भैया वैसे आपने हमारे सवाल का जवाब नहीं दिया”,काशी ने प्यार से मुन्ना को देखते हुए कहा
“काशी अगर ऐसी कोई बात हुई तो हम सबसे पहले तुम्हे आकर बताएँगे”,मुन्ना ने कहा
“और वंश भैया आप ? आपको कोई पसंद आयी या नहीं ? वैसे बनारस की लड़किया भी बहुत खूबसूरत है”,काशी ने कहा
काशी की बात सुनकर वंश की आँखों के आगे “गौरी” का चेहरा आ गया जब उसने कहा “अब जान पहचान हो गयी है तो मुलाकातें भी होती रहेंगे” उस बात को याद कर वंश सहसा ही मुस्कुरा उठा और कहा,”पसंद तो नहीं आयी है पर लगता है जल्दी आ जाएगी”
“हम तो इस बात से ही खुश है की हमारी दो दो भाभियाँ होंगी , हम तो उन्हें खूब परेशान करने वाले है”,काशी ने खुश होकर कहा
“वैसे तुम चाहो तो प्रिया ऋतू में से किसी एक को मुन्ना के लिए सेट कर सकती हो”,वंश ने मुन्ना की तरफ देखकर शरारत से कहा तो मुन्ना उसकी तरफ लपका लेकिन वंश उसे चिढ़ाते हुए उसके आगे आगे भागने लगा। काशी उन दोनों को बच्चो की तरह झगड़ते देख रही थी और मुस्कुरा रही थी।
“पापा और मुरारी चाचा की तरह आप दोनों का रिश्ता भी बहुत ख़ास है , आप दोनों हमेशा ऐसे ही खुश रहे महादेव से हमारी प्रार्थना है”,काशी ने मन ही मन कहा। कुछ देर बाद वंश मुन्ना के हाथ आ गया तो मुन्ना उसका कान पकड़कर उसे काशी के पास लाया और कहा,”बड़े भाई का मजाक उड़ाते शर्म नहीं आती तुम्हे ?”
“कौनसा बड़ा भाई मैं तो तुम्हे तुम्हारी शादी के बाद भी मुन्ना ही बुलाऊंगा सोच लो,,,,,,,,,,!!”,वंश ने कहा
“देखो वंश भैया भले 25 मिनिट बड़े क्यों ना हो मुन्ना भैया रहेंगे तो हमारे भैया ही”,काशी ने कहा
“हाँ समझाओ इस गधे को कुछ”,मुन्ना ने वंश का कान छोड़ते हुए कहा
“इस जन्म में तो मैं तुम्हे भैया नहीं कहने वाला मुन्ना”,वंश ने थोड़ा चिढ़ते हुए कहा
“अच्छा ठीक है गुस्सा मत करो चलो चलते है नाना नानी हम लोगो की राह देख रहे होंगे”,मुन्ना ने कहा तो वंश और काशी जीप में आ बैठे और घर के लिए निकल गए। वंश खुश था इंदौर की सड़को पर रात में घूमना वो भी बिना किसी रोक टोक के , वह अपनी सीट से उठ खड़ा हुआ और हवा में हाथ फैलाकर अपनी ख़ुशी को जाहिर करने लगा। मुन्ना ने देखा तो मुस्कुरा उठा मुन्ना वंश को बहुत अच्छे से जानता था , वंश की सोच , वंश के सपनो से वह अनजान नहीं था। कुछ देर बाद जीप अधिराज जी के घर के सामने आकर रुकी। मुन्ना ने हॉर्न बजाया तो सतीश ने आकर दरवाजा खोल दिया। मुन्ना जीप को अंदर ले आया तीनो नीचे उतरे और अंदर चले आये। रात के 11 बज रहे थे मुन्ना ने देखा अधिराज जी अभी भी जाग रहे है तो वह उनके पास चला आया और उनके सामने पड़ी कुर्सी पर बैठते हुए कहा,”आप सोये नहीं नानाजी ?”
अधिराज जी ने हाथ में पकड़ी किताब को साइड में रखा , आँखों से चश्मा उतारा और मुन्ना की तरफ देखकर कहा,”इस उम्र में नींद कम ही आती है बेटा , घूम आये तुम सब ?”
“हां नानाजी लेकिन यहाँ की चकाचौंध और शोर शराबे में ना जाने क्यों घुटन का अहसास होता है”,मुन्ना ने कहा
“तुम बिल्कुल शिवम् जी पर गए हो बेटा , उन्हें भी ये बड़े शहरो का शोर पसंद नहीं था वह सिर्फ तुम्हारी बड़ी माँ के लिए यहाँ आये थे”,अधिराज जी ने कहा
“अच्छा नानाजी आपसे एक बात पूछे”,मुन्ना ने थोड़ा झिझकते हुए कहा
“हाँ पूछो ना मुन्ना”,अधिराज जी ने कहा
“क्या एक इंसान के दो किरदार हो सकते है ? मान लीजिये जैसे हमारा और वंश का नेचर एक ही इंसान में हो ऐसा हो सकता है क्या ?”,मुन्ना ने पूछा
“देखो मुन्ना इस दुनिया में हम इंसानो ने ना जाने कितने मुखौटे अपने चेहरे पर लगा रखे है , जरूरत के वक्त हम हर बार वो मुखौटा उतार फेंकते है। जैसे तुमने कहा की एक इंसान में दो किरदार का होना,,,,,,,,,,,,,,ये आम बात है बेटा वक्त और परिस्तिथियों के अनुसार इंसान अपना किरदार बदलता रहता है वैसे तुमने अचानक ये क्यों पूछा ?”,अधिराज जी ने कहा
“कुछ नहीं नानू बस ऐसे ही हमे नयी नयी चीजे जानने का शौक है ना इसलिए , अच्छा रात बहुत हो गयी है आप जाकर सो जाईये हम भी जाते है”,मुन्ना ने उठते हुए कहा
“मुन्ना”,अधिराज जी ने उठते हुए कहा
“जी नानाजी”,मुन्ना ने पलटकर कहा
“तुम अपनी उम्र से कई ज्यादा समझदार हो , मेरा आशीर्वाद है तुम खूब तरक्की करो”,अधिराज जी ने मुन्ना के पास आकर कहा तो मुन्ना प्यार से उन्हें देखने लगा और कहा,”नहीं नानाजी बस किताबो से ज्यादा इंसानो को पढ़ने की कोशिश करते है शायद इसलिए हम ऐसे है”
“जाओ सो जाओ”,अधिराज जी ने कहा और अपने कमरे की तरफ चले गए। मुन्ना भी वंश के पास चला आया और देखा वंश बिस्तर पर पड़े पड़े अपना फोन चलाने में बिजी है ना उसने कपडे बदले ना ही जूते उतारे बस फोन में घुसा हुआ था। मुन्ना कपडे बदलकर , हाथ मुंह धोकर आया और वंश के हाथ से फोन छीनते हुए कहा,”ये क्या तुम हर वक्त फोन में लगे रहते हो , सोशल मिडिया सिर्फ टाइम पास के लिए है वंश इन्हे अपनी जिंदगी का हिस्सा मत बनाओ”
“क्या यार मुन्ना अच्छा खासा लाइव आ रहा था , अच्छा छोड़ आज कितना मजा आया ना पब में”,वंश उठकर बैठ गया
“बोरिंग था वो पब”,मुन्ना ने अपने बालो को सही करते हुए कहा
“तुमसे यही उम्मीद थी मुझे , कितना अच्छा होता अगर पापा काशी के बजाय मुझे यहाँ पढ़ने भेजते तो मैं,,,,,,,,,,,,,,,!!”,वंश ने अपनी बात पूरी भी नहीं की के मुन्ना बोल पड़ा,”तो तू दिनभर कॉलेज की केंटीन में और शाम में इंदौर के किसी पब में पड़ा रहता”
“वेरी फनी,,,,,,,,,,,,,,,,,जिंदगी एक बार मिलती है मुन्ना और मैं वो सब करना चाहता हूँ जो मुझे करना है,,,,,,,,,,,,,,,,,फिर क्या पता मौका मिले ना मिले”,वंश ने दार्शनिक अंदाज में कहा
“तू ना थोड़ा सा बड़े पापा जैसा बन , ताकि लोगो को लगे की तू उनका बेटा है”,मुन्ना ने तकिया लेकर सर के नीचे लगाते हुए कहा
“मुन्ना लोगो के साथ ना एक दिक्कत है , लोग सिर्फ बाहरी चीजों को देखकर हमे जज कर लेते है कभी किसी किरदार को बारीकी से नहीं समझते , अगर समझे तो ये भेदभाव ही ना हो”,वंश ने कहा
“मतलब तेरा कहना है की तुम में बड़े पापा वाले वो सारे गुण है”,मुन्ना ने कहा
“सारे नहीं है लेकिन हां कुछ हो सकते है”,वंश ने भी तकिया उठाकर सर के नीचे लगाते हुए कहा
“हमारे पापा वाले सारे गुण है तुम में”,मुन्ना ने मुस्कुराते हुए कहा
“मैं मुरारी चाचा की तरह बकैती नहीं करता मुन्ना , वैसे भी मैं और मुरारी चाचा है बिंदास जीने वाले लोग सीधी भाषा में किसी को समझ आये तो ठीक वरना अपने तरीके से समझाना जानते है”,वंश ने कहा
“सही है तुम दोनों का भी,,,,,,,,,,,,,,,,,,कल सुबह बनारस के लिए निकलना है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,और कोई बहाने बाजी नहीं”,मुन्ना ने कहा और मुंह फेरकर सोने लगा तो वंश उछलकर उसके सामने आया और कहा,”इतनी जल्दी आज ही तो आये है यार , और देख तूने प्रॉमिस किया था की तू यहाँ कुछ दिन रुकेगा”
“हां लेकिन दिवाली है और फिर काशी को वापस भी तो आना है , जितनी जल्दी बनारस जायेंगे उतने ज्यादा दिन काशी घरवालों के साथ रह पायेगी”,मुन्ना ने कहा
“मुन्ना प्लीज यार पापा फिर से नहीं आने देंगे कल कल रुक जाते है प्लीजजजजजजजजज”,वंश ने रिक्वेस्ट करते हुए कहा
“एक शर्त पर”,मुन्ना ने कुछ सोचते हुए कहा
“मंजूर है”,वंश ने बिना मुन्ना की शर्त सुने ही हां बोल दिया।
“ठीक है कल बताएँगे , अभी सो जाओ”,कहकर मुन्ना ने आँखे मूंद ली और सोने चला गया। वंश भी उसकी बगल में आ लेटा और सो गया !!
बनारस , उत्तर-प्रदेश
खाने के बाद सारिका घूमते हुए वंश के कमरे में आयी। वंश के बिना ये घर कितना खाली खाली लगता था।.सारिका ने कमरे की खिड़कीया बंद कर दी , वंश का बिखरा हुआ सामान उठाकर रखने लगी और फिर उसके बिस्तर की तरफ चली आयी जहा एक फ्रेम में वंश का बहुत ही प्यारा सा फोटो लगा हुआ था। सारिका ने फ्रेम उठाया और वंश की फोटो को प्यार से देखने लगी। उसने अपनी साड़ी का पल्लू उठाया और उस से उस फ्रेम को साफ़ करने लगी। दरवाजे पर खड़ा शिवम् सारिका को देख रहा था कुछ देर बाद उसने अंदर आते हुए कहा,”हम्म्म तो आप यहाँ है , अपने लाडले को मिस कर रही होंगी हैं ना ?”
“आप कब आये ?”,सारिका ने फ्रेम को वापस टेबल पर रखते हुए कहा और शिवम् के पास चली आयी
“जब आप हमारे बेटे की तस्वीर को हाथो में लेकर बड़े प्यार से देख रही थी,,,,,,,,,,,,इतने प्यार से तो आपने कभी हमे भी नहीं देखा”,शिवम् ने कहा
“आपको देखने लिए हमे इन आँखों की जरूरत नहीं है , आपको तो हम बंद आँखों से भी देख सकते है क्योकि आप हमारे मन में समाये है”,सारिका ने शिवम् के कुर्ते पर लगी मिटटी को हाथ से हटाते हुए कहा।
शिवम् ने सारिका के हाथ को थामा और कहने लगा,”सरू पता है आज जब मुरारी के साथ सड़क से गुजर रहे थे तब रस्ते में हमे आप दिखाई दी। आपको ऐसे काम करते देखकर हमे बहुत अच्छा लगता है। इस शहर के बारे में कितना सोचती है आप”
“क्योकि इस शहर ने हमे हमारी जिंदगी के सबसे कीमती इंसान को हमसे मिलाया , और भी बहुत कुछ दिया है इस शहर ने हमे , इस शहर ने हमे नयी जिंदगी दी , जीने की वजह दी , और आप सबका प्यार जो हमारे लिए बहुत अनमोल है”,कहते कहते सारिका की आँखे कुछ नम हो गयी। शिवम् ने देखा तो उसे अपनी बाँहो में भरते हुए कहा,”तो फिर आज शाम हमारे साथ घाट चलेंगी आप ?”
“बिल्कुल”,सारिका ने कहा और मुस्कुराती शिवम् कुछ देर सारिका की आँखों में देखता रहा और फिर कहा,”आप जाकर तैयार हो जाईये फिर थोड़ी देर में चलते है”
सारिका निचे चली आती है , नीचे आकर वह आई को जब बाहर जाने के बारे में बताती है तो आई ख़ुशी ख़ुशी उसे जाने के लिए कह देती है। तैयार होकर शिवम् और सारिका घाट जाने के लिए घर से निकल जाते है। सूर्यास्त का समय था और इस समय घाट पर बैठकर अस्त होते सूरज को देखना बनारस का सबसे खूबसूरत नजारा था। शिवम् का हाथ थामे घाट की सीढ़ियों पर बैठी सारिका ख़ामोशी से अस्त होते सूरज को देख रही थी और शिवम् सारिका की चमकती आँखों को। आज भी वह उतने ही प्यार से सारिका को देखता था। सामने गंगा का पानी शांत और शीतल अपनी लय में बह रहा था। सूर्य अस्त हो चुका था , घाट की लाईटे जल उठी थी , नौका भी आकर किनारे लग चुकी थी। सारिका शिवम् की तरफ पलटी और कहा,”आपसे एक बात पूछे”
“हम्म्म पूछो ना”,शिवम् ने सामने बहते पानी को देखते हुए कहा
“आप बनारस से इतना प्यार क्यों करते है ?”,सारिका ने पूछा
शिवम् ने एक नजर सारिका को देखा और फिर सामने देखते हुए कहने लगा,”बनारस मेरा घर है और ये घाट है उस घर की खिड़किया जहा बैठकर देखा जा सकता है जिंदगी का सच , जहा बैठकर जिया जा सकता है बिता हुआ कल और भुलाई जा सकती है आने वाले कल की चिंता , जिसके एक सिरे पर है जिंदगी तो दूसरे सिरे पर नजर आता है उसी जिंदगी से जुड़ा सच”
सारिका ने सूना तो अपने हाथो की पकड़ शिवम् की बाँह पर मजबूत कर ली और उसके कंधे पर सर टिकाते हुए कहा,”हमे नहीं पता ये जिंदगी कितनी है पर जितनी भी है हम इसे आपके लिए जीना चाहेंगे”
शिवम् ने सारिका के सर को अपने होंठो से छुआ और सामने बहते गंगा के पानी को देखने लगा। जो सुकून बाहर था वही शिवम् के अंदर भी था। बनारस आज भी उतना खूबसूरत नजर आ रहा था और उस से भी खूबसूरत था उसके हाथ में सारिका के हाथ का होना !
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क्रमश – “मैं तेरी हीर” – 12
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संजना किरोड़ीवाल
Aj bhi un dono ka pyar wesa hi jese pehla tha nice part 👍
Sadi k bad bhi pyar m kami bhi aai how cute yr amazing and beautiful part ❤️
Banaras is love❤️❤️❤️ nd credit goes to mam🥰🥰🥰🥰🥰
Very beautiful
Itne saalon k baad bhi dono ka pyaar utna hi khoobsurat h
boring
total time kharab kar diya
wow ap har br kuch aisa likhti h ki word khatam ho jate h nice story mam part is really owsum sarika or shivam ka nischal pyar bht psnd h mujhe bht bht pyar apko mam
Shivam or sarika ka pyar aaj bhi utna hi pavitra or gehra h ek dusre k liye wahi sacchai hai itne saal baad bhi, sch kehte h age is just a number.
संजना जी ये गौरी कब आयेगी कहानी में आगे…
Beautiful part💗
Munna aur Vansh dono ko Gauri se pyaar karne vale hai kya??? 🤔
lovely part….
good part
yha websit ms ek dikkat hai..last jo comment krte hai na unka name and email id auto save ho jata hai..phr bad me 2sre reader ko comment krne time use mita kar phr se likhna hota hai..aur isse privacy ko v dikkt hai qki email id agla kon dekh rha hai pta nhi…Mai RAJSHREE bina erase kiye hue comments kr rhi hu
Lgta h Banaras jana padega ab
Lovely part
Nice part …
dimag ka dahi ho gaya…faltu me
आजकल के युवाओं का जरूरत से ज्यादा सोशल मीडिया में खोए रहना उनके भविष्य को ही बरबाद कर रहा है…मुन्ना गौरी की दो रूपों में खोया है की वो वाकई में क्या है जो उसने पहले देखा वो की बाद में देखा वो ….किसकी लाइफ में आएगी वंश या मुन्ना के ये तो वक्त बताएगा…. हमें भी शहर का शोर शराबा अच्छा नहीं लगता गांव बेहतर लगता है उससे… जहां शांत वातावरण रहती है वहां मन भी शांत रहता है…बनारस तो नहीं गए है लेकिन गंगा की धारा को बहते देखा है ऋषिकेश की गंगा घाट की एक वीडियो क्लिप्स थी उसमे घाट में भजन हो रहा था और इधर गंगा का पानी अपनी लय में कल कल करता बह रहा था बहुत अच्छा लग रहा था उसे देख के आवाज भी एकदम मनमोहक आ रही थी…
Nice part
💓💓💓💓💓💓
Sadi ke etne salo bad bhi en dono ka pyar waise hi hai lovely part
Nice story
As always superb superb superb superb superb superb superb superb part 👌👌👌👌👌
Lovely part ♥️☺️☺️
Es zindagi me ak bar mujhe bhi banaras jana hai maim
Aapki kahaniyo me banaras k bare me pd kr hi banaras se pyaar ho ga hai🥰😍. Hamesha ki tarah ye kahani bhi lajvab hai