Main Teri Heer – 55
Main Teri Heer – 55
फूफाजी के जाने के बाद एक बार फिर किसी ने आकर मुरारी के कंधे को थपथपाया तो बढ़ी धड़कनो के साथ मुरारी पलटा और पाया अंजलि खड़ी थी।
“हाँ बिटिया,,,,,,,,,!!”,मुरारी ने कहा
“छोटे मामाजी आपको वहा हॉल में बुला रहे है , चलिए ना”,कहते हुए अंजलि ने मुरारी का हाथ पकड़ा और उसे वहा से लेकर चली गयी।
मुरारी हॉल में सबके बीच चला आया , मधुबाला यानि किट्टो मौसी वहा नहीं थी ये देखकर मुरारी के दिल को थोड़ी सी राहत मिली,,,,,,,,,,,,,,!! अनु ने मुरारी को सगाई वाली जगह आने को कहा और फिर उसके साथ मिलकर गहनों और शगुन का थाल गौरी की तरफ बढ़ा दिया। गौरी ने थाल लिया और उसे सर से लगाकर पास खड़ी काशी की तरफ बढ़ा दिया। कुछ और रस्मे भी हुई।
“अरे भाई ! गौरी की सगाई है और इतना सन्नाटा अरे भैया कुछो गाना वाना बजाओ,,,,,,,,,,,!!”,रस्मे खत्म होने के बाद गौरी के मामाजी ने कहा
म्यूजिक सिस्टम पर गाना बजा। गौरी की तरफ के रिश्तेदार डांस करने लगे। सभी आकर हॉल में लगे सोफो पर आ बैठे। मुरारी और अनु साथ ही बैठे थे , गाने की धुन पर अनु के पैर थिरक रहे थे। वह जैसे ही जाने की कोशिश करती मुरारी उसे रोक लेता,,,,,,,,,,,,,,,!!
नंदिता ने भी अपनी सहेलियों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर डांस किया। हंसी ख़ुशी का माहौल था लेकिन गौरी के चेहरे पर अभी भी उदासी थी। मुन्ना गौरी को ऐसे नहीं देख पा रहा था उसने पास बैठी गौरी के हाथ पर हाथ रखा तो गौरी ने मुन्ना का हाथ साइड कर दिया। मुन्ना समझ गया गौरी उस से कुछ ज्यादा ही नाराज है वह गौरी से कुछ कहता तभी उसकी नजर सामने चली।
काशी ऋतू प्रिया और गौरी की सहेलिया मुन्ना और गौरी के सामने खड़ी थी और दोनों को साथ डांस करने की जिद करने लगी। मुन्ना ने गौरी की तरफ देखा तो गौरी मुन्ना की तरफ देखकर हल्का सा मुस्कुराई और मुन्ना से उठने का इशारा किया। मुन्ना समझ गया कि गौरी को मनाने के लिये उसे अब सबके सामने डांस करना पडेगा,,,,,,,,,,,,,,,,,!!
बेचारा मुन्ना जो हमेशा चुप चुप और शांत रहता था सबके सामने उसे बहुत शर्म आ रही थी। एक बहुत ही रोमांटिक गाना चलने लगा और मुन्ना गौरी के साथ डांस करने लगा।
मुरारी तो दोनों को साथ देखकर इतना खुश हुआ कि जेब से नोटों की गड्डी निकालकर दोनों पर से वारकर ढोल वाले को थमा दी। सारिका मुस्कुराते हुए मुन्ना और गौरी को देख रही थी और उसके सामने दूसरी तरफ खड़ा शिवम् सारिका को। निशि सारिका के बगल में खड़ी थी और वंश अपने पापा की तरफ निशि ने सामने खड़े वंश को देखा और जैसे ही इशारा किया वंश ने शिवम् को आगे धक्का दे दिया और निशि ने सारिका को,,,,,,,,,,,,,,,,अब मुन्ना और गौरी के साथ शिवम् और सारिका भी वहा थे।
शिवम् सारिका के सामने था और बस उसकी आँखों में देखे जा रहा था। सबने उन्हें डांस करने को कहा तो शिवम् सारिका का हाथ थामकर उसके साथ डांस करने लगा। दोनों साथ डांस करते हुए बहुत ही प्यारे लग रहे थे ,, आई तो दोनों की बलाये लेते नहीं थक रही थी।
अधिराज जी और अम्बिका ने शिवम् सारिका को साथ देखा तो दोनों एक दूसरे की तरफ देखकर मुस्कुरा उठे। माहौल काफी खुशनुमा हो चुका था। शिवम् और सारिका की जोड़ी को पसंद करने वाले सभी लोगो के चेहरे ख़ुशी से चमक रहे थे। वंश निशि की तरफ आया और उसके बगल में खड़े होकर कहा,”माँ और पापा साथ में कितने प्यारे लग रहे है ना ?”
“हाँ मेड फॉर अदर , इन्हे किसी की नजर ना लगे,,,,,,,,,!!”,निशि ने खुश होकर कहा वह भूल गयी कि कुछ देर पहले ही वंश ने उसे चिढ़ाया था।
“थैंक्यू ! सब डांस कर रहे है , क्या तुम्हे नहीं लगता हमे भी वहा होना चाहिए ?”,वंश ने निशि की तरफ देखकर कहा
निशि ने वंश की तरफ देखा और बड़ी सी स्माइल होंठो पर लाकर कहा,”बिल्कुल ! मैं अभी गाना चेंज करवाकर आती हूँ,,,,,,,,,,,,!!”
वंश ने सुना तो खुश होकर अपने बालों के बीच से हाथ घुमाया और देखा सामने बैठी गौरी की सहेलिया और बहने उसे ही देख रही है , उनके साथ बैठी ऋतू ने वंश को अपनी तरफ आने का इशारा किया तो वंश ख़ुशी ख़ुशी उनकी तरफ चला गया।
निशि गाना चेंज करवाकर आयी तो देखा वंश वहा ना होकर सामने गौरी की सहेलियों से घिरा हुआ है। वही हाल हमारे मिश्रा जी का था , सब डांस कर रहे थे और मुरारी छाया से बतिया रहा था। दरअसल इस बार गलती मुरारी की नहीं थी बल्कि छाया ही मुरारी के पास आयी थी और उस से कुछ बात कर रही थी। अनु ने देखा तो मुरारी की तरफ आकर उसे वहा से ले जाते हुए सारिका के सामने चली आयी और गाने के साथ गुनगनाते हुए कहा,”दीदी तेरा देवर दीवाना , हाये राम ! कुडियो को डाले दाना,,,,,,,,,,,,,!!”
जैसे अनु मुरारी को लेकर आयी वैसे ही निशि वंश की तरफ आयी। वंश को लड़कियों के बीच से निकालकर लाने का निशि का तरिका थोड़ा सा केजुअल था। उसने वंश का कान पकड़ा और उसे लेकर डांस वाली जगह आयी और गाने के साथ गुनगुनायी,”धंधा है ये इसका पुराना , हाय राम ! कुडियो को डाले दाना”
मुरारी-अनु और निशि-वंश साथ साथ डांस करने लगे। निशि और वंश की जोड़ी साथ में बहुत ही प्यारी लग रही थी। उन्हें साथ देखकर मेघना तो ख़ुशी से तालिया बजा रही थी लेकिन नवीन को फिर से चिंता होने लगी। ट्रेन में निशि के लिये गुस्सा दिखाने वाला वंश अब उसके साथ डांस कर रहा था ये बात नवीन को हजम नहीं हो रही थी।
वंश और निशि में सभी मुरारी और अनु का अतीत देख रहे थे। क्योकि जिस तरह से अनु और मुरारी चंचल थे वैसी ही वंश और निशि की जोड़ी थी।
मुन्ना उन दोनों को साथ देखकर सबसे ज्यादा खुश था और गौरी के साथ बगल में खड़ा था। गौरी ने अपने बालों को सही करने के लिये जैसे ही हाथ उठाया उसकी कलाई में बंधा ब्रासलेट खुलकर नीचे जा गिरा , मुन्ना ने देखा तो वह गौरी के सामने आया और नीचे घुटनो पर बैठकर उस ब्रासलेट को उठाने लगा। गौरी की सहेलियों और बाकि सबने मुन्ना को देखा तो हूटिंग करने लगे।
मुन्ना ने सर उठाकर गौरी को देखा उसकी आँखों में हलकी सी नमी थी क्योकि वह बहुत देर से गौरी को मनाने की कोशिश कर रहा था और गौरी बस उदास थी। गौरी ने मुन्ना की आँखों में देखा तो उसके दिल में एक टीस उठी। म्यूजिक सिस्टम पर बजते गाने ने मुन्ना की भावनाओ को शब्द दे दिये
घुटनो पर बैठे मुन्ना ने गौरी का ब्रासलेट गौरी की तरफ बढ़ा दिया गाने के साथ ही गुनगुनाने लगा
“हुकुम आपका था जो मैंने ना माना
ख़तावार हूँ मैं ना आया निभाना”
गौरी ने मुन्ना की आँखों में देखते हुए जैसे ही ब्रासलेट लेना चाहा मुन्ना ने अपना हाथ साइड कर लिया और खड़े होकर अपने हाथो से गौरी को ब्रासलेट पहनाते हुए आगे गुनगुनाया
“सजा जो भी दोगी , वो मंजूर होगी
अजी ! मेरी मुश्किल तभी दूर होगी”
वंश ने देखा तो गौरी के साइड में आया और उसके कंधो पर हाथ रखकर मुन्ना की तरफ इशारा करके कहा,”बंदा है ये खुद से बेगाना,,,,,,,,,,,,हाय राम ! कुडियो को डालें दाना”
मुन्ना का उतरा हुआ चेहरा देखकर गौरी ने उसे माफ़ कर दिया और मुस्कुरा उठी , उसने आगे बढ़कर मुन्ना के गाल को अपने होंठो से छू लिया बेचारा मुन्ना उसकी तो धड़कने ही रुक गयी और शर्म से चेहरा लाल हो गया।
माहौल काफी खुशनुमा हो चला था सभी साथ साथ डांस करने लगे। डांस करते हुए सबने एक दूसरे के हाथो को पकड़कर एक गोल घेरा बना लिया और मुन्ना गौरी को बीच में लकर उनके इर्द गिर्द घूमते हुए नाचने गाने लगे। इस सगाई में सब थे लेकिन शक्ति नहीं आया था और काशी की नजरे बार बार दरवाजे की तरफ चली जाती।शक्ति के ना आने से काशी का दिल उदास हो गया डांस करते हुए जैसे ही काशी की नजरे गौरी से मिली काशी की आँखों में भरे आँसू गालों पर लुढ़क आये और काशी वहा से चली गयी।
गौरी सबके बीच से निकलकर साइड आयी और काशी के पीछे आयी।
“काशी , काशी रुको , काशी क्या हुआ तुम्हे ? तुम ऐसे अचानक वहा से क्यों चली आयी ? क्या तुम मेरी सगाई से खुश नहीं हो ?”,गौरी ने उदास होकर कहा
काशी ने जल्दी से अपने आंसुओ को पोछा और जबरदस्ती मुस्कुरा कर कहा,”नहीं गौरी किसने कहा हम खुश नहीं है ? हम आज बहुत खुश है आज तुम हमारी भाभी जो बन गयी हो,,,,,,,,!!”
“अच्छा तो फिर इन प्यारी सी आँखों में आँसू क्यों ?”,गौरी ने काशी की उदासी को भांपते हुए कहा
“वो तो बस ऐसे ही,,,,,,,,,,!!”,काशी ने कहा
“काशी मुझे नहीं बताओगी , बताओ क्या सोच रही हो ? शक्ति नहीं आया इसलिये उदास हो ?”,ये पूछकर गौरी ने काशी की दुखती रग पर हाथ रख दिया
काशी ने नम आँखों से गौरी को देखा और कहा,”ये कैसी नौकरी हुई गौरी ? क्या आज के दिन भी शक्ति नहीं आ सकता ?
हम कुछ कहेंगे तो शक्ति को लगेगा हम उसके और उसकी नौकरी के बीच आ रहे है,,,,,,,,,,,,,,क्या शक्ति को अपने जीवनसाथी के रूप में चुनकर हमने कोई गलती कर दी ?”
“काशी ! ये कैसी बाते कर रही हो ? हम सब जानते है कि शक्ति एक पुलिसवाला है और उस पर जिम्मेदारियां भी हम सब से ज्यादा है इसका मतलब ये बिल्कुल भी नहीं है कि शक्ति को चुनना तुम्हारी गलती है। लाओ अपना फोन दो मैं उस से बात करती हूँ,,,,,,,,!!”,गौरी ने कहा
“नहीं गौरी रहने दो वो नहीं आयेगा,,,,,,,,,,,,,,,हम जानते है।”,काशी ने आंसू बहाते हुए कहा
“इसके लिये तुम हमे जो सजा दो वो हमे मंजूर है,,,,,,,,,,,,,,,लेकिन इसमें गलती तुम्हारी भी है काशी , तुमने हमे जो एड्रेस भेजा वो गलत था,,,,,,,,,,,,,,हम पहले वहा गए , बाद में गौरी को फोन किया और बाद में जय से इस गेस्ट हॉउस का पता चला”,शक्ति की आवाज काशी और गौरी के कानों में पड़ी।
दोनों ने पलटकर देखा तो पाया शक्ति खड़ा है गौरी उसके पास आयी और कहा,”क्या तुम सच कह रहे हो शक्ति ?”
“गौरी हम झूठ नहीं बोलते,,,,,,,,,,,,काशी ने हमे जो एड्रेस भेजा वो ये है”,शक्ति ने अपना फोन गौरी की तरफ बढ़ाकर कहा
गौरी ने देखा काशी ने शक्ति को गलती से 20 किलोमीटर दूर का एड्रेस भेज दिया था और शक्ति गलती से वहा चला गया और यहाँ आते आते उसे इतना वक्त लग गया कि मुन्ना और गौरी की सगाई हो भी चुकी थी।
गौरी ने घूरते हुए काशी को देखा और कहा,”काशी ! अजीब हो ना तुम भी गलती तुम करो सजा बेचारे शक्ति को मिले,,,,,,,,,,,बहुत बढ़िया , तुमने शक्ति को गलत एड्रेस भेजा है पागल और अब यहाँ बैठकर ना जाने क्या क्या सोच रही हो,,,,,,,,,,,,,!!”
“ए गौरी ! तुम हमारी होने वाली धर्मपत्नी को पागल नहीं कह सकती,,,,,,,,,,,!”,शक्ति ने गौरी से कहा
“भई वाह कमाल हो तुम दोनों भी,,,,,,,,, अच्छा मैं जा रही हूँ तुम दोनों भी आजाओ , सब डांस कर रहे है बहुत मजा आ रहा है।”,कहते हुए गौरी काशी और शक्ति को अकेला छोड़कर चली गयी
काशी को खुद पर ही शर्म महसूस हो रही थी कुछ देर पहले वह शक्ति को लेकर कितना गलत समझ रही थी। काशी शक्ति के सामने आयी तो शक्ति ने कहा,”हमे माफ़ कर दो काशी , हमे आने में थोड़ी देर हो गयी”
“तुम क्यों माफ़ी मांग रहे हो शक्ति ? गलती तो हम से हुई है”,काशी ने मायूसी से कहा
शक्ति मुस्कुराया और काशी के करीब आकर कहा,”होने वाली पत्नी अगर खूबसूरत हो तो मर्द को बिना गलती के भी माफ़ी मांग लेनी चाहिए , और आज तो तुम इतनी प्यारी लग रही हो कि तुम्हारी हर गलती माफ़ है।”
शक्ति की बात सुनकर काशी मुस्कुरा उठी। शक्ति काशी की आँखों में देखने लगा और काशी भी शक्ति की आँखों में खुद को ढूंढने लगी। दोनों एक दूसरे की आँखों में ऐसे खोये की उन्हें खबर भी नहीं हुई कि ऋतू प्रिया और गौरी की सहेलिया उनके पास खड़ी उन्हें देख रही थी। कुछ देर बाद सभी जोर से एक साथ चिल्लाई तो काशी और शक्ति को होश आया और काशी घबरा कर शक्ति की बांहो में आ गिरी। ऋतू ने शक्ति का हाथ पकड़ा और प्रिया ने काशी का और सभी उन दोनों को लेकर हॉल में चली आयी।
शक्ति को वहा देखकर शिवम् और सारिका के होंठो पर मुस्कान तैर गयी। काशी जो कुछ देर पहले उदास थी अब ख़ुशी से खिलखिला रही थी।
शहर के आलिशान बार के काउंटर के पास बैठी उर्वशी ने बार अटेंडर से खाली गिलास में शराब भरने को कहा। उर्वशी ने शराब से भरा गिलास उठाया और सिप सिप करके उसे पीने लगी। कुछ देर बाद एक आदमी उसके बगल में आकर बैठा और अपने फोन का रिकॉर्डिंग ऑन करके फोन उर्वशी की तरफ बढ़ा दिया। उर्वशी ने रिकॉर्डिंग पर ध्यान लगा लिया एक जानी पहचानी आवाज उसके कानो में पड़ी
“क्या शालू जानती है वो जरुरी काम उर्वशी के साथ,,,,,,,,,,,,,,,,,मुझे समझ नहीं आता विक्रम आखिर ऐसा क्या है उस घटिया औरत में जिसके लिये तुम अपना सब कुछ भुलाये बैठे हो”
“”मैंने भले इंदौर छोड़ दिया हो लेकिन यहाँ की हर गली से आज भी वाकिफ हूँ मैं,,,,,,,,,,,,,,उर्वशी के लिये तुम शालू को धोखा दे रहे हो , वो औरत किसी की सगी नहीं है , पैसे के लिये वो किसी के भी साथ जाने को तैयार हो सकती है ये मत भूलो तुम,,,,,,,,,,!!”
ये आवाज किसी और की नहीं बल्कि चौहान साहब की थी , उन्ही चौहान साहब की जिनके इशारो पर उर्वशी चलती थी या जिनके लिये उर्वशी काम करती थी।
ये सब सुनकर उर्वशी को कोई खास फर्क नहीं पड़ा उसने फीका सा मुस्कुरा कर अपने बगल में बैठे आदमी को देखा जैसे वह खुद को लेकर चौहान साहब की नियत पहले से जानती हो।
उर्वशी ने एक बार फिर अपना गिलास उठाया और जैसे ही एक घूंठ भरा बगल में बैठे आदमी ने कहा,”क्या तुम्हे इस से कोई फर्क नहीं पड़ता ?”
उर्वशी ने शराब के गिलास को अपनी आँखों के सामने किया और उसे देखकर नजाकत से कहा,”जॉर्डन ! मत भूलो मुझे बर्बाद करने वाले मेरे अपने ही है,,,,,,,,मैं जानती हूँ मुझे कहा शराफत दिखाने की जरूरत है”
“लेकिन उर्वशी कब तक ? कब तक तुम विक्रम और चौहान के हाथो की कठपुतली बनकर रहोगी ? तुम शायद नहीं जानती पर वो विक्रम,,,,,,वो तुमसे,,,,,,,,,,,!!”,जॉर्डन ने इतना ही कहा कि उर्वशी ने उसके होंठो पर अपनी ऊँगली रख दी और कहा,”वो मुझसे प्यार नहीं करता , मैं जानती हूँ”
जॉर्डन ने उर्वशी का हाथ नीचे किया और कहा,”इसके बाद भी तुम उस के कहने पर यहाँ तक चली आई , मैं समझ नहीं पा रहा हू आखिर क्यों ? क्यों हो तुम उस घटिया विक्रम के साथ ?”
“बहुत जल्द उसका असली चेहरा सबके सामने आ जायेगा जॉर्डन तब तक के लिये बस शांत रहो,,,,,,,,,,,,,,,!!”,उर्वशी ने कहा
जॉर्डन उठा और कहा,”एक बार फिर सोच लो उर्वशी जिस आग में तुम हाथ डालने का सोच रही हो वो आग तुम्हे राख भी कर सकती है , चलता हूँ अपना ख्याल रखना”
कहकर जॉर्डन वहा से चला गया और उर्वशी वही बार काउंटर पर सर रखकर गहरी सोच में डूब गयी।
आखिर जॉर्डन का उर्वशी से क्या रिश्ता था ?
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संजना किरोड़ीवाल
Baap re…yani Urvashi sab jaanti hai…fir vikram aur Chauhan k liye kaam Krna uski mazboori hai ya kuch aur…yeh aane wala waqt hee btayega…lakin aaj Munna-Guri ki sagai m sabko dance krte dekh bahot achcha laga …ab bas yeh Urvashi Munna aur Murari k peeche na pade…aur yeh Rajan bhi Kashi ko bool jaye….esa lagta hai ki jaise Rajan ki yaardast fir se wapas aa gai hai
Very👍👍👍🤔🤔🤔🤔